Ad

Archive for: June 2013

बराक ओबामा ने डिस्ट्रिक्ट कोलंबिया के लिए यूं एस .अपील न्यायालय में तीन सदस्यों को नामित किया

प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने न्याय पालिका की मजबूती बनाये रखने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोलंबिया की यूं एस .अपील न्यायालय में तीन सदस्यों को नामित किया राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डिस्ट्रिक्ट कोलंबिया केलिए यूं एस .अपील न्यायालय [Court of Appeals] में तीन सदस्यों को नामित किया है|व्हाईट हाउस के रोज गार्डन[ Rose Garden ] में दिए संबोधन में ओबामा ने बीते दिन रोबर्ट लीओन विल्किंस [ Robert Leon Wilkins, ]+कार्नेलिया नीना पिल्लार्ड [ Cornelia “Nina” Pillard,]और पेट्रीशिया अन्न मिलेट [ Patricia Ann Millett. ]के नामो की घोषणा की |डिस्ट्रिक्ट कोलंबिया सिर्किट की अदालत को अमेरिका में दूसरा महत्वपूर्ण स्थान का गौरव हासिल है|
ओबामा के अनुसार सही न्याय प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए अदालतों में रिक्तियां [ short-staffed ] नही होने देना चाहिए|डिस्ट्रिक्ट कोलंबिया सर्किट में तीन रिक्तियां हैं इन्हें भरने के लिए वर्तमान नामांकन किया गया है|
गौरतलब है के कैतलिन हल्लिगन [Caitlin Halligan,] ने इस्तीफा दिया है | २०१० में प्रेजिडेंट ओबामा ने ही इन्हें नामित किया था लेकिन सीनेट ने ढाई साल तक कन्फर्म नहीं किया इसी कारण इन्होने इस्तीफा दे दिया|अब ग्यारह सीटों वाली इस कोर्ट में तीन रिक्तिया हो गई|प्रेजिडेंट ओबामा ने स्वस्थ्य डेमोक्रेसी के लिए[१] कार्यकारिणी[ executive, ][२]वैधानिक [ egislative ][३] न्यायपालिका [ judiciary ]की शक्तियों के महत्त्व को अलग अलग बनाये रखे जाने पर जोर दिया|
COURTESY
White House

उ.प्र.में बिजली की बड़ी दरों की वापिसी की लड़ाई को भाजपा अब निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी : डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई

उत्तर प्रदेश में अब[दिल्ली के बाद] बिजली का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है भाजपा ने बिजली की बड़ी दरों की वापिसी तक निर्णायक मौड़ तक लड़ाई की घोषणा कर दी है|यूं पी पी सी एल [ UPPCL] से राष्ट्रीय नियामक आयोग और अदालत तक जाने का निर्णय ले लिया गया है|
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने आज अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया के प्रदेश में राहत नही मिलने पर राष्ट्रीय नियामक आयोग से अंतरिम रिलीफ की मांग की जायेगी यदि यहाँ भी न्याय नहीं मिला तो उच्च अदालत में स्टे के लिए अपील की जायेगी|
भाजपा अब बिजली के मुद्दे को निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी| इसी बीच डॉ वाजपई ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को सिविल नाफ़रमानी आन्दोलन छेड़ कर बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया है|
प्रदेश में बिजली के मुद्दे पर आप पार्टी के हस्ताक्षर अभियान पर पूछे जाने पर डॉ वाजपई ने कहा के बिजली के मुद्दे पर भाजपा से आगे कोई नही रह सकता|
गौरतलब है के समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रैतत्व में प्रदेश भर में आन्दोलन छेड़ा हुआ है पिछले दिनों पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया भी किया गया |

ईश्वर ने ही मानवता और जिंदगी के सभी रूपों की उत्पत्ति की है :संत राजेंद्र सिंह जी महाराज

