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Category: Crime

बी एस एन एल ने घाटे की टेलीग्राम सेवा से हाथ धोये ;अब टेलीग्राफ मशीनों और फर्नीचर का क्या होगा ?

भारतीय संचार निगम लिमिटेड [बी एस एन एल] ने घाटे का सौदा बन चुकी टेलीग्राम सेवा से हाथ धोने में सफलता प्राप्त कर ली है| रविवासरीय अवकाश की रात्रि ९ बजे सेवा समाप्ति की ओपचारिकता पूर्ण कर ली जायेगी| बताया जा रहा है के लगातार बढ़ते राजस्व घाटे के कारण टेलीग्राम सेवा बंद करने का फैसला किया गया है । जो आंकड़े दिए जा रहे हैं उसके अनुसार इस सेवा से सालाना खर्चे के मुकाबिले मात्र एक प्रतिशत की ही आय होती है|अर्थार्त ९९% की हनी उठानी पड़ती है|इसके संचालन और प्रबंधन का खर्च 100 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है|
राजस्व में कमी की वजह से केंद्र सरकारके विभाग बी एस एन एल ने मई, 2011 में टेलीग्राम दरों +इनलैंड टेलीग्राम सेवा शुल्क बढ़ाकर 27 रुपये प्रति 50 शब्द कर दिया |अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे ईमेल+ मोबाइल फोन+इंटरनेट+ की चकाचौंध के आगे टेलीग्राम सेवा धीरे-धीरे अप्रासंगिक सी होती चली गई|
इसी को आधार बना कर दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जून माह में कहा था के बहुत गर्मजोशी के साथ इसकी विदाई की जायेगी शायद इसीलिए आखिरी भेजे जाने वाले टेलीग्राम को किसी सरकारी संग्रहालय में दफन कर दिया जाएगा|टेलीग्राम के साथ ही एक आध मशीन भी कही सजाई जा सकती है लेकिन सभी मशीनों और उनके लिए प्रयोग में लाये जा रहे फर्नीचर के डिस्पोजल के विषय में अभी तक किसी भी हलके से कोई घोषणा नही हुई है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटे बड़े शहरों में 75 टेलीग्राम के सेंटर हैं इनमे १० गुना से अधिक स्टाफ है| करोड़ों रुपयों का फर्नीचर भी है|इन कर्मचारियों को तो बीएसएनएल अपनी सेवा में ले लेगा लेकिन मशीनों और उसके फर्नीचर का निस्तारण [डिस्पोजल] कैसे होगा शायद इसके लिए भविष्य में किसी कैग की रिपोर्ट का ही इन्तेजार करना पडेगा|

दिल से पत्रकारिता और राजनीती करने वाले बेहद दुर्लभ हैं :एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार[अब ब्लॉगर] लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख[ Tailpiece ] में कहा है कि दिमाग के दिशा निर्देशों पर केवल निजी स्वार्थ पूर्ती के बजाय दिल की पुकार पर पत्रकारिता और राजनीती करने वाले बेहद दुर्लभ हैं | पी पी बालाचंद्रन की पुस्तक ऐ व्यू फ्रॉम रायसीना हिल्स [“A view from the Raisina Hill.”]के अध्याय आर्ट +कल्चर+और मीडिया [“Art, Culture and Media”]. में उल्लेखित कार्टूनिस्ट रंगानाथ [अब स्वर्गीय] की जीवन के उतार चडाव के हवाले से कहा है कि रंग ने पत्रकारिता में अगर नाम कमाया और आज हम रंगा को याद करते हैं उसकी कमी को महसूस करते हैं तो केवल इसीलिए कि रंगा ने जीवन पर्यंत पोलिटिकल कार्टूनों में हमेशा अपने दिल के भावों से पाठकों का दिल जीता|.वर्तमान में क्रिकेटर द्वारा मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग के द्वारा दौलत कमाए जाने के समाचार फ्रंट पेज पर छाते हैं|
किताब में बाते गया है कि महात्मा गाँधी + नेल्सन मंडेला+यास्सेर अराफात+ मोहम्मद अली+मदर टेरेसा+ मारग्रेट थेचर +बिल क्लिंटन +रंगा की अमूल्य २००० कृतियाँ यदि बेच दी जाती तो रंगा भी करोड़ों डॉलर्स का मालिक हो सकता था|दुर्भाग्य से वर्तमान में पत्रकारिता+राजनीती के अलावा दुसरे छेत्रों में भी रंगा जैसे समर्पित लोग बेहद दुर्लभ हैं| रंगा वाकई प्रशंसा के पात्र हैं

