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Category: Environment

पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्थापकों को पर्यटकों के साथ व्यवहार की ट्रेनिग दी जानी चाहिए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक मेरठी

ओये झल्लेया ये हसाडा सोणा मेरठ किधर जा रहा है? यहाँ आये दिन विदेशी पर्यटकों के साथ बदसलूकी हो रही है| [१]मेरठ की दौराला पुलिस ने का ही वियतनाम के एक निर्दोष नागरिक को केवल अपनी धमक दिखलाने के लिए मोदी पुरम के समीप सड़क पर मुर्गा बना दिया और उस बहारे को सारी जिन्दगी के लिए अपमान का नासूर दे दिया [२] आस्ट्रेलिया से 19 सितंबर 2008 को भारत घूमने आई विदेशी युवती के साथ बस में सवार एक युवक ने दौराला क्षेत्र में ही छेड़खानी की थी पोलिस ने आँखे बंद कर ली [३] फ्रांसीसी युवतियां उत्तराखंड की बस से २०१० में हरिद्वार जा रही थी। बस के मेरठ में प्रवेश करते ही युवकों ने फ्रांसीसी युवतियों से छेड़खानी शुरू कर दी। परतापुर ब्रिज पर हंगामा हो गया ||ओये एक तरफ तो हम सरकार से यहाँ पर्यटन को बढावा देने के लिए यौज्नाएं मांगते नहीं थक रहे और दूसरी तरफ यहाँ से गुजरने वाले गिनती के ही पर्यटकों की ऐसी की तैसी करने में जुटे हैं| ऐसे कैसे चलेगा|

पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्थापकों को पर्यटकों के साथ व्यवहार की ट्रेनिग दी जानी चाहिए

झल्ला

हाँ जी बात तो आप जी की सौलह आने सही है हमारे संस्कृति भी कहती है के अतिथि देवो भव|अब पूर्वजों के इस उपदेश को किताबों में ही बंद करके रख छोड़ें तब भी हसाडी सोणी सरकारें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चलाती हैं| आये दिन टी वी विज्ञापनों में आमिर खान जैसे सेलेब्रेटी अथितियों का सम्मान करने के उपदेश दे रहे हैं|और तो और टर्की जैसा देश अपने इस्ताम्बुल के लिए पर्यटकों को लुभाने के लिए भारत में पापड बेल रहा है लेकिन हमारे यहाँ कुल्हाड़ी पर ही पैर मरने के तैय्यारी चल रही है| विदेशी मेहमानों के साथ अगर यहां की पुलिस मुर्गा बनाने जैसा सुलूक करेगी तो विदेशों में देश की क्या तस्वीर बनेगी।एक तो पहले से ही घोषित यौजनाएं [महाभारत सर्किट] ठन्डे बसते में पडी हैं और दूसरे ये दुर्व्यवहार ऐसे में भला कौन यहां आना चाहेगा और कैसे हमारी आर्थिक गाड़ी के पहिये रफ़्तार पकड़ेंगे |इसीलिए झल्लेविचारानुसार सबसे पहले पोलिस अधिकारी और प्रशासनिक व्यवस्था को पर्यटकों के साथ व्यवहार के ट्रेनिग दी जानी चाहिए|

आधी दुनिया में हुई बर्फबारी का असर आज मेरठ में भी दिखाई दिया

आधी दुनिया में हुई बर्फबारी का असर आज मेरठ में भी दिखाई दिया

आधी दुनिया में हुई बर्फबारी का असर आज मेरठ में भी दिखाई दिया |हलकी बारिश हुई और ठंडक ने लोगों में सिहरन और ठिठुरन पैदा की| सूर्य देव भी दर्शन देने में आनाकानी करते रहे| ठण्ड से सिहरते हुए लोग बाग़ शेल्टर तलाशते रहे |अमेरिका में जहां बर्फबारी ने क्रिसमस की खुशियों में बढोत्तरी की तो +मनाली +शिमला आदि में पर्यटकों में नया उत्साह भर दिया|

वाल मार्ट की लाबिंग के बादल आज प्रमोशन में रिजर्वेशन के मायावती के ड्रीम बिल पर मंडराए:राज्य सभा स्थगित

