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Category: Unrest Strikes

अरविन्द केजरीवाल जी मुलायम सिंह यादव से सबक लो : उपवास के साथ मित्र भी बनाओ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

नई पार्टी

आप

का एक नया नया नेता

ओये झल्लेया ये माननीय मुलायम सिंह को क्या हो गया ?पश्चिमी महाराष्ट्र [ वाल्वा गांव] में स्वतंत्रता सेनानी और राज्य में सहकारिता आंदोलन के अग्रणी नागनाथ अन्ना नायकवडी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए और कहने लगे कि एक पार्टी के राज करने का समय गुजर चुका है और अब भविष्य गठबंधन सरकार का ही है।ओये हमने अभी राजनीती शुरू ही करी है कि हमारे रास्ते में रोड़े डालने शुरू कर दिए |हमारे से दिल्ली दूर की जा रही है |

 अरविन्द केजरीवाल जी मुलायम सिंह यादव से सबक लो : उपवास के साथ साथ मित्र भी बनाओ+सहयोगी भी तलाशो

अरविन्द केजरीवाल जी मुलायम सिंह यादव से सबक लो : उपवास के साथ साथ मित्र भी बनाओ+सहयोगी भी तलाशो

झल्ला

ओ मेरे भोले बाऊ जी ये तो आपको पता है कि कांग्रेस की अध्यक्षता वाली यूपीए सरकार को बाहर से समर्थनदेने से आजिज आ चुके आपके इन माननीय ने पी एम् बनने की अपनी महत्वकांक्षा जाहिर की हुई है|ऐसे में महज 22 सांसदों के भरोसे तो पी एम् नहीं बना जा सकेगा| इसीलिए नए गठबंधन बनाने +नए सहयोगी तलाशने के लिए ऐसी कोड़ियां फैंकी जाती रही है |इसीलिए झल्लेविचारानुसार उपवास के साथ साथ वक्त बेवक्त के लिए मित्र भी बनाओ+सहयोगी भी तलाशो|

