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Category: Unrest Strikes

तेलंगाना के कांटे के दर्द को देश भर में गुंजाने के लिए चन्द्र बाबु नायडू आज दिल्ली में चीखेंगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चिंतित कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये हसाड़े नाल क्या खेल हो रहा है ओये विभाजन होना है आन्ध्र प्रदेशका +आग लगी है सीमान्ध्र में कर्फ्यू थोपा गया है तटीय विजयनगरम में और ये चन्द्र बाबु नायडू अपनी राजनीती चमकाने के लिए हसाडी सोणी दिल्ली में अनशन करने आ रहे हैं ओये अब देखो जगन मोहन रेड्डी भी तो विरोध दर्ज़ कार रहे हैं लेकिन वोह आन्ध्र प्रदेश में ही रह कर विभाजन का विरोध कर रहे हैंओ यारा एक तरफ तो हम लोग चुनावों के लिए भाजपा के साथ “आप” पार्टी के साथ सर खपा रहे हैं और अब ये नई नायडू की विपदा भी झेलनी पड़ेगी|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी अब देखो आन्ध्र प्रदेश में चल रहे जगन मोहन रेडी के अनशन से आप जी के हुकुमरानों के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी +विजयनगरम में आगजनी की आंच आप तक नहीं पहुंची+तटीय छेत्रों में फायरिंग के धमाकों से आप लोग चेते नहींयहाँ तक की बी बी सी जैसे अन्तराष्ट्रीय चैनलों पर दिखाए जा रहे हृदय विदारक द्रश्यों से आअप्कि पलकें नहीं झपकी | ऐसे में तो माननीय आपके नजदीक आ कर ही चिल्लाना जरुरी हो जाता है वैसे कहा भी गया है के जब तक अपने पैरों में काँटा नहीं चुभे तब तक दूसरों के कष्टों का अहसास नहीं होता|इतिहास भी गवाह है के दिल्ली में अगर काँटा चुभे तो चीखें दुनिया भर में गूंजने लगती है|

जयराम रमेश जैसे मंत्री दर्जी नहीं ड्रेस डिज़ाइनर के युग में जीते हैं तभी सितारा होटल में ग्रामीण विकास का आश्वासन देते हैं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

जनता दल [यूं ]का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाड़े मुख्य मंत्री नितीश कुमार की शतरंज रंग लाने लग गई है देखा कांग्रेस के एडे वड्डे
केन्द्रीय मंत्री जय राम रमेश ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए कांग्रेस में से ही दर्जी तलाशने का आश्वासन दे दिया है ओये उन्होंने तो बिहार को पिछड़ा राज्य बता कर विशेष आर्थिक सहायता की वकालत भी की है झल्लेया अब तो बिहार की दशा सुधारनी शुरू हो जायेगी|

झल्ला

ओ मेरे भोले साथी कांग्रेस के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश जैसे मंत्री दर्जी नहीं ड्रेस डिज़ाइनर के युग में जीते हैं तभी उन्होंने सितारा होटल में प्रेस से वार्ता करके बिहार की गरीबी को दूर करने की वकालत की है

ओवर लोडिंग को रोकने के लिए पटना में गाँधी सेतु के समीप हाई टेक चेक पोस्ट शुरू किया गया

[पटना] ओवर लोडिंग के अभिशाप के विरुद्ध आज गाँधी सेतु उत्तरी भाग स्थित टोल प्लाजा के पास हाई टेक चेक पोस्ट शुरू किया गया |परिवहन और सूचना जन संपर्क मंत्री वृषिण पटेल ने इस चेक पोस्ट का उद्घाटन किया और कहा “आओ मिल जुल कर ऎसी फिजा तैयार करें कि देखने वालों को उजाले का अहसास हो”
इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि ओवर लोडिंग के माफिया की संथ गाँठ की शिकायते प्राप्त हो रही हैं यहाँ तक कि सरकारी वाहनों में भी ओवर लोडिंग हो रही है|इसीकारण गाँधी सेतु की स्थिति निरंतर खराब हो रही है|बेशक राजस्व प्राप्ति २५० करोड़ से ९०० करोड़ हो गई है लेकिन ओवर लोडिंग कि बदनामी अभी भी है|
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन +वैशाली के जिलाधिकारी जीतेन्द्र श्रीवास्तव+पोलिस अधीक्षक सुरेश चौधरी+राजेश मीणा+आदि अनेकों गन मान्य उपस्थित थे|