Indian Parliament

राज्यसभा की कार्यवाही आज वॉलमार्ट की लॉबिंग और रिजर्वेशन में प्रमोशन की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दस मिनट्स उसके बाद डेड घंटे और तीसरी बार सारे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सदन में आज प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल लाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती के समर्थन के बदले और भरोसे सरकार ये बिल ला रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बिल का पूरजोर विरोध कर रही है।
मानसून सत्र में जब इस बिल को पेश किया गया था तो समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बीएसपी के सांसद अवतार सिंह करीमपुरी के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी।
। विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती ने लोकसभा में वॉक आउट करके सरकार को मदद पहुंचाई थी। वहीं, राज्यसभा में मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डालकर सरकार की नाक बचाई थी। उसी समय मायावती ने साफ कर दिया था कि वो जनहित के बिलों के लिए सरकार का समर्थन कर रही हैं और इसमें प्रमोशन में आरक्षण बिल मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर थालेकिन आज सोमवार को आरक्षण का यह बिल राज्यसभा में वॉलमार्ट की लॉबिंग संबंधी रिपोर्ट पर मचे बवाल के चलते पेश नहीं हो पाया। बहुजन समाज पार्टी इससे नाराज है और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार को जल्द से जल्द बिल पास कराने का अल्टीमेटम दे दिया है। माया ने विपक्षी बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी के चलते बिल पेश नहीं हो पा रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी।गौरतलब है कि सरकार को आज राज्यसभा में प्रमोशन में आरक्षण का बिल पेश करना था। आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने वॉलमार्ट की उस रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस रिटेल कंपनी ने भारत में एंट्री के लिए करीब 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च करने का दावा किया था। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा होता रहा और सदन की पूरे दिन की कार्यवाही इसकी भेंट चढ़ गई। कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित होने से बीएसपी को झटका लगा और उसकी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हंगामा किया ताकि प्रमोशन में आरक्षण बिल सदन में पेश न हो पाए।मायावती ने कहा कि वॉलमार्ट की लॉबिंग की जो बात बीजेपी ने राज्यसभा में उठाई उसपर लोकसभा में उसका ध्यान नहीं गया। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि ये विधेयक पास हो जाए। राज्यसभा में पार्टी का हंगामा पहले से तय था और उसे सोचसमझकर अंजाम दिया गया। मायावती ने कहा कि सरकार चलाना यूपीए की जिम्मेदारी है
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने इस बिल को राष्ट्रीय संकल्प बताया| इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आम सहमति के प्रयास कर रहे हैं। हम इस बिल को पास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जबकि संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार समाजवादी पार्टी को मना लेगी।वहीं सपा के तेवर साफ बताते हैं कि वो इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। पार्टी महासचिव रामआसरे कुशवाहा ने कहा कि हम प्रमोशन बिल का लगातार विरोध करते रहे हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाते रहेंगे। सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बसपा को बेवकूफ मना रही है। वो जानती है कि इस बिल को पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है जो कभी हासिल नहीं होगा।जबकि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल का विरोध करेगी। नरेश अग्रवाल के मुताबिक एसपी चाहती है कि संसद चले लेकिन सरकार को भी बिल के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता पी एल पुनिया ने कहा है कि ऐसा इम्प्रेशन दिया जा रहा है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन ख़त्म हो गया है। उसे नए सिरे से लाया जा रहा है। ये गलत है, जनसंख्या से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान खत्म किया जा रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचारों से निजात पाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। इसका सबको समर्थन देना चाहिए और ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक बिहार में पहले से ही प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा है और उनकी पार्टी वर्तमान बिल पर भी नजर बनाए हुई है

