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Category: Defence

अमेरिका में दस हज़ार लोडेड बन्दूक धारी महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन का अनुसरण करेंगे

अहिंसा वादी मोहन दास कर्म चंद गांधी की आत्मा दिल्ली के राज घाट शान्ति स्थल स्थित अपनी समाधि में आज कल बेचैनी से करवटें ले रही होगी यह सोशल साईट फेस बुक पर छपी एक पोस्ट को लेकर हो सकता है| अडम कोकेश [ADAMKOKESH ] ने अपने पेज पर बताया है के वर्जिनिया से वाशिंगटन के लिए ४ जुलाई को एक शांति मार्च निकाला जाएगा| जिसमे लगभग दस हज़ार भाग लेने वाले कानूनी और गैरकानूनी आग्नेय अस्त्रों[ GUNS ] से लैस होंगें| इनका कहना है घुटनों के बल जीने से अपने पैरों पर खड़े रह कर मरना अच्छा होगा| अमेरिका में बंदूकों को धारण करने की हिमायत में महात्मा गांधी के नाम का सहारा लेकर बंदूकों के सम्बन्धी कानून को तोड़ने के लिए सविनय अवज्ञा आन्दोलन छेड़ा जा रहा है|इसके लिए एक शान्ति मार्च निकाला जाएगा| यदि मार्ग में इन्हें रोका गया तो महात्मा गांधी के उपदेशों का पालन किया जाएगा और सत्याग्रह किया जा सकता है| यदि बल पूर्वक इन्हें मार्ग से वापिस लौटाया जाएगा तो यह साबित हो जाएगा कि स्वतंत्र लोगों को वाशिंगटन में प्रवेश की आज्ञा नही है|
मोहन दास कर्म चंद गांधी ने हथियारों के उपयोग का विरोध करके देश को आज़ाद कराया और अहिंसावाद का पर्याय बन गए| बेशक उनके अपने भारत में आज उनके आदर्शों को राजनीतिक लाभ के लिए भुनाया जाता है और राष्ट्र पिता का मज़ाक उड़ाया जाता है चूंकि गाँधी की छवि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हैं |इसीलिए अमेरिका में भी अब महात्मा के सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आन्दॉलन को पुनः चित्रित किया जाने वाला है |अब इनसे कोई ये पूछे कि १०००० लोडेड बन्दूक धारियों को मार्ग में रोकने की हिमाकत कौन सी सरकार करेगी खैर कुछ भी हो आज कल अन्ना बाबू राव हजारे और अरविन्द केजरीवाल भारत में महात्मा गाँधी के मार्ग का अनुसरण करके चर्चा में हैं ऐसे में इन बन्दूक धारियों को भी महात्मा गांधी के आशीर्वाद से वंचित नहीं होना पड़ेगा|

आगरा में मुशर्रफ को आजमाया तो अब नवाज के शपथ ग्रहण में जाकर जम्म्हुरियत को मजबूत किया जा सकता है

