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Category: Economy

बराक ओबामा ने अप्रवासन समस्या के निदान के लिए सामान्य ज्ञान वाले व्यवहारिक बिल को आवश्यक बताया

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साप्ताहिक संबोधन में अप्रवासन समस्या का निदान करने के लिए व्यवहारिक बिल को आवश्यक बताया| ओबामा ने कहा कि यू एस ऐ की सीनेट शीघ्र इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लेगी|अप्रवासन कानून में खामियों के मध्य नजर गैर कानूनीअप्रवासियों की मौजूदगी से देश की अर्थ व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह हैं| इस सबसे बचाव के लिए सामान्य ज्ञान वाला व्यवहारिक कानून बनाना मौजूदा समय की उचित मांग है| इसे परिपेक्ष्य में ओबामा ने देश के नेताओं और लेबर ग्रुपों को एड्रेस करते हुए व्यवहारिक अप्रवासन कानून बनाने के लिए आगे आने का अहवाह्न किया है|

फ़ेडरल फंड्स से स्कूल और पुस्तकालयों में हाई स्पीड इन्टरनेट सेवा उपलब्ध कराई जायेगी :बराक ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज सेन्ट्रल नार्थ करोलिना [central North Carolina ] के नवीन [ innovative ] माध्यमिक[ middle ] स्कूल [ school ] का भ्रमण किया और इन्टरनेट आधारित शिक्षा कार्यक्रमों [Internet-based education programs ] की जानकारी से छात्रों को अवगत कराया|
गरम [steamy ]जिमनाजियम में उत्सुक युवाओं को संबोधित करते हुए ओबामा ने बताया कि फ़ेडरल कम्युनिकेशन कमीशन द्वारा वर्तमान कार्यक्रमों में संसोधन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत स्कूलों+पुस्तकालयों में छूट के साथ हाई स्पीड इन्टरनेट सेवा [1 gigabit per second,] [ discounted high-speed Internet service ] प्रदान की जायेगी| ,आगामी पांच सालों में ९९% स्कूलों में यह सुविधा दी जा सकेगी| यदि अधिक फीस की जरुरत पड़ी तो उपभोक्ताओं के टेलीफोन बिलों से वसूली जा सकेगी|
ओबामा के साथ स्कूल और लाईब्रेरी प्रोग्राम को देख रहे उनके शिक्षा सचिव[ education secretary ] अर्ने डंकन[ Arne Duncan, ] भी थे|
”Courtesy press release+ photo from White House

उ.प्र.में बिजली की बड़ी दरों की वापिसी की लड़ाई को भाजपा अब निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी : डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई

उत्तर प्रदेश में अब[दिल्ली के बाद] बिजली का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है भाजपा ने बिजली की बड़ी दरों की वापिसी तक निर्णायक मौड़ तक लड़ाई की घोषणा कर दी है|यूं पी पी सी एल [ UPPCL] से राष्ट्रीय नियामक आयोग और अदालत तक जाने का निर्णय ले लिया गया है|
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने आज अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया के प्रदेश में राहत नही मिलने पर राष्ट्रीय नियामक आयोग से अंतरिम रिलीफ की मांग की जायेगी यदि यहाँ भी न्याय नहीं मिला तो उच्च अदालत में स्टे के लिए अपील की जायेगी|
भाजपा अब बिजली के मुद्दे को निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी| इसी बीच डॉ वाजपई ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को सिविल नाफ़रमानी आन्दोलन छेड़ कर बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया है|
प्रदेश में बिजली के मुद्दे पर आप पार्टी के हस्ताक्षर अभियान पर पूछे जाने पर डॉ वाजपई ने कहा के बिजली के मुद्दे पर भाजपा से आगे कोई नही रह सकता|
गौरतलब है के समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रैतत्व में प्रदेश भर में आन्दोलन छेड़ा हुआ है पिछले दिनों पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया भी किया गया |

बिजली के मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख “आप” ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया है

आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली में सफलता के पश्चात अब उत्तर प्रदेश में भी बिजली के बिलों को मुद्दा बना लिया है|”आप” पार्टी ने ४ जून से प्रदेश भर में १५ दिन के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है|इस बीच बिजली के बिलों में की गई बढोत्तरी को वापिस लेने के लिए यौजना बद्ध तरीके से दबाब बनाया जाएगा जिलों में प्रदर्शन किये जायेंगे और लखनऊ के शक्ति भवन में एम् डी श्री मिश्रा के कार्यालय में भी धरना प्रदर्शन होगा|
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दी हैं यह आम जनता के साथ धोका है और इसका भरपूर विरोध किया जाएगा|इसके लिए महिलाओं+व्यापारी+किसान आदि की अलग अलग टुकड़ियों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन होगा|श्री संजय सिंह ने प्रदेश की सरकारोंकी कार्यप्रणाली पर टिपण्णी करते हुए बताया कि बीते बीस सालों से बिजली का उत्पादन करने के स्थान पर केवल हाई वे +एक्सप्रेस वे बनाने पर ही जोर हे क्योंकि इसके माध्यम से भ्रष्टाचार करने का अवसर आसानी से मिल जाता हे|
आप पार्टी द्वारा दिल्ली में बिजली बिलों के विरोद्ध में चलाये गए सविनय अवज्ञा आन्दोलन में साडे दस लाख हस्ताक्षर कराये गए थे| इसी के दबाब में अब बिजली विभाग ने इस साल बिजली के दाम बढाने से इंकार कर दिया हे और लगातार आंदोलनों के दबाब में आकर लीकेज भी २०१२ में मात्र १५% रह गई हे|इस तर्ज़ पर चलते हुए भाजपा ने बीते सप्ताह प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया और बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का अहवाह्न किया |अपने मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख आप पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया हे|

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए patent trolls

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए पेटेंट के नाम पर असंवैधानिक व्यापार [patent trolls]करने वालो पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने आज पांच प्रशासकीय [executive] निर्णय और सात वैधानिक [ legislative ] संतुति प्रदान की हैं|
गौरतलब है कि नवीनता+नवोत्पाद[innovation ]प्रतिभा+ निर्माण-कौशल +आविष्कार [invention.]को बढावा देने के लिए पेटेंट कि व्यवस्था की गई है लेकिन पिछले साथ सालों में पेटेंट के नाम पर फुसला कर धन ऐंठने वालों की संख्या बढती जा रही है |२००६ में यदि इनकी संख्या १९% थी तो २०१२ में यह बढ कर ६२%दर्ज़ की जा चुकी है|अनुचित मुकद्दमे बढते जा रहे हैं| अमेरिकन अर्थ व्यवस्था से बिलियंस डालर्स[ billions of dollars ] खर्च करने पड़ते हैं |व्हाईट हाउस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार २००५ से ४००% की बढोत्तरी के साथ २०११ में २९ बिलियन $ का बोझ पडा है|इसके अलावा अमेरिकन प्रतिभाएं हतोत्साहित होती हैं|
[1]2006=19%
[2]2007=23%
[3]2008=25%
[4]2009=27%
[5]2010=29%
[6]2011=45%
[7]2012=62%
आशा कि जा रही है कि इन सुधारों से पेटेंट के नाम पर अनुचित व्यवसाय करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी और प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा

मौन माही की मिली भगत पर दस आवश्यक सवाल 10 QUESTIONS FROM SILENT CRICKET CAPTAIN M S DHONI

