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Category: Crime

हसाडी बिल्लियाँ हसाड़ी केंद्र सरकार पर ही म्याऊं करने लग गई है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये तो हसाडी बिल्लियाँ हसाड़ी सरकार पर ही म्याऊं करने लग गई है| ओये ये एडिशनल सोलिसिटर जनरल हरेन रावल ने पहले तो सर्वोच्च अदालत में कोयला घोटाले सम्बंधित सील्ड रिपोर्ट देते हुए यह स्वीकार किया कि सी बी आई की रिपोर्ट को सरकारी तंत्र ने शेयर नही किया है लेकिन अब ये रावल हसाड़े सोणे एटोर्नी जनरल जी ई वाहनवती पर ही आरोप मड़ने लग गया है कि सी बी आई की सारी रिपोर्ट्स में सरकार द्वारा छेड़ छाड़ की जाती है| ओये अब तो ये रावल कहने लग गया है कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है|ओये ये तो हसाड़े कानून मंत्री और सोणे मन मोहने पी एम् को ही नंगा करने पर तुला है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी ने वोह कहावत तो सुनी ही होगी कि समुद्र में बहने वाला जहाज जब डूबने लगता है तो सबसे पहले जहाज की तली में राज करने वाले मूषक राज जहाज को छोड़ कर बाहर निकलने लगते हैं|अब ये तो आप भी मानोगे कि आप जी की सरकार का जहाज डोलने लगा है शायद इसी लिए ये आपके राज वाले आपस में ही लड़ने लग गए हैं|

मेथोडिस्ट चर्च की भूमि पर भू माफिया का कहर

[मेरठ]मेथोडिस्ट चर्च के सदस्यों ने अपने लिए आवंटित भूमि को कब्जाए जाने के षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए आई जी से गुहार लगाई है|
सदस्यों ने आई जी पोलिस को लिखे एक पत्र में यह आरोप लगाते हुए बताया है कि ९६० सिविल लाइन्स मिशन कम्पाउंड में मेथोडिस्ट चर्च के तत्कालीन अधिकारियों ने १९९४ में भूमि आवंटित की थी जिसके लिए एक मुश्त राशि का भुगतान भी किया गया था|अब १९ साल बाद इस भूमि को खाली कराने के लिए जबरदस्ती की जा रही है| भूमि खाली नहीं किये जाने पर भू माफिया द्वारा काबिज ईसाईयों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है|

भारतीय संसद की सोमवार की कार्यवाही भी कोयला घोटाले की कालिख से बाहर नही निकल पाई :संसद की कार्यवाही ठप्प

भारतीय संसद के दोनों सदन सोमवार को भी हंगामे की भेंट चड गए|यानि आज भी लोक तंत्र को १.९७ करोड़ का चूना लगा ही दिया गया| प्रतिदिन की कार्यवाही पर १.९७ करोड़ का खर्च आता है| उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पहली और वर्तमान संसद की कार्यवाही लगभग १/३ रह गई है|यह अपने आप में चौंकाने वाला तथ्य है|संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने विपक्ष से संवाद स्थापित करते हुए मंगलवार को संसद के सुचारू रूप से चलने की उम्मीद व्यक्त की है लेकिन आज की कार्यवाही या तेवर देख कर कहा जा सकता है कि प्रमुख विपक्षी भाजपा इस विषय में कोई रियायत देती नज़र नही आ रही|
प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने वेल को कब्जा कर कोयला घोटाले और उसमे सी बी आई की कार्यप्रणाली में दखल को लेकर में प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह के इस्तीफे की मांग जारी रखी| लोक सभा की स्पीकर मीरा कुमार और राज्य सभा में हामिद अंसारी सोमवार को भी हंगामे के सामने असहाय नज़र आये |इसीलिए पहले १२ बजे + २ बजे और फिर मंगल वार तक के लिए सदस स्थगित किये गए|लोक सभा में भाजपा का सोमवार का नारा रहा कोयला की दलाली है पूरी कांग्रेस ही काली है|
लेकिन समाजवादी पार्टी ने हमेशा की तरह केंद्र सरकार की ढाल बनते हुए चीन द्वारा १९ किलोमीटर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया| सपा सुप्रीमो और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने केंद्र सरकार की कार्यवाही को डरपोक +अक्षम बताया | उन्होंने कहा कि भारतीय फौज चीन को जवाब देने में सक्षम है लेकिन सरकार का कायरता पूर्ण व्यवहार रुकावट पैदा कर रहा है| सपा सांसदों ने भी वेल में आकर चीन की घुसपैंठ की तरफ ध्यान खीचने का प्रयास किया|
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने तो विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के आगामी माह में चीन दौरे पर ही सवाल उठा दिए.उन्होंने चीन को सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि हम कब से चेतावनी दे रहे हैं कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. लेकिन सरकार है कि सुनने को तैयार नहीं है|
पूर्व रक्षा मंत्री ने दावा किया कि चीन भारत के एक लाख वर्ग किलोमीटर भूभाग पर कब्जा कर चुका है और भारत सरकार कुछ नहीं कर रही है.|
कोयला घोटाले जैसे मुद्दे पर सरकार की प्रतिष्ठा दावं पर हो सकती है इसीलिए इस विषय पर बहस को टाला जाना समझ में आता है लेकिन चीन जैसे राष्ट्रवादी मुद्दे पर भी बहस से बचा जा रहा है इस गंभीर राष्ट्रवादी मुद्दे को मात्र अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाना अपने आप में चिंताजनक है|

