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Category: Defence

मेरठ छावनी के पार्षदों और परिषद् की लड़ाई अब सड़को पर आई

मेरठ छावनी परिषद्

भारत में ६२ छावनियों में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी छावनी मेरठ में विकास के बजाय पार्षदों और परिषद् में टकराव बढ़ता जा रहा है| इसीके फलस्वरूप कल सोमवार को आठों पार्षद परिषद् कार्यालय पर धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे|पार्षदों ने परिषद् अध्यक्ष मेजर जनरल वी के यादव ,मुख्य अधिशासी अधिकारी और दशकों से परिषद् में जमे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है| आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में भी जाने के घोषणा की गई है|
पार्षद अजमल कमाल के अनुसार मेरठ के पार्षदों का हौंसला बढाने के लिए छावनी परिषदों के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव गुप्ता [झांसी]के साथ अनेकों छावनियों के उपाध्यक्ष आयेंगे |
गौरतलब है की छेत्र में विकास के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है|इसके लिए धनाभाव का रोना रोया जाता है जबकि सैनिक अधिकारियों के छेत्रों में ही कार्य कराये जा रहे हैं|ये आरोप लगाते हुए असंतुष्ट पार्षदों ने कहा है कि [१]गृह कर और जल कर में की गई वृद्धि को तत्काल वापिस लिया जाए|[२]विकास कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराये जाये|[३]चेंज आफ परपस को चालू किया जाए[४]नक्शा पास करने के प्रक्रिया तेज की जाए[५]बंगलो एरिया में बिजली पानी और सड़क सुविधा दी जाये|
इसके अलावा पार्षद अजमल कमल ने सुझाव भी दिया ही कि छावनी परिषद् में किये जा रहे चालान को कोर्ट में भेजने के बजाये चालानपर बोर्ड द्वारा ही निर्णय कराया जाना चाहिए इससे बोर्ड को अतिरिक्त आमदनी होगी| कम्पाउंड प्रक्रिया को गति दी जानी चाहिए|एन ओ सी देने में की जारी देरी को रोक जाना चाहिए|एतिहासिक स्थलों का सौन्द्रियकरण हो और फ्रीहोल्ड प्रक्रिया यथा शीघ्र शुरू की जाए |

सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान में असम रेजिमेंट के छह जवान शहीद और एक लापता

सियाचिन में बर्फीले तूफ़ान

सियाचिन ग्लेशियर में आए भयंकर बर्फीले तूफान में 6 भारतीय सैनिकों के मारे जाने की खबर है जबकि एक सैनिक लापता बताया जा रहा है। सेना के सूत्रों के मुताबिक सियाचिन ग्लेशियर के हनीफ सब सेक्टर में सुबह सात बजे हिमस्खलन आया, जिसमें असम रेजिमेंट के छह जवान मारे गए व एक लापता हो गया। चौकियों के बीच सैनिकों की आवाजाही के दौरान यह घटना घटी।यह चौकी 15-16 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
कई सालों में पहली बार इस ग्लेशियर क्षेत्र में भारतीय चौकी हिमस्खलन की चपेट में आई है ।
ऐसा नहीं की केवल भारतीय ही बर्फीले तूफ़ान की चपेट में आते हैं बल्कि पिछले साल इसी क्षेत्र में हिमस्खलन में पाकिस्तानी शिविर चपेट में आया था और 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
भारत ने पिछले करीब 30 साल से सियाचिन में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं। यहाँ भारत ने दुश्मन की गोलियों से कहीं अधिक जवान मौसम और प्रतिकूल भौगोलिक स्थितियों की वजह से गंवाए हैं।सम्भवत इसीलिए यहाँ से जवान हटाने के लिए पकिस्तान और भारत में बात हो रही है| कई दौर की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान कुछ साल पहले इस क्षेत्र के सैनिक हटाने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन समझौता नहीं हो सका
भारतीय जनरल बिक्रम सिंह ने साफ कर दिया है कि भारतीय सेना रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस बर्फीली चोटी से हटना नहीं चाहती है जिसके लिए उनसे अपना काफी खून बहाया है। उन्होंने कहा कि सेना ने अपने विचार से सरकार को अवगत करा दिया है और अंतिम फैसला उसे करना है।

