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Category: Crime

आई पी एल के दोषियों को बचाने के लिए फिक्सिंग और बेटिंग में लाईन खींची जाने लगी है

आई पी एल में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में चल रही जांच में बी सी सी आई सुप्रीमो के दामाद एम् गुरुनाथ को २९ मई तक के लिए मुम्बई पोलिस ने रिमांड पर लिया है |अब गुरुनाथ और बिंदू दारा सिंह को आमने सामने बैठा कर पूछ ताछ करने के यौजना बनाई जा रही है| इस प्रकरण से श्रीनिवासन के बी सी सी आई से निर्वासन /निष्काशन की आवाज को बल मिलना शुरू हो गया है लेकिन श्रीनिवासन ने किसी दबाब में आकर अपना पद छोड़ने से मना कर दिया है|
अब गुरु नाथ कैम्प से कहा जा रहा है कि गुरुनाथ ने स्वयम बेटिंग में एक करोड़ रुपयों का नुक्सान करा लिया है अर्थार्त सहानुभूति प्राप्त करने की मुहीम शुरू हो गई है| अब प्रश्न उठाया जा सकता है कि घोड़ों की दौड़ में बेटिंग कानून सही है|ऐसे में गुरुनाथ जैसे शक्तिशाली+प्रभावशाली का एक करोड़ का नुक्सान हो गया तो वोह स्पॉट या मैच फिक्सिंग में कैसे लिप्त हो सकता है|यदि दामाद गुरु नाथ की संलिप्ता साबित कर ली जाती है तब ससुर सुप्रीमो श्रीनिवासन खुद बा खुद ही फिक्सिंग+मिस मेनेजमेंट के आरोपों से बाहर हो सकते हैं |
स्पॉट+मैच फिक्सिंग और इल्लीगल बेटिंग में खींची जा रही इस बारीक लाईन के पीछे ध्यान से देखने पर कुछ कुछ इस प्रकार देखा जा सकता है|
[१] क्रिकेट में बेटिंग अनाधिकृत है|
[२] यह अनाधिकृत कार्य क्रिकेट के वर्तमान सुप्रीमो और एक टीम के फ़्रेञ्चाईसी के मालिक ने किया है
[३]बेशक हॉर्स रेस में बेटिंग लीगल हैं मगर वहां पर स्तुवर्ड्स या बुकी या उनके परिवार जनो को भी बेटिंग की परमिशन नही है|
[४] कहा जा रहा है कि विदेशों से संचालित देश द्रोहियों की तिजोरियों में बेटिंग का पैसा जा रहा है
अब यह तो सामान्य ज्ञान का प्रश्न है कि जब गुरुनाथ जैसे एक प्रभावी +शक्तिशाली व्यक्तित्व की संलिप्तता बेटिंग में साबित हो जाती है तब यह तय करना लगभग नामुमकिन होगा कि किसी भी प्रकार की फिक्सिंग नही हुई वैसे भी बेटिंग का पैसा इल्लीगल तरीके से विदेशों में बैठे देश द्रोहियों को शक्तिशाली कर रहा हो तब किसी भी तरह की माफी के लिए किसी भी स्कोप को तलाशना आने आप में जेंटल मैन गेम और देश के हित में नहीं होगा|

सलमान खुर्शीद के अश्व मेघ यज्ञ घोड़े के साउदी अरब में आगमन से २५ लाख भारतीयों की निकासी रुकेगी ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाड़े विदेश मंत्री जनाब सलमान खुर्शीद साहब ने अपने अश्व मेघ यज्ञ का रथ साउदी अरब की तरफ मौड़ दिया है|ओये अब वहां काम कर रहे लगभग २५ लाख भारतीयों की आवाज दबाई नही जा सकेगी उन्हें भी लगेगा कि उन्हें भी सुनने वाला कोई है| इसके अलावा ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद निरोधी सहयोग पर भी रास्ता निकाला जाएगा|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी के ही डा प्रणव मुखर्जी साहब ने भी २००८ में ऐसे ही तेवर दिखाए थे लेकिन उसके बाद वहां नई श्रम नीति[निताकत१९९४ ] के नाम पर निकासी की तलवार के नीचे आये भारतीयों की संख्या २७००० तक पहुँच गई है|और अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह संख्या तीन लाख [ स्किल +अन स्किल] तक पहुँच सकती है|और स्थिति बिगड़ने पर यह संख्या २५००००० तक पहुँच सकती है|ये अधिकतर साउथ के ही हैं | बेशक आप अपना राजनितिक प्रभाव साउथ में बढाना चाहते हो लेकिन अब इतनी नौकरियां खुले आम केवल इन्ही के लिए तो भारत में क्रियेट करने से रहे |

