Ad

Category: Politics

अखिलेश यादव जी छपरौली में यमुना पर पुल के निर्माण के लिए ५०% राशि के लिए शीघ्र हामी भरो :चौ.अजित सिंह

RASTRIY LOK DAL

RASTRIY LOK DAL

चौ. अजित सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक और पत्र लिखा है|इस पत्र में छपरौली में यमुना पर पुल निर्माण के संबंध में प्रदेश सरकार की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास के लिए अनदेखी किये जाने को उठाया गया है|
राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह ने छपरौली में यमुना पर पुल के निर्माण की आवश्यक सैद्धांतिक सहमति हरियाणा सरकार को शीघ्रातिशीघ्र भेजने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। इससे पूर्व उन्होंने बीते सप्ताह ही दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था|
रालोद सुप्रीमो चौ. अजित सिंह ने कहा है कि यमुना पर प्रस्तावित यह पुल छपरौली (बागपत, उत्तर प्रदेश) और हथवाला (हरियाणा) के मध्य स्थित है। इस पुल के निर्माण के संबंध में चौ. अजित सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को भी पत्र लिखा था। पत्र के जवाब में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इस पुल के निर्माण के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है और उन्होंने नियमतः इसकी 50 % लागत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की सैद्धांतिक सहमति शीघ्र भेजने के लिए 06 मई 2013 को पत्र लिखा था।
प्रस्तावित पुल का डीपीआर, लोकेशन इत्यादि निर्धारित करने के लिए हरियाणा सरकार के रूरल डेवलेपमेंट काॅरपोरेशन ने उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग के साथ बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव भी किया है। इस पुल की लागत का 50 प्रतिशत व्यय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने के लिए सैद्धांतिक सहमति अभी तक प्रेषित नहीं की गई है। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को अनुस्मारक भी भेज चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव भी 03 जून 2013 को अपने गाजियाबाद दौरे के समय इस पुल की मंजूरी की घोषणा कर चुके हैं।
यह पुल दोनों राज्यों के आसपास के ग्रामीणों और किसानों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दोनों राज्यों के निकटस्थ ग्रामीणों और किसानों के हितों को देखते हुए चौ. अजित सिंह ने इस पुल की सैद्धांतिक सहमति हरियाणा सरकार को शीघ्र भेजने तथा उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस पुल के निर्माण में हरियाणा सरकार के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग देने के समुचित निर्देश देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को कहा है।

भाजपा के देसी अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने अमेरिका में पहली सभा में तीन लक्ष्यों को भेदने का प्रयास किया

भाजपा के देसी अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने अमेरिका के राज्य न्यू जर्सी के एडिसन सिटी में एक साथ तीन लक्ष्यों को भेदने का प्रयास किया |
[१] भाजपा अध्यक्ष श्री सिंह ने नरेन्द्र मोदी की छवि को सुधारने का प्रयास किया | अमेरिकी कांग्रेस की विरोधाभाषी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ तो अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में नरेन्द्र मोदी के गुजरात में सुशासन की प्रशंसा की जाती है और दूसरी तरफ उसी मोदी को यात्रा [विजिटर]वीजा तक नहीं दिया जाता |उन्होंने अमेरिकी सरकार से इस विषय में पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया |इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका को देसी उलाहना देते हुए कहा कि भाजपा ने ही भारत और अमेरिका में सामरिक सहयोग की आधारशीला रखी|भविष्य में इन संबंधों में और प्रगाढ़ता आने का आश्वासन भी दिया |
[2] उन्होंने यूं पी ऐ की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा के भारत के विकास की कहानी समाप्त नही हुई है |भारतीय अर्थ व्यवस्था काफी मजबूत है | नीतियों को उचित तरीके से लागू करके सुशासन के जरिये भारतीय अर्थ व्यवस्था में नई जान डाली जा सकती है|
[३]विदेशी मित्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रवासी+अप्रवासी भारतीयों के सहयोग का आह्वाहन करते हुए कहा के अब भारत का समय आ चुका है इस सपने को पूरा करने के लिए विदेशों में रहने वाले भारतीयों को अपने सम्बन्ध और क्षमताओं के साथ आगे आना चाहिए |
अनन्त कुमार+डॉ सुधांशू त्रिवेदी+विजय जोली ने भी संबोधित किया|
बैठक में ओ ऍफ़ बी जे पी के पूर्व प्रभारी केदार नाथ साहनी+प्रो.बाल आप्टे+डॉ मुकुंद मोदी और उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रख कर श्रधान्जली दी गई