पेशावर बाचाखान एयर बेस पर आतंकवादियों ने राकेट दागे: दस मरे

भारत और पाकिस्तान जब भी शांति के पथ पर कदम रखते हैं तभी कभी सीमा और कभी मुल्क के अन्दर तनाव पैदा करने के प्रयास शुरू हो जाते हैं|पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मालिक के भारत दौरे के समय पकिस्तान के पेशावर और करांची में तनाव हो गया| पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी शहर पेशावर में बाचा खान हवाई अड्डे[एयर बेस] पर १५ दिसंबर की रात तालिबानी आतंकवादियों ने पांच राकेट दागे जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में पांच हमलावर भी बताये गए हैं|
तालिबान आतंकवादी विस्फोटकों से भरा वाहन लेकर जबरन हवाई अड्डा परिसर में घुस गए और गाड़ी परिसर की दीवार से टकरा दी। पाक मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादियों ने हवाई अड्डे पर पांच रॉकेट भी दागे। उनमें से दो ने रनवे पर हमला किया।
हमले के बाद हवाई अड्डे से सभी अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं।। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने हमले की निंदा की है। माना जा रहा है कि इसके पीछे अल-कायदा और तालिबान का हाथ हो सकता है सेना के अनुसार यह हमला हाल ही में आतंकवादियों के खिलाफ किए गए सैन्य अभियान की प्रतिक्रिया हो सकती है रॉकेट हमले में रिहाइशी इलाके के कई मकानों में आग लग गई। हमले में करीब 40 लोगों के जख्मी होने की खबर है। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने ली है।
पेशावर के जिस इलाके में ये हमला हुआ, वो सुरक्षा के लिहाज से काफी चाक-चौबंद माना जाता है। मगर इसके बावजूद आतंकी पेशावर के बाचा खान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने में कामयाब रहे। इसके बाद एयरपोर्ट को निशाना बनाकर आतंकियों ने रॉकेट भी दागे। आतंकियों के दो रॉकेट एयरपोर्ट के पास रिहाइशी इलाकों में जा गिरे।एयरपोर्ट में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पड़ोस में मौजूद रिहाइशी इलाकों के कई घरों में आग लग गई। एयरपोर्ट पर उस वक्त मौजूद यात्री जेद्दाह की उड़ान का इंतजार कर रहे थे। जिन्हें तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और सभी उड़ानें स्थगित कर दी गईं। पेशावर एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए ताकि आतंकी भाग न सके।
हमले में शामिल आतंकियों की तादाद 5 बताई गई है। इनके पास से मिले रॉकेट लॉन्चरों, असॉल्ट राइफलों और गोला बारूद मिले। एयरपोर्ट के पास दो सुसाइड जैकेट भी मिलीं, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया।
इस बीच पाकिस्तानी मीडिया के सामने पाकिस्तान की जमीन पर पनपे और प्रतिबंधित तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी कबूल की है।
प्रवक्ता अहसानुल्लाह ने जिम्मेदारी ली है| उनका निशान पेशावर एयरपोर्ट पर मौजूद एयरफोर्स बेस था। हमले के लिए दो जगहों पर विस्फोटकों से भरे वाहनों का भी इस्तेमाल करने का भी दावा किया गया |
इसके अलावा कराची में हुई हवाई फायरिंग के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग गलियों में हथियार लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने कुछ दुकानों को भी बंद करने की धमकी दी। इससे शहर में तनाव बन गया और कराची बार एसोसिएशन के चुनाव भी टाल दिए गए।
इससे पूर्व भी पेशावर में आतंकी हमले हो चुके हैं यहाँ तक की यू एन कार्यालय में हुए एक हमले में तीन लोग मारे गए थे| गृह मंत्री रहमान मालिक ने भारत दौरे में यह स्वीकार किया है की उनका मुल्क भी आतंकवाद से जूझ रहा है ऐसे में पकिस्तान और भारत में शांति बहाली के लिए दोनों मुल्कों को पुराना द्वेष्य भुला कर सहयोगात्मक कदम उठाने होंगे |इसके लिए भारत ने समझौता एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट के आरोपी

