सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फर नगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की सांसद जयन्त चौधरी ने यूं पी के दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए न्याय न मिलने तक लड़ने का संकल्प दोहराया| गौरतलब है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह को मुजफ्फर नगर में गिरफ्तार करके लौटाया जा चुका है|| मुख्य मंत्री और प्रधान मंत्री के दौरों का एलान हो चूका है ऐसे में स्थानीय नेता की अपने ही छेत्र में अनुपस्थिति से रालोद की प्रतिष्ठा पर स्वाभाविक प्रश्न लग रहा था| जिसके उत्तर में स्थानीय नेता का अपने लोगों से मिलना जरुरी था|
उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ लुका छुप्पी के खेल में राष्ट्रीय लोकदल महासचिव +लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी आज दूसरी बार प्रशासन को धत्ता बताते हुए चुपके से मुजफ्फरनगर पहुंचे और तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में सफलता हासिल की | उन्होंने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से बातचीत कर अपनी संवेदना व्यक्त की और लोगों से आग्रह किया कि वे मिलजुलकर रहें क्योंकि यही इस क्षेत्र की परंपरा रही है।
दंगों की सीबीआई जांच की मांग करते हुए जयन्त चौधरी ने राज्य सरकार से न्याय न मिलने तक लड़ने तथा अयोग्य, भ्रष्ट और निर्दयी सपा सरकार को राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 7 सितम्बर तथा उसके बाद की घटनाओं में प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
जयन्त चौधरी ने तड़के सुबह 5 बजे बिना किसी पार्टी पदाधिकारी को सूचित किए तथा बिना सुरक्षा के राज्य में प्रवेश किया तथा मुजफ्फरनगर में तीन गांवों रहमतपुर, बसेड़ा और बोखलहेड़ी का दौरा किया। वह सबसे पहले बसेड़ा गांव पहुंचे और बृजपाल सिंह राणा के परिवारीजनों से मिले एवं अपनी संवेदना व्यक्त की। बृजपाल सिंह महापंचायत से लौटते समय 7 सितम्बर 2013 को मारे गए थे। उनकी चार लड़कियां तथा एक लड़का है, तीन लड़कियों की शादी हो चुकी है तथा लड़का 12वीं में पढ़ रहा है। उसके बाद वह रहमतपुर पहुंचे और अजय के परिवारीजनों से मिले। अजय की 7 सितम्बर 2013 को जॉली गांव में हिंसा के दौरान मौत हुई थी।
उसके बाद जयन्त चौधरी बोखलहेड़ी गांव पहुंचे तथा मृतक सोहनवीर और शौकत के परिवारीजनों से मिले। बाद में मुजफ्फरनगर में पार्टी के सांसद संजय सिंह चौहान के निवास पर जयन्त चौधरी ने दोनों समुदायों के बुजुर्ग लोगों के साथ बैठक कर पार्टी अध्यक्ष चौ. अजित सिंह का संदेश सुनाया जिसमें उन्होंने कहा, “मैं तीन पीढ़ियों के इस रिश्ते को नफरत के माहौल से टूटने नहीं दूंगा।” बैठक में दोनों समुदाय के लोगों में शाही इमाम मौलाना जाकिर, मौलाना फुरकान, मौलाना जमालुद्दीन, कारी जकी, मौलाना जैलुद्दीन, कृष्णपाल राठी, सुधीर भारती, ठा. अरुण सिंह तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
रालोद राष्ट्रीय महा सचिव जयन्त चौधरी ने कहा, “मैंने दूसरी बार प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। मैंने दोनों समुदायों के नेताओं तथा परिवारों से मुलाकात की है। लोग प्रशासन से दुखी तथा नाराज हैं। उत्तर प्रदेश सरकार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। मैं सीबीआई जांच तथा जान-माल की हानि का उचित मुआवजा देने की मांग करता हूं।”
जयन्त ने शांति तथा सुलह के लिए अपने-अपने समुदायों को मजबूत संदेश देने के लिए गांव के बुजुर्गों की भूमिका पर जोर दिया। जयन्त चौधरी ने पार्टी के लोगों को शांति बहाल करने तथा सक्रिय रूप से गांवों का दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “जो लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, मैं उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं तथा जो लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं, मैं उनको वापस लाने के लिए उनके गांवों में अनुकूल माहौल तैयार करने का कार्य करूंगा।”
रालोद ने दावा किया है कि उनके नेता का यह साधारण दौरा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे से अलग है जिन्होंने 27 अगस्त 2013 को कवाल में पहली घटना के बाद लगभग 20 दिन बाद प्रभावित जिले का दौरा किया है। मुजफ्फरनगर तथा शामली में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के बजाए प्रशासन मुख्यमंत्री के इस दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में पूरा जोर दे रहा है।
