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Category: Unrest Strikes

उत्तर प्रदेश में बढते अपराधों को लेकर रालोद ने अखिलेश सरकार के इक़बाल पर सवाल उठाया

उत्तर प्रदेश में अपराध ग्राफ को लेकर आज राष्ट्रीय लोक दल[ रालोद ] ने प्रदेश में समाजवादी सरकार पर हमला बोला| रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर मुन्ना सिंह चौहान ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि सरकारें इक़बाल पर चलती हैं लेकिन आये दिन हो रहे अपराधों से ऐसा लगता है कि यह सरकार अपना इक़बाल खो चुकी है|चौहान ने मुजफ्फर नगर+लखनऊ आदि का उल्लेख करते हुए बताया कि कानून व्यवस्था बदत्तर होती जा रही है | पोलिस थानों में बन्दर बाँट मची हुई है|कोतवाल के स्थान पर अपने सब इन्स्पेक्टर कोतवाल बना दिए गए हैं| इसीलिए कर्मियों की कुंठा भी समय समय पर निकल रही है|मुन्ना सिंह चौहान ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक तरफ तो मुख्य मंत्री व्यापारियों के हितों की बात करते हैं |इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कारोबारियों के एक सम्मेलन में बड़े बड़े दावे करते हैं लेकिन वास्तव में व्यापारियों को लूटा और मारा जा रहा है गाजिआबाद में एक व्यापारी के पूरे परिवार को मार डाला गया है|
[१] गौरतलब है कि मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सुरक्षा में लगाए गए दो सुरक्षा कर्मी आपस में ही भिड़ गए| मुख्यमंत्री इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कारोबारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करने गए थे. दोनों जवानों की तैनाती वहीं थी.प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील दीक्षितऔर मुकुंद यादव में झगड़ा हो गया. | दोनों हाथ में लाठी लेकर एक-दूसरे पर टूट पड़े.|
[२] .गाजियाबाद:कोतवाली थाना क्षेत्र की नई बस्ती में मंगलवार की रात्रि बदमाशों ने खलचूरी कारोबारी व उसके परिवार के सात लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी।अनाज मंडी में सतीश गोयल + पत्‍‌नी मंजू,+ पुत्र सचिन,+ पुत्रवधू ,+ पोते व दो पोतियों की गला रेतकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी सुबह आठ बजे के आसपास उस समय मिली जब चिकित्सक सतीश को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने पहुंचा। दरवाजा खुला था। घर में सात लोगों की लाश देखकर चिकित्सक घबरा गया और उसने पड़ोस के लोगों को और पुलिस को इसकी जानकारी दी। मौके पर पुलिस पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। एसएसपी नितिन तिवारी भी मौके पर पहुंचे।

आई पी एल बेशक आर टी आई से बची हुई है लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट में दायर पी आई एल से बच पायेगी