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

अरविन्द केजरीवाल का असहयोग और उपवास २सरे दिन भी जारी:पहले दिन ३६७४३ समर्थक आये

आम आदमी पार्टी (आप) के सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल आज रविवार को दूसरे दिन भी लगातार उपवास पर रहे|
रामलीला मैदान व जंतर-मंतर की खुली जगह के स्थान पर उन्होंने इस आंदोलन के लिए यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना है| आप की वेबसाइट पर पहले दिन के समर्थकों का आंकडा ३६७४३ दिखाया गया है|अरविंदकेजरीवाल के अनुसार उपवास तभी टूटेगा, जब दिल्ली वासियों के मन में बैठा सत्ता का डर निकल जाएगा।दिल्ली वासी भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जुट हो जायेंगे| उन्होंने दिल्‍लीवासियों से अपील की है कि वे बिजली-पानी का बिल न भरें। दिल्ली में बिजली-पानी के नाजायज़ रूप से बढ़े बिलों के खिलाफ, जनता को एकजुट करने के लिए यह असहयोग आन्दोलन और उपवास का कार्यक्रम चलाया गया है|
आप के नेताओं का कहना है कि बिजली और पानी के नाजायज़ बिलों से दिल्ली के आम आदमी की ज़िन्दगी हलकान है. यह बिल बढ़ने का एक ही कारण है – भ्रष्टाचार. दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी बिजली-पानी कंपनियों से मिली हुई हैं. वे जनता के हितों को बेचकर, बार बार बिजली पानी के दाम बढ़ा रही हैं. दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा चुप है या फिर विरोध का नाटक करती है.
सर्व विदित है कि २०१० में डीईआरसी के तत्कालीन चेयरमैन बरजिंदर सिंह ने बिजली के दाम कम करने का आदेश तैयार किया था, लेकिन दिल्ली कि मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने इसे रुकवा दिया | उस आदेश की प्रति दो साल से दिल्ली के बीजेपी नेताओं के पास थी लेकिन उनके विधायकों ने दो साल में एक बार भी इसे विधानसभा में नहीं उठाया. आज वो चुनाव के पहले विरोध का नाटक कर रहे हैं
ये . दोनों बड़ी पार्टियां बिजली-पानी की बड़ी बड़ी कंपनियों से मिली हुई हैं.श्री मति शीला ने दिल्ली में बिजली के दाम और बढ़ाने का निर्णय कर लिया है. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों को २० हज़ार करोड़ का घाटा हुआ है. दिल्ली में ३५ लाख बिजली कनेक्शन हैं, अगर यह २० हज़ार करोड़ रुपया लोगों से वसूला गया तो औसतन हर परिवार को ५०००/- रूपए महीना अतरिक्त देने पड़ेंगे| आने वाले कुछ महीनों में दिल्ली में नाटक खेला जाएगा कि डीईआरसी बिजली के दाम बढ़ाएगा, शीला दीक्षित चुनाव के पहले सब्सिडी देकर बिल कम करने का नाटक करेंगी, और भाजपा विरोध का नाटक करेगी. जनता पिसती रहेगी.इस अन्याय से लड़ने के लिए हमें महात्मा गांधी का बताया रास्ता नज़र आता है. वे कहते थे कि – “जो अन्यायपूर्ण कानून हो, उसका पालन मत करो. उसके बदले में सरकार जो सज़ा दे तो वह भी भुगतने को तैयार रहो.”
इस आन्दोलन में कुछ नया पन भी दिख रहा है|जनता से सीधे जुड़े बिजली पानी के मुद्दे को लेकर अबकी बार जंतर मंतर या राम लीला मैदान जैसे खुले स्थान को नहीं चुना गया [१] वरन यमुनापार की सुंदर नगरी की तंग गली को चुना गया है|शायद अरविन्द को एहसास हो गया है कि दिल्ली के तख्त तक पहुंचाने के लिए वोटों की सीडियां इन्ही गली मोहल्लों से होकर निकलती हैं|[२] अरविन्द केजरीवाल ने उपवास पर बैठने से पहले माथे पर बहुत बड़ा लाल टीका लगाया हुआ है शायद यह भाजपा के वोट बैंक के लिए चुम्बक का काम कर सकेगा|[३]पहले दिन ३६७४३ समर्थकों के जुटाने का दावा अपने आप में “आप” के उत्साह को बढाने के लिए पर्याप्त है |

लापरवाही और अनुशासन हीनता के साथ अपराधिक मामलों में भी पोलिस फ़ोर्स की संलिप्तता पाई जाने लगी है

लापरवाही और अनुशासन हीनता के साथ अपराधिक मामलों में भी पोलिस फ़ोर्स की संलिप्तता पाई जाने लगी है

लापरवाही और अनुशासन हीनता के साथ अपराधिक मामलों में भी पोलिस फ़ोर्स की संलिप्तता पाई जाने लगी है