आई पी एल के सर्वोच्च दोषियों को बचाने के लिए नेताओं ने भी शब्दों की वाइड बालिंग शुरू कर दी है

जेंटल मैन के गेम क्रिकेट में सुधार के नाम पर राजनीतिज्ञों में राजनीति का आई पी एल शुरू हो गया है| जबसे बी सी सी आई के सुप्रीमो एन श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम बेटिंग या फिक्सिंग में आया है तब से नेताओं पर भी सवाल उठने लगे हैं दिल्ली पोलिस द्वारा अपनी जांच को सिमित किये जाने के बावजूद अब कमान मुम्बई पोलिस ने संभाल ली है और गुरुनाथ को पूछ ताछ के लिए हिरासत में ले लिया है इसीलिए फेस सेविंग के लिए अब दलों ने शब्दों की/बयानों की बालिंग शुरू कर दी है लेकिन अधिकाँश बालिंग वाईड ही जा रही है| अर्थार्त वर्तमान समस्यायों को हल करने के लिए भविष्य में यौजनाएं बनाए जाने पर बल दिया जा रहा है| उदहारण देखिये
[१] सबसे पहले कांग्रेस के केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने क्रिकेट को लेकर एक नए कानून की आवश्यकता पर बल दिया|
[२]स्पोर्ट्स मिनिस्टर जीतेन्द्र सिंह ने आई पी एल को लेकर हो रहे खुलासों पर शर्मिंदगी दिखाई|
[३] संसद में विरोधी मगर क्रिकेट में साथ साथ भाजपा के राज्य सभा में नेता और बी सी सी आई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली तथा कांग्रेस के संसदीय कार्य मंत्री और आई पी एल के चेयर मैन राजीव शुक्ला ने कानून मंत्री कपिल सिब्बल के यहाँ जा कर क्रिकेट में एक सशक्त कानून की मांग करके अपना विरोध जताने के ओपचारिकता पूरी कर दी है|गौरतलब है की कपिल सिब्बल पहले ही इसके लिए आदेश दे चुके हैं|वास्तव में राजीव शुक्ल शुरू से ही श्रीनिवासन के बचाव में रवि वसानी कमिटी की रिपोर्ट की प्रतीक्षा करने की बात कहते रहे हैं|जेटली शुरू से ही मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं|
[४]क्रिकेट जगत के एक और महायौद्धा शरद पवार की राजनितिक पार्टी एन सी पी के प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने और उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने श्रीनिवासन के तत्काल इस्तीफे की मांग कर डाली है| इसके अलावा कांग्रेस के ही एक अन्य सहयोगी लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार ने बड़े हलके स्वभाव में आई पी एल की आलोचना करके पल्ला झाड लिया है|
[५]सहारा श्री सुब्रोतो रॉय ने पुणे वारियर से अपनी फ़्रेञ्चाईसी को समाप्त कर दिया है और अपनी सिक्यूरिटी जब्त किये जाने से क्षुब्ध होकर रॉय ने श्रीनिवासन के अवगुण गिनाते हुए तत्काल हटाये जाने की मांग करने शुरू कर दी है| टाइम्स नॉव के एंकर अरनव गोस्वामी को दिए इंटर व्यू में रॉय ने श्रीनिवासन को नकारा साबित किया है|
जेंटल मैन गेम क्रिकेट में स्पॉट +मैच फिक्सिंग और बेटिंग के माध्यम से राष्ट्र विरोधियो के हाथ मजबूत किये जा रहे हैं ऐसे में बी सी सी आई के कर्णधार अपने सुप्रीमो को बचाने के लिए दुनिया भर की दलीलें देते फिर रहे हैं| दिल्ल्ली और मुम्बई पोलिस में भी फुटबाल शुरू हो गया है यहाँ तक के नेताओं ने वाईड बालिंग शुरू करके समय लिया जा रहा है ऐसे में यह कहना अनुचित नही होगा के जेंटल मैन का यह गेम अब असभ्य लोगों का खेल बन चुका है|

पी आई ऐ के यात्री विमान को ब्रिटिश एयर फाॅर्स के लड़ाकुओं ने सुरक्षा कारणों से नीचे उतारा