Gujarat is exemplary and Congress ruled Delhi Is Negatively at the top.SoCAG Reporting malnutrition is otherwise:B J P

Bhartiya Janata Party[ B J P] has ,today, come in support of Narender Modi and refuted the charges of malnutrition in Gujrat ,,and called Congress allegation ,a bundle of, falsehood. It has been claimed that by the b j p that The record of Gujarat is exemplary and Congress ruled Delhi Is Negatively at the top .So The CAG report is otherwise.
Ravi Shankar Prasad, MP & Deputy Leader of Opposition in Rajya, Sabha In a Press Briefing, said “entire campaign on the issue of malnutrition unleashed by the Congress against the Gujarat Government is false and malicious”
It may be noted that CAG report no. 22 of 2012-13 relating to performance audit of ICDS scheme (relating to malnutrition) is before the Parliament and is also available on the website of CAG. Annexure 6.4 of the said report contains State wise Nutritional Status of Children from the year 2006-07 to 2010-11. This shows that all the BJP State Government have done remarkably well in reduction of grade I & II malnutrition. Grade III & IV i.e. severe malnutrition is below 1% in all the States except two.
Gujarat has done remarkably well in reducing it from 70%(69.83) to 34%(34.21%) if the data of March 2013 is taken it is 25.09%. In comparison the record of all Congress led State Government except Maharashtra has been very poor in reducing it. The entire data was provided by the Ministry of Women and Child development. The comparative chart shown in Annexure 6.4 (refer to paragraph 6.3.2) of CAG report no. 22 of 2012-13 is reproduced below.
BJP State==2006-07======(Malnourished grade I & II)%===============2010-2011%=
[1][A]Chhattisgarh=============52.96===============================36.50
[B]Gujarat==================69.83===============================34.21
[C]Madhya Pradesh==========48.86===============================26.61
[D]Karnataka=================53.08=============================36.66
[2]Congress State
2006-07=================(Malnourished grade I & II)================2010-2011=
[A]Andhra Pradesh============53.10==============================48.63
[B]Assam===================38.72===============================30.86
[C]Haryana=================45.23================================42.90
[D]Kerala==================38.73================================36.83
[E]Maharashtra=============45.26=================================20.71
[F]Rajasthan===============53.82=================================42.80
[G]Delhi===================54.28=================================49.87
[3]Other Big State
2006-07=============(Malnourished grade I & II)====================2010-2011==[A]Bihar===================N/A===================================56.17
[B]Orissa==================55.72==================================49.71
[C]Uttar Pradesh==============52.07=================================40.72
The chart presented by Ravi Shanker Prasad shows that among the big States the BJP ruled have done very well in reducing the number of malnutrition. Gujarat has done indeed very well by reducing it from 70% to 34% and now to 25%. In Gujarat as per June 2013 percentage of severely underweight children has come down to 1.61%. on the contrary except Maharashtra the performance of all the Congress led Governments has been very-very poor in reducing malnutrition which stand confirmed by the data of the Ministry of Women and Child Development, Government of India.

