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Archive for: October 2013

वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार एक मन मोहणा ते दूजा भाजपाई सिपहसालार

वल्ल्भ भाई के नाम पर इकट्ठे होंगे दो सरदार
मन मोहणा ते दूजा भाजापाई सिपहसालार
वल्ल्भ भाई के स्मारक पर बनेगा विशाल स्टेचू

Dr Man mohan Singh

Dr Man mohan Singh

जिसका लोह कद होगा दुनिया में सबसे उदार
कहते हैं कि स्टेचू आफ लिबर्टी से ऊंचा होगा
लेकिन इसकी सुरक्षा का जिम्मा किसके सर होगा
स्टेचू आफ लिबर्टी को अंग्रेजी तोपों से बचाने को
किया गया था स्टेचू के नीचे एक दुर्ग का भी निर्माण
क्योंकि भारत में गुजरात पर है आतंक का साया
Narender Modi

Narender Modi


राज्य और केंद्र पर छाया अविश्वास का घना साया
अभी तो पटेल पर कांग्रेसी और भाजपाई कर रहे दावा
सरदार वल्ल्भ भाई पटेल टेड़ा है पर मेरा ही है लेकिन
अताताईयों से लोहा लेने का काम किसके जिम्मे आया ?

टेंशन भगाने के लिए मुम्बई में रज्जो के राग का रस उत्तम होता है

ये मैंने कब कहा था कि रविवार को बम फोड़ो ।
रविवार का दिन तो सबकी छुट्टी का होता है ॥
अवकाश पर तो घर जाने का दिल करता है ।
लेकिन इस दिन का बेड़ा गर्क करने के लिए जब॥
रैली करके कोई बम फुड़वाए तो झल्ला करे क्या ।
टेंशन के लिए रज्जो के राग का रस उत्तम होता है

रविवासरीय अवकाश पर पटना में हुए बम विस्फोटों से उपजे तनाव को राष्ट्र हित में कम करने के लिए ही शिंदे रज्जो के राग सुनने गए थे

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित भाजपाई

ओये झल्लेया ये हुकुमरान कैसी कैसी बेशर्मी दिखा रहे हैं ?देख तो एक तरफ पटना में हसाडे नरेंदर भाई मोदी कि गांधी मैदान में विशाल रैली में बम फट रहे थे और उधर देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मुम्बई में बोली वुड के बी श्रेणी के कलाकरों की फ़िल्म रज्जो के म्यूजिक में ही मस्त रहे|ओये पटना में ६ लोग मर गए और ८० घायल हो गए स्थिति को कंट्रोल करने के बजाय ये महाशय जी फ़िल्म की हेरोइन कंगना रानाउत के साथ फोटो खिंचवाते रहे |ये तो भई संवेदनहीनता की हद है |

झल्ला

सेठ जी आप भी छोटी छोटी बातों को लेकर बैठ जाते हो भई रविवार का दिन अवकाश का होता है मौज मस्ती का दिन होता है अब ऐसे में कोई विघ्न डाल कर बम विस्फोट ही करने लग जाये तो मानसिक तनाव तो होता ही है इस तनाव को राष्ट्र हित में कम किया जाना जरूरी है | राष्ट्रीय हित में केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे रज्जो के राग सुनने गए थे|ये तो आप भी मानोगे कि इस प्रकार के तनाव को कम करने के लिए फ़िल्मी माहौल सबसे उत्तम उपाय है |

आयुर्वेदिक,यूनानी औषधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत ने डब्लू.एच.ओ.की मकाउ बैठक में आवाज उठाई

