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उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता को नव जीवन प्रदान करने के लि‍ए ८ पत्रकारों को नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍ए

उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए ८ पुरुस्कार प्रदान कि‍ए |इनमे एक पुरूस्कार स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत दिया गया|
उपराष्‍ट्रपति‍ श्री मो. हामि‍द अंसारी ने आज आयोजि‍त एक समारोह में उर्दू पत्रकारि‍ता के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले पत्रकारों को ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍या। उर्दू साप्‍ताहि‍क ‘नई दुनि‍या’ द्वारा स्‍थापि‍त ये पुरस्‍कार अलग-अलग संवर्गों में प्रत्‍येक वर्ष दि‍ए जाते हैं। समारोह को संबोधि‍त करते हुए उप राष्ट्रपति ने स्‍कूलों में नयी पीढी के छात्रों के बीच उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लि‍ए प्रौद्योगि‍की को शामि‍ल करने का आग्रह कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ उर्दू भाषा समाप्‍ति‍ के कगार पर है, लेकि‍न कुछ वि‍द्वानों की प्रयासों के चलते इसे नया जीवन मि‍ला है। उन्‍होंने बताया कि‍ स्‍क्रि‍प्‍टों और गीतों के माध्‍यम से उर्दू भाषा को बढ़ावा देने में हिंदी फि‍ल्‍म उद्योग को भी उचि‍त श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए। उन्‍होंने उर्दू भाषा के क्षेत्र में काम कर रहे सभी पुरस्‍कृत पत्रकारों को बधाई दी।
पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं की सूची:-
1. दैनि‍क सि‍यासत, हैदराबाद को बेहतरीन उर्दू पत्रकारि‍ता के लि‍ए अजमत-ए-सहाफत पुरस्‍कार
2. दैनि‍क इंकलाब को बेहतरीन संपादकीय सामग्री के लि‍ए वकार-ए-सहाफत पुरस्‍कार 3. उर्दू राष्‍ट्रीय सहारा को बेहतरीन रि‍पोर्टिंग के लि‍ए अदाब-ए-सहाफत पुरस्‍कार
4. उर्दू टाइम्‍स, मुंबई को बेहतरीन ले-आउट एवं डि‍जाईन के लि‍ए ताजीन-ए-सहाफत पुरस्‍कार
5. श्री बि‍नोद मेहता, संपादक, आउटलुक को राष्‍ट्रीय एकता में योगदान के लि‍ए कौमी यकजाहती पुरस्‍कार
6. श्री संजीव सर्राफ, रेखता को उर्दू भाषा के वि‍कास के लि‍ए फरोघ-ए-उर्दू पुरस्‍कार
7. स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत उर्दू भाषा में राष्‍ट्रीय एकता पर लेखन के लि‍ए सम्‍मान
8. श्री अहमद सईद मलीहाबादी को उर्दू पत्रकारि‍ता में योगदान के लि‍ए लाईफ टाईम एचीवमेंट पुरस्‍कार
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[1]The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari presented the ‘Nai Duniya Awards for Excellence in Urdu Journalism” to outstanding media persons in Urdu Journalism, at a function, in New Delhi on September 13, 2013.
The Union Minister for Civil Aviation, Shri Ajit Singh, the Minister of State for Agriculture & Food Processing Industries, Shri Tariq Anwar and other dignitaries are also seen.

राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान में बीते वर्ष के मुकाबिले इस वर्ष २८% अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया

फैशन प्रौद्योगिकी छेत्र में लोगों का रुझान बढ रहा है जिसके फलस्वरूप बीते वर्ष के मुकाबिले इस वर्ष २८% अधिक छात्रों ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) में प्रवेश लिया है|
वर्ष 2013 में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) ने पूर्व-स्नातक /स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 3187 छात्रों को प्रवेश दिया है। यह विगत वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या की तुलना में 28 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा वर्ष 1986 में की थी और वर्ष 2006 में भारतीय संसद के अधिनियम के जरिये इसे वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था ताकि यह संस्थान डिग्रियां और अन्य शैक्षिक विशिष्टताओं का वितरण करने के लिए अधिकृत हो सके। देश भर में इसके 15 केन्द्र हैं, जो बंगलूरू, गांधीनगर, नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, शिलांग, कांगडा, कन्नूर, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायबरेली आदि स्थानों पर हैं।
एनआईएफटी फैशन शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक विशिष्टता के लिए प्रतिबद्ध है और इसके पूर्व-छात्रों की संख्या 15,000 हो गयी है जिनमें से बहुत से लोग अग्रणी उद्यमियों के रूप में उभरे हैं।

National Institute of Fashion Technology (NIFT). On PPP Model Is Promised For Ludhiana:A step To Boost Indian Manchester

[Ludhiana] Ludhiana will be shortly having a National Institute of Fashion Technology (NIFT). This was announced by the Union Minister of Textiles K.S Rao in the presence of Manish Tewari, Union Minister for Information and Broadcasting here today. Shri Tiwari Is a Parliamentarian From Ludhiana .
The Union Textile Minister also announced that he alongwith Tewari will take up the issue of “anti-dumping duty” on some goods where it is badly needed with the Union Finance Ministry.There Is a Great Threat of anti-dumping duty on cheap products being sent by China+ Indonesia +Bangladesh,For Which Rao assured that he and Tewari will take up the issue with the Ministry of Finance.
Rao also announced Rs. 10 crores for Exhibition Centre within the upcoming Apparel Park, for the textile sector in the town. He also assured all possible support from the Government of India to promote the knitwear industry.
Agreeing to the industry demand for a training centre in the city, the Minister said that District Industries Centre (DIC) will be asked for immediate action. In order to promote training of unskilled labour, Rao announced that the Centre will provide Rs. 10,000 for each trainee whom the industry undertakes to train.

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing the gathering, at Ludhiana on September 11, 2013. The Union Minister for Textiles, Dr. Kavuru Sambasiva Rao, the former Punjab Minister Shri Surinder Singla and the DCCI Urban President, Shri Pawan Diwan are also seen.

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing the gathering, at Ludhiana on September 11, 2013.
The Union Minister for Textiles, Dr. Kavuru Sambasiva Rao, the former Punjab Minister Shri Surinder Singla and the DCCI Urban President, Shri Pawan Diwan are also seen.


He lauded the efforts by Tewari in promoting the cause of industry in Punjab in general and Ludhiana in particular, and said that he had been persistent in his effort to fulfil the Industry’s demands.
In his remarks, Manish Tewari said that the Government has a responsibility to promote industry in all possible ways. Recalling the general norms of making available land and bearing capital cost for setting up of an NIFT by the State Government, Tewari suggested that PPP Model could be considered for Ludhiana as industry was willing to provide land for the purpose.
He emphasized that opening an NIFT in Ludhiana was the need of the hour to further develop the industry and to provide employment opportunities to the local youth.
Tewari further said that the people of Punjab are industrious and have progressed under all conditions, with or without Government support. It is imperative to lend them necessary support to quicken the pace of progress and development. He expressed confidence that all possible support will be made available by the Ministry of Textiles.
The Minister further said that as each household in Ludhiana is connected with Textile/Hosiery industry, the demanded support will go a long way in promoting the cause of this sector. He further said the Textiles Minister was apprised of the various issues related to the sector following his deliberations and interactions with various organizations of this sector during his visit to Ludhiana.
Later, at the press interaction Rao exhorted the entrepreneurs of Ludhiana to produce more as industrial production is the backbone for any economy and India needs this support at this crucial juncture, when the economy needs higher production and larger exports.
He also said that issues of imports related to Textiles have been resolved by the Centre and he expects the sector to look up and contribute more to the Forex kitty.
The steps included removal of Central Excise Duty on certain items. He also promised to take up the issue of warehousing facilities in major Latin American countries.
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[1] The Union Minister for Textiles, Dr. Kavuru Sambasiva Rao and the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing at a Press Conference, in Ludhiana on September 11, 2013.