पाकिस्तान में दहशत गर्दी को करारा जवाब देते हुए वहां की अवाम ने [ मियाँ ] नवाज शरीफ को सत्ता की नजदीकियां दे दी हैं| पाकिस्तान में तीसरी बार प्रधान मंत्री बनने वाले नवाज शरीफ पहले नेता होंगे|देश में स्थिरता के लिए आर्थिक स्थिति को सुद्र्ड करने के लिए नवाज ने भारत से सम्बन्ध सुधारने की इच्छा जताई है इस दिशा में पहल करते हुए भारतीय समकक्ष डा. मन मोहन सिंह को एतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए टेलीफोनिक न्यौता भी दे डाला है लेकिन भारत में ही नवाज शरीफ पर भरोसा नही किया जा रहा हैं| कारगिल युद्ध और २६/११ को लेकर स्थिति स्पष्ट किये जाने तक भाजपा जल्दबाजी नही करने की बात कहने लगी है| भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चुनाव में नवाज शरीफ को मिली ‘शानदार जीत’ पर उन्हें बधाई दी.और भारत आने का न्यौता दिया इस पर नवाज ने भी कूटनीतिक ओपचारिकता का परिचय देते हुए शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए डा. सिंह को न्यौता दे दिया| अभी सरकार बनी नहीं शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए सरकारी दावतनामा नही आया है लेकिन इस विषय को मुद्दा बनाकर टी वी चैनलों पर बहस शुरू हो गई है|
विरोधियों द्वारा कहा जा रहा है की नवाज शरीफ के कार्यकाल में १९९९ में पाकिस्तान सेना ने कारगिल में घुस पैंठ की थी जिसमे सैकड़ों भारतीय जवान और आफिसर शहीद हुए थे| इसके बाद मुम्बई में २६/११ में बम्ब विस्फोट करके निर्दोषों को मार डाला गया|
यदपि भारतीय मीडिया को दिए साक्षात्कार में नवाज शरीफ ने जांच करवाने का आश्वासन दिया है इसके बावजूद यह नहीं भूलना चाहिए के कारगिल युद्ध के लिए मुख्य आरोपी जनरल मुशर्रफ [ जिसने अभी हाल ही में कारगिल पर गर्व भी जाहिर किया था ] को भजपा कार्यकाल में आगरा बुला कर संबंधों को सामान्य बनाने की कौशिश की गई थी | नवाज शरीफ ने प्रधान मंत्री काल में या उसके बाद कभी भी कारगिल में संलिप्ता स्वीकार नहीं की है और अब जांच करवाने का आश्वासन दिया है इसके अलावा यह भी कहना उचित होगा के कारगिल युद्ध में करारी हार के पश्चात जनरल मुशर्रफ ने नवाज को देश निकाला देकर सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था|अब चूंकि आतंकवाद और सैनिक दखल का दंश झेल रहे पड़ोसी मुल्क में जम्म्हुरियत को ताकत देने का एक और मौका आया है ऐसे में उसमे रोड़ा अटकाने के बजाये सहयोग की अपेक्षा की जा सकती है| गौरतलब है के नेशनल असेंबली की 272 सीटों के लिए 4670 उम्मीदवार मैदान में थे। इसके लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। देश भर में 75 हजार सुरक्षाकर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था। वहीं, धांधली का आरोप लगाते हुए जमात-ए-इस्लामी ने शनिवार को कराची और हैदराबाद में अपने प्रत्याशियों को चुनाव प्रक्रिया से हटाकर विरोध दर्ज कराया।पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली के 272 सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ। बाकी 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं, जिन पर मनोनयन किया जाएगा। 272 में साधारण बहुमत के लिए 137 सीटों की जरूरत होती है, जबकि कुल 342 सदस्यीय असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटों की।
विश्लेषकों के अनुसार पीएमएल के अच्छे प्रदर्शन से शरीफ को निर्दलीय उम्मीदवारों और जमीयत उलेमा ए इस्लाम जैसी छोटी दक्षिणपंथी पार्टियों के समर्थन से केंद्र में सरकार के गठन में मदद मिलेगी.|जनरल मुशर्रफ से अपना पुराना हिसाब किताब निबटने का प्रयास होगा |जनरल भारत के भी दोषी हैं|

चीन जैसे बड़ों के सामने मुह नही खोला करते समझे या नहीं समझे ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बौखलाया हुआ भाजपाई

ओये झल्लेया ये कांग्रेस के नेताओं को कौन सा सांप सूंघ गया है?ओये
चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी सरहद पार कर हसाडी सीमा में 19 किलोमीटर अंदर घुसकर १५ अप्रैल से 21 दिनों तक जमी रही। उन्हें बाहर निकालने के लिए भारत ने अपने ही क्षेत्र के चुमार पोस्ट से बंकर नष्ट करने का फैसला कर लिया और कांग्रेसी विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने चीन में जाकर वहां के के विदेश मंत्री वांग ई से 3 घंटे की लंबी गैप शप तो की मगर इस घुस पैंठ पर कोई एक मिनट तक का भी डायलाग स्थापित नही किया| और खुर्शीद साहब बड़ी दरियादिली से कह रहे हैं कि बाल की खाल निकालने की कोई वजह नहीं है।अब १९ मई को चीनी प्रधान मंत्री भारत आयेंगे और मुह चिडा कर पाकिस्तान चले जायेंगे |

झल्ला

ओ भोले सेठ जी बुजुर्गों ने कहा है कि डाडे दे २० चौके वी १०० [२०X४=१००]ही होते हैंइसीलिए बड़ों के सामने मुह नही खोला करते समझे या नहीं समझे ?

