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Category: Defence

ट्रांसफर पर जयपाल रेड्डी माने तो अब ऐ के एंटोनी कटारिया की न्युक्ति पर बिगड़े

मंत्री मंडल को नया चेहरा लगा कर २०१४ की तरफ कूच करने वाले डाक्टर मन मोहन सिंह को अपने ही मंत्री गणों से चुनौती मिल रही है अभी कल ही वरिष्ठ जय पाल रेड्डी को मुश्किल से साईंस मंत्रालय के लिए राजी किया था कि अब भारी भरकम रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी ने भी अपने नए राज्य मंत्री लाल चंद कटारिया कि न्युक्ति को लेकर नाक मुह सिकोडनी शुरू कर दी है| जाहिर है बदलाव की इस कवायद को लेकर पार्टी में नाराज मंत्रियों व नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय छीने जाने से नाराज जयपाल रेड्डी के मानने के बाद अब रक्षा मंत्री एके एंटनी ने नई मुश्किलें पैदा कर दी है। खबरें लीक की जा रही है कि रक्षा मंत्री को उनके नए सहयोगी लालचंद कटारिया रास नहीं आ रहे हैं।, आम धारणा है कि एंटनी के विशवास पात्र रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू अच्छा काम कर रहे थे जबकि एंटोनी को १२ वी पास कटारिया की काबिलियत पर अधिक भरोसा नहीं है। इसके अलावा दोनों रक्षा राज्य मंत्री एक ही राज्य से हो गए हैं|दूसरे राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह अपना कार्यभार संभाल चुके थे, ऐसे में कटारिया को खाली हाथ रहना पड़ा है । इससे पहले रक्षा राज्य मंत्रालय को लेकर जितिन और जीतेन्द्र को लेकर एक और भ्रम फैल चुका था।

ट्रांसफर पर जयपाल रेड्डी माने तो अब ऐ के एंटोनी कटारिया की न्युक्ति पर बिगड़े


शायद इसी विवाद के चलते सोमवार और मंगल वार को भी कटारिया चार्ज नहीं ले पाए| अब सम्भावना जाताई जा रही है कि कटारिया बुधवार को रक्षा राज्य मंत्री का चार्ज सम्भाल सकते हैं| वहीं, रक्षा मंत्रालय की सफाई है कि कटारिया के रक्षा राज्य मंत्री बनने से कोई समस्या नहीं है। इसके बावजूद ऐ के एंटोनी को खुश करने के लिए कटारिया का मंत्रालय बदला जा सकता है|अब इसके बारे में बुधवार को फैसला होगा। गौरतलब है कि जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस के सांसद लालचंद कटारिया को यूपीए-2 में पहली बार मंत्री बनाया गया है।मज़ाक में कहा जा रहा है कि सर मुंडाते ही ओले पड़ने शुरू हो गए|

सेवानिवृत थल सेनाध्यक्ष वी के सिंह ने सीज फायर समाप्त किया : संसद को भंग कर चुनाव कराने की मांग से धमाका किया

सेवानिवृत थल सेनाध्यक्ष वी के सिंह ने केंद्र सरकार के साथ सीज फायर को समाप्त करके मौजूदा संसद को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग उछाल दी है|
मौजूदा सरकार के आखिरी फेरबदल के अगले दिन ही सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और पूर्व आर्मी चीफ जनरल (रिटायर्ड) वी के सिंह ने संयुक्त रूप से एक ही मंच से नई जंग का ऐलान कर दिया है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अन्‍ना और जनरल ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा और मौजूदा संसद को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की और देशभर का दौरा करने का भी ऐलान किया है| उन्होंने कहा कि सरकार अल्प मत में है और संविधान की भावना के विपरीत काम कर रही है|

आरोप

पूर्व आर्मी चीफ ने सरकार के कमजोर मोर्चों पर अटैक करते हुए कहा कि देश के जल, जंगल और जमीन को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. इससे देश आगे नहीं बढ़ेगा. [१] ‘सरकार बार-बार र्इंधन की कीमतें बढ़ा रही है। [२]सरकार काले धन पर चुप क्‍यों है[३] विदेशों में जमा काला धन लाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई क्‍यों नहीं हो रही है[४] यूपीए सरकार ने हाल में जितने फैसले लिए हैं, उनमें से ज्यादातर में सरकार अल्पमत में है [५] कांग्रेस इस वक्‍त अलग-थलग पड़ गई है। सहयोगी दलों ने भी सरकार का साथ छोड़ दिया है।
जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान की भावना के विपरीत काम कर रही है इसलिए मौजूदा संसद को भंग कर नए सिरे चुनाव कराये जाने चाहिए।

