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Category: Poetry

मोदीभापे!वाकई अच्छे दिन आ गए,गर्दिश में थे अपने,वो सभी तोंद बढ़ा गए

#मोदीभापे
अच्छे दिन आ गए,वाकई अच्छे दिन आ गए
गर्दिश में सितारे जिनके,वो नेता तोंद बढ़ा गए
वाकई अच्छे दिन आ गए
गाड़ी से गाड़ियां आई ,महल भी मंजिलें पा गए
मय्यसर नही था चिराग,वो सूरज को कब्जा गए
वाकई अच्छे दिन आ गए
बांटते फिरते फ्री दुनिया मे हमारे टैक्स का सामान
पीड़ित को हक़ देने में दलीलें कर देते हो नाकाम
वाकई अच्छे दिन आ गए
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

विश्व कविता दिवस !पापा! मुझको एप्प दिला दो ,मोबाइल अपडेट करा दो

#विश्वकवितादिवस

World Poetry Day

World Poetry Day

पापा! मुझको एप्प दिला दो ,मोबाइल अपडेट करा दो
ज्ञान, विज्ञान भरा है इनमें,पेंटिंग के भी गुर सिखलाते
रौजाना अदभुत बातें बतलाते।ये तो फ्री में भी आ जाते
कक्षा में सभी बातें करते एक से बढ़ कर एक एप्प दिखलाते
विश्व मे समकक्ष रहें,खेल खेल में नया कर दिखाएं
विकास की नई राह दिखलाते,मैं भी ज्ञानी बन पाऊं
बढ़ रहा हमारा हिंदुस्तान,में भी करूं छोटा मोटा योगदान
कार्टून द्वारा नितिन सबलोक

मोदीभापे !राम मंदिर बन ही जायेगा,रामराज तो सियासी मरु में मृगतृष्णा है

#मोदीभापे
दुख दर्द पीड़ित का बिछोना है ,उत्पीड़न हुक्मरां का खिलौना है
राम मंदिर बन ही जायेगा,रामराज तो सियासी मरु में मृगतृष्णा है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !माद्दा कमाल नौकरशाह आरटीआई भी पचा लेते है

मोदीभापे
भृष्ट नौकरशाही का हाज़मा बेहद दुरुस्त है
माद्दा कमाल ये आरटीआई भी पचा लेते है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे ! जमीनी हकीकत से गाफिल हो या अदाकार की मजबूरी है

#मोदीभापे
अंत्योदय से सर्वोदय तक की उपलब्धि सिर्फ जुमला है
पीड़ित को जब तलक नही न्याय,हर दावा अधूरा है
पुरवाई की तरह रौजाना बहाते हो नित नए रसीले संवाद
जमीनी हकीकत से गाफिल हो या अदाकार की मजबूरी है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे! 1947 से पीड़ितों के दिल जल रहे पर बुझाने कोई माननीय नही आता

मोदीभापे
पीड़ितों के दिल जल रहे पर बुझाने कोई माननीय नही आता
रूहों के साये उलझाए हुए ,नित ऊंची हो रही इनकी दीवारें
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे ! हम थे जिनकी नींव कभी,उनकी भी जरुरत बदल गई

#मोदीभापे
पीड़ित की पीड़ा भी सुनने को कोई हुक्मरां तैयार नही
हम थे जिनकी नींव कभी,उनकी भी जरुरत बदल गई
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !पीड़ित बने फकीर ,हके बन्दगी फिर भी हम अदा कर रहे

मोदीभापे
तीन पीढ़ियां गुजर गई ,व्यथा किसी हुक्मरां ने सुनी नही
पीड़ित बने फकीर ,हके बन्दगी फिर भी हमअदा कर रहे
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

किससे सीखूँ तिजारते सियासत,तड़प सहने की तदबीर कैसे करूं

#मोदीभापे
पुराने जख्मों को जब तक रफू करता हूँ नए फफोले उभर जाते हैं
किससे सीखूँ तिजारते सियासत, तड़प सहने की तदबीर कैसे करूं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशनक्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !तुम्हें दौरों से ही नही फुर्सत ,कह दोगे एक दिन कहीं और जा मरो

#मोदीभापे
खुशी मिलती गर तुम्हारे राज में किसी पीड़ित को न्याय मिला होता
तुम्हें दौरों से ही नही फुर्सत,कह दोगे एक दिन कहीं और जा मरो
बंगाल से बंगलादेश का टूर
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052