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दि‍ल्‍ली में राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक की स्‍थापना के लिए मंत्री समूह का गठन:रक्षा राज्‍य मंत्री श्री जि‍तेंद्र सिंह

दि‍ल्‍ली में राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक की स्‍थापना के लिए मंत्री समूह का गठन किया गया है
केंद्र सरकार ने अपने रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी की अध्‍यक्षता में राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक के उचि‍त स्‍थान के वि‍षय में नि‍र्णय के लि‍ए एक मंत्री समूह गठि‍त कि‍या है।
मंत्री समूह ने युद्ध स्‍मारक के नि‍र्माण के लि‍ए वि‍स्‍तृत रूप रेखा के साथ अपनी सि‍फारि‍शें दे दी हैं।
इंडि‍या गेट के ‘सी’ हेग्‍सागन पर युद्ध स्‍मारक बनाए जाने की सि‍फारि‍श की गई है।
शहरी वि‍कास मंत्रालय ने सक्षम अधि‍कारी द्वारा इन सि‍फारि‍शों के अनुमोदन की प्रक्रि‍या आरंभ कर दी है।
यह जानकारी आज राज्‍य सभा में रक्षा राज्‍य मंत्री जि‍तेंद्र सिंह ने राजीव चंद्रशेखर द्वारा पूछे गए एक प्रश्‍न के लि‍खि‍त उत्‍तर में दी।
फ़ोटो कैप्शन
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा 5 फ़रवरी 2014 को नोएडा शहीद स्मारक पर, वार्षिक पुष्प अर्पित समारोह के दौरान अज्ञात शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए।

प्राचीन स्मारकों पर हुए अवैध कब्जे हटा लिए गए हैं:केंद्रीय संस्कृति मंत्री

प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों पर हुए अवैध कब्जे हटा लिए गए हैं यह दावा आज राज्य सभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने किया
संस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने बताया कि प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल तथा अवशेष 1958 अधिनियम 2010 (संशोधन एवं मान्य) के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्मारकों के परिसर और उनके आस-पास किए गए अति‍क्रमण को हटा दिया गया है।
राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रीमती कटोच ने बताया कि सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1971 (अवैध नियंत्रणकर्ताओं का नि‍ष्‍कासन) के तहत सर्कि‍ल के प्रभारी पुरातत्वविद् अधीक्षक को बेदखली नोटिस/आदेश जारी करने के लिए एक एस्टेट अधिकारी की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल तथा अवशेष 1958 अधिनियम 2010 (संशोधन तथा मान्य) तथा नियम 1959 के तहत उन्‍हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का अधिकार भी दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस अधिनियम के भाग 19(2) तथा भाग 38(2) के तहत ऐसे अवैध निर्माण को हटाने के लिए जिलाधिकारी को भी निर्देश देने का अधिकार होगा। ऐसे अवैध अति‍क्रमण को रोकने और निर्माण की पहचान और उन्‍हें हटाने के लिए संबंधित राज्य सरकार/पुलिस बल की सहायता मांगी गई है। इसमें सफलता न मिलने पर अति‍क्रमण करने वाली के विरुद्ध अदालत में मामला दर्ज कि‍या जाएगा। इसके अतिरिक्त संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा कर्मचारी, राज्य पुलिस बल तथा सीआईएसएफ की सहायता ली जाएगी ताकि इन स्मारकों पर नियमित रूप से निगरानी रखी जा सके।

सातवें वेतन आयोग का गठन: न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राहत देने के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन कर दिया गया है| इसके लिए न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया गया है|
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायमूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्‍यक्षता में 7वें के‍न्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदम्‍बरम ने इस बारे में इस बारे में बताया कि प्रधानमंत्री ने 7वें केन्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसके सदस्‍य निम्‍नलिखित होंगे।
1 श्री न्‍यायामूर्ति अशोक कुमार माथुर (सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायामूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष) – अध्‍यक्ष
2 श्री विवेक राय (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव) – सदस्‍य (पूर्णकालिक)
3 डॉ. राथिन रॉय (निदेशक एनआईपीएफपी) – सदस्‍य (अंशकालिक)
4 श्रीमती मीना अग्रवाल (वित्‍त मंत्रालय में व्‍यय विभाग के ओएसडी) – सचिव
गौरतलब है कि इससे पूर्व चौथे, पाचंवे और छठे केन्‍द्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशें निम्‍न रूप से कार्यान्वित की गईं थीं :
[अ]चौथा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1986
[आ]पांचवां केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1996
[इ]छठा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.२००६
इस वेतन आयोग के गठन के लिए पांच माह पूर्व घोषणा की गई थी
वेतन आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेश करने में लगने वाली औसतन अवधि लगभग दो वर्ष है।
उपरोक्‍त अवधि को ध्‍यान में रखते हुए सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने में अब से लगभग दो वर्ष का समय लग सकता है। अत: इस आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2016 से लागू होने की संभावना है।
देश के केंद्रीय सरकार के लगभग 85 लाख [५०+३५सेवा निवृत ]कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है।इससे पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में १०%बढ़ोतरी की खबरें भी आ रही हैं