दूसरी बार जयन्त क्षेत्र में घुसने में कामयाब रहे। इससे पहले 13 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश पुलिस के रोकने से पहले ही उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों मोर खुर्द, मोहम्मदपुर शिखस्त तथा निलोखा का दौरा किया था। गाजियाबाद में प्रवेश करने के प्रयास में सांसद जयन्त चौधरी को 9 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया गया था। रालोद अध्यक्ष तथा केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को 9 सितम्बर 2013 को उत्तर प्रदेश में नहीं जाने दिया उसके बावजूद भी 12 सितम्बर को उन्हें गिरफ्तार करके छोड़ा गया था|
Category: Unrest Strikes
रालोद सांसद जयन्त चौधरी ने हिंसाग्रस्त मुजफ्फरनगर में तीन पीढ़ियों से चले आ रहे अपने वोट बैंक के साथ मिलने में दोबारा सफलता हासिल की
AAP Top Brass Leader Arvind Kejriwal emphasized on the role of youth in rebuilding India through corruption free politics
Aam Aadmi Party[AAP]Top Brass Leader Arvind Kejriwal on Saturday addressed students at IIT Delhi, emphasized the role of youth in rebuilding India through corruption-free politics KEJRIWAL Appealed IIT STUDENTS TO JOIN His AAP Party .
AAP Leader Kejriwal addressed students at IIT Delhi today. Talking to IIT students at Dongra Hall, which was packed beyond capacity, Arvind Kejriwal emphasized on the role of youth in rebuilding India through corruption free politics. He said the youth of the country have the responsibility to change the country, and it is time for them to join politics
As Per Sources Hearing Arvind Kejriwal speak, the energised students expressed their desire to join AAP.
On this he said, AAP has give ticket to Somnath Bharti an IITian from Malviya Nagar assembly seat under which IIT Delhi campus falls. He gave them the responsibility to campaign actively for AAP and help win the assembly seat. Somnath Bharti, who is a well known lawyer, has also served as the President of Delhi IIT alumini association.
The students questioned Arvind Kejriwal on what steps need to be taken to make India how to re-build India as a superpower in the truest sense. To this he said, the biggest problem that modern day India faces is corruption, which is the root cause of all problems. The quality of education, healthcare, roads, etc is bad due to corruption and bad politics. The fate of the country would change only when politics of the country changes. He said, “we struggled for two full years for getting the Janlokpal bill passed, nut the politicians paid no heed to it. It was only then that it was decided that Aam Aadmi Party would be floated. AAP has been made to change the politics of the country. And the youth have a big role to play in this.”
All Designated Branches of Authorized Banks will accept advance tax payments even on 14 & 15th Sept.
All Designated Branches of Authorized Banks are directed to Function on 14th And 15th September, 2013 (Saturday & Sunday) and accept advance tax payments. Last date for Payment of Quarterly Advance Tax is 15th September, 2013
All designated branches of authorized banks have been asked to function today on 14th September and tomorrow on 15th September, 2013 (Saturday & Sunday) to accept advance tax payments. If any tax payer fails to pay the advance tax on 14th/15th September, 2013, then he/she can make the payment even on 16th September, 2013.
Payment of Quarterly Advance Tax on or before 15th September, 2013 by the tax payers is a statutory requirement. All such tax payers who are liable to pay advance tax must make payments in the designated branches of the banks authorized to accept tax payments.