क्रिकेट में फिक्सिंग के प्रश्न पर मौन धारण करने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी[माही] के लिए भ्रष्टाचार में संलिप्तता से जुड़े १० प्रश्न और उठ खड़े हुए हैं|इन प्रश्नों का उत्तर दिए बगैर क्रिकेट में सफाए की कल्पना करना भी बैमानी होगी|
मीडिया में आ रही रिपोर्ट के अनुसार स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म रीति[ RHITI ] स्पोर्ट्स में धोनी की हिस्सेदारी है। इस कंपनी ने धोनी के अलावा सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह से अनुबंध किया है। ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम में भी धोनी की पसंद हैं| २००७ में अस्तित्व में आई यह कंपनी धोनी के पुराने दोस्त अरुण पांडे की है
रीति के बिजनेस पार्टनर होने के अलावा धोनी टीम इंडिया के कप्तान भी हैं और टीम इंडिया के लिए खिलाड़ियों के चयन में उनका सीधे तौर पर दखल है। रीति स्पोर्ट्स ने यह स्वीकर भी किया है कि धोनी सिर्फ 26 अप्रैल, 2013 तक के लिए ही कंपनी में शेयरहोल्डर थे
बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने यद्यपि क्रिकेट में सफाए का दावा किया है| लेकिन उनकी निकटता अपने समय के कप्तान सौरभ गांगुली के साथ रही है और अभी भी है शायद इसीलिए डालमिया ने भी धोनी का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।। इस कंपनी से जुड़े दो खिलाड़ी न सिर्फ भारतीय टीम बल्कि चेन्नई सुपर किंग्स में भी शामिल हैं।रीति स्पोर्ट्स चेन्नई सुपर किंग्स को भी मैनेज करती है।ऐसे में कंपनी में हिस्सेदारी का सीधा अर्थ है कि कंपनी को इन खिलाड़ियों के प्रमोशन से होने वाले फायदे का एक बड़ा हिस्सा सीधे धोनी को देना होता था।
ऐसे में सवाल स्वाभाविक सवाल उठते हैं कि उठते हैं कि
[१] खिलाड़ियों के टीम में चयन के मौके पर धोनी तटस्थ फैसला ले पाते हैं?
[२]मोटर स्पोर्ट्स के आकाश में रीति की पार्टनर माही की रेसिंग टीम इंडिया[ Mahi Racing Team India ]को प्राथमिकता मिली ?
[३] वर्ल्ड सुपर बाईक चैम्पियनशिप [ World SUPERBIKE Championship (WSC ] में कठिन प्रतिस्पर्द्धा में पहली बार ही माही की कम्पनी रेसिंग टीम इंडिया को मंचीय विजय मिली?
[4]चेन्नई सुपर किंग टीम में इनकी हिस्सेदारी ?
[५] टीम इंडिया में माही की कप्तानी बरक़रार रखने के लिए सलेक्टर मोहिंदर अमर नाथ को बाहर का रास्ता दिखाया गया?
[६]एन श्रीनिवासन की सी एस के [ CSK ]को आई पी एल[ IPL ] में फायदा पहुंचाने के लिए माही को कप्तान बनाए रखा गया ?
[७]रीति कम्पनी के शेयर लेने और[ बकौल अरुण पाण्डेय ],छोड़ने में पैसों का लेनदेन हुआ ?
[८]माही की पत्नी के साथ जांच के घेरे में आये बिंदू के साथ मैच देखने की जानकारी माही को थी?
[९]एन श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट में माही की हिस्से दारी है?
[१०] इंडिया सीमेंट के विज्ञापनों का कांट्रेक्ट है?
अरुण पाण्डेय की रीति कंपनी का स्लोगन है जनता[ people ]+उत्पाद[ product ]और फायदा [ profits. ]इन तीन शब्दों में जनता पहले आती है लेकिन उपरोक्त घटनाक्रम के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है कि पिछले वर्षों अंतिम शब्द “फायदा” ही पहले रखा गया है|यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि माही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं+रीति और इंडिया सीमेंट के पार्टनर हैं और इंडियन क्रिकेट इन्ही तीनो के इर्द गिर्द ही घूमती रही है|जाहिर है ऐसे में प्रश्न उठने स्वाभाविक ही है और इनके उत्तर की अपेक्षा करना अनुचित नही माना जाना चाहिए