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ओत्तावियो क्वात्त्रोची की मृत्यु १९८७ के अनैतिक बोफोर्स काण्ड का तिरस्कारपूर्वक अंत है:आप पार्टी

बोफोर्स तोपों में दलाली को लेकर जिसके नाम के गोले राजीव गाँधी [अब स्वर्गीय]पर चलाये जा रहे थे उस ओत्तावियो क्वात्रोची [ Ottavio Quattrocchi ] का शनिवार को इटली के मिलान में हार्ट अटैक से निधन हो गया है | इससे १९८७ के बोफोर्स दलाली के एक निंदनीय अध्याय का अंत हो गया है|इस पर टिपण्णी करते हुए आम आदमी पार्टी[आप]ने क्वात्त्रोची की मृत्यु को अनैतिक बोफोर्स काण्ड का तिरस्कारपूर्वक अंत बताया हैआप पार्टी का कहना है कि इस अकेले केस में केंद्र सरकार द्वारा लगातार पर्दा डाले रखने के बावजूद इसी केस के आधार पर स्विस बैंक से पहली बार इसकी डिटेल्स निक्लावाई जा सकी थी लेकिन इसके बावजूद अभी तक किसी को सजा नहीं हुई है|आठवें दशक से लगातार सी बी आई + तत्कालीन फॉरेन मिनिस्टर + नयायालय +के हस्तक्षेप और फिर क्वात्त्रोची को देश छोड़ने की इजाजत देकर केस को रिश्वत के बजाय धोखा धडी का केस बना दिया गया|पहले उसे देश से बाहर जाने दिया गया फिर उसके वापिसी के लिए नाटक किये गए| अब दलाली के क्यू [ Q ] नाम से कुख्यात इस मुख्य आरोपी की मृत्यु से केस की सभी गोपनीय जानकारी भी दफन हो गई है|
इससे एक बात तो साफ़ हो गई है कि देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को धनवान और शक्तिशाली के हित में अपराधिक रूप में उपयोग किया जा रहा है|
इसी परिपेक्ष्य में आप पार्टी ने लोक पल के गठन की मांग को पुनः उठाते हुए जुडिशियल सिस्टम में सुधार को आवश्यक बताया है|

भाजपा ने रायबरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को इतिहास पढ़ाया और महाराष्ट्रियन भावनाओं को भी उकसाया

भाजपा ने आज राय बरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को महिला शिक्षा का इतिहास पढ़ाया +महाराष्ट्रीय भावनाओं को उकसाया | भाजापा ने बताया कि श्री मति सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र राय बरेली में ५०० करोड़ रुपयों की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री श्री मति इंदिरा गांधी के नाम पर खुलने वाला महिला विश्वविद्यालय पहला महिला विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि पुणे की एसएनडीटी[SNDT] यूनिवर्सिटी है | इसे भारत रत्न डॉ केशव डी कर्वे ने १९१६ में दी इंडियन वुमन यूनिवर्सिटी के नाम से स्थापित किया था| यहाँ के वार्षिकोत्सव में महात्मा गाँधी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई थी| इसके पश्चात डॉ राधा कृष्णन +डॉ शंकर दयाल शर्मा+पंडित जवाहर लाल नेहरू+ श्री मति इंदिरा गाँधी आदि जैसी विभूतियों द्वारा यहाँ के अनेकों महत्वपूर्ण फंक्शन अटैंड किये गए हैं|
पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री नाइक ने कहा कि सरकार की यह घोषणा भारत में शैक्षणिक इतिहास के बारे में उसकी अज्ञानता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने संसदीय छेत्र में यह यूनिवर्सिटी खोली जा रही है और इसे पहली महिला यूनिवर्सिटी कहा जा रहा है|
भाजपा के राम नाईक ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के भारी भरकम नेता केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी उलाहना देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के ये नेता भी दिल्ली की सत्ता सुख में अपने छेत्र के सुनहरे इतिहास को भी भुला चुके हैं|
श्री नाईक ने बताया कि पुणे की पहली महिला यूनिवर्सिटी से महिलाओं का सशक्तिकरण शुरू हो गया था|चूंकि श्री मति इंदिरा गाँधी के नाम पर अनेको संस्थाएं हैं इसीलिए राय बरेली में खुलने वाली यूनिवर्सिटी को श्री मति सावित्री बाई फुले ,भागिनी निवेदिता,डॉ अन्दिता जोशी, श्रीमती रमाबाई रानाडे जैसी महिलाओं के नाम दिए जाने चाहिए| इन्होने भी महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है |
गौर तलब है कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने रायबरेली में दो विश्वविद्यालयों को खोलने की मंजूरी दी थी। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर एक महिला विश्वविद्यालय है इसे पहला महिला विश्व विद्यालय बताया गया है| ।
राम नाईक भाजपा के वरिस्थ नेता हैं और भाजपा नीत एन डी ऐ की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे हैं लेकिन फ़िल्मी एक्टर गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर इन्हें हराया था |

