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Category: Unrest Strikes

कुकिंग कोल् इंडिया ने उत्तराखंड सी एम् फंड के लिए २० करोड़ की राहत राशि का चेक पी एम् फंड की मार्फ़त भेजा

पिछले दिनों मेने राष्ट्रीय नेताओं द्वारा अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय प्राईवेट सोशल साईट ट्विटर के माध्यम से शाब्दिक युद्ध छेड़ा हुआ है आज में सरकारी वेबसाईट का उदहारण देना चाहता हूँ और यह आशा करता हूँ की सम्बंधित मंत्रालय इसका अवलोकन करके स्थिति को स्पष्ट करेंगे|
पहली खबर कोयला मंत्रालय से सम्बंधित है| उत्‍तराखंड आपदा राहत के लि‍ए 20 करोड़ रुपए का अंशदान शीर्षक से रिलीज की गई इस राष्ट्रीय सूचना को इस प्रकार तैयार/अपलोड किया गया है|
भारत सरकार के उपक्रम भारत कोकिंग कोल लि‍मि‍टेड (बीसीसीएल)[ BCCL ] ने उत्‍तराखंड के आपदा पीड़ि‍तों की राहत के लि‍ए मुख्‍यमंत्री के आपदा राहत कोष में 20 करोड़ रुपए का अंशदान कि‍या है।बीसीसीएल के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध नि‍देशक श्री टी.के.लाहड़ी [ T K Lahiry, ]और सीआईएल के अध्‍यक्ष श्री एस. नरसिं‍ह राव[ S. Narsing Rao,] ने आज अपने वि‍भाग के मंत्री श्रीयुत श्रीप्रकाश जायसवाल को इस राशि‍के चैक प्रस्‍तुत कि‍ए और उनसे अनुरोध कि‍या कि‍इन्‍हें प्रधानमंत्री के राहत कोष में दे दि‍या जाए, ताकि‍उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री की सहायता कोष में इसे भेजा जा सके।
बीसीसीएल के सभी श्रमि‍क संघों और बीसीसीएल प्रबंधन ने 02 जुलाई, 2013 को सर्वसहमति‍से प्रधानमंत्री राहत कोष में उत्‍तराखंड पीडि‍तों की सहायता के लि‍ए अपना एक दि‍न का वेतन देने का फैसला कि‍या था। यह राशि‍लगभग सात करोड़ रुपए बैठती है।
ऊपरी तौर पर इसे देखने में कोई खराबी या गलती नही दिखती मगर दोबारा गौर से देखने में दिखाई देता है कि उतराखंड के मुख्य मंत्री के राहत कोष के लिए २० करोड़ रुपये का चेक दिया गया हैं| राष्ट्रीय उपक्रम के अधिकारियों ने अपने मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को यह चेक देते हुए कहा कि इसे प्रधान मंत्री के राहत कोष में दे दिया जाए ताकि इसे मुख्य मंत्री राहत कोष में भेजा जा सके|बात यहाँ ही खत्म नही होती अंग्रेजी की रिलीज के अनुसार अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि इस चेक को प्रधान मंत्री तथा मुख्य मंत्री के राहत कोष में दे दिया जाए|
उत्तराखंड और केंद्र में एक पार्टी की सरकार है| ऐसे में पी एम् की मार्फ़त सी एम् राहत कोष में राशि भेजने की आवश्यकता समझ से परे हैं|अब राशि चेक में है ऐसे में पहले यह पी एम् के राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करवाई जायेगी उसके पश्चात ही इसे उत्तराखंड के सी एम् के फण्ड में ट्रांसफर कराया जाएगा| इसीपूर्व इस मंत्रालय के एक अन्य विभाग सी आई एल ने ५० करोड़ रुपयों की राहत राशि सीधे मुख्य मंत्री राहत कोष में भेजी है| अब चेक को पहले पी एम् के फंड में जमा करवाया जाएगा उसके बाद ही इसे मुख्य मंत्री के राहत कोष में ट्रांसफर किया जाएगा| सरकारी कार्यों की रफ़्तार जग जाहिर हैं| एक राजनीतिक प्रश्न भी उठता है कि क्या कोयला मंत्रालय को सी एम् फंड पर भरोसा नही हैं इस निष्कर्ष पर पहुँचना अभी जल्द बाजी होगी क्योंकि उतर अभी प्रतीक्षित है| पी एम् राहत कोष से पहले हीएक हजार करोड़ रुपयों की राहत की घोषणा की जा चुकी है |