पेशावर बाचाखान एयर बेस पर राकेट दागे:

को गिरफ्तार करके पहल कर दी है अब पाकिस्तान को भी वहां पनप रहे आतंकवादियों को गिरफ्तार करके बिना किसी इफ एंड बट्स के कानूनी प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए

स्कूली बच्चों पर कहर बरपा:अमेरिका में २० बच्ची मारे गए जबकि चीन में २२ बच्चे घायल किये गए

अमेरिका और चीन में दो अलग अलग ह्रदय विदारक घटनाएँ हुई हैं जिनमे मासूम स्कूली बच्चों पर कहर ढाया गया है| अमेरिका के कनेक्टिकट में एक प्राथमिक विद्यालय में एक व्यक्ति ने गोलियां चलाकर अपनी मां और 26 अन्य लोगों की हत्या कर दी, जिनमें 20 बच्चे भी शामिल हैं। हमलावर की पहचान रेयान लांजा के तौर पर हुई है। इस हत्याकांड के बाद उसने खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।उधर शिन्हुआके अनुसार

स्कूली बच्चों पर कहर बरपा:

चीन के हेनान प्रांत के झिन्यांग शहर में चेंपैंग गावं के एक प्राईमरी स्कूल के गेट पर एक व्यक्ति द्वारा २२ निर्दोष छात्रों को चाकू मार कर घायल कर दिया गया | इन घटनाओं को मीडिया ने चिंता के साथ प्राथमिकता दी है|
अभी तक गोलीबारी में घायल / मृत लोगों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है|अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध समाचार प्रेषक ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार लांजा की मां इस स्कूल में शिक्षिका थीं और उसने अपनी मां को मारने के बाद अन्य लोगों की हत्या की। पुलिस के अनुसार हमलावर ने काली पोशाक पहनी हुई थी और उसके पास नौ एमएम की दो बंदूकें थीं। उसने सुबह कनेक्टिकट के इस विद्यालय में गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे पूरे शहर में भय का माहौल कायम हो गया| सीएनएन न्यूज के अनुसार, इस घटना में मारे गए लोगों में स्कूल की प्रिंसिपल, मनो चिकित्सक और 20 बच्चे शामिल हैं। हमलावर को इसी स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे का पिता बताया गया है|
गौरतलब है कि न्यूटाउन न्यूयार्क से 60 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित है और इस विद्यालय में लगभग ७०० विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस घटना के बाद यहां के बाकी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने के अनुसार राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संघीय जांच एजेंसी एफबीआइ के निदेशक और कनेक्टिकट के गवर्नर से बात की है और इस घटना पर शोक जताया है।
इस ह्रदय विदारक वारदात को अमेरिका के स्कूलाें में अब तक की सबसे बड़ी घटनाओं में माना जा रहा है।एनबीसी न्यूज ने बगैर किसी का हवाला दिए कहा है कि गोलीबारी करने वाले व्यक्ति के मारे जाने के बाद उसके पास से दो बंदूकें बरामद हुई हैं। वारदात स्थल से 18 किमी दूर डैनबरी अस्पताल में यहां के तीन घायल भर्ती हुए हैं और उनकी हालत बहुत खराब है। न्यूटाउन शहर की आबादी करीब 27 हजार है।