अमेरिकी आव्रजन नीति में सुधार की कवायद , क्या भारत पर दबाब की राजनीती है?

नई आव्रजन नीति क्या भारत पर अमेरिकी दबाब की राजनीती है?भारतीय वित्त मंत्री पी चिन्द्रम +वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा रतन टाटा आदि ने आज कल अमेरिका में डेरा डाला हुआ है।
इन्होने बेहद आशावान होकर अपने काउंटर पार्ट्स से मांग की है कि इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल को नई आव्रजन नीति से अलग रखा जाये वर्ना इससे भारतीय प्रतिभाओं को हानि होगी ।
इसके ठीक विरुद्ध अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने आज फिर कांग्रेस से आग्रह किया है कि उनकी नई महत्त्व कांक्षी आव्रजन नीति को तत्काल मंजूरी दे दी जाये ताकि इसे कानून की शक्ल दी जा सके ।
अमेरिकन व्हाईट हाउस और भारतीय सूचना विभाग द्वारा जारी दो प्रेस रिलीज इस प्रकार निम्न है :

AMERICAN PRESIDENT BARACK OBAMA

AMERICAN PRESIDENT BARACK OBAMA

[१]राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज फिर कांग्रेस से आग्रह किया है कि राष्ट्र हित में अप्रावासन [BrokenImmigration ] नीति को शीघ्र मंजूरी दे दी जाये
अपने साप्ताहिक संबोधन में बराक ओबामा ने कहा कि दो सप्ताह पूर्व द्विदलीय सीनेट ने बड़ी संख्या में अप्रवासन नीति[ commonsense imm igration reform, ] को मजूरी देकर इसे कांग्रेस को भेजा थाi इस नीति से देश की आर्थिक स्थिति +सामाजिक सुरक्षा में सुधर तो आयेगा ही इसके साथ ही अप्रवासन कानून को हमारे सिद्धांतों के अनुरूप आधुनिक जामा पहनाया जा सकेगा| इसीलिए ब्रोकन अप्रवासन नीति के सुधारों के लिए कांग्रेस को भी अब तत्काल अपनी मंजूरी दे देनी चाहिए| यह अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए जरुरी भी है|
उन्होंने बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की संख्या ११ मिलियन पर पहुँच गई है|इन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने से चौमुखी विकास होगा| राष्टपति ने बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि सीनेट का यह प्लान कानून बन जाता है तो देश कि इकोनोमी में ५% की वृद्धि होगी और मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डॉलर्स की अतिरिक्त आय होगी |उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा से ही आप्रवासियों का देश रहा है| इन सब ने मिल कर अमेरिका को विश्व का सिरमौर देश बनाया है लेकिन वर्तमान में ऐसी अनेको प्रतिभाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर रखा जा रहा है|इन्हें कानूनी अधिकार देने से ये लोग भी देश के विकास में यौग्दान दे सकेंगे|उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूर्व प्रेजिडेंट बुश और वोह[बराक ओबामा ] इस मसले पर सहमत हो सकते हैं तब कांग्रेस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स को एक जुट होकर राष्ट्र हित में अप्रवासन बिल को मंजूरी दे देनी चाहिए ताकि इसे कानून बनाने के लिए उन्हें [ओबामा]को हस्ताक्षर करने का सुअवसर मिल सके|
The Union Minister for Commerce & Industry, Shri Anand Sharma with the US Commerce Secretary, Ms. Penny Pritzker, in Washington DC on July 12, 2013.