भारत सरकार बेशक अभी तक क्रिकेट के खेल को आर टी आई[ RTI ] के दायरे में लाने में सफल नहीं हुई है लेकिन अब आम जनता ने जनहित याचिका[PIL] के माध्यम से बी सी सी आई[BCCI पर नकेल कसनी शुरू कर दी है| लखनऊ के वास्तुकार सुदर्श अवस्थी ने अपने वकील जैन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है|इस याचिका में आइपीएल मैचों की अनियमितताओं की जांच विशेष जांच दल [एसआइटी] से कराने की मांग की गई है। लखनऊ के सुदर्श अवस्थी की याचिका में 22, 24 और 26 मई को होने वाले आइपीएल सेमीफाइनल व फाइनल मैचों पर रोक की मांग की गई है। शीर्ष अदालत मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है |
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार व बीबीसीआइ को आइपीएल[ IPL ] पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दे। बताया गया है कि आइपीएल में बड़ी रकम का निवेश होता है जिसकी शुरुआत खिलाड़ियों की नीलामी से होती है आइपीएल की नौ टीमों के मालिक और फ्रैंचाइजी विदेशी मुद्रा में खिलाड़ियों, अंपायर, चीयर लीडर व कमेंन्टेटर को भुगतान करते हैं। खर्च का ब्योरा भी देश के नागरिकों को मुहैया नहीं कराया जाता। आइपीएल में मौजूद राष्ट्रविरोधी व असामाजिक गतिविधियां है। राष्ट्रविरोधी तत्व आइपीएल में संलिप्त हैं। विदेशों से राष्ट्रविरोधी तत्व खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग जैसे गलत कामों के लिए दबाव डालते हैं और उन्हें धमकाते रहते हैं।
जनहित याचक ने कहा है कि आइपीएल कालेधन, जुआ व अश्लीलता का अड्डा बन गया है। नतीजतन भारतीय क्रिकेट टीम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम की जिम्मेदारी है कि वह देश के लिए खेले, जबकि वे स्पॉट फिक्सिंग, गैंबलिंग और बेटिंग में लगे हैं। सरकार और बीसीसीआइ के अलावा आइपीएल टीमों के मालिकों को भी पक्षकार बनाया गया है
इसके अलावा चेन्नई में एक क्रिकेट प्रशंसक ने स्पॉट फिक्सिंग में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत की है |
बेशक अभी तक सरकार बी सी सी आई पर आर टी आई कि नकेल नहीं कस पाई है+पोलिस अभी तक आई पी एल के ऊंचे खिलाड़ियों से दूर है+बी सी सी आई और अन्तराष्ट्रीय क्रिकेटर बोर्ड लाखों डॉलर्स खर्च करवा कर भी अपने खिलाड़ियों पर नज़र नही रख पा रहे हैं लेकिन इस सबके बावजूद लगता है कि अब क्रिकेटर्स का मोह [अपने द्वारा बनाये गए ]क्रिकेट के हीरोज से भंग होने लगा है सुप्रीम कोर्ट में पी आई एल और चेन्नई थाणे में रिपोर्ट से यह पहल हो चुकी है|

प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ मानवाधिकार हनन का मुकद्दमा अमेरिका में ख़ारिज लेकिन सिख फॉर जस्टिस अभी भी अड़ी

भारत के पंजाब प्रांत के वयोवृद्ध मुख्य मंत्री ने अमेरिका में अपने खिलाफ दायर एक केस को खारिज करवाने में बेशक ३७ लाख रुपये खर्च कर दिए लेकिन इस मुकद्दमे से अभी उनका पीछा छूटता नज़र नही आ रहा| अमेरिकन विस्कोंसिन की जिला अदालत ने बेशक बदल को राहत देते हुए मुकद्दमा खारिज कर दिया लेकिन अब न्यूयार्क स्थित मानवाधिकार समूह सिख फॉर जस्टिस [एसएफजे] ने इस मानवाधिकार उल्लंघन मामले को खारिज किए जाने के अमेरिकी अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। श्री बादल विस्कोंसिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में मारे गए छह लोगों की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने गए थे और वहीं उनकी गिरफ्तारी करवाने के लिए यह मुकद्दमा दायर किया गया था|
अमेरिका के विस्कॉसिन की जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बादल को कभी भी अदालत में सम्मन नहीं किया गया है.
न्यायाधीश जीन एडलमैन ने अपने फैसले में कहा कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने एक ‘मौलिक’ लेकिन अपुष्ट दलील दी कि बादल को अदालत की ओर से सम्मन भेजे गए हैं जबकि क्रिस्टोफर और उसके भाई ने सुरीन्दरपाल सिंह कालरा नामक व्यक्ति को पंजाब का मुख्यमंत्री मानकर उसे सम्मन भेजा था.
गौरतलब है कि एसएफजे ने बादल के खिलाफ पिछले साल मानवाधिकार उल्लंघन का मामला दर्ज कराया था। बीते शुक्रवार को विस्कांसिन जिला अदालत ने बादल के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया था। एसएफजे ने कहा कि वह अमेरिकी अपीली अदालत में फैसले को चुनौती देते हुए अपील करेगा कि भेजे गए समन के आधार पर बादल को व्यक्तिगत तौर पर अमेरिकी अदालत में पेश होने को कहा जाए।
बताते चलें कि इस मुकद्दमे को ख़ारिज करवाने के लिए पंजाब सरकार को करीब 36.85 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। सरकार की तरफ से अमेरिका के वकीलों को केस लडऩे के लिए कुल 67157.27 यूएस डॉलर दिए गए थे|यह जानकारी एक आर टी आई के जवाब में सरकार द्वारा मुहैय्या करवाई गई है|
लायर्स एसोसिएशन के वकील हरमिंदर संधू का मानना है कि अमेरिका की अदालत में दायर केस का जवाब देने की जरूरत नहीं थी। पंजाब सरकार ने बेवजह 36.85 लाख रुपए खराब कर दिए।