सावन कृपाल रूहानी मिशन के मौजूदा संत राजेंदर सिंह जी महाराज ने फरमाया है कि हमें यह सिखाया जाता है कि प्रभु सृष्टि का कर्ता है । प्रभु की ताकत से ही सृष्टि का अस्तित्व है । यह ईश्वर ही है जिसने मानवता और जिंदगी के सभी रूपों की उत्पत्ति की । इस हकीकत को जानने के बाद हमें यह एहसास होना चाहिए कि हम प्रभु की सृष्टि के छोटे से हिस्से हैं, वह परवरदिगार सर्वशक्तिमान है और हम एक मामूली इंसान हैं, इसके बावजूद हम में से बहुत कम लोग इस बात का एहसास करते हैं । अगर हम अपने विचारों की जांच – पड़ताल करें तो हमें मालूम होगा कि हममें से कितने लोग प्रभु और उसकी दी हुई दातों को कितनी बार याद करते हैं। हम जिंदगी के कार्यों में इस कदर फँस गए हैं कि हम प्रभु के बारे में सब भूल बैठें हैं । यह सच है कि हम प्रभु को उस समय याद करते हैं जब हम किसी मुसीबत में या बीमारी के आलम में होते हैं और उससे निजात पाना चाहते हैं ।आज के समय प्रभु को भूलना इतना आसन हो गया है कि कुछ लोग तो उसके अस्तित्व तक को नकारते हैं । बहुत से लोग नास्तिक हैं और प्रभु के होने में विश्वास नहीं करते । काफी वर्षों से वैज्ञानिक परमात्मा का सृष्टि में विद्यमान होना नहीं मानते क्योंकि प्रभु का होना विज्ञान के यंत्रों से प्रमाणित नहीं होता ।
संत राजिंदर सिंह जी महाराज के प्रवचनों का एक अंश
प्रस्तुति राकेश खुराना

बिजली के मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख “आप” ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया है

आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली में सफलता के पश्चात अब उत्तर प्रदेश में भी बिजली के बिलों को मुद्दा बना लिया है|”आप” पार्टी ने ४ जून से प्रदेश भर में १५ दिन के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है|इस बीच बिजली के बिलों में की गई बढोत्तरी को वापिस लेने के लिए यौजना बद्ध तरीके से दबाब बनाया जाएगा जिलों में प्रदर्शन किये जायेंगे और लखनऊ के शक्ति भवन में एम् डी श्री मिश्रा के कार्यालय में भी धरना प्रदर्शन होगा|
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दी हैं यह आम जनता के साथ धोका है और इसका भरपूर विरोध किया जाएगा|इसके लिए महिलाओं+व्यापारी+किसान आदि की अलग अलग टुकड़ियों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन होगा|श्री संजय सिंह ने प्रदेश की सरकारोंकी कार्यप्रणाली पर टिपण्णी करते हुए बताया कि बीते बीस सालों से बिजली का उत्पादन करने के स्थान पर केवल हाई वे +एक्सप्रेस वे बनाने पर ही जोर हे क्योंकि इसके माध्यम से भ्रष्टाचार करने का अवसर आसानी से मिल जाता हे|
आप पार्टी द्वारा दिल्ली में बिजली बिलों के विरोद्ध में चलाये गए सविनय अवज्ञा आन्दोलन में साडे दस लाख हस्ताक्षर कराये गए थे| इसी के दबाब में अब बिजली विभाग ने इस साल बिजली के दाम बढाने से इंकार कर दिया हे और लगातार आंदोलनों के दबाब में आकर लीकेज भी २०१२ में मात्र १५% रह गई हे|इस तर्ज़ पर चलते हुए भाजपा ने बीते सप्ताह प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया और बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का अहवाह्न किया |अपने मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख आप पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया हे|