डॉ. मनमोहन सिंह ने चण्डीगढ़ के निकट धानस में JNNURM के 8000 मकानों को झुग्गी झोपड़ीवासियों को सौंपें
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज चण्डीगढ़ के निकट धानस में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन-जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत स्लम पुनर्वास कार्यक्रम के तहत बनाए गए फ्लैटों का कब्जा लाभार्थियों को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने चण्डीगढ़ को भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनाये जाने की कामना भी की |
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “आज हम जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन की झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के अंतर्गत बनाए गए 8000 मकानों को लाभार्थियों को सौंपने के लिए इकट्ठा हुए हैं। जेएनएनयूआरएम को शुरू हुए करीब 8 साल हो चुके हैं। आज सबसे पहले मैं आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय को इस महत्वपूर्ण मिशन को मेहनत और लगन से लागू करने के लिए बधाई देना चाहूंगा। मुझे बताया गया है कि इससे लगभग 40,000 लोगों को फायदा पहुंचेगा। यह निश्चय ही चण्डीगढ़ शहर को झुग्गी झोपड़ी मुक्त बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।
साल 2006 में एक सर्वेक्षण के ज़रिए पहचाने गए सभी झुग्गी झोपड़ी निवासियों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना आपके शहर में लागू की जा रही है। इसमें करीब 12000 मकान आने वाले समय में बनाए जाएंगे। मैं इस काम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।
पी एम् ने कहा कि भारत में शहरीकरण की रफ्तार आने वाले वर्षों में बढती जाएगी। 1971 में हमारे देश की शहरी जनसंख्या करीब 11 करोड़ थी। 1971 से 2011 के बीच के 40 सालों में इसमें करीब 27 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई। यह अनुमान लगाया जाता है कि अगले 20 सालों में यह और तेज़ी से बढ़ेगी और इसमें करीब 22 करोड़ का और इज़ाफा होगा।
यह बढ़ोत्तरी शहरी बुनियादी ढांचे पर बहुत भारी दबाव डालेगी। हमारे शहरों में जो झुग्गी झोपड़ियां हैं वह इस बात का नमूना पेश करती हैं कि तेज़ शहरीकरण से किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
आज हमारे देश में स्लम में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ है और 2017 तक यह बढ़कर 10.4 करोड़ तक हो जाने का अनुमान लगाया गया है।
इस बड़ी समस्या को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने शहरी ग़रीबों की आवासीय ज़रूरतों को पूरा करने में राज्यों को सहायता देने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है, हालांकि आवास राज्य सरकारों का विषय है। 2005 से लेकर अब तक जेएनएनयूआरएम के तहत लगभग 15.6 लाख आवास मंज़ूर किए गए हैं, और इससे सामाजिक आवास और बुनियादी सुविधाओं में करीब 41 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा का निवेश होने का अनुमान है।
झुग्गी झोपड़ियों और उनके फैलाव की समस्या को हल करने के लिए हमारी सरकार ने राजीव आवासीय योजना आरंभ की है। इसके अंतर्गत एक ‘ स्लम मुक्त भारत’ की कल्पना की गई है, जिसमें हरेक नागरिक को एक अच्छा साफ-सुथरा आवास और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकें, जिनसे उन्हे अपनी रोज़ी-रोटी में भी सहायता मिले। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए 10 लाख आवास उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी।
शहरी ग़रीब लोगों को 5 लाख रुपए तक के आवासीय कर्ज पर ब्याज में 5% सब्सिडी दी जा रही है। 1 हजार करोड़ रुपए की पूंजी से एक ऋण जोखिम गारंटी कोष भी स्थापित किया गया है। इस फण्ड के ज़रिए शहरी ग़रीबों को बैंकों से कर्ज लेते समय समर्थक प्रतिभूति की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह योजना आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए अतिरिक्त 10 लाख आवासीय इकाईयों के निर्माण में मदद करेगी।
शहरी ग़रीबों के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास में निज़ी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी हमने एक स्कीम और शुरू की है। इसमें निज़ी क्षेत्र की कंपनियों को आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और कम आय श्रेणी के लोगों के लिए आवास बनाने के लिए आर्थिक लाभ दिए जाते हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं चण्डीगढ़ भारत की आज़ादी के बाद बसाया जाने वाला पहला योजनाबद्ध शहर है। यह शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने वास्तुशिल्प और नगर डिजाइन के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तमाम भारतीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में इस शहर की प्रतिव्यक्ति आमदनी भी सबसे अधिक है। 2010 में इसे भारत का सबसे “साफ-सुथरा” शहर घोषित किया गया था।