जनरल वी के सिंह और अन्ना हज़ारे मुम्बई में एक प्रेस कांफ्रेंस में

बाज़ार आधारित नीति

जनरल ने कहा कि देश की सरकार संविधान के विपरीत जा कर बाज़ार के मुताबिक नीति बना रही है. जबकि गांधी जी के आदर्शों पर नीतियां बनाई जानी चाहिए और देश का विकास किया जाना चाहिए|
जनरल ने समाजसेवी अन्ना हजारे की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है। निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है और आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है। अंग्रेजों ने जितना देश को नहीं लूटा उतना अपने देश के नेताओं ने 65 साल में लूट लिया है । सांसदों ने मुद्दों को उठाना बंद कर दिया है। चाहे वह सत्तारूढ़ पार्टी के हों या फिर विपक्ष के। ऐसे में जरूरी है कि इस संसद को भंग किया जाए और नए सिरे से चुनाव कराया जाए ताकि लोग यह तय कर सकें कि देश में लोक कल्याणकारी या नव उदार वाद की सरकार की जरूरत है
उन्होंने कहा कि दुनिया के बहुत से देश अपने कालेधन को वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन भारत सरकार इस मामले में उदासीन बनी हुई है। अगर हमारे देश का काला धन वापस आ जाए तो बहुत सारी समस्याएं सुलझ सकती हैं।

अन्ना

इस मौके पर अन्ना हजारे ने कहा कि देश में अमीर और गरीब के बीच फासला बढ़ता जा रहा है। कहीं लोग क्या-क्या खाऊं इसके लिए जी रहे हैं और कहीं लोग क्या खाएं इसी चिंता में लगे हैं। इस व्यवस्था को बदलनी होगी।
उन्होंने कहा कि संविधान का पालन नहीं हो रहा है। नदियों का निजीकरण हो रहा है। 12 महीने बहने वाली नदिया सूख रही हैं। अन्ना हजारे ने ये भी कहा कि संसद को भंग कर वो कोई रिमोट कंट्रोल नहीं करना चाहते। हम बाहर रहकर लोगों को जगाएंगे। 30 जनवरी तक सरकार को बताएंगे और 30 जनवरी से एक साल तक देश में घूमेंगे। देश की सेवा करने के लिए घूमेंगे। अन्ना ने कहा कि देश को बर्बाद करने वाले दुश्मन हमारे देश में ही छुपे हैं उनके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि जनरल वी के सिंह ने अपने कार्यकाल में अनेक भ्रष्ट मोर्चे ढाए थे |इस पर उनकी आलोचना भी हुई थी मगर फिर रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी से उनका समझौता हो गया और चुप चाप तरीके से सेवानिवृति भी हो गई| इसके बाद सरकार ने टात्रातर्कों की खरीद के लिए जनरल वी के सिंह को १४ करोड़ की घूस की पेश कश करने वाले [सेवा निवृत]जनरल तेजिंदर सिंह के खिलाफ छापे तो जरूर डाले मगर उसके साथ ही सेना के कुछ कमांड अध्यक्षों द्वारा बीते दो साल में की खरीद का आंतरिक आडिट भी रक्षा लेखा विभाग से करा लिया |उसमे १०० करोड़ रुपयों की हेराफेरी के समाचार लीक किये गए कुछ अधिकारिओं पर ऊँगली उठी|इनमे से सेवानिवृत जनरल वी के सिंह का नाम भी लपेटा गया |सरकार के इस रवैय्ये के बाद सम्भवत यौद्धा जनरल वी के सिंह के पास सीज फायर समाप्त करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा| इसीलिए देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई से दिल्ली पर अटैक किये गए |सेवा निवृत

