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Category: Economy

छावनी परिषद में यौजनाओं का अकाल,शिकायतों की सुनामी

Meerut Cantt. छावनी परिषद में यौजनाओं का अकाल,शिकायतों की सुनामी

मेरठ छावनी परिषद के अधिकारी+कर्मचारी+नेता +पार्षद आज कल [ ये सभी] पैसा नही होने की दुहाई देते हुए एक दूसरे के कपडे फाड़ने पर उतारू हैं मगर जन उपयोगी यौजनाओं का सर्वत्र सूखा पड़ा हुआ है। हाँ एक दूसरे की शिकायत करने की सुनामी जरूर आई हुई है| अतिक्रमण+अनाधिकृत निर्माण रोकने में सर्वथा विकलांग साबित हो रही ये एतिहासिक परिषद् आनन् फानन में खाली प्लाटों के कब्जे ले कर सीना ठोक लेती है मगर उनका उपयोग करने से नज़रे चुराती है।ऐसा ही एक प्लाट मेरठ छावनी के कनाट प्लेस कहे जाने वाले आबू लेन पर , दशकों ,पहले एक स्कूल से हथियाया गया था यहाँ आये दिन पार्किंग स्थल बनाने की घोषणा होती है मगर अक्सर वहां बच्चे क्रिकेट ही खेलते नज़र आते हैं। छेत्र आये दिन ट्राफिक जाम से जूझता है और और वाहन प्लाट से बाहर पार्क किये जाते हैं।यकीन नहीं आ रहा तो फोटो हाज़िर है

रतन टाटा ने अपनी सेवा निवृति से पहले सरकार की व्यापारिक नीति के नीचे के अँधेरे से अवगत कराया

Ratan Tata & Building Of Financial Times

भारतीय अर्थव्यवस्था के दीपक में विदेशी निवेशकों के धन तेल के भरोसे विकास की रौशनी दिखाने वाली यूं पी ऐ सरकार को अपने ही दीपक के नीचे के अँधेरे से अवगत कराते हुए दश के सर्वोच्च उद्योगपति रतन टाटा ने देश में उद्योगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है| निकट भविष्य[इसी माह] में सेवा निवृत होने जा रहे रतन टाटा का यह आरोप बहेड महत्वपूर्ण माना जा रहा है|
बीते दिन रतन टाटा ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा के केंद्र सरकर की दोषी नीतियों के कारण देश में व्यापारिक माहौल नहीं बन पाया|सुविधाएं चीन में दी जा रही है इसीलिए वहां तरक्की हो रही है मगर हमारे देश में उद्योगों को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जा रही|इसीलिए हम दूसरे देशों के साथ कम्पटीशन में पीछे रह जाते हैं| गौरतलब है की टाटा ग्रुप ने देश में नमक से लेकर अति आधुनिक साफ्ट वयरतक बना कर विदेशों में भी देश की शान बडाई है और विकसित देशों में अपनी सेवायें देकर बाह्र्तीय युवाओं के लिए वहां नौकरियों के द्वार खोले हैं| सौ अरब डालर के इस वैश्विक व्यापारी ने छोटी जनता कार नैनो सड़क पर लाकर पूरे विश्व को अचम्भित किया है|
लन्दन से प्रकाशित फायनेंशियल टाईम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने सरकार की महत्वपूर्ण ऍफ़ डी आई यौजना की हवा निकालते हुए कहा की देश की बेलगाम नौकर शाही के डर से व्यापारी भारत में आने से कतराता है|इसीलिए टाटा ने भी चीन में एक फेक्ट्री लगाई है| उन्होंने संदेह व्यक्त किया की सरकार की असहयोगी नीतियों के कारण आज उद्योगपति भारत के बजे चीन में जाना पसंद करने लगा है|

पांच खोखों में अचानक आग लगी, देखते देखते लाखों का नुक्सान : मुआवजे की मांग

मेरठ :गढ़ रोड चौराहे पर आज सुबह आग लगाने से पांच खोखे सवाह हो गए|इनमे लाखों रुपये का नुक्सान होना बताया जा रहा हैजिसके लिए प्रशासन से मुआवजे की मांग की गई है|थाना मेडिकल के अंतर्गत गढ़ रोड चोराहे पर चाय+चारपाई बुनाई+सायकिल मरम्मत+जूते आदि के खोखों पर व्यापार होता था तड़के इनमे अचानक आग लग गई|और देखते ही देखते सारे पांचों खोखे राख होगये|
दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी खोखो के