ओसामा बिन लादेन सम्बन्धी न्यायिक आयोग ने गैर कानूनी संबंधों को उजागर किया :सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृष्ण अडवाणी ने अपने ब्लॉग में ओसामा बिन लादेन सम्बन्धी पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की मीडिया में लीक हुई गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर सीमा अधिकारियों की अकुशलता +शासन +प्रशासन की मिली भगत,+अमेरिकी और आई एस आई के सहयोग + सबंधों को उजागर किया है| प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से :
वह मई, 2011 की शुरुआत थी जब सील टीम सिक्स (SEAL TEAM SIX) के रेड स्क्वाड्रन के चुनींदा 24 जवानों ने पाकिस्तान के एबटावाद स्थित ठिकाने पर धावा बोला था जहां अनेक वर्षों से ओसामा बिन लादेन छुपा हुआ था।
उपरोक्त घटना को, पाकिस्तान में सन् 1971, जब न केवल पाकिस्तान को प्रमुख युध्द में औपचारिक रुप से पराजय झेलनी पड़ी अपितु पाकिस्तान के विघटन से एक नए स्वतंत्र देश-बंगलादेश का भी जन्म हुआ था-के बाद सर्वाधिक बुरे राष्ट्रीय अपमान के रुप में वर्णित किया गया।
अमेरिकी सैनिकों द्वारा ओबामा को मारे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति जावेद इकबाल की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय जांच आयोग गठित किया। अन्य तीन सदस्यों में अशरफ जहांगीर काजी भी शामिल थे जो कुछ वर्ष पूर्व नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त थे।
आयोग ने 336 पृष्ठों वाली अपनी रिपोर्ट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को 4 जनवरी, 2013 को सौंपी। उन्होंने तुरंत रिपोर्ट को ‘गुप्त‘ करार दे दिया। लेकिन 8 जुलाई को अंग्रेजी टेलीविजन अल जजीरा ने किसी प्रकार इस रिपोर्ट की एक प्रति हासिल कर प्रकाशित कर दिया। स्पष्टतया, अल जजीरा की रिपोर्ट के आधार पर दि न्यूयार्क टाइम्स, दि गार्डियन, और कुछ दूसरे पश्चिमी समाचार पत्रों ने भी रिपोर्ट का एक सारांश प्रकाशित किया। अपने ब्लॉग के नियमित पाठकों के लिए मैं दि न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट यहां प्रस्तुत कर रहा हूं। दि सन्डे गार्डियन की रेजिडेंट सम्पादक सीमा मुस्तफा द्वारा, स्टेटस्मैन (भारत) में इस रिपोर्ट को दो किश्तों में जुलाई 20 और 21 में प्रकाशित किया।
न्यूयार्क टाइम्स के लंदन स्थित डेक्लान वाल्स की यह रिपोर्ट निम्न है:
लंदन – सोमवार (8 जुलाई) को मीडिया को ‘लीक‘ की गई एक हानिकारक पाकिस्तानी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक ”सामूहिक अक्षमता और उपेक्षा” के चलते लगभग एक दशक तक ओसामा बिन लादेन निर्बाध रुप से पाकिस्तान में रहा।
सर्वोच्च न्यायालय के एक जज की अध्यक्षता वाले चार सदस्यीय एबटाबाद कमीशन ने देश के शीर्ष गुप्तचर अधिकारियों सहित 201 लोगों से बातचीत की और 2 मई, 2011 को अमेरिकी धावे से जुड़ी घटनाओं को जोड़ने की कोशिश की है, जिसमें अलकायदा का सरगना बिन लादेन मारा गया और पाकिस्तानी सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
हालांकि कमीशन की रिपोर्ट 6 मास पूर्व पूरी हो गई थी परन्तु पाकिस्तानी सरकार ने इसे दबा दिया था और पहली ‘लीक‘ प्रति सोमवार को अल जजीरा ने सार्वजनिक की।