घटनाओं का इतिहास

अमेरिका में इस तरह की गोलीबारी की अनेकों घटनाएँ हुए हैं [१] ओरेगन की है जहां गत मंगलवार को एक बंदूकधारी ने पहले दो लोगों की हत्या कर दी और बाद में आत्महत्या कर ली।[२] इसी साल जुलाई में कोलोराडो की एक घटना में रात में बैटमैन फिल्म के प्रदर्शन के दौरान 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 58 लोग घायल हुए थे।ल 27 फरवरी को इस स्कूल के एक छात्र ने अचानक गोली चला दी, जिसमें तीन छात्रों की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए।
[३]2 अक्टूबर 2006, वेस्ट निकेल माइंस स्कूल,
पेनसिलवेनिया के इस स्कूल में 32 साल के एक युवक ने पहले तो 11 लड़कियों को बंधक बना लिया। फिर गोलीबारी कर पांच की जान ले ली और छह को जख्मी कर दिया। बाद में हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली।
[४]8 नवंबर 2005, कैंपबेल काउंटी हाई स्कूल, जैक्सबोरो, टेनेसी
यहां 15 साल के एक छात्र ने प्रिंसिपल और दो सहायक प्रिंसिपल पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं जिसमें एक की मौत हो गई।
[५]21 मार्च 2005, रेड लेक हाई स्कूल, मिनेसोटा
यहां 16 साल के एक लड़के ने अपने दादा, चार साथी छात्रों और एक टीचर समेत 8 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में खुद को गोलीमार कर खुदकुशी कर ली।
[६]5 मार्च 2001, सैंटना हाई स्कूल, कैलिफॉर्निया
इस स्कूल में पढ़ने वाले 15 साल के छात्र ने गोलीबारी कर अपने दो साथियों की जान ले ली और 13 लोगों को जख्मी कर दिया।
इससे पहले नब्बे के दशक में भी अमेरिकी स्कूलों में हुई हिंसक घटनाओं ने लोगों का दिल दहला दिया था।
[७]20 अप्रैल 1999, कोलंबाइन हाई स्कूल, कोलोरैडो
इस स्कूल के दो छात्रों ने खुदकुशी करने से पहले अंधाधुंध फायरिंग कर 12 छात्रों और एक टीचर की जान ले ली
[८] 21 मई 1998, थर्स्टन हाई स्कूल, ओरेगन
15 साल के एक छात्र ने पहले अपने मां-बाप को मारने के बाद स्कूल में फायरिंग की जिसमें दो छात्रों की मौत हो गई।
[९]24 मार्च 1998, वेस्टसाइड मिडल स्कूल, जोंसबोरो, अरकनसास
इस स्कूल में पढ़ने वाले 11 और 13 साल के दो छात्रों ने अपने टीचर और साथियों को घेरकर हमला किया जिसमें पांच लोग मारे गए।
[१०]1 दिसंबर 1997, हीथ हाई स्कूल, केंटकी
यहां 14 साल के छात्र ने प्रार्थना सभा में अचानक फायरिंग कर 3 लड़कियों की जान ले ली।
[११]2 फरवरी 1996, फ्रंटियर जूनियर हाई स्कूल, वॉशिंगटन
यहां पर 14 साल के एक छात्र ने राइफल से फायरिंग कर 2 छात्रों और एक टीचर को मार दिया।
[१२]26 फरवरी 1992, थॉमस जैफर्सन हाई स्कूल, न्यूयॉर्क
15 साल के एक लड़के ने फायरिंग कर 2 छात्रों की जान ले ली।
गोलीबारी की घटनाओं में बढोत्तरी ने आम लोगों के साथ साथ राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा को भी हिला दिया है। दरअसल, अमेरिका में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, इसके पीछे बड़ी वजह है अमेरिका में खुली बंदूक संस्कृति जिसके चलते अमेरिका के कई राज्यों में हथियार खरीदना तो आसान है ही, उनमें गोली भरकर घूमना भी वैध है। लेकिन अब कनेक्टिकट की दिल दहला देने वाली घटना के बाद लोगों का सब्र जवाब दे रहा है। अमेरिका जनता सरकार से गन कल्चर पर लगाम कसने की मांग कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति स्वयम कई बार खुली बन्दूक संस्कृति के खिलाफ बयाँ दे चुके हैं लेकिन वहां हथियार लाबी के अलावा एक विशेष वर्ग हथियारों के प्रेम पाश को त्याग नहीं पा रहा है|अब इन घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए अब गन कल्चर में बदलाव करने का समय आ गया है|