The Union Minister for Commerce & Industry, Shri Anand Sharma with the US Commerce Secretary, Ms. Penny Pritzker, in Washington DC on July 12, 2013.

[२]भारत के केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से प्रस्तावित अमरीकी आव्रजन कानून के प्रतिबंधात्मक प्रावधानों पर चिंता प्रकट कीहै
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री शर्मा ने बीते दिन अमरीका की वाणिज्य मंत्री से वाशिंगटन में मुलाकात की। श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री सुश्री पैनी प्रित्ज्कर[ Ms. Penny Pritzker] को अमरीकी वाणिज्य मंत्री नियुक्त होने के लिए बधाई दी। इस बैठक के दौरान श्री आनंद ने सुश्री प्रित्ज्कर से कहा कि प्रौद्योगिकीय सेवाएं देने वाले अत्यधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल को आव्रजक नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने अमरीकी कांग्रेस में फिलहाल विचाराधीन अमरीकी आव्रजन कानून में कुशल प्रोफेशनल के आवागमन पर प्रतिबंधात्मक प्रावधान शामिल करने संबंधी भारतीय आईटी उद्योग की चिंताएं प्रकट की।
श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री को भारत की पेटेंट व्यवस्था की भी जानकारी दी जो पूरी तरह टीआरआइपीएस के अनुकूल कानून पर आधारित है तथा उसे लागू करने की ठोस व्यवस्था है।
श्री शर्मा ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर उदार रवैया अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भारत-अमरीकी व्यापार एवं आर्थिक सहयोग में वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में इन मुद्दों पर विचार करने पर बल दिया।
श्री शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में अमरीकी कारोबारियों के लिए अवसरों की भी जानकारी दी। उन्होंने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से कहा कि भारत ने राष्ट्रीय निवेश एवं विनिर्माण के 13 क्षेत्रों की स्थापना को मंजूरी दे दी है जिनमें से आठ को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के पास अनुमोदित किया गया है।
श्री शर्मा और अमरीकी वाणिज्य मंत्री ने दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय संवाद बनाए रखने पर भी सहमति प्रकट की। सुश्री प्रित्ज्कर ने भारत आने का श्री शर्मा का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया।श्री शर्मा ने वॉलमार्ट एशिया के सीइओ श्री स्कॉट प्राइस से भी मुलाकात की तथा मल्टी-ब्रैंड खुदरा व्यापार संबंधी विभिन्न
मुद्दों पर चर्चा की। श्री शर्मा ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के लिए अमेज़न डॉट कॉम के उपाध्यक्ष श्री पॉल मिजेनर से भी मिले तथा ई-कॉमर्स सेंबंधी मुद्दों पर चर्चा की
उपरोक्त के मध्य नजर अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि बेशक अमेरिका द्वारा अपने हित में यह कार्यवाही की जा रही हैइससे वहां मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डालर की अतिरिक्त आय होगी अवैध अप्रवासी मुख्य धारा में आ जायेंगे लेकिन इसके साथ ही भारत की प्रतिभाओं को वहां अप्रवासी की तरह ट्रीट किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप भारतीय हाईली स्किल्ड प्रतिभाओं को भी हानि होगी |इससे अनेकों प्रश्न उठ रहे हैं
