President Barack Obama Met with Congressional Leaders ,today, and discussed the Syrian crises.
President Obama said “We have high confidence that Syria used, in an indiscriminate fashion, chemical weapons that killed thousands of people, including over 400 children, and in direct violation of the international norm against using chemical weapons,”
which poses a serious national security threat to the United States and to the region, and as a consequence, Bashar al-Assad , and Syria needs to be held accountable.”
President Obama Informed the Congressional Leaders about his decision and said I’ve made a decision that America should take action. But I also believe that we will be much more effective, we will be stronger, if we take action together as one nation. And so this gives us an opportunity not only to present the evidence to all of the leading members of Congress and their various foreign policy committees as to why we have high confidence that chemical weapons were used and that Assad used them, but it also gives us an opportunity to discuss why it’s so important that he be held to account.
President Obama said he is asking Congress for hearings and a vote on taking military action, and emphasized that the plan developed by the Joint Chiefs does not involve boots on the ground:
This is a limited, proportional step that will send a clear message to other countries also that may be interested in testing some of these international norms,
Category: Unrest Strikes
कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंह
कोयला सम्बंधित कागजात अगर वास्तव में गुम हुए होंगे तो दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी : डॉ मन मोहन सिंहप्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कोयला सम्बंधित कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं उन्हें ढूँढने का प्रयास किया जा रहा है फिर भी अगर कोई दोषी पाया गया तो दोषी लोगों को सजा जरूर मिलेगी| पी एम् ने सदस्यों से अनुरोध किया कि वह जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष न निकालें और सदन की कार्यवाही को सामान्य रूप से चलने दें
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज कोयला फाइलों/कागजातों के गुम होने के पर लोक सभा में वक्तव्य देते हुए यह आश्वासन दिया कि सरकार उन सभी कागजातों को ढूंढ़ने का पूरा प्रयास कर रही है जो सीबीआई द्वारा मांगे गए हैं।उन्होंने फाईलों के गुम होने की अवधारणा को निर्मूल बताते हुए कहा कि इस समय यह कहना जल्दबाजी होगी कि कुछ कागजात वास्तव में गायब हो गए हैं। सीबीआई द्वारा मांगे गए ज्यादातर कागजात उनको पहले ही सौंप दिये गए हैं। फिर भी इस वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज करते हुए कुछ सदस्यों ने अपने आप ही यह निष्कर्ष निकाल लिया है कि मामले में कुछ गड़बड़ है और सरकार कुछ छिपा रही है।
सरकार के पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। मामले में चल रही जांच के साथ सहयोग करने की हमारी मंशा पर प्रश्न चिह्न नहीं लगाया जा सकता क्योंकि 1,50,000 से ज्यादा पन्नों के दस्तावेज सीबीआई को पहले ही दे दिए गए हैं। उन्हीं दिनों से जब सीएजी ने अपनी परफार्मेंस ऑडिट प्रक्रिया शुरू की थी, सरकार ने हमेशा सीएजी के साथ और बाद में सीबीआई के साथ पूर्ण सहयोग किया है। हम ऐसा भविष्य में भी करते रहेंगे । और अगर मांगे जा रहे दस्तावेज वास्तव में गायब पाये जाते हैं तो सरकार गहराई से जांच करके यह सुनिश्चित करेगी कि दोषी लोगों को सजा मिले।
कोल ब्लॉक आवंटन का मामला न्यायालय के विचाराधीन है, देश का उच्चतम न्यायालय इन आवंटनों के सभी पहलुओं को देख रहा है। इसके अलावा, सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की भी उच्चतम न्यायालय द्वारा नजदीकी से निगरानी की जा रही है। 29 अगस्त, 2013 के आदेश में न्यायालय ने कहा है कि सीबीआई 5 दिनों के अंदर उन सभी कागजातों और दस्तावेजों की पूरी लिस्ट सरकार को देगी, जो अभी भी बकाया हैं और उसके बाद दो सप्ताह के अंदर सरकार सभी उपलब्ध कागजात सीबीआई को सौंप देगी। सरकार इन निर्देशों का अक्षरशः पालन करेगी और यह पूरा प्रयास करेगी कि मांगे हुए कागजात सीबीआई को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर ढूंढ़कर दे दिए जाएं। यदि सरकार इन कागजातों में कुछ को निर्धारित समय-सीमा के अंदर नहीं ढूंढ़ पाती है, तो जैसा कि न्यायालय का निर्देश है, सीबीआई को एक प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा ताकि वह उचित जाँच कर सके।