इतिहास

1992 में इंद्रा साहनी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले से प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त हो गया। सरकार ने 17 जून 1995 को संविधान में 77वां संशोधन कर अनुच्छेद 16 (4ए) जोड़ा और एससी-एसटी को प्रोन्नति में फिर आरक्षण दे दिया। इस संशोधन से कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया।
सरकार के गले में अभी भी एक फांस अटकी थी क्योंकि 10 फरवरी 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने आरके सब्बरवाल के मामले में कहा कि एससी-एसटी वर्ग को परिणामी ज्येष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार ने साल 2001 में संविधान में 85वां संशोधन किया और अनुच्छेद 16 (4ए) में बदलाव करके प्रोन्नति में आरक्षण के साथ परिणामी ज्येष्ठता भी दे दी।
19 अक्टूबर 2006 को एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी परिणामी ज्येष्ठता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण देने के कानूनी प्रावधान को नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर ही राजस्थान हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के साथ आरक्षण देने के राज्यों के कानून निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई और सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के मामले में एक बार फिर एम नागराज फैसले को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।

कल सुबह जल्दी उठें और आकाश में अधभुत नज़ारे का आनंद उठायें

कल सोमवार को सुबह जल्दी बिस्तर त्याग कर उठाने वाले आसमान में एक अनोखा नज़ारा देखने का आनंद उठा सकते हैं|
कल सुबह पाच बजकर पैतालीस मिनट पर आकाश में पूर्व दिशा में सबसे पहले चाँद मामा , फिर शनि देव उसके बाद प्रेम का प्रतिक शुक्र देव और सबसे बाद सूर्य देव के आने से पहले बुध एक कतार में दिखाई देंगे – ये खगोलीय नजारा चित्र जैसा होगा | ये अवसर जाने न दे जरुर देखे .
यह जानकारी प्रगति विज्ञानं संस्था के संयोजक दीपक शर्मा द्वारा दी गई है|

मार्कंडेय काटजू की बात सोलह आने, सौ प्रतिशत सही है मगर शब्दों के चयन में हमेशा की तरह खोट हो गई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है? रिटायर[न्यायाधीश] होने के बाद प्रेस कौंसिल के सुप्रीमो बने माननीय मार्कंडेय काटजू साहब को अब ९०%भारतीय बेवकूफ नज़र आने लग गए हैं|उनके मुताबिक़ तो केवल १०% भारतीय ही सयाने हैं+अक्लमंद हैं+बुद्धिमान हैं |इसका मतलब तो ये हुआ कि केवल १०% सयाने ही देश को चला रहे हैं|राजनीती कर रहे हैं|

Jhalle dii Gallaan

झल्ला

माननीय मार्कंडेय काटजू ने एक समान दो मुकद्दमों में अलग अलग विरोधी निर्णय देकर यह साबित कर दिया था कि देश में बहुसंख्यक वाकई बेवकूफ हैं देश की दो बड़ी अदालतों[अलग अलग]में न्यायाधीश थे तो जालंधर और मेरठ में छावनी परिषदों की रिहायशी कालोनियों के विषय में अलग अलग निर्णय देकर जालंधर को अभय दान और मेरठ की शिवाजी कालोनी के रिटायर्ड+ अल्पाय+असहाय नागरिकों को जीवन भर की परेशानियों से नवाज़ा था| अब तो उन्होंने केवल अपने पुराने विचारों को जुबान भर ही दी है लेकिन अब एक बात कहनी जरूरी है कि इस बार उन्होंने बात तो सही कही है मगर उसके लिए शब्दों के चयन करने में शायद उनसे चूक हो गई है|

छावनी परिषद में यौजनाओं का अकाल,शिकायतों की सुनामी

Meerut Cantt. छावनी परिषद में यौजनाओं का अकाल,शिकायतों की सुनामी

मेरठ छावनी परिषद के अधिकारी+कर्मचारी+नेता +पार्षद आज कल [ ये सभी] पैसा नही होने की दुहाई देते हुए एक दूसरे के कपडे फाड़ने पर उतारू हैं मगर जन उपयोगी यौजनाओं का सर्वत्र सूखा पड़ा हुआ है। हाँ एक दूसरे की शिकायत करने की सुनामी जरूर आई हुई है| अतिक्रमण+अनाधिकृत निर्माण रोकने में सर्वथा विकलांग साबित हो रही ये एतिहासिक परिषद् आनन् फानन में खाली प्लाटों के कब्जे ले कर सीना ठोक लेती है मगर उनका उपयोग करने से नज़रे चुराती है।ऐसा ही एक प्लाट मेरठ छावनी के कनाट प्लेस कहे जाने वाले आबू लेन पर , दशकों ,पहले एक स्कूल से हथियाया गया था यहाँ आये दिन पार्किंग स्थल बनाने की घोषणा होती है मगर अक्सर वहां बच्चे क्रिकेट ही खेलते नज़र आते हैं। छेत्र आये दिन ट्राफिक जाम से जूझता है और और वाहन प्लाट से बाहर पार्क किये जाते हैं।यकीन नहीं आ रहा तो फोटो हाज़िर है