मुझे उम्मीद है कि चण्डीगढ़ बहुत जल्दी भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनने का गौरव भी प्राप्त करेगा।
रालोद के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित हिन्दू,मुस्लिम परिवारों को धाडस बंधाया
राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने आज प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित परिवारों को धाडस बंधाया| रालोद के महासचिव जयन्त चौधरीमुजफ्फरनगर+ मेरठ, बागपत तथा शामली जनपद में शान्ति बहाली के उद्देश्य से गए थे। उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से बातचीत की तथा शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश प्रशासन को चकमा देकर श्री जयन्त चौधरी तड़के सुबह 6 बजे बिना सुरक्षा तथा बिना किसी को बताए अपने एक वाहन से अकेले मेरठ में प्रवेश किया।
जयन्त पहले मोर खुर्द गांव पहुंचे और वैभव और छोटू से मिले जिनके पिता विरेन्द्र सिंह 7 सितम्बर को मारे गए थे।
उसके बाद वह मोहम्मदपुर शिखस्त गांव गए और हिमांशु (8) तथा चिराग (10) से मिले और शोक व्यक्त किया। इन मासूम बच्चों ने अपने पिता योगिन्दर सिंह को 7 सितम्बर को महापंचायत से लौटते समय खो दिया था।
उसके बाद वह निलोखा गांव की ओर चले तथा 72 वर्षीय सलीम से मिले जिनका 32 वर्षीय पोता साहिद 8 सितम्बर को गांव में मारा गया। जयन्त को देखकर सलीम रो पड़ा और कहा, “मैंने सबकुछ एक झटके में खो दिया। क्यों?” जयन्त ने दुखी पिता को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं, आपने सबकुछ देखा है। अपना दिल मत दुखाईए।”
इसके बाद गांव के सभी बुजुर्ग मस्जिद में एकत्रित हुए जहां जयन्त चैधरी उनसे मुखातिब हुए तथा कहा कि सभी बुजुर्ग एक साथ आगे आएं और समुदाय को शान्ति एवं सुलह का संदेश दें।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं उन लोगों के पास जाना चाहता था जो दुखी हैं। कई जिन्दगियां समाप्त हो गईं। मैंने लोगों में राज्य सरकार की निष्क्रियता के प्रति आक्रोश देखा है। लोग भाईचारे व शान्ति को पुनः बहाल करने की गंभीर पहल के लिए जागरूक हैं। निलोखा गांव में बहुत से ग्रामीणों ने मुझे बताया कि जो लोग गांव छोड़ चुके हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा, हम गांव को बिखरने नहीं देंगे।”
जब जयन्त चौधरी ने निलोखा गांव छोड़ा तथा बहरामपुर गांव में मृतक जहीद के परिवारीजनों से मिलने के लिए चले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मेरठ जनपद के जानी गांव पर रोक लिया तथा वापस जाने के लिए कहा। जानी में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में शान्ति है लेकिन वे सांसद की वापसी पर अड़े हुए थे।
युवा सांसद ने कहा, “यह समय पुलिस के लिए समस्या उत्पन्न करने का नहीं है। मैं शान्ति के लिए आया हूं। मैं बहरामपुर जाना चाहता था लेकिन जानी में पुलिस ने मेरी कार को रोक लिया। पुलिस ने कई जगह बैरीकेडस लगा रखे थे। मैं चाहता हूं कि प्रशासन अपने संसाधानों को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित करे बजाय यह सुनिश्चित करने के कि मैं अपने लोगों से न मिल सकूं।”
जयन्त चौधरी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के नेता आगरा में बैठक करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चाएं कर रहे हैं और दूसरी तरफ सांप्रदायिक हिंसाओं को बुझाने जा रहे जन प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है। इस समय इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है तथा इससे उन लोगों का भला नहीं होगा जो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा न्याय की मांग कर रहे हैं
पी आई ऐ के नीजिकरण के लिए सरकारी दौड़ आधी अधूरी ही साबित और अच्छा खासा एस्केलेटर बेचारी बैसाखियों का स्वरूप ले सकता है
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