स्वार्थी और शैतान धन के लिए कफ़न में जेब नही होती ONE’S LAST SHIRT HAS NO POCKET

एन डी ऐ पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने ब्लाग में धन लोलुप्त्ता पर चर्चा करते हुए अधिक धन को सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान बताया है वर्तमान क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार की जड़ में पैसा ही मूल कारण बताते हुए अनेकों रोचक उदहारण भी दिए हैं प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
मैं नियमित रुप से स्कूल जाने वाला विद्यार्थी रहा हूं जिसने शायद ही कभी-कभार छुट्टी ली होगी। लेकिन मुझे याद है कि रणजी ट्राफी क्रिकेट मैच देखने के लिए एक बार मैंने स्कूल से छुट्टी मारी और जहां तक मैं स्मरण कर पा रहा हूं कि उसमें या तो विजय हजारे अथवा वीनू मांकड़ खेल रहे थे।
तब से मैं क्रिकेट का शौकीन हूं। उन दिनों टेलीविजन नहीं था; अत: क्रिकेट प्रेमी कहीं भी खेले जा रहे महत्वपूर्ण मैचों का आनन्द आल इण्डिया रेडियो पर कमेंटरी सुनकर उठाया करते थे। मुझे स्मरण आता है कि कुछ वर्ष पूर्व बीबीसी ने मेरा एक इंटरव्यू किया था जिसमें मेरे गैर-राजनीतिक रूचियां जैसे फिल्में, पुस्तकें और क्रिकेट के बारे में पूछा गया था, इस दौरान मैंने उस युग के उत्कृष्ट कमेंटेटर एएफएस तल्यारखान की कमेंटरी की नकल करने का प्रयास किया था। इसलिए इन दिनों क्रिकेटरों को मुखपृष्ठ की सुर्खियां बनती देख मुझे गुस्सा आता है क्योंकि यह सुर्खियां उनके द्वारा कोई रिकार्ड तोड़ने, या बल्लेबाजी अथवा गेंदबाजी में कीर्तिमान बनाने के चलते नहीं अपितु मैच फिक्सिंग, या स्पॉट-फिक्सिंग से दौलत बटोरने तथा इसी प्रक्रिया में सट्टेबाजों और जुआरियों के और अमीर बनने के कारण बन रही हैं!
लाओ त्जु ईसा पूर्व छठी शताब्दी के एक महान चीनी दार्शनिक थे। उनकी सभी सीखें इस पर जोर देती हैं कि ठाठदार इच्छाओं से बढ़कर कोई बड़ी विपत्ति नहीं है। ‘वे ऑफ लाओ त्जू‘ शीर्षक वाली पुस्तक में उनको उदृत किया गया है: ”लालच से बढ़ी कोई विपदा नहीं है।”
हालैण्ड के एक दार्शनिक वेडेंडिक्ट स्पिनोझा ने धनलोलुपता और लिप्सा को न केवल पाप अपितु उसे ‘पागलपन‘ ठहराया है! मैं चाहता हूं कि प्रत्येक मनुष्य को यह अहसास रहना चाहिए कि अंतिम समय में कोई कुछ अपने साथ नहीं ले जाता।
इण्डियन एक्सप्रेस में शेखर गुप्ता के ‘वॉक दि टॉक‘ साक्षात्कार सदैव पाठकों को काफी समृध्द सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कभी भारत की क्रिकेट टीम के विकेट कीपर रहे फारुख इंजीनियर से एक सजीव साक्षात्कार किया है।
इस पूर्व विकेट कीपर से किया गया साक्षात्कार पूर्ण पृष्ठ पर प्रकाशित हुआ है, जिसका बैनर शीर्षक एक पूर्व तेज गेंदबाज का यह वाक्य है: ‘यदि आप तेज गेंदबाजी से डरते हो, तो बैंकिंग जैसे अन्य व्यवसाय में जाओ।‘
आज की भारतीय क्रिकेट में, वीरेन्द्र सहवाग की छवि शुरुआती तेज रन लेने वालों की है; उन दिनों में इंजीनियर एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने 46 गेंदों में एक सेंचुरी बनाई थी! समूचे साक्षात्कार में पूर्व और वर्तमान युग के क्रिकेट मैचों की तुलना करते हुए इसका भी उल्लेख हुआ कि आज कल कितने बेहतरीन बल्ले बनाए जाते हैं जबकि फारुख के समय में ”हमारा तो ब्रुक बांड चाय का डब्बा था; कोई मिडिल था ही नहीं; आपको ही इसे तेल लगाना पड़ता था और यही सब वो जमाना था!”