इस प्रसारण संस्था ने 336 पृष्ठों की रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया, इसमें यह भी स्वीकारा गया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी के मुखिया की गवाही वाला एक पृष्ठ इसमें नहीं है जिसमें प्रतीत होता है कि अमेरिका के साथ पाकिस्तान के सुरक्षा सहयोग के तत्वों को समाहित किया गया है।
कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान के टेलीकॉम रेग्यूलेटर ने पाकिस्तान के भीतर अल जजीरा की बेवसाइट को देखने से बचाने हेतु ठप्प कर दिया।
कुछ मामलों में कमीशन अपेक्षाओं के अनुरुप दिखा। अपनी रिपोर्ट में इसने अफगानिस्तान के टोरा बोरा में अमेरिकी हमले के बाद 2002 के मध्य में पाकिस्तान न आए बिन लादेन को पकड़ने में पाकिस्तान की असफलता के लिए षडयंत्र के बजाय अक्षमता का सहारा लिया है।
लेकिन अन्य संदर्भों में रिपोर्ट आश्चर्यजनक रही। इसमें प्रमुख सरकारी अधिकारियों के भावात्मक संशयवाद सम्बन्धी झलक है, जो कुछ सुरक्षा अधिकारियों द्वारा चोरी-छिपे मदद करने की संभावनाओं की बात कहती है।
यह कहती है कि ”कुछ स्तरों पर मिली भगत, सहयोग और संबंध को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है”।
रिपोर्ट, बिन लादेन जिसने अमेरिकी सैनिकों के हाथों में पड़ने से पूर्व सन् 2002-2011 के बीच 6 ठिकाने बदले थे, के दौर के उसके जीवन की ललचाने वाले नये खुलासे करती है। बताया जाता है कि अनेक बार अलकायदा के मुखिया ने अपनी दाढ़ी साफ करा रखी थी और पाकिस्तान या अमेरिकी सेना के हाथों में आने से बचने के लिए ‘काऊ ब्याय हैट‘ भी पहनना जारी किया था।
एक बार उस वाहन को तेजी से चलाने के जुर्म में रोका गया था जिसमें वह बैठा था मगर पुलिस अधिकारी उसे पहचानने में असमर्थ रहे और उसे जाने दिया।
रिपोर्ट ने पाकिस्तानी अधिकारियों की खिंचाई की है कि उन्होंने देश में सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी के ऑपरेशन्स करना बंद कर दिए हैं और नाना प्रकार से अमेरिकी कार्रवाई को गैर कानूनी या अनैतिक ठहराया है। इसके अनुसार सी.आई.ए. ने प्रमुख सहायक एजेंसियों की कायदा के मुखिया की जासूसी के लिए उपयोग किया, ‘किराए के ठगों‘ को साधा और पाकिस्तानी सरकार में अपने सहयोगियों को पूरी तरह से धोखा दिया।
रिपोर्ट कहती है: ”अमेरिका ने एक अपराधिक ठग की तरह काम किया है।”
अपनी अनियंत्रित भाषा और संस्थागत दवाबों के चलते रिपोर्ट पाकिस्तान में बिन लादेन के इधर-उधर छुपने की अवधि का सर्वाधिक सम्पूर्ण अधिकारिक वर्णन और अमेरिकी नेवी सील के हमले जिसने उसकी जान ली, को प्रस्तुत करती है।
चार सदस्यीय कमीशन में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जावेद इकबाल, एक सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, एक सेवानिवृत कूटनीतिक और एक सेवानिवृत सैन्य जनरल हैं। इसकी पहली बैठक अमेरिकी हमले के दो महीने बाद जुलाई, 2011 में हुई और इसकी 52 सुनवाई हुई तथा सात बार यह इलाके में गए।
अमेरिकी अधिकारियों ने कमीशन के साथ कोई सहयोग नहीं किया और सोमवार को विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पास्की ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान के घटनाक्रम पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यद्यपि कमीशन की भारी भरकम रिपोर्ट पढ़ने को नहीं मिली है परन्तु उन्होंने कहा कि प्रकाशित सारांशों से प्रतीत होता है कि दस्तावेज बताते हैं कि ”पाकिस्तानी कुछ तो जानते हैं कि कैसे बिन लादेन का वहां अंत हुआ।”