बिजली पानी की दरों पर पुनर्विचार के लिए आप के साड़े दस लाख पत्रों को दिल्ली सरकार ने डी ई आर सी को भेजा

आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली सरकर को डिलीवर किये गए साड़े दस लाख पत्रों को डी ई आर सी के मैदान में डायवर्ट कर दिया गया है| प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली पानी बिलों की सर्पाकार चाल के खिलाफ साड़े दस लाख पत्रों को दिल्ली सरकार ने डी ई आर सी को भेजा सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली की सरकार ने सभी साड़े दस लाख पत्रों को आगे की कार्यवाही के लिए डी ई आर सी को भेज दिए हैं|यह संस्था बिजली रेट्स की नियामक[REGULATORY ] बाडी है अब बताया जा रहा है के इस संस्था ने इन पत्रों पर विचार करने के लिए आपत्तियां माँगी हैंजिसके लिए विज्ञापन के माध्यम से दो दिनों में दिल्ली वासिओं से आपत्तियां माँगी गई है| उल्लेखनीय है के यह प्रतिक्रिया पहले भी अपनी गई थी लेकिन उसके कोई पश्चात बिजली के रेट्स बड़ा दिए गए थे |इसके विरुद्ध आप पार्टी ने सविनय अवज्ञा आन्दोलन छेड़ कर साड़े दस लाख विरोध पत्र इकट्ठा किये और दिल्ली की सरकार को पहुंचाए थे| |
व्यंग

आप पार्टी के आन्दोलन कारियों को दिल्ली के विधायकों ने धकियाया +धमकाया+ गुंडों से पिटवाया और पोलिस से पकड़वाया

आम आदमी पार्टी [आप] ने आज दिल्ली के विधायकों का घेराव किया जिसके फलस्वरूप अनेकों ने धमकाया एक आध ने पानी पिलाया तो कुछ नेताओं ने पोलिस का सहारा लेकर आन्दोलन कारियों को थाणे भी पहुंचाया |
आप पार्टी ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार आज विधायकों का घेराव किया और बिजली पानी के बिलों की सर्पाकार रफ़्तार के साथ महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल किये गए लेकिन पार्टी की प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन के अनुसार ज्यादातर विधायकों ने अपने छेत्र के वोटरों से मिलने से भी इंकार कर दिया|शान्ति पूर्वक आन्दोलन कर रहे कार्यकर्ताओं को पोलिस और अपने दबंगों के बल पर तितर बितर भी किया|
पार्टी ने कुछ उदहारण भी दिए हैं
शाहदरा में कांग्रेस के विधायक नरेन्द्र नाथ ने महिलाओं और बच्चो को भी नही बक्शा |२० कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी करा दिया गया| +सोमेश शौकीन ने तो पार्टी के कार्यालय आकर सबको धमकाया जिसके खिलाफ १०० नंबर पर ऍफ़ आई आर दर्ज़ करा दी गई है|मालवीय नगर में विधाक किरण वालिया के दबंगों ने आन्दोलन कारियों को निर्दयता से पीटा |तीन कार्यकर्ता घायल हुए हैं|
चीफ मिनिस्टर शीला दीक्षित के आवास की तरफ कूच करने वाले कार्यकर्ताओंको मार्ग में ही रोक कर तुगलक रोड पोलिस स्टेशन में भिजवाया गया| २० कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए गया है| हैल्थ मिनिस्टर एक के वालिया[लक्ष्मी नगर] और रमेश बिदुरी[तुगलकाबाद ] के आवास के बाहर आँदोल कारियों को रोकने के लिए भारी पोलिस बंदोबस्त किया गया था जिसके दम पर आन्दोलन कारियों के म्यूजिक सिस्टम तोड़ डाले गए|गाँधी नगर के विधायक के घर की तरफ जाने वालों को कल्याण पूरी पोलिस स्टेशन ले जाया गया|

