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Category: Politics

प्रधानमंत्री कार्यालय में देसी इलेक्‍ट्रॉनिक सामानों को व‍रीयता देने संबंधी नी‍ति में समीक्षा करने का निर्णय लिया गया

प्रधानमंत्री कार्यालय[ PMO ] में आज हुई बैठक में देश में बने इलेक्‍ट्रॉनिक सामानों को व‍रीयता देने संबंधी नी‍ति विशेषकर निजी क्षेत्र में पीएमए की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और संबद्ध मंत्रालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में पीएमए नीति के वर्तमान प्रावधानों का इस नीति से संबंधित लाभ-हानि पर व्‍यापक चर्चा के बाद निम्‍न निर्णय लिए गए-
१][. देश में बने इलेक्‍ट्रॉनिक सामान के मामले में वरियता देने की पूरी नीति की समीक्षा की जाएगी।
२]. पीएमए पर समग्र नीति पर विचार-विमर्श और समायोजन के बाद इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
[3.] पीएमए नीति की समीक्षा होने तक निजी क्षेत्र में सुरक्षा से संब‍ंधित उत्‍पादों को लेकर पीएमए संबंधी कोई अधिेसूचना जारी नहीं की जाएगी तथा प्रारूप्‍ स्‍तर पर अधिसूचना रोक ली जाएगी।
[4.] निजी क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी उत्‍पादों के लिए पीएमए पर संशोधित प्रस्‍ताव में घरेलू निर्माण आवश्‍यकताएं, चाहे प्रतिशत आधारित हो या अन्‍यथा, नहीं होंगी।
[५]. संशोधित प्रस्‍ताव में पीएमए नी‍ति के अंतर्गत सभी अधिसूचनाओं के लिए केंद्रीकृत क्‍लीयरिंग हाउस की व्‍यवस्‍था होगी।
६]. उत्‍पाद परियोजना और क्षेत्र से संबंधित सुरक्षा संबंधी मामलों में सुरक्षा की परिभाषा राष्‍ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय तय करेगा।
7.] इलेक्‍ट्रॉनिक और टेक्‍नालॉजी विभाग चार सप्‍ताह के अंदर संशोधित नीति कैबिनेट के लिए अंतिम नोट तैयार करेगा।

निर्वाचन आयोग ने दलों के घोषणा पत्रों पर दिशानिर्देश बनाने के लिए मान्‍यता प्राप्‍त दलों की एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया

भारत के निर्वाचन आयोग [ ECI ]ने उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय को संज्ञान में लेते हुए सभी राष्‍ट्रीय और राज्‍य स्‍तर के मान्‍यता प्राप्‍त दलों की एक बैठक बुलाने का निर्णय लिया है| इस बैठक में उच्‍चतम न्‍यायालय के 2008 और टीसी संख्‍या 2011 की 112- सुब्रामण्‍यम बालाजी बनाम तमिलनाडु सरकार और अन्‍य की एसएलपी (सी) संख्‍या 21455 पर 5.7.3013 को राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों पर दिशानिर्देश बनाने के लिए दिये गए एक निर्णय को लागू करने के संदर्भ में चर्चा की जानी है| ऐसी बैठक के लिए शीघ्र ही कोई तिथि निर्धारित की जायेगी। इस बीच, चुनाव आयोग निर्णय की एक प्रति मान्‍यता प्राप्‍त दलों को उनकी सूचना और दृष्टिकोण तैयार करने के लिए भेज चुका है।
[2]. आयोग उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय का संज्ञान ले चुका है कि इसे राजनीतिक दलों के घोषणा-पत्रों को तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने चाहिए। यह निर्णय हो चुका है कि इस मामले में आगे कोई भी कार्रवाई करने से पहले राजनीतिक दलों का दृष्टिकोण लिया जायेगा।
[3]. आयोग शीघ्र ही सभी राजनीतिक दलों के बीच इस मामले में एक संदर्भ-पत्र वितरित करेगा। इसकी तैयारी के संदर्भ में आयोग राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस विषय पर उपलब्‍ध विचारों और व्‍यवहारों को संग्रहित करने का प्रयास शुरू कर चुका है।
निर्वाचन आयोग द्वारा यह जानकारी आज 8 जुलाई, 2013 को दी गई।

वेस्‍टर्न कोलफील्‍ड लिमिटेड ने उत्‍तराखण्‍ड में राहत और पुनर्वास उपायों के लिए 6,06,47,945 का योगदान किया

कोल फील्‍ड इंडिया लिमिटेड़ [ CFIL ]की एक सहायक कंपनी वेस्‍टर्न कोलफील्‍ड लिमिटेड[ WCL ] ने उत्‍तराखण्‍ड में राहत और पुनर्वास उपायों के लिए 6,06,47,945 का योगदान किया। कर्मचारियों से स्‍वैच्छिक योगदान के रूप में एकत्रित की गई राशि का डिमांड ड्राफ्ट डब्‍ल्‍यूसीएल के मुख्‍य प्रबंध निदेशक श्री डी सी गर्ग द्वारा ट्रेड यूनियन, ऑफीसर्स एसोसिएशन प्रतिनिधियों और श्री एस के श्रीवास्‍तव, सचिव, कोयला मंत्रालय एवं श्री नरसिंहा राव, चैयरमेन, सीआईएल की उपस्थिति में आज केन्‍द्रीय कोयला मंत्री श्री श्रीप्रकाश जयसवाल के सुपुर्द किया गया।
इस अवसर पर कोयला मंत्री ने डब्‍ल्‍यूसीएल के इस श्रेष्‍ठ प्रयास की सराहना की और उन्‍होंने कहा कि सीआईएल [ CIL ]और दूसरी कोल कंपनियां दिखा चुकी हैं कि वह लोगों की सहायता करने के अवसर पर खडी हो सकती हैं। हाल ही में सीआईएल और बीसीएल ने भी उत्‍तराखण्‍ड राहत उपायों में क्रमश 50 करोड़ और 27 करोड़ का योगदान किया है।

मुगलों के प्रति नाराजगी प्रकट करने के लिए ही राजस्थान में स के स्थान पर ह का प्रयोग प्रारम्भ हुआ L K Advani’s blog

भजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख [टेल पीस] में बताया कि मुगलों के प्रति नाराजगी प्रकट करने के लिए ही राजस्थान में स के स्थान पर ह का प्रयोग प्रारम्भ हुआ|
प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से :
मैंने अपने जीवन के प्रारम्भिक बीस वर्ष कराची (सिंध) में बिताए। 1947 में मैंने कराची छोड़ा और अगले दस वर्ष राजस्थान में रहा।
मुझे याद आता है कि जब मैं पहली बार जोधपुर गया तो वहां किसी से मैंने पूछा ”समय क्या है?” उसने जो जवाब दिया वह कुछ ऐसा था जिसे मैं समझ नहीं पाया। जब मैंने दोबारा यह सवाल पूछा तो उसने साफ-साफ