रतन टाटा ने अपनी सेवा निवृति से पहले सरकार की व्यापारिक नीति के नीचे के अँधेरे से अवगत कराया

Ratan Tata & Building Of Financial Times

भारतीय अर्थव्यवस्था के दीपक में विदेशी निवेशकों के धन तेल के भरोसे विकास की रौशनी दिखाने वाली यूं पी ऐ सरकार को अपने ही दीपक के नीचे के अँधेरे से अवगत कराते हुए दश के सर्वोच्च उद्योगपति रतन टाटा ने देश में उद्योगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है| निकट भविष्य[इसी माह] में सेवा निवृत होने जा रहे रतन टाटा का यह आरोप बहेड महत्वपूर्ण माना जा रहा है|
बीते दिन रतन टाटा ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा के केंद्र सरकर की दोषी नीतियों के कारण देश में व्यापारिक माहौल नहीं बन पाया|सुविधाएं चीन में दी जा रही है इसीलिए वहां तरक्की हो रही है मगर हमारे देश में उद्योगों को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जा रही|इसीलिए हम दूसरे देशों के साथ कम्पटीशन में पीछे रह जाते हैं| गौरतलब है की टाटा ग्रुप ने देश में नमक से लेकर अति आधुनिक साफ्ट वयरतक बना कर विदेशों में भी देश की शान बडाई है और विकसित देशों में अपनी सेवायें देकर बाह्र्तीय युवाओं के लिए वहां नौकरियों के द्वार खोले हैं| सौ अरब डालर के इस वैश्विक व्यापारी ने छोटी जनता कार नैनो सड़क पर लाकर पूरे विश्व को अचम्भित किया है|
लन्दन से प्रकाशित फायनेंशियल टाईम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने सरकार की महत्वपूर्ण ऍफ़ डी आई यौजना की हवा निकालते हुए कहा की देश की बेलगाम नौकर शाही के डर से व्यापारी भारत में आने से कतराता है|इसीलिए टाटा ने भी चीन में एक फेक्ट्री लगाई है| उन्होंने संदेह व्यक्त किया की सरकार की असहयोगी नीतियों के कारण आज उद्योगपति भारत के बजे चीन में जाना पसंद करने लगा है|

अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ शाहीन बाग़ के ध्वस्तीकरण का नया मोर्चा खोला