हवा में परवाज कर रहे पाकिस्तान एयर लाइन्स के यात्री विमान को ब्रिटिश एयर फाॅर्स के जहाज़ों ने सुरक्षा की द्रष्टि से गंतव्य स्थल से पहले ही उतार लिया | बताया जा रहा है कि पी आई ऐ की उड़ान में कुछ गड़बड़ी के संकेत मिलने पर उसे लंदन के एक विशेष आतंकवाद-निरोधक हवाई अड्डे में उतरने को विवश कर दिया गया | इस विमान में लगभग तीन सौ यात्री सवार बताये गए हैं|
प्राप्त जानकारी के अनुसार लाहौर हवाई अड्डे से उड़े इस विमान को मैनचेस्टर में उतरना था। लैंडिंग से कुछ पहले विमान से इमरजेंसी सिग्नल्स भेजे गए जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स के दो टायफून विमानों को भेज कर ब्रिटिश हवाई क्षेत्र में उड़ रहे पी आई ऐ के यात्री विमान को अपनी निगरानी में आतंकरोधी हवाई अड्डे स्टैंस्टेड पर उतार लिया गया।
गौरतलब है कि बीते दिनों एक युवा सैनिक को कट्टर पंथियों ने निर्दयता से क़त्ल कर दिया गया था उसके पश्चात ब्रिटेन में सतर्कता बड़ा दी गई है इसी कवायद में पी आई ऐ के प्लेन से इमरजेंसी सिग्नल्स मिलते ही तत्काल सुरक्षात्मक कार्यवाही की गई| पी आई ऐ या ब्रिटिश एजेंसियों द्वारा अभी तक किसी अप्रिय मुठभेड़ +विमान में गडबडी या किसी आतंकवादी घटना की पुष्ठी नही की गई है|

पोलिटिकली+कल्चरली सेंसरशिप स्वीकार्य है : सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

एन डी ऐ इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख[ TAILPIECE ] के माध्यम से इन्टरनेट के माध्यम से व्यक्त किये जा रहे विचारों पर लगाई जा रही सेंसरशिप का उल्लेख किया है | उन्होंने सी आई ऐ [CIA ]के पूर्व निदेशक MichaelHayden के हवाले से पोलिटिकली+कल्चरली [ POLITICALLY AND CULTURALLY ] सेंसरशिप को बेहतर बताया है| श्री आडवाणी ने माइकल हेडेन [ MichaelHayden ] की पुस्तक के हवाले से विश्व में तीन प्रकार की सेंसरशिप का उल्लेख किया है|
[१]

खुल्लमखुल्ला

सेंसर शिप के लिए दबंग चाइना का ज्वलंत उदहारण दिया जा सकता है| चाइना में फेस बुक+ट्विटर+टुम्बिर आदि सोशल साईट्स को थियमनन चौक कांड के बाद [ Tianenmen Square ] सरकार द्वारा खुल्लम खुल्ला बैन कर दिया गया| दलाई लामा के तिब्बत आन्दोलन पर चर्चा पर पूर्णतया पाबंदी है|
[२]

शर्मनाक भेड़ छननी

[ SHEEPISH:Filter ]इसके सपोर्ट में टर्किश सरकार का उदहारण दिया गया है| टर्किश सरकार स्वयम को इंटरनेट यूसर्स के साथ असहज मानती है| बेशक यहाँ चीन की तरह खुल्लम खुल्ला दबंगई नही है फिर भी सूचना या चेतावनी दिए बगैर ही लगभग ८००० वेबसाइट ब्लाक कर दी गई है|
[३]

पोलिटिकली+कल्चरली स्वीकार्य

[POLITICALLY AND CULTURALLY ]इस फ़िल्टर को सबसे भिन्न बताया गया है| इसके लिए साउथ कोरिया+ जर्मनी + मलेशिया के उधारण हैं| यह सेंसर शिप चुनिन्दा और कानूनन कुछ स्पेशल केसों पर ही लागू होती है| जिसे छुपाया नहीं जाता +जबरदस्ती थोपा नही जाता+चोरी छुपे लागू नहीं किया जाता| हेडेन की पुस्तक में इस तरीके की सेंसरशिप की कामना की गई है|
सर्व विदित है के भारत में इमरजेंसी के कारण श्री आडवाणी आदि राजनीतिज्ञों ने जेलों में कष्ट सहे थे|और उस उत्पीडन से उबरने के लिए जनता पार्टी का गठन किया गया था| अब फिर से देश में सोशल मीडिया पर पाबन्दी लगाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं ऐसे में यह लेख आई ओपनर हो सकता है|