जेट एतिहाद पर एक माह में छह शिकायतों पर अभी विचार किया जा रहा है ,पीछे हटने का सवाल नहीं उठता PMO

प्रधान मंत्री कार्यालय[पी एम् ओ]ने जेट -एतिहाद एयर लाइन्स को लेकर हुए भारत -और यूएई में हवाई सेवाएं समझौते पर देश की स्थिति स्पष्ट की है|इसे मीडिया में आ रही खबरों के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है|
पी एम् ओ कार्यालय द्वारा कहागया है कि इस समझौते के विरोध में मात्र एक माह में छह शिकायतें मिलने के फलस्वरूप इस पर केवल विचार किया जा रहा है| इसलिए इससे पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता|
कहा गया है कि पिछले कुछ दिन से भारत – यूएई (आबू धाबी)द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते और जेट एयरवेज-एतिहाद इक्विटी स्‍टेक प्रस्‍ताव पर मीडिया में खबर आ रही है। इनमें से कुछ खबर में कहा गया है कि प्राधानमंत्री कार्यालय जेट एयरवेज-एतिहाद प्रस्‍ताव में भूमिका निभा रहा है।
[2] मीडिया के कुछ समाचारों में लगाए जा रहे आरोप तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत तथा आधारहीन हैं। सरकार में या मंत्रालयों और प्रधानमंत्री के बीच इस बारे में कोई असहमति नहीं है। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते हाथ नहीं खींचा है और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर पीछे हटने की तैयारी कर रहा है।
[३]मीडिया में दो अलग-अलग मामले उठाए जा रहे हैं। पहला भारत और आबू धाबी के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते के तहत सीट बढ़ाने के हक के बारे में है। यह द्विपक्षीय हवाई यातायात सीटों के हक के बारे में दो सरकारों के बीच समझौता है और दोनों देशों की सरकारों से संबंधित है।
[अ] दूसरा जेट एयरवेज और एतिहाद के बीच इक्विटी की हिस्‍सेदारी के प्रस्‍ताव के बारे में है जो निजी क्षेत्र की दो कंपनियों के बीच समझौता है। ऐसे समझौते में विदेशी निवेश होता है तथा इसलिए ये इस संबंध में किसी सरकार की नीति एवं कानून के अनुसार होने चाहिए। अलग-अलग मुद्दे होने और विभिन्‍न श्रेणी के निकायों के बीच के मुद्दे होने के नाते इन दोनों मामलों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए
[४]जहां तक द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते की बात है, तथ्‍य सरल हैं। द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौतों के तहत सीटों के हक में बदलाव आमतौर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और दूसरे देश के संबंधित मंत्रालय करते हैं। यह परिवर्तन सहमति ज्ञापन के तहत किए जाते हैं तथा इनके लिए उच्‍च स्‍तर पर अनुमोदन की जरूरत नहीं होती।