।[१]पहला प्रश्न यह उठता है कि अमेरिका में कार्यरत भारतीय कंपनियों और उनके प्रोफेशनल्स का क्या होगा ?
[२]क्या यह भारत पर अपनी बहु राष्ट्रीय कम्पनियों के लिए अमेरिकी दबाब की राजनीती है?
[३] वाल मार्ट जैसी अमेरिकन कंपनियों को भारत में व्यापार की इजाजत देने से क्या अमेरिका के रुख में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हो पायेगा ?अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए अप्रवासन बिल पर कांग्रेस को तत्काल मंजूरी दे देनी चाहिए:बराक ओबामा|
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अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए अप्रवासन बिल पर कांग्रेस को तत्काल मंजूरी दे देनी चाहिए:बराक ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज फिर कांग्रेस से आग्रह किया है कि राष्ट्र हित में अप्रावासन [BrokenImmigration ] नीति को शीघ्र मंजूरी दे दी जाये
अपने साप्ताहिक संबोधन में बराक ओबामा ने कहा कि दो सप्ताह पूर्व द्विदलीय सीनेट ने बड़ी संख्या में अप्रवासन नीति[ commonsense imm igration reform, ] को मजूरी देकर इसे कांग्रेस को भेजा थाi इस नीति से देश की आर्थिक स्थिति +सामाजिक सुरक्षा में सुधर तो आयेगा ही इसके साथ ही अप्रवासन कानून को हमारे सिद्धांतों के अनुरूप आधुनिक जामा पहनाया जा सकेगा| इसीलिए ब्रोकन अप्रवासन नीति के सुधारों के लिए कांग्रेस को भी अब तत्काल अपनी मंजूरी दे देनी चाहिए| यह अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए जरुरी भी है|
उन्होंने बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की संख्या ११ मिलियन पर पहुँच गई है|इन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने से चौमुखी विकास होगा| राष्टपति ने बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि सीनेट का यह प्लान कानून बन जाता है तो देश कि इकोनोमी में ५% की वृद्धि होगी और मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डॉलर्स की अतिरिक्त आय होगी |उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा से ही आप्रवासियों का देश रहा है| इन सब ने मिल कर अमेरिका को विश्व का सिरमौर देश बनाया है लेकिन वर्तमान में ऐसी अनेको प्रतिभाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर रखा जा रहा है|इन्हें कानूनी अधिकार देने से ये लोग भी देश के विकास में यौग्दान दे सकेंगे|उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूर्व प्रेजिडेंट बुश और वोह[बराक ओबामा ] इस मसले पर सहमत हो सकते हैं तब कांग्रेस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स को एक जुट होकर राष्ट्र हित में अप्रवासन बिल को मंजूरी दे देनी चाहिए ताकि इसे कानून बनाने के लिए उन्हें [ओबामा]को हस्ताक्षर करने का सुअवसर मिल सके|