कई स्थानों पर पाकिस्तानी रिपोर्ट अमेरिकीयों द्वारा लादेन को पकड़े जाने से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों की असफलता पर कुपित होती और हताशा प्रकट करती है।
इसमें उन सीमा अधिकारियों की अकुशलता को रेखांकित किया गया है जिन्होंने उसकी एक पत्नी को ईरान जाने दिया, म्युनिसिपल अधिकारी जो उसके घर पर हो रहे असामान्य निर्माण पहचानने में असफल रहे, वे गुप्तचर अधिकारी जिन्होंने सूचनाओं को अपने पास ही रखा और उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अकुशलता का उल्लेख किया है जो ‘कर्तव्य पालन करने से वंचित रहने के गंभीर दोषी‘ पाए गए।
कमीशन ने उन सैन्य अधिकरियों से बातचीत की है जो पाकिस्तानी वायुसीमा में अमेरिकी विमानों के घुसने से बेखबर रहे और पाया कि 2 मई की रात को अमेरिकीयों द्वारा बिन लादेन के शव को विमान में ले जाने के 24 मिनट के भीतर पहले पाकिस्तानी लड़ाकू जेट फौरन रवाना हुआ।
रिपोर्ट कहती है यदि इसे विनम्रता से कहा जाए तो यह यदि अविश्वसनीय नहीं अपितु अकुशलता की स्थिति ज्यादा है तो विस्मयकारक है।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि सेना की शक्तिशाली इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस निदेशालय ”ओबीएल को पकड़ने में पूर्णतया असफल” रहा है और इसमें तत्कालीन खुफिया एजेंसी के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा की विस्तृत गवाही भी है।
osama-compoundकमीशन रेखांकित करता है कि कैसे आई.एस.आई. अधिकांशतया नागरिक नियंत्रण से बाहर ही ऑपरेट करती है। बदले में जनरल पाशा उत्तर देते हैं कि सी.आई.ए. ने सन् 2001 के बाद बिन लादेन के बारे में सिर्फ असंबध्द गुप्तचर सूचनाएं ही सांझा की। रिपोर्ट में लिखा है कि एबटाबाद पर धावा करने से पूर्व अमेरिकीयों ने बिन लादेन के चार शहरों-सरगोधा, लाहौर, सियालकोट और गिलगिट में होने की गलत सूचना दी।
जनरल पाशा को उदृत किया गया है कि ”अमेरिकी अहंकार की कोई सीमा नहीं है”। साथ ही साथ यह कि ”पाकिस्तान एक असफल राष्ट्र था, यहां तक कि हम अभी भी एक असफल राष्ट्र नहीं हैं”। अल जजीरा द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में गायब गवाही सम्बन्धी पृष्ठ जनरल पाशा की गवाही से सम्बन्धित हैं। अपनी बेवसाइट पर अल जजीरा लिखता है कि संदर्भ की जांच से यह लगता है कि गायब सामग्री देश के सैन्य नेता जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा ”सितम्बर 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिका से की गई सात मांगों की सूची है।
पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों ने अल जजीरा की रिपोर्ट की सत्यता पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सोमवार को भी, दि एसोसिएटिड प्रेस ने प्रकाशित किया है कि अमेरिका के स्टेट्स स्पेशल ऑपरेशन के शीर्ष कमांडर ने आदेश दिए कि बिन लादेन पर हमले सम्बन्धी सैन्य फाईलें रक्षा विभाग के कम्प्यूटरों से साफ कर दी जाएं और सी.आई.ए. को भेज दीं जहां उन्हें ज्यादा आसानी से जनता की नजरों से बचाया जा सकता है।
वाशिंगटन से इरिक सम्मिट ने इस हेतु सहयोग किया