यह केस प्रधान मंत्री तक क्यूं आया

[५] 22-04-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्री ने सीट के हक के बारे में आबू धाबी के साथ सहमति ज्ञापन सम्‍पन्‍न करने के लिए प्रधानमंत्री की अनुमति मांगी थी जो अंतर-मंत्रालय समूह की सिफारिश से भिन्‍न थी। इसलिए यह मामला प्रधानमंत्री के स्‍तर तक आया। प्रधानमंत्री ने वित्‍त मंत्री को निर्देश दिया कि मामले पर विस्‍तार से विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री, विदेश मंत्री और वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री की बैठक बुलाए। मंत्री मिले और द्विपक्षीय विचार विमर्श के लिए प्रस्‍ताव पर सहमत हुए। इस बैठक का कार्यवृत्‍त वित्‍त मंत्रालय ने जारी कर दिया है।
[६] उसी दिन मंत्री मामले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिले। इस बैठक में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल हुए। बैठक में पिछली बैठक के कार्यवृत्‍त में उल्‍लेखित फार्मूले के अनुसार वार्ता में आगे बढ़ने पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
[७] इसके बाद 26-04-2013 को प्रधानमंत्री ने यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस संबंध में उन्‍होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को औपचारिक रूप से यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस सम्बन्ध में नोट जारी कर दिया गया |
[८] इसके बाद हमारे विमानन क्षेत्र पर मध्‍य पूर्व की विमानन कंपनी के असर के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट प्राप्‍त हुआ। इसे विचार के लिए 22-05-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया।
[९]मंत्रिमंडल ने जब इस नोट की समीक्षा की तो महसूस किया गया कि इसे सिलसिलेवार ढंग से पुन- तैयार करना चाहिए। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13-6-13 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कैबिनेट नोट को फिर से तैयार करने के लिए नोट भेजा। प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजा गया यह नोट जारी कर दिया गया है।
[१०]यह निजी कंपनियों के बीच का मामला है जिसके लिए वर्तमान नीतियों और कानून के अनुसार संबंधित एजेंट के अनुमोदन की जरूरत है। यह सरकारों के बीच समझौता नहीं है तथा इस मामले में पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का सवाल ही नहीं उठता।
समझौते के बारे में शिकायत
इस मामले में प्रधानमंत्री को निम्‍नलिखित शिकायतें मिलीं –
1- प्रधानमंत्री ने 1-5-2013 को श्री गुरूदास दासगुप्‍ता का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
2- 2-5-2013 को श्री प्रबोध पांडा का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
3- 3-5-2013 को श्री सुचारू रंजन हलदर, सांसद का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
4- 29-5-2013 को डॉ सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
5- 13-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
6- 21-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
इस मामले पर अभी विचार किया जा रहा है तथा इसलिए पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

धान के नए समर्थन मूल्यों से देश के किसानो को ९ हज़ार करोड़ का नुक्सान होगा:भाजपा

भाजपा ने केंद्र द्वारा तय किये गए धान के समर्थन मूल्यों मात्र ६० रुपयों की बढोत्तरी को अपर्याप्त बताते हुए इसकी पुनः समीक्षा की मांग की है| भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैप्टेन अभिमन्यु ने कहा के वर्तमान मूल्यों पर किसान प्रति क्विंटल १४०० रुपये औसतन खर्च करता है इस नए समर्थन मूल्य पर उन्हें प्रति क्विंटल ९० रुपये का नुक्सान उठाना पडेगा|देश भर के किसानो को कुल ९००० करोड़ का नुक्सान उठाना पडेगा|मुद्रास्फूर्ति के चलते यह बढोत्तरी मात्र ५% के बजाय १४% होनी चाहिए थी|
यह किसानो के साथ धोखा है और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर भी प्रश्न चिन्ह है|
भजपा ने कपास के समर्थन मूल्यों में मात्र १०० रुपये के स्थान पर ५०० रुपयों की वृद्धि के साथ ही स्वामी नाथन आयोग को लागू किये जाने की मांग की है|

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

भारतीय स्टेट बैंक की शाखा की भी सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास

[मेरठ]अपराधियों ने थाना मेडिकल की पोलिस को नई चुनौती देते हुए भारतीय स्टेट बैंक [ एस बी आई ]की शाखा की सुरक्षा व्यवस्था को भी तोड़ने का प्रयास किया| शास्त्री नगर के ई ब्लाक की मैं रोड पर एस बी आई की शाखा को लूटने में बदमाशों ने कोई कसर नही छोड़ी| विंडो ऐ सी को निकाला और दो ऐ टी एम् भी तोड़ डाले |
यधपि पोलिस किसी धन की लूट से इंकार कर रही हैं मगर बैंक द्वारा इस विषय में प्रेस से भी गोपनीयता बरती जा रही है|इससे पूर्व अभी एक माह पूर्व ही इसी थाना छेत्र के कोआपरेटिव बैंक में पड़ी डकैती का खुलासा नही किया जा सका है ऐसे में यह दूसरा प्रयास पोलिस की व्यवस्था पर प्रश्न लगा रहा है|