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए patent trolls

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए पेटेंट के नाम पर असंवैधानिक व्यापार [patent trolls]करने वालो पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने आज पांच प्रशासकीय [executive] निर्णय और सात वैधानिक [ legislative ] संतुति प्रदान की हैं|
गौरतलब है कि नवीनता+नवोत्पाद[innovation ]प्रतिभा+ निर्माण-कौशल +आविष्कार [invention.]को बढावा देने के लिए पेटेंट कि व्यवस्था की गई है लेकिन पिछले साथ सालों में पेटेंट के नाम पर फुसला कर धन ऐंठने वालों की संख्या बढती जा रही है |२००६ में यदि इनकी संख्या १९% थी तो २०१२ में यह बढ कर ६२%दर्ज़ की जा चुकी है|अनुचित मुकद्दमे बढते जा रहे हैं| अमेरिकन अर्थ व्यवस्था से बिलियंस डालर्स[ billions of dollars ] खर्च करने पड़ते हैं |व्हाईट हाउस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार २००५ से ४००% की बढोत्तरी के साथ २०११ में २९ बिलियन $ का बोझ पडा है|इसके अलावा अमेरिकन प्रतिभाएं हतोत्साहित होती हैं|
[1]2006=19%
[2]2007=23%
[3]2008=25%
[4]2009=27%
[5]2010=29%
[6]2011=45%
[7]2012=62%
आशा कि जा रही है कि इन सुधारों से पेटेंट के नाम पर अनुचित व्यवसाय करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी और प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा

मौन माही की मिली भगत पर दस आवश्यक सवाल 10 QUESTIONS FROM SILENT CRICKET CAPTAIN M S DHONI

क्रिकेट में फिक्सिंग के प्रश्न पर मौन धारण करने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी[माही] के लिए भ्रष्टाचार में संलिप्तता से जुड़े १० प्रश्न और उठ खड़े हुए हैं|इन प्रश्नों का उत्तर दिए बगैर क्रिकेट में सफाए की कल्पना करना भी बैमानी होगी|
मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म रीति[ RHITI ] स्पोर्ट्स में धोनी की हिस्सेदारी है। इस कंपनी ने धोनी के अलावा सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह से अनुबंध किया है। ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में भी धोनी की पसंद हैं| २००७ में अस्तित्व में आई यह कंपनी धोनी के पुराने दोस्त अरुण पांडे की है
रीति के बिजनेस पार्टनर होने के अलावा धोनी टीम इंडिया के कप्तान भी हैं और टीम इंडिया के लिए खिलाड़ियों के चयन में उनका सीधे तौर पर दखल है। रीति स्पोर्ट्स ने यह स्वीकर भी किया है कि धोनी सिर्फ 26 अप्रैल, 2013 तक के लिए ही कंपनी में शेयरहोल्डर थे
बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने यद्यपि क्रिकेट में सफाए का दावा किया है| लेकिन उनकी निकटता अपने समय के कप्तान सौरभ गांगुली के साथ रही है और अभी भी है शायद इसीलिए डालमिया ने भी धोनी का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।। इस कंपनी से जुड़े दो खिलाड़ी न सिर्फ भारतीय टीम बल्कि चेन्नई सुपर किंग्स में भी शामिल हैं।रीति स्पोर्ट्स चेन्नई सुपर किंग्स को भी मैनेज करती है।ऐसे में कंपनी में हिस्सेदारी का सीधा अर्थ है कि कंपनी को इन खिलाड़ियों के प्रमोशन से होने वाले फायदे का एक बड़ा हिस्सा सीधे धोनी को देना होता था।
ऐसे में सवाल स्वाभाविक सवाल उठते हैं कि उठते हैं कि
[१] खिलाड़ियों के टीम में चयन के मौके पर धोनी तटस्थ फैसला ले पाते हैं?
[२]मोटर स्पोर्ट्स के आकाश में रीति की पार्टनर माही की रेसिंग टीम इंडिया[ Mahi Racing Team India ]को प्राथमिकता मिली ?
[३] वर्ल्ड सुपर बाईक चैम्पियनशिप [ World SUPERBIKE Championship (WSC ] में कठिन प्रतिस्पर्द्धा में पहली बार ही माही की कम्पनी रेसिंग टीम इंडिया को मंचीय विजय मिली?
[4]चेन्नई सुपर किंग टीम में इनकी हिस्सेदारी ?
[५] टीम इंडिया में माही की कप्तानी बरक़रार रखने के लिए सलेक्टर मोहिंदर अमर नाथ को बाहर का रास्ता दिखाया गया?
[६]एन श्रीनिवासन की सी एस के [ CSK ]को आई पी एल[ IPL ] में फायदा पहुंचाने के लिए माही को कप्तान बनाए रखा गया ?
[७]रीति कम्पनी के शेयर लेने और[ बकौल अरुण पाण्डेय ],छोड़ने में पैसों का लेनदेन हुआ ?
[८]माही की पत्नी के साथ जांच के घेरे में आये बिंदू के साथ मैच देखने की जानकारी माही को थी?
[९]एन श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट में माही की हिस्से दारी है?
[१०] इंडिया सीमेंट के विज्ञापनों का कांट्रेक्ट है?
अरुण पाण्डेय की रीति कंपनी का स्लोगन है जनता[ people ]+उत्पाद[ product ]और फायदा [ profits. ]इन तीन शब्दों में जनता पहले आती है लेकिन उपरोक्त घटनाक्रम के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है कि पिछले वर्षों अंतिम शब्द “फायदा” ही पहले रखा गया है|यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि माही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं+रीति और इंडिया सीमेंट के पार्टनर हैं और इंडियन क्रिकेट इन्ही तीनो के इर्द गिर्द ही घूमती रही है|जाहिर है ऐसे में प्रश्न उठने स्वाभाविक ही है और इनके उत्तर की अपेक्षा करना अनुचित नही माना जाना चाहिए