शीला दीक्षित अपने घर में सोती रह गई और आप के पांच ने साडे दस लाख पत्र डिलीवर भी कर दिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी का एक चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडी टोपी और लाठी का कमाल \ओये दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित अपने घर में सोती रह गई और हसाड़े पञ्च बड़ों ने असहयोगियों के साडे दस लाख पत्र डिलीवर भी कर दिए ओये अब तो हसाडी राजनीति को मानता है की नही?

झल्ला

हाँ चतुर सुजान जी बेशक आप साडे दस लाख पत्रों की डिलीवरी पर जश्न मना सकते हो लेकिन अब एक तो मुद्दा आपके हाथ से निकल गया |बाल दिल्ली की सरकार के पाले में आ गई है| कोई शक नहीं अब वहां इन पत्रों का पोस्ट मार्टम शुरू कर दिया जाए|

सलमान खुर्शीद के इशारे पर बोस्टन में बदसुलूकी की गई :आज़म खान

उत्तर प्रदेश के काबिना मंत्री आजम खान ने केंद्र सरकार के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा है कि अमेरिका के बोस्टन [लोगान]एयरपोर्ट पर उनके साथ की गई बदसलूकी भारतीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के इशारे पर की गईहै ।
श्री आजम ने कहा कि सलमान खुर्शीद के पास ताकत नहीं है कि वे भारत में मेरा विरोध कर सकें, इसलिए साजिश कर विदेश में बदसलूकी करवाई गई|
शहरी विकास मंत्री आज़म खान ने अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास को भी निशाने पर लेते हुए कहा के वहां दूतावास के किसी भी कर्मचारी ने उनकी मदद नहीं की उलटे जरुरत पड़ने पर सभी दूर दूर रहे|इससे पूर्व समाजवादी के सांसद नरेश अग्रवाल[हरदोई] भी सलमान खुर्शीद पर यही आरोप लगा चुके हैं|आजम खां रविवार देर रात भारत लौट आए।
गौरतलब है कि सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ अमेरिका के होवार्ड यूनिवर्सिटी में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने आये थे उन्हें बुधवार को बोस्टन [लोगान]हवाई अड्डे पर विमान से उतरने के बाद पूछताछ के लिए 10 मिनट तक रोककर रखा गया था।बोसोत्न में हुए बम्ब धमाकों के पश्चात वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है|इससे आग बबूला हो कर आज़म खान और अखिलेश यादव नेअपना कार्यक्रम निरस्त करने के घोषणा कर दी थी| यधपि अभी तक पार्टी लाइन जारी नहीं की गई है फिर भी मेरठ में अमेरिका के पुतले फूंके जाने लगे हैं