निस्संदेह सर्वाधिक बड़ी बात तुलनात्मक रुप से यह उभर कर सामने आती है कि उन वर्षों में कभी किसी टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी पर ऐसे सवाल नहीं उठे कि उसने अपनी प्रतिभा का दुरूपयोग कर पैसा कमाया। वास्तव में, फारुख इंजीनियर का टीवी दर्शकों से परिचय कराते समय शेखर गुप्ता ने बताया: ”क्या आप जानते हैं कि एम.एस. धोनी से काफी पहले एक ऐसा भारतीय विकेट कीपर था जिसके बालों का स्टाइल और जिसके जोरदार तरीके पूरे भारत को दीवाना बना देते थे?”
इंजीनियर के बालों के स्टाइल का संदर्भ देते हुए शेखर गुप्ता ने कहा: ”आप अपने स्टाइल से प्रसिध्द हो गए थे। आप एक बड़े ब्रिलक्रीम मॉडल थे।”
आज कल के क्रिकेटरों की कमाई की पृष्ठभूमि में यह ब्रिलक्रीम का संदर्भ समूचे साक्षात्कार में बार-बार आया। शेखर की टिप्पणी थी: ”लोग नहीं जानते होंगे कि ब्रिलक्रीम के बारे में।” फारुख का उत्तर था:
”ब्रिलक्रीम वास्तव में एक चीज थी, यदि ब्रिलक्रीम ने आपको ‘एप्रोच‘ किया तो आपकी जिंदगी बन गई। तब आप अच्छे दिखने वाले सुअर हो या कुछ भी। और ब्रिलकी्रम ने वास्तव में मुझे 500 पौंड से ज्यादा किए बशर्ते मैं बगैर ‘कैप‘ के बल्लेबाजी करुं!”
साक्षात्कार में आगे चलकर वह स्मरण करते हैं कि कैसे आस्ट्रेलियाई और अन्य विदेशी हमें ‘ब्लडी इण्डियन‘ कहकर पुकारा करते थे। फारुख कहते हैं: इससे मुझे नाराजगी होती थी, इससे मैं दु:खी होता था क्योंकि मैं अपने भारतीय होने पर सोत्साहपूर्वक गर्व करता था। और अभी आइपीएल के सब पैसे हैं, वे सब यहां पैसा कमाने आए हैं।” साक्षात्कार के अंतिम पैराग्राफ निम्न हैं:
शेखर गुप्ता: फारुख यदि टीम ने क्रिकेट के खेल में शानदार मोड़ लाया था तो मैं देख सकता हूं कि यह कैसे सम्भव हुआ। यह आप जैसे लोगों की खेल में वह भावना और आनन्द था।
फारूख इंजीनियर% खेल में कोई पैंसे के बगैर।
शेखर गुप्ता: बिलक्रीम से मिले कुछ हजार पौण्ड के सिवाय, और वह भी कपिल देव द्वारा पॉलमोलिव के लिए किए जाने से काफी पहले।
फारुख इंजीनियर: ब्रिलक्रीम अंतराष्ट्रीय स्तर पर थी। पॉलमोलिव स्थानीय। जब आप ब्रिलक्रीम मॉडल हो तो यह ऐसा था कि आप ‘वोग‘ पत्रिका के मुखपृष्ठ पर छप रहे हों जो पूरी दुनिया में जाती है। इसलिए यह ब्रिलक्रीम जैसी थी।
शेखर गुप्ता: अनेक दशकों से भारतीय क्रिकेट में एक महान अंतराष्ट्रीय नागरिक आप जैसा है ही नहीं। अत: एक बार फिर से इस बातचीत की क्या विशेषता है।
फारुख इंजीनियर: पूर्णतया आनन्द।
देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के बारे में सन 2008 के राष्ट्रमंडल खेलों से सुना जा रहा है जिसके चलते हमारे राष्ट्र की काफी बदनामी हुई है। परन्तु वर्तमान के दौर में अलग श्रेणी के नायकों के शामिल होने से यही तथ्य उभरता है कि इस सभी गिरावट की जड़ में पैसा मुख्य है।
किसी ने सही ही कहा है: धन रखना बहुत अच्छा है; यह एक मूल्यवान चाकर हो सकता है। लेकिन धन आपको रखे तो यह ऐसा है जैसे कोई शैतान आपको पाल रहा है, और यह सर्वाधिक स्वार्थी और खराब किस्म का शैतान है!