“आप” की दिल्ली में केंडीडेट संतोष कोली को एक कार ने गाजिआबाद में गंभीर रूप से घायल किया: ह्त्या की साजिश का आरोप

आम आदमी पार्टी[आप]की कर्मठ कार्यकर्ता [आर टी आई एक्टिविस्ट] संतोष कोली एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई हैं| आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने इसके पीछे हत्या का षड्यंत्र बताया है| इससे पहले भी संतोष पर दो एटैक हो चुके हैं|
बताया गया है कि आप पार्टी कि कार्यकर्ता संतोष और कुलदीप एक मोटर बाईक पर मात्र ४० कि मी की रफ़्तार से उत्तर प्रदेश के गाजिआबाद में एक खाली सड़क पर जा रहे थे इसी बीच पीछे से आ रही एक त्रीव गति की कार ने टक्कर मार दी | और संतोष को गंभीर रूप से घायल करके गायब हो गई| यशोदा अस्पताल में संतोष जन्म, मृत्यु में झूल रही हैं|इससे पूर्व ब्रजलाल पर को भी उत्तर प्रदेश में कार से कुचल दिया गया था| संतोष सीमापुरी से “आप “:की केंडीडेट हैं

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पिछले १८ महीनों में २८ साम्प्रदाईक दंगों का हिसाब माँगा

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पिछले १८ महीनों में २८ साम्प्रदाईक दंगों का हिसाब मांग लिया है |मेरठ में आयोजित कांग्रेस अल्प संख्यक जोनवार मीटिंग में यह मुद्दा उठाया गया|
शर्मा मेमोरियल हाल में इन बिन्दुओं पर चर्चा की गई और कार्यवाही की मांग उठाई गई|
[१] सम्मलेन उ प्र में पिछले डेड़ वर्ष में २८ से ज्यादा हुए साम्प्रदाईक दंगों की कड़ी निंदा की गई औरपीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता के साथ ही निर्दोष फंसे मुस्लिम समुदाय के नौजवानों पर लगे मुकद्दमे वापिस लिए जाने की मांग की गई|
[२] प्रत्येक थाने में २ मुस्लिम वर्ग के के अलावा आबादी के हिसाब से अधिकारीयों की तैनाती की जाए
[३] अल्पसंख्यक हितों के लिए बनाय गए आयोग+समितियों को तत्काल क्रियान्वित किया जाए
[४] बंद की गई पशु वद्ध शालाएं [कमेले] तुरंत खोली जाएँ
[५] फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट बने
[६]उर्दू को राज्य में आवश्यक भाषा बनाया जाये
[७] विद्युत मूल्यों में बढोत्तरी को वापिस लिया जाए
[८]उत्तराखंड में आई विपदा में मारे गए लोगों को श्रधान्जली भी दी गई \
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रशीद अल्वी+युसूफ कुरैशी+मारुफ़ खान आदि उपस्थित थे

कोल इंडिया ने उत्तराखंड सी एम् राहत कोष में ५० करोड़ और कर्मियों ने पी एम् कोष में ५ करोड़ के यौगदान की घोषणा की