भरतीय सिविल एविएशन मंत्रालय का एक चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा आप लोग ख्वाहमखाह हसाड़े सोणे मन मोहणे पी एम् की सुधारात्मक नीतियों के पीछे हाथ धो कर पड़े रहते हो अब वेखो पड़ोसी मुल्क पकिस्तान के प्रधान मंत्री जनाब नवाज शरीफ और सुधार मंत्री प्रोफ. एहसान इकबाल ने वहां की नेशनल कैरियर को टैक्स पेयर्स की गाढे की कमाई कोहवा में उड़ाने पर पाबंदी लगाने की बात कह दी है और एयर लाइन्स [PIA ]के २६% निजीकरण लिए ढोंडी पीट दी है| इससे केवल पी आई ऐ को ही सालाना ३६ बिलियन रुपयों की बचत होगी |
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी बेशक ये नीजिकरण का मंत्र विकास और सुधारों के लिए एस्केलेटर [लिफ्ट] का काम कर सकता है लेकिन वड्डे काह गए हैं के विट्ठुओं[बिच्छु] के बिल में हाथ डालने से पहले सांप को पकड़ने का मंत्र सीखना जरुरी होता है| अब देखो [१]इस एयर लाइन्स में ही ५८० स्टाफ फालतू बताया जा रहा है [२]६००० कर्मियों के बोझ के लिए पुराणी पी पी पी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है|ऐसे में इन समस्यायों का समाधान निकालने से पहले नीजिकरण के लिए दौड़ आधी अधूरी ही साबित होगीऔर एस्केलेटर बैसाखियों का स्वरूप ले लेगी|
मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से कुछ शान्ति है ,कर्फ्यू में ढील बढाई जा रही है लेकिन सिसायत गरमा रही है
मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से शांति प्रक्रिया प्रग्रिती पर है इसीलिए कर्फ्यू में ढील की अवधि बढाई जा रही है लेकिन अब छेत्र में सिसायत गर्माने लग गई है| प्रदेश में सत्तारुड समाज वादी सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए मुजफ्फर नगर की तुलना गुजरात के गोधरा काण्ड से की जाने लगी है| सपा से निष्काषित और अमर सिंह के करीबी सांसद ज्याप्रदा[अभिनेत्री] ने तो प्रदेश सरकार को जमीनी हकीकत से ही अंजान बताया है | कर्फ्यू में ९ घंटे की ढील दी गई है|
मुलायम सिंह यादव ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए गोधरा [२००२] के दंगों और मुजफ्फर नगरकी हिंसा में समानता को ख़ारिज कर दिया|
मो आजम खान को स्पष्ट कह दिया है के या तो वोह पार्टी के साथ रहें अन्यथा इस्तीफा दे सकते हैं|
मुजफ्फर नगर की इस हिंसा से चुनावी ध्रुवि करण प्रभावित होने लग गए हैं| यहाँ विकास को दरकिनार रख कर साम्प्रदाइक द्रष्टि हावी होने लग गई है| इस छेत्र में मुस्लिम और जाटों का प्रभाव है |जाटों के नेता अपने छेत्र तक में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जबकि अधिकांश मुस्लिमो का सपा से मोह भंग होने लग गया है| जाहिर है जाटों का रुझान हिन्दू वादी भाजपा की तरफ हो सकता है और मुस्लिम वोट बैंक भी अपने लिए किसी नई राजनीतिक विकल्प की सोच सकते हैं
निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स[गड्डों] में बच्चों के गिरने संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश जारी किये गए हैं
निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स[गड्डों में ] में बच्चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश[ एहतियाती उपायों के मद्देनजर] जारी किये गए हैं| जिसके अंतर्गत निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना और खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है आवश्यक होंगे|
उच्चतम न्यायालय ने निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स में छोटे बच्चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में एहतियाती उपायों के संबंध में सिविल रिट याचिका संख्या 36,2009 के मद्देनजर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
२००९ में दायर एक सिविल रिट याचिका संख्या 36,2009 में ये दिशा-निर्देश दिए गए हैं:-
(1) जमीन में बोर वेल्स, ट्यूब वेल्स की खुदाई से संबंधित कोई भी काम करने से पहले भू-स्वामी को उस क्षेत्र के संबद्ध अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम 15 दिन पहले सूचित करना होगा। इन अधिकारियों में जिलाधिकारी, जिलाधीश, ग्राम पंचायत का सरपंच, कोई भी संवैधानिक प्राधिकारी, भू-जल विभाग, जन स्वास्थ्य, नगर निगम के संबंधित अधिकारी हैं।(2) सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र की सभी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण जिला प्रशासन, संवैधानिक प्राधिकारी के कार्यालय में अवश्य होना चाहिए।
(3) खुदाई किए जाने वाले स्थान पर खुदाई कार्य के दौरान विस्तृत विवरण वाला साइन बोर्ड लगाना, जिसमें
(अ) ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता-ब्यौरा
(ब) एजेंसी, बोर वेल के मालिक का पूरा पता
(4) खुदाई स्थल के चारों तरफ कंटीले तारों की बाड़ लगाना या कोई अन्य पर्याप्त अवरोधक लगाना, शामिल है।