केन्द्रीय मंत्री डॉ शशि‍ थरूर को पहला श्री नारायण गुरू वैश्‍वि‍क धर्मनि‍रपेक्ष एवं शांति‍ पुरस्‍कार, 2013

उपराष्‍ट्रपति‍ हामि‍द अंसारी ने केन्द्रीय मंत्री डॉ शशि‍ थरूर को प्रथम श्री नारायण गुरू वैश्‍वि‍क धर्मनि‍रपेक्ष एवं शांति‍ पुरस्‍कार, 2013 प्रदान कि‍या और लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत अपरि‍हार्य बताते हुए कहा कि श्री थरूर ने इस दिशा में एक आदर्श स्‍थापि‍त कि‍या है और भारत में और विदेशों में उन्‍होंने इन आदर्शों के प्रति‍ अपने लेखन और अपने सार्वजनिक जीवन के कार्य में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है|
इस अवसर पर उपराष्‍ट्रपति‍ श्री अंसारी ने कहा है कि‍ धर्मनि‍रपेक्षता और लोकतंत्र वे आधारभूत सि‍द्धांत हैं जि‍नपर हमारे लोकतंत्र की स्‍थापना हुई है। वे हमारे संवि‍धान की प्रस्‍तावना में अंतर्नि‍हि‍त हैं। वास्‍तव में वे सब सामाजि‍क, आर्थि‍क और राजनीति‍क न्‍याय के सि‍द्धांत+वि‍चारों+ अभि‍व्‍यक्‍ति‍+ मत+आस्‍था और पूजा की स्‍वतंत्रता+ स्‍थि‍ति‍‍ और अवसर की समानता से जुड़ी हैं।
उप राष्ट्रपति ने आज ति‍रुअनंतपुरम, केरल में मानव संसाधन वि‍कास राज्‍यमंत्री श्री शशि‍ थरूर को ‘’ प्रथम श्री नारायण गुरु वैश्‍वि‍क धर्मनि‍रपेक्ष और शांति‍ पुरस्‍कार, 2013’’ प्रदान कि‍या।
उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि‍ हमारे पूर्वज वास्‍तवि‍कता को जानते थे। वे जानते थे कि‍ एक एकीकृत, आधुनि‍क और बहुल भारत के नि‍र्माण के लि‍ए हमारे प्राचीन और विविधतापूर्ण देश में, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत अपरि‍हार्य थे।
श्री अंसारी ने कहा कि‍ उल्‍लेखनीय है कि‍ 19 वीं सदी के अंति‍म और 20 वीं सदी के आरंभ के वर्षों के अपने जीवनकाल के दौरान, श्री नारायण गुरु इसी सामाजिक न्याय और समानता, धर्मनिरपेक्षता, उत्पीड़न से मुक्‍ति‍ और गरीबों के सशक्तिकरण तथा हाशिए पर पड़े लोगों के सामाज-आर्थिक उत्थान और शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि‍ पि‍छले 65 वर्षों में सामाजि‍क न्‍याय, आर्थि‍क वि‍कास और राजनीति‍क सशक्‍ति‍करण के लि‍ए बहुत कुछ कि‍या गया है, फि‍र भी भारत को एक आधुनिक, प्रगतिशील और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए और भी बहुत कुछ कि‍या जाना बाकी है।
उपराष्‍ट्रपति‍ ने कहा कि‍ आज के पुरस्‍कार का उद्देश्‍य एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को सम्‍मान देना है जि‍न्‍होंने एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्‍होंने कहा कि‍ महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु ने सभी मानव जाति‍ के प्रति‍ एकता और समानता का पाठ पढ़ाकर केरल के सामाजिक ढांचे को बदल दि‍या। उन्‍होंने योग्‍य प्राप्‍तकर्ता के रूप में श्री थरूर के चयन के लि‍ए प्रति‍ष्‍ठि‍त ज्‍यूरी की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि‍ श्री थरूर ने एक आदर्श स्‍थापि‍त कि‍या है और भारत में और विदेशों में उन्‍होंने इन आदर्शों के प्रति‍ अपने लेखन और अपने सार्वजनिक जीवन के कार्य में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
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[1] The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari presenting the “First Sree Narayan Guru Global Secular & Peace Award 2013” to the Minister of State for Human Resource Development, Dr. Shashi Tharoor, at a function, at Thiruvananthapuram, Kerala on September 10, 2013.
The Governor of Kerala, Shri Nikhil Kumar is also seen.

भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्‍क एसएमएस सेवा शुरू

भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्‍क एसएमएस सेवा शुरू|सूचना एवं प्रसारण युवा मंत्री मनीष तिवारी ने आज भारत निर्माण अभियान की ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की।

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari

The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari


इस ऑनलाइन पोर्टल द्वारा भारत निर्माण अभियान की विभिन्‍न परियोजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी डिजिटल प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध होगी। यह डिजिटल प्‍लेटफॉर्म अंग्रेजी, हिन्‍दी और 11 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान की जाएगी। इस सुविधा के शुरू हो जाने से उपयोगकर्ता को सभी जानकारियां एक ही स्‍थान पर उपलब्‍ध होंगी। इसके जरिये फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब को भी जोड़ गया है।
इसके अलावा मोबाइल फोनों और टैब्‍लेट के लिये भी पोर्टल से संबंधित एप्‍लीकेशन्‍स दिये गए हैं।
समग्र मल्‍टी मीडिया अभियान 2013 के दूसरे चरण की शुरुआत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 14 अगस्‍त, 2013 को की थी। इस मल्‍टी मीडिया अभियान को आठ जन सूचना अभियानों के जरिये मजबूत मीडिया तंत्र का समर्थन प्राप्‍त है। ग्रामीण इलाकों में यह काम पत्र सूचना कार्यालय कर रहा है, जिसे डीएवीपी, डीएफपी और गीत एवं नाटक डीविजन का समर्थन प्राप्‍त है। अब तक चार जन सूचना अभियानों को ‘जमुनिया’ ध्‍वनि एवं प्रकाश शो का समर्थन प्राप्‍त है।
श्री तिवारी ने आज ही आकाशवाणी का ‘आकाशवाणी समाचार निःशुल्‍क एसएमएस सेवा’ की भी शुरुआत की। उपभोक्‍ताओं को मोबाइल टेलीफोन पर आकाशवाणी समाचार निशुल्‍क एसएमएस द्वारा प्रदान की जाएगी।मंत्रालय ने दावा किया है कि अब तक दो लाख लोग इस सेवा से जुड़ चुके हैं।
फोटो कैप्शन
[१]The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing at the launch of the Bharat Nirman Online Portal and AIR Free News SMS Service, in New Delhi on September 09, 2013.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and other dignitaries are also seen.