कोल इंडिया लिमिटेड[ CIL ] ने विपदाग्रस्त उत्‍तराखंड के विकास के लिए वहां के मुख्‍यमंत्री राहत कोष में 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया है|
उत्‍तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के बचाव+ राहत+ पुनर्निर्माण + पुनर्वास के लिए कोयला खदान महारत्‍न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मुख्‍यमंत्री राहत कोष में 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया है । यह आर्थिक मदद कॉरपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व बजट से की गई है| यह बजट प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए स्‍थापित किया गया है।
सीआईएल के अध्‍यक्ष एस. नरसिंह राव ने कोयला मंत्रालय में सचिव एस. के. श्रीवास्‍तव की उपस्थिति में कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को ५० करोड़ रुपयों का चेक प्रदान किया।
प्रधानमंत्री के राहत कोष में 54,737 कर्मचारियों के एक दिन के मूल वेतन का योगदान करने का निर्णय लिया गया है।मंत्रालय का अनुमान है कि एक दिन का यह वेतन लगभग पाँच करोड़ रुपये से अधिक होगा।
कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने सीआईएल तथा डब्‍ल्‍यूसीएल के कर्मचारियों की इस सदाशयता की प्रशंसा की है।

चिरंजीवी ने उत्तराखंड में नष्ट हो चुके पर्यटन की आधारभूत संरचना को खड़ा करने के लिए १०० करोड़ और दिए

केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के . चिरंजीवी[K Chiranjeevi ] ने उत्तराखंड में नष्ट हो चुके पर्यटन की आधारभूत संरचना को [ Tourist Infrastructure ]पुनः खड़ा करने के उद्देश्य से १०० करोड़ के विशेष वित्तीय पॅकेज का ऐलान किया है|यह पूर्व में घोषित ९५ करोड़ के पॅकेज के अतिरिक्त है| विशेष रूप से चार धाम की यात्रा के रूट्स पर टूरिस्ट सुविधाओं को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी|इससे पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिरंजीवी ने एम् पी एल ऐ डी फंड्स से एक करोड़ रुपये दिए हैं|
उत्तराखंड के मुख्य मंत्री को हानि का आंकलन करने की सलाह दी गई है| जिसके पश्चात पॅकेज रिलीज किया जाएगा|

स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा उत्‍तराखंड में विपदा ग्रस्तों की सहायतार्थ तीन जन स्‍वास्‍थ्‍य टीमें भेजी

स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय द्वारा उत्‍तराखंड में विपदा ग्रस्तों की सहायतार्थ निम्न ताजा कदम उठाये गए हैं
[१]केंद्र की तीन जन स्‍वास्‍थ्‍य टीमें उत्‍तराखंड में तैनात की गई हैं।
[२] इन टीमों ने 23.6.2013 को प्रधान सचि‍व (स्‍वास्‍थ्‍य) को रि‍पोर्ट कि‍या। आठ अति‍रि‍क्‍त टीमें तैयार रखी गई हैं जो अल्‍प सूचना पर तैनात की जा सकती हैं।
बताया गया है कि सभी प्रभावि‍त जि‍लों में एनआरएचएम[NRHM ]की समन्‍वि‍त रोग नि‍गरानी कार्यक्रम से जुड़ी जि‍ला इकाइयां स्‍वास्‍थ्‍य नि‍गरानी व्‍यवस्‍था चला रही हैं। [३] दावा किया गया है कि