अरविन्द केजरीवाल V/S शीला दीक्षित

आम आदमी पार्टी [आप] के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज शुक्रवार को दक्षिण दिल्ली में ओखला के शाहीनबाग में बेघर किये गए लोगों के समर्थन में राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया| राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में 500 घरों को गिराने के विरोध में आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज सुबह दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर का घेराव किया| मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने तबियत खराब होने का कारण देते हुए केजरीवाल से पब्लिक के सामने बाहर आ कर बात करने से इंकार कर दिया |इस पर केजरीवाल ने दीक्षित के घर के बाहर धरना दिया|.केजरीवाल ने मंगल वार को बेघर किये गए 500 घरों के लोगों के दर्द को शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि लोगों के पास जमीन के कागजात और आईडी प्रूफ होने के बाद भी बिना किसी नोटिस के जबरन लोगों के घर गिराए गए.| इसमें भी एक बड़े भूमि घोटाले का संदेह व्यक्त किया गया है।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार की दोपहर यहां लोगों के घर गिरवा दिए थे| अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों के साथ शाहीन बाह इलाके का दौरा किया.|
केजरीवाल के मुताबिक उन्होंने प्रभावित लोगों की परेशानी बयान करने के लिए शीला दीक्षित से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिय| मुख्यमंत्री उनसे मिलने के लिए वक्त नहीं निकालती हैं तो भी वह शाहीनबाग के बेघर लोगों के साथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर बातचीत करने जाने का एलान किया और पुलिस ने उन्हें नहीं जाने की हिदायत दी अन्यथा सख्ती से निबटने की चेतावनी दी गई |
केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के घर उजाड़े गए हैं वे बेहद गरीब हैं। उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मन में कोई संवेदना नहीं बची है। मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि इस कड़ाके की ठंड में लोग बेघर कर दिए गए हैं|
केजरीवाल का कहना था कि जिन लोगों का आशियाना गिराया गया है वे वर्षो से यहां रह रहे हैं, उनके पास जमीन के कागज, मतदाता पहचान पत्र, गैस कनेक्शन और आधार कार्ड तक हैं।अगर किसी के पास कुछ कागजात कम भी होंगे तो बिना उनके पुनर्वास के ऐसी कार्रवाई कैसे की जा सकती है? सरकारी बुलडोजर चलने से पहले लोगों को नोटिस तक नहीं दिया गया। लोग घरों से सामान तक नहीं निकाल सके। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन घरों को गिराने का आदेश गलत तरीके से दिया गया है, ये घर जिस जमीन पर बने थे वह काफी महंगी है। आखिर किसकी नजर है इस जमीन पर? जो यह साजिश करा रहा है। सरकार को इस कार्रवाई पर जवाब देना चाहिए।मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन जब केजरीवाल अपने कुछ साथियों के साथ बातचीत के लिए मुख्यमंत्री के घर के भीतर पहुंचे, तो शीला दीक्षित ने बात करने से इनकार कर दिया।
ऐसे में केजरीवाल अपने साथियों के साथ बाहर आकर दोबारा अपना धरना शुरू कर दिया। ।
केजरीवाल ने कहा, जिस जमीन पर ये लोग रह रहे हैं वह इन्हीं की जमीन है, इनके पास इसके दस्तावेज हैं। लेकिन यह अनाधिकृत है क्योंकि आपको मानचित्र सरकार द्वारा पास कराना होता है। उन्होंने कहा, लेकिन 4 अक्तूबर 2010 को सोनिया गांधी ने घोषणा की थी कि 1600 कालोनियों को नियमित किया जाएगा, यह कालोनी भी उसमें शामिल थी, लेकिन इसके बावजूद 500 घरों को ढहा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पास के कई शोरूम को नहीं गिराया गया।

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

भारतीय किसान यूनियन[बे के यू] ने एनएच-24 पर डासना के पास बने टोल प्लाज़ा से जारी धरना खत्म कर दिया अब फिर से इस प्लाज़ा पर प्लाज़ा कर्मियों की चौधराहट कायम हो गई है| । प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक चली समझौता वार्ता के बाद बीकेयू के नेताओं ने यह फैसला किया। किसानों ने इसके साथ ही दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर शुक्रवार को होने वाला धरना भी स्थगित करने की घोषणा कर दी है|
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ 13 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद डासना टोल बूथ सहित अन्य मामलों पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में बीकेयू के मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह चौधरी सहित अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया। पुलिस की ओर से एसपी देहात, प्रशासन की ओर से एडीएम प्रशासन सी. आर. पटेल, एसडीएम सदर केशव कुमार आदि ने भाग लिया। जानकारों का मानना है की रालोद द्वारा घोषित गन्ना आन्दोलन की हवा निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है|वैसे कुछ भी कारण रहे हों किसानों के मसीहा बाबा टिकैत का ४० दिन के भोपा में धरने का रिकार्ड टूटने से बाख गया |
एडीएम देहात ने कहा कि किसानों ने किसी भी तरह की शर्त प्रशासन के सामने नहीं रखी और ३७दिन पुराना धरना समाप्त कर दिया।

स्वीकृत मांगें ‘

बीकेयू के जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन त्यागी ने दावा किया कि प्रशासन ने किसानों की कई मांगें मानी हैं। [१] बातचीत में तय किया गया है कि मीडियाकर्मियों , वकीलों , किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और स्टूडेंट्स से टोल नहीं लिया जाएगा।[२] टोल प्लाजा के आसपास दस किलोमीटर के दायरे में बसे लोगों से भी टोल नहीं लिया जाएगा।

