Category: Education
केंद्र सरकार २०१३ में स्पोर्ट्स कनेक्ट पोर्टल शुरू करेगी:कपिल सिब्बल
मौसम और केंद्र सरकार का डी एन ऐ एक है: दोनों शॉक ट्रीटमेंट से हलचल पैदा कर रहे हैं:Rain Exposed All Managers
बारिश से जगह जगह जल भराव होना और मौसम के बिगड़ते ही बिजली का गुल होना छेत्र में परम्परा बन गया है|जल भराव के चलते कुछ बाज़ार और स्कूल बंद रहे तो कई बाजारों में रौनक गायब रही | बिजली सुबह से गायब है |इसके चलते इनवर्टर भी बोलने लग गए हैं|
दर्शन एकेडमी ने सी बी एस ई नॅशनल रोप स्कीपिंग क्लस्टर प्रतियोगिता में कुल ग्यारह पदक जीते:Darshan academy Won 11 Medals
सागर सोह्नकर,लक्ष्य त्यागी,हर्षित शर्मा,वंश,साक्षी चहल,आकांक्षा सिंह,स्निग्धा तनेजा,अनन्या त्यागीने दर्शन एकेडमी का प्रतिनिधित्व किया|
स्पीड हाप =हर्षित शर्मा = स्वर्ण पदक/
फ्री स्टाईल =वंश चहल =रजत पदक/ ======व्यतिगत
डबल डच स्पीड रिले =अनन्या+आकांक्षा+स्निग्धा और साक्षी=स्वर्ण पदक
सिंगल फ्री स्टाईल=वंश+लक्ष्य +हर्षित =रजत पदक
सिंगल रोप पेयर फ्री स्टाईल=साक्षी+आकंक्षा =ताम्र पदक
इस प्रतियोगिता में सात राज्यों की २६ टीमों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया |यूं पी से मेरठ के अलावा,गाजियाबाद और बिजनौर ने भी भाग लिया|मेरठ से दर्शन एकेडमी के साथ दीवान पब्लिक स्कूल और ,सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल भी थे |इसमें सबसे ज्यादा दर्शन एकेडमी केखिलाड़ियों को ग्यारह पदक मिले |एकेडमी के प्रधानाचार्य बिश्वजीत दत्ता ने सबको बधाई दी और क्रीडा शिक्षा ललिता त्यागी के प्रयासों की सराहना की|
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के प्रोजेक्ट कार्यक्रमों में मेरठ अग्रणी जिला
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के प्रोजेक्ट कार्यक्रमों में मेरठ जिला अग्रणी रहा।एनएएस इंटर कालेज में मंगलवार १५ जनवरी को इसके लिए सभी प्रतिभागी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। मौके परवक्ताओं ने अपने अनुभव बांटे।
कार्यक्रम में विज्ञान शिक्षकों द्वारा भविष्य में बच्चों की और अधिक सहभागिता पर जोर दिया गया। राज्य स्तर पर बच्चों को प्रतिभाग कराने में सहयोगी शिक्षिका संध्या, राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने वाले बाल विज्ञानी अतुल स्वामी और ज्योति शर्मा ने अपने अनुभव सुनाए। डा. एके शुक्ला, मंतीन अंसारी, संगीता, दीपक शर्मा ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की स्तरवार समीक्षा पेश की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन करने वाले दो बाल विज्ञानियों को ओमप्रकाश जैन अवार्ड देने की घोषणा की गई। केके इंटर कालेज, दशमेश कन्या इंटर कालेज, कंकरखेड़ा को विज्ञान दिवस पर यह अवार्ड मिलेगा। जिला स्तर पर निर्णायक के रूप में सहयोग करने वाले डा. दीपक कुमार, डा. सुषमा शर्मा, डा. सतीश कुमार को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। ।
मुख्या अतिथि – जिला विद्यालय निरीक्षक शिव कुमार ओझा और बेसिक शिक्षा अधिकारी जीवेंद्र सिंह ऐरी
विशिस्थ अतिथि – पी -के-मिश्रा
अध्यक्षता – राजेंद्र शर्मा -प्रबंधक ,नानक चन्द ट्रस्ट
वक्ता -ऐ -के-शर्मा ,रजनी शंख्धर एवम उमा शर्मा सभी प्रधानाचार्या
संचालन :गीता सचदेवा
विशेष योगदान :दीपक शर्मा
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहे सिरीश द्विवेदी (19) ने फांसी लगा कर आत्म हत्या की
रायबरेली के मिलएरिया स्थित छजलापुर प्रगतिपुरम निवासी दिनेश द्विवेदी सिंहपुर ब्लॉक में एडीओ समाज कल्याण विभाग के पद पर कार्यरत हैं। सिरीश फैजाबाद रोड स्थित पॉलीटेक्निक में सिविल से डिप्लोमा कर रहा था।पुलिस को उसके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने लिखा है कि घर वालों व मित्रों का कोई दोष नहीं है। वह खुद अपनी मौत का जिम्मेदार है। खुदकुशी के पीछे पुलिस प्रेम प्रसंग का मामला माना जा रहा है|इसके आलावा मेरठ में भे एक बी टेक छात्र की संदिग्ध स्थितिओं में मृत्यु हो गई है
ये दोनों अलग शिक्षण संस्थानों से जुड़ी है मगर सवाल एक ही है कि इतने महंगी पढाई कर रहे छात्रों के व्यवहार,व्यक्तित्व विकास और उनकी समय समय पर कौन्सिलिंग कि क्या कोई व्यवस्था है अगर नही तो क्यों नहीं ?