रक्षा लेखा विभाग में जूनियर को सीनियर से ज्यादा वेतन: Staff Unrest In Defence Accounts Deptt

रक्षा लेखा विभाग में एक पद के अधिकारियों के वेतन में व्याप्त विसंगतियों को लेकर कर्मचारियों के संघ ने आवाज उठाई है| अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ [कलकत्ता] के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी ने अपने महा नियंत्रक को पत्र लिखा है|
श्री चौधरी के अनुसार अप्रैल २०११ में सबोर्डिनेट एकाउंट्स सर्विस [एस ऐ एस ]के एक बेच को बतौर अपरेंटिस[प्रशिक्षु] भर्ती किया गया था | लेकिन इनके और प्रमोटेड एस ऐ एस के वेतन में ४०५०/= प्रति माह का अंतर रख कर समान पद पर समान कार्य करने वाले प्रमोटेड एस ऐ एस के साथ भेद भाव किया गया|ऐसा वित्त मंत्रालय के आदेशों की गलत व्यख्या किये जाने के फलस्वरूप किया गया है| अत एसोसियेशन ने मांग की है कि इस भेदभाव को दूर करने के लिए यथा शीघ्र व्यवस्था कराई जाए|

सरबजीत की मौत पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सरकारों की कमजोरी उजागर हुई

सरबजीत को मृत्यु के पश्चात शहीद का दर्जा पंजाब सरकर ने दे दिया| जगह जगह उसके समर्थन में पाकिस्तान के पुतले फूंके जा रहे हैं यहाँ तक कि भारतियाजैलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों पर अटैक होने लग गए हैं इस सबसे गर्वित होने के स्थान पर इसे वृहद बहस का मुद्दा बना कर इस पर चिंता प्रकट की जानी चाहिए क्योंकि एक तरफ तो दोनों मुल्कों के नागरिकों में भरोसे की दूरे एक कदम बढ गई है और दोनों मुल्कों की सरकारों का क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लगा है| पाकिस्तान की जेल में २२ साल से बन्द सरबजीत की मौत कोई सामान्य हादसा नहीं है. इसने पाकिस्तान सरकार के अमानवीय चेहरे से एक बार फिर नकाब हटा दिया है. बिना सबूत, सिर्फ शक के आधार पर, सरबजीत को बम बलास्ट का आरोपी बना देना, उसके परिवार सहित दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों की आवाज़ को अनसुना करना और फिर सुनियोजित तरीके से उस पर जानलेवा हमला करवाना, इस तरह का अमानवीय आचरण पाकिस्तान की नीति का पहले से ही हिस्सा रहा है. सरबजीत के मुद्दे को भी पाकिस्तान ने भारत के साथ संबन्धों में अपनी नाक का सवाल बना लिया था|
दूसरी तरफ सरबजीत जैसे नागरिकों को न बचा पाना भारतीय विदेश नीति एकदम लाचार नजर आती रही| सरबजीत की बहन और उनके परिवार के अन्य लोगों ने अपने दम पर इस मुददे को जिस शिद्दत से दुनिया के पटल पर रखा, अगर भारत सरकार भी इस बारे में जोर लगाती तो शायद सरबजीत की जान बच सकती थी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए 49 साल के सरबजीत सिंह पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में 4 से 5 कैदियों ने हमला किया जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें वहां के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे तभी से वेंटिलेटर पर थे।पाकिस्तान के समय के मुताबिक आधी रात को 1 बजे सरबजीत ने आखिरी सांस ली। निधन के बाद जिन्ना अस्पताल के बाहर पुलिस की भारी तैनाती कर दी गई। सरबजीत का परिवार बुधवार को ही तीन दिन पाकिस्तान में रहने के बाद भारत लौटा था।
पाकिस्तान की एक अदालत ने लाहौर और मुल्तान में हुए बम धमाकों के आरोप में सरबजीत को 1990 में फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद से वे वहां की जेल में बंद थे।इसकी प्रातिक्रिया स्वरुप जम्मू जेल में बंद एक पाकिस्तानी कैदी पर जानलेवा हमला हुआ है लेकिन भारत सरकार ने तत्परता दिखाते हुए सम्बंधित अधिकारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया है|मेरठ कि जेल में बंद तीन पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा बड़ा दी गई है|इसके अलावा स्वयम सेवी और राजनीतिक दल आये दिन पाकिस्तान का पुतला फूंक कर अपनी आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं |

माडल रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा के नाम पर केवल मजाक ही हो रहा है

रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के नाम पर लगाये गए उपकरण महीनों से ख़राब हैं +यात्रियों की परेशानियों को दूर करने केलिए अधिकारियों का अभाव है+रिजर्वेशन काउंटर पर कोई मानिटरिंग नही है|ये तमाम खामियां आज मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने सिटी रेलवे स्टेशन पर पकड़ी और स्टेशन मास्टर को तत्काल सुधार की चेतावनी दी|
मेरठ हापुड़ से भाजपा के सांसद राजेन्द्र अग्रावाल ने आज सिटी स्टेशन का आकस्मिक निरीक्षण किया |सांसद ने बताया कि उन्हें पिछले कई दिनों से फोन पर अनियमितताओं की शिकायतें आ रही है जिसके फलस्वरूप उन्होंने आज स्टेशन का दौरा किया |यहाँ के स्टेशन को तीन साल पहले माडल स्टेशन घोषित किया जा चुका है लेकिन [१]यहाँ लगाए गए सुरक्षा कैमरा पिछले दो माह से खराब है|[२] स्टेशन पर रुकने वाली गाडी में चड़ने के लिए यात्रियों को उनकी रिजर्व्ड बोग्गी की जानकारी देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है |जिन गाड़ियों का स्टापेज बेहद कम है उन पर चड़ने के लिए बुजुढ़ और महिलाओं को भी एक कौने से दूसरे कौने तक परेशान भाग दौड़ करते देखा जा सकता है|[३]रिजर्वेशन काउंटर पर कोई मानिटरिंग नहीं है जिसके फलस्वरूप अपात्रों की चांदी कट रही है|
सासंद ने स्टेशन मास्टर को तत्काल सुधार करने की चेतावनी भी दी

अमेरिकन नागर कार्गो विमान अफगानिस्तान में क्रैश :सातों सवार मरे

अमेरिका के नॅशनल एयर कार्गो के नागर कार्गो विमान , अफगानिस्तान के काबुल के नजदीक बगराम एयर बेस के समीप, क्रैश हो गया| इसमें सवार सभी सातों अमेरिकी नागरिक मारे गए हैं| नाटो के अनुसार टेक ऑफ करने के कुछ समय पश्चात ही विमान को नीचे गिरते देखा गया| यधपि तालिबान ने इस क्रैश की जिम्मेदारी ली है मगर इस अभी तक स्वीकार नही किया गया है|

सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कैंट छेत्र के लाल कुर्ती में इंटर लाकिंग सड़क का लोकार्पण किया

[मेरठ] मेरठ +हापुड़ लोक सभा छेत्र के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कैंट छेत्र के लाल कुर्ती [मैदा मोहल्ला]में इंटर लाकिंग सड़क का लोकार्पण किया| इस अवसर पर भाजपा सांसद ने कैंट विधान सभा छेत्र को भाजपा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए छेत्र के समुचित विकास के लिए सभी संभव प्रयास किये जाने का आह्वाहन किया |गौरतलब है कि छावनी विधायकी छेत्र को भाजपा की छपरौली कहा जाता है| यहाँ छावनी परिषद् द्वारा पर्याप्त विकास के कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं |संभवत इसीलिए सांसद ने यह आह्वाहन किया है| इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष गोबिंद सोनकर+आलोक गोयल+डा. [होमियोपैथी]सतीश शर्मा+डा. प्रफुल्ल+अमन गुप्ता+मन्नू+ एस महाजन+अनूप सेठी+स्वीटी+पवन+महेंद्र पाल+ हर्ष गोयल आदि उपस्थित थे|

