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Archive for: July 2014

खुर्जा के उपजिलाधिकारी सहित दो की सड़क दुर्घटना में मृत्यु :सी एम ने शोक वक्त किया

खुर्जा के उपजिलाधिकारी और उनके वाहन चालक का एक सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया| सी एम अखिलेश यादव ने गहरा दुःख व्यक्त किया है
जनपद फतेहपुर में एक सड़क दुर्घटना में श्री इन्द्रेश कुमार[४५]और उनके वाहन चालक विजय[३५] का दुखद निधन हो गया|
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में आज सुबह सड़क दुर्घटना में वरिष्ठ पीसीएस खुर्जा के उपजिलाधिकारी श्री इन्द्रेश कुमार सहित दो व्यक्तियों की मौत हो गयी।
प्राप्त जानकरी के अनुसार कानपुर से आ रही जीप सड़क पर खड़े एक ट्रक से जा टकरायी जिससे खुर्जा बुलंदशहर के उप जिलाधिकारी इंद्रेश कुमार और उनके ड्राइवर विजय की मौके पर ही मौत हो गयी।
बताया गया है कि श्री इंद्रेश कुमार किसी अदालती मामले के सिलसिले में इलाहाबाद जा रहे थे।
मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है|
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हनीमून पीरियड में प्याज के आंसू रो रहे केंद्र ने एम ई पी २०० $ प्रति टन और बढ़ाई

सत्ता हनीमून अवधि में महंगाई को काबू करने को उठापठक में लगी केंद्र सरकार ने अब प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए प्याज की एम ई पी[MEP ] २०० $ और बढ़ाई|प्याज की न्यूनतम निर्यात मूल्यMEP ३०० $ से बढ़ा कर अब ५०० $ प्रति टन किया गया है|
सरकार ने प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमत वृद्धि को रोकने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: को बढ़ाकर 500 डॉलर प्रति टन कर दिया है।
पिछले महीने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: को 300 डॉलर प्रति टन किया गया था, जबकि इससे ठीक तीन महीने पहले पूर्ववर्ती सरकार ने मार्च में इसे हटा दिया था। एमईपी वह दर से है जिस दर से नीचे निर्यात करने की अनुमति नहीं होती।
प्याज के निर्यात तथा बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये सरकार द्वारा की गई इस बढ़ोतरी का मतलब है कि देश से 30 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर प्याज के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि घरेलू बाजार में प्याज के दाम को बढ़ने से रोकने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य [एमईपी] तय किये जाने के बावजूद देश में प्याज के सबसे बड़े थोक बाजार, लासालगांव में पिछले दो सप्ताह में प्याज का भाव 40 % हो गया था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी सूचना के अनुसार प्‍याज के न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य लागू करने के लिए अन्‍तर-मंत्रिमंडलीय समिति ने यह निर्णय लिया है
अन्‍तर-मंत्रिमंडलीय समिति ने 30 जून, 2014 को आयोजित अपनी बैठक में यह निष्‍कर्ष निकाला कि प्‍याज के न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य 300 अमरीकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन होने के बावजूद उत्‍पादक और उपभोक्‍ता मंडियों में प्‍याज की थोक और खुदरा कीमतें बढ़ रही हैं। प्‍याज के निर्यात में कोई महत्‍वपूर्ण गिरावट नहीं हुई है। प्‍याज की बढ़ती हुई थोक और खुदरा कीमतों और मानसून में देरी को देखते हुए इसकी बढ़ती कीमतें रोकने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के दृष्टिकोण से समिति ने सर्वसम्‍मति से प्‍याज के न्‍यूनतम निर्यात मूल्‍य 500 अमरीकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन फ्रेट ऑन बोर्ड निर्धारित किए हैं, जो लगभग 30 रुपये प्रति किलो बैठते हैं।

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CGHSने मंत्रालयों के १५ हजार कर्मियों के स्वास्थ्य निगरानी के लिए शास्त्री भवन में फर्स्ट ऐड पोस्ट खोली

