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Archive for: March 2013

आज का बाज़ार

१ मार्च ११:३० ऍम
आज बाज़ार उठा

सेंसेक्स १८८८८ .९६ (+ २७ .४२ ) कल बंद हुआ :१८८६१ .५४
निफ्टी ५७०२ .५० (+९ .४५ ) कल बंद हुआ :५६९३ .०५
सोना (रुपीस /१० ग्रामस ): २९५१६.०० (- ५४ .० ) कल बंद हुआ :२९५७२ .००
चांदी (रुपीस /१किलोग्रम्स ) ५३०८१ .०० (-१८६ .० ) कल बंद हुआ : ५३२६५ .००
रुपया ५४ .७९ (+० .४३ ) कल बंद हुआ :५४ .३९

सांसद मुकेश गढ़वी के आकस्मिक निधन के शोक में लोक सभा स्थगित:Adjournment Of Lok Sabha

सांसद मुकेश गढ़वी के आकस्मिक निधन के शोक में लोक सभा स्थगित

सांसद मुकेश गढ़वी के आकस्मिक निधन के शोक में लोक सभा स्थगित

सांसद मुकेश गढ़वी के आकस्मिक निधन के शोक में आज लोक सभा को ४ मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है|आज सुबह पहले सांसदों ने अपने साथी गढ़वी को श्रधान्जली देते हुए २ मिनट्स का मौन रखा उसके पश्चात सदन को स्थगित कर दिया गया दिनक २ और ३ को सप्ताहं अवकाश रहेंगे | पेशे से ठेकेदार ५० वर्षीय गढ़वी गुजरात के बनासकांठा जिले से कांग्रेस के सांसद थे|गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शोक ट्विट किया है|” Sad to know about demise of Banaskantha MP Shri Mukesh Gadhvi. My condolences to his family. May his soul rest in peace.”
राज्यसभा में प्रश्न काल चला

हे दाता राशन भी दो ताकि निश्चिंतता से तुम्हारा नाम ले सकूं

 हे दाता राशन भी दो ताकि निश्चिंतता से तुम्हारा नाम ले सकूं

हे दाता राशन भी दो ताकि निश्चिंतता से तुम्हारा नाम ले सकूं

भूखे रहकर भक्ति नहीं की जा सकती : हे मालिक राशन भी दो ताकि निश्चिंतता से नाम ले सकूं
भूखे भगति न कीजै । यह माला अपनी लीजै ।
दुह सेरु मांगउ चूना । पाउ घीउ संगि लूना ।
अध सेर मांगउ दाले । मोकउ दोनउ वखत जिवाले ।
खाट मांगउ चउपाई । सिरहाना अवर तुलाई ।
ऊपर कउ मांगउ खींधा । तेरी भगति करै जनु थींधा ।
मैं नाहीं कीता लबो । इकु नाउ तेरा मैं फबो ।
हे मालिक ! मैं भूखा रहकर तेरी भक्ति नहीं कर सकता , इसलिए मैं रोज दो सेर आटा मांगता हूँ । साथ घी , नमक और आधा सेर दाल , ताकि दोनों समय आजीविका की व्यवस्था हो जाये। चारपाई , सिरहाना , बिछौना और ओढ़ने को रजाई भी दे , ताकि दास निश्चिंत होकर तेरी भक्ति कर सके । यह सब मैं कोई लोभवश नहीं मांग रहा हूँ । मुझे तो केवल तेरा नाम ही अच्छा लगता है।
वाणी : श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

स्ट्रीट लाईट्स जलती देख कर एक साथ सुखद और दुखद दोनों अनुभूतियों का अनुभव Am I Lucky ?