भारतीय सेना के लिए इटालियन हेलीकाप्टरों की खरीद में घूस की मांग

अत्यंत गोपनीयता बरतने वाली रक्षा सेवाओं में भी अब भ्रष्टाचार की एक के बाद एक परतें खुलने लग गई है|बोफोर्स के बाद काफी समय तक गोपनीयता बरते जाने के बाद अब पुनः रक्षा सौदों के लिए मंत्रालय जांच के घेरे में आ रहा है| सेवानिवृत जनरल तेजिंदर सिंह द्वारा टात्रा ट्रकों में घूस की पेश कश के बाद एक ब्रिगेडियर भी खरीद मामलों में जांच के घेरे में आ गए हैं| अबकी बार थोड़ा स्टोरी में ट्विस्ट है\पहले दलाल ने घूस की पेश की थी जिसे सिटिंग जनरल ने ठुकरा कर उसकी जांच करवा दी है और अब घूस मांगने के लिए सप्लाईंग कंट्री द्वारा भारतीय सेना के ब्रिगेडियर पर आरोप लगाए गए हैं| हेलीकाप्टर के एक सौदे में एक इतालवी कंपनी से कथित तौर पर 50 लाख डॉलर की रिश्वत मांगने वाला एक ब्रिगेडियर जांच के दायरे में लाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इटली की सरकार से ब्यौरा मांगा है फिलहाल इटली में जारी एक जाँच के दौरान ये आरोप चेन्नई स्थित ‘आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी’ में पोस्टेड एक ब्रिगेडियर के खिलाफलगाए जा रहे हैं| रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी [/caption
आरोप है कि थलसेना के लिए 197 लाइट हेलिकॉप्टरों[ 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों ]सहित रक्षा सौदों के लिए कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश की जा रही है। भारत के साथ रक्षा सौदों में यह कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी है।
रक्षा मंत्रालय ने इतालवी सरकार और संबद्ध एजेंसियों से विदेश मंत्रालय के जरिए इस बारे में जानकारी मांगी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड को 12 एडब्ल्यू101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए निविदा मिल चुकी है जबकि 197 हेलीकॉप्टरों के सौदे में उसकी बोली खारिज हो गई है।

सेना के आंतरिक आडिट में रक्षा लेखा विभाग ने निकाला १०० करोड़ का घपला: जनरल वी के सिंह को कंट्रोल करने के लिए है क्या

सेना के एक विशेष रूप के बही खातों का महज़ दो सालों का आडिट करवाए जाने से लगता है कि सरकार ने बगावती तेवर दिखाने वाले रिटायर्ड सेना प्रमुख वी के सिंह पर लगाम कसनी शुरू कर दी है|रक्षा मंत्रालय के आधीन रक्षा लेखा विभाग[Defence Accounts Department] की एक शाखा से कराये गए विशेष आडिट में उपकरणों की खरीद में अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल के लिए अन्य पूर्व सेना प्रमुखों के साथ अभी हाल ही में रिटायर्ड हुए जनरल वी के सिंह भी चपेट में आ रहे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि आंतरिक आडिट रिपोर्ट में किये गए खुलासे चौंकाने वाले हैं| सेना की एक कमांड से रिजेक्ट किये गए उपकरणों को दूसरी कमांड द्वारा खरीदा जाना अपने आप में व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है| सेना को होली काऊ मान कर इसके प्रति आज तक आलोचना से बचा जाता रहा है लेकिन इस बार आडिट रिपोर्ट को मीडिया में पब्लिश करवाए जाने के भी कुछ विशेष कारण पर्दे के पीछे जरूर होंगें|वैसे यह भी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि बाद में कैग इसका आडिट करे इससे पहले स्थिति की जानकारी ले ली जाये|लेकिन एक बात गौर करने लायक है कि कैग द्वारा आडिट की रिपोर्ट मीडिया में छपने
आडिट रिपोर्ट में उजागर गलतियों के कारण देश को महज दो साल में 100 करोड़ की चपत के रूप में लग चुकी है।अगर अडिट विभाग कि यह वित्तीय सलाह है या मेजर फायनेंशियल इर्रेगुलेटरी है और अगर यह सेना द्वारा स्वीकार कर ली जाती है[जिसकी उम्मीद कम ही नज़र आती है] तो इस पर देश कि सबसे बड़ी अदालत संसद में चर्चा की जानी चाहिए | जैसी की उम्मीद थी थलसेना ने खरीद में हुए 100 करोड़ के नुकसान की बात से इनकार किया है. उसका कहना है कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है.ये उपकरण सीधे कंपनी से खरीदने की बजाय दलालों के जरिए खरीदे गए। जबकि मूल कंपनी के अफसर भारत में ही मौजूद थे।जांच के मुताबिक अगर ये संचार उपकरण भारतीय कंपनियों से खरीदे गए होते तो सस्ते मिल सकते थे। ये मामला महज फिजूलखर्ची का नहीं बल्कि नियमों की अनदेखी का भी है।