खोखों में आग लगी,

मालिकों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है|

अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ शाहीन बाग़ के ध्वस्तीकरण का नया मोर्चा खोला

अरविन्द केजरीवाल V/S शीला दीक्षित

आम आदमी पार्टी [आप] के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज शुक्रवार को दक्षिण दिल्ली में ओखला के शाहीनबाग में बेघर किये गए लोगों के समर्थन में राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया| राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में 500 घरों को गिराने के विरोध में आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज सुबह दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर का घेराव किया| मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने तबियत खराब होने का कारण देते हुए केजरीवाल से पब्लिक के सामने बाहर आ कर बात करने से इंकार कर दिया |इस पर केजरीवाल ने दीक्षित के घर के बाहर धरना दिया|.केजरीवाल ने मंगल वार को बेघर किये गए 500 घरों के लोगों के दर्द को शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि लोगों के पास जमीन के कागजात और आईडी प्रूफ होने के बाद भी बिना किसी नोटिस के जबरन लोगों के घर गिराए गए.| इसमें भी एक बड़े भूमि घोटाले का संदेह व्यक्त किया गया है।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार की दोपहर यहां लोगों के घर गिरवा दिए थे| अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों के साथ शाहीन बाह इलाके का दौरा किया.|
केजरीवाल के मुताबिक उन्होंने प्रभावित लोगों की परेशानी बयान करने के लिए शीला दीक्षित से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिय| मुख्यमंत्री उनसे मिलने के लिए वक्त नहीं निकालती हैं तो भी वह शाहीनबाग के बेघर लोगों के साथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर बातचीत करने जाने का एलान किया और पुलिस ने उन्हें नहीं जाने की हिदायत दी अन्यथा सख्ती से निबटने की चेतावनी दी गई |
केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के घर उजाड़े गए हैं वे बेहद गरीब हैं। उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मन में कोई संवेदना नहीं बची है। मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि इस कड़ाके की ठंड में लोग बेघर कर दिए गए हैं|
केजरीवाल का कहना था कि जिन लोगों का आशियाना गिराया गया है वे वर्षो से यहां रह रहे हैं, उनके पास जमीन के कागज, मतदाता पहचान पत्र, गैस कनेक्शन और आधार कार्ड तक हैं।अगर किसी के पास कुछ कागजात कम भी होंगे तो बिना उनके पुनर्वास के ऐसी कार्रवाई कैसे की जा सकती है? सरकारी बुलडोजर चलने से पहले लोगों को नोटिस तक नहीं दिया गया। लोग घरों से सामान तक नहीं निकाल सके। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन घरों को गिराने का आदेश गलत तरीके से दिया गया है, ये घर जिस जमीन पर बने थे वह काफी महंगी है। आखिर किसकी नजर है इस जमीन पर? जो यह साजिश करा रहा है। सरकार को इस कार्रवाई पर जवाब देना चाहिए।मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन जब केजरीवाल अपने कुछ साथियों के साथ बातचीत के लिए मुख्यमंत्री के घर के भीतर पहुंचे, तो शीला दीक्षित ने बात करने से इनकार कर दिया।
ऐसे में केजरीवाल अपने साथियों के साथ बाहर आकर दोबारा अपना धरना शुरू कर दिया। ।
केजरीवाल ने कहा, जिस जमीन पर ये लोग रह रहे हैं वह इन्हीं की जमीन है, इनके पास इसके दस्तावेज हैं। लेकिन यह अनाधिकृत है क्योंकि आपको मानचित्र सरकार द्वारा पास कराना होता है। उन्होंने कहा, लेकिन 4 अक्तूबर 2010 को सोनिया गांधी ने घोषणा की थी कि 1600 कालोनियों को नियमित किया जाएगा, यह कालोनी भी उसमें शामिल थी, लेकिन इसके बावजूद 500 घरों को ढहा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पास के कई शोरूम को नहीं गिराया गया।