स्ट्रीट लाईट्स जलती देख कर एक साथ सुखद और दुखद दोनों अनुभूतियों का अनुभव

स्ट्रीट लाईट्स जलती देख कर एक साथ सुखद और दुखद दोनों अनुभूतियों का अनुभव

पिछले चार दिन से सुबह मोर्निंग वाक् के दौरान एक ही द्रश्य में सुखद और दुखद दोनों अनुभव हुए|अरसे के बाद स्ट्रीट पर लगी अधिकाँश लाइट्स जल रही थी इसे देख कर अच्छा लगा चलो सरकार के बदलने पर व्यवस्था सुधारने के लिए जनाब आज़म खान का फरमान चल गया |ज्यूँ ज्यूँ आगे बढता गया लाइट्स जली मिलती गई|लेकिन यकायक एक जगह मोबाईल पर घंटी बजी कालर का नाम देखा तो नज़र टाईम पर भी अटक गई|मोबाईल की घड़ी सात बजा रहे थी |ऊपर देखा तो सूर्य देव भी अपनी किरणोंके साम्राज्य को फैला रहे थे|यह अपने आप में एक दुखद अनुभव था | चार दिन से लगातार यह मिक्स्ड अनुभव मिल रहा है|जहां बिजली के लिए रात दिन की मारामारी चल रही हो दिन में बिजली जलाने पर कार्यवाही के लिए आज़म खान जैसे ओखे मिनिस्टर चेतावनी दे चुके हों वहां बिजली की ऐसी बर्बादी वाकई एक दुखद अनुभव था | फिर सोचा के आज़म खान साहब कौन सा मेरठ में रहते हैं जो उन्हें पल पल की खबर रहेगी |मार्ग पर बिजली विभाग का बड़ा दफ्तर भी है लेकिन उनका समय तो सरकारी है समय से पहले उनकी कोई जिम्मेदारी तय करना किसी छत्ते में हाथ डालना होता है सो यह रिस्क लेने को कोई तैयार नहीं है| इसी मार्ग पर मेरठ के माननीय महापौर हरिकांत अहलुवालिया का निवास बोर्ड भी लगा है| मेयर महोदय पंजाबी कोटे से भाजपा के हैं सो उनके बोर्ड के सामने भी सभी नियम कायदे ताक पर दिखाई दिए |बोर्ड के सामने लाईट जली मिली|मेयर साहब के निवास का सूचक बोर्ड को देखा तो बात समझ में ये आई के बोर्ड पर बना तीर का निशान जिस तरफ था उसके विपरीत दिशा में लाईट्स जल रहे थी |सो मेयर साहब भी बच ही गए |बोले तो तीनो ही बच गए

बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

बजट ने अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली

[मेरठ ]: उत्तर प्रदेश के बाद अब केंद्र ने भी स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज की सुध नहीं ली पी चिदम्बरम के बजट में इस अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उद्योग को कोई राहत नही दी गई है| करों के ग्रहण से कराह रही स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को करों में रियायत + उत्पाद करों की सीमा बढ़ाना+ निर्यात प्रोत्साहन यौजना के आलावा स्कूल कालेजों में स्पोर्ट्स को आवश्यक किये जाने की उम्मीद थी मगर ये सारी अपेक्षाएं उपेक्षित ही रही|
गौरतलब है के खेलकूद उद्योग हमेशा उत्पाद कर मुक्त रहा लेकिन वर्ष 2011 में 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले खेल उद्योगों को इसके दायरे में ले आया गया। इससे विशेषकर निर्यातकों पर प्रभाव पड़ा |महंगाई के कारण पांच करोड़ टर्नओवर सीमा तय करने की मांग की गई थी
इसके अलावा फिटनेस कारोबार पर 14 फीसदी ट्रेड टैक्स लगा दिया गया, जिसको लेकर इस बजट में खास चर्चा नहीं हुई। आल इंडिया स्पो‌र्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग संघ के महासचिव सुनील शर्मा कहते हैं कि हमें उम्मीद थी कि प्रदेश बजट में ट्रेड टैक्स हटाया जाएगा।स्पोर्ट्स को कम्पलसरी किया जाएगा मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ |रेल भाडा बढाये जाने पर श्री शर्मा का कहना है के अधिकांशत उधमियों का मोह रेल से टूट चूका है इसीलिए कोरियर को प्राथमिकता दी जाती है|