[नई दिल्ली] सी जी एच एस ने १५ हजार कर्मियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए शास्त्री भवन में फर्स्ट ऐड पोस्ट खोला| डॉ हर्षवर्धन और स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने इस “फर्स्ट एड पोस्ट” का उद्घाटन किया|
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्षवर्धन ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति ईरानी के साथ शास्त्री भवन में “प्राथमिक उपचार केन्द्र” (फर्स्ट एड पोस्ट) का उद्घाटन किया।
सीजीएचएस स्वास्थ्य देखभाल के लाभार्थियों के लिए इस पोस्ट को शास्त्री भवन के परिसर में खोला जा रहा है। यह केन्द्र शास्त्री भवन में विभिन्न मंत्रालयों और उसके आसपास के सरकारी कार्यालयों में तैनात लगभग 15 हजार कर्मचारियों को बी.पी. जांच+मरहम-पट्टी जैसी प्राथमिक उपचार और अन्य निर्दिष्ट सुविधाएं प्रदान करेगी। सीजीएचएस पहले से ही दिल्ली में इस प्रकार के पांच स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन कर रहा है। ये केन्द्रीय सचिवालय+संसद भवन+ विटठ्ठल भाई पटेल हाउस+ सुप्रीम कोर्ट + निर्माण भवन के परिसरों में स्थित है। अनेक कर्मचारी नियमित रूप से इन प्राथमिक उपचार केन्द्रों से आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाते है।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan along with the Union Minister for Human Resource Development, Smt. Smriti Zubin Irani inaugurating the “First Aid Post”, at Shastri Bhawan, in New Delhi on July 02, 2014.