सरकार के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव अपनी सरकार की छवि को लेकर आये दिन अपने मुख्यमंत्री पुत्र की खिंचाई करने में लगे हैं| सरकार बचाने के लिए नए राजनीतिक समीकरण तलाश रहे हैं मगर प्रदेश की पोलिस अपनी खाकी को सिलवटों को लगातार बढाने में ही लगी है| पोलिस फ़ोर्स में घोर लापरवाही और अनुशासन हीनता के साथ अपराधिक मामलों में भी संलिप्तता पाई जाने लगी है |इसके समर्थन में मेरठ के कुछ केसों का उल्लेख जरुरी है|
[१] शनिवार की सुबह मेडिकल कालेज में इलाज के लिए आया बिजनौर का हिस्ट्री शीटर बदमाश महेंद्र सैनी यौजना बद्ध तरीके से पोलिस कस्टडी से भाग गया| फरार बदमाश को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है| अधिकारियों के आदेश पर मेडिकल थाना पुलिस ने तीन गंभीर लापरवाह सिपाही [१]अरविंद राठौर[२]प्रदीप [३]रवि कुमार के विरुद्ध धारा 223 व 224 में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया ये धाराएँ जमानती हैं |,जबकि सिपाहियों का गैर जमानती धारा 222 में चालान होना था। तीनों को पुलिस ने स्पेशल सीजेएम वीपी वर्मा की कोर्ट में पेश किया। इस पूरे मामले को अदालत ने संज्ञान में लिया और तीनों सिपाहियों का गैर जमानती धारा में चालान कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
[२]दूसरा मामला लालकुर्ती थाने से जुड़ा है|यहाँ तो लापरवाही के साथ अनुशासन तोड़ने की भी हद हो गई। अब की बार यहाँ महिला पोलिस कर्मियों ने अपने विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाया है|प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना लाल कुर्ती में महिला कांस्टेबलों ने छुट्टी[लीव] के रजिस्टर से चार पन्ने गायब कर दिए। छुट्टी का लेखा-जोखा रखने के लिए रजिस्टर बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक महिला कांस्टेबल का पिछले दिनों की छुट्टी का ब्योरा था और थाना प्रभारी के हस्ताक्षर थे। यदपि हाजरी के रजिस्टर के आधार पर छुट्टी के रजिस्टर को पुनः बनाया जा सकता है लेकिन यह घोर अनुशासन हीनता का ही उदहारण है|इसकी पुष्ठी नहीं हो पाई है|
[३] लापरवाही और अनुशासन हीनता के अलावा अपराधिक मामलों में भी संलिप्तता पाई जाने लगी है| ड्रग स्मगलिंग केस में एक रिटायर्ड उपाधीक्षक को गिरफ्तार किया गया है | रिटायर्ड डीएसपी कृपाल सिंह को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पांच अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। ।

सरदार वी एम् सिंह ने चौ. टिकैत के किसान आन्दोलन में २५ दिन के धरने का रिकार्ड तोड़ा

किसान आन्दोलनो के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ गया है| गन्ने को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना २३ मार्च ,शनिवार को २६ वें दिन भी जारी है |इस धरने ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत [अब स्वर्गीय]केसबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने के रिकार्ड को तोड़ दिया है|अब तक सबसे लम्बे धरने का रिकार्ड बाबा टिकैत के ही नाम है| यह चौ. अजित सिंह की राजनीतिक चौधराहट को चुनौती भी है|
आज सुबह शहीदे आज़म भगत सिंह+सुखदेव+राजगुरु की शाहदत की स्मृति में हवन करा कर अमर शहीदों को श्रधांजली अर्पित की गई| ढोल नगाड़े से गीत गए गए| २४ मार्च को महा पंचायत है|दोपहर बाद धरना स्थल पर जा कर देखा तो किसान नेता सरदार वी एम् सिंह आराम की मुद्रा में दिखे लेकिन यहाँ भी कुछ किसान अपनी समस्यायों की चर्चा करते देखे गए|
धरने के इस रिकार्ड के विषय में प्रतिक्रिया और उपलब्धि के विषय में जानना चाहा तो उन्होंने किसी रिकार्ड ब्रेकिंग या उपलब्धि से बचते हुए कहा कि “मेरा मकसद किसी के रिकार्ड को तोड़ना नहीं है, बाबा टिकैत तो महान किसान नेता थे, मेरा मकसद केवल किसानो को उनका हक़ दिलाना है|और उसके लिए लड़ता रहूंगा”धरने में आ रहे रुकावटों के विषय में सरदार वी एम् सिंह कहना है कि “हां रुकावटें तो कई आ रही हैं,मिल मालिक और कुछ जिनकी चौधराहट को खतरा है वोह लोग जरुर रुकावटें पैदा कर रहे हैं|उन्होंने खुल कर चौधराहट को खतरा महसूस कर रहे चौधरियों के नाम का खुलासा नहीं किया |
उन्होंने किसानों की एकजुटता को जरुरी बताते हुए कहा कि क्रांति की बात करना बहुत ठीक है, मगर क्रांति व्यवस्था परिवर्तन में आनी चाहिए। गांव में दूध व फसल उत्पादन आदि में क्रांति की जरूरत है इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो गावों में जाकर किसानों के आपसी झगडे़ निपटाकर उन्हे एकजुट करने का भागीरथी प्रयास किया जाएगा|२४ मार्च को महा पंचायत का एलान किया गया है|
उन्होंने अपने इस
आन्दोलन की उपलब्धियों
को दोहराते हुए कहा कि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज देने लगी हैं, जो मिलें देरी से भुगतान करेंगी उन्हे 15 प्रतिशत ब्याज देना ही होगा। हालांकि अभी सरकार ने न्यायालय का आदेश आधा ही माना है। जून 2012 से ब्याज भुगतान दिया जा रहा है, जबकि आदेश पहली पर्ची से ही देने का है। कहा कि किसान अब जागरूक हो चुका है वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा। बताया कि 24 मार्च को होनी वाली महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कई हजार किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और विचार-विमर्श किया जाएगा।