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

भारतीय किसान यूनियन[बे के यू] ने एनएच-24 पर डासना के पास बने टोल प्लाज़ा से जारी धरना खत्म कर दिया अब फिर से इस प्लाज़ा पर प्लाज़ा कर्मियों की चौधराहट कायम हो गई है| । प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक चली समझौता वार्ता के बाद बीकेयू के नेताओं ने यह फैसला किया। किसानों ने इसके साथ ही दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर शुक्रवार को होने वाला धरना भी स्थगित करने की घोषणा कर दी है|
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ 13 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद डासना टोल बूथ सहित अन्य मामलों पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में बीकेयू के मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह चौधरी सहित अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया। पुलिस की ओर से एसपी देहात, प्रशासन की ओर से एडीएम प्रशासन सी. आर. पटेल, एसडीएम सदर केशव कुमार आदि ने भाग लिया। जानकारों का मानना है की रालोद द्वारा घोषित गन्ना आन्दोलन की हवा निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है|वैसे कुछ भी कारण रहे हों किसानों के मसीहा बाबा टिकैत का ४० दिन के भोपा में धरने का रिकार्ड टूटने से बाख गया |
एडीएम देहात ने कहा कि किसानों ने किसी भी तरह की शर्त प्रशासन के सामने नहीं रखी और ३७दिन पुराना धरना समाप्त कर दिया।

स्वीकृत मांगें ‘

बीकेयू के जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन त्यागी ने दावा किया कि प्रशासन ने किसानों की कई मांगें मानी हैं। [१] बातचीत में तय किया गया है कि मीडियाकर्मियों , वकीलों , किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और स्टूडेंट्स से टोल नहीं लिया जाएगा।[२] टोल प्लाजा के आसपास दस किलोमीटर के दायरे में बसे लोगों से भी टोल नहीं लिया जाएगा।

प्रशासनिक दाव

प्रशासन ने टोल प्लाज़ा कब्जा करने वाले किसानों का नेतृत्व कर रहे छह नेताओं को गुरुवार को नोटिस जारी किए। नोटिस में कहा गया कि उनके इस आंदोलन से सरकार को जो नुकसान हुआ है इसकी वसूली उनसे की जाएगी। किसान नेताओं ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
गुरुवार को सिवाया टोल पर आंदोलन के खात्मे के मौके पर भी एक आला अफसर ने राकेश से वार्ता की और फिर मुख्यमंत्री स्तर से। परिणाम रहा कि एनएचएआइ से संबंधित आठ मांगों को लेकर भाकियू ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार किया। इसमें सारी मांगे केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उसी के आधार पर उनकी वार्ता का समय मुख्यमंत्री से तय हुआ। माना जा रहा है कि 13 दिसंबर को अखिलेश और राकेश की लखनऊ वार्ता के बाद गन्ना मूल्य का भी ऐलान कर दिया जाएगा। निश्चित रूप से यह ऐलान रालोद सुप्रीमो अजित सिंह पर दबाव बनाएगा।
बहरहाल, पूरे घटनाक्रम का जिस तरह से अचानक पटाक्षेप हुआ, उससे यह बात चर्चा में आ रही है कि कहीं न कहीं अखिलेश आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रालोद को हाशिए पर डालने की रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। सपा के एक खेमे का मानना है कि यदि लोस चुनाव में भाकियू का सहयोग मिल जाए तो चुनाव में इसका लाभ होगा। यह भी सर्वविदित है कि भाकियू और रालोद दोनों ही संगठनों का सियासी आधार किसान राजनीति की जमीन पर टिकी है। इस सियासी गठजोड़ को अभी कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा, क्योंकि भाकियू की राजनैतिक विंग बहुजन किसान दल (बीकेडी) इन दिनों लगभग निष्क्रिय है। अब तक का इतिहास है की किसानों ने बेशक आन्दोलनों में बाबा एम् एस टिकैत का भरपूर साथ दिया मगर चुनावों में वोही तबका चौधरी अजित सिंह के रालोद के साथ खड़ा नज़र आया है|इसीलिए राकेश टिकैत को अभी अपना राजनितिक कद बढाने के लिए मेहनत करनी होगी|