चौधरी अजित सिंह अरबों रुपयों की लेनदारी तो वसूल नहीं पा रहे अब एयर इंडिया के निजी करण के लिए बयानों के लट्ठ घुमा रहे हैं


झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां

वाम पंथी चिंतित नेता

ओये झल्लेया ये चौधरी अजित सिंह को कौन सा कीड़ा काट गया ओये अच्छे खासे चलते चलते अब सरकारी करियर एयर इंडियाका निजीकरण करने पर तुल गए हैं|ओये[१] निजी एयर लाइन्स से दो हज़ार करोड़ की लेन दारी इनसे वसूली नही जा रही[२] ड्रीम लाइनर की एवज में बोइंग कंपनी से हर्जाना माँगा नहीं जा रहा[३] इनसे विदेशी निवेश लाया नहीं जा रहा[४] अपने गृह प्रदेश के साथ मंडल में भी छोटे एयर पोर्ट के निर्माण के लिएइनकी दाल नहीं गल रही ऐसे में अब ये महाशय एयर इंडिया के ही निजी करण के लिए लट्ठ घुमाने लग गए हैं|सिविल एविएशन मंत्री की हेसियत से चौधरी अजित सिंह ने चुनावों से मात्र छह महीने पहले मीडिया के समक्ष फरमाया है कि यदि राजनितिक इच्छा शक्ति जागृत हो जाये तो एयर इंडिया को ज़िंदा रखने के लिए इसका निजी करण किया जाना चाहिए|ओये ये लोग अपने खर्चे तो कम नहीं कर रहे उलटे बड़े जहाज भर कर लोगों को फ्री में लन्दन तक की सैर करा रहे हैं और अपनी पार्टी के लिए निशुल्क पब्लिसिटी लेने में लगे हैं और दूसरी तरफ ऐसे कर्मचारी विरोधी ब्यान देने में लगे हैं|

झल्ला

ओ मेरे भोले कामरेड ये तो आप जी ने भी मान लिया कि चुनाव आ रहे हैं ऐसे में चौधरी अजित सिंह की सारी उड़ानों पर पाबन्दी लगनी शुरू हो गई है| बेशक इनकी एयर इंडिया बेल आउट की मोहताज है लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने बीते दिनों साडे छह हज़ार करोड़ रुपयों के बेल आउट की मांग कर दी इसमें से जितनी राशि इस वर्ष दी जानी थी उस पर भी वित्त मंत्रालय ने वीटो लगा दिया | चुनावों में इनकी पार्टी तीन सांसदों को तेरह करने में जुटी है मगर उत्तर प्रदेश में सपा की साइकिल से बार बार धकेला जा रहा हैअब ये तो आप भी मानोगे कि २००९ में दस सीटों पर चुनाव लड़ा पांच पर जीते इनमे से भी दो भाग गए अब बचे तीन इन्हें तेरह करके ही अगली संसद में दाएँ तरफ अच्छी सीट मिल सकेगी इसीलिए लगता है कि चौधरी अजित सिंह जिस तरह बयानों के लट्ठ घुमा रहे हैं उन्हें यूं पी ऐ से पर्याप्त सीटें नहीं मिल रही |कांग्रेस का बाहर से समर्थन कर रही सपा के चलते जाट और मुस्लिम समीकरण भी बिगड़ गया है ऐसे में कामरेड नए विकल्प तलाशना तो जायज है और उसके लिए इस प्रकार से भूमिका बाँधना तो बनता ही हैक्यों ठीक है न ठीक ?

सपा सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के खिलाफ भाजपा के ११३६ कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी

[मेरठ]सपा सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के खिलाफ भाजपा के ११३६ कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी मुजफ्फर नगर में हिंसा को लेकर सपा की सरकार के खिलाफ आज तीसरे दिन भी भाजपा का धरना जारी रहा|
११३६ कार्यकर्ताओं ने तुष्टिकरण की सरकरी निति का विरोध करते हुए शांति पूर्वक गिरफ्तारी दी|
मंगल पण्डे नगर में आयोजित इस धरने में विधायक लोकेन्द्र सिंह ने कहा के बहनों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा|इसके लिए सड़क से विधान सभा तक लड़ाई जारी रखी जायेगी|