ऊनों[ Wool] के आयात के लि‍ए सेनि‍टरी इम्‍पोर्ट परमि‍ट’ की अनि‍वार्यता समाप्‍त

ऊनों[ Wool] के आयात के लि‍ए अनापत्‍ति‍प्रमाण पत्र लेने की अनि‍वार्यता समाप्‍त होने से ऊन आयातकों की समस्‍या दूर हुर्इ
केन्‍द्रीय वस्‍त्र मंत्री डॉ. के. एस. राव ने केन्‍द्रीय कृषि‍मंत्री शरद पवार से मुलाकात करके संगरोध (क्‍वारेनटाइन) के मुद्दे को लेकर पि‍छले तीन वर्षों से चली आ रही ऊन आयातकों की समस्‍या को दूर कर दि‍या है। इस संबंध में 18 जुलाई को पशुपालन, डेयरी, मत्‍स्‍य पालन वि‍भाग ने स्‍पष्‍टीकरण जारी करके कुछ खास कि‍स्‍म की ऊनों के आयात के लि‍ए अनापत्‍ति‍प्रमाण पत्र लेने की अनि‍वार्यता समाप्‍त कर दी है। इस संबंध में वि‍भि‍न्‍न बंदरगाहों के संगरोध एवं प्रामाणीकरण वि‍भागों को भी सूचि‍त कर दि‍या गया है।
ऊन आयातकों के सामने संगरोध के मुद्दे को लेकर ऊन की कुछ कि‍स्‍मों के आयात के मामले में पि‍छले तीन वर्ष से समस्‍याएं बनी हुई थी, जि‍स कारण वह ऊन आयात करके न तो वे उस ऊन का मूल्‍य संवर्द्धन कर पा रहे थे और न ही ऊन का नि‍र्यात। संगरोध का मुद्दा आयाति‍त उत्‍पादों के साफ-सुथरे और कि‍टाणुवि‍हीन होने से जुड़ा होता है। ऊन की जिन कि‍स्‍मों को ”सेनि‍टरी इम्‍पोर्ट परमि‍ट” (एसआईपी) की आवश्‍यकता से मुक्‍त कि‍या गया है उनकी जानकारी कृषि‍मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन वि‍भाग से ली जा सकती है।
डॉ. राव ने इस समस्‍या को अति‍शीघ्र सुलझा देने के लि‍ए श्री शरद पवार की सराहना की और कहा कि‍इससे वांछि‍त ऊन के आयात के बाद ऊनी परि‍धानों और ऊन उत्‍पादों के नि‍र्यात को बढ़ावा मि‍लेगा।

राहुल गांधी ने कांग्रेसी नेताओं और प्रवक्ताओं को मर्यादित भाषा की लक्ष्मण रेखा दिखाई