आरोप

एन डी टी वी न्यूज चैनल ने प्रमुखता से इसे दिखाया है और सेना कमांडर वर्ग पर यह आरोप भी लगाया गया है कि ये लोग परीक्षकों की तैनाती कमांड में होती है जिसके फलस्वरूप कमांडर का दबाब इन परीक्षकों पर रहता है और उनकी नाराजगी परीक्षक के प्रोमोशन को प्रभावित करती है|

सेना के आंतरिक आडिट में रक्षा लेखा विभाग ने निकाला १०० करोड़ का घपला:

कुछ मामलों में यह आरोप खरा उतरता है लेकिन गहराई में जाने पर दिखाई देता है कि यही आडिट विभाग अपने कई अनुभागों [,एल ऐ ओ+आई ऍफ़ ऐ+ओ एंड एम्+एम्+ स्टोर कांट्रेक्ट आदि]के द्वारा सेना का आंतरिक आडिट करवाता है| इस विभाग में एम्म टी एस [मल्टी टास्क सेवा से लेकर अनुभवी भारतीय रक्षा लेखा अधिकारी भी हैं[I D A S] मगर दुर्भाग्य से इन अधिकाँश कार्यालयों में अनुभवी आडिटर के बजाय नए भर्ती और चतुर्थ श्रेणी से प्रोमोट किये गये ही लगाए जा रहे हैं|यहाँ तक कि इनके प्रमुख को कई कई प्रभार दिए जाते हैं| इन्हें मलाई दार अनुभाग कहा जाता है|मेरठ में भी एक कमांड का अडिट होता है इनका अपना अलग एतिहासिक[बेल्वेदियर काम्प्लेक्स] कार्यालय भी है आडिट स्टाफ को लाने छोड़ने के लिए सेना के वाहन लीन लगाये खड़े रहते हैं| इस पर भी स्टाफ की किल्लत और अनुभवी स्थानीय लेखा परीक्षा अधिकारी और उनके मातहत परीक्षक के अभाव से आडिट की वित्तीय सलाह या मेजर फायनेशियल इर्रेगुलेर्टी या तो लिखी नहीं जाती और अगर कभी कभार लिखी भी गई तो सेना द्वारा स्वीकार नहीं होती |छुट पुट आब्जेक्शन लिखना इनकी मजबूरी होती है और फिर अपने लिखे आब्जेक्शन को ही अगले माह सेटल करने को भी कहा जाता है|जाहिर है ऐसी परिस्थितिओं में क्वालिटी आडिट की अपेक्षा किसी हद तक बेमानी हो जाती है|सूत्रों के अनुसार सेना को मिलने वाली सभी ग्रांट्स का हायर आडिट रेगुलरली करवाया जाना चाहिए

खरीद और अधिकार कि रिपोर्ट

. इस ऑडिट रिपोर्ट में 2009-11 की अवधि के बीच हुए करीब 55 लेनदेन का मूल्यांकन किया गया है. उस समय मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह कोलकाता स्थित पूर्वी कमान के कमांडर थे.
रिपोर्ट के मुताबिक,[१] कुछ उपकरण प्रतिबंधित मार्केट से खरीदे गए.[२] इनमें कुछ चीनी संचार उपकरण भी शामिल थे.[३] उत्तरी कमान में दूध खरीद में कुप्रबंधन को भी रेखांकित किया है. [४] पूर्वी कमान द्वारा खरीदी गई दूरबीनों का भी जिक्र है भारतीय बाजार में उपलब्ध दूरबीने कम कीमत की दूरबीनों को विदेशी विक्रेता से खरीदा गया[५] आर्मी हेडक्वॉर्टर ने जिन बुलेटप्रूफ जैकेटों को खराब खराब क्वॉलिटी का बताकर रिजेक्ट कर दिया था उसे नॉर्दर्न कमांड ने खरीद लिया अप्रत्याशित परिस्थितियों में जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना प्रमुख को लगभग 125 करोड़ रुपए और उत्तरी तथा पूर्वी कमान के कमांडरों को 50-50 करोड़ रुपए का बजट प्रदान किया जाता है. चार अन्य कमानों को भी 10-10 करोड़ रुपए का बजट दिया जाता है.|