(5) खुदाई स्थल के चारों तरफ 0.50X0.50X0.60 मीटर परिधि के सीमेंट-कंक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण।
(6) कुएं के चारों तरफ वेल्डिंग स्टील प्लेटस लगाना या पाइपों को चारों तरफ नट एवं बोल्ट से पूरी तरह ढकना।
(7) पंप की मरम्मत के दौरान, ट्यूब वेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
(8) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद गड्ढ़ों एवं अन्य स्थानों का भराव।
(9) निर्जन बोर वेल्स को नीचे से ऊपर तक मिट्टी, रेत, पत्थरों या चट्टानी टुकड़ों से भरना।
(10) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद संबंधित स्थान को उसी तरह किया जाना चाहिए जैसा वह खुदाई से पहले था।
(11) जिलाधिकारी को इस बात की पुष्टि का अधिकार दिया जाए कि उपरोक्त दिशा-निर्देश का पूरा पालन किया जा रहा हैं तथा संबंधित केंद्रीय/राज्य एजेंसियां इन बोर वेल्स-ट्यूब वेल्स की समुचित निगरानी कर रही हैं।
(12) जिला/ब्लॉक/ग्राम स्तर पर बोर वेल्स-टयूब वेल्स की खुदाई का ब्यौरा, इस्तेमाल किए जाने वाले कुओं की संख्या, निर्जन एवं खुले पाए गए बोर वेल्स/ट्यूब वेल्स की संख्या, पूरी तरह भू-स्तर तक भरे गए निर्जन बोर वेल्स/ट्यूब वेल्स की संख्या का विवरण जिला स्तर पर रखा जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपरोक्त निगरानी कार्य ग्राम सरपंच अथवा कृषि विभाग के कार्यकारी अधिकारी द्वारा पूरा करना है। शहरी क्षेत्रों में इन कार्यों का जिम्मा कनिष्ठ अभियंता अथवा भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम के संबंधित अधिकारी पर होगा।
(13) अगर किसी भी चरण में कोई भी बोर वेल, ट्यूब वेल निर्जन छोड़ दिया जाता हैं तो इसकी खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है। संबंधित एजेंसी, विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना हैं। इस तरह की सारी सूचनाएं जिलाधिकारी अथवा ब्लाक विकास अधिकारी के कार्यालय में संकलित की जानी है।
शांति के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया जबकि रालोद अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र में सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थे
शांति के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया जबकि रालोद अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र में सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थेराष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को आज उनके संसदीय क्षेत्र बागपत जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया है जबकि रालोद अध्यक्ष का कहना है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से बातचीत करने तथा सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों ने धारा 144 का हवाला देते हुए रालोद अध्यक्ष तथा उनके समर्थकों को रोक लिया। चौ. अजित सिंह ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह अकेले ही क्षेत्र में जाएंगे लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बात करके उन्हें बागपत रोड पर ट्रोनिका सिटी के पास अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
चौ. अजित सिंह ने कहा है कि मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में हिंसा के लिए प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। रालोद अध्यक्ष ने सपा सरकार को बर्खास्त करने तथा राष्ट्रपति शासन की मांग की है। वह अपने संसदीय क्षेत्र में हिंसा पीडि़तों से बातचीत करने जा रहे थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने नहीं दिया तथा गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने शासन-प्रशासन की निन्दा की है।
रालोद अध्यक्ष ने कहा है कि रालोद के सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों से बात करके शान्ति बहाल कराने की पहल करेंगे तथा हिंसा के डर से जो लोग पलायन कर चुके हैं, उन्हें वापस लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लोगों से भाईचारे के साथ शान्ति बनाने की अपील की है।पुर्व में अजित सिंह के पुत्र सांसद और रालोद के राष्ट्रीय महा सचिव जयंत चौधरी को भी मुजफ्फर नहीं जाने दिया गया था|गौरतलब है कि मुजफ्फर नगर से भड़की हिंसा की तपिश अन्य जनपदों में भी महसूस की जा रही है जिसे लेकर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह भी चिंता व्यक्त कर चुके हैं |
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