राजनितिक दलों को आर टी आई के दायरे में लाने वाले केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय को आज [आप] के रूप में एक समर्थक मिल ही गया

राजनितिक दलों को आर टी आई के दायरे में लाने वाले केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय को आज एक समर्थक मिल ही गया |आम आदमी पार्टी[आप] ने राजनीतिक दलों को सूचना अधिकार के दायरे में लाने का स्वागत किया है । गौरतलब है कि राजनितिक दलों द्वारा विभिन्न कारणों की आड़ में इस निर्णय का विरोध किया जा रहा हैं|
आप पार्टी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अपनी स्थापना के समय से ही आम आदमी पार्टी राजनीतिक दलों में पूर्ण पारदर्शिता की पक्षधर रही है। राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता न होने की वजह से ही राजनीति में अपराधी तत्वों और कालेधन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलता है।
आम आदमी पार्टी की फंडिंग की सारी जानकारी वेबसाईट पर उपलब्ध रहती है। पार्टी की उम्मीदवार चयन प्रक्रिया भी पूरी तरह पारदर्शी रखी गई है,|इसी परिपेक्ष्य में “आप” ने देश की सभी पार्टियों से अपील की है कि सभी इस तरह की पारदर्शिता अपनाएं और अधिक से अधिक सूचना जनता को वेबसाईट के माध्यम से उपलब्ध कराने की परंपरा स्थापित करे ताकि सादगी और देशभक्ति से पूर्ण राजनीति की स्थापना हो सके।
कुछ दिन पूर्व ही आप अप्रत्य ने अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित को अपने चुनावी फंड्स का हिसाब जनता के समक्ष रखने की चेतावनी दी थी| केंद्रीय सूचना आयोग ने ६ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में ला दिया है लेकिन कुछ राजनितिक दलों को इस पर एतराज भी है|