भाजपा के विधायक प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा

के निवास पर पहुंचे आन्दोलन कारियों को बैठा कर पानी पिलाया गया और उनके बात सुन कर कार्यवाही का आश्वासन दे कर उन्हें लौटाया गया |
इस आन्दोलन के प्रति प्रतिक्रया जानने के लिए

मुख्य मंत्री निवास

पर फोन किया गया तो प्रेस मामलों को देख रहे श्री सत्यपाल ने बताया कि आप पार्टी ने सरकार को कोई लिखित में तो सूचना नहीं दी थी और ना ही इस सम्बन्ध में सरकार को कोई मांग पत्र ही दिया गया है इसीलिए इस पर प्रतिक्रया जरुरी नहीं है|
उन्होंने बताया कि आप पार्टी द्वारा रोजाना स्टैंड बदल लिया जाता है |सत्यपाल ने राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि आप पार्टी ने चुनाव की तैयारी स्वरुप इस आन्दोलन को चलाया है अब चुनावों में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा|
आप पार्टी ने दिल्ली के ७० विधायकों का घेराव करने की घोषणा की थी पार्टी की विज्ञप्ति में घेरे गए विध्य्कों कि संख्या नही बताई गई है इस सम्बन्ध में प्र्यस्कराने के उपरान्त भी पार्टी से संपर्क नही हो पाया

इंडिगो अब लो कास्ट कैरियर नहीं वरन, सिविल एविएशन मंत्रालय की अनुकम्पा से ,हाई कास्ट कैरियर है

लो कास्ट कैरियर्स अब लो कास्ट नहीं वरन हाई कास्ट कैरियर्स हैं |सिविल एविएशन मंत्रालय से इनकी मिली भगत के चलते आनन् फानन में निर्णय लिए जा रहे हैं इसीलिए स्पष्ट दिशा निर्देश का सर्वथा अभाव है जिसके चलते ये कथित लो कास्ट कैरियर्स मनमाना चार्ज करने लगी हैं जाहिर है इससे आम जनता की जेब पर बेरोक टोक डाका डाला जा रहा है|यदि ऐसा ही चलता रहा तो वोह दिन दूर नही जब हवाई जहाज़ में टायलेट जाने के लिए भी भारी भरकम कीमत चुकानी पड़ेगी|
किसी अनजाने दबाब में लिए गए निर्णय के अनुसार निजी एयर लाइन्स को सिविल एविएशन मंत्रालय द्वारा कुछ छूट दी गई हैं जिसके अंतर्गत अब इच्छा के अनुसार सीट मांगने पर ५००/= तक अतिरिक्त चार्ज किया जा रहा है| लूट की दिशा में यह पहल कथित लो कास्ट कैरियर इंडिगो एयर लाइन्स ने शुरू की है|यदि एक परिवार के चार सदस्य हवाई यात्रा कर रहे हैं जिनमे दो बच्चे हैं और स्वभाविक रूप से चारों एक साथ बैठना चाहेंगे ऐसे में उन पर भी अतिरिक्त भुगतान का अभिशाप है|प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्व भर में केवल विंडो और और आगे के सीटों पर ही अतिरिक्त चार्ज किया जाता है लेकिन भारत में नागरिक उड्डयन मंत्रालयकी अनुकम्पा से ऐसी कोई पारदर्शिता का सर्वथा अभाव है|
इंडिगो एयर लाइन्स की डोमेस्टिक उड़ानों में एक साधारण समोसा १५०/= का दिया गया है गौरतलब है कि क्राफ्ट में समोसे को गर्म करने की कोई व्यवस्था नहीं होने से यह समोसा ठंडा ही सर्व किया जाता रहा है| प्लेन में लगाई जाने वाली दुकान कि ट्राली को बार बार सेंटर में घुमाए जाने से सेंटर की भी संकरी सीटों पर बैठे यात्री परेशान होते रहते हैं| लेकिन इस सामान की गुणवत्ता परखने के लिए कोई व्यवस्था दिखाई नहीं देती है| अब गर्म खाने के नाम पर भी वसूली होने लगेगी सो यह अपने आप में जांच का विषय होना चाहिए |इसके अलावा बीते वर्ष अनेकों एयर लाइन्स में सुरक्षा व्यवस्था की खामियां पाई गई थी ट्रेनिंग के दौरान अधिकाँश कर्मी फेल हुए थे इससे साफ़ जाहिर होता है कि इन कंपनियों द्वारा रिसर्च+डेवलपमेंट+ट्रेनिग के नाम पर केवल खाना पूरी ही की जा रही है| लेकिन नियामक साहब को इन कार्यों के लिए समय नही है |पिछले दिनों डी जी सी ऐ के निदेशक के एन श्रीवास्तव ने इन लो कास्ट कैरियर्स को सावधान किया है इसके फलस्वरूप अभी तक कोई प्रगति नही दिखाई दी है|
ट्रेवल एजेंटों की संस्था टी ऐ ऐ आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष इकबाल मुल्ला का कहना है कि इस सम्बन्ध में डी जी सी ऐ या एयर लाइन्स से कोई सर्कुलर नही आया है|उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि सिविल एविएशन मंत्रालय और डी जी सी ऐ के साथ इन लो कास्ट कैरियर्स कि मिली भगत है जिसके चलते लचर+अस्पष्ट आदेश दिए जाते हैं जिनके आधार पर एयर लाइन्स में लूट शुरू हो जाती है|