भारतीय वायु सेना में सीनियर एयर ऑफिसर्स की महत्वपूर्ण पदों पर हुई न्युक्तियां

भारतीय वायु सेना में सीनियर एयर ऑफिसर्स की महत्वपूर्ण पदों पर न्युक्तियां हुई हैं[१]|एयर मार्शल अनिल खोसला[२]एयर मार्शल रमेश राय[३]एयर मार्शल एस नीलाकन्टन[४]एयर मार्शल पी.पी. रेड्डी को नए महत्वपूर्ण पद भार दिए गए हैं
[१] एयर मार्शल अनिल खोसला को केन्‍द्रीय वायु कमान के वरिष्‍ठ एयर स्‍टाफ अधिकारी का पदभार सौंपा गया है |उन्होंने यह कार्यभार सम्भाल लिया है
एयर मार्शल अनिल खोसला ने 1 जुलाई 2014 को बमरौली में केन्‍द्रीय वायु कमान (सीएसी) के वरिष्‍ठ एयर स्‍टाफ अधिकारी (एसएएसओ) के रूप में कार्यभार सम्‍भाल लिया है। राष्‍ट्रीय सुरक्षा अकेडमी के पुराने छात्र अनिल खोसला को दिसम्‍बर 1979 में भारतीय वायुसेना के फाईटर स्‍ट्रीम में कमीशन प्रदान किया गया। उन्‍होंने चार हजार घन्‍टें से अधिक उड़ान भरी है तथा उन्‍होंने जगुआर व मिग-21 विमानों को भी उड़ाने का अनुभव है। एयर मार्शल अनिल खोसला विशेषीकृत ग्रांउण्‍ड हमले तथा मैरीटाईम वायु रक्षा भूमिकाओं में विशेषज्ञता हांसिल है और उन्‍होंने सैन्‍य अध्‍ययन में दो एम. फिल. की उपाधियां प्राप्‍त की है। वे ‘ए2’ श्रेणी के फ्‍लाइंग इंस्‍ट्रक्‍टर है और फाईटर स्‍ट्राइक लीडर भी हैं। वे नेशनल डिफेंस कॉलेज के छात्र रहे हैं।
एयर मार्शल अनिल खोसला सूचना एवं इलैक्‍ट्रोनिक वार फेयर निदेशालय के प्रिंसिपल डायरेक्‍टर, कार्मिक शाखा के डायरेक्‍टर, डायरेक्‍टरेट ऑफ कंसेप्‍ट स्‍टडीज के संयुक्‍त निदेशक तथा टैक्‍टिक तथा काम्‍बेट डेवलेपटमेंट एस्‍टेबलीशमेन्‍ट (टीएसीडीई) एवं फ्‍लाइंग इंस्‍ट्रक्‍टर स्‍कूल (एफआईएस) के डायरेक्‍टिंग स्‍टाफ सहित विभिन्‍न इंस्‍ट्रकशनल नियुक्तयां सम्‍भाल चुके है। उन्‍होंने जैसलमेर और अम्‍बाला में भारतीय वायुसेना बेस की फ्रंटलाईन पर जगुआर स्‍केवड्रन की कमान भी सम्‍भाली है। वे मुख्‍यालय : मैरीटाईम एयर ऑपरेशन वायु सेना के एयर ऑफिसर कमॉडिंग रहे हैं और जम्‍मू-कश्‍मीर क्षेत्र के एयर ऑफिसर कमॉडिंग के रूप में उनकी पिछली नियुक्ति थी।
[2] एयर मार्शल रमेश राय ने भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया
एयर मार्शल रमेश राय ने आज बेंगलुरू में भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्हें 29 दिसम्बर, 1976 को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त हुआ था। उन्होंने 4500 घंटे से भी अधिक उड़ान भरी है और जगुवार स्क्वाड्रन को भी नियंत्रित किया है। वह एक प्रायौगिक परीक्षण पायलट, उड़ान प्रशिक्षक होने के साथ-साथ मजीठिया ट्रॉफी के प्राप्तकर्ता तथा पायलट पाठ्यक्रम में प्रथम आने के लिए चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (सीएएस) ट्रॉफी और ‘बेस्ट इन फ्लाइंग’ के भी प्राप्तकर्ता हैं।
उन्होंने वायुसेना मुख्यालय में वायुसेना रणनीति प्रकोष्ठ (एडब्ल्यूएससी) के संयुक्त निदेशक, एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट निदेशक और इस्राइल के तेल अबीब स्थित भारतीय दूतावास में डिफेंस अटैची सहित महत्वपूर्ण कमान और नियुक्तियों को संभाला है।
एयर मार्शल रमेश राय ने कोलकाता के एडवांस मुख्यालय और बीदर के वायुसेना स्टेशन के कमान को भी संभाला है। वायुसेना स्टेशन बीदर में उनके कार्यकाल के दौरान हॉक उन्नत जेट प्रशिक्षक (एजेटी) को शामिल किया गया था, जिसमें उन्होंने एजेटी पर प्रशिक्षण प्रणाली में अग्रणी भूमिका निभाई थी। 01 जून, 2012 को एयर मार्शल के रैंक में पहुंचने से पहले वह मेंटिनेंस कमान के सीनियर एयर और एडिमिनिसट्रेशन स्टाफ ऑफिसर और डिफेंस सर्विस स्टाफ कालेज, विलिंगटन में चीफ इंस्ट्रक्टर (एयर) सहित विभिन्न महत्वपूर्ण स्टाफ और प्रशिक्षण संबंधी नियुक्तियों पर रहे। प्रशिक्षण कमान में एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले उन्होंने केन्द्रीय वायु कमान के वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर के रूप में काम किया है।
[3]एयर मार्शल एस नीलाकन्टन ने 01 जुलाई, 2014 को वायु सेना मुख्‍यालय (आर के पूरम) में महानिदेशक (निरीक्षण एवं सुरक्षा) के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। उन्‍हें दिसंबर 1977 में भारतीय वायु सेना में फाइटर पाइलट के रूप में कमीशन प्राप्‍त हुआ था। वे राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्‍टाफ कॉलेज, विलिंडन तथा टैकटीक एवं कॉम्‍बेट डेवलपमेंट प्रतिस्‍थापना (टीएसीडीई), वायु सेना के पूर्व छात्र रहे हैं।
एयर मार्शल एस नीलाकन्‍टन एक अर्हता प्राप्‍त फ्लाइंग इंस्‍ट्रक्‍टर है, जिन्‍होंने विभिन्‍न किस्‍म के फाइटर विमानों पर 3100 घंटों से ऊपर उड़ान भरी है। उन्‍होंने वर्ष 2006-07 में यूएन पीस किपिंग मिशन के अंग के रूप में कौंगों में भारतीय वायु सेना का नेतृत्‍व किया और वे विभिन्‍न स्‍टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियों पर रहे हैं। वे महानिदेशक (निरीक्षण एवं सुरक्षा) का पदभार संभालने से पूर्व विलिंटन स्थित रक्षा सेवा स्‍टाफ कॉलेज में मुख्य इंस्‍ट्रकटर (एअर) के पद पर थे।
उन्‍हें राष्‍ट्रपति पुरस्‍कार, ”युद्ध सेवा मेडल” (वाईएसएम) एवं ”वायु सेना मेडल” (वीएम) से सम्‍मानित किया जा चुका है।
[4]एयर मार्शल पी.पी. रेड्डी ने आज चेयरमैन चीफ ऑफ स्‍टॉफ कमेटी के चीफ ऑफ इंटि‍ग्रे‍टेड डिफेंस स्‍टाफ के रूप में कार्यभार संभाला। उन्‍हें जून 1977 में एयरफोर्स के लड़ाकू पायलट के रूप में कमीशन मिला था। वे राष्‍ट्रीय भारतीय मिलिट्री कॉलेज, राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी तथा रक्षा स्‍टाफ कॉलेज वेलिंगटन के विद्यार्थी रहे हैं।
वे एक दक्ष फ्लाइंग प्रशिक्षक और प्रायोगिक टेस्‍ट पायलट हैं जिन्‍हें एसयू-30 एमकेआई विमान सहित विभिन्‍न प्रकार के लड़ाकू विमानों और यातायात हवाई जहाजों की उड़ानों का 3600 घंटों का अनुभव है। उन्‍होंने वायुसेना मुख्‍यालय की योजना शाखा में एसयू-30 एमकेआई, आर्इएल-78 फ्लाइट रि‍फ्यूलर वायुयान और मिग-27 के उन्‍नयन कार्यक्रमों को लागू करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान नियुक्ति से पूर्व इन्‍होंने अनेक महत्‍वपूर्ण पदों पर काम किया है।Air )