क्रिकेटर सचिन रमेश तेन्दुलकर और प्रसिद्द वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव भारत रत्न से विभूषित

लिजेंडरी क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर और प्रसिद्द वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव को भारत रत्न से सम्मानित किया गया |
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रोफेसर सीएनआर राव और श्री सचिन तेन्दुलकर को आज नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित गरिमामय समारोह में भारत रत्न से विभूषित किया।

 राष्ट्रपति‍ भवन नई दि‍ल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति‍ श्री प्रणब मुखर्जी प्रो चिंतामणि नागेसा रामचंद्र राव को भारत रत्न पुरस्कार 2014 से सम्मानि‍त करते हुए

राष्ट्रपति‍ भवन नई दि‍ल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति‍ श्री प्रणब मुखर्जी प्रो चिंतामणि नागेसा रामचंद्र राव को भारत रत्न पुरस्कार 2014 से सम्मानि‍त करते हुए


इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति हामिद मो अंसारी+.प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह और यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी तथा भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री व् सचिन की पत्नी अंजलि+पुत्री सारा भी उपस्थित थे।सचिन भारत रतन पाने वाले पहले खिलाडी बन गए हैं अब तक ४३ भारत रत्न दिये जा चुके हैं
समारोह के पश्चात सचिन पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए भारत का यह सर्वोच्च एवार्ड अपनी माता को समर्पित किया और प्रो राव को बधाई भी दी|उन्होंने बताया कि बेशक उन्होंने क्रिकेट के माध्यम से देश को रिप्रेज़ेंट करना बंद किया है लेकिन देश को रिप्रेज़ेंट करते रहेंगे और लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे|

Mahatma Gandhi Was true global citizen :AAP Tributes On Martyr’s day

Aam Admi Party[AAP]Paid Tribute To Mahatma Mohan Das karam Chand Gandhi By Calling Him A true global citizen who wanted peace between every society and nation
As we observe Martyr’s day today, let us remember the sacrifice of millions of martyrs – freedom fighters, soldiers, activists and everyone who worked and laid their lives for betterment of our nation. Without their sacrifice, we wouldn’t be where we are now.
Mahatma Gandhi is not only the father of our nation but a true global citizen who wanted peace between every society and nation. His death will be a constant reminder for the need of real tolerance and understanding in our diverse nation. Let us join hands in the spirit of ‘bhaichara’ which he preached and walk in the path of truth and justice that he showed.
Today, we salute all these martyrs and aim for a peaceful, equitable and just nation.

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आई फौजों को राष्ट्रपति ने बैरकों में लौटने की स्वीकृति प्रदान की:BTR

[नई दिल्ली] गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आई फौजों को राष्ट्रपति ने बैरकों में लौटने की स्वीकृति प्रदान की |इस बीटिंग रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh and his wife Smt. Gursharan Kaur arrive at the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014. The Defence Minister, Shri A. K. Antony is also seen.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh and his wife Smt. Gursharan Kaur arrive at the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.
The Defence Minister, Shri A. K. Antony is also seen.


आज [बुधवार] शाम रायसीना हिल्स विजय चौक पर चले संगीतमय समारोह में तीनों भारतीय सेनाओं के १४ बैंड ने अनेकों मन मोहक प्रस्तुतियों से समां बांधे रखा समारोह की खासियत कुछ नई धुनें रहीं,इन्हें इस वर्ष खासतौर पर तैयार किया गया था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी+ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी+ प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह+ रक्षा मंत्री एके एंटनी + मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई गणमान्य
A view of the illuminated Rashtrapati Bhawan, South and North Block, during the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.

A view of the illuminated Rashtrapati Bhawan, South and North Block, during the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.

लोगों ने समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और समारोह का आनंद लिया।
इस अवसर पर तीनों सेनाध्यक्ष भी मौजूद थे। समारोह की कई प्रस्तुतियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं। महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन ‘अबाइड विद मी’ को जब सेना के बैंड ने प्रस्तुत किया, तो विजय चौक पर समारोह के साक्षी बनने आए हजारों लोगों ने तालियां बजा कर उनका उत्साह बढ़ाया|
[१] ‘जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया.’ धुन से हुई। इसे मेजर महेंद्र दास ने तैयार किया था। फिर
[२] सूबेदार जामन सिंह द्वारा रचित धुन ‘हे कांचा’ पर पाइप और ड्रम को बजाया गया।
[३] वहीं नायब सूबेदार दीनानाथ द्वारा तैयार की गई धुन ‘पाए जांदे पाले’ को पहली बार पेश किया गया। शाम होते ही राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक राष्ट्रपति भवन रौशनी से जगमगा उठा|
The Band performing at the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.

The Band performing at the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.