स्वार्थी और शैतान धन के लिए कफ़न में जेब नही होती ONE’S LAST SHIRT HAS NO POCKET

एन डी ऐ पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने ब्लाग में धन लोलुप्त्ता पर चर्चा करते हुए अधिक धन को सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान बताया है वर्तमान क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ में पैसा ही मूल कारण बताते हुए अनेकों रोचक उदहारण भी दिए हैं प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
मैं नियमित रुप से स्कूल जाने वाला विद्यार्थी रहा हूं जिसने शायद ही कभी-कभार छुट्टी ली होगी। लेकिन मुझे याद है कि रणजी ट्राफी क्रिकेट मैच देखने के लिए एक बार मैंने स्कूल से छुट्टी मारी और जहां तक मैं स्मरण कर पा रहा हूं कि उसमें या तो विजय हजारे अथवा वीनू मांकड़ खेल रहे थे।
तब से मैं क्रिकेट का शौकीन हूं। उन दिनों टेलीविजन नहीं था; अत: क्रिकेट प्रेमी कहीं भी खेले जा रहे महत्वपूर्ण मैचों का आनन्द आल इण्डिया रेडियो पर कमेंटरी सुनकर उठाया करते थे। मुझे स्मरण आता है कि कुछ वर्ष पूर्व बीबीसी ने मेरा एक इंटरव्यू किया था जिसमें मेरे गैर-राजनीतिक रूचियां जैसे फिल्में, पुस्तकें और क्रिकेट के बारे में पूछा गया था, इस दौरान मैंने उस युग के उत्कृष्ट कमेंटेटर एएफएस तल्यारखान की कमेंटरी की नकल करने का प्रयास किया था। इसलिए इन दिनों क्रिकेटरों को मुखपृष्ठ की सुर्खियां बनती देख मुझे गुस्सा आता है क्योंकि यह सुर्खियां उनके द्वारा कोई रिकार्ड तोड़ने, या बल्लेबाजी अथवा गेंदबाजी में कीर्तिमान बनाने के चलते नहीं अपितु मैच फिक्सिंग, या स्पॉट-फिक्सिंग से दौलत बटोरने तथा इसी प्रक्रिया में सट्टेबाजों और जुआरियों के और अमीर बनने के कारण बन रही हैं!
लाओ त्जु ईसा पूर्व छठी शताब्दी के एक महान चीनी दार्शनिक थे। उनकी सभी सीखें इस पर जोर देती हैं कि ठाठदार इच्छाओं से बढ़कर कोई बड़ी विपत्ति नहीं है। ‘वे ऑफ लाओ त्जू‘ शीर्षक वाली पुस्तक में उनको उदृत किया गया है: ”लालच से बढ़ी कोई विपदा नहीं है।”
हालैण्ड के एक दार्शनिक वेडेंडिक्ट स्पिनोझा ने धनलोलुपता और लिप्सा को न केवल पाप अपितु उसे ‘पागलपन‘ ठहराया है! मैं चाहता हूं कि प्रत्येक मनुष्य को यह अहसास रहना चाहिए कि अंतिम समय में कोई कुछ अपने साथ नहीं ले जाता।
इण्डियन एक्सप्रेस में शेखर गुप्ता के ‘वॉक दि टॉक‘ साक्षात्कार सदैव पाठकों को काफी समृध्द सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कभी भारत की क्रिकेट टीम के विकेट कीपर रहे फारुख इंजीनियर से एक सजीव साक्षात्कार किया है।
इस पूर्व विकेट कीपर से किया गया साक्षात्कार पूर्ण पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ है, जिसका बैनर शीर्षक एक पूर्व तेज गेंदबाज का यह वाक्य है: ‘यदि आप तेज गेंदबाजी से डरते हो, तो बैंकिंग जैसे अन्य व्यवसाय में जाओ।‘
आज की भारतीय क्रिकेट में, वीरेन्द्र सहवाग की छवि शुरुआती तेज रन लेने वालों की है; उन दिनों में इंजीनियर एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने 46 गेंदों में एक सेंचुरी बनाई थी! समूचे साक्षात्कार में पूर्व और वर्तमान युग के क्रिकेट मैचों की तुलना करते हुए इसका भी उल्लेख हुआ कि आज कल कितने बेहतरीन बल्ले बनाए जाते हैं जबकि फारुख के समय में ”हमारा तो ब्रुक बांड चाय का डब्बा था; कोई मिडिल था ही नहीं; आपको ही इसे तेल लगाना पड़ता था और यही सब वो जमाना था!”