स्थापना दिवसों पर मोदी भापे के ट्वीटों का असर राज्यों पर भी पढ़े तो हो जाये न सोने पे सुहागा

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़ा सोणा नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी सभी संस्थाओं को सम्मान देने के लिए, बिना किसी भेद भाव के, उनके स्थापना दिवसों पर नियमित रूप से बधाई सन्देश ट्वीट कर रहे हैं
इसी हफ्ते मोदी जी ने[१] सांख्यिकी दिवस[२]चिकित्‍सक दिवस[३]चार्टर्ड एकाउंटेड दिवस[४]रमजान दिवस [५] और यहाँ तक कि कनाडा दिवस पर भी समान रूप से बधाई ट्वीट की है

झल्ला

सेठ जी मोदी भापे का आम जनता से सीधे संवाद का यह प्रयास वाकई भापे को अमेरिकन बराक ओबामा के समतुल्य खड़ा करता है लेकिनसेठ जी मजा तब है कि जब इन संदेशों का राज्यों के कर्णधारों पर भी असर पढ़े| उदहारण के तौर पर अब देखो बिहार में भी सांख्यिकी दिवस धूम धाम से मनाया गया लेकिन उसके अगले दिन ही प्रदेश की राजधानी पटना में अपना वेतन मांग रहे सांख्यिकी विभाग के कर्मियों को लाठियों से निर्ममता पूर्वक पीटा गया|भाग दौड़ में जो बेचारे गिर गए उन्हें तो घेर कर पीटा गया|
अगले डाक्टर दिवस पर अगर देश में डाक्टर बनाने वाले कारखानो में लाखों रुपयों की कैपिटेशन फी के चलन का टंटा खत्म हो जाये तो समझो सोने पे सुहागा
रमजान के महीने में साफ़ सफाई हो जाये बिजली मिल जाये और पानी पीने को हो तो दुआएं मिल जाएँ
चार्टर्ड एकाउंटेंट कौन सा सस्ते में बन रहे हैं|
अगले कनाडा दिवस पर वीजा मिल जाये तो कहने ही क्या