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बाड़ की गंभीर स्थिति से जूझ रहे बिहार में बारिश की संभावना से नदियों के जलस्तर के और बढने का अंदेशा
बाड़ की गंभीर स्थिति से जूझ रहे बिहार में बारिश की संभावना से नदियों के जलस्तर के और बढने का अंदेशा |
२० जिलों में बाड़ की गंभीर स्थिति से जूझ रहे बिहार में बारिश को देखते हुए वहां नदियों के जल स्तर के और बढ़ने की संभावना पर चिंता व्यक्त की जा रही है|भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचनानुसार ३ सितम्बर की प्रात तक बिहार की सभी नदियों के जल ग्रहण छेत्रों में साधारण वर्षा होने की संभावना है जिसके फलस्वरूप नदियों के जलस्तर में २० सेंटीमीटर तक वृद्धि होने का अनुमान है यह खतरे के निशान से ज्यादा है|
जल संसाधन विभाग ने केन्द्रीय जल आयोग के हवाले से जानकारी दी है के गंगा नदी का जलस्तर भागल पुर +भागलपुर+गाँधी घाट+पटना+मुंगेर+साहेब गंज+फरक्का में खतरे के निशान से न्यूनतम ४८ से.मी.से अधिकतम १९१ तक था|इन सभी पर न्यूनतम ४ और अधिकतम २० से मी की वृद्धि की सूचना दी गई है|इसके आलावा घाघरा नदी का जलस्तर ने कमी होने की संभावना बनी है|सोन+कोसी+बूढी गंडक+कमल-बलान में बढ़ोत्तरी की संभावना है |
विशेष कार्य पदाधिकारी विपिन कुमार रॉय ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया के बाढ़ पीड़ित परिवारों को एक एक क्विंटल खद्यान देयता के मानकों के अनुसार २ लाख ५८ हज़ार ७९६ क्विंटल खाद्यान+५८५०० पोली शीट्स वितरित की जा चुकी है|८५ राहत शिविर स्थापित किये गए हैं| १६० बाढ़ मृत्यु के एवज में अनुग्रह अनुदान भी दिए गए हैं|२७९९ देसी नाव लगाईं गई है|
मुद्रा अवमूल्यन जिन्न गायब करने के लिए पेट्रोल मंत्री ने आँखें मींची और राजनीतिक आकाश काला दिखने लगा
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक बेचारा आम आदमी
ओये झल्लेया ये नेताओं ने हमें किस भम्भड़ भूसे में डाल दिया है ? ओये पहले तो रुपये में गिरावट और डीजल +पेट्रोल में उछाल से बौदलाये[बोखलाए] केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने अजीबो गरीब तरीके से तेल कंपनियों के नुकसान को कम करने के लिए पेट्रोल पर रात के समय ताला लगाने की बात उड़ा दी |जाहिर हैं पेट्रोल पम्पो पर लाइने लगनी ही थी विपक्ष भी स्वाभाविक रूप से माचिस की तीलियाँ ले कर सरकार के पीछे पड़ गया | पेट्रोल की काला बाजारी +होर्डिंग्स+फायर एक्सीडेंट की संभावनाओं से डराया जाने लगा |इतनी सारी कथा रचने के पश्चात अब पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कदम पीछे हटाते हुए स्वयम की रचि कथा पर पूर्ण विराम लगा दिया अब कहा जा रहा है कि पेट्रोल पंपों को रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक काम बंद रखने के आदेश दिए ही नही गए हैं |
झल्ला
ओ मेरे भोले बादशाहों दरअसल पेट्रोल मंत्री वीरप्पा जी मोइली ने आँखें बंद करके मुद्रा अवमूल्यन के जिन्न को गायब करने की सौची लेकिन अपनी ही गद्दीगेड में फंसे माननीय को आँखें बंद करते ही राजनीतिक आकाश भी काला ही दिखने लगा सो घबरा कर आँखें खोलनी ही पडी |
मानव विकास रिपोर्ट-2013′ के अनुसार दिल्ली की आधी आबादी को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं है
मानव विकास रिपोर्ट-2013′ के अनुसार दिल्ली की आधी आबादी को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं है |
आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार पर फिर हमला बोला है| ‘मानव विकास रिपोर्ट-2013’ के आधार पर आरोप लगाया गया है कि विकास का दावा करने वाली सरकार द्वारा बीते पंद्रह सालों में दिल्ली की आधी आबादी को भी पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं दी जा सकी है
आप पार्टी ने इस रिपोर्ट के आधार पर यह आरोप लगाया है कि दिल्ली में. आम आदमी का नहीं बल्कि सिर्फ नेताओं और बिजली-पानी कंपनियों के मालिकों का ही विकास हुआ है|
दिल्ली सरकार द्वारा आज जारी ‘मानव विकास रिपोर्ट-2013’ ने शीला सरकार के विकास के दावों की कलई खोल दी है. सरकार की अपनी रिपोर्ट कहती है कि आधी से ज्यादा दिल्ली में जीवन नरक बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के मामलों में तो दिल्ली की तस्वीर काफी हद तक डरावनी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की सेवाओं का लाभ दिल्ली में सभी को समान रूप से नहीं मिल रहा है| दिल्ली सरकार इंसान का सम्मान बरकरार रखने तक में नाकामयाब रही है. सरकार के विकास के तमाम दावों के बावजूद यह रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के गरीब इलाकों में 56 % बच्चें आज भी खुले में शौचालय जाने पर मजबूर हैं. इसी दिल्ली में 50 हजार लोग बेघर भी हैं. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के 85 % मजदूर बेहद खराब परिस्थितियों और कम मजदूरी पर काम करने पर मजबूर हैं.