प्रशासनिक दाव

प्रशासन ने टोल प्लाज़ा कब्जा करने वाले किसानों का नेतृत्व कर रहे छह नेताओं को गुरुवार को नोटिस जारी किए। नोटिस में कहा गया कि उनके इस आंदोलन से सरकार को जो नुकसान हुआ है इसकी वसूली उनसे की जाएगी। किसान नेताओं ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
गुरुवार को सिवाया टोल पर आंदोलन के खात्मे के मौके पर भी एक आला अफसर ने राकेश से वार्ता की और फिर मुख्यमंत्री स्तर से। परिणाम रहा कि एनएचएआइ से संबंधित आठ मांगों को लेकर भाकियू ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार किया। इसमें सारी मांगे केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उसी के आधार पर उनकी वार्ता का समय मुख्यमंत्री से तय हुआ। माना जा रहा है कि 13 दिसंबर को अखिलेश और राकेश की लखनऊ वार्ता के बाद गन्ना मूल्य का भी ऐलान कर दिया जाएगा। निश्चित रूप से यह ऐलान रालोद सुप्रीमो अजित सिंह पर दबाव बनाएगा।
बहरहाल, पूरे घटनाक्रम का जिस तरह से अचानक पटाक्षेप हुआ, उससे यह बात चर्चा में आ रही है कि कहीं न कहीं अखिलेश आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रालोद को हाशिए पर डालने की रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। सपा के एक खेमे का मानना है कि यदि लोस चुनाव में भाकियू का सहयोग मिल जाए तो चुनाव में इसका लाभ होगा। यह भी सर्वविदित है कि भाकियू और रालोद दोनों ही संगठनों का सियासी आधार किसान राजनीति की जमीन पर टिकी है। इस सियासी गठजोड़ को अभी कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा, क्योंकि भाकियू की राजनैतिक विंग बहुजन किसान दल (बीकेडी) इन दिनों लगभग निष्क्रिय है। अब तक का इतिहास है की किसानों ने बेशक आन्दोलनों में बाबा एम् एस टिकैत का भरपूर साथ दिया मगर चुनावों में वोही तबका चौधरी अजित सिंह के रालोद के साथ खड़ा नज़र आया है|इसीलिए राकेश टिकैत को अभी अपना राजनितिक कद बढाने के लिए मेहनत करनी होगी|

अयोध्या कांड की बरसी पर भारी फ़ोर्स तैनात : सर्वत्र शांति रही

अयोध्या कांड की बरसी

बाबरी मस्जिद/अयोध्या दुखद काण्ड की बरसी पर बेशक अयोध्या में सामान्य जन जीवन रहा मगर लोक सभा में कल और राज्य सभा में आज ब्रहस्पतिवार को विकास के इस दौर में दफन हो चुकी साम्प्रदाईकता के जिन्न के नाम पर हाय हल्ला किया गया और शासन के एलर्ट पर प्रशासन द्वारा एन सी आर के मेरठ में भी जबरदस्त सख्ती रही| भारी फ़ोर्स [जिनमे पी ऐ सी की पञ्च कम्पनियाँ भी शामिल थी] द्वारा जगह जगह चेकिंग +पोलिस गश्त जारी रही|
एस पी सिटी भी स्वयम रोड पर रहे और अतिक्रमण भी हटवाते रहे|संवेदनशील इलाकों में [बुढाना गेट+गुदड़ी+घंटाघर+वैली बाज़ार+छतरी वाला चौक+लिसादी गेट+भूमिया का पुल आदि पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रही|
इस अवसर पर शिव सेना और बजरंग दल ने हमेशा की तरह शौर्य दिवस और मुस्लिम संगठनों ने शोक दिवस मनाया|
शिव सेना ने जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को मंदिर निर्माण के लिए ज्ञापन भी प्रेषित किया| जुलुस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा|
जमियत उलेमाऐ हिन्द ने यौमे दुआ कराई|इंडियन मुस्लिम लीग ने मस्जिद निर्माण की मांग दोहराई| कलेक्ट्रेट पर धरना भी दिया|
अयोध्या काण्ड के २० साल बाद की यह सारी कवायद के बावजूद सभी तरफ शान्ति बनी रही