जे पी कालेज के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र की संदिग्ध मौत
पटना निवासी राजदान पाठक (22) पुत्र विरेन्द्र पाठ मवाना रोड स्थित जेपी कालेज से वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और उसका यह फाइनल ईयर था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को उसे उल्टी, दस्त होने के बाद नज़दीक के नर्सिग होम में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार तड़के साढ़े चार बजे उसने दम तोड़ दिया।
मुसलमानों की हितैषी होने का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर उर्दू के डिग्री धारकों की उपेक्षा का आरोप
मोअल्लिम ऐ उर्दू डिग्री धारकों ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्य मंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया है|इसके माध्यम से अवगत कराया गया है कि बेरोजगार मोल्लिम ऐ उर्दू डिग्री धारकों को सहायक अध्यापक उर्दू के पदों पर नियुक्ती नही दी जा रही है|बरसों से लगातार मांग को झूठे आश्वासनों से टाला जाता आ रहा है|अब यह असहनीय हो गया है|
एसोशिएशन प्रवक्ता मौलाना अब्दुल रहमान के अनुसार इस ज्ञापन में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि बेरोजगारों को शीघ्र रोजगार नहीं दिया गया तो प्रदेश के प्रमुख उलमा ऐ कराम+धर्म निरपेक्ष राजनीतिक दल+सवयम सेवी संगठन के साथ यह एसोशिएशन सडकों पर उतरने को मजबूर होगी|
एल के आडवानी के ब्लॉग से:पाठ्यक्रम में योगी श्री नारायण गुरु- के प्रेरणादाई संघर्ष को भी जोड़ें
नव वर्ष के स्वागत में एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता एल के आडवानी ने अपने ब्लॉग में मौजूदा शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल इतिहास के पन्नो में केरल के सर्वमान्य योगी तथा सिध्द श्री नारायण गुरु- के अस्पृश्यता और जातिवाद के विरुध्द प्रेरणादाई अथक संघर्ष को भी जोड़ कर पाठ्यक्रम में एम पूंजी के साथ मनुष्यों का निर्माण किये जाने पर जोर दिया है|
प्रस्तुत है एल के अडवाणी के ब्लाग से उद्दत उनके विचार
श्री नारायण गुरु का जन्म ऐसे समय पर हुआ जब अस्पृश्यता का अपने घृणित रुप में चलन था। ऐसी भी गलत धारणा प्रचलित थी कि कुछ लोगों की छाया भी अन्यों को अपवित्र कर देती थी। एक समान आराध्य और धर्म को मानने वाले लाखों श्रध्दालुओं में से कुछ को मंदिर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।
मुझे स्मरण आता है कि तिरुअनंतपुरम से लगभग 45 किलोमीटर दूर वरकला स्थित शिवगिरी मठ में मुझे 1987 में आमंत्रित किया गया था। सन् 1932 से प्रत्येक वर्ष होने वाले तीन दिवसीय समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में मुझे बुलाया गया था। खराब मौसम के चलते तिरुअनंतपुरम जाने वाली विमान सेवा रद्द हो गई थी और मैं नहीं पहुंच सका। शिवगिरी, वरकला पहाड़ियों में स्थित है जहां गुरु (नारायण) के अनुयायी लाखों की संख्या में उनकी समाधि, और उनके द्वारा स्थापित शारदा (सरस्वती) मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं। शिवगिरी में सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व श्री नारायण गुरु ने अरुविप्पुरम में शिव मंदिर स्थापित किया। अत: अब 1987 में मैं वहां नहीं पहुंच सका तो किसी तरह अगले वर्ष मैं अरुविप्पुरम की यात्रा कर सका। इसलिए इस वर्ष अपने उद्धाटन भाषण की शुरुआत मैंने पीताम्बर वस्त्र धारण किए विशाल संख्या में उपस्थित श्रध्दालुओं से इस क्षमा याचना के साथ की कि मैं इस पवित्र स्थल पर 25 वर्ष बाद पहुंचा हूं।