निस्संदेह सर्वाधिक बड़ी बात तुलनात्मक रुप से यह उभर कर सामने आती है कि उन वर्षों में कभी किसी टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी पर ऐसे सवाल नहीं उठे कि उसने अपनी प्रतिभा का दुरूपयोग कर पैसा कमाया। वास्तव में, फारुख इंजीनियर का टीवी दर्शकों से परिचय कराते समय शेखर गुप्ता ने बताया: ”क्या आप जानते हैं कि एम.एस. धोनी से काफी पहले एक ऐसा भारतीय विकेट कीपर था जिसके बालों का स्टाइल और जिसके जोरदार तरीके पूरे भारत को दीवाना बना देते थे?”
इंजीनियर के बालों के स्टाइल का संदर्भ देते हुए शेखर गुप्ता ने कहा: ”आप अपने स्टाइल से प्रसिध्द हो गए थे। आप एक बड़े ब्रिलक्रीम मॉडल थे।”
आज कल के क्रिकेटरों की कमाई की पृष्ठभूमि में यह ब्रिलक्रीम का संदर्भ समूचे साक्षात्कार में बार-बार आया। शेखर की टिप्पणी थी: ”लोग नहीं जानते होंगे कि ब्रिलक्रीम के बारे में।” फारुख का उत्तर था:
”ब्रिलक्रीम वास्तव में एक चीज थी, यदि ब्रिलक्रीम ने आपको ‘एप्रोच‘ किया तो आपकी जिंदगी बन गई। तब आप अच्छे दिखने वाले सुअर हो या कुछ भी। और ब्रिलकी्रम ने वास्तव में मुझे 500 पौंड से ज्यादा किए बशर्ते मैं बगैर ‘कैप‘ के बल्लेबाजी करुं!”
साक्षात्कार में आगे चलकर वह स्मरण करते हैं कि कैसे आस्ट्रेलियाई और अन्य विदेशी हमें ‘ब्लडी इण्डियन‘ कहकर पुकारा करते थे। फारुख कहते हैं: इससे मुझे नाराजगी होती थी, इससे मैं दु:खी होता था क्योंकि मैं अपने भारतीय होने पर सोत्साहपूर्वक गर्व करता था। और अभी आइपीएल के सब पैसे हैं, वे सब यहां पैसा कमाने आए हैं।” साक्षात्कार के अंतिम पैराग्राफ निम्न हैं:
शेखर गुप्ता: फारुख यदि टीम ने क्रिकेट के खेल में शानदार मोड़ लाया था तो मैं देख सकता हूं कि यह कैसे सम्भव हुआ। यह आप जैसे लोगों की खेल में वह भावना और आनन्द था।
फारूख इंजीनियर% खेल में कोई पैंसे के बगैर।
शेखर गुप्ता: बिलक्रीम से मिले कुछ हजार पौण्ड के सिवाय, और वह भी कपिल देव द्वारा पॉलमोलिव के लिए किए जाने से काफी पहले।
फारुख इंजीनियर: ब्रिलक्रीम अंतराष्ट्रीय स्तर पर थी। पॉलमोलिव स्थानीय। जब आप ब्रिलक्रीम मॉडल हो तो यह ऐसा था कि आप ‘वोग‘ पत्रिका के मुखपृष्ठ पर छप रहे हों जो पूरी दुनिया में जाती है। इसलिए यह ब्रिलक्रीम जैसी थी।
शेखर गुप्ता: अनेक दशकों से भारतीय क्रिकेट में एक महान अंतराष्ट्रीय नागरिक आप जैसा है ही नहीं। अत: एक बार फिर से इस बातचीत की क्या विशेषता है।
फारुख इंजीनियर: पूर्णतया आनन्द।
देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के बारे में सन 2008 के राष्ट्रमंडल खेलों से सुना जा रहा है जिसके चलते हमारे राष्ट्र की काफी बदनामी हुई है। परन्तु वर्तमान के दौर में अलग श्रेणी के नायकों के शामिल होने से यही तथ्य उभरता है कि इस सभी गिरावट की जड़ में पैसा मुख्य है।
किसी ने सही ही कहा है: धन रखना बहुत अच्छा है; यह एक मूल्यवान चाकर हो सकता है। लेकिन धन आपको रखे तो यह ऐसा है जैसे कोई शैतान आपको पाल रहा है, और यह सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान है!