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने भी कांग्रेस की तर्ज़ पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|प्रदेश भर में अब पार्टी के कार्यकर्ता धरना और प्रदर्शन करके सरकार की नाकामियों से जनता को जागरूक करेंगे |
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया के प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था नहीं है| गुंडा राज+पोलिस की वर्दी में वसूली +गेंहूं के बोनस और मथुरा में मारे गए किसानो के लिए न्याय के साथ गन्ने के बकाये के मय ब्याज भुगतान और बिजली की किल्लत को लेकर प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा|३० मार्च को सिवाल ख़ास में किसान पंचायत होगी|यहाँ जिलाधिकारी का घेराव किया जायेगा|जिसमे रालोद मुखिया और सिविल एविएशन मंत्री चौ.अजित सिंह आयेंगे और देवेरिया में जयंत चौधरी पंचायत करेंगे|मुरादाबाद में कमिश्नर का घेराव किया जाएगा|यहाँ मुख्य मुद्दा गन्ना किसानो के बकाये का भुगतान होगा|गौर तलब है के कांग्रेस ने आज अखिलेश सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है|रालोद कांग्रेस की केंद्र में सहयोगी पार्टी है|

कांग्रेस ने सपा सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की विफलताएं गिनाई

लगता है कि केंद्र में कांग्रेस का अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी से मोह भंग हो गया है तभी आज कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और सरकार के एक साल के शासन को कुशासन बताया |
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डाक्टर [एडवो]युसूफ कुरैशी ने बताया कि प्रदेश सरकर ने जो वायदे करके बी एस पी से सत्ता हथियाई थे वोह सारे वायदे हवा हवाई और झोठे साबित हुए हैं|सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में लेश मात्र भी सुधार नहीं हुआ है उलटे सरकारी भ्रष्टाचार के लिए ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है|अपहरण +लूट+वसूली +डकैती आदि अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है|महिलाओं पर अत्याचारों कि कोई सुनवाई नहीं हो रही|युवाओं को रोज़गार मुहैय्या नही करवाए जा रहे|मुसलमानों के लिए १८% आरक्षण देने के लिए कोई घोषणा नहीं की की जा रही|उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासन में मुस्लिमों पर अत्याचार बढ गए हैं|

राष्ट्रीय किसान मजदूर के धरने ने बाबा टिकैत के सबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने की बराबरी की

राष्ट्रीय किसान मजदूर के धरने ने बाबा टिकैत के सबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने की बराबरी की

राष्ट्रीय किसान मजदूर के धरने ने बाबा टिकैत के सबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने की बराबरी की