ब्रिटेन से आयातित इस परम्परा को १९५० में मेजरराबर्टद्वारा शुरू कराया गया था इस परम्परा को प्रतिवर्ष २९ जनवरी को मनाया जाता है
फौजों की बैरक में वापसी को ही बीटिंग रिट्रीट कहते हैं।
फ़ोटो कैप्शन
[१]The President, Shri Pranab Mukherjee being received by the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh, at the Beating the Retreat Ceremony, in New Delhi on January 29, 2014.
The Defence Minister, Shri A. K. Antony and the Minister of State for Defence, Shri Jitendra Singh are also seen.

“पंजाब केसरी” लाला लाजपत राय को आज कृतघ्न राष्ट्र ने याद किया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की

“पंजाब केसरी” स्वर्गीय लाला लाजपत राय को आज कृतघ्न राष्ट्र ने याद किया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की| लोक सभा स्पीकर श्रीमती मीरा कुमार ने आज सुबह संसद में देश के इस महान सपूत के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की |पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को जन्मे लालाजी स्वाधीनता संग्रामं में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं[बाल+पाल+लाल] में से एक नेता थे और पंजाब केसरी भी कहे जाते हैं|बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता था।
“स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का नारा देने वाले लाला लाजपत राय ने डीऐ वी स्कूल और पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना भी की थी।
30 अक्टूबर 1928 को इन्होंने लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में प्रदर्शन किया था जिसके दौरान हुए बर्बर लाठी-चार्ज हुआ जिसमे वह बुरी तरह घायल हो गए। इस प्रदर्शन में लगी चोटों से ही 17 नवम्बर 1928 को उनकौ देहान्त हो गया|उस समय उन्होंने कहा था “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी।” उनका यह कथन सत्य साबित हुआ और बहुत जल्द विदेशी शासक भारत छोड़ गए । शहीदे आजम भगत सिंह+ राजगुरू + सुखदेव लाला जी की मौत का बदला लेने के लिए 17 दिसंबर, 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफसर सांडर्स को गोली मार दी थी। सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
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The Speaker, Lok Sabha, Smt. Meira Kumar paying homage to Lala Lajpat Rai on his birth anniversary, at Parliament House, in New Delhi on January 28, 2014.

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में २ अतिरिक्त न्यायाधीशों की २ वर्षों के लिए नियुक्ति

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए वरिष्ठता के आधार पर न्यायमूर्ति [१]श्री इंदर सिंह उबोवेजा और
[२]श्री चन्द्र भूषण बाजपेयी को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप नियुक्त किया है। इनकी नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से दो वर्ष की अवधि के लिए की गयी है।

3 Additional Judges Of High Court of Punjab&Haryana Promoted As Judges

3 Additional Judges Judges Of High Court of Punjab&Haryana Are Appointed As Judges to the Same High court
In exercise of the powers conferred by clause (1) of Article 217 of the Constitution of India, the President has appointed
(i) Shri Justice Rajiv Narain Raina,
(ii) Shri Justice Tejinder Singh Dhindsa,and
(iii) Shri Justice Gurmeet Singh Sandhawalia, Additional Judges of the High Court of Punjab and Haryana to be Judges of the same High Court, in that order of seniority, with effect from the date they assume charge of their office.

गुलजार की “आंधी” सुचित्रा सेन का निधन : अभिनय के एक युग का अंत

गुलजार की फ़िल्मी आंधी जानी मानी अभिनेत्री सुचित्रा सेन[ रमा दास गुप्ता] का आज ८२ वर्ष की आयु में निधन हो गया| ६ अप्रैल १९३१ को जन्मी सुचित्रा सेन का आज कोलकत्ता के बेले व्यू क्लिनिक [ Belle View Clinic ] नामक एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया| सांस लेने में तकलीफ के इलाज के लिए इन्हें भर्ती कराया गया था|
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जानी मानी अभिनेत्री सुचित्रा सेन के निधन से एक युग का अंत हो गया है। ६० से अधिक फिल्मों में अभिनय का लोहा मनवा चुकी सुचित्रा सेन को भारत सरकार द्वारा पदम् श्री और वेस्ट बंगाल द्वारा बंग बिभूषण से सम्मानित किया जा चुका है| यधपि इन्होने हिंदी फिल्मो में बेहद कम काम किया लेकिन उनकी अभिनीत फ़िल्म आंधी[संजीव कुमार] देवदास [दिलीप कुमार] बम्बई का बाबू [देवानंद] ने उनके अभिनय के झंडे गाड़ दिए |सुचित्रा सेन की माता का नाम इंदिरा देवी था और सुचित्रा ने आंधी में इंदिरा गांधी के किरदार को सेलुलाइड पर सजीव कर दिया था इनके साथ अनेकों विवाद भी जुड़े हैं कहा जता है कि इन्होने दादा साहेब फाल्के एवार्ड लेने से मना कर दिया था इसके अलावा राज कपूर और सत्यजीत रे के साथ भी फ़िल्म करने से इन्होने इंकार किया