जेंटल मैन के गेम आइ पी एल में फिक्सिंग की जांच होने तक श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी

भारत में कर्णधारों द्वारा एक विशेष धर्म का पालन बड़े धर्म से किया जाता है और वोह धर्म है विपक्षी के परिवारजनों के सभी नैतिक अनैतिक कार्यों पर मौन धारण करना | इस राष्ट्रीय धर्म का पालन क्रिकेट जैसे राष्ट्रीय खेल में भी किया जा रहा है| इस खेल में छोटे मोटे आरोपियों को लोहे की सलाखों के पीछे रखने के लिए दिन रात पसीना बहाया जा रहा है लेकिन क्रिकेट के कर्णधारों के परिवार जनो के प्रति मौन धर्म का पालन पूरे धर्म से किया जा रहा है|
स्पॉट फिक्सिंग की जांच अब केवल तीन खिलाड़ियों तक ही सिमित नही रही इसकी आंच बड़े लोगों तक पहुँचने लगी है|भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी श्रीमति साक्षी धोनी और बी सी सी आई के टाप बॉस श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम भी आरोपियों में आने लगा है| गुरुनाथ स्वयम आई पी एल की टीम के फ्रेंचाइसी[C S K] हैं और उनके लिंक फिक्सिंग के आरोपियों से जुड़ रहे हैं|
श्री मति धोनी को एक मैच में एक आरोपी बिंदू दारा सिंह के साथ मैच में ठहाके लगाते देखा गया |उस मैच में धोनी के हाफ सेंचुअरी बनाने के बावजूद भी दूसरी टीम जीत गई| इसके अलावा स्वयम बिंदू ने अपने संबंधों को आई पी एल की एक टीम के मालिक मय्यपन गुरुनाथ [फ्रेंचाईसी] के साथ स्वीकार कर लिया है यह फ़्रेञ्चाईसी बी सी सी आई के चेयर मैन एन श्रीनिवासन का दामाद है|
दिल्ली +मुम्बई की पोलिस आये दिन एक के बाद एक नए खुलासे करके एक दूसरे पर स्कोर करने की कौशिश में हैं| कांग्रेस +भाजपा+एन सी पी आदि पार्टियों के राजनीतिक इस प्रकरण पर अफ़सोस जता रहे हैं मीडिया चिल्ला चिल्लाकर सबका ध्यान इस दिशा में ला रहा है | इस सब के बावजूद कोई श्रीनिवासन या एम् एस धोनी जैसों के विषय में बोलना भी गवारा नही कर रहा| पोलिस गुरुनाथ को आई पी सी की धारा १६० के अंतर्गत तत्काल पूछ ताछ तक के लिए अपने थाणे में नही बुला सकी|
कांग्रेस के संसदीय राज मंत्री राजीव शुक्ला[स्वयम भी पत्रकार ] की रटी रटाई स्टीरियो टाइप प्रतिक्रिया है कि कानून अपना काम कर रहा है|भाजपा कोटे के युवा नेता अनुराग ठाकुर तो किसी बात से अनभिज्ञता जाहिर करते फिर रहे हैं| भाजपा के राज्य सभा में नेता अरुण जेटली की क्रिकेट से बर्खास्तगी की मांग उठने लग गई है| इससे पूर्व पार्टी की लोक सभा में नेता श्री मति सुषमा स्वराज ने आइ पी एल पर प्रतिबन्ध लगाये जाने का विरोध जताया है|खेल से जुड़े एन सी पी के सुप्रीमो शरद पवार की चुप्पी टूटी नहीं है|टीम चयन के लिए जिम्मेदार के.श्रीकांत+ वरिष्ठ सुनील गवास्कर+कपिल देव आदि श्रीनिवासन के खिलाफ बोलने को तैयार नही दिख रहे है | पूर्व पी एम् अटल बिहारी वाजपई के दामाद से लेकर वर्तमान यूपी ऐ की अध्यक्षा के दामाद के केस में इसी धर्म का पालन किया जाता रहा है|अब क्रिकेट के चेयर मैन एन श्रीनिवासन के दामाद के केस में भी उसी लाईन को फॉलो किया जा रहा है|
देश और खेल के कर्णधारों का यह व्यवहार कहीं न कहीं इस धर्म का सन्देश जरुर देता है कि किसी के परिजनों पर अटैक नही करना चाहिए|
यहाँ यह कहना उचित ही होगा कि क्रिकेट कि सबसे बड़ी संस्था आई सी एल ने स्पॉट फिक्सिंग के मात्र आरोप के आधार पर पाकिस्तान के एम्पायर असद रऊफ को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी क्रिकेट प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है| लेकिन भारत में अपने प्रतिनिधि एन श्रीनिवासन को हटाने को तैयार नही है| अगर असद रऊफ़, की बर्खास्तगी खेल और प्रतियोगिता के हित में है और किसी भी जांच के नतीजे की प्रतीक्षा किये बगैर ही असद को हत्या जा सकता है तो एम् एस धोनी और एम् गुरुनाथ के विषय में कोई कार्यवाही नही की जा रही |यहाँ यह कहना अनुचित नही होगा के क्रिकेट को जेंटल मैन का गेम कहा जाता रहा है ऐसे में जेंटल मैन के नैतिक धर्म को कानून की पैचिदिगियों के नीचे नही दबाना चाहिए|इसीलिए आइ पी एल में वर्तमान फिक्सिंग की जांच होने तक एन श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी|