भाजपा ने देश में वर्तमान आर्थिक संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया

भाजपा ने वर्तमान आर्थिक संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है|राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मति मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के सामान्य ब्रीफिंग में कहा कि एशिया में भारतीय रुपये की हालत ज्यादा खस्ता है|३१ मई के पश्चात ५.३% कमजोर हो गया है
आज यह डॉलर के मुकाबिले ६०/= तक गिर चुका है अब इसके ७०/= तक गिरने की संभावना बनी हुई है|
विक दर ५% के रिकार्ड निचले स्तर पर आ पहुंची है|३१ मार्च को समाप्त वर्ष में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जी.डी पी ४.८% .पर पहुँच गई|इसी कुशासन के कारन मणि शंकर ऐय्यर जैसे मंत्री को में, पंचायत राज के लिए ,नार्वे जैसेदेश के युवराज हाकोन से भिक्षा मांगनी पडी \
करीब दस वर्षों में लगातार बढती कीमतें+मुद्रा स्फूर्ति+भ्रष्टाचार+अराजकता+साम्प्रदाईक नफरत आदि से कांग्रेस का चेहरा देश के सामने आ गया है|कांग्रेस पार्टी की झूठा प्रचार करने की मशीनरी के दिन लद चुके हैं |

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले एक किशोरी कन्या मलाला युसुफ़जई ने महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया |पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने पर चरमपंथियों की गोलियों की शिकार बनी मलाला ने अपने 16वें जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष सत्र को आज संबोधित भी किया|इस अवसर पर मलाला ने कहा कि वो हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के लिए बात करने आई हैं.बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के हमले के बाद मलाला को इलाज के लिए इंग्लैंड लाया गया था और अब वह बर्मिंघम में रहती हैं
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में युवाओं के एक विशेष सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और दुनिया भर से आए 1000 से ज़्यादा छात्र-छात्राएं मलाला को सुनने के लिए मौजूद थे.
मलाला ने कहा वह बहुत-सी लड़कियों में से एक हैं जिन्होंने उनके लिए आवाज़ उठाई है जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते.
मलाला ने सभी बच्चों के लिए मुफ़्त अनिवार्य शिक्षा का आहवान किया और कहा कि सिर्फ़ शिक्षा के माध्यम से ही जीवन स्तर सुधारा जा सकता है.
मलाला ने कहा कि तालिबान के हमले से उनकी ज़िंदगी में कुछ नहीं बदला सिवाय इसके कि “कमज़ोरी, डर और नाउम्मीदी ख़त्म हो गई.”
उन्होंने कहा, चरमपंथी किताब और कलम से डरते थे और अब भी डरते हैं. वह महिलाओं से भी डरते हैं.|
मलाला ने कहा कि वह महिला अधिकारों के लिए इसलिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि “उन्हीं को सबसे ज़्यादा भुगतना पड़ता है.”
उन्होंने कहा, “चलिए हम अपनी किताबें और पेन उठा लेते हैं. यही सबसे ताकतवर हथियार हैं. एक बच्चा, एक शिक्षक, एक पेन और एक किताब दुनिया को बदल सकते हैं. शिक्षा ही एकमात्र हल है.”
पूर्व ब्रितानी प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने सत्र का शुरुआती भाषण दिया| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून + वुक[Vuk Jeremić ] +अहमद[ Ahmad Alhendawi,]ने भी सत्र को संबोधित किया.इससे १७ जून को पूर्व ब्राउन ने विश्व भर में एक अभियान चलाया था जिसके अनुसार प्रत्येक छात्र की सुरक्षा की मांग की गई थी | सबसे पहले मलाला ने साईन करके इस अभियान को आगे बढाया था|

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भाजपा ने चिंता व्यक्त की

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दिनों दिन बिगड़ने पर कांग्रेस के पश्चात अब भाजपा ने भी चिंता व्यक्त की |भाजपा प्रवक्ता, टेक्नोक्रेट, डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने पार्टी की सामान्य ब्रीफिंग में समाज वादी पार्टी की यूं पी में सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की समस्या नैसर्गिक रूप से सपा के साथ जुड़ी रहती है लेकिन इस बार तो सभी उम्मीदें ध्वस्त हो चुकी हैं| गुना और बलिया के विधायक से लेकर मंत्री आज़म खान +शिव पाल यादव+ और यहाँ तक कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं |
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि बी एस पी के भ्रष्टाचार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता ने सपा को सत्ता सौंपी थी लेकिन मात्र डेड़ वर्षों में ही व्यवस्था बद से बत्तर हो गई है | युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार से उम्मीदें समाप्त हो गई हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि सरकर के छह शक्ति केंद्र बने हुए हैं |शिव पाल यादव कहते हैं कि थानों पर समाज वादियों का कब्जा है|आज़म खान कहते हैं कि उन्होंने ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराई और दूसरों ने पैसे देकर उनकी ऍफ़ आई आर को कही रफा दफा करवा लिया|पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह कहते हैं कि यदि में सत्ता में होता तो तत्काल सभी कुछ ठीक कर लेता|
डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि सपा केंद्र में कांग्रेस की सरकर को सहयोग दे रही है ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस भी सपा को सपोर्ट करने को बाध्य है ऐसे में इन दोनों पार्टियों से कोई उम्मीद नही है इसीलिए लोक सभा के चुनावों में दोनों को उखाड़ फैंकना जरुरी है |इससे पूर्व कांग्रेस कि नेत्री रीता बहुगुणा जोशी भी यह ओपचारिकता निभा चुकी हैं

एमएसआईपीएस आवेदनों का निपटारा शीघ्र होगा: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्‍बल