Indian Prime Minister Tweeted Greetings On Birth Day Of Canada

Indian Prime Minister Narendra Modi Today Tweeted Greetings On Birth Day Of Canada
P M ,today, greeted the people of Canada on Canada Day.
Prime Minister, Narendra Modi, has greeted the people of Canada on Canada Day.
The Prime Minister tweeted:
“Greetings to the people of Canada on Canada Day. India values our strong relation with Canada & we hope to strengthen the same in future.
Canada Day celebrates the birthday of Canada. On July 1,
On First July 1867 Canada became a new federation – Formerly Known as The British North America Act

“आप” पार्टी ने ई रिक्शा स्कैम में नितिन गडकरी के स्पष्टीकरण को बेहद कमजोर और तथ्यों को छुपाने वाला बताया

आम आदमी पार्टी ने ई रिक्शा स्कैम में नितिन गडकरी के स्पष्टीकरण को बेहद कमजोर और तथ्यों को छुपाने वाला प्रयास बताया|
“आप” ने पुनः नागपुर स्थितई रिक्शा निर्माण कंपनी में गडकरी के हितों के आरोप को दोहराया है |
“आप” पार्टी ने नरेंद्र मोदी की एक माह की सरकार पर कांग्रेस नीत यूं पी ऐ सरकार की नीतियों पर चलने का आरोप लगते हुए नितिन गडकरी के वर्तमान सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के पोर्ट फोलियो को तत्काल बदलने की मांग भी उठाई है |आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि
पूर्ति ग्रीन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक गडकरी के रिश्तेदार हैं और गडकरी ने शरद पवार के साथ मिल कर नागपुर में इस कंपनी के फंक्शन भी अटेंड किये हैं |दीन दयाल ट्रस्ट से ई रिक्शा की बैटरी बनवाई जाती हैं| गडकरी ने अपने पारिवारिक व्यापर को अपने मंत्रालय से जोड़ कर लाभ कमाने का कार्य किया है|
इससे पूर्व नितिन गडकरी ने ई रिक्शा स्कैम में अपना हाथ होने से इंकार किया है
केंद्रीय सड़क + राजमार्ग मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने ई रिक्शा निर्माण में किसी प्रकार के अपने या परिवार के किसी सदस्य के व्यवसायिक स्वार्थ का खंडन किया है| इसके साथ ही उन्होंने पूर्ती ग्रीन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से किसी प्रकार के संबंधों को नकारा|
गौरतलब है कि बीते दिनों मीडिया के एक सेक्शन में ई रिक्शा के निर्माण में नितिन गडकरी के नाम को उछाला जा रहा है|
श्री गडकरी ने एक स्पष्टीकरण जारी करके कहा है किदिल्ली एन सी आर देश के अनेकों भागों में दो लाख से ज्यादा बैटरी से चलने वाले रिक्शा चल रहे हैं|जिनका निर्माण कई कंपनियों दवारा किया गया है| श्री गडकरी के अनुसार सी एस आई आर [Council of Scientific and Industrial Research ]से लाइसेंस प्राप्त कर्ता ही इन्हें बना सकते हैं|

मौत के क़रीब से गुज़रे बिना ही,ध्यानाभ्यास से अनंत प्रकाश,सुंदरता ख़ुशियों भरी दुनिया की सैर संभव है:संत राजिंदर सिंह जी

