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Category: Judiciary

सुप्रीमकोर्ट जी!आम आदमी के दर्द की चीखें हुक्मरानों के कान से कोसों दूर

#अनुभवीवकील
ओए झल्लेया!
ये क्या हो रहा है?
ओए कोरोनावधि में भी सरकार ब्याज पर ब्याज वसूल कर आम आदमी की कमर तोड़ने पर तुली हुई है।कहने को तो सरकार इस चक्रवृद्धि ब्याज को माफ कर रही है लेकिन एक माह से ज्यादा हो गया मगर अभी तक फ़ाइल खिसकाने वाले सरकारी पहिये जाम हुए पड़े है।ओए माननीय #सुप्रीमकोर्ट ने भी आम आदमी की दिवाली को ना बिगाड़ने के आदेश दे दिए है
#झल्ला
भापा जी !सुप्रीमकोर्ट जी!आम आदमी के दर्द की चीखें हुक्मरानों के कान से कोसों दूर हैं
।अब देखों सात दशकों से 1947 के पीड़ित अपने हक के #कंपनसेशनक्लेम के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन संसद तो क्या माननीय #सुप्रीमकोर्ट भी स्वतः संज्ञान नही ले रही

मीडिया के साथ ही अदालतों में लम्बित मामलों के निस्तारण पर दलील ज्यादा अपील करेगी

#चतुरवकील
ओए झल्लेया! ये क्या हो रहा है? ओए आजकल माननीय अदालतों के बजाय मीडिया में मुकद्दमों के ट्रायल हो रहे हैं।ओए इससे तो कोर्ट में लम्बित मामलों को प्रभावित करने की कुचेष्टा की जा रही है
#झल्ला
Polish_20201009_081852189भापा जी मीडिया के साथ ही अदालतों में लम्बित मामलों के निस्तारण पर दलील ज्यादा अपील करेगी
मीडिया पर भड़ास निकालते हुए अगर अदालतों में लम्बित मामलों के शीघ्र निस्तारण की दलील भी दे डालते तो आपकी पैरवी शायद ज्यादा अपील करती ।वैसे माननीय जज लम्बित मामलों को छोड़ कर स्वत् संज्ञान लेकर मुकद्दमे सुनने लगते है तो क्या मुकद्दमे चुनने के लिए इसमे कोई दिशा निर्देश है

प्रशासक को तिजौरी,शासक की तिजौरी+ईवीएम के लिए शमन नीति मुफ़ीद

#आमनागरिक
ओए झल्लेया!लगता है कि हसाडे मुल्क में ईमानदारों के बजाय बेईमानों को महत्व दिया जाने लगा है ।देख तो कितनी बेशर्मी से लोकल और राज्यस्तरीय हुक्मरानों ने #उत्तरप्रदेश में अतिक्रमण+नाजायज कब्जे+अनाधिकृत निर्माण को जायज ठहराने के लिए #शमन नीति लागू करने की ठान ली है। ओए हम तो बेफालतू में जमीनों की रजिस्ट्री कराने+नक्शा पास कराने +पर्यावरण बचाने में पैसा और समय बर्बाद करते रहे
#झल्ला
प्रशासक को तिजौरी और शासक की तिजौरी+ ईवीएम के लिए शमन नीति मुफ़ीद
भापा जी! प्रशासक को अपनी तिजौरी भरने और शासक को तिजौरी के साथ साथ ई वी एम मशीन भरने के लिए शमन नीति बढ़ी मुफ़ीद रहती है ।इसमें देने वाला भी खुश रहता है

प्रवासी भारतीय अमेरिका में अपनी साँसों को एलेक्शन्स तक काबू में रखें

20130908_004#प्रवासी भारतीय
ओए झल्लेया! ये हसाडे नाल #अमेरिका में क्या मजाक हो रहा है ??
ओये #केलिफोर्निया के न्यायाधीश जेफरी वाइट ने #एच1वीजा पर पाबंदी के प्रेजिडेंट #डोनाल्डट्रंप के अमानवीय निर्णय को पलट कर हमें राहत की सांस दी तो सांसद ब्रुक्स ने #प्रतिनिधिसभा मे विधेयक पेश करके हमारी साँसों की रफ्तार बढ़ा दी।ओये हमारे दम पर यहां का टूरिज्म +रियल एस्टेट और आई टी छेत्र आबाद है और हमे ही परेशान किया जा रहा है
#झल्ला
सर् जी चुनांवों तक साँसों को काबू में रखो।ऐसा उतार चढ़ाव तो होता रहेगा

तो क्या बाबरी मस्जिद के पैरोकारों की याचिकाओं पर भी कानूनी हथौड़ा चलेगा

#कृष्ण भक्त
ओए झल्लेया! ये तो जुल्म हो गया
ओए हमने #कृष्णजन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने के लिए भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से मेहनत करके मथुरा कोर्ट में याचिका डाली लेकिन माननीय ए डी जे 2 न्यायाधीश जी ने उसे इस टिप्पणी के साथ झट रद्द कर दिया कि भक्तों को कोई अधिकार ही नही है।अब हमें हाईकोर्ट जाना ही पड़ेगा
#झल्ला
तो क्या बाबरी मस्जिद के पैरोकारों की याचिकाओं पर भी कानूनी हथौड़ा चलेगा ???
शाह जी! यदि ऐसा है तो बाबरी मस्जिद के असंख्य पैरोकारों की याचिकाओं पर भी कानूनी
हथौड़ा जरूरी है

