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Category: Unrest Strikes

शरद पवार की धुआंधार बालिंग के सामने बोर्ड के सचिव शिर्के और कोषाध्यक्ष जगदाले पेवेलियन लौटे

बी सी सी आई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार धुआंधार बालिंग को देखते हुए अब बोर्ड की कई विकेट्स खुद ही गिरने लगी हैं | बोर्ड के सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। श्रीनिवासन को भेजे इनके इस्तीफे में कहा गया है कि क्रिकेट में हाल ही के घटनाक्रम से वे लोग बेहद आहत हैं।इसके अलावा पवार की घोषणा के बाद सचिन तेंदुलकर ने भी स्वयम के आहत होने की बात कह दी है|
जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर जो अभी तक एन श्रीनिवासन के लिए एम्पायरिंग करते फिर रहे थे उन्होंने भी अब बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की जरुरत स्वीकार कर ली है| भाजपा के नेता अरुण जेटली[नार्थ] और आई पी एल के चेयर मैन केन्द्रीय सरकार में संसदीय कार्यों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला अभी भी श्रीनिवासन को पेवेलियन लौटाने के लिए अपनी उंगली उठाने को तैयार नही दिख रहे|लेकिन प्रधान मंत्री डा. मन मोहन सिंह ने जब से खेल और राजनीती को अलग रखने की बात कही है और कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी पार्टी की इमेज सुधारने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रही हैं|ऐसे में दागी आई पी एल के चेयर मैन पद से चिपके हुए राजीव शुक्ला के मंत्री पद जरूर खतरे में पड़ सकता है|
श्री जगदाले उस तीन सदस्यीय इनक्वायरी कमिटी से भी बाहर हो गए हैं, जो मयप्पन के खिलाफ आईपीएल में सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई है।हर तरफ से दबाव को देखते हुए श्रीनिवासन ने वर्किंग कमिटी की इमरजेंसी मीटिंग शनिवार को बुलाने की घोषणा की है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव केवल आम सभा में ही लाया जा सकता है|

किंग फिशर एयर लाइन्स ने ३८०मिलियन $ का घाटा दर्ज़ कराया :दूसरी एयर लाइन्स की चांदी

शराब किंग विजय माल्या की कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने 31 मार्च, को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में ३८०मिलियन $[ 4,301.11 करोड़ रुपये ]का घाटा होने की घोषणा की है। इससे पहले कंपनी को 2,328.01 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अक्टूबर 2012 से किंगफिशर का परमिट सस्पेंड कर दिया, जिसके कारण कंपनी का कामकाज बंद है।कंपनी ने बैंक आदि को ढाई बिल्लियन $का कर्ज़ लौटाना है|
एयरलाइन को 31 मार्च, 2013 तक लगभग 16,023.46 करोड़ रुपये का कुल घाटा हुआ है और कम्पनी की शुद्ध कीमत नकारात्मक होकर 12,919.81 करोड़ रुपये हो गई है.कम्पनी कई महीनों से अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी असमर्थ रही है.\कंपनी के शेयर आज [एन एस ई] ६.०३ पर नोट किये गए| नंबर दो पर रही इस कम्पनी के बंद रहने से या पतन से एयर इंडिया और इंडिगो के अलावा दूसरी निजी एयर लाइन्स को फायदा हो रहा है|

उत्तर प्रदेश में स्मारकों के व्यवसाईक उपयोग और उसके विरोध को लेकर वोट बैंक की राजनीती शुरू हो गई है