लालकृष्ण आडवाणी
नई दिल्ली
26 मई, 2013

मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी मुद्दो के प्रति समाज में जागरूकता फ़ैलाने के लिए बराक ओबामा ने आह्वाहन किया Obama opend dialogue on mental health issues

अमेरिकन प्रेजिडेंट बराक [एच[ ओबामा ने आज मानसिक रोगों के कल्याण के लिए इनके प्रति और अधिक संवेदनशील होने का आह्वाहन किया
व्हाईट हाउस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार [१] अवसाद [depression,][२]खण्डितमनस्कता संबंधी ( schizophrenia ] पश्च्य अभिघातक तनाव सम्बन्धी रोगलक्षण [ post-traumatic stress सिंड्रोम] आदि मानसिक रोगों से लगभग 45 मिलियन अमेरिकन पीड़ित हैं|
आज व्हाईट हाउस में एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमे मानसिक रोगियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जाग्रति [National Conversation ] फ़ैलाने के लिए संवाद स्थापित करने के लिए आह्वाहन किया गया राष्ट्रपति ओबामा ने मेंटल हेल्थ इस्सूसपर खुली चर्चा पर बल दिया| ओबामा ने कहा कि हमें इस कलंक [ Stigma ] को मिटाने के लिए अपने प्रिय जानो कि बीमारी को शर्म मान कर छुपाने के बजाय इसके प्रति खुली चर्चा की जानी चाहिए
बताया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य ही मुद्दों के प्रति ओबामा प्रशासन की प्रतिबद्धता के चलते ही आज की कांफ्रेंस का आयोजन किया गया

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

केंद्रीय सूचना आयोग ने ६ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में ला दिया है|यह एक एतिहासिक निर्णय बताया जा रहा हैलेकिन कुछ राजनितिक दलों को एतराज भी है|

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया


आयोग के अध्यक्ष मुख्य सूचना आयुक्त सत्येंद्र मिश्रा की पूर्ण बेंच ने कांग्रेस+ भाजपा+माकपा+ भाकपा+ एनसीपी+ +बसपा को आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब देने का निर्देश दिया है और कहा है कि सभी सार्वजनिक प्राधिकरण आरटीआई एक्ट के दायरे में हैं|
इस फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दलों का पर्दे के पीछे होने वाला चंदे का खेल गड़बड़ा सकता है। उन्हें आरटीआइ कानून के तहत सार्वजनिक संस्थाएं माना जाएगा। राजनीतिक दल इसे हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। दलों का मानना है कि चुनाव आयोग को सारी जानकारी दी जाती है और केंद्रीय सूचना आयोगको भी मुहैय्या कारवाई जा सकती है लेकिन आम जनता के साथ इसे शेयर करने को तैयार नही दिख रहे| मुख्य सूचना आयुक्त सत्येन्द्र मिश्र+ सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित+ सूचना आयुक्त एमएल शर्मा की पीठ ने सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद और राजनीतिक दलों की लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका के मध्यनजर इन्हें आरटीआइ कानून की धारा 2[H] में सार्वजनिक संस्थाएं करार दिया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल +अनिल बैरवाल की याचिका के फलस्वरूप यह निर्णय आया है| याचकों ने दलों के कोष +उन्हें मिले चंदे+ चंदा देने वालों के नाम + पते उजागर करने को कहा था |जिसे दलों द्वरा स्वीकार नहीं किया गया था |सीआइसी[ CIC ] ने यह माना है किमान्यता प्राप्त इन ६ राजनितिक दलों को केंद्र से मदद मिलती है|
आरटीआइ के दायरे में आने के पश्चात प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि चुनाव आयोग और सूचना आयोग को आपस में तय करना है कि राजनीतिक पार्टियां किसके प्रति जवाबदेह होंगी।
नकवी ने कहा, हर राजनीतिक दल अपनी सारी जानकारी पहले से चुनाव आयोग को देता रहा है और कोई भी व्यक्ति आरटीआइ के तहत उससे यह जानकारी ले सकता है लेफ्ट ने इस पर अपनी नाखुशी साफ जता दी है, जबकि कांग्रेस ने फैसला देखने के बाद ही प्रतिक्रिया देने की बात कहकर चुप्पी साध ली है।