आज़म खान से अमेरिका में पूछ ताछ को समाज वादी पार्टी ने कंडैम किया

उत्तर प्रदेश के काबिना मंत्री आज़म खान के साथ अमेरिका के बोस्टन [लोगान]एयर पोर्ट पर हुई बदसुलूकी की समाजवादी पार्टी ने भर्त्सना की है|पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया के अनुसार मुख्य मंत्री अखिलेश यादव और आज़म खान ने अमेरिका में दिए जाने वाले व्याख्यान को कैंसिल कर दिया है |भारत में इनकी वापिसी पर ही पार्टी लाईन जारी होगी| समाज वादी नेता आज़म खान के साथ अमेरिका के लोगान[बोस्टन]एयर पोर्ट पर पूछताछ से नाराज़ होकर अखिलेश यादव और आज़म खान द्वारा कुम्भ मेले के प्रबंधन पर दिए जाने वाले व्याख्यान और अमेरिका में ज्यादा रहने की यौजना रद्द कर दीगई है|
गौरतलब है कि आज़म खान अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में महा कुम्भ स्नान संबंधित एक प्रेजेंटेशन देने गए थे लेकिन बुधवार को बोस्टन एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने बदसलूकी की और उन्हें रोक लिया। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी थे।
पार्टी ने इसे कंडैम करते हुए कहा है कि आज़म खान के पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होने के बावजूद भी केवल मुस्लिम होने के फलस्वरूप उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया है। गौरतलब है कि अमेरिका के इसी बोस्टन में हाल ही में धमाके हुए हैं और जिसमे तीन लोग मारे गए और लगभग २०० घायल हुए हैं| इसीकारण वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।उत्तर प्रदेश में इसके विरोध में अमेरिकाके पुतले फूंके जाने लगे हैं जबकि श्री भाटिया के अनुसार इस विषय में अभी तक कोई पार्टी लाईन जारी नही की गई है|जिन लोगों को लगता है कि उनके नेता के साथ दुर्व्यवहार हुआ है वोह लोग अपने आक्रोश को इस तरह व्यक्त कर रहे हैं|मालूम हो कि मेरठ में अमेरिका का पुतला फूंका गया है|

बिजली पानी सम्बंधित पत्र तो लिए नहीं फिर दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यन्त्र से इनकी सत्यता जाँची

असहयोगियों के बिजली पानी सम्बंधित पत्र तो लिए नहीं फिर दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यन्त्र से इनकी सत्यता जाँची यह यक्ष्य प्रशन आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने आज उठाया है|आम आदमी पार्टी[आप] को एक बार फिर आन्दोलन छेड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है|अब की बार दिल्ली की प्रदेश सरकार स्वयम यह अवसर प्रदान करती दिख रही है| आप पार्टी और दिल्ली की सरकार में आये गतिरोध के टूटने की कोई संभावना नही बनी है|आप द्वारा एकत्र साडे दस लाख पत्रों को प्राप्त करवाने के स्थान पर अब दिल्ली सरकार ने इन पत्रों की सत्यता पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए है|इस पर आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने दिल्ली सरकार की हट धर्मी पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा है के जब पहले मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास से ५ किलोमीटर पहले ही सत्याग्रहियों को रोक कर उन्हें लौटा दिया गया और अभी तक असहयोगियों के साडे दस लाख पत्रों को प्राप्त करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है |सारे पत्र आप पार्टी के पोजेशन में हैं ऐसे में दिल्ली सरकार ने किस चमत्कारी यंत्र से इन पत्रों की सत्यता की जांच करने में सफलता प्राप्त कर ली है?
गौरतलब है के आम आदमी पार्टी [आप]के, बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर, 23 अप्रैल को दिल्ली की मुख्य मंत्री को लिखे पत्र पर अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से कोई उत्तर नहीं दिया गया है |अरविन्द केजरीवाल द्वारा बिजली पानी के बिलों को लेकर लिखे पत्र पर दिल्ली सरकार का मौन जारी है जबकि आप ने २८ अप्रैल तक का नोटिस दिया हुआ है| आप पार्टी के नेता मनीष शिशोदिया ने फोन पर बताया है कि श्री मति शीला दीक्षित कि तरफ से कोई कार्यवाही की सूचना नहीं आई है |उलटे साडे दस लाख दिल्ली वासिओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उनकी सत्यता पर प्रशन चिन्ह लगाए जा रहे हैं|यह सत्ता का दंभ ही दर्शाता है|
मालूम हो कि दिल्ली में बिजली पानी के बिलों में भ्रष्टाचार को लेकर आप पार्टी ने १५ दिन तक असहयोग आन्दोलन छेड़ा था जिसके फलस्वरूप साडे दस लाख दिल्ली वासियों ने आप पार्टी के माध्यम से दिल्ली सरकार को पत्र लिखे हैं|इन्हें डिलीवर करने के लिए पहले दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास की तरफ मार्च किया गया था|जिसे दिल्ली पोलिस की सहायता से असफल कर दिया गया था|उस समय कहा गया था कि आप पार्टी ने पूर्व सूचना नहीं दी थी संभवत अब २३ अप्रैल को पूर्व सूचना के तौर पर आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती दीक्षित को पत्र लिख कर यह ओपचारिकता पूरी कर दी है|लेकिन अभी तक असहयोगी बने साडे दस लाख दिल्ली वासियों के पत्रों को रिसीव करने के लिए दिल्ली की सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है|उलटे अब असहयोगियों के पत्रों पर प्रश्न चिन्ह लगा कर टकराव का रास्ता बनाया जा रहा है |अब चूंकि आप पार्टी द्वारा दी गई डेड लाईन[२८ अप्रैल ] तक गतिरोध टूटने के कोई आसार नज़र नही आ रहे ऐसे में जंतर मंतर पर बिजली +पानी के बिलों से पीड़ित दिल्ली वासियों का एकट्ठ होगा और वहां से दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के निवास की तरफ मार्च की भूमिका बन गई है|