अयोध्या कांड की बरसी पर भारी फ़ोर्स तैनात : सर्वत्र शांति रही

अयोध्या कांड की बरसी

बाबरी मस्जिद/अयोध्या दुखद काण्ड की बरसी पर बेशक अयोध्या में सामान्य जन जीवन रहा मगर लोक सभा में कल और राज्य सभा में आज ब्रहस्पतिवार को विकास के इस दौर में दफन हो चुकी साम्प्रदाईकता के जिन्न के नाम पर हाय हल्ला किया गया और शासन के एलर्ट पर प्रशासन द्वारा एन सी आर के मेरठ में भी जबरदस्त सख्ती रही| भारी फ़ोर्स [जिनमे पी ऐ सी की पञ्च कम्पनियाँ भी शामिल थी] द्वारा जगह जगह चेकिंग +पोलिस गश्त जारी रही|
एस पी सिटी भी स्वयम रोड पर रहे और अतिक्रमण भी हटवाते रहे|संवेदनशील इलाकों में [बुढाना गेट+गुदड़ी+घंटाघर+वैली बाज़ार+छतरी वाला चौक+लिसादी गेट+भूमिया का पुल आदि पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रही|
इस अवसर पर शिव सेना और बजरंग दल ने हमेशा की तरह शौर्य दिवस और मुस्लिम संगठनों ने शोक दिवस मनाया|
शिव सेना ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को मंदिर निर्माण के लिए ज्ञापन भी प्रेषित किया| जुलुस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा|
जमियत उलेमाऐ हिन्द ने यौमे दुआ कराई|इंडियन मुस्लिम लीग ने मस्जिद निर्माण की मांग दोहराई| कलेक्ट्रेट पर धरना भी दिया|
अयोध्या काण्ड के २० साल बाद की यह सारी कवायद के बावजूद सभी तरफ शान्ति बनी रही

ऍफ़ डी आई पर चर्चा के दौरान लोक सभा के इतिहास में दर्ज़ कुछ नए रोचक पन्ने

रिटेल में ऍफ़ डी आई के लिए लोक सभा में हुई बहस में सभी जीत गए |किसी की तकनीकी जीत हुई तो किसी ने नैतिक जीत का दावा किया|किसी ने वोटिंग से भाग कर अपनी जीत दर्ज़ कराई तो किसी ने बहस में विरोध करने पर भी वोट दूसरे पक्ष को दे दिया|इन सबके बावजूद वोटिंग हुआ और ऍफ़ डी आई के लिए भारतीय खुदरा बाज़ार खुल गया|वैसे अभी राज्य सभा में भी वोटिंग होनी बाकी है मगर वोह बेचारे तो इन डायरेक्टली चुने गए हैं जबकि डायरेक्ट चुने गए प्रतिनिधियों ने अपना फ़ैसला सुना दिया है ऐसे में राज्यसभा के मतदान का रुख और महत्त्व समझा जा सकता है| संसदीय इतिहास के लिए और भी अनेकों रोचक पन्ने तैयार हुए|
[१]संसद में जहां सपा और बसपा की केंद्र सरकार के साथ नूरा कुश्ती के द्रश्य दिखाई दिए तो कुछ राज्यों के विभिन्न दलों के सांसदों में वास्तविक नौंक झौंक भी हुई|इनकी प्रदेशिक अदावत खुल कर संसद में आ गई|
[ऐ] शिरोमणि अकाली दल की एच एस कौर और उनके राज्य में प्रतिद्वंदी के बीच न केवल गरमा ग्राम बहस हुई वरन दोनों ने एक दूसरे पर व्यतिगत आरोप भी मड दिए|
[बी]महाराष्ट्र की एन सी पी के प्रफुल्ल पटेल और शिव सेना के नीत की आपस में ही गरमागरम बहस हुई | शिव सेना ने सरकार में शामिल एन सी पी को चेतावनी देते हुए कहा की आप लोग दिल्ली में ऍफ़ डी आई का स्वागत कीजिये शिव सेना महाराष्ट्र में वालमार्ट को नहीं आने देगी|
[2]