आम आदमी पार्टी १९ मई को दिल्ली के सभी विधायकों का घेराव करेगी:विधायकों ने दी टाँगे तोड़ने की धमकी .

आम आदमी पार्टी [आप] ने लगता है कि दिल्ली कि राजनीति में अपना प्रभाव स्थापित कर लिया है तभी पार्टी के हर कदम पर सरकार के साथ अब सत्ता रुड दल के विधायकों की बौखलाहट सामने आने लगती है | दिल्ली पोलिस के बल पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिशें शुरू हो जाती हैं| अब तो विधायक गण अपनी कुंठा निकालने के लिए आम आदमी पार्टी को के कार्यकर्ताओं को धमकी भी देने लग गए हैं||यह आरोप आप पार्टी ने लगाते हुए १९ मई की सुबह विधायकों का घेराव करने का एलान किया है |
पार्टी की प्रवक्ता अस्वति मुरलीधरन ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि जनता के सवालों पर दिल्ली के विधायक कितने बौखला जाते हैं इसकी बानगी आज दिल्ली में कई जगह देखने को मिली. जंगपुरा से कांग्रेस विधायक तर्जिंदर मारवाह ने तो आज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकी ही दे दी की अगर “कल जनता को लेकर आये तो टांगे तुड़वा दूंगा”. लक्ष्मी नगर से कांग्रेस विधायक और सरकार में वरिष्ठ मंत्री डॉक्टर ए. के. वालिया के यहाँ कल के लिए मुलाकात का समय मांगने गए कार्यकर्ताओं को वालिया के स्टाफ ने पुलिस बुला कर थाने में बंद करवा दिया.
यह भ्रष्ट विधायकों की जनता के सवालों से बचने की ऐसी कोशिश है जिसमे वो कामयाब नहीं हो पायेगें. आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता कल दिल्ली के सभी विधायकों का घेराव करेंगे और जनता के साथ मिलकर बिजली-पानी के बेहताशा बढ़ते दाम और महिलाओं की सुरक्षा से सम्बंधित सवालों पर जवाब मांगेंगे.
हर इलाके में बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने क्षेत्र के विधायक के घर पहुचेंगे और उनसे निम्नलिखित तीन सवाल पूछेंगे-
[१]. बिजली-पानी के दम जब बेतहाशा बढ़ाये जा रहे थे तब अपने विधान सभा में कितनी बार आवाज़ उठाई?
[२]. DERC के चेयरमैन ब्रिजेंदर सिंह ने बिजली के दम आधे से भी कम करने का आदेश बनाया तो शीला दीक्षित ने उसे रुकवा दिया. तब अपने इसके खिलाफ क्या किया था?
[3.] हमारी बहु-बेटियों की सुरक्षा के लिए आपने क्या प्रयास किया? जब पूरी दिल्ली दामिनी और गुड़िया के साथ हुए अन्याय के खिलाफ सडकों पर पुलिस की लाठियां खा रही थी तब आप कहाँ थे?