किसान आन्दोलनो के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है| गन्ने को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का कमिश्नरी पार्क में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शुक्रवार को 25वें दिन भी जारी रहा। इस धरने ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत [अब स्वर्गीय]के

सबसे लम्बे चले २५ दिन के धरने की बराबरी कर ली है|

और चौ. अजित सिंह की राजनीतिक चुनौती दी गई है|अब तक सबसे लम्बे धरने का रिकार्ड बाबा टिकैत के ही नाम है| यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है|
इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने किसानों की एकजुटता को जरुरी बताते हुए कहा कि क्रांति की बात करना बहुत ठीक है, मगर क्रांति व्यवस्था परिवर्तन में आनी चाहिए। गांव में दूध व फसल उत्पादन आदि में क्रांति की जरूरत है इसके लिए आवश्यकता पड़ी तो गावों में जाकर किसानों के आपसी झगडे़ निपटाकर उन्हे एकजुट करने का भागीरथी प्रयास किया जाएगा|२४ मार्च को महा पंचायत का एलान किया गया है|
उन्होंने अपने इस

आन्दोलन की उपलब्धियों

को बताते हुए कहा कि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज देने लगी हैं, जो मिलें देरी से भुगतान करेंगी उन्हे 15 प्रतिशत ब्याज देना ही होगा। हालांकि अभी सरकार ने न्यायालय का आदेश आधा ही माना है। जून 2012 से ब्याज भुगतान दिया जा रहा है, जबकि आदेश पहली पर्ची से ही देने का है। कहा कि किसान अब जागरूक हो चुका है वह किसी के बहकावे में नहीं आएगा। बताया कि 24 मार्च को होनी वाली महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार कई हजार किसान धरनास्थल पर पहुंचेंगे और विचार-विमर्श किया जाएगा।

शहादत दिवस पर

हवन और कवि सम्मेलन
मेजर डा.हिमांशु ने बताया कि शहीदों के शहादत दिवस पर 23 मार्च की सुबह 10 बजे कमिश्नरी पार्क में ही हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। दोपहर से कवि सम्मेलन होगा। धरने की अध्यक्षता 102 वर्षीय चौधरी रुमाल सिंह ने की।
इस धरने की उपलब्धियों के रूप में कहा जा सकता है कि
[१]पीली भीत से आकर एक सिख किसान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने को लेकर सबसे लम्बा आन्दोलन किया
[२]इस शुगर बाउल को अभी तक चो.अजित सिंह की राजनीतिक रीड कहा जाता रहा है अब उसे चुनौती मिली है|
[३]यह एक सफल आन्दोलन कि श्रेणी में रखा जा सकता है क्योंकि मलकपुर और मोदीनगर मिल किसानों को ब्याज मिलने लगा है|
[४]इस आन्दोलनके दौरान अभी तक शांति बनी हुई है और पुर्व के एतिहासिक धरने की तरह इसमें कोई मृत्यु नहीं हुई है |

मीट कारोबार आज पूर्णतया ठप्प रहा: भाजपा और मेयर के खिलाफ नारे लगे

मीट कारोबार आज पूर्णतया ठप्प रहा: भाजपा और मेयर के खिलाफ नारे लगे

मीट कारोबार आज पूर्णतया ठप्प रहा: भाजपा और मेयर के खिलाफ नारे लगे

[मेरठ]मीट कारोबार आज पूर्णतया ठप्प रहा|व्यपारियों की दुकानों पर विरोध स्वरुप ताले लगे रहे औरआल इंडिया जमीयते कुरैश के अहवाह्न पर पशु वध शालाओं में निरीह पशुओं का लहू भी नहीं बहा|मीट कारोबारियों ने भाजपा और भाजपा के ही मेयर हरिकांत अहलुवालिया के विरुद्ध जम कर नारे लगाये|कुरैशी बिरादरी के सम्मानित नेता हाजी याकूब कुरेशी और उनके भाई हाजी युसूफ कुरैशी ने नगर निगम और मेयर पर मन मानी के आरोप लगाये|