आयुर्वेदिक +यूनानी आदि पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की चीन के मकाउ में आयोजित बैठक में पुरजोर आवाज उठाई|
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी ने कहा है कि पारंपरिक औषधियों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और रणनीतियों का निर्माण किया जाना चाहिए। वे आज मकाओ एसएआर, चीन में आयोजित विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन पारंपरिक औषधि रणनीति : 2014-2023 की उच्‍चस्‍तरीय बैठक को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने भारत में आयुर्वेद के अध्‍ययन के लिए विदेशी नागरिकों को प्रोत्‍साहित भी किया |
श्रीमती चौधरी ने कहा कि दुनिया में स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं बढ़ती जा रही हैं, जिनमें रहन-सहन से होने वाली बीमारियां प्रमुख हैं। उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार के रोगों से निपटने के लिए आज पारंपरिक औषधि की उपयोगिता पर चर्चा की जाती है, इसलिए यह आवश्‍यक है कि विभिन्‍न सरकारें इस संबंध में बहुआयामी और बहुआधारित नीतियों और रणनीतियों को निर्माण करें।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि भारत में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्‍सा, यूनानी सिद्ध, सोवा-रिगपा और होम्‍योपेथी (आयुष) को पारंपरिक औषधि के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में आयुष विभाग कायम किया गया है, जो पारंपरिक चिकित्‍सा प्रणालियों के प्रोत्‍साहन के लिए राष्‍ट्रीय तथा अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तरों पर काम करता है। उन्‍होंने बताया कि भारत में आयुष सुविधाओं का बहुत बड़ा बुनियादी ढांचा मौजूद है,
जिसके तहत 7,20,937 चिकित्‍सक पंजीकृत हैं।
देश भर में आयुष के 24,392 दवाखाने और
3,195 अस्‍पताल तथा
504 कॉलेज, स्‍नातकोत्‍तर शिक्षा के लिए 117 केन्‍द्र तथा 8,785 लाइसेंस प्राप्‍त दवा निर्माण इकाइयां काम कर रही हैं।
मंत्री महोदया ने बताया कि भारत में आयुर्वेद के अध्‍ययन के लिए विदेशी नागरिकों को प्रोत्‍साहित किया जाता है। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि सम्‍मेलन में पारंपरिक औषधियों के लिए नई रणनीति तैयार की जाएगी।
इस अवसर पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की महानिदेशक डॉ. मारग्रेट चैन, मकाओ के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी श्री फर्नांडो चियु और विभिन्‍न देशों के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के पदाधिकारी एवं विशेषज्ञों सहित विभिन्‍न गणमान्‍य व्‍यक्ति मौजूद थे।

आगरा और दिल्ली के लाल किला के ऐतिहासिक आकर्षण को लौटा लाने के लिए बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है

आगरा की तरह ही दिल्‍ली का लाल किला भी एक महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय धरोहर है इनके पुराने आकर्षण को दोबारा लाने के लिए इनमे बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है |यह विचार आज केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने व्यक्त किये |
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाल किला परिसर के संरक्षण और प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच द्वारा कार्यशाला को संबोधित किया।
उन्‍होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वालों का स्‍वागत किया और विभिन्‍न ऐतिहासिक स्‍मारकों के संरक्षण में इसे उपयोगी बताया। उन्‍होंने कहा कि आगरा का ताज महल और दिल्‍ली का लाल किला इस परिवेश का हिस्‍सा है और उन्‍हें खुशी है कि विश्‍व की इन दोनों धरोहरों पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।
उन्‍होंने कहा कि केंद्र व राज्‍य सरकार के सहयोग से पुरातत्‍व विभाग और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का यह सहयोगपूर्ण प्रयास एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा और इस दो दिवसीय आगरा कार्यशाला की सिफारिशें महत्‍वपूर्ण होंगी। आगरा की तरह ही नई दिल्‍ली का लाल किला भी एक महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय धरोहर है और अद्भुत भवन निर्माण कला व राष्‍ट्र के इतिहास, दोनों पहलुओं से इसके महत्‍व को देखते हुए यह विशेष सुरक्षा व संरक्षण का हकदार है। पुरातत्‍व विभाग इस संबंध में काफी कुछ कर चुका है पर जब तक हम किले के भीतर खुबसूरती से बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार नहीं करते, यह अपना पुराना आकर्षण दोबारा प्राप्‍त नहीं कर पायेगा।
उन्‍होंने खुशी जाहिर की कि विशेषज्ञ आज यहां एक ऐसे विचार-विमर्श के लिए एकत्र हुए है जिसमें लाल कि‍ले के भीतर एति‍हासि‍क बगीचों पर भी ध्‍यान दि‍या जाएगा। वैज्ञानि‍क जांच पड़ताल के ज़रि‍‍‍ए पुरातत्‍व वि‍भाग इन बगीचों के वास्‍तवि‍क स्‍तरों और इसके जल वि‍ज्ञान का भी अध्‍ययन करेगा।
उन्‍होंने आशा जताई कि‍ इस कार्यशाला से न केवल ढ़ाचों और बगीचों के लि‍ए वि‍स्‍तार सहि‍त संरक्षण प्रस्‍ताव तैयार करने के लि‍ए एक समय सीमा पर पहुंचा जा सकेगा बल्‍कि‍ इसे वैज्ञानि‍क व समयबद्ध रूप से लागू भी किया जा सकेगा। उन्‍होंने कहा कि वह स्‍वयं और उनका मंत्रालय इस कार्य के लि‍ए पूरी तरह वचनबद्ध हैं और उन्‍होंने इस पहलकदमी को पूरा करने के लिए आवश्‍यक सभी तरह के सहयोग का आश्‍वासन दिया।
अंत में उन्‍होंने इस कार्यशाला के सभी सदस्‍यों को सफल होने की शुभकामनाएं दी और आशा व्‍यक्‍त की कि उन्‍हें सौंपी गई जिम्‍मेदारी को वो पूरा करें