Advani And All Other 31 Accused In Babri Case Acquitted

' L K Advani (Lucknow,UP)Advani And All Other 31 Accused In Babri Case Acquitted
All the 32 accused in the Babri mosque demolition case, including BJP veterans L K Advani and MM Joshi, were on Wednesday acquitted by a special CBI court
The court said there was no conclusive proof against the accused.
The case relates to the razing of the disputed structure in Ayodhya on December 6, 1992.
The 32 accused persons include former deputy prime minister Advani, former Union minister Joshi and Uma Bharti, former Uttar Pradesh chief minister Kalyan Singh, during whose tenure the structure was pulled down, besides Vinay Katiyar and Sadhvi Rithambara.
Champat Rai, the general secretary of the trust in charge of constructing the temple, is also among the accused.
The CBI, which went into the case, produced 351 witnesses and 600 documents as evidence before the court. Charges were framed against 48 people, but 16 had died during the course of the trial.
Over two dozen of 32 accused were present.
Advani (92), Joshi (86), Bharti (61), Singh (88), Nritya Gopal Das and Satish Pradhan were not present in court.

सुप्रीमकोर्ट जी! कृपया1947 के पीड़ितों की व्यथा भी मंगवा लीजिये

दूसरों को नुक्सान पहुंचा कर इडब्लूएस को १०% आरक्षण नहीं :सुप्रीम कोर्ट

दूसरों को नुक्सान पहुंचा कर इडब्लूएस को १०% आरक्षण नहीं :सुप्रीम कोर्ट

#उत्साहित #वक़ील
ओए झल्लेया!सुप्रीमकोर्ट का हथौड़ा उठ गया।ओये सभी हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि मुल्क में जन सेवा के नाम पर संसद और विधान सभाओं में पहुंचे पूर्व और वर्तमान माननीयों पर 4442 आपराधिक मामले लम्बित है
इनमें से ढाई हजार मामले तो वर्तमान माननीयों पर ही चल रहे हैं।ओए अब ये सभी बेनकाब हो जाएंगे
#झल्ला
भापा जी! कृपया1947 के पीड़ितों की व्यथा भी मंगवा लीजिये IMG-20200830-WA0001
947 के पीड़ितों के कानूनी हक की हुई लूट से सम्बंधित मामलों की जानकारी भी मंगवा ली जाए

Prashant Bhushan Sentenced To Pay ₹ 1 in Contempt Case

(New Delhi)Prashant Bhushan Sentenced To Pay ₹ 1 in Contempt Case
Supreme Court on Monday imposed a token fine of Re 1 on activist-lawyer Prashant Bhushan in a contempt case, which will have to be paid by September 15.
Chronology of events is as under
Jun 27: Bhushan tweets about undeclared emergency in the country and the role of the Supreme Court and last four chief justices of India.
Jun 29: Bhushan tweets about Chief Justice S A Bobde trying a Harley Davidson super-bike in his hometown Nagpur during the coronavirus outbreak.
Jul 22: SC initiates contempt proceedings against Bhushan after taking note of a complaint filed by a lawyer in this regard; issues notice to him.
Aug 14: SC holds Bhushan guilty of criminal contempt for his both tweets ‘against the judiciary’.
Aug 24: Bhushan files a response refusing to apologise to the SC while hearing argument of point of quantum of sentence.
Aug 25: Attorney General K K Venugopal urges SC to let Bhushan off the hook.
SC once again asks Bhushan to apologies. He refuses.
SC reserves judgment on Bhushan’s sentencing.
Aug 31: SC imposes fine of Re 1 on Bhushan, to be paid by September 15; default to lead to 3-month-jail term, debarment from practice in the apex court for 3 years.

पायलट ने अदालत में दी चुनोती;विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस

(जयपुर) पायलट ने अदालत में दी चुनोती;विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस
बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस को सचिन पायलट खेमे ने राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत इस याचिका पर बृहस्पतिवार दोपहर में सुनवाई करेगी।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों को भेजे गए इस नोटिस पर न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा की अदालत में सुनवाई होगी।
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया।
पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा भी हैं। अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत को लेकर सचिन पायलट के साथ इन्हें भी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट कुछ नाराज चल रहे थे।
राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और भाजपा के पास 72 विधायक हैं

Punjab Govt to Knock High Court Against School Fee During Lockdown

(Chd,Pb) Punjab Govt to Knock High Court Against School Fee During Lockdown
The Punjab Government will file a Letters Patent Appeal (LPA) in the High Court this week against the decision of a single judge in the matter of payment of school fee during the lockdown period.
A single judge of the High Court had, on June 30, ruled that all the schools were entitled to collect tuition fee irrespective of offering online classes during the lockdown.
In her ruling, Justice Nirmaljit Kaur had said all schools, whether they offer online classes during the lockdown period or not, are entitled to collect the tuition fee. However, the court ruled, the schools will continue to endeavour and impart online/ distance learning so education is not adversely impacted due to the present or future lockdowns imposed due to the pandemic.