शेरोशायरी

पहले तो बजट सेशन में ही शेरो शायरी का आनंद लुटाया जाता था मगर इस बहस में एक दूसरे को निशाना बनाने वाले शेर पड़े गए
[अ]

आर जे डी के लालू प्रसाद यादव ने विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज को संबोधित करते हुए कहा

मोहब्बत में तुम्हें आंसू बहाना नहीं आता |बनारस में आकर बनारस का पान खाना नहीं आता ||
[आ

]इसके जवाब में श्रीमती स्वराज ने कहा

आपको गांठे खोलना नही आता|और मसखरी के अलावा कुछ बोलना नहीं आता||
[इ]इसके अलावा

श्रीमती स्वराज ने केंद्र सरकार को निशाना बनांते हुए कहा

तारीख की आँखों ने वोह हाल भी देखा है|लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई|
[ई]

शरद यादव

ने कथनी और करनी में भेद रखने वाले दलों पर निशाना साधते हुए कहा
समर शेष है,नहीं पाप का भागी केवल व्याध|जो तठस्थ है समय लिखेगा उनका भी इतिहास |
[३]

मसखरापण

लालू प्रसाद यादव ने अपने मसखरे अंदाज़ में भाजपाईयों पर कटाक्ष किये उन्होंने भाजपाईयों के ट्वीटर प्रेम+विदेशी घड़ी+रेल में कूपे में सफर आदि के प्रेम पर चुटकी ली |इससे पहले उन्होंने विपक्ष की तरफ इशारा करके उन्हें फूहड़ और भाजपा को जम्हूरा कह डाला|इस पर समूचे एन डी ऐ ने लालू को हूट आउट करके बिना बोले बैठने पर विवश कर दिया बाद में लालू ने माफी माँगी और अपना भाषण पडा
[४] साउथ के एक और सांसद ने अपनी विशिष्ठ भाषा शैली में कपिल सिब्बल पर लायर और लाईयर [झूठा और वकील]के शब्द जाल दाल कर मजाक उड़ाया
[५]लालू प्रसाद यादव ने एयर होयेस्तेस के लिए और एयर होस्टेज शब्द का प्रयोग कर डाला |विमान परिचालिका के लिए विमान बंधक का प्रयोग कर डाला

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रिटेल में ऍफ़ डी आई पर लोक सभा में हुए मतदान में आज फिर भरोसेमंद तीन एम् ने आज सरकार की साख सजाई

भरोसेमंद तीन एम् ने [मायावती+मुलायम सिंह यादव और एम् करूणानिधि ]आज रिटेल में ऍफ़ डी आई पर हुए मतदान में सरकार की साख लोक सभा में सजा कर विपक्ष के प्रस्ताव को वोट आउट करा दिया |अब खुदरा में ५१% ऍफ़ डी आई के लिए रास्ते खुल गए हैं| आज लंबी बहस के बाद रिटेल में एफडीआइ पर विपक्ष का प्रस्ताव संसद में खारिज हो गया। एफडीआइ के समर्थन में 253 तथा विरोध में 218 मत पड़े। जबकि ७० सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया| बहस के दौरान ही सपा, बसपा और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने सदन से वॉकआउट कर दिया था।