लालकृष्ण आडवाणी
नई दिल्ली
26 मई, 2013

बी सी सी आई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने सारी जाती देख आधी बाँट लीजिये के आधार पर मीटिंग मैच फिक्स करा कर अपनी कुर्सी बचा ही ली

सारी जाती देख आधी बाँट लीजिये के आधार पर मीटिंग मैच फिक्स करा कर बी सी सी आई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने अपनी कुर्सी बचा ही ली| भारतीय क्रिकेट के ३१ मालिकों की संस्था बी सी सी आई नामक क्लब की चेन्नई में हुई मीटिंग में एन सी पी सुप्रीमो और पूर्व अध्यक्ष शरद पवार के आगमन के डर से दो पुराने शत्रु [१]जगमोहन डालमिया +[२] एन श्रीनिवासन में सत्ता बाँट ली गई|प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पॉट फिक्सिंग की जांच से श्रीनिवासन अलग रहेंगे और जग मोहन डालमिया बोर्ड का दैनिक काम काज देखेंगे| इंग्लैंड में चल रहे चैम्पियन ट्रौफी में आई सी सी के साथ संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी कौन संभालेगा यह यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही है|
इसके साथ ही दिल्ली की राजनीती में अपने छत्रप होने का दम्भ भरने वाले और क्रिकेट के समस्त घटना क्रम की आलोचना करते फिर रहे केन्द्रीय संसदीय कार्यों के [१]राज्य मंत्री राजीव शुक्ला +[२]भाजपा के नेता अरुण जेटली+[३]भाजपा के ही अनुराग ठाकुर+[४]कांग्रेस के ज्योतिर्मय सिंधिया आदि ने मीटिंग से अलग रह कर बी सी सी आई रूपी जन्नत में अपनी मेंबर शिप कायम रखी है|
बीसीसआई की चेन्नई में हुई बैठक की पठकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी जिसके आधार पर मीटिंग मैच को फिक्स कराया गया|प्राप्त जानकरी के अनुसार रविवार को बैठक से पहले भी श्रीनिवासन ने खुद दो घंटे तक डालमिया से बात की। इसके बाद श्रीनिवासन की ही चली|
चुनावी साल में अरुण जेटली खुद सीधे सीधे इस लड़ाई में नहीं कूदना चाहते थे। जिस शशांक मनोहर के नाम पर थोड़ी बहुत सहमति बन रही थी वो खुद ही पीछे हट गए थे। अपने पत्ते कमजोर पड़ते देख जेटली गुट ने एक कदम और पीछे खींचा। सुबह के करीब 9 बजे ये तय हो गया कि ना तो जेटली, ना ही शुक्ला और ना ही ठाकुर बैठक में शामिल होने के लिए चेन्नई जाएंगे। तीनों ने ही फेस सेविंग के जरिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया|अर्थार्त रिंद के रिंद रहे और जन्नत भी हाथ से ना गई|शरद पवार का महाराष्ट्रियन गुट अब अलग थलग दिखाई देने लगा है इसीलिए निकट भविष्य में किसी प्रभावी कदम से इनकार नहीं किया जा सकता|
बीसीसीआई की आज की बैठक से पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने ट्वीट किया है कि क्रिकेट हमारे देश में धर्म है। लेकिन इसे श्रीनिवासन,राजीव शुक्ला, अरुण जेटली और अनुराग ठाकुर जैसे लोगों ने हाईजैक कर लिया है। ये देश और क्रिकेट प्रेमियों के साथ धोखा है। क्रिकेट में ये अब तक का सबसे बड़ा कवरअप है। श्रीनिवासन, जेटली और शुक्ला मिलकर साजिश रच रहे हैं। स्पॉट+मैच फिक्सिंग को लेकर मीडिया लागातार आवाज उठाता रहा है वरिष्ठ खेल विश्लेषक के अनुसार मीडिया ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर १०० घंटे की कवरेज और टन प्रिंट मीडिया का इस्तेमाल हुआ है लेकिन यह दबाब बी सी सी आई को लेकर अभी तक बेकार ही गया है |अब सवाल यह उठता है कि क्या अब मीडिया को अपनी हार मान कर बैठ जाना चाहिए शायद नही मीडिया का काम ही गलत के विरुद्ध आवाज उठाना और जनता तक हकीकत को पहुँचाना है |

महंगी ब्याज दरों से छुटकारे के लिए पुनर्वित्तीयन सुविधा देने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी Weekly Address of Barack Obama

अमेरिकन प्रेजिडेंट बराक[एच]ओबामा ने आज कहा कि बेशक अमेरिका कि इकोनोमी विकास के सही दिशा में अग्रसर है लेकिन अभी भी भी बहुत कुछ किया जाना है| ओबामा ने कांग्रेस को संबोधित किया और कमजोर होते जा रही आधार भूत संरचना [ crumbling infrastructure,] और अप्रवासन नीति [broken immigration ] की खामियों को दूर करने के लिए सुझाव भी दिए |प्रेजिडेंट ओबामा ने कहा कि कांग्रेस को स्वयम आगे आ कर भारी ब्याज दरों में दबे उत्तरदायित्वपुर्ण मकान मालिकों को राहत देनी होगी|इसके लिए मकान मालिकों को महगे ऋणों से मुक्ति दिलानी होगी|गिरवी[ mortgage ] पड़े मकानों पर सस्ती ब्याज दरों पर लोन ट्रांस्फर कराने के लिए पुनर्वित्तीयन[ refinancing ] की सुविधा दी जानी जरुरी है| ऐसा करने से ना केवल आम नागरिक की आर्थिक स्थिति सुधरेगी वरन आधार भूत संरचना+अप्रवासन नीति को सुधार जा सकेगा| मध्य वर्गीय नौकरियों को भी क्रियेट किया जा सकेगा|
White House Press Release

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|