:उत्तर प्रदेश में जाति धर्म के आधार पर राजनीती करने वाली सत्ता रुड समाज वादी [एस पी]और विपक्षी बहुजन समाज वादी[बी एस पी] पार्टियां लगता है अब जातियों को आपस में लड़ाने की तैय्यारी में लग गई है तभी दलित उत्थान के नाम पर बनाए गए स्मारकों को लड़ाई का मैदान बनाया जा रहा है| प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने दलित महापुरुषों की याद में बने १० अरब की लागत के विशाल स्मारकों से अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए स्मारकों के खाली हिस्सों को मैरिज होम्स [शादी-ब्याह] की तरह प्रोफेशनल उपयोग की इजाजत दे दी है जिसके विरोध में बी एस पी ने दलितों के सड़क पर उतरने की चेतावनी देते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है|मुख्य मंत्री का कहना है कि स्मारकों में जनता का पैसा खर्च हुआ है। वहां शादी होने से शादी करने वालों की नहीं, स्मारकों की ख्याति ही बढे़गी। उनका प्रचार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के समय स्मारकों में अस्पताल खोलने और बेहतर इस्तेमाल की बात हुई थी, तब उसे अंदर से नहीं देखा था। यहां के एक स्मारक में अष्टधातु के जानवर और पेड़ लगे हैं। वहां के खाली स्थानों में शादी-ब्याह होने से कौन सी दिक्कत है। मुख्यमंत्री बिना नाम लिए हुए कहा कि एक सरकारी स्थान की बुकिंग के लिए लाइन रहती है, क्योंकि सब जानते हैं कि अच्छे स्थान पर कम पैसों में शादी हो जाएगी। ऐसे में स्मारक का बेहतर इस्तेमाल हो जाएगा। शादी ब्याह होगा तो उनका प्रचार भी हो जाएगा। स्मारकों की ख्याति भी फैल जाएगी।
इस सरकारी घोषणा के विरुद्ध बी एस पी कड़ी हो गई है|सत्ता मुक्त हुई बी एस पी ने इस मुद्दे को सडकों पर ले जाने की बात कह दी है और जाति वादी युद्ध की भूमिका की तरफ इशारा भी कर दिया है|पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात करके प्रदेश सरकर के निर्णय को दलित विरोधी बताते हुए सरकार को तत्काल बर्खास्त किये जाने के मांग भी कर दी है|
लगता है के २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों में अपने अपने वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए दोनों पार्टियों को एक मुद्दा मिल गया है|

माओ वादियों के एटैक के जवाब में सुरक्षा फोर्सेस की प्रति हिंसा के बजाय राजनीतिक संवाद स्थापित किया जाना चाहिए

छत्तीस गढ़ में माओ वादियों के खुनी लाल सलाम की आम आदमी पार्टी[आप] ने निंदा की और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को राष्ट्र के लिए वेक अप काल[wake up call to the nation ] बताया और नक्सल समस्या को हल करने के लिए सुरक्षा फोर्सेस द्वारा प्रतिहिंसा के बजाय संवाद स्थापित किये जाने का सुझाव दिया है|आप पार्टी ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के कारवां पर एटैक को दुर्भाग्य पूर्ण और निंदनीय बताया है|और एटैक में मारे गएऔर घायल हुए लोगों के परिवारजनों के प्रति शोक संवेदनाएं प्रकटकी हैं|
पार्टी का कहना है कि इससे पूर्व भी माओ वादियों के एटैक छत्तीस गढ़ को दहला चुके हैं और राज्य तथा केंद्र सरकारेंइसे रोक पाने में असफल साबित हुई है
अब समय आ गया ही जब इस ज्वलंत +आत्मघाती समस्या को सुलझाने के लिए एक अलग मार्ग का अनुसरण करना होगा| केवल कुछ सुरक्षा फोर्सेस भेज कर कुछ माओ वादियों या आदिवासियों को क़त्ल करवा देने के बजाये उनसे संवाद स्थापित किये जाने चाहिए इसके लिए राजनितिक इच्छा शक्ति का सर्वथा अभाव दिख रहा है|

जेंटल मैन के गेम आइ पी एल में फिक्सिंग की जांच होने तक श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी

भारत में कर्णधारों द्वारा एक विशेष धर्म का पालन बड़े धर्म से किया जाता है और वोह धर्म है विपक्षी के परिवारजनों के सभी नैतिक अनैतिक कार्यों पर मौन धारण करना | इस राष्ट्रीय धर्म का पालन क्रिकेट जैसे राष्ट्रीय खेल में भी किया जा रहा है| इस खेल में छोटे मोटे आरोपियों को लोहे की सलाखों के पीछे रखने के लिए दिन रात पसीना बहाया जा रहा है लेकिन क्रिकेट के कर्णधारों के परिवार जनो के प्रति मौन धर्म का पालन पूरे धर्म से किया जा रहा है|
स्पॉट फिक्सिंग की जांच अब केवल तीन खिलाड़ियों तक ही सिमित नही रही इसकी आंच बड़े लोगों तक पहुँचने लगी है|भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी श्रीमति साक्षी धोनी और बी सी सी आई के टाप बॉस श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम भी आरोपियों में आने लगा है| गुरुनाथ स्वयम आई पी एल की टीम के फ्रेंचाइसी[C S K] हैं और उनके लिंक फिक्सिंग के आरोपियों से जुड़ रहे हैं|
श्री मति धोनी को एक मैच में एक आरोपी बिंदू दारा सिंह के साथ मैच में ठहाके लगाते देखा गया |उस मैच में धोनी के हाफ सेंचुअरी बनाने के बावजूद भी दूसरी टीम जीत गई| इसके अलावा स्वयम बिंदू ने अपने संबंधों को आई पी एल की एक टीम के मालिक मय्यपन गुरुनाथ [फ्रेंचाईसी] के साथ स्वीकार कर लिया है यह फ़्रेञ्चाईसी बी सी सी आई के चेयर मैन एन श्रीनिवासन का दामाद है|
दिल्ली +मुम्बई की पोलिस आये दिन एक के बाद एक नए खुलासे करके एक दूसरे पर स्कोर करने की कौशिश में हैं| कांग्रेस +भाजपा+एन सी पी आदि पार्टियों के राजनीतिक इस प्रकरण पर अफ़सोस जता रहे हैं मीडिया चिल्ला चिल्लाकर सबका ध्यान इस दिशा में ला रहा है | इस सब के बावजूद कोई श्रीनिवासन या एम् एस धोनी जैसों के विषय में बोलना भी गवारा नही कर रहा| पोलिस गुरुनाथ को आई पी सी की धारा १६० के अंतर्गत तत्काल पूछ ताछ तक के लिए अपने थाणे में नही बुला सकी|
कांग्रेस के संसदीय राज मंत्री राजीव शुक्ला[स्वयम भी पत्रकार ] की रटी रटाई स्टीरियो टाइप प्रतिक्रिया है कि कानून अपना काम कर रहा है|भाजपा कोटे के युवा नेता अनुराग ठाकुर तो किसी बात से अनभिज्ञता जाहिर करते फिर रहे हैं| भाजपा के राज्य सभा में नेता अरुण जेटली की क्रिकेट से बर्खास्तगी की मांग उठने लग गई है| इससे पूर्व पार्टी की लोक सभा में नेता श्री मति सुषमा स्वराज ने आइ पी एल पर प्रतिबन्ध लगाये जाने का विरोध जताया है|खेल से जुड़े एन सी पी के सुप्रीमो शरद पवार की चुप्पी टूटी नहीं है|टीम चयन के लिए जिम्मेदार के.श्रीकांत+ वरिष्ठ सुनील गवास्कर+कपिल देव आदि श्रीनिवासन के खिलाफ बोलने को तैयार नही दिख रहे है | पूर्व पी एम् अटल बिहारी वाजपई के दामाद से लेकर वर्तमान यूपी ऐ की अध्यक्षा के दामाद के केस में इसी धर्म का पालन किया जाता रहा है|अब क्रिकेट के चेयर मैन एन श्रीनिवासन के दामाद के केस में भी उसी लाईन को फॉलो किया जा रहा है|
देश और खेल के कर्णधारों का यह व्यवहार कहीं न कहीं इस धर्म का सन्देश जरुर देता है कि किसी के परिजनों पर अटैक नही करना चाहिए|
यहाँ यह कहना उचित ही होगा कि क्रिकेट कि सबसे बड़ी संस्था आई सी एल ने स्पॉट फिक्सिंग के मात्र आरोप के आधार पर पाकिस्तान के एम्पायर असद रऊफ को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी क्रिकेट प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है| लेकिन भारत में अपने प्रतिनिधि एन श्रीनिवासन को हटाने को तैयार नही है| अगर असद रऊफ़, की बर्खास्तगी खेल और प्रतियोगिता के हित में है और किसी भी जांच के नतीजे की प्रतीक्षा किये बगैर ही असद को हत्या जा सकता है तो एम् एस धोनी और एम् गुरुनाथ के विषय में कोई कार्यवाही नही की जा रही |यहाँ यह कहना अनुचित नही होगा के क्रिकेट को जेंटल मैन का गेम कहा जाता रहा है ऐसे में जेंटल मैन के नैतिक धर्म को कानून की पैचिदिगियों के नीचे नही दबाना चाहिए|इसीलिए आइ पी एल में वर्तमान फिक्सिंग की जांच होने तक एन श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी|