यह जनता के सुलागते सवाल हैं और जनता जानना चाहती है कि उनके विधायक ने आख़िरकार पिछले 5 साल में विधानसभा में बैठकर क्या किया?
कल के लिए हर विधायक के यहाँ चिट्ठी देकर सूचना दी गई है कि कल सुबह 11 बजे जनता आपसे सवाल पूछने आएगी. दिल्ली के कई विधायकों ने ये चिट्ठी आसानी से स्वीकार कर ली लेकिन कई ने तो मिलने की चिट्ठी लेने तक को मना कर दिया.
कांग्रेस के ही एक और विधायक (मुस्तफाबाद से) हसन अहमद से जब कार्यकर्ताओं ने मिलने का समय माँगा तो थोड़ी देर बाद कार्यकर्ताओं के पास इलाके के SHO का धमकी भरा फ़ोन आ गया.
· उधर कोंडली में कांग्रेस विधायक अम्बरीश गौतम के बेटे ने मिलने की चिट्ठी तो ले ली लेकिन रिसीविंग मांगने पर कार्यकर्ताओं को धमकाने लग गये कि हिम्मत है तो आप लोग UP में काम करो.
· सबसे अधिक अहंकार की गंध राजौरी गार्डन के कांग्रेसी विधायक के बयान से आती है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘हम लोग राज घराने से है और राज करना हमारा अधिकार है. उन्होंने कहा झुग्गी-झोपड़ी में कोई मेरे सामने मुहं खोलता है तो मैं एक चांटे में उसका मुहं बंद कर देता हूँ’. चंदेला ने राजौरी गार्डन विधानसभा के कई इलाकों के नाम लेते हुए, AAP कार्यकर्ताओं को वहां न जाने की चेतावनी भी दी.
· [ Exceptions] हालांकि सभी विधायक चिट्ठी लेने या मिलने से मना कर रहे हों ऐसा नहीं है. उत्तम नगर से कांग्रेस विधायक मुकेश शर्मा ने तो चुनौती दी है कि आप मुझसे सवाल पूछिए और मैं आपसे सवाल करूंगा. नजफगढ़ में INLD (इंडियन नेशनल लोक दल) विधायक भारत सिंह ने भी कार्यकर्ताओं को घर पर आने को कहा है. ग्रेटर कैलाश से BJP विधायक वी. के. मल्होत्रा के स्टाफ ने भी आराम से चिट्ठी ले ली और कल 11 बजे मिलने का समय दिया है.
आम आदमी पार्टी राजनीति के इसी दोगलेपन का उजागर करेगी. कल 19 मई को सुबह 11 बजे सभी इलाकों में विधायकों का घेराव कर उनसे जनता के सवालों का जवाब माँगा जायेगा. पार्टी कार्यकर्ता मनीष सिसोदिया कल पुलिस बुलाने वाले ए.के. वालिया के घर जाकर सवाल करेंगे. मनीष सिसोदिया का घर पांडव नगर इलाके में है जो ए. के. वालिया के विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मी नगर में ही आता है. पार्टी के दूसरे सदस्य संजय सिंह, खुद को राजा कहने वाले राजौरी गार्डन के विधायक चंदेला के घर, जनता के सवाल लेकर जायेंगे. वहीँ गोपाल राय बाबरपुर विधानसभा के विधायक नरेश गौड़ के घर का घेराव करेंगे.

