झल्ले दी झल्लियां गल्लां
कांग्रेसी चीयर लीडर
ओये झल्लेया तुझे कुछ याद भी हैओये मोहन दास करम चंद गांधी जी ने १९१३ में साउथ अफ्रीका के भेदभावपूर्ण कानूनों के खिलाफ मार्च निकाला और महात्मा बन गए
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाणा आपने अपने खुद के ही महात्मा गांधी के मार्चों को भुला दिया इसीलिए पांच राज्यों में हुए चुनावों में सरकार से बाहर मार्च करने की नौबत आ गई है| अरे महात्मा गांधी ने भारतीय अनुबंधित श्रमिकों पर लगाये जाने वाले ३ पाउंड के कर का भी विरोध किया था लेकिन आप के पास तो अनेकों गांधी हैं फिर भी आप लोग केंद्र के सरकारी दफ्तरों में भी अनुबंधित कर्मियों से कार्य करा रहे हैं और वेतन के नाम पर अधिकृत वेतन से आधा वेतन का ही भुगतान कर रहे हैं कहने दा भाव है कि “कर” पौंड एडवांस में ही काट रहे हैंऔर अंग्रेजों से ज्यादा “कर ” काट रहे हैं |
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