आई ओ ऐ और आईओसी के बीच आये गतिरोध का शीघ्र समाधान होना चाहिए:केंद्रीय खेल मंत्री

भारतीय ओलंपिक संघ और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के बीच जारी गतिरोध अभी तक समाप्त नहीं हुआ है जिसके कारण आई ओ ऐ पर लगा निलम्बन समाप्त नही हुआ है| इस पर केंद्रीय खेलमंत्री जितेन्द्र सिंह ने चिंता व्यक्त की है
भारत सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा आयोजित 27 अक्टुबर, 2013 की विशेष आम सभा में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी (IOC) के निर्देशों के लागू करने का संज्ञान लिया। मीडिया रिपोर्टें संकेत देती हैं कि आईओए की आम सभा आईओसी की आवश्यकतानुसार अपने संविधान में संशोधनों को लागू करने पर सहमत नहीं थी।
इस संदर्भ में केंद्रीय खेलमंत्री भारत सरकार श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार देश में खेलों में नैतिकता और सुशासन का पालन करने और अपराधों के प्रति “जीरो टोलरेन्स” के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार आईओसी और आईओए के बीच जारी गतिरोध के संबंध में चिंतित है और घटनाक्रम को निकट से देख रही है।
भारत सरकार का मत है कि आईओए और आईओसी के बीच आये गतिरोध का शीघ्र समाधान होना चाहिए, जिससे कि आईओए का निलंबन हटे और भारतीय खिलाड़ी/टीमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के नीचे अंतर्राष्ट्रीय खेल गतिविधियों में भाग लेने में सक्षम हों।

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक आगरा में आबादी की केवल २% महिलाओं को ही रोजगार का अधिकार है