बी एड के छात्राध्यापक +छात्राध्यापिकाओं के लिए छात्रवृति आ चुकी है लेकिन इसका संवितरण नही हो रहा

[मेरठ]छात्रवृति बैंक में आ चुकी है लेकिन बैंक खातों पर रोक लगाये जाने के फलस्वरूप छात्रवृति का वितरण नही हो पा रहा है जिससे क्षुब्ध छात्राध्यापक +छात्राध्यापिकाओं ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है| बी एड के छात्राध्यापक +छात्राध्यापिकाओं ने छात्रवृति के लिए जिलाधिकारी रिणवा से हस्तक्षेप करने के लिए आग्रह किया है|
बिकान इंस्टीटयूट आफ टेक्नोलोजी के बी एड सत्र २०१२-१३ छात्राध्यापक +छात्राध्यापिकाओं ने एक ज्ञापन के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया है कि छात्रवृति के संवितरण के लिए साकेत स्थित पंजाब नॅशनल बैंक में खाते खुलवाये गए हैं |यहाँ छात्रवृति आ चुकी हैं मगर जिलाधिकारी के आदेशानुसार खातों पर रोक लगा दी गई है जिसके फलस्वरूप सुपात्रों को छात्रवृति का संवितरण नही किया जा रहा है|जिसके कारण परेशानी हो रही है अत यथा संभव खातों को खुलवाने का आदेश जारी करने का आग्रह किया गया है|

छोटे भारतीय टैक्स पेयर्स के साथ भी क्या वोडा फोन जैसी ही दरियादिली दिखाई जा सकेगी:आप पार्टी

आम आदमी पार्टी [आप] ने सवाल किये है कि वोडाफोन को फायदा पहुंचा कर कैसे जनहित होगा|क्या छोटे मोटे भारतीय टेक्स पेयर्स के साथ भी ऐसी ही दरियादिली दिखाई जा सकेगी|कपिल सिब्बल के कानून मंत्री बनने के तुरंत पश्चात कपिल अपने पुत्र अमित के साथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के[आप]निशाने पर आ गए हैं|सिब्बल के साथ पी चिदम्बरम और वाहनवती को भी संलिप्त किया है|
आप पार्टी ने कानून मंत्री पर अपने पद का दुरूपयोग का करके वोडाफोन को गैर कानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है|पार्टी ने आरोप लगाये हैं कि वोडा फोन और हेंचीसनने एस्सार कंपनी के साथ सुप्रीम कोर्ट से केस वापिसी के लिए एग्रीमेंट किये हैं|इसके लिए २००० करोड़ का लेनदेन हुआ है|
इसीलिए सिब्बल ने कानून मंत्री बनते ही इस मुद्दे को कोर्ट से बाहर निबटाने के प्रयास तेज कर दिए हैं|
आप ने पूछा है कि २००० करोड़ कि डील में से कपिल सिब्बल को क्या मिला है?बाते गया है कि वोडाफोन जब संसद के कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया तब पी चिदम्बरम ने वोडा फोन के साथ समझौता करने की सलाह दी थी|तत्कालीन कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने इससे इंकार कर दिया था|एटोर्नी जनरल वाहनवती भी अश्विनी कुमार से सहमत थे|आश्चर्यजनक रूप से कपिल सिब्बल के कानून मंत्री बनते ही वाहनवती ने यूं टर्न ले ते हुए समझौते के लिए सहमति दे दी|