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आज लोक सभा में ११८ राजनीतिक दलों ने चर्चा में भाग लिया इनमे से १४ दलों ने ऍफ़ डी आई का विरोध कियाइनमे सपा और बसपा भी शामिल थी | इन दलों के सांसदों की संख्या २८२ और सरकार के पक्ष में बोलने वाले चार दलों की संख्या २२४ ही थी मगर मतदान के दौरान सपा और बसपा ने बड़े नाटकीय अंदाज़ में सदन से वाक् आउट कर दियाइनके साथ तेलंगाना के सांसद भी थे| इसी के फलस्वरूप केवल ४७१ सांसदों ने मतदान में भाग लिया|इनमे से जीत के लिए केवल २३६ वोट जरूरी तह जबकि सरकार के पक्ष में १७ वोट अधिक मिले|यह बहस नियम १८४ के अंतर्गत हुई थी इसमें अगर सरकार हर भी जाती तो भी गिरने का खतरा नहीं था हाँ नैतिक हार अवश्य हो जाती|
इससे पूर्व बहस के दौरान लोकसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने एफडीआइ का विरोध किया और कहा कि केंद्र सरकार अपनी गर्दन कटवाएं, देश का नहीं। इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी किस मुंह से एफडीआइ का विरोध कर रही है। उनके होने वाले पीएम तो दुनिया भर की कंपनियों को देश में बुलाते हैं।
, फेमा संशोधन बिल रद्द करने का भी प्रस्ताव खारिज हुआ है।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने पहले ही साफ कर दिया कि एफडीआई लागू किया जाए या नहीं ये राज्य सरकारों पर निर्भर होगा। सिंगलब्रैंड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत है।जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार को एफडीआइ पर जनता के हितों की चिंता नहीं है, वह बस अपनी सत्ता बचाए रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार एफडीआइ पर सदन के भीतर तो जीत जाएगी, परंतु विपक्ष का संघर्ष जारी रहेगा।यदि सरकार एफडीआइ रिटेल पर रोलबैक नहीं करेगी तो वह जनता के बीच जाकर सरकार का रोलबैक करेंगेपृथक तेलंगाना राज्य की माग को लेकर आध्र प्रदेश से आने वाले काग्रेसी सांसदों ने भी वोटिंग के दौरान मतदान का बहिष्कार किया।

ऍफ़ डी आई की शव यात्रा निकाल कर अंतिम संस्कार किया

ऍफ़ डी आई पर संसद में अभी बहस चल ही रही है ऐसे में एन सी आर के मेरठ में व्यापारियों ने ऍफ़ डी आई का पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज़ कराया|
यूं पी के उद्योग व्यापर प्रतिनिधि मंडल ने ऍफ़ डी आई की शव यात्रा निकाली और उसमे आग लगाई|व्यापारी नेता लोकेश कुमार अग्रवाल ने ऍफ़ डी आई का विरोध दर्ज़ करते हुए कहा कि इसके लागू होने पर देश की आर्थिक स्थिति को नुक्सान पहुंचेगा|

ऍफ़ डी आई की शव यात्रा निकाल कर अंतिम संस्कार किया

वॉलमार्ट को देश के किसी भी हिस्से में पैर नहीं रखने देंगे: सांसद बासुदेव आचारी

:Indian Parliament संसद

खुदरा व्यापार में ऍफ़ डी आई के अनुमति पर संसद में आज बुधवार को भी चर्चा जारी है| सांसद बासुदेव अचारी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऍफ़ डी आई लागू किये जाने पर अगर देश में वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ आई तो उनका सभी जगह विरोध किया जाएगा| उन्होंने कहा कि रीटेल में एफडीआई से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपोली हो जाएगी।देश के पांच करोड़ खुदरा व्यापारी और उन पर निर्भर २० करोड़ लोगों पर रोज़गार का संकट पैदा हो जाएगा|इसीलिए हम देश में वॉलमार्ट को पैर नहीं रखने देंगे। सरकार अपनी नीति पर फिर से सोचे। क्या वॉलमार्ट भारत में आकर सड़क बनाएगा? एफडीआई रीटेल से न तो किसानों को फायदा होगा और न ही उपभोक्ताओं को।
गौरतलब है कि ऍफ़ डी आई के समर्थन में कल मंगलवार को मंत्री कपिल सिब्बल ने वामपंथियों के गढ़ वेस्ट बंगाल के किसान के हवाले से बताया था कि वहां पेप्सी के कारण किसानों को आलू की कीमत बाज़ार भाव से दोगुनी मिल रही है|इसके जवाब में बासुदेव ने आज देश और विदेश के किसानों की व्यथा सुनाई| उन्होंने कहा कि उनका दल ऍफ़ डी आई को समर्थन देगा अगर इससे रोज़गार+तकनीकी+ उत्पादकता बढेगी |मगर ऐसा नहीं होने जा रहा|वाल मार्ट के कारण देश में बेरोजगारी बढेगी+उत्पादकता गिरेगी और तकनीकी विकास नहीं होगा|