मौत के क़रीब से गुज़रे बिना ही,ध्यानाभ्यास से अनंत प्रकाश,सुंदरता ख़ुशियों भरी दुनिया की सैर संभव है:संत राजिंदर सिंह जी साइंस आफ स्प्रिचुअलिटी और सावन कृपाल रूहानी मिशन के मौजूदा संत राजिंदर सिंह जी महाराज ने आंतरिक प्रकाश के मंडलों की सैर के लिए ध्यानाभ्यास का मंत्र दिया|
महाराज जी ने अपने साप्ताहिक सन्देश में फरमाया है कि ध्यानाभ्यास के द्वारा हम मृत्यु-सम अनुभव के आघात के बिना ही आंतरिक प्रकाश के मंडलों में पहुँच सकते हैं।
आज विश्व भर में मृत्यु-सम अनुभवों या near death experiences के विषय को लेकर अत्यधिक रूचि है। आधुनिक विज्ञान की सहूलियतों के कारण आज डाक्टर कई ऐसे लोगों को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं जिन्हें डाक्टरी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था।
पिछली शताब्दियों में, जब डाक्टरी चिकित्सा ने इतनी तरक़्क़ी नहीं की थी कि दिल का दौरा पड़े किसी व्यक्ति को जीवनदान दे सके, तब हमारे पास इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं था कि अगर किसी व्यक्ति की दुर्घटना में, या किसी आघात से, या आपरेशन टेबल पर मौत हो जाए, तो उसके साथ क्या होता है। आज जबकि डाक्टर हृदय को फिर से शुरू कर सकते हैं, तो हम यह जान पाएँ हैं कि उस समय लोगों के साथ क्या होता है जब वो डाक्टरी रूप से मृत होते हैं।
जब डाक्टरी रूप से मृत घोषित लोगों को पुनर्जीवित किया गया, तो उनमें से कइयों ने बताया कि उस बीच में उनके साथ क्या हुआ। जब उन लोगों का शरीर मृत था, उस दौरान उनको जो अनुभव हुआ उसी को ‘मृत्यु-सम अनुभव’ कहा जाता है। विश्व भर में लाखों लोगों ने ऐसे मृत्यु-सम अनुभव होने की बात स्वीकार की है जिसमें उन्होंने इस संसार से आगे भी जीवन का अनुभव किया।
मृत्यु-सम अनुभव का अर्थ यह नहीं कि उस व्यक्ति की वास्तव में मृत्यु हो गई। जब शरीर डाॅक्टरी रूप से मृत हो गया, तब हमारे अस्तित्व के एक हिस्से ने इस दुनिया से आगे की दुनिया की सुंदरता को अनुभव किया।
संत राजिंदर सिंह जी ने फरमाया कि इस भौतिक संसार से आगे की दुनिया का अनुभव करने के लिए हमें मृत्यु-सम अनुभव का आघात सहने की ज़रूरत नहीं। हज़ारों सालों से पूर्व के देशों के लोग ध्यानाभ्यास के द्वारा यहाँ से आगे की दुनिया का अनुभव करते चले आए हैं। ध्यानाभ्यास की विधि द्वारा हम अपना ध्यान भौतिक संसार से हटाकर आंतरिक दिव्य मंडलों में टिका सकते हैं। हम ऐसा पूरी तरह से जीवित रहते हुए कर सकते हैं। इस अवस्था को और भी कई नामों से पुकारा जाता है, जैसे शरीर से ऊपर उठना, निर्वाण, आत्म-ज्ञान, प्रभु-ज्ञान आदि। इस अवस्था में हम ध्यानाभ्यास द्वारा पहुँच सकते हैं।
‘सावन कृपाल रूहानी मिशन’/‘साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी’ में हम ध्यान टिकाने की एक बेहद सरल विधि का अभ्यास करते हैं। इससे हम मृत्यु-सम अनुभव के आघात सहे बिना ही अलौकिक प्रकाश के मंडलों का अनुभव कर सकते हैं। अंतर में प्रभु की दिव्य ज्योति और श्रुति पर ध्यान टिकाने से हम मृत्यु के हादसे के बिना ही इस दुनिया के परे के मंडलों के असीम प्रकाश और सुंदरता का अनुभव कर पाते हैं। जो लोग स्वयं यह देखना चाहते हैं कि ध्यानाभ्यास की विधि कितनी सरल है, वे ध्यान टिकाने की एक प्रारंभिक विधि का अभ्यास कर सकते हैं, जिसे ‘ज्योति मेडीटेशन’ कहा जाता है, जिसका अभ्यास घर पर भी आराम से किया जा सकता है। हर दिन थोड़ी देर के लिए ध्यानाभ्यास करने से हम निश्चय ही शांति का अनुभव करेंगे।
जैसे-जैसे हम दिव्य ज्योति और श्रुति पर ध्यान टिकाने की गहन विधि या ‘शब्द मेडीटेशन’ का अभ्यास करने लगेंगे, तो हम भी एक दिन, मौत के क़रीब से गुज़रे बिना ही, उस अनुभव को पा लेंगे जो लाखों लोगों को मृत्यु के हादसे से गुज़रने के बाद प्राप्त होता है – कि इस दुनिया से परे भी अनंत प्रकाश, सुंदरता और ख़ुशियों भरी एक दुनिया है।