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

पशु कत्लगाहों के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया

[मेरठ]] कमेले[SlaughterHouses ] के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया|प्रदेश में नगर विकास मंत्री आज़म खान की सख्ती + अदालत की तत्परता +स्थानीय प्रशासन की यौजना और अधिकारियों की समर्पित भावना के फलस्वरूप शहर के एक अहम् हिस्से में कानून व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के लिए सैकड़ों अवैध भट्टियों के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया |
हापुड़ रोड स्थित पुराने कमेले को यदपि घोसीपुर शिफ्ट किया जा चूका है लेकिन इसके मालिकों की हटधर्मी + सत्ता से नजदीकियों से पुराना कमेला बदस्तूर पशुओं की कत्ल गाह बना रहा यही नहीं मीत व्यापारियों द्वारा एक वर्ग विशेष में बगावत की चिंगारी भी सुलगाने के प्रयास शुरू हो गए| जिसके विरुद्ध आये दिन आवाज उठती रही है और मामले को कौर्ट में भी लेजाया गया|
अब चूंकि अदालत का फैसला इनके विरुद्ध आ चूका है इसीलिए विश्व प्रसिद्ध मेला नौचंदी के समाप्त होते ही पूरी सुरक्षा फ़ोर्स से और सबके सहयोग से पुराने कमेले पर कब्ज़ा अभियान चलाया गया जिसमे सफलता भी मिली|इस इलाके को एक तरह से पोलिस की छावनी में तब्दील कर दिया गया |आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग लगा दी गई| एक तरफ तो प्रशासन के [३] बुलडोजर[JCB]अवैध निर्माण ढहाने में लगा था तो दूसरी तरफ सैकड़ों सफाई कर्मी भी तत्परता से मलबा हटाने में जुटे रहे|
गौरतलब है के नगर निगम की भूमि पर मीत कारोबारियों की दबंगई से १२० मीट गौदाम के अलावा प्राईवेट जमीन पर लगभग पांच गुना गौदाम थे| जिन्हें अवैध घोषित किया जा चूका है|
बताते चलें के शहर में पशुओ की सडकों पर हत्या+चोरी और लूट की घटनाये बढने लगी हैं बताया जा रहा है के इस प्रकार के पशुओं को इन्ही कत्लगाहों पर लेजाकर बेचा जाता रहा है|अब इससे राहाह्त मिलने की आशा जताई जा रही है|[इसकी पुष्टि के लिए मीट व्यापारी से संपर्क नही हो पाया]

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

अमेरिका के ओकलाहामा में आए जबर्दस्त बवंडर[ TORNADO] से हुई भारी तबाही से उभरने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं |पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास किये जा रहे हैं|
इस वबंडर के कारण बड़ी बड़ी इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं. सोमवार को दो मील चौड़े और 17 मील लम्बे बवंडर ने अधिकांश प्रांत को मलबे के ढेरों में तब्दील कर दिया है । सीएनएन ने भी इस बात की पुष्टि की है।इस तूफान से सबसे ज्यादा तबाही ५६००० की आबादी वाले मूर कस्बे में हुई है| इससे पहले यह कस्बा 1999 में और फिर चार वर्ष के बाद तूफान टि्वस्‍टर का शिकार हुआ था। घायलों की संख्या तीन डिजिट्स में पहुँच चुकी है|
सैकड़ों घर+ स्कूल + अस्पताल मलबे में तब्दील हो गए है और 260 घायलों में से भी 60 बच्चे बताये गए हैं। तूफान की चपेट में बच्चे इसलिए आए क्योंकि वे उस समय अपनी क्लासों में थे जब तूफान ने स्कूलों, इमारतों, अस्पतालों को अपनी चपेट में लिया।
सी एन एन +एनडब्लयूएस +के आर क्यू की ४ आदि एजेंसियों के अनुसार इस तूफान का रास्ता साढ़े सत्ताईस किलोमीटर का था और इसकी चौड़ाई करीब दो किलोमीटर से अधिक थी. इस चक्रवाती तूफान ने तबाही का सिलसिला 45 मिनट तक जारी रखा और करीब 56,000 लोगों को अपने चपेट में ले लिया. राहतकर्मियों ने 100 से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला वहीं मरने वालों की संख्या निरंतर बढती जा रही है \ 237 लोग इस घटना में घायल हुए. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओकलाहोमा में आए चक्रवाती तूफ़ान को एक बड़ी त्रासदी बताया है.| अमेरिकन रेड क्रॉस ने सहायता कार्यक्रमों के अलावा कुछ सुझाव भी दिए हैं इनमे बिजली और गैस पाईपों के टूटा होने की संभावना के मध्य नज़र सावधानी बरतने को कहा गया है|