महिलाओं को रोजगार देने में उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक आगरा सबसे पिछड़ा शहर है| यहाँ की आबादी के केवल २% महिलाओं को ही रोजगार पर अधिकार दिया गया है| इसके पश्चात वाराणसी में सर्वाधिक ३५ % महिलाएं रोजगार में लगी हुई हैं |ये चौंकाने वाले आंकड़े केन्‍द्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किये गए हैं|
केन्‍द्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा रोजगार और बेरोजगारों पर कराये गये 8वें पंचवर्षीय राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के अनुसार 2004-05 और 2009-10 के बीच प्रथम श्रेणी के शहरों में से वाराणसी में सर्वाधिक 35 %महिलाएं और आगरा में सबसे कम २%महिलाएं रोजगार में लगी हुई थी।
एनएसएस का यह 66 वां दौर जुलाई, 2009 से जून, 2010 तक पूरा किया गया। इस सर्वेक्षण में 7,402 गांवों और 5,252 शहरी ब्‍लॉकों के एक लाख 957 परिवारों के चार लाख 59 हजार 784 व्‍यक्तियों को शामिल किया गया है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार दस लाख और उससे अधिक जनसंख्‍या वाले नगर पहली श्रेणी में, 50 हजार से दस लाख तक के नगर दूसरी श्रेणी में और 50 हजार से कम जनसंख्‍या वाले कस्‍बे तीसरी श्रेणी में शामिल है। इस सर्वेक्षण से सामने आये महत्‍वपूर्ण तथ्‍य इस प्रकार है :-
•] प्रथम श्रेणी के नगरों में वर्ष 2004-05 से 2009-10 के बीच 15 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्‍या में सूरत में सर्वाधिक 87 प्रतिशत और मेरठ में सबसे कम 49 प्रतिशत व्‍यक्ति रोजगार प्राप्‍त थे।
•] इसी अवधि में प्रथम श्रेणी के नगरों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूष बेरोजगारों की संख्‍या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, जबकि उनकी संख्‍या में दूसरी श्रेणी के नगरों में एक प्रतिशत और तीसरी श्रेणी के नगरों में दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी दौरान प्रथम श्रेणी के नगरों में महिला बेरोजगारों की संख्‍या एक प्रतिशत बढ़ी। हालांकि दूसरी और तीसरी श्रेणी के नगरों में बेरोजगार महिलाओं की संख्‍या दो प्रतिशत कम हुई।
•] इसी अवधि में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूषों में प्रथम श्रेणी के नगरों में 52 प्रतिशत, दूसरी श्रेणी के नगरों में 43 प्रतिशत और तीसरी श्रेणी के नगरों में 31 प्रतिशत श्रमिक नियमित रूप से वेतनभोगी पाये गये, जबकि प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के नगरों में ऐसी महिलाओं की संख्‍या क्रमश: 58, 42 और 23 प्रतिशत पायी गई।
•] प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के नगरों में इस दौरान इसी आयु वर्ग में क्रमश: 39, 40 और 45 प्रतिशत पुरूष स्‍वरोजगार प्राप्‍त थे, जबकि स्‍वरोजगार प्राप्‍त महिलाओं की संख्‍या क्रमश: 33, 41 और 47 प्रतिशत थी।
•] वर्ष 2009-10 के दौरान प्रथम और द्वितीय श्रेणी में नगरों में नियमित रूप से वेतनभोगी महिलाओं और पुरूषों की संख्‍या स्‍वरोजगार प्राप्‍त अथवा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की संख्‍या से अधिक रही, जबकि तीसरी श्रेणी के नगरों में स्‍वरोजगार प्राप्‍त महिलाओं और पुरूषों की संख्‍या अधिक थी।
.] वर्ष 2009-10 में सभी श्रेणी के नगरों में त़ृतीय वरीयता प्राप्‍त क्षेत्र में अन्‍य दोनों क्षेत्रों प्राथमिक और माध्‍यमिक की तुलना में श्रमिकों की संख्‍या सर्वाधिक थी। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूष श्रमिकों में से शहरी क्षेत्रों में 59 प्रतिशत पुरूष श्रमिक तृतीय वरीयता प्राप्‍त क्षेत्र (अर्थात् सेवा क्षेत्र), 35 प्रतिशत पुरूष श्रमिक माध्‍यमिक क्षेत्र और छह प्रतिशत पुरूष श्रमिक प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत थे। इन क्षेत्रों में महिला श्रमिकों की संख्‍या क्रमश: 53, 33 और 14 प्रतिशत थी।

नोयडा की माइक्रोवेब सिस्टम ने मेरठ के राधा गोबिंद इंजीनियरिंग कालेज के २५ छात्रों का ढाई लाख के पॅकेज पर चयन किया

[मेरठ ]नोयडा की माइक्रोवेब सिस्टम ने मेरठ के राधा गोबिंद इंजीनियरिंग कालेज के २५ छात्रों का ढाई लाख के पॅकेज पर चयन किया |
चयन करने आये कंपनी के एच आर मैनेजर अभिषेक कुमार ने कंपनी के विशेषज्ञताएं बताई| डॉ अमित शर्मा ने बताया कि बी बी ऐ+ बी सी ऐ+के १०२ छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है|चेयर मैन योगेश त्यागी+निदेशक इकराम हुसैन+वरुण कौशिक ने कैम्पस इंटरव्यू में सफल हुए छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की|