अस्पतालों की स्थिति बयान करते हुए मानव विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां प्रति 10,000 लोगों पर कुल 4 डॉक्टर उपलब्ध हैं. देश की राजधानी दिल्ली में लोगों को औसत 7.5 साल की ही स्कूली शिक्षा उपलब्ध हो सकी है. जिन सड़कों के नाम पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बडे बडे दावे कर रहीं हैं, उनकी भी हकीकत रिपोर्ट में खुलकर सामने आ गई है. दिल्ली के केवल दो तिहाई लोग सड़कों की हालत से नाखुश हैं. यानि चन्द चमकती मुख्य सड़कों को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली में सड़कों भी बुरा हाल है.
मानव विकास रिपोर्ट की इस तस्वीर पर “आप” ने सवाल उठाए है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित किस मुंह से विकास का नारा देती हैं. जब वे पिछले 15 साल में आधी दिल्ली को पानी, स्कूल, शौचालय जैसी सुविधाएं तक नहीं दे पाईं तो भला दिल्ली की जनता उन पर अगले 5 साल के लिए कैसे भरोसा कर ले. ऐसा लगता है कि दिल्ली में विकास के नाम पर खर्च तो अरबों-खरबों रुपए हुए लेकिन विकास आम आदमी का नहीं सिर्फ नेताओं का हुआ है और बिजली-पानी कंपनियों के मालिकों का हुआ है.
M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges, 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A
M C I Inspected 31 And Rejected 6 Colleges 5 Of Which Are From The States Not Ruled By U P A
Medical Council Of India [M C I] carried out inspection of 31 medical colleges during 2013-14 and proposed rejection for opening of 6 medical colleges ,which is much less then the previous years.
Interestingly five out of six have been rejected from the states which are not ruled by UP A.and Fifty Percentage colleges are rejected from U P Only.During 2011-12 Inspectors inspected 6 Colleges out of which they rejected 2 colleges.During 2012-13 i out of 3 colleges were rejected. Apart from this 1 each from Chattisgarh and Tamil Nadu are rejected.
This Inspection was also carried out in Bihar[2colleges],Delhi[1college]Haryana[1],HimachalPradesh[1]Karnataka[3]Kerala[2]Maharaashtra[1]But these all were granted positive nod .
[1] During 2011-12== 43 colleges were inspected and 22 were rejected
[2] during 2012-13==33 colleges were inspected and 13 were rejected
[3]During 2013-14 ===6 out of 31 colleges have only been rejected for opening
The MCI has recommended to the Ministry of Health & Family Welfare for withdrawal of recognition for reported irregularities in respect of Santosh Medical College,[with 100 seats] Ghaziabad and Subharti Medical College, Meerut.[100 seats] The matter has been referred back to Board of Governors for re-examination.The Fate of students, specially quota students, have not been Unveiled.Both Colleges have 100 U G seats each.
Reservation Quota is prescribed for admission to undergraduate
Union Minister of Health & Family Welfare Shri Ghulam Nabi Azad in written reply to a question in the Lok Sabha has informed that Medical colleges are established/recognized as per the provisions of Indian Medical Council (IMC) Act, 1956 and the Regulations made thereunder. For this purpose, the Medical Council of India (MCI) inspects the medical colleges to assess the standards of examination and facilities available at the college as per the minimum standard requirement as prescribed in Medical Council of India Regulation, 1999.