स्विटजरलैण्ड को पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना ही होगा:सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने ब्लॉग के माध्यम से एक महीने में दोबारा काले धन को देश में लाये जाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर चिंता व्यक्त की है| श्री आडवाणी के अनुसार उनकी पार्टी भाजपा के प्रयासों से संसद में श्वेत पत्र तो केंद्र सरकार ले आई लेकिन उस पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई| इसके लिए इस ब्लॉग में उन्होंने खेद व्यक्त किया हैइसके अलावा इस वयोवृद्ध नेता ने अपने फ़िल्मी प्रेम का इजहार भी किया है|जेम्स बांड की फिल्म दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ”[१९९९] के माध्यम से उन्होंने स्विस बैंको की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया तो एम्मा थामेसन के लेख के माध्यम से जवाब भी तलाशने का प्रयास किया है| | प्रस्तुत है सीधा एल के अडवाणी के ब्लॉग से
इसी महीने में मैंने एक ब्लॉग लिखा था, जिसका शीर्षक था ”कालेधन पर श्वेत पत्र के बावजूद एक पैसा भी वापस नहीं आया।”
इस ब्लॉग में बताया गया था कि कैसे भाजपा द्वारा कालेधन के विरुध्द चलाए गए ठोस अभियान ने यूपीए सरकार को इस मुद्दे पर श्वेत पत्र प्रस्तुत करने को बाध्य किया। श्वेत पत्र में इसको स्वीकारा गया है कि भारत की ”समावेशी विकास रणनीति की सफलता मुख्य रुप से हमारे समाज से भ्रष्टचार की बुराई के खात्मे और काले धन को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता पर निर्भर करती है।”
भाजपा को इसका खेद है कि श्वेत पत्र पर कार्रवाई बिल्कुल नहीं की गई है। भ्रष्टाचार और कालाधन भारत की राजनीति और शासन को, विशेष रुप से पिछले नौ वर्षों से लगातार कमजोर कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर भारत के उदासीन रवैये की तुलना में रिपोर्टें आ रही हैं कि कुछ शक्तिशाली पश्चिमी देशों द्वारा स्विस बैंकों के गोपनीय कानूनों के विरुध्द छेड़े गए विश्वव्यापी अभियान से स्विट्जरलैण्ड के बैंकिग सेक्टर में वास्तव में संकट खड़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर ने हाल ही में स्विट्जरलैण्ड में अपनी ब्यूरो चीफ एम्मा थामेसन का एक लेख प्रसारित किया है जिसका शीर्षक है: बैटल फॉर दि स्विस सोल। इस लेख का मूल भाव इन शब्दों में वर्णित किया गया है:
”आज भी, कुछ स्विस नागरिक इस तथ्य पर बहस करना पसन्द करेंगे कि देश की अधिकांश समृध्दि, बैंकरों द्वारा विदेशी कर वंचकों की सहायता करने से आई है।”
इस लेख की शुरुआत 1999 में जेम्स बांड की फिल्म ”दि वर्ल्ड इज नॉट इनफ” से होती है, जिसमें बांड पूछता है” यदि आप स्विस बैंकर पर भरोसा नहीं करसकते तो किस दुनिया में हो?”
इस लेख की सुविज्ञ लेखक एम्मा जेम्स बांड के इस प्रश्न का उत्तर यूं देती हैं:
”यह इस प्रकार है: अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के दबाव में स्विस बैंक अपनी गोपनीयता छोड़ रहे हैं, कुछ केसों में अपने खाता धारकों के नाम विदेशी कर प्राधिकरणों को दे रहे हैं। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development-OECD½ द्वारा काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए स्विस सरकार टैक्स धोखाधड़ी करने वालों की तलाश करने वाले विदेशी प्राधिकरणों के साथ सूचनाएं साझा करने पर सहमत हो गई है।”
एम्मा अपने लेख में लिखती हैं:
”स्विस बैंक काफी समय से उस अलिखित संहिता का पालन करते हैं जिसका डॉक्टर या पादरी करते हैं। बैंकर्स सार्वजनिक रुप से अपने ग्राहक को नहीं पहचानते, इस भय से कि इससे उनके खाताधारक होने का राज खुल जाएगा: अक्सर वे एक नाम का बिजनेस कार्ड रखते हैं बजाय बैंक या सम्पर्क विवरण के; और कम से कम 1990 के दशक तक वे कभी भी विदेशों में प्रचारित नहीं करते थे।…..”
दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी बैंकिंग गोपनीय कानूनों के शिथिल होने को एक प्रकार का आत्मसमर्पण मानती है। पार्टी का मानना है कि यह आत्मसमर्पण ”न केवल ग्राहकों के साथ अपितु मूलभूत स्विस मूल्यों के साथ भी विश्वासघात है।”
एक बैंकर और स्विस पीपुल्स पार्टी के राजनीतिज्ञ थामस मट्टेर (Thomas Matter) इसे और साफ तीखे रूप से लिखते हैं : ”स्विस लोग स्वतंत्रता प्रेमी हैं; देश सदैव नागरिकों के लिए रहा है न कि इसका उल्टा।”
यद्यपि, वाशिंगटन, पेरिस और बर्लिन के भारी दवाब के चलते सन् 2009 में, देश का सबसे बड़ा बैंक यूबीएस चार हजार से अधिक अमेरिकी ग्राहकों के नाम अमेरिका को देने पर सहमत हुआ, 780 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दण्ड इसलिए दिया कि उसने अमेरिकीयों की टैक्स से बचने में सहायता की थी। दो अन्य प्रमुख बैंकों -क्रेडिट सुइसे (Credit Suisse) और जूलियस बेअर (Julius Baer) ने भी अमेरिका में व्यवसाय में लगे अपने कर्मचारियों सम्बन्धी सूचनाएं वाशिंगटन को सौंपी जबकि क्रेडिट सुइसे ने भारी जुर्माने के लिए अपने खातों में प्रावधान किया।
हालांकि ज्यूरिख और जेनेवा, स्विटजरलैण्ड के मुख्य आर्थिक केन्द्र हैं, देश के बैंकिंग उद्योग की जड़ें संक्ट गालन (St. Gallen) शहर में हैं। हाल ही तक संक्ट गालन, स्विटजरलैण्ड के प्राचीनतम निजी बैंक बेगेलिन एण्ड कम्पनी (Wegelin & Co½ का शहर था। सन् 2012 में अमेरिका के जस्टिस विभाग ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि इसके विदेशी खातों में अमीर अमेरिकीयों द्वारा टैक्स से बचाए गए कम से कम 1.2 बिलियन डालर छुपे हैं। इस वर्ष जनवरी में बैंक को दोषी ठहराया गया। बेगेलिन के अधिकारियों जिन्होंने पहले ही अपने सभी गैर-अमेरिकी व्यवसाय को एक दूसरे बैंक रेफेइसियन (Raifeissen) को बेच दिए थे, ने घोषित किया है कि जो कुछ उनके बैंक में बचा है, वे उसे भी समेट रहे हैं।
इस समूची स्विस बहस में ‘दोषी‘ – एक महत्वपूर्ण निर्णायक विन्दु है क्योंकि बगैर कुछ कहे, बेगेलिन के अधिकारियों ने अपने साथी और बैंकों को साफ-साफ संदेश दे दिया है। एक प्रमुख रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ क्रिस्टिफ डारबेले (Christoph Darbellay) ने सार्वजनिक रूप से बेगेलिन अधिकारियों को ‘देशद्रोही‘ कहा है। यू.बी.एस. के चीफ एग्जिक्यूटिव सेरगिओ इरमोट्टी (Sergio Ermotti) ने कहा: जैसाकि एक दशक या उससे पहले तक जिस बैंक गोपनीयता को हम जानते थे, वह अब समाप्त हो गई है। संक्ट गालन बैंकर जिन्होंने बेगेलिन के गैर-अमेरिकी व्यवसाय को खरीदा है, कहते हैं : ”हम वास्तव में संक्रमणकालीन प्रक्रिया में हैं।”
रेफेसियन के मालिक पेइरिन विन्सेंज (Pierin Vincenz) ने रूढ़िवादियों से अलग अपनी बात रखते हुए कहा कि स्विटजरलैण्ड को अंतत: पारदर्शिता और वैश्विक मापदण्डों को अपनाना होगा। अधिकाधिक बैंक और बध्दिजीवीगण इस मत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। कालेधन के विरूध्द वैश्विक युध्द में यह बड़ा सहायक होगा। यही आशा की जा सकती है कि भारत इन घटनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाएगा।