हाजी याकूब कुरैशी ने तो मेयर और भाजपा को देख लेने की धमकी तक दे डाली

उन्होंने कहा कि शहर के मीट कारोबारियों के हितों के लिए लड़ाई जारी रहेगी|और कल शनिवार से घोसी पुर के कमले में कटान जारी करने का एलान भी कर दिया|

संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

संजय दत्त का एक दुखी चाहने वाला

ओये झल्लेया ये तो हसाडे बड़ा अनर्थ हो गया हसाडे लोक प्रिय अभिनेता संजय दत्त को १९९३ के बम धमाकों के लिए ना तो आरोपी और नाही षड्यंत्रकारी ही माना गया है फिर भी देश की सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्स एक्ट की धारा २५[ऐ]के अंतर्गत [न्यूनतम] पांच साल की सजा सुना दी |ओये ऐसे हथियार तो बड़े बड़ों के घरों में सजाये जाते हैं लेकिन माननीय सुनील दत्त के ऊपर राजनितिक बन्दूक चलाने के लिए पहले तो इस बेचारे संजय के कन्धों का इस्तेमाल किया गया | आग्नेय अस्त्र रखने के विषय में सच्चाई दिखाने वाले संजय दत्त को डेड़ साल तक जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया |अब जब वोह सुधर गया है तो फिर से साडे तीन साल की सजा सुना दी गई है|माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को तो उम्र कैद में तब्दील कर दिया मगर इस बेचारे को अभी भी सादे तीन साल जेल में काटने होंगे| बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों को अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है | तीन तीन सांसदों वाले परिवार से जुड़े इस बेचारे को अपनी सच्चाई की कीमत चुकानी पड़ रही है| ओये यार इस जेल की घरेड से निकलने की कोई सूरत है या नहीं

 संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो

संजय दत्त तो सुधर गया है अब तो उसे माफ़ कर दो

झल्ला

बाऊ जी वड्डे कह गए हैं के पीछे से बेशक हाथी निकल जाये मगर सामने से चींटी भी नहीं निकलनी चाहिए |सामने आने का खिमयाज़ा तो इस मुंजाल ब्राह्मण संजय दत्त को भुगतना ही पडेगा|इससे पूर्व इनके पूर्वजों ने भी एक बड़े युद्ध में पैगम्बर साहेब के परिवार का साथ दिया था और अपना सबकुछ सच्चाई पर कुर्बान कर दिया था |मुसलमान+ हिन्दू ] कुर्बानी वाली इस पीडी के इस प्रतिनिधि की रीड मज़बूत है और एक बार फिर कुंदन बन कर निकलेगी|
झल्लेविचारानुसार उम्मीद पर दुनिया कायम है इसीलिए निराश होने का अभी समय नहीं है|अगर राज्यपाल या राष्ट्रपति चाहें तो निम्न आधार पर पासा अभी भी पलट सकता है|
[१] बालीवुड का लगभग २५० करोड़ रुपया इस सफल अभिनेता संजय दत्त पर लगा हुआ है|यदि संजय को जेल हो गई तो अनेको परिवार बेहाल हो जायेंगे
[२]जेलों को भारत में सुधार गृह कहा जाता है| पिछले बीस साल से अपमान और अनजाने भय के साये में जीने वाले संजय दत्त की जीवनशैली में चमत्कारिक रूप से सुधार देखा जा सकता है|यह पूर्व में जेल में बिताये डेड़ साल का प्रभाव हो सकता है|और शायद यही कोर्ट का उद्देश्य भी होगा|
[३] जस्टिस [रिटायर्ड]मार्कंडेय काटजू ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल से संविधान की अनुच्छेद 1611 के अंतर्गत संजय दत्त को माफी की अपील की है|
[४] इससे पूर इसी प्रकार के एक केस में नानावटी को राहत दी जा चुकी है|