[नई दिल्ली ] कांग्रेस के युवा उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और प्रवक्ताओं को मर्यादित भाषा की लक्ष्मण रेखा दिखाई | उन्होंने दो-टूक कहा है कि पार्टी की इस विचारधारा से आगे जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
दो दिवसीय मीडिया कानक्लेव वर्कशॉप के पहले दिन राहुल ने अपने संबोधन में कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग बयानों से होने वाले भ्रम और फजीहत को रोकने और पार्टी की उपलब्धियों को सशक्त तरीके से जनता तक पहुंचाने पर विशेष बल दिया|
गौरतलब है के कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की ट्विटर पर असंसदीय टिप्पणी को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसी तरह शकील अहमद भी अपने एक ट्विट में इंडियन मुजाहिदीन की वकालत करते दिख रहे हैं| इन को लेकर कांग्रेस पार्टी बचाव की मुद्रा में तो दिखाई दे रही है लेकिन अभी तक किसी भी कार्नर से इसका खंडन नही हुआ है|
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि अलग-अलग मीडिया के जरिये किस तरह से अपनी बातों, नीतियों और उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचाया जा सकता है। जवाहर भवन में दो दिवसीय वर्कशॉप में सोशल मीडिया के इस्तेमाल के भी गुर सिखाए जा रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस ने एक स्पेशल सोशल प्लेटफार्म बनाया है, जिसका नाम ‘खिड़की’ रखा गया है। पार्टी प्रवक्ता इस प्लेटफॉर्म को सोशल मीडिया पर संवाद के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे।

जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय खेलों के विकास के लिए राजनीति और खेल से जुड़े लोगों के सुझाव मांगे

केन्द्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय खेलों के विकास के लिए राजनीति और खेल से जुड़े लोगों से सुझाव मांगे
खेल और युवा मामलों के केन्‍द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के प्रारूप को केंद्रीय मंत्री परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष, राज्य/केंद्र शासित राज्यों के खेल मंत्रियों, खेल और युवा मामलों के मंत्रालय की स्थायी समिति/परामर्शदाता सदस्यों, संसद के दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक नेताओं और खेल से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्तियों से उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक का प्रारूप भेजा।
अपने पत्र में श्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार खेलों को अधिक प्रतिक्रियात्मक, उत्तरदायी और परिणामोत्पादक बनाने के क्रम में खेल प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाने की आवश्यकता पर कुछ समय से ध्यान दे रही है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में सरकार द्वारा गठित एक कार्यदल राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक का प्रारूप दाखिल कर चुका है।
विधेयक के प्रारूप पर 31.7.2013 तक आम जनता और सभी हिस्‍सेदारों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए इसे मंत्रालय की वेबसाईट पर भी लगाया जा चुका है।
मंत्रालय विधेयक के प्रारूप पर उनके दृष्टिकोण/सुझाव जानने के लिए इसे विभिन्‍न राष्‍ट्रीय खेल संघों के पास भी भेज रहा है। सभी स्रोतों से प्राप्‍त सुझावों को इसमें समाहित करने के बाद मंत्रालय द्वारा इस प्रारूप को आईओसी के पास उसके सुझाव के लिए भेजा जाएगा|
फाइल फोटो कैप्शन Justice (Retd.) Mukul Mudgal presenting report OnSports the Minister of State (Independent Charge) for Youth Affairs & Sports, Shri Jitendra Singh, in New Delhi

जेट एयरवेज द्वारा इत्‍तेहाद को हीथ्रो एयर पोर्ट पर पार्किंग स्लॉट बेचे जाने का चौ. अजित सिंह ने समर्थन किया

