झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक रालोद नेता
ओये झल्लेया ये क्या मज़ाक चल रहा है ?अभी हसाड़े छोटे चौधरी ने एविएशन मंत्रालय का कार्य भर सम्भाला ही है कि घोटालों के आरोपों की बाड़ ही आ गई है|एयर पोर्ट लीज का मामला अभी सर दर्द पैदा कर ही रहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच टीम या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से एयर इंडिया के मामलों में आपराधिक जांच कराने की याचिका पर नोटिस जारी किया है। सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन की ओर से दायर याचिका पर केंद्र+ सी बी आई और सीवीसी के साथ हसाडी लडखडाती एयर इंडिया को भी नोटिस भेज दिया गया है|
इस अधिवक्ता प्रशांत भूषण को कोई काम धाम तो है नहीं अब 2004-08 के गड़े मुर्दे उखाड़ कर कह रहा है कि एन सी पी कोटे के तत्कालीन नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल के दौरान बड़ा घोटाला हुआ है। विदेशी विमान विनिर्माताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 67,000 करोड़ रुपये में 111 विमान खरीदे गए हैं| हजारों करोड़ रुपये में विमान पट्टे पर लिए गएहैं| विदेशी विमानन कंपनियों को डबल अधिकार दिए गए जबकि बदले में एयर इंडिया को झुनझुना भी नहीं दिया गया|और तो और इस दौरान निजी विमानन कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए फायदे वाले हवाईमार्गों पर एयर इंडिया की उड़ान को भी रोकने को कह दिया गया|
इस पर भी बस नहीं हुई | इतने गलत कदम उठाने के बाद मंत्रालय ने दो राष्ट्रीय विमानन कंपनियां एयर इंडिया + इंडियन एयरलाइंस का विलय कर दिया। इस विलय के कारण महज 100 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रही एयर इंडिया जिसके पास विमान खरीदने की क्षमता भी नहीं थी, घाटे में चली गई|अब इस सब के दोषी एन सी पी में हैं और सरकार के साथ हैं इसीलिए जब तक वोह सरकार के साथ हैं उनका बाल भी बांका नहीं होगा लेकिन हमारे चौधरी साहब को ख्वाह्मखाह भुगतना पड़ रहा है|
वैसे यार अरबों डॉलर के इस विमान खरीद सौदों के एवज में भारी रिश्वत भी तो जरूर मिली ही होगी?
jhallaa
अरे चौधरी आज कल तो लोग बाग़ कोयले की कालिख से नहीं डरते और आप हो की काजल के कालिख पर ही हाय तोबा मचा रहे हो|अब जब काजल की कोठरी में घुसे हो तो काजल की कालिख से क्यूं डरते हो ?फेस दी म्यूजिक |मेरी मानो तो आपके पीरियड में जो ये ड्रीम लाइनर की डील हो रही हैइसमें हर्जाने को वसूलने और घरेलू उड़ानों के लिए यूज किये जाने का भी आडिट अपने सामने ही करा लो वरना पांच या दस साल बाद कोई उठ खड़ा हुआ तो वोह ज़माना जयंत चौधरी [छोटे से छोटे] का होगा और को अगर जयंत को मंत्री बन्ना पडा तो उस बेचारे को ये सब भुगतना न पड़ जाए |
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