सेना की प्रतिक्रया

आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेना मुख्यालय का कहना है कि कुछ गलत नहीं हुआ है| चीनी कलपुर्जे वाले संचार उपकरण निर्धारित दरों पर और व्यापक जांच के बाद ही खरीदे गए और ‘कोई भी अवलोकन सच नहीं साबित होगा.’
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ऐ के एंटनी के निर्देश पर रक्षा लेखा नियंत्रक (कंट्रोलर ऑफ़ डिफेन्स एकाउंट्स ) ने 2009-10 और 2010-11 के दौरान आर्मी कमांडरों के स्पेशल फाइनैंशल पावर्स का ऑडिट किया। सीडीए ने इंडियन आर्मी के 7 कमांड्स में से 6 के 55 ट्रांजैक्शंस की जांच की। मीडिया में छापी खबरों के अनुसार ऑडिट रिपोर्ट में कुल 103.11 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही गई है। ऑडिटर्स ने बताया कि किसी भी आर्मी कमांडर ने सारा डेटा नहीं दिया। रक्षा मंत्री ने फिजूलखर्ची को गंभीरता से लिया है और सैन्य अधिकारियों द्वारा खर्च किया जाने वाला धन मंत्रालय से पास कराना जरूरी कर दिया है।

जनरल तेजिंदर सिंह के लिए ट्राट्रा ट्रक रिश्वत काण्ड बना वाटरलू

लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह[रिटायर्ड] के लिए ट्राट्रा ट्रक काण्ड वाटरलू साबित हुआ है| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज शनिवार को केस दर्ज करके सीबीआई ने दिल्ली में पांच जगहों पर छापे मारे.|
पूर्व सैन्य प्रमुख जनरल वी के सिंह ने जनरल तेजिंदर सिंह पर आरोप लगाया था किसितम्बर २०१० में ६०० घटिया तर्कों की खरीद की डील को क्लीयर करने के लिए तेजिंदर सिंह ने उन्हें [ वी के सिंह] १४ करोड़ रुपयों कि रिश्वत आफर की थी इस आरोप को ख़ारिज करते हुए जनरल तेजिंदर सिंह ने मान हानि का दावा ठोक दिया था| इस कथित तौर पर रिश्वत की पेशकश के मामले में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक्शन में आते हुए आज शनिवार को केस दर्ज करके सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह+के आवासों पर छापेमारी की। सीबीआई ने सुबह करीब सात बजे दिल्ली व मुंबई में पांच स्थानों पर छापेमारी की।

जनरल तेजिंदर सिंह के लिए ट्राट्रा ट्रक रिश्वत काण्ड बना वाटरलू


. उल्लेखनीय है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने ट्राट्रा ट्रक की खरीदारी में 14 करोड़ रुपये घूस देने की पेशकश का आरोप लगाया था| पूर्व सैन्य प्रमुख ने सीबीआई को लिखी अपनी 22 पन्‍नों की शिकायत में आरोप लगाया था कि तेजिंदर सिंह ने वेक्ट्रा प्रमुख रवि ऋषि की ओर से उनके सामने 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी.|जिसके बाद सी बी आई नेअप्रैल में प्रेलिमनरी इन्क्वायरी शुरू करा दी थी| इसमें रक्षा मंत्री ऐ के अंटोनी को भी स्पष्टीकरण देना पडा था|, बाद में लेफ्टिनेंट जनरल तेजेंद्र सिंह[रिटायर्ड] ने [अब]पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा कर दिया था.|पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ ये केस अभी भी कोर्ट में लंबित है

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श्रीनगर में चार महीने बाद आतंकवादी हमला: होटल का बेल बॉय मरा