डॉ मन मोहन सिंह ने शहीद पत्रकार लाला जगत नारायण को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री द्वारा शहीद पत्रकार लाला जगत नारायण की स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया
डॉ मन मोहन सिंह ने लाला जगत नारायण को एक बहादुर स्‍वतंत्रता सेनानी+ निडर पत्रकार+ और कुशल सांसद के रूप में याद किया|लाल जगत नारायण द्वारा शुरू किये गए ३ अख़बारों को 33 लाख से भी ज्‍यादा लोग रोज पढ़ते हैं|
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्‍ली में लाला जगत नारायण की स्‍मृति में एक डाक टिकट जारी किया।इस आवसर पर पी एम् ने कहा कि लाला जगत नारायण जी हमारे देश के एक महान सपूत थे। वह एक बहादुर स्‍वतंत्रता सेनानी, एक निडर पत्रकार और कुशल सांसद थे, उनकी राष्‍ट्रभक्ति हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि हम आज उन्‍हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी याद में एक डाक टिकट जारी कर रहे हैं।
डॉ मन मोहन सिंह ने लाला जी कि उपलब्धियों का वरन करते हुए बताया कि 21 साल की उम्र में लाला जगत नारायण जी ने पढ़ाई छोड़कर महात्‍मा गांधी की अपील पर असहयोग आंदोलन में हिस्‍सा लिया। उनको ढाई साल की सज़ा हुई, लेकिन लाला लाजपत राय के सचिव के रूप में उन्‍होंने जेल में भी आजादी की लड़ाई में योगदान देने का काम जारी रखा। जेल से रिहाई के बाद वह देश के स्‍वतंत्र होने तक बराबर आजादी की लड़ाई में सरगर्मी से हिस्‍सा लेते रहे। भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्‍सा लेने के लिए उन्‍हें 3 साल की सज़ा हुई और आजादी की जंग के सिलसिले में वह कुल 9 साल जेल में रहे।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing at the release of the commemorative postage stamp

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing at the release of the commemorative postage stamp


आजादी के बाद वह लाहौर से जालंधर आ गए। उन्‍होंने देश सेवा का अपना काम जारी रखा। वह पंजाब विधान सभा के सदस्‍य और पंजाब सरकार में शिक्षा, परिवहन और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रहे। 1964 से 1970 तक वह राज्‍य सभा के सदस्‍य रहे। इन सभी पदों पर उन्‍होंने अपनी कार्यकुशलता की एक अलग छाप छोड़ी।
पत्रकारिता से लाला जगत नारायण जी का संबंध 1924 में बना, जब वह भाई परमानंद की पत्रिका आकाशबानी के संपादक बने। वह श्री पुरूषोत्‍तम दास टंडन जी की साप्‍ताहिक पत्रिका पंजाब केसरी के संपादक भी रहे। आजादी के बाद उन्‍होंने उर्दू अख़बार ”हिंद समाचार” की शुरुआत की और आगे चलकर हिंदी अख़बार ”पंजाब केसरी” और पंजाबी अख़बार ”जगबानी” भी स्‍था‍पित किए। आज इन तीनों अखबारों को 33 लाख से भी ज्‍यादा लोग रोज पढ़ते हैं।
लाला जगत नारायण जी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में जिन आदर्शों और मूल्‍यों का हमेशा पालन किया, वह आज भी हमारे देश के पत्रकारों का मार्गदर्शन करते हैं। उन्‍होंने मीडिया पर काबू रखने की कोशिश का जोरदार विरोध किया। उनकी निडरता हमारे लिए एक मिसाल है। उन्‍होंने आतंकवादी ताकतों की पुरजोर मुखालफत की, जिसकी वजह से उन्‍हें अपनी जान भी कुर्बान करनी पड़ी। उनके जीवन से हमें यह शिक्षा भी मिलती है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, हमें अपने उसूलों से कभी भी कोई समझौता नहीं करना चाहिए।
पत्रकारों के लिए लाला जगत नारायण जी का संदेश खास अहमियत रखता है। मीडिया को किस प्रकार की भूमिका अदा करनी चाहिए और किस तरह से मुश्किल हालात में भी एक पत्रकार को ईमानदार, निडर और निष्‍पक्ष रहना चाहिए, उनका जीवन हमें यह खास सीख देता है।
अपनी बात खत्‍म करने से पहले मैं एक बार फिर लाला जगत नारायण जी को श्रद्धांजलि देता हूं।”
फोटो कैप्शन [1]प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह लाला जगत नारायण की स्मृति में ९ सितम्बर २०१३ को नई दिल्ली में डाक टिकेट जारी करते हुए| साथ में केन्द्रीय मंत्री कपिल सिबल भी हैं