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दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ रुपये वसूले जाएँ :लोकायुक्त मन मोहन सरीन की टेडी नज़र

निजी छवि को सुधारने के लिए छपवाए जा रहे विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरूपयोग पर लोकायुक्त ने टेडी नज़र करते हुए दिल्ली कीमुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ की रिकवरी की सिफारिश की है| लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने बुधवार को विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में राष्ट्रपति डा . प्रणव मुखर्जी से सिफारिश की है के दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भविष्य में ऐसा न करने की ‘चेतावनी’ दी जाए और विज्ञापनों पर खर्च सरकारी 11 करोड़ रुपए वसूले जाएँ|आदेश में कहा गया है कि पूरे साल छपे विज्ञापनों में पूरा तारतम्य नजर आता है। लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शीला दीक्षित ने न तो अपने ऊपर लगाए आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश की और न ही अभियान से संबंधित लेख के संबंध में यह सबूत पेश किए कि वह उनकी अनुमति के बगैर लिखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष में विज्ञापनों पर 22 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किये गए थे इसका करीब 50 % रिकवर किये जाने की संतुति की गई है| इसे राजनीतिक फायदे के लिए खर्च किया बाते गया है| यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि इस राशि को पर्याप्त न समझें तो राष्ट्रपति ज्यादा वसूलने का आदेश दें।
लोकायुक्त ने विज्ञापनों में सरकारी धन के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश बनाए जाने की भी सिफारिश की है
।’बदल रही है दिल्ली’,+ ‘परिवर्तन की डोर टूटे ना’,+ ‘डोन्ट स्टॉप क्लीन दिल्ली,+ ग्रीन दिल्ली’, आदि दर्जनों स्लोगन युक्त विज्ञापनों से शहर पटा हुआ दिखाई दे रहा था। इससे दिल्ली सरकार ने जनता के समक्ष सिर्फ अपनी पार्टी की बेहतर छवि बनाने के रूप में प्रयोग किया।77 पेज की मामले की सुनवाई व आदेश में उदय सहाय द्वारा लिखे गए लेख का उल्लेख करते बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने एंटी इन्कम्बंसी फेक्टर को कम करने के लिए रणनीति तैयार की थी और उसके असर को कम करने के लिए इसे प्रचार अभियान में तब्दील किया।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर कराई जांच के आधार पर लोकायुक्त ने ७७ पेज के अपने आदेश में यह सिफारिश की है। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि नवंबर २००८ के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा पाने के लिए विज्ञापन अभियान में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने पद और सरकारी धन का दुरूपयोग किया। चुनाव के बाद जून, २००९ में एक अखबार में सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक उदय सहाय के एक लेख को इस मामले का आधार बनाया गया, जिसमें यह बताया गया कि किस तरह सरकारी विज्ञापनों को रणनीति के तहत अभियान की तरह चलाया गया।

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने भ्रष्टाचार को उजागर करने पर “आप” को धमकाया

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने आम आदमी पार्टी को धमकाया |आम आदमी पार्टी [आप] ने यह आरोप लगाते हुए बताया है कि
बवाना से कांग्रेसी विधायक सुरेंदर कुमार के गुर्गो ने ‘आप’ के एक कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दी है| विधायक के कुछ खास समर्थको मैं से एक बिजेंदर सोलंकी, आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भगवान् सोलंकी के निवास पर गए और उनकी माता जी को धमकाते हुए कहा कि अपने

बेटे से कहो चुप चाप बैठ जाये नहीं तो जान से मार देंगे.

इसके जवाब में आप के कार्यकर्ता ने विधायक को चेतावनी देते हुए कहा

सत्य की लडाई के लिए अगर जान भी जाये तो कोई गम नहीं पर हम पीछे नहीं हटेंगे.

पार्टी के पत्र आआकके अनुसार 19 मई को बवाना विधायक के घेराव के दौरान भगवान् सोलंकी ने विधायक के द्वारा अवैध कब्जाई जमीनों के बारे मैं खुलासा किया था. इसके बाद विधायक और उनके साथी खासे नाराज थे.|