रहमान मलिक ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी के लिए बाळ भारत के पाले में सरकाई

पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाळ फिर से भारत के पाले में डाल दी है|उन्होंने भारत द्वारा उपलब्ध कराये गए सबूतों को अपर्याप्त बताया | दोनों देशों के बीच नए वीजा समझौते को मंजूरी अवश्य प्रदान कर दी गई है| । अब पाक से साथ सिंगल की जगह मल्टिपल वीजा लागू होगा।
भारत के दबाव के बाद भी पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया है। मलिक ने कहा कि सईद को गिरफ्तार करने के लिए ठोस सबूत नहीं हैं। अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचने पर मलिक ने रिपोर्टर्स से कहा, ‘हाफिज सईद से हमें कोई ‘प्यार’ नहीं है। यहां से जाने से पहले यदि मुझे आज भी कोई सूचना मिलती है तो मैं उसकी गिरफ्तारी का आदेश दूंगा।
उन्होंने कहा कि बहुत दुष्प्रचार चल रहा है और पाकिस्तान पर काफी दबाव है। उन्होंने कहा, ‘मुझे केवल सूचनाओं वाले ढेरों डोजियर मिल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सईद तीन बार गिरफ्तार किया जा चुका है। मगर सबूतों के आभाव में हर बार रिहा हो गया| भारत ने सईद को खुलेआम घूमने देने और भारत विरोधी भड़काऊ भाषण देने पर पर पाकिस्तान को अपनी गंभीर चिंता से भी अवगत कराया है।
मलिक ने कहा कि 2008 के मुम्बई हमले में सईद के शामिल होने के बारे में महज लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अजमल कसाब का बयान उस पर शिकंजा कसने के लिए एकमात्र सबूत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘उसकी पुष्टि करने के लिए कुछ होना चाहिए।’ मलिक ने भारत और पाक के बीच वीजा नियमों को लचीला बनाने की वकालत करते हुए कहा कि वह अमन का पैगाम लेकर भारत आए हैं।
निर्धारित समय से तीन घंटे देर से भारत पहुंचे मलिक ने प्रोग्राम में थोड़ी तब्दीली करते हुए पाकिस्तान की वायुसेना (पीएएफ) का विमान लिया था, जिसके कारण उन्हें भारतीय अधिकारियों से दोबारा इजाजत लेने पड़ी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने भारत को गुरुवार देर रात ही बताया कि मलिक 13 सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल एवं पांच मीडियाकर्मियों के साथ पीएएफ के विमान से आयेंगे| उसके बाद प्रशासन ने पालम तकनीकी क्षेत्र में विमान के उतरने के लिए मंजूरी दी। निर्धारित प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार सैन्य विमान के उपयोग की स्थिति में भारतीय वायुसेना को इस बात की जांच करनी थी कि चालक दल के कितने सदस्य हैं और विमान पर कौन से उपकरण हैं। पाकिस्तानी पक्ष से सारा ब्यौरा मिलने के बाद विमान को उतरने की इजाजत दी गई, लेकिन हवाई अड्डे के नागरिक क्षेत्र में न कि तकनीकी क्षेत्र में। मलिक को दोपहर दो बजे यहां पहुंचना था लेकिन वह शाम छह बजे पहुंचे।
इससे पहले उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सौरभ कलियाँ के परिवार से मिलाने की भी इच्छा व्यक्त की थी मगर बाद में एक और ब्यान दिया कि कैप्टेन कालिया की मौत शायद मौसम कि वजह से भी हो सकती है|इस पर शहीद की माता ने कड़ा

Home Minister Of Pakistan Rahman Malik

एतराज जताया है|
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विवादित आदर्श हाउसिंग सोसायटी पर रक्षा मंत्रालय ने हाई कोर्ट में दावा ठोका