डायरि‍या

के शुरूआती लक्ष्‍ण मि‍लने पर हरि‍द्वार (अलवलपुर), उत्‍तरकाशी (उड़वी) तथा रूद्रप्रयाग (चंद्रपुरी) में रोग पर प्रारंभि‍क अवस्‍था में ही काबू पा लि‍या गया है लेकिन प्रभावि‍त जि‍लों से जल जनि‍त+ खाना+ हवा+ प्रत्‍यक्ष रूप से होने बाली बीमारि‍यों की सूचना के विषय में की भी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की गई है।
· मंत्रालय से जारी दिशा निर्देशानुसार स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय की तीन उच्‍च स्‍तरीय समि‍ति‍यां देहरादून में राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य अधि‍कारि‍यों के साथ स्‍वास्‍थ्‍य की स्‍थि‍ति‍की समीक्षा करेंगी।
· [अ] मच्‍छरों के काटने से होने वाली बीमारि‍यों से नि‍पटने के लि‍ए राष्‍ट्रीय मच्‍छर जनि‍त बीमारी नि‍यंत्रण कार्यक्रम के एक वि‍शेषज्ञ को राज्‍य सरकार को दि‍या गया है।
· [आ] राज्‍य सरकार ने 60 दवाओं और गैर औषधि‍सामग्रि‍यों की सप्‍लाई करने का अनुरोध कि‍या है। तीन ट्रक मेडि‍कल सप्‍लाई की जा चुकी है।
· [इ] राज्‍य के अनुरोध पर स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय 10,00,000 क्‍लोरि‍न की गोलि‍यां मंगा रहा है।
· [ई] इंडि‍यन रेड क्रास सोसायटी ने राष्‍ट्रीय मुख्‍यालय से दो सदस्‍यों की टीम 19 जून से उत्‍तरकाशी में तैनात की है और एक अन्‍य टीम पि‍थौरागढ़ में तैनात है। मुख्‍यालय से एक उच्‍चस्‍तरीय टीम रेड क्रास की राज्‍य शाखा के साथ राहत कार्य का जायजा और तालमेल के लि‍ए राज्‍य में गई है।
· [उ] इंडियन रेड क्रास सोसायटी ने 7 ट्रक सामग्री भेजी है। इसमें टेंट, फैमि‍ली पैक, कि‍चेन सेट, कंबल तथा लालटेन आदि‍हैं।
· [ऊ] इंडि‍यन रेड क्रास सोसायटी के जरि‍ए शवों को लाने के लि‍ए 1100 बैग का प्रबंध कि‍या गया है। स्‍वास्‍थ्‍य और परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय की ओर से 500 अति‍रि‍क्‍त बैग का प्रबंध कि‍या गया है।
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भाजपा ने उत्तराखंड विपदाग्रस्तों की सहायतार्थ नए अंदाज में १०५ टन सामग्री और ५६ लाख रुपये भेजे

 भाजपा ने उत्तराखंड विपदाग्रस्तों की सहायतार्थ नए अंदाज में १०५ टन सामग्री और ५६ लाख रुपये भेजे

भाजपा ने उत्तराखंड विपदाग्रस्तों की सहायतार्थ नए अंदाज में १०५ टन सामग्री और ५६ लाख रुपये भेजे

भारतीय जनता पार्टी [भाजपा ] ने उत्तराखंड के विपदा ग्रस्तों की सहायतार्थ नए अंदाज में १०५ टन सामग्री और ५६६६९९४ रुपये भेजे | लखनऊ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने राहत सामग्री ले जा रहे ट्रकों पर लगे पार्टी के झंडे उतरवा दिए और ट्रकों की कान्वई को झंडी दिखाने के बजाय हाथ जोड़ कर रवाना किया | भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बताया कि राहत राशि की यह पहली किश्त है और इसके अलावा चार ट्रक सामग्री और भेजी जानी हैइसके लिए ट्रकों कि व्यवस्था की जा रही है| उन्होंने बताया कि मात्र तीन दिनों में ही पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं ने १४ जिलों से यह राहत सामग्री एकत्रित है और अभी लगभग १० लाख रुपये और एकत्रित करके भेजे जाने हैं|
पार्टी राष्ट्राध्यक्ष राज नाथ सिंह ने एक दिशा निर्देश जारी किया है जिसके अनुसार राहत सामग्री को रवाना करते समय झंडी दिखने का समारोह नही किया जाये इससे मानवीय भावनाएं आहत होती है|एक तरह से उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा द्वारा झंडी दिखा कर भेजी गई राहत सामग्री के जवाब में यह कदम उठाया है |इसके साथ ही श्री सिंह ने उत्तराखंड की राष्ट्रीय आपदा को राजनीती मुद्दा नही बनाये जाने की अपील भी की है|उन्होंने सोशल साईट पर ट्विट करके कहा है के अगर कोई उकसाता भी है तो भी राष्ट्रीय आपदा पर शांत रह कर राजनीती नही करनी चाहिए The BJP appeals to party workers not to politicise uttraakhand tragedy. Even if you are instigated by others stay calm and composed.