माळ या शोरूम की व्यवस्था के साथ ही आम आदमी के लिए पैंठ की जगह चिन्हित की जानी चाहिए

केंद्र और राज्य सरकारे आज कल आम आदमी की सेवा करने को समर्पित होने के ड्रम पीटने में लगी है लेकिन वास्तविक रूप से जमीनी हकीकत क्या है इसे जानने के लिए यहाँ एक छोटा सा उधाहरण प्रस्तुत है|

 माळ या शोरूम की व्यवस्था के साथ ही आम आदमी के लिए पैंठ की जगह चिन्हित की जानी चाहिए

माळ या शोरूम की व्यवस्था के साथ ही आम आदमी के लिए पैंठ की जगह चिन्हित की जानी चाहिए

मेरठ में जगह जगह छोटे दुकानदार ठेलों पर या फड़ लगा कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करते मिल जायेंगे |दुर्भाग्य से इनके लिए कोई सरकारी जमीन का एलोटमेंट नहीं है इसीलिए किसी के भी खाली पड़े प्लाट पर या सडकों के किनारे का प्रयोग धड़ल्ले से किया जाता है| ऐसा ही एक प्रयास गंगा नगर में भी किया जाता है|यहाँ सैकड़ों की संख्या में छोटे व्यापारी एक पैंठ लगाते हैं |इसमें दूर दूर से ठेलों में भर कर सब्जियां और दूसरे सामन लाये जाते हैं|चित्र में छावनी का बिल्ला लगाये एक ठेले वाला यहाँ २० किलो मीटर पैदल चल कर मात्र १००-१२५ की ध्याड़ी करने आया है| यह पैंठ रात को ९ बजे तक भी चलती है |छेत्र वासियों के लिए भी यह एक वरदान है क्योंकि यहाँ बाज़ार से कम कीमत पर सामान मिल जाता है|रिटायर्ड से लेकर बच्चे तक यहाँ अपनी जरुरत की चीजें तलाशते दिख जायेंगे| बताते चलें कि यहाँ धर्म या जाति के आधार पर देखने की जरुरत नहें है क्योंकि यहाँ सभी धर्म और जाति के व्यापारी और खरीददार आते हैं|पहले ये लोग सड़क के किनारे ही पैंठ लगाते थे मगर आज कल इन्हें यहाँ से भगा दिया गया है अब ये लोग किसी के खाली पड़े प्लाट में जमे हुए हैं|
दिन में तो व्यवस्था ठीक रहती है मगर शाम होते ही इन्हें लाईट की जरुरत पड़ती है |यहाँ प्रकाश या लाईट की कोई व्यवस्था नहीं है बिजली के खम्बे तो खड़े हैं मगर उनपर लाईट नहीं है|ऐसे में ये लोग बैटरी के लाइटें किराए पर लेकर काम चलाते हैं |चित्र में दिखाई गई लाइटें २० से २५ रुपये प्रति शाम की दर से इन्हें उपलब्ध कराने वाले भी यहाँ मिल जाते हैं| यहाँ से कुछ कदम पर ही स्ट्रीट लाईट्स दिन में भी जलती रहती है |
कहने का अभिप्राय यह है कि शहरों में भी गरीबी है और पैंठ कल्चर यहाँ भी है और यह आम आदमी की जरुरत है इसीलिए नई [विशेषकर]कालोनियों में बड़े बड़े माळ या शोरूम के लिए व्यवस्था करने के साथ वहां किसी कौने में आम आदमी के लिए पैंठ की जगह चिन्हित कर दी जानी चाहिए | वर्ना मात्र सो रुपये कमाने वाला आम आदमी अपनी गाड़े की कमाई को व्यवस्थापकों को अर्पित करने के लिए अभिशिप्त होता रहेगा |