भाजपा जानती है समय से पहले चुनाव नहीं होंगे फिर भी दबाब के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश का अनुरोध किया
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर उपप्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी+पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह + नेता प्रतिपक्ष[लोक सभा ] श्री मति सुषमा स्वराज और अरुण जेटली[राज्य सभा]+पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा +पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह+पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू+अनंत कुमार और रविशंकर प्रसाद ने आज राष्ट्रपति से इस संबंध में मुलाकात की।शुक्रवार को प्रणब मुखर्जी से मिलकर भाजपा के इन शीर्ष नेताओं ने देश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए शीघ्र चुनाव करने की मांग की| राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में भाजपा ने आग्रह किया है कि नवंबर में होने वाले तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा लिए जाएं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद श्री आडवाणी ने मीडिया को बताया के ‘मुझे पता है कि सरकार जल्द चुनाव नहीं कराएगी, लेकिन अगर राष्ट्रपति कोई प्रतिक्रिया देते हैं तो दबाव जरूर बनेगा।प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह आर्थिक स्थिति सुधारने के स्थान पर विपक्ष की आलोचना मात्र करने लगते हैं| उन्होंने राज्यसभा में जिस तरह का भाषण दिया वह दुखद है। रविशंकर ने व्यंगात्मक शैली में कहा कि केंद्र सरकार खुद को बीमार मानेगी तभी तो उसके इलाज के लिए कार्यवाही की जा सकेगी| प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन के वक्तव्य को निराशा, नकारात्मकता और कड़वाहट भरा बताते हुए कहा है कि इसमें ईमानदारी की कमी है।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति को यह याद दिलाने से भी नहीं चूका कि वित्त मंत्री बदहाली का ठीकरा बतौर पूर्व वित्त मंत्री उन्हीं (प्रणब) पर फोड़ रहे हैं, तो पीएम चुप रहकर इसका परोक्ष समर्थन कर रहे हैं। रविशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में प्रणब का बचाव करते हुए कहा कि किसानों को कर्ज माफी का फैसला वर्तमान वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के ही समय में किया गया था|
प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट के लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया
प्रधान मंत्री ने रुपये की गिरावट को अस्थाई बताते हुए इसके लिए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं के साथ ही विपक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने आज रुपये में तेज गिरावट पर चुप्पी तोड़ते हुए पहले लोक सभा और बाद में राज्य सभा में बयान दिया| “वर्तमान में रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर सरकार की चिंता व्यक्त की| उन्होंने इसके लिए स्पष्टीकरण देते हुए देश और विदेशों में घटी अप्रत्याशित घटनाओं का विवरण भी सुनाया|इसके साथ ही उन्होंने लाबित पड़े अनेकों आवश्यक कानून का हवाला देते हुए विपक्ष और राज्य सरकारों पर भी भड़ास निकाली|
उन्होंने कहा कि देश के बाहर घटी कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से बाजार पर विपरीत प्रतिक्रिया हुई है जिसके कारण रुपये की कीमत में तेजी से और अप्रत्याशित गिरावट आई। 22 मई, 2013 को यू.एस. सेन्ट्रल बैंक ने यह संकेत दिया था कि वह जल्द ही मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाएगा क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इससे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ा जिसके फलस्वरूप न केवल रुपये में, बल्कि ब्राजील की रियाल, तुर्की की लीरा, इंडोनेशिया के रुपिया, दक्षिण अफ्रीका के रैंड और अन्य मुद्राओं में भी तेजी से गिरावट आ रही है।
जहां वैश्विक कारणों जैसे कि सीरिया में तनाव और यू.एस. फेडरल रिजर्व द्वारा मात्रात्मक मूल्य में धीरे-धीरे कमी लाने की नीति अपनाए जाने से उभरती बाजार मुद्राओं में सामान्य गिरावट आई है, वहीं हमारे चालू खाते में भारी घाटे और कुछ अन्य घरेलू कारणों से विशेष रुप से रुपया प्रभावित हुआ है। हम चालू खाता घाटे को कम करना चाहते हैं तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहते हैं।