संसद में ९ मुद्दे उठे मगर कार्यवाही आज भी नही हुई

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शुक्रवार को भी बिजनेस ठप्प रहा| प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सारे दिन कार्यवाही बाधित हुई| लोक सभा में यधपि ९ मुद्दे उठाये गए मगर हंगामे के चलते कार्यवाही नही हो पाई|स्पीकर मीरा कुमार और राज्य सभा में हामिद अंसारी प्रश्न काल की कार्यवाही भी नहीं चलवा पाए| शुक्रवार का दिन ओड़िसा के लिए विशेष राज्य का दर्ज़ा+आज़म खान का अमेरिका में अपमान+कोयला घोटाला+२ जी स्कैम की भेंट चड गया|
[१] बीजेपी ने कोयला ब्लॉक + 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मामला उठाया | सीबीआई द्वारा कोयला ब्लॉक आवंट की जांच से सम्बंधित स्थिति रपट में सरकार के हस्तक्षेप के सम्बंध में दायर किए गए शपथपत्र[हलफ नामा] का भी मुद्दा उठाया.
[२] उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता +यूपी के नगरीय विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान के अमेरिका के बोस्टन हवाईअड्डे पर हुई बदसुलूकी का मामला उठाया.
गौरतलब है कि आजम खान,अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने गए थे. उन्हें बोस्टन लोगान अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को पूछताछ के लिए लगभग 10 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया गया था|
दोनों सदनों की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका. शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही परम्परानुसार पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी|
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे शुरू होने के बाद दोबारा हंगामा शुरू हुआ, और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी|.
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही [३]]संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से पीसी चाको को हटाने और[४] पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले समेत कई मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा[५],बीजद सदस्य ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए।
[६]अन्नाद्रमुक के सदस्य एक अंग्रेजी समाचार पत्र की प्रति दिखा रहे थे जिसमें जेपीसी के आधे सदस्यों की पीसी चाको को अध्यक्ष पद से हटाने संबंधी मांग की खबर छपी है। [७]वाममोर्चा सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के समीप आकर पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों का पैसा लौटाने की मांग की|
कल्याण बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य भी आसन के समक्ष चिटफंड को बंद करने और इस घोटाले में कथित रूप से शामिल केंद्रीय मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।[८] सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उन्हें चीन का मुद्दा उठाया | [९]तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसद पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विषय को उठा रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, `तेलंगाना विधेयक पेश करो।’
दोपहर 12 बजे पीठासीन गिरिजा व्यास ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। लेकिन हंगामे से परेशां होकर उन्होंने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक अब सोमवार को होगी।

भारतीय थल सेना के विरोध में १६ गावों के हजारों सिविलियन्स उतरे

मेरठ]भारतीय थल सेना और सिविलियंस में एक पुल को लेकर आई नाराजगी अब धीरे धीरे टकराव में बदलती जा रही ही|सेना की कार्यवाही के विरोध में अब १६ गावँ उतर आये हैं|
सुरक्षा कारण के आधार पर खटकाना पुल से सैन्य छेत्र में सिविलियन्स के आवागमन पर रोक लगाने के लिए सेना ने दीवार लगा कर मार्ग बंद करने की कार्यवाही सोम वार को शुरू कीजिसके विरोध में १६ गावों के लोग उतर आये और उनकी सेना और पोलिस से हाथापाई भी हुई|सिविलियन्स का विरोध इतना जबरदस्त था की उन्होंने दीवारबनाने के लिए खोदी गई नीवं को भर दिया और फौजियों के परिवार जनों के सिविल एरिया में प्रवेश पर भी रोक लगाई|जिसे बाद में खुलवा दिया गया|पोलिस और सेना की सूझ बूझ से कोई बड़ा टकराव नही हुआ लेकिन समस्या का समाधान भी नहीं हुआ है|यहाँ ट्रैफिक रोक कर उसे मवाना रोड पर डायवर्ट किया जाना है जबकि वहां पहले से ही जरुरत से ज्यादा ट्रैफिक है|चूंकि इस मार्ग का प्रयोग शुरू से ही १६ गावों के हज़ारों लोगों और उनके नाते-रिश्तेदारों द्वारा किया जाता रहा है ऐसे में इस मार्ग को बंद करने के स्थान पर कोई स्वीकार्य वैकल्पिक व्यवस्था की जानी जरुरी है|