रक्षा मंत्रालय ने आज शुक्रवार को मुम्बई की विवादित कोलाबा में ३१ मंजिला आदर्श हाउसिंग सोसायटी बिल्डिंग भूमि पर महाराष्ट्र हाई कोर्ट में दावा थोक कर कब्जा दिलाये जाने की मांग की है|

विवादित आदर्श हाउसिंग सोसायटी


उल्लेखनीय है कि आदर्श सोसायटी देश के प्रमुख घोटालों में शामिल किया जा चुका है | आरोप लगाये गए हैं कि सेन्य भूमि पर वॉर विड़ोज के लिए फ्लैट्स बनाए गए थे मगर बाद में दूसरे असर दार लोगों को एलाट कर दिए गए| इससे पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने भूमि पर अपना दावा यह कहते हुए क्लेम किया था कि यह भूमि राज्य कि है और इस पर बनी सोसायटी वार विड़ोज के लिए नहीं थी इसके लिए ८ माह पूर्व दो सदस्सीय जुडिशियल पेनल भी बनाया गया था |जनवरी २०११ में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा इस ३१ मंजिला बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये जा चुके हैं| रक्षा मंत्रालय द्वारा इस बिल्डिंग पर, सुरक्षा कारणों से , आपात्ति जताई जा चुकी है|

अन्तराष्ट्रीय न्यायलय से कैप्टेन कालिया के लिए स्वतंत्र जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को नोटिस

पकिस्तान की सेना द्वारा युद्ध बंधी नियमों का उल्लंघन किये जाने पर अब न्याय के लिए अन्तराष्ट्रीय न्यायलय में जाने के लिए एन के कालिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय केंद्र सरकार को नोटिस जारी कियॆ है|पाकिस्तान के मंत्री रहमान मालिक के तीन दिवसीय भारत दौरे पर यह कार्यवाही काफी अहमियत रखती है| भारतीय सेना के कैप्टन सौरभ कालिया को पाक सेना द्वारा यातना दिए जाने से संबंधित मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में भेजने की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की पीठ ने अधिवक्ता अरविंद कुमार शर्मा की दलील सुनने के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। अधिवक्ता ने कहा कि शहीद के परिवार ने मामले को इन्तरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस [आईसीजे] में भेजने के लिए रक्षा मंत्रालय से संपर्क किया है।
कैप्टन कालिया के पिता एन के कालिया द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कैप्टन कालिया को बंधक बनाने के बाद पाकिस्तान की सेना ने उनके उपचार को लेकर युद्धबंदियों के उपचार से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन किया।
कैप्टन कालिया 4 जाट रेजीमेंट के पहले भारतीय सन्य अधिकारी थे, जिन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा से पाकिस्तानी सेना की बड़े पैमाने पर घुसपैठ की रिपोर्ट दी थी।
कालिया और सेना के पांच अन्य जवानों को पाकिस्तान की सेना ने 15 मई, 1999 को बंधक बना लिया था। उन्होंने सैनिकों को 22 दिन तक बंधक बनाए रखा। बाद में नौ जून, 1999 को उनके शव भारतीय अधिकारियों को सौंप दिए गए।
कैप्टन और पांच अन्य सैनिकों के पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बुरी तरह यातना दी थी। उन्हें गोली मारने से पहले पाकिस्तान की सेना ने उन्हें सिगरेट से दागने और गर्म सलाखों से कान फोड़ने के अतिरिक्त निजी अंगों सहित उनके शरीर के अन्य अंग भी काट डाले थे।गौर हो कि कारगिल के नायक कैप्टन सौरभ कालिया के पिता ने अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग करते हुए