जेट एयरवेज द्वारा इत्‍तेहाद को हीथ्रो एयर पोर्ट के अपने पार्किंग स्लॉट बेचे जाने का चौ. अजित सिंह ने समर्थन किया
केन्‍द्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज द्वारा अपने कुछ स्‍लॉट इत्‍तेहाद एयरवेज को बेचे जाने के मामले को लेकर उठे विवाद पर स्‍पष्‍टीकरण देते हुए कहा है कि इसमें कोई गलती नहीं हुई है।
मंत्रालय ने कहा है कि हीथ्रो हवाई अड्डे पर जेट एयरवेज ने अपने स्‍लॉट इत्‍तेहाद को बेचकर किसी तरह के नियमों का उल्‍लंघन नहीं किया है, क्‍योंकि इसके लिए उसे भारत सरकार की ओर से किसी तरह की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
सरकार की ओर से घरेलू एयरलाईंस को स्‍लॉट आवंटित किया जाना तथा विदेशी एयरपोर्ट पर स्‍लॉट मिलना दो अलग बाते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि जेट ने हीथ्रो एयरपोर्ट पर इत्‍तेहाद को जो स्‍लॉट बेचे हैं, वह उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड की ओर से आवंटित किये गये थे जिन्‍हें दो वर्षों के बाद किसी अन्‍य एयरलाइंस को बेचने का अधिकार उसे स्‍वत: मिल गया था। हीथ्रो की ओर से जो स्‍लॉट दिये जाते हैं वे किसी भी एयरलाइंस के लिए समय और उपलब्‍धता के आधार पर सुविधाजनक या असुविधाजनक हो सकते हैं। ऐसे में वह एयरलाइंस इसे किसी और एयरलाइंस को बेचने के लिए स्‍वतंत्र है, लेकिन इसके लिए उसे हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड से मंजूरी लेना जरूरी है। जेट एयरवेज ने यह अनुमति लेकर ही इत्‍तेहाद को अपने स्‍लॉट बेचे हैं। जेट ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से भी अनुमति ली है, क्‍योंकि स्‍लॉटों की बिक्री का सौदा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत आता है।
नागर विमानन मंत्रालय ने हीथ्रो हवाई अड्डे पर एयरलाइंस की ओर से पिछले 12 सालों में की गई स्‍लॉट बिक्री के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि वर्ष 2012 में यहां 42 स्‍लॉटों की बिक्री हुई थी जो वर्ष 2012 में बढ़कर 526 हो गई। मंत्रालय ने कहा है कि प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक जेट ने इत्‍तेहाद को हीथ्रो में अपने तीन जोड़े स्‍लॉट बेचे हैं। हीथ्रो एयरपोर्ट को-आर्डिनेशन लिमिटेड ने इसकी पुष्टि कर दी है ।

मिडिल क्लास की इकोनोमी का मंत्र लेकर बराक ओबामा , बुधवार से , देश भ्रमण करेंगे

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ८ साल पहले अमेरिका की इकोनोमी को सुधारने का जो सपना देखा था उसे पूरा करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को तीव्र गति प्रदान करना शुरू कर दिया है|यूनाइटेड स्टेट्स सीनेट बनाने के तत्काल पश्चात प्रेजिडेंट अपने गृह प्रदेश इलेनॉइस[ Illinois ] के क्नोक्स कालेज [ Knox College ] गए जहाँ उन्होंने देश अर्थ व्यवस्था के सुधार के लिए एक विजन दिखाया |इस विजन के अनुसार देश की तरक्की के लिए विकास में यौगदन के लिए सभी को अवसर प्रदान किया जाना जरुरी है|विनर -टेक-आल [ not when our economy is winner-take-all, but when we’re all in this together. ]के स्थान पर सभी को इसमें शामिल किया जाना चाहिए |उस समय बीजे गए बीज को सींचते हुए मिडिल क्लास के लाभार्त कार्य किये जा रहे हैं|इसी विजान को २००८ के चुनावी अभियान में भी दोहराया गया था| जोर्ज टाउन यूनिवर्सिटी [Georgetown University ]ओसवतोमिए [ Osawatomie, Kansas ] में अपने भाषणों में इसे जीवित रखा है |क्नोक्स कालेज+जोर्ज टाउन यूनिवर्सिटी+ओसवतोमिए में दिए प्रेजिडेंट के भाषणों से यह बात साबित हो जाती है कि पहले दिन से ही प्रेजिडेंट ने मिडिल क्लास के उत्थान के साथ देश कि अर्थ व्यवस्था को जोड़ने का जो विजन दिखाया था उस दिशा में आज भी कार्य हो रहे हैं | प्रेजिडेंट के वरिष्ठ सलाहकार डान प्फ़ेइफ़्फ़ेर [ Dan Pfeiffer ] के अनुसार प्रेजिडेंट ओबामा आज कल इस अभियान की सफलता के लिए अपनी स्पीच /भाषण तैयार करने में जुटे हुए हैं और ,बुधवार [ Wednesday, ]से, अपने इस विशेष अभियान को लेकर देश भ्रमण पर भी निकलने वाले है|