“आप” ने कुलदीप सिंह चानना को मोती नगर और जगदीप राणा को आदर्श नगर से टिकेट्स दिए

आप पार्टी ने कुलदीप सिंह चानना को मोती नगर औरजगदीप राणा को आदर्श नगर से टिकेट्स दिए
आम आदमी पार्टी’ [आप]ने आदर्श नगर और मोती नगर विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशिओं को फायनल कर दिया है|. ‘पार्टी’ ने मोती नगर से कुलदीप सिंह चानना और आदर्श नगर से जगदीप राणा को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है| इस सूची के साथ पार्टी ने कुल 65 प्रत्याशी का चयन कर लिया है.
मोती नगर के प्रत्याशी, कुलदीप सिंह चानना, पिछले 35 सालों से समाज़ सेवा से जुड़े हैं। गरीबों के 600 मकानों को कानूनी लड़ाई लड़कर टूटने से बचाया। शमशान घाट पंजाबी बाग की सेवा पिछले 15 सालों से कर रहे हैं। सांई वृद्ध आश्रम में लंबे समय से वृद्धों की सेवा में पिछले 5 सालों से जुड़े हैं। इलाके में इनकी छवि स्वच्छ व ईमानदार व्यक्ति की है। कहते हैं कि तन-मन-धन से सिर्फ समाज़ की सेवा करने की उद्देश्य से राजनीति में आना चाहते हैं।
आदर्श नगर विधानसभा के प्रत्याशी जगदीप राणा छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं और आर्यभट्ट कॉलेज के आजाद उम्मीदवार के तौर पर छात्रसंघ के महासचिव भी चुने गए थे. जगदीप का परिवार सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहा है. इनके पिता ने आजादपुर गांव के प्रधान के तौर पर सराहनीय कार्य किए हैं. जगदीप ने आदर्श नगर में राशन और तेल की चोरी के खिलाफ सफलतापूर्वक आंदोलन चलाया है. जनलोकपाल आंदोलन से शुरुआत से जुड़े हैं और पार्टी के गठन के बाद के सभी आंदोलनों-प्रदर्शनों में शामिल होते रहे हैं.

एक माह में दूसरी बार एयर इंडिया के ड्रीम लाइनर में खराबी से यात्रियों को परेशानी हुई

एयर इंडिया का ड्रीम प्लेन ड्रीम लाइनरबोइंग ७८७ में एक बार फिर तकनीमी खामी की वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा| यह खराबी अबकी बार आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हुआ है| ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न हवाईअड्डे से उड़ान भरने के बाद एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान वापस हवाईअड्डे पर उतर गया। विमान ने दिल्ली जाने के लिए उड़ान भरी थी और इसमें करीब 200 यात्री सवार थे।भाषा ने एयर इंडिया के प्रबंधक मधु सी मथेन के हवाले से यह बताया है कि उड़ान भरने के बाद तकनीकी दिक्कतें [snag]आने की वजह से रविवार रात मेलबर्न से दिल्ली जा रहे ड्रीमलाइनर विमान को वापस मेलबर्न हवाईअड्डे पर उतारा गया। इसके बाद तकनीकी खामियों को ठीक किया गया।लेकिन लगभग २०० यात्रियों को होटल में ठहराने का खर्च वाहन करना पड़ा है|
गौरतलब है कि अभी इसी महीने की शुरुआत में भी इसी कंपनी का दूसार ड्रीम लाइनर ख़राब हो चूका है|इसका बेली पैनल बंगलोर में लैंडिंग करते समय निकल गया था| ड्रीम लाइनर को एविएशन मिनिस्ट्री का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है जिसे हासिल करने के लिए इसमें विश्वस्तर पर लगातर आ रही खराबी के बावजूद इसकी खरीद के लिए करोड़ों $ का कर्जा उठाया जा रहा है जाहिर है इस डील पर भी प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक ही है