केन्‍द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने भारत में इलैक्‍ट्रोनिक सिस्‍टम डिजाईन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में 961 करोड़ रूपए के निवेशों को सरकारी वित्‍तीय मदद के संबंध में निवेश सिफारिशों का नई दिल्‍ली स्थित इलैक्‍ट्रोनिक्‍स निकेतन में 12 जुलाई, 2013 को उद्योग के प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, एमएसआईपीएस आवेदकों और मीडिया की उपस्थिति में खुलासा कि‍या। बताय गया है कि नि‍वेश प्रस्‍ताव इस प्रकार होगा|
[१]. नोएडा में स्‍मार्ट फोन बनाने के लिए सैमसंग इंडिया इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड को 406 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना अगले छह महीने में शुरू होने की उम्‍मीद है।
[२]. बैंगलोर में इसीयू इंजन सिस्‍टम, इसीयू ब्रेक सिस्‍टम, बॉडी कम्‍प्‍यूटर मॉड्यूल जैसे ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक सामान बनाने के लिए बॉच ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स इंडिया लिमिटेड के लिए 544 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी।
[३]. लाईटिंग उत्‍पादों में एलईडी बनाने के लिए सहसरा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड के लिए 11.1 करोड़ रूपए के निवेश का प्रताव है।
इस परियोजना के पांच साल में पूरी होने की उम्‍मीद है।
सैमसंग और बॉच को उनके निवेश का 25 फीसदी सब्सिडी दिया जाएगा कयोंकि दोनों कंपनियां गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में नहीं है, ज‍बकि सहसरा की इकाई सेज इलाके में होने से उसे 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। एमएसआईपीएस के तहत बड़े और छोटे निवेशों पर विशेष आर्थिक प्रोत्‍साहन दिया जाता है। यह आर्थिक प्रोत्‍साहन बिना किसी भेदभाव के बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियों को भी दिया जाता है।
इस मौके पर श्री कपिल सिब्‍बल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और सरकार रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार एवं निर्यात के लिए देश में नवीन तकनीक लाने की कोशिश में है। एमएसआईपीएस आवेदनों का इतने कम समय में मंजूरी देने से भारत में ईएसडीएम क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के‍ लिए सही वातावरण का निर्माण हो सकेगा।
एमएसआईपीएस के तहत अब तक 4600 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश संबंधी आवेदन आए हैं। ये सभी आवदेन समीक्षा और मंजूरी के विभिन्‍न चरणों में हैं। इनमें उपभोक्‍ता इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सामानों में 450 करोड़, हाथ से इस्‍तेमाल होने वाले यंत्रों में 410 करोड़, दूरसंचार उत्‍पादों में 1770 करोड़, एलईडी और एलईडी उत्‍पादों में 310 करोड़, इलैक्‍ट्रानिक संघटक में 45 करोड़, ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 10 करोड़, ऊर्जा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 40 करोड़, स्‍ट्रेटेजिक इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 210 करोड़ और सेमि‍कंडेक्‍टर एटीएमपी में 750 करोड़ रूपए के प्रस्‍ताव शामिल हैं।
एनपीई के आकर्षक प्रावधानों में एक एमएसआईपीएस है, जो जुलाई 2012 में अधिसूचित हुआ था और उसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। तब इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग द्वारा एमएसआईपीएस योजना के तहत आवेदन मंगाए गए थे। योजना के अनुसार सरकार नई विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने और मौजूदा विनिर्माण इकाईयों में विस्‍तार के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी उपलब्‍ध करा रही है।
ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों की स्‍थापना का काम भी जोर पकड़ रहा है। अब तक लगभग 2100 करोड़ रूपए के निवेश के आठ आवेदन प्राप्‍त हुए हैं और ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए 1805.29 एकड़ जमीन मंजूर हुई है। ग्रीनफील्‍ड इकाइयां हैदराबाद, बैंगलोर के पास होसुर, भिवाड़ी, भोपाल आदी जगहों पर स्‍थापित की जाएगी। ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के पहले तीन प्रस्‍ताव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग के सचि‍व की अध्‍यक्ष्‍ाता वाली संचालन समिति के पास सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जा रही है जिससे आवेदक इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने का अगला कदम उठा सकेंगे। ये तीनों प्रस्‍ताव इस प्रकार हैं:-
[१]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा हैदराबाद में 602.37 एकड़ जमीन पर 580 करोड़ रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[२]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा आंध्र प्रदेश के महेश्‍वरम में 310 एकड़ जमीन पर 360 करोड रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[३]. जीएमआर इंफ्रा द्वारा तमिलनाडु के होसुर में 527.1 एकड़ जमीन पर 606 करोड़ के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।