कांग्रेस के थिंक टैंक और पंजाबी संगठन के सरंक्षक पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी का 85 साल की आयु में निधन हो गया

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी का 85 साल की आयु में निधन हो गया| लोधी रोड शवदाहगृह में आज शाम उनके पार्थिव शरीर का अंतिम -संस्कार किया गया |श्री भंडारी देश के पूर्व विदेश सचिव +उत्तर प्रदेश+गोवा+त्रिपुरा के राज्य पाल के साथ ही दिल्ली के भी उप राज्यपाल भी रहे हैं| भाषा ने उनके परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे भंडारी ने कल रात गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली ।
उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और देश के पूर्व विदेश सचिव रोमेश भंडारी का लंबी बीमारी के बाद शनिवार रात गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। श्री भंडारी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी है।श्री भंडारी कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाते रहे हैं इसके अलावा पंजाबी संगठन के सरंक्षक भी रहे हैं|पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पंजाबी समाज को एकजुट करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी|इसके अलावा श्री भंडारी ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त करके [कांग्रेस के वर्तमान सांसद ]जगदम्बिका पाल को एक रात के लिए मुख्य मंत्री बना दिया था|
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उन्हें एक ‘कुशल प्रशासक’ बताया।
भंडारी 29 मार्च, 1928 को लाहौर में जन्मे थे। वह 1950 में न्यू यॉर्क के भारतीय वाणिज्य दूतावास में उप वाणिज्य दूत के तौर पर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे।

पी एम् की राहुल गाँधी के प्रति निष्ठा के प्रदर्शन से भारतीय राजनीती तो वास्तव में जलेबी की तरह ही गोल होती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बुद्धि जीवी

ओये झल्लेया हसाड़े सोने देश ये में कौन सी भेडी हवा बहने लग गई है?| पहले राहुल गाँधी ने कहा कि वोह प्रधान मंत्री की रेस में शामिल नहीं है फिर सर्वाधिक चर्चित नरेंदर मोदी ने भी हाथ खड़े करके कह दिया कि २०१७ तक उन्हें गुजरात की सेवा करनी है|यहाँ तक तो ठीक था मगर आज प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने रूस से लौटते समय अपने स्पेशल प्लेन से स्वयम कह दिया है कि अपनी पार्टी के युवा नेता राहुल गाँधी के न्रेतत्व में उनकी पूर्ण निष्ठा है और राहुल गाँधी के न्रेतत्व में काम करके उन्हें ख़ुशी होगी|ओये हुन हसाड़े मुल्क का क्या होगा?क्या राहुल गाँधी जैसे ही प्रधान मंत्री के पद पर थोपे जाते रहेंगे ?

झल्ला

सर जी हसाड़े पी एम् की राहुल गाँधी के प्रति निष्ठा के प्रदर्शन से भारतीय राजनीती तो वास्तव में जलेबी की तरह ही गोल होती जा रही है|अब इससे ,माफ़ करना,सामाजिक मधुमेह तो होवे ही होवे |

सितारा होटलों द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली निशुल्क सुविधाओं को होटल की वैबसाइट पर भी अपलोड करना होगा