यूं पी में तो बिजली के लिए मारा मारी है और अखिलेश यादव चले हैं दूसरे चार प्रदेशों के घर रोशन करने


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां
ओये हसाड़े मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने जो कहा कर के दिखा दिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिल कर एतिहासिक आगरा में ७६५ के वी सिंगल सर्किट आगरा मेरठ पारेषण लाइन को राष्ट्र को समर्पित किया और ६ हज़ार मेगावाट एच वी डी सी पारेषण लाइन का शिलान्यास कर दिया है | ओये अब तो इस से दिल्ली+हरियाणा+पंजाब+राजस्थान को भी विद्युत लाभ मिलेगा|

झल्ला

ओ मेरे चतुर नेता जी लगता है कि आप पुराणी कहावत भूल गए|ओ जी में याद करवा देता हूँ |

घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने

नही समझे अरे भाई खा रहे हो मूंगफली और डकार ले रहे हो बादामो के |
हें अपने यूं पी में तो शाम होते ही बिजली के लिए मारा मारी शुरू हो जाती है और आप चले हो दूसरे चार प्रदेशों के घर रोशन करने |अरे भाई जी चैरिटी बिगिन्स एट होम्स इसीलिए पहले अपने घर की सोचो

भाजपा ने अपने महासचिव, वी रमेश ,की निर्मम हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] की तमिलनाडू की इकाई के महासचिव वी रमेश की निर्मम हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है|
भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने ३ सदस्यीय समिति का गठन किया है|राज्य सभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर इस समिति के संयोजक होंगे|पार्टी की अन्य प्रवक्ता श्री मति निर्मला सीतारमण और कर्नाटका से भाजपा सांसद अनंत इसमें बतौर सदस्य होंगे|
गौरतलब है कि बीते एक वर्ष में भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] के तमिल नाडू[सलेम] में कार्यकर्ताओं पर जान लेवा हमले किये जा रहे हैं|पार्टी के जनरल सेक्रेटरी वी रमेश [ Shri V Ramesh ]की १९ जुलाई की रात को निर्मम ह्त्या कर दी गई | इससे पूर्व भाजपा के ही राज्य [मेडिकल सेल ]सचिव डॉ अरविन्द रेड्डी [Dr. Arvind Reddy,] की भी इसी प्रकार निर्मम हत्या हुई थी भाजपा ने इस निर्मम हत्या की कड़ी निंदा की है|पार्टी प्रवक्ता श्री मति निर्मला ने कहा कि श्री रमेश पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे| पार्टी के महासचिव होने के साथ ही प्रदेश कोर कमेटी के सक्रीय कर्मठ सदस्य भी थे|सशक्त लेखक और ओजस्वी वक्ता थे
परमाकुदी[ Paramakudi ] के पूर्व काउंसलर |मुरुगन आदि अनेको नेताओं परषड्यंत्र के रूप में एटैक किये जा रहे हैं| पार्टी ने यह कह कर इसकी निदा कि है कि जनता में भय पैदा करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं पर अटैक किये जा रहे हैं जो कि बेहद निंदनीय है| इन हमलों को लेकर भाजपा ने तमिल नाडू में बंद का भी ऐलान किया है|