शोभित विश्वविद्यालय में बायोइन्फरमेटिक्स ग्रीष्मकालीन सर्टिफिकेट कोर्स का समारोह पूर्वक समापन हुआ

[मेरठ]शोभित विश्वविद्यालय में बायोइन्फरमेटिक्स ग्रीष्मकालीन सर्टिफिकेट कोर्स का समारोह पूर्वक समापन हुआ|अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए
शोभित विश्वविद्यालय में चल रहे बायोइन्फरमेटिक्स पर ग्रीष्मकालीन सर्टिफिकेट कोर्स का आज विधिवत समापन हुआ
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी अग्रवाल ने प्रतिभागियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वर्तमान में जैव विज्ञान व् सूचना प्रौद्यौगिकी का संगम शोध कार्य का अभिन्न अंग बन गया है| इसलिए बायोइन्फरमेटिक्स में प्रचिलित सॉफ्टवेयर का ज्ञान आवश्यक है|
प्रतिभागियों में से अदिति ने अपने अनुभव के विषय मैं बताते हुए कहा की कोर्स में सिखाये गए डी एन ऐ व् प्रोटीन विश्लेषण में प्रयुक्त नवीन सॉफ्टवेयर जैसे ऑटोडॉक, होमोलोगी मॉडलिंग, ब्लास्ट बहुत लाभदायक होंगे|
उन्होंने कार्यक्रम की संयोजिका डॉ रेखा दीक्षित से इस प्रकार के कार्यक्रम पुनः आयोजित करने का आग्रह किया| इस दौरान अन्वेशा ने कोर्स में सिखाये गए पर्ल प्रोग्रामिंग, लाइनेक्स, लोमेट्स, रोबेट्टा,एच एच परेड, पाईमोल, एक्सपेज़ी का विवरण दिया| कार्यक्रम में डॉ ज्योति शर्मा, राशि अग्रवाल,आदित्य पुण्ढ़ीर,अन्वेशा,सौन्दरा राजन का सहयोग प्रशंसनीय रहा| कार्यक्रम के अंत में डॉ जयानंद ने धन्यवाद ज्ञापित किया|

नितिन गडकरी ने ई रिक्शा स्कैम में अपना हाथ होने से इंकार किया

[नई दिल्ली]नितिन गडकरी ने ई रिक्शा स्कैम में अपना हाथ होने से इंकार किया
केंद्रीय सड़क + राजमार्ग मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने ई रिक्शा निर्माण में किसी प्रकार के अपने या परिवार के किसी सदस्य के व्यवसायिक स्वार्थ का खंडन किया है| इसके साथ ही उन्होंने पूर्ती ग्रीन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से किसी प्रकार के संबंधों को नकारा|
गौरतलब है कि बीते दिनों मीडिया के एक सेक्शन में ई रिक्शा के निर्माण में नितिन गडकरी के नाम को उछाला जा रहा है|
श्री गडकरी ने एक स्पष्टीकरण जारी करके कहा है किदिल्ली एन सी आर देश के अनेकों भागों में दो लाख से ज्यादा बैटरी से चलने वाले रिक्शा चल रहे हैं|जिनका निर्माण कई कंपनियों दवारा किया गया है| श्री गडकरी के अनुसार सी एस आई आर [Council of Scientific and Industrial Research ]से लाइसेंस प्राप्त कर्ता ही इन्हें बना सकते हैं|
फाइल फोटो