श्रीनगर से मिलिटेंसी समाप्त होने के सुरक्षाबलों और जे & के की सरकार के तमाम दावों को धत्ता बताते हुए आतंकवादियों ने आज बाहरी इलाके में फायरिंग की जिसमे एक व्यक्ति मारा गया और दो घायल हो गए|
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीनगर-बारामूला हाईवे पर पड़ने वाले नौगांव इलाके में आतंकवादियों ने सिल्वर [४]स्टार नाम के एक होटल से सेना की एक गाड़ी परआज शुक्रवार को दोपहर तकरीबन साढ़े चार बजे हमला किया।

श्रीनगर में चार महीने बाद आतंकवादी हमला: बेल बॉय मरा


इसके बाद सेना ने जवाबी फायरिंग की। इस आतंकी हमले में होटल का एक बेल बॉय फारुक अहमद मारा गया है और २ लोग ज़ख्मी हुए हैं। । सेना ने होटल को चारों ओर से घेर लिया है।तलाशी अभियान जारी है और ट्रैफिक को सुचारू करने में सेना जुट गई है|इस हमले के कारणों का कोई खुलासा नहीं किया गया है| कहा जाता है कि व्यापार कि द्रष्टि से वहां होटल या टूरिस्ट पर हमले बंद हो गए हैं मगर एक होटल पर हुए आज के इस हमले ने सब को चौंका दिया है| सूत्रों की माने तो शरद ऋतू आने को है ऐसे में स्टेट की राजधानी जम्मू में शिफ्ट कर दी जाती है और मई में सी आर पी ऍफ़ पर हुए हमले के बाद कोई आतंकवादी घटना दर्ज़ नहीं हुई है संभवत इसीलिए आतंकवादी राजधानी शिफ्टिंग से पहले अपनी मौजूदगी दर्शाना चाहते हैं|

नौसेना का चेतक क्रैश हुआ तीन लोगों की मौत

नौसेना का एक चेतक हेलिकॉप्टर सोमवार को गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर उतरते समय १० बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलेट सहित तीन लोगों की मौत हो गई है|
बताया जा रहा है कि यह हेलिकॉप्टर मुंबई से डाबोलिम जा रहा था| डाबोलिम एयरपोर्ट पर उतरते वक्त रन-वे पर हेलिकॉप्टर का रोटर टूट गया जिसके बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई।

नौसेना का चेतक क्रैश हुआ तीन लोगों की मौत


मरने वालों में पायलट, सह-पायलट और एक यात्री भी शामिल हैं। इससे पुर्व गुजरात में जामनगर के निकट वायुसेना के दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर 30 अगस्त को सरमत रेंज के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस हादसे में पांच अधिकारियों समेत नौ रक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।
चेतक विशेष कर ऊंची उड़ानों के लिए लाभकारी है| मुम्बई से डाबोलिम जाने का कोई कारण अभी तक नहीं बताया गया है |दुर्घटना के जांच के आदेश दे दिए गए हैं.|
इस हादसे के बाद डाबोलिम एयरपोर्ट पर आवाजाही रोक दिए जाने से एयरपोर्ट से लगभग सभी उड़ानें विलंब से चलीं।

जम्‍मू व कश्‍मीर विधानसभा में आज सोमवार को तीन युवकों ने बेरोजगारी बम फोड़ा

जम्‍मू व कश्‍मीर विधानसभा में आज सोमवार को तीन युवकों ने बेरोजगारी बम फोड़ा | जम्‍मू व कश्‍मीर की ग्रीष्म कालीन राजधानी श्रीनगर में एक युवक विधानसभा में विजिटर गैलरी से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने कूद गया। इस दौरान युवक के दो अन्य साथी प्रेस गैलरी में खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे और झंडे लहराने लगे| ये युवक रोजगार नीतियों को लागू करने की मांग करते हुए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।

जम्‍मू व कश्‍मीर विधानसभा में आज सोमवार को तीन युवकों ने बेरोजगारी बम फोड़ा


उसी समय स्पीकर के आदेश पर मार्शलों ने उन्हें बाहर घसीट कर निकाल दिया| प्र्रप्त जानकारी के अनुसार । स्पीकर मुहम्मद अकबर लोंद ने युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। तीनों युवक रोजगार नीतियों को लागू करने की मांग करते हुए ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे। युवकों के इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सदन के भीतर तैनात मार्शल हरकत में आ गए और तीनों को घसीट कर बाहर कर दिया। इस दौरान एक युवक की शर्ट बुरी तरह से फट गई। विरोध कर रहे युवक जम्मू के रहने वाले बताए गए हैं।
उल्लेक्नीय है की अभी बीते दिन कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी जे & के में रोज़गार के अवसर बढाने के लिए बड़े उद्योग पतिओं को ले कर गए थे और विकास के लिए शांति बहालीकी अपील भी की थी|