स्टार होटल्स द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली निशुल्क सुविधाओं को होटल की वैबसाइट पर भी अपलोड करना होगा |
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए होटल सेवाओं को ग्राहक केंद्रित बनाने के लिए होटल वर्गीकरण/पुनर्वर्गीकरण दिशानिर्देशों में संशोधन किये गए|
होटल सेवाओं को ग्राहक केंद्रित बनाने के लिए होटल वर्गीकरण/पुनर्वर्गीकरण दिशानिर्देशों में संशोधनों को पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. के. चिरंजीवी ने मंजूरी दे दी है। पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार उद्योग से सुझाव प्राप्त होने के बाद इन दिशानिर्देशों को यह मंजूरी दी गई है।
डॉ. के. चिरंजीवी के अनुसार दिशा निर्देशों में संशोधन का उद्देश्य होटलों में उच्च स्तर की सेवाएं उपलब्ध कराना तथा आगमन पर या उससे पहले वहां ग्राहक के अधिकारों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना भी है।
पर्यटन मंत्री ने आशा प्रकट की कि संशोधित दिशा निर्देशों से होटलों को ग्राहकों के अधिक अनुकूल और आतिथ्य सत्कार से भरपूर बनाया जा सकेगा। संशोधित दिशानिर्देशों में से मुख्य निम्न हैं हैं:-
[१]सभी स्टार होटलों को अपनी वैबसाइट पर पूरक आधार पर उपलब्ध सुविधाएं शीर्ष के तहत और मेहमानों को पूरक नाश्ते (भारतीय नाश्ता, कंटीनेंटल ब्रेकफास्ट या अमरीकी ब्रेकफास्ट जैसे वर्गीकरण का संकेत करते हुए), आयरन और आयरन बोर्ड सुविधा, शू पॉलिश सुविधा, शू हॉर्न और स्लिपर्स, डेंटल किट, शेविंग किट इत्यादि जैसी निशुल्क सुविधाओं के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए।
[२] यदि कोई सुविधा सिर्फ अनुरोध पर उपलब्ध कराई जाती है लेकिन कमरे के किराए में शामिल की जाती है तो पूरक आधार पर उपलब्ध सुविधाओं के शीर्ष के तहत होटल की वैबसाइट पर भी उसका उल्लेख करना चाहिए।
[३]सभी स्टार होटल पोस्ट-टॉयलट-पेपर हाइजीन सुविधाओं के आधार पर वाटर स्प्रे या वॉशलेट या अन्य आधुनिक पानी आधारित सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। यह शर्त सभी नए होटलों पर लागू होगी जो 1.4.2016 से पहले शुरू हो जाएंगे।

नरेन्द्र मोदी ने १९७५ की इमरजेंसी में गिरफ्तारी से बचने के लिए सिख का छद्म वेश धारण किया था

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षक दिवस पर गुजरात के ३२ सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ ही टेक्नोलोजी के माध्यम से डेड़ करोड़ छात्रों के साथ संवाद भी स्थापित किया| इस अवसर पर नरेन्द्र मोदी ने व्यक्तिगत +राजनीतिक++ प्रशासनिक जीवन से सम्बंधित अनेकों प्रश्नों के उत्तर अपने सर्वोत्कृष्ट रोचक अंदाज में दिए |एक छात्र के प्रश्न पर श्री मोदी ने स्वीकार किया कि १९७५ में आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने सिख का छद्म वेश धारण किया था| एक छात्र ने जब पूछा कि प्रधान मंत्री बनने के बाद भी क्या मोदी उनके प्रश्नों के उत्तर देंगे तो इसके ज़वाब में कहा कि मैं यहाँ २०१७ तक हूँ और आपके प्रश्न के उत्तर देने के लिए ५ सितम्बर की प्रतीक्षा करने की जरुरत नही है वरन कभी प्रश्न किये जा सकते हैं उनका उत्तर तत्काल मिलेगा|
एक अन्य प्रश्न कर्ता ने मोदी का ध्यान सिख के वेश में उनकी एक फोटो की तरफ कराया तो उन्होंने स्वीकार किया कि १९७५ में आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने सिख का छद्म वेश धारण किया था|
एक छात्र ने मोदी से उनके शासकीय ठाठ बाट के विषय में प्रश्न किया गया एक छात्र ने पूछा कि सिक्यूरिटी के साथ रहते रहते बोर नहीं हो जाते ?इस पर सी एम् ने कहा कि ये बुलेट प्रूफ कार वास्तव में कंफर्ट प्रूफ भी है एक दिन इस गाडी में बैठ कर देखो शाम तक तुम्हारी कमर सरे सुखों को बयाँ कर देगी|

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