इस तीन दिवसीय आयोजन की श्री नारायण गुरु ने योजना बनाई थी और 1928 में उनकी मृत्यु से पूर्व इसे घोषित किया गया। यह प्रत्येक वर्ष 30,31 दिसम्बर और 1 जनवरी को आयोजित किया जाता है। 30 दिसम्बर को इस आयोजन की औपचारिक शुरुआत राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की गई। दूसरे दिन के तीर्थदनम सम्मेलन, के इस वर्ष का उद्धाटन मुझे करने को कहा गया था। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री वायलर रवि ने की। अंतिम दिन अनेक प्रमुख विद्वानों ने श्री नारायण गुरु द्वारा प्रतिपादित आचार संहिता (Code of Ethics) के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
अपने भाषण में मैंने एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चाण्डी द्वारा की गई घोषणा कि 2013 से श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं को केरल राज्य में स्कूली पाठयक्रम में जोड़ा जाएगा, का स्वागत किया।
वस्तुत: यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय विद्यालयों में इतिहास की पढ़ाई अधिकांशतया राजाओं, उनके वंश, उनके युध्दों और शोषण पर ही केंद्रित रहती है। हमारे विध्दानों, साधु-संतो के अविस्मरणीय योगदान से सामान्यतया बच्चों को अक्सर इस आधार पर वंचित रखा जाता है कि एक सेकुलर देश में धर्म वर्जित कर्म है। यह एक बेहूदा दृष्टिकोण है। अत: शिवगिरी में अपने भाषण में मैंने केंद्रीय मंत्री वायलर रवि से अनुरोध किया कि केरल द्वारा की गई पहल को केंद्रीय और अन्य राज्यों में भी अपनाया जाए। यदि स्वामी दयानन्द सरस्वती, श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानन्द जैसे संतों की शिक्षाओं को पाठयक्रमों का सामान्य हिस्सा बना दिया जाए तो स्कूली पढ़ाई का स्तर बढ़ेगा।
प्रवासी भारतीय मंत्री श्री रवि ने कहा कि वे इस विषय को प्रधानमंत्री के ध्यान में लाएंगे।
उस दिन के अपने सम्बोधन में मैंने स्मरण किया कि स्कूल में पढ़ते समय हमें पता चला कि किसी विद्यार्थी की प्रतिभा के स्तर का आधार इस से आंका जाता था कि उसका ‘बौध्दिक स्तर‘ (इन्टेलिजेन्स क्वोशन्ट) कितना उपर या नीचे है। बाद में संयोग से एक पुस्तक ‘इ क्यू‘ यानी ‘भावात्मक स्तर‘ (इमोशनल क्वोशन्ट) पढ़ने पर मुझे लगा कि किसी के निजी व्यक्तित्व को परखने के लिए ‘बौध्दिक स्तर‘ (इन्टेलिजेंस क्वोशन्ट) महत्वपूर्ण होगा परन्तु उसका इ क्यू यानी ‘भावात्मक स्तर‘ पर भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। ‘भावात्मक स्तर‘ से तात्पर्य यह है कि कैसे एक व्यक्ति क्रोध, द्वेष इत्यादि जैसे भावों को ग्रहण करता है। उस दिन मैंने कहा कि जो केरल ने किया है और जो मैंने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को करने के लिए अनुरोध किया, कुछ ऐसा है जो हमारे सभी देशवासियों का ‘आध्यात्मिक स्तर‘ (स्पिरिचवल क्वोशन्ट) भी बढ़ाएगा। एस क्यू (स्पिरिचवल क्वोशन्ट) धारणा गढ़ते समय मेरे मन में किसी धर्म या पंथ का विचार नहीं था, मैं तो सिर्फ उन नीतिपरक और नैतिक मूल्यों के बारे में सोच रहा था जो एक विद्यार्थी अपने संस्थान से ग्रहण कर सकता है।
सन् 1902 में अपनी मृत्यु से कुछ समय पूर्व स्वामी विवेकानन्द जी ने टिप्पणी की थी कि देश को एक ऐसी मनुष्य निर्माण मशीन की जरुरत है जो एम पूंजी के साथ मनुष्यों का निर्माण कर सके। उनके दिमाग में ऐसे मनुष्य रहे होंगे जो आइ क्यू, इ क्यू और एस क्यू सम्पन्न हों यानी वे मनुष्य जो अपवाद रुप उच्च चरित्र और असाधारण योग्यता तथा प्रतिभा सम्पन्न हो।
यदि हमारे शैक्षणिक संस्थान स्वामी विवेकानन्द द्वारा विचारित मनुष्य निर्माण मशीनरी को अमल में लाने में सफलता प्राप्त करते हैं तो यह देश के लिए अनुकरणीय सेवा होगी।