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

पशु कत्लगाहों के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया

[मेरठ]] कमेले[SlaughterHouses ] के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया|प्रदेश में नगर विकास मंत्री आज़म खान की सख्ती + अदालत की तत्परता +स्थानीय प्रशासन की यौजना और अधिकारियों की समर्पित भावना के फलस्वरूप शहर के एक अहम् हिस्से में कानून व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के लिए सैकड़ों अवैध भट्टियों के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया |
हापुड़ रोड स्थित पुराने कमेले को यदपि घोसीपुर शिफ्ट किया जा चूका है लेकिन इसके मालिकों की हटधर्मी + सत्ता से नजदीकियों से पुराना कमेला बदस्तूर पशुओं की कत्ल गाह बना रहा यही नहीं मीत व्यापारियों द्वारा एक वर्ग विशेष में बगावत की चिंगारी भी सुलगाने के प्रयास शुरू हो गए| जिसके विरुद्ध आये दिन आवाज उठती रही है और मामले को कौर्ट में भी लेजाया गया|
अब चूंकि अदालत का फैसला इनके विरुद्ध आ चूका है इसीलिए विश्व प्रसिद्ध मेला नौचंदी के समाप्त होते ही पूरी सुरक्षा फ़ोर्स से और सबके सहयोग से पुराने कमेले पर कब्ज़ा अभियान चलाया गया जिसमे सफलता भी मिली|इस इलाके को एक तरह से पोलिस की छावनी में तब्दील कर दिया गया |आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग लगा दी गई| एक तरफ तो प्रशासन के [३] बुलडोजर[JCB]अवैध निर्माण ढहाने में लगा था तो दूसरी तरफ सैकड़ों सफाई कर्मी भी तत्परता से मलबा हटाने में जुटे रहे|
गौरतलब है के नगर निगम की भूमि पर मीत कारोबारियों की दबंगई से १२० मीट गौदाम के अलावा प्राईवेट जमीन पर लगभग पांच गुना गौदाम थे| जिन्हें अवैध घोषित किया जा चूका है|
बताते चलें के शहर में पशुओ की सडकों पर हत्या+चोरी और लूट की घटनाये बढने लगी हैं बताया जा रहा है के इस प्रकार के पशुओं को इन्ही कत्लगाहों पर लेजाकर बेचा जाता रहा है|अब इससे राहाह्त मिलने की आशा जताई जा रही है|[इसकी पुष्टि के लिए मीट व्यापारी से संपर्क नही हो पाया]