Captain Saurabh Kalia

(यूएनएचआरसी) में भी याचिका दाखिल की है।
विदेश मंत्रालय ने बीते दिनों कहा था कि वह एनके कालिया की याचिका की प्रकति पर गौर करेगा क्योंकि यूएनएचआरसी उसके सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले केवल अंतर-राज्यीय मुद्दों पर गौर करता है। अपनी याचिका में कालिया ने वैश्विक निकाय से इस मामले की पूर्ण एवं स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने अपने बेटे की मौत को युद्ध अपराध करार दिया है।एनके कालिया का कहना है कि हम चाहते हैं कि कम से कम पाकिस्तान यह स्वीकार करे और माफी मांगे कि उसके सैनिकों ने ऐसा किया और अब हम कभी किसी अन्य सैनिक के साथ ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने हाल ही में उच्चतम न्यायालय से यह अनुरोध किया था कि वह सरकार को उनके बेटे का मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाने का निर्देश दे।
कैप्टन कालिया और उनकी गश्ती दल के पांच अन्य सैनिक 15 मई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों ने पकड़ लिया था और उन्हें कई दिनों तक रखकर उनका उत्पीड़न किया। बाद में उनका क्षतविक्षत शव भारतीय सेना को सौंपा। सेना के टाप ब्रास जनरल विक्रम सिंह ने भी श्री कालिया को पूरा सहयोग करने का वादा किया है।

११ साल पहले दिसम्बर की १३ को संसद पर अटैक करने वाले अफजाल गुरु को फांसी की मांग पर आज लोक सभा स्थगित

Indian Parliament

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी की मांग को लेकर भाजपा ने लोक सभा में हंगामा किया जिससे आहत स्पीकर मीरा कुमार ने लोक सभा की कार्यवाही पहले साडे ग्यारह और फिर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी | मीरा कुमार ने तीखी टिपण्णी करते हुए हंगामाई सांसदों को लताड़ते हुए कहा कि संसद की रक्षा के लिए दी गई शहादत इस शोर शराबे के लिए नहीं दी गई थी | दोषी को फांसी में देरी पर चर्चा के लिए भाजपा ने गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया।
भाजपा की वरिष्‍ठ नेता सुषमा स्‍वराज ने आज कहा कि संसद पर आतंकी हमले के शहीदों को सही अर्थों में श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब सरकार अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने की तारीख की घोषणा करे।
13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हमले में शहीद हुए कर्मियों को आज भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई जिसके साथ ही अफजल की फांसी का मुद्दा एक बार फिर उठा। कई नेताओं और शहीदों के परिवारों ने मांग की कि हमले के दोषी अफजल गुरु को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। 11 साल पहले आज ही के दिन जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर के आतंकियों ने संसद परिसर में प्रवेश कर हमला किया था। हमले में पांच सुरक्षाकर्मी, एक माली और एक कैमरामैन शहीद हो गए थे।
लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर की रक्षा करने वालों के योगदान को संसद से बाहर हुए कार्यक्रमों में भी सराहा गया। शहीदों के परिजनों ने ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एमएस बिट्टा की अगुवाई में चाणक्यपुरी स्थित ममोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
शहीदों के इन परिजनों ने सरकार की तरफ से मिले मेडल कुछ साल पहले लौटा दिए थे। इन लोगों का कहना है कि वे अफजल की फांसी के बाद ही मेडल वापस लेंगे, अन्यथा इन मेडलों को म्यूजियम में रख दिया जाए। अफजल की फांसी के बारे में बिट्टा ने भी मांग को फिर दोहराया।
कसाब को फांसी लगाये जाने के पश्चात गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने राष्ट्र को यह आश्वासन दिया था कि २० दिसम्बर के पश्चात अफजल गुरु की फायल खोली जायेगी हमले में चार लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। [१]अफशां गुरु,[२] एसएसआर गिलानी[३], शौकत हुसैन गुरु और[४] अफजल गुरु।
18 दिसंबर 2002 को एसएसआर गिलानी, शौकत हुसैन गुरु और अफजल गुरु को सजा-ए-मौत सुनाई गई, लेकिन अफशां गुरु को रिहा कर दिया गया। इल्जाम साबित न होने पर 29 अक्तूबर 2003 को एसएआर गिलानी को भी रिहा किया जा चुका है|
ग्यारह साल पहले संसद पर जो हमला किया गया था उसके जख्म अभी तक भरे नहीं गए हैं|संसदीय कार्यवाही बाधित करके उन जख्मों पर रोजाना नमक छिड़का जा रहा है| किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष और सरकार के सहयोगी दलों द्वारा संसदीय कार्यवाही पर अटैक किये जा रहे हैं यह बेहद पीड़ा दायक होता जा रहा है इसके लिए सरकार द्वारा निर्णय लेने में देरी करने और विपक्ष द्वारा केवल मुद्दा बनाने से जटिलता बड़ती जा रही है|शायद इसीलिए सोश्लाईट अन्ना बाबू राव हजारे समय समय पर संसद की उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लगाते आ रहे हैं| अब समय आ गया है कि आपसी टकराव को भुला कर समय बढ तरीके से राष्ट्र हित में निर्णय लिए जाएँ और ससंद की उपयोगिता को बरकरार रखा जाए शायद यही उन शहीदों के प्रति सच्ची श्रधान्जली होगी|

पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं ५४ भारतीय सुरक्षा कर्मी :ऐ के एंटोनी

रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी ने आज सोमवार को लोक सभा के माध्यम से देश को बताया कि पकिस्तान की जेलों में ५४ भारतीय देश भक्त सैनिक कैद हैं|
श्री एंटोनी ने आज बताया कि पकिस्तान के साथ हुए 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान 54 सुरक्षाकर्मी लापता हैं और समझा जाता है कि ये पाकिस्तान की कैद में हैं।

Indian Parliament

एन सी पी की सांसद सुप्रिया सुले और डा. संजीव गणेश नाइक के प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान लापता 54 सुरक्षा कर्मियों के बारे में समझा जाता है कि ये पाकिस्तान की कैद में हैं। इनमें से एक सीमा सुरक्षा बल का जवान शामिल है।

अफजल गुरु को फांसी दिए जानी वाली फाईल अब २० दिसंबर के बाद खुलेगी : गृह मंत्री शिंदे

केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज आश्वासन दिया है कि अफजल गुरू और छह अन्य की दया याचिकाओं से जुड़ी फाइलों पर २० दिसंबर के बाद जरूर गौर करेंगे। उन्होंने बी एस ऍफ़ के एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा कि मेरे पास गौर करने के लिए दया याचिकाओं से जुड़ी सात फाइलें हैं। मैं संसद सत्र के बाद ये फाइलें देखूंगा। संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा।। वर्ष 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले में अफजल को अदालत ने दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी।संसद पर हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु पिछले 11 साल से तिहाड़ जेल के एक अति सुरक्षित सेल में कैद है
पिछले दिनों 26/11 के पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को पुणे के यरवदा जेल में 21 नवम्बर को फांसी पर लटका दिया गया था, जिसके बाद से अफजल गुरु को भी जल्दी फांसी देने की मांग तेज हो गई है।
गुरू की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गृह मंत्रालय को समीक्षा के लिए वापस भेजी गई है। उन्हें 2001 के संसद हमले के मामले में मौत की सजा दी गई है। इस हमले में जवानों सहित नौ लोगों की मौत हुई थी और 16 घायल हुए थे।
इसके इतर सीमा सुरक्षा बल के 47वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए शिंदे ने बल में प्रशिक्षण के उच्चस्तर की प्रशंसा की और कहा कि सरकार कौशल सुधार के लिए हरसंभव मदद सुनिश्चित करेगी।श्री शिंदे ने कहा कि मुझे पता है कि बीएसएफ जवान कठिन परिस्थितियों और परिवार से दूर रहकर काम करते हैं। सैनिक आतंकवाद विरोधी, नक्सल विरोधी, आपदा प्रबंधन, सीमा प्रबंधन और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए तैनात हैं। हमें सभी मोर्चों

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पर अच्छे परिणाम मिले हैं। बीएसएफ का स्थापना दिवस समारोह एक दिसंबर को होना था लेकिन 30 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन के बाद यह समारोह आज आयोजित किया गया।