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शिवगिरी की यात्रा की पूर्व संध्या पर, तिरुअनंतपुरम में ही, वर्षों से मेरे पार्टी सहयोगी और श्री वाजपेयी की सरकार में मेरे मंत्रिमण्डलीय सहयोगी श्री ओ. राजागोपालजी के सार्वजनिक जीवन में पचास वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। केरल यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे सीनेट सभागार में सभी वक्ताओं ने केरल के हमारे नेता की योग्यता, प्रामाणिकता और एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के रुप में केरल के कल्याण के लिए दिए गए योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। लेकिन मैं महत्वपूर्ण समझता हूं उस दिन राजगोपालजी का अभिन्न्दन करने आने वाले नेताओं की उपस्थिति को। मंच पर समूचे राजनीतिक और सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में, मैंने सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं से दलगत दायरों से ऊपर एकजुट होकर तथा ईमानदारीपूर्वक भारत को दुनिया में अग्रणी बनाने के लिए काम करने का अनुरोध किया। विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानन्दन ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि यद्यपि राजनीति में वह और श्री राजगोपाल एक-दूसरे के विरोधी धु्रव पर हैं, परन्तु तब भी वे गहरे मित्र हैं। हालांकि, माकपा और भाजपा ने आपातकाल के विरुध्द संघर्ष की छोटी अवधि में मिलकर काम किया, और इस अवधि के दौरान वह तथा श्री राजगोपाल कारावास में एक साथ बंदी थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधी स्मारक निधि के चेयरमैन पी. गोपीनाथन नायर ने की। उनके अलावा सम्बोधित करने वालों में थे स्वास्थ्य मंत्री वी. एस. शिवाकुमार, भाकपा के राज्य सचिव पानियन रविन्द्रन, कवि ओ.एन.वी. कुरुप, महापौर के. चंद्रिका, भाजपा के वरिष्ठतम सहयोगी परमेश्वरन, राज्य भाजपा के अध्यक्ष वी. मुरलीधरन, केरल कांग्रेस के नेता वी. सुरेन्द्रन पिल्लई, साइरो-मलानकरा कैथोलिक चर्च ऑक्सिलॅरी बिशप सैम्युल मार इरेनियस, स्वामी तत्वारुपानंदा और एन आई एम एस मेडीसिटी के मैंनेजिंग डायरेक्टर एम.एस. फैजल खान-भी थे।
काश्मीर से भ्रमण पर आई छात्राओं का मेरठ में गर्मजोशी से हुआ इस्तकबाल
मेजर अमित अंकित सिंह,मान,लेफ्टी भावना, केप्टन शिखा आदि भी साथ थे|
भटके छात्रों को नैतिक मूल्यों के महत्त्व का आभास कराने के लिए सभ्रांत युवाओं को आगे आना होगा|
नैतिक मूल्यों से भटके छात्रों को नैतिक मूल्यों के महत्त्व का आभास कराने के लिए सभ्रांत युवाओं को आगे आना होगा|यह विचार आज शुक्रवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मेनेजमेंट कालेज में आयोजित टाक शो में व्यक्त किये गए|
छात्रों में नैतिक मूल्यों के पतन के लिए जिम्मेदार कौन ?नामक विषय पर प्रतिभागिता दर्ज़ कराने वाले छात्रों+शिक्षकों और अविभावकों ने सामान रूप से यह स्वीकार किया कि समाज को स्वस्थ रूप प्रदान करने के लिए छात्रों को नैतिक मूल्यों के महत्त्व का आभास कराना जरुरी है इसके लिए सभ्रांत युवाओं को आगे आना ही होगाडाक्टर एस एन गुप्ता,डाक्टर आलोक सिंह,राहुल केसरवानी,सुनील सल्होत्रा,ने टाक शो में विचार व्यक्त किये|डीन डाक्टर मनोज शर्मा,एस एस ब्रोका,आर रस्तौगी,निदेशक डाक्टर निर्देश वशिष्ठ के अलावा शैलेश गुप्ता,आशुतोष भटनागर,पवन त्यागी,ऋषिराज भारद्वाज,वरुण गुप्ता,अमोल मल्होत्रा,सोनिया सपरा,अमित जैन,देवेश गुप्ता,अनुराग माथुर,अंकुर गोयल,रुद्रानी शर्मा,शिवानी सिंह आदि ने सहयोग दिया
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