केस हिस्ट्री

वोडा फोन द्वारा हन्चिसन से कुछ शेयर खरीद कर ५० ००० करोड़ का फायदा पहुँचाया गया| भारतीय कानून के अनुसार मुनाफे पर देय ११२१७ करोड़ का टैक्स काट कर खजाने में जमा करवाने की जिम्मेदारी वोडा फोन पर थी लेकिन ११२१७ करोड़ का टैक्स नहीं भरा गया|उलटे इन दोषी कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से अपने लिए राहत[काला आदेश] ले ली जिसे संसद ने उलटा कर दिया|जिसके विरुद्ध केस एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है|
अब पुनः कपिल सिब्बल ने वोडाफोन से अदालत के बाहर समझौता करने का एलान कर दिया है कहा गया है किकपिल सिब्बल का पुत्र अमित सिब्बल हंचिसन कंपनी के वकील हैं| अपने इन आरोपों के समर्थन में आप पार्टी ने २००७ के अनेकों एग्रीमेंट प्रस्तुत किये हैं|

शीला दीक्षित ने बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों की बौछार से बचने के लिए स्वयम नए विवाद के रूप में एक ढाल ईजाद की

दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों की बौछार से बचने के लिए स्वयम नए विवाद के रूप में एक ढाल ईजाद की है| इसके लिए उन्होंने एक ऐसे राजनीतिक साए को मीडिया के समक्ष पेश किया है जिसका वजूद या नाम तक बताने से उन्हें परहेज हैं| मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित आज कल दिल्ली में बिजली और पानी के बिलों में धांधली के आरोपों से गले तक घिरी हैं|आये दिन आम आदमी पार्टी[आप] और भाजपा नए खुलास एकाराने में लगे हुए हैं|ऐसे में उन्होंने एक नए विवाद को स्वयम ही हवा दे दी है| उन्होंने कहा है कि हाल में एक शख्स ने मुझे [शीला]दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस का टिकट पाने के लिए घूस की पेशकश की। शीला ने कहा कि घूस की पेशकश करने वालों को कुछ नहीं होता, जबकि भ्रष्ट तो वे भी होते हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित का यह तीसरा कार्यकाल है। चौथी बार उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है।
सी एम् ने यह खुलासा करके मीडिया और विपक्ष को एक नया मुद्दा जरूर दे दिया है इस खुलासे पर दिल्ली की सियासत एक बार फिर गरम हो गई है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने कार्रवाई करने के बजाय मीडिया में बयान देने को लेकर शीला की नीयत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं|

आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया

ने सवाल किया है कि शीला किस कारण घूस देने वाले का नाम नहीं बता रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे करप्ट लोगों को कड़ी सजा मिले, इसके लिए जरूरी है कि उसका नाम बताया जाए।

दिल्ली विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष प्रो. विजय कुमार मलहोत्रा

ने कहा है कि श्रीमती शीला दीक्षित का यह बयान कांग्रेस संस्कृति को बेनकाब करता है। पहली बार एक मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकार किया है। रिश्वत लेना अपराध है तो रिश्वत देना भी अपराध है और उस अपराध को छिपाना भी अपराध है। किसी अपराधी को बचाने का काम मुख्यमंत्री करे तो निन्दनीय होने के साथ-साथ अनैतिक व कानून विरोधी भी है। आखिर रिश्वत की पेशकश करने वाला व्यक्ति अभी कांग्रेस में किस पद पर है यह खुलासा होना चाहिए।।एक दैनिक अखबार में दिए इंटरव्यू में शीला ने बताया कि एक शख्स उसने मिलने उनके दफ्तर में आया और उन्हें पैसों के एवज में विधानसभा चुनाव में टिकट देने की पेशकश की।
गौरतलब है कि श्रीमती शीला दीक्षित का यह बयान उस समय आया है जब उनकी सरकार बिजली पानी के बिलों में धांधली के आरोपों से गले तक घिरी हैं आये दिन नए खुलासे किये जा रहे हैं| ऐसे में अपनी पार्टी से सम्बंधित एक और नए विवाद को स्वयम जन्म देना बेवजह नहीं हो सकता जबकि सी एम् ने कहा है कि घूस की पेशकश करने वाले अपराधी का कुछ नहीं बिगड़ता इसके बावजूद उन्होंने घूस देने वाले का नाम नहीं बताया। दबाब बढने पर अब इस मुद्दे को तत्कालीन पी एम् राजीव गांधी [अब स्वर्गीय]के कार्यकाल से जुडा बताया जा रहा है|