सपा सरकार की तुष्टिकरण की निति के विरोध में भाजपा का मेरठ में धरना

सपा सरकार की तुष्टिकरण की निति के विरोध में भाजपा का मेरठ में धरना


पूर्व केन्द्रीय मंत्री छत्र पल सिंह ने काबिना मंत्री आजम खान की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाये और सरकार पर बिरादरीवाद+बदमाशों के सरंक्षक+मुस्लिम परस्त होने के आरोप लगाये|
चन्द्र मोहन सिंह+पूर्व विधायक अमित अग्रवाल+राखी त्यागी+संजय+अशोक विधुरी+अश्विनी त्यागी+डी के शर्मा+ सत्य पाल सैनी+वसीक राना+शम्भू सिंह+जय प्रकाश +मनोज पोसवाल+चन्द्र प्रकश त्यागी+उमा चतुर्वेदी+चौ.देवेन्द्र सिंह+राम पाल सिंह पुंडीर+ प्रवेश त्यागी+राकेश सिरोही+जय करण गुप्ता+अजित सिंह आदि ने धरने में भाग लिया|
भाजपा के छेत्रिय मीडिया प्रभारी अलोक शिशोदिया ने बताया के आज ११३६ कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी धरना चौथे दिन भी जारी रहेगा|

आर्डिनेंस को वापिस लेने के दावं से फायदा पहुंचेगा या नही परन्तु शेष बची अवधि में सरकार का चेहरा बदरंग हो गया है:सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

भाजपा के वयोवृद्ध नेता और वरिष्ठ पत्रकार लालकृष्ण आडवाणी ने ‘दि इण्डियन एक्सप्रेस‘ के सम्पादकीय के माध्यम से सरकारी फैसलों में बाधा डालने के लिए राहुल गाँधी की आलोचना करते हुए इसे सरकार का बदरंग चेहरा बताया है | अपने नए ब्लॉग के टेलपीस (पश्च्यलेख) में कहा है कि बेशक डॉ मन मोहन सिंह ने पी एम् पद छोड़ने की संभावनाओं से इंकार किया है केलिन उनकी शेष बचे कार्यकाल में इस्तीफे का ज्यादा तुक नहीं है।
राहुल गांधी ने विधेयकों पर अपनी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं की है।
शासन सम्बन्धी मामलों पर उनके विचार ज्ञात नहीं हैं परन्तु
सरकारी फैसलों में बाधा डालने की उनकी शक्ति साबित हुई है।
अब उनकी चुप्पी और मुखर तथा ज्यादा दुविधापूर्ण प्रतीत होगी।
आने वाले चुनावों में यह दांव कांगेस की राजनीतिक तौर पर फायदा पहुंचाएगा या नहीं परन्तु शेष बची अवधि में सरकार का चेहरा बदरंग हो गया है।

Barack Obama is willing to end the shut down but won’t negotiate with Adamant Republicans

Barack Obama is willing to end the shut down but won’t negotiate with Republicans,playing political games that hurt the economy .
America ,even on third day ,is suffering from the eclipsed of shutdown of the federal government.
Americans are being hurt, and U S economy is paying the price.
Reports have come out detailing how hundreds of thousands of people don’t know when their next paycheck will come. Millions of Americans, including veterans and seniors, are at risk of losing the benefits they’ve paid for, earned, and rely on.
For all that, World’s Strongest country is exactly where it was on Monday night:
If Speaker John Boehner dropped his demands to sabotage Obamacare and instead put a routine budget funding the government to a simple yes-or-no vote, it would pass — just as it did in the Senate. In fact, since the shutdown began, enough House Republicans now publicly say they’ll support a bill like this that we know it would get a bipartisan majority.
As the President Barack Obama said earlier Third morning, “this shutdown is a crisis manufactured by a small faction of one party in one chamber of one branch of the government. Republicans have tried and failed more than 40 times to prevent Obamacare from coming online, but they won’t even schedule one vote to reopen the government they were elected to run.Keeping the government open isn’t a compromise, it’s their job.
Deputy Senior Advisor of The White House David Simas Says “The President is willing, if not eager, to negotiate over how to enact policies that will strengthen the middle class, further cut the deficit, and even improve the Affordable Care Act. But he’s been clear that he won’t negotiate when Republicans are playing political games that hurt our economy”

दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए राष्ट्रपति श्रेय के वास्तविक हकदार हैं ,राहुल गाँधी नही: सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

[नई दिल्ली] दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए राष्ट्रपति श्रेय के वास्तविक हकदार हैं ,राहुल गाँधी नही: सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पत्रकार लालकृष्ण आडवाणी ने दागी नेताओं को बचाने वाले अध्यादेश की वापिसी के लिए , अपने नवीन ब्लॉग में,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को क्रेडिट दिया | ब्लॉगर अडवाणी ने अध्यादेश पर केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार के यूटर्न लेने का कारण राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को बताया है। उन्होंने इसके पीछे राहुल के विवादास्पद बयान को दरकिनार करते हुए लिखा है कि इस विषय में राहुल गाँधी को श्रेय देने की कोई जरूरत नहीं है। आडवाणी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को एक बार फिर से सरकार की साख को बचाने का श्रेय दिया है।
अडवाणी के अनुसार राहुल के बयान के बाद मुश्किल में फंसे प्रधानमंत्री ने देश वापसी के बाद केबिनेट में इस पर चर्चा की बात कही थी। राहुल ने अपने साडे तीन मिनट के बयान में इसको बकवास करार देते हुए अध्यादेश को फाड़कर फेंक देने की बात तो जरूर कही, लेकिन यह नहीं बताया कि यह क्यों बकवास है और उन्हें यह क्यों नामंजूर है।
24 सितंबर को दागी नेताओं की कुर्सी को बचाने वाला अध्यादेश सरकार ने पास किया था तभी लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इसका विरोध करने की जानकारी ट्वीट आदि के जरिए दी थी जिसके पश्चात वह अपने पार्टी के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति से मिले भी थे। राष्ट्रपति से हुई 45 मिनट की बातचीत में वह खुद इस बात को लेकर आशांवित थे कि राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और एक और रबर स्टाम्प राष्ट्रपति नहीं बनेंगे
उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रपति के चेहरे से यह जाहिर हो रहा था कि वह उनकी बात से पूरी तरह से सहमत हैं।

तेलंगाना के गठन की विरोधी भावनाओं को व्यक्त करना हो तो राहुल गाँधी को पहले उचित शब्दों का चयन कर लेना चाहिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

उत्साही कांग्रेसी

ओये झल्लेया मुबारकां ओये देखा हसाड़े सोणे ते मन मोहणे पी एम् दा कमाल|एड्दे वड्डे आन्ध्र प्रदेश को फाड़ कर २९वे राज्य के रूप में तेलंगाना को दिया निकाल और भाजपाई कमल को कर दिया निढाल|ओये अब तो हसाडी कांग्रेस और सोनिया जी का परचम वहां भी लहराए ही लहराए

झल्ला

चतुर सुजाण जी खैर मुबारक जी |दूसरे छोटे राज्यों की मांग को दर किनार करके आप जी की केबिनेट ने तेलंगाना के गठन को बेशक मंजूरी दे है लेकिन अपने भावी चेहरे राहुल गाँधी को जरूर समझा देना के तेलंगाना के गठन को लेकर उठ रहे विरोधी स्वरों से उद्वेलित होकर अगर कोई बयाँ देना हो तो कम से कम विरोधी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उचित शब्दों का चयन कर के पहले ही रख लें वरना फिर माँ की डांट खानी पड़ सकती है