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

अमेरिका के ओकलाहामा में आए जबर्दस्त बवंडर[ TORNADO] से हुई भारी तबाही से उभरने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं |पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास किये जा रहे हैं|
इस वबंडर के कारण बड़ी बड़ी इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं. सोमवार को दो मील चौड़े और 17 मील लम्बे बवंडर ने अधिकांश प्रांत को मलबे के ढेरों में तब्दील कर दिया है । सीएनएन ने भी इस बात की पुष्टि की है।इस तूफान से सबसे ज्यादा तबाही ५६००० की आबादी वाले मूर कस्बे में हुई है| इससे पहले यह कस्बा 1999 में और फिर चार वर्ष के बाद तूफान टि्वस्‍टर का शिकार हुआ था। घायलों की संख्या तीन डिजिट्स में पहुँच चुकी है|
सैकड़ों घर+ स्कूल + अस्पताल मलबे में तब्दील हो गए है और 260 घायलों में से भी 60 बच्चे बताये गए हैं। तूफान की चपेट में बच्चे इसलिए आए क्योंकि वे उस समय अपनी क्लासों में थे जब तूफान ने स्कूलों, इमारतों, अस्पतालों को अपनी चपेट में लिया।
सी एन एन +एनडब्लयूएस +के आर क्यू की ४ आदि एजेंसियों के अनुसार इस तूफान का रास्ता साढ़े सत्ताईस किलोमीटर का था और इसकी चौड़ाई करीब दो किलोमीटर से अधिक थी. इस चक्रवाती तूफान ने तबाही का सिलसिला 45 मिनट तक जारी रखा और करीब 56,000 लोगों को अपने चपेट में ले लिया. राहतकर्मियों ने 100 से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला वहीं मरने वालों की संख्या निरंतर बढती जा रही है \ 237 लोग इस घटना में घायल हुए. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओकलाहोमा में आए चक्रवाती तूफ़ान को एक बड़ी त्रासदी बताया है.| अमेरिकन रेड क्रॉस ने सहायता कार्यक्रमों के अलावा कुछ सुझाव भी दिए हैं इनमे बिजली और गैस पाईपों के टूटा होने की संभावना के मध्य नज़र सावधानी बरतने को कहा गया है|

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दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ रुपये वसूले जाएँ :लोकायुक्त मन मोहन सरीन की टेडी नज़र

निजी छवि को सुधारने के लिए छपवाए जा रहे विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरूपयोग पर लोकायुक्त ने टेडी नज़र करते हुए दिल्ली कीमुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ की रिकवरी की सिफारिश की है| लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने बुधवार को विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में राष्ट्रपति डा . प्रणव मुखर्जी से सिफारिश की है के दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भविष्य में ऐसा न करने की ‘चेतावनी’ दी जाए और विज्ञापनों पर खर्च सरकारी 11 करोड़ रुपए वसूले जाएँ|आदेश में कहा गया है कि पूरे साल छपे विज्ञापनों में पूरा तारतम्य नजर आता है। लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शीला दीक्षित ने न तो अपने ऊपर लगाए आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश की और न ही अभियान से संबंधित लेख के संबंध में यह सबूत पेश किए कि वह उनकी अनुमति के बगैर लिखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष में विज्ञापनों पर 22 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किये गए थे इसका करीब 50 % रिकवर किये जाने की संतुति की गई है| इसे राजनीतिक फायदे के लिए खर्च किया बाते गया है| यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि इस राशि को पर्याप्त न समझें तो राष्ट्रपति ज्यादा वसूलने का आदेश दें।
लोकायुक्त ने विज्ञापनों में सरकारी धन के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश बनाए जाने की भी सिफारिश की है
।’बदल रही है दिल्ली’,+ ‘परिवर्तन की डोर टूटे ना’,+ ‘डोन्ट स्टॉप क्लीन दिल्ली,+ ग्रीन दिल्ली’, आदि दर्जनों स्लोगन युक्त विज्ञापनों से शहर पटा हुआ दिखाई दे रहा था। इससे दिल्ली सरकार ने जनता के समक्ष सिर्फ अपनी पार्टी की बेहतर छवि बनाने के रूप में प्रयोग किया।77 पेज की मामले की सुनवाई व आदेश में उदय सहाय द्वारा लिखे गए लेख का उल्लेख करते बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने एंटी इन्कम्बंसी फेक्टर को कम करने के लिए रणनीति तैयार की थी और उसके असर को कम करने के लिए इसे प्रचार अभियान में तब्दील किया।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर कराई जांच के आधार पर लोकायुक्त ने ७७ पेज के अपने आदेश में यह सिफारिश की है। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि नवंबर २००८ के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा पाने के लिए विज्ञापन अभियान में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने पद और सरकारी धन का दुरूपयोग किया। चुनाव के बाद जून, २००९ में एक अखबार में सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक उदय सहाय के एक लेख को इस मामले का आधार बनाया गया, जिसमें यह बताया गया कि किस तरह सरकारी विज्ञापनों को रणनीति के तहत अभियान की तरह चलाया गया।