संसद में ९ मुद्दे उठे मगर कार्यवाही आज भी नही हुई

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शुक्रवार को भी बिजनेस ठप्प रहा| प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सारे दिन कार्यवाही बाधित हुई| लोक सभा में यधपि ९ मुद्दे उठाये गए मगर हंगामे के चलते कार्यवाही नही हो पाई|स्पीकर मीरा कुमार और राज्य सभा में हामिद अंसारी प्रश्न काल की कार्यवाही भी नहीं चलवा पाए| शुक्रवार का दिन ओड़िसा के लिए विशेष राज्य का दर्ज़ा+आज़म खान का अमेरिका में अपमान+कोयला घोटाला+२ जी स्कैम की भेंट चड गया|
[१] बीजेपी ने कोयला ब्लॉक + 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मामला उठाया | सीबीआई द्वारा कोयला ब्लॉक आवंट की जांच से सम्बंधित स्थिति रपट में सरकार के हस्तक्षेप के सम्बंध में दायर किए गए शपथपत्र[हलफ नामा] का भी मुद्दा उठाया.
[२] उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता +यूपी के नगरीय विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान के अमेरिका के बोस्टन हवाईअड्डे पर हुई बदसुलूकी का मामला उठाया.
गौरतलब है कि आजम खान,अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने गए थे. उन्हें बोस्टन लोगान अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को पूछताछ के लिए लगभग 10 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया गया था|
दोनों सदनों की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका. शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही परम्परानुसार पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी|
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे शुरू होने के बाद दोबारा हंगामा शुरू हुआ, और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी|.
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही [३]]संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से पीसी चाको को हटाने और[४] पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले समेत कई मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा[५],बीजद सदस्य ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए।
[६]अन्नाद्रमुक के सदस्य एक अंग्रेजी समाचार पत्र की प्रति दिखा रहे थे जिसमें जेपीसी के आधे सदस्यों की पीसी चाको को अध्यक्ष पद से हटाने संबंधी मांग की खबर छपी है। [७]वाममोर्चा सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के समीप आकर पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों का पैसा लौटाने की मांग की|
कल्याण बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य भी आसन के समक्ष चिटफंड को बंद करने और इस घोटाले में कथित रूप से शामिल केंद्रीय मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।[८] सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उन्हें चीन का मुद्दा उठाया | [९]तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसद पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विषय को उठा रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, `तेलंगाना विधेयक पेश करो।’
दोपहर 12 बजे पीठासीन गिरिजा व्यास ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। लेकिन हंगामे से परेशां होकर उन्होंने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक अब सोमवार को होगी।

भोपाल में कस्तूरबा अस्पताल का हिस्सा गिरा:२० लोग दबे :१५ को सकुशल निकाला: ३ गंभीर घायल

मध्य प्रदेश के भोपाल में कस्तूरबा गांधी अस्पताल का निर्माणाधीन एक हिस्सा गिर जाने से २० लोगो के दब जाने के समाचार है| बचाव कार्य जारी है और १५ लोगों को जीवित निकाल लिए जाने के दावे भी किये जा रहे हैं|चार लोग गंभीर जख्मी बताये जा रहे हैं|
राहत और बचाव का काम जारी है। छत गिरने की खबर सुनते ही मौके पर राहत कार्य के लिए दमकलकर्मी + प्रशासन के आला अधिकारी और मेयर आदि भी मौके पर पहुंच गए हैं। अस्पताल के पिछले हिस्से में महिला वॉर्ड है।इस अस्पताल में भेल के कर्मियों का इलाज किया जाता है|
यह अस्पताल केंद्र सरकार के एक उपक्रम भारत हैवी इलैक्ट्रीकल्स लिमिटेड [BHEL] चलाता है। इससे पहले भी अस्पताल के जर्जर हालत को सवाल खड़े किये जा चुके हैं| ये अस्पताल 1966 में बना था। फिलहाल इसमें मरम्मत का काम चल रहा था।
लोगों की मानें तो लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ है।