वर्ष 2010-11 और इससे पूर्व के वर्षों में हमारा चालू खाता घाटा काफी सामान्य था और 2008-09 के संकट वाले वर्ष में भी इसका वित्त पोषण करना मुश्किल नहीं था। तभी से इसमें गिरावट आने लगी है, जिसके मुख्य कारण भारी मात्रा में सोने का आयात, कच्चे तेल के आयात और हाल ही में कोयले की ऊंची कीमतें रही हैं। निर्यात के क्षेत्र में, हमारे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण हमारा निर्यात का बढ़ना रुक गया है। लौह अयस्क के निर्यात में आई गिरावट के कारण भी निर्यात और अधिक प्रभावित हुआ है। इन सभी कारणों से हमारा चालू खाता घाटा निरंतर बढ़ा है।
स्पष्ट है कि हमें सोने के प्रति अपना मोह कम करना होगा, पेट्रोलियम उत्पादों का मितव्ययतापूर्ण इस्तेमाल करना होगा और अपने निर्यातों को बढ़ाने के उपाय करने होंगे।हमने चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय किये हैं। हाल की तिमाही में विकास दर घटी है। मैं आशा करता हूं कि वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही में विकास दर अपेक्षाकृत सामान्य रहेगी। लेकिन, मेरा यकीन है कि जैसे-जैसे अच्छे मानसून के नतीजे सामने आएंग, वैसे-वैसे विकास दर भी बढ़ेगी|
पी एम् ने तरलता की समस्यापर बोलते हुए कहा कि कई परियोजनाएं अव्यवहार्य नहीं हैं, बल्कि वे केवल विलंबित हैं। जबकि इसके विपरीत, दूसरे देशों में काफी संख्या में परियोजनाएं बनाए जाने के कारण बैंकिंग क्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। जैसे-जैसे ये परियोजनाएं सुचारु होंगी, वैसे-वैसे वे राजस्व सृजित करेंगी तथा ऋणों का भुगतान करेंगी। हमारे बैंकों के पास आधारभूत मानदंडों से अधिक पूंजी है और गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों के निष्पादनकारी होने तक उन्हें वित्तपोषित करने की क्षमता है। विगत में आसान सुधार किए जा चुके हैं। अब हमें सुधार के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इन सुधारों में सब्सिडी में कमी, बीमा और पेंशन संबंधी सुधार, अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं। ये आसान सुधार नहीं हैं, इनके लिए राजनैतिक सहमति की आवश्यकता है।मैं, यहां सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों से अनुरोध करुंगा कि वे समय की मांग पर ध्यान दें। कई आवश्यक कानून राजनैतिक सहमति न होने के कारण लंबित हैं। माल तथा सेवा कर जैसे सुधार, जिसे सभी लोग विकास दर फिर से हासिल करने हेतु आवश्यक मानते हैं, के लिये राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हमें ऐसे मुद्दों पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मैं राजनैतिक दलों से आग्रह करता हूं कि वे इस दिशा में कार्य करने और अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास की राह पर वापस लाने के सरकार के प्रयासों में मदद करें।
सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है
सांसद जयन्त चौधरी ने मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहाली की मांग की है|
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने हाल ही में मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में हुई हिंसा की निन्दा करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आए दिन साम्प्रदायिक हिंसाएं हो रही हैं। राज्य सरकार सूबे में कानून व्यवस्था बनाने में असफल है। उन्होंने प्रदेश में हो रहीं साम्प्रदायिक हिंसाओं पर रोष व्यक्त किया |
श्री जयन्त ने हिंसा पर दुख जताते हुए मांग की है कि इस मामले में निर्दोष लोगों को न फंसाया जाए और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए तथा राज्य में शान्ति व्यवस्था कायम की जाए।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक स्थिति के लिए घरेलू कारकों के साथ ही अमेरिका के रुख में आये परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आर्थिक समस्या के लिए अमेरिका के मौद्रिक रुख में बदलाव के साथ ही घरेलू कारकों को भी जिम्मेदार ठहराया है|
उन्होंने कहा कि ‘इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि देश को मुश्किल आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके कई कारण हैं। मैं इससे इंकार नहीं करता कि कुछ घरेलू कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं लेकिन अमरीका के मौद्रिक रुख में परिवर्तन के कारण अंतरराष्ट्रीय कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। सीरिया में नए तनावों के कारण उत्पन्न हुई कुछ समस्याएं भी है जो इस समय काफी गंभीर हैं तथा जिसका तेल की कीमतों पर निश्चित रूप से असर पड़ा है। वित्तमंत्री ने कहा बैंक सभी उद्योगों को ऋण प्रदान करें और वास्तविक चूककर्ताओं के प्रति सहानुभूति रखें
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