भारतीय वायु सेना की ८० वें स्थापना दिवस पर आज सेना के अतीत व वर्तमान का सराहनीय प्रदर्शन हुआ

भारतीय वायु सेना की ८० वें स्थापना दिवस पर आज सेना ने अपने गौरव मय अतीत और सुनहरे वर्तमान का सराहनीय अनुशासित प्रदर्शन किया|जांबाजों ने हवा में जहां डायमंड शेप में उड़ान भरी वहीं मंच के ऊपर भी उड़ान भरी और हवा में तिरंगे से अपने एयर चीफ मार्शल एन ऐ के ब्राउनीको सलामी दी| ग़ाज़ियाबाद के हिंडन में आयोजित विवेश परेड में आज उन्नत किस्म के हेलीकाप्टर और लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के साथ देश को आश्वस्त किया कि वायु सेना के हाथों देश की सीमाएं सुरक्षित हैं| गौरव मय अतीत का प्रतीक 1930 के दशक के द्विपंखी विमान द हैवीलैंड टाइगर मॉथ ने जैसे ही उड़ान भरी, एयर शो में मौजूद लोगों और स्कूलों के बच्चों रोमांच से भर गए।
इस अवसर पर वायु सैनिको के परिवार जनो के लिए चलाई जा रही यौजनाओं की जानकारी भी दी गई| इस समारोह में थल सेना अध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह नवल सेना अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार जोशी भे उपस्थित थे|

भारतीय वायु सेना की८०वीं वर्षगाँठपर आजसेना के अतीत व वर्तमान का सराहनीय प्रदर्शन हुआ


वायु सेना ने अपनी इस वर्षगाँठ पर एम् एस धोनी और सचिन तेंदुलकर को विशेष लड़ाकू विमान [सुखोई] के लिए ट्रेनिंग देने से मना कर दिया और अपने अनुशासन के प्रति प्रतिबद्दता का प्रदर्शन किया |उल्लेखनीय है की पूर्व में एयर फोरसे की आफर को इन खिलाडिओं ने यह कहते हुए ठुकरा दिया था की अभी समय नहीं है अब फ़ोर्स ने भी कह दिया है के फ़ोर्स बिजी है फुर्सत नहीं है|

एक रैंक एक पेंशन के लिए २३०० करोड़ के पॅकेज की घोषणा

केबिनेट ने आज बहुप्रतीक्षित एक रैंक एक पेंशन की मांग स्वीकारते हुए सेना के लिए २३०० करोड़ के पॅकेज को मंजूरी दे दी है|
गौरतलब है कि २००६ से पहले और २००६ से बाद रिटायर हुए समान रैंक के सैनिको को दी जा रही पेंशन में बहुत असमानता थी जिसे दूर करने के लिए लगातार मांग की जा रही है|
आज केबिनेट ने इस मांग पर मोहर लगा दी है|इस समय यह पॅकेज दिए जाने के पीछे भी राजनीती देखी जा रही है| आजकल बाबा राम देव और अन्ना हजारे से सेवानिवृत हुए जनरल वी की सिंह की पींगें बढ रही हैं| आये दिन किसान और जवान के हित की मांग उठाई जा रही है| २ अक्टूबर को बाबा कोई न कोई घोषणा करने वाले हैं और समझा जा रहा है कि सेना की वोटों के मध्य नज़र जनरल को इलेक्शन की कमान सौंपी जा सकती है| इसकी काट के लिए यह पॅकेज की घोषणा की गई है|
यहाँ यह कहना भी जरुरी है कि पेंशन रिविजन का काम रक्षा लेखा विभाग द्वार किया जाना है मगर वहां स्टाफ की कमी का रोना रोया जा रहा है इसीलिए इस विभाग के लिए भी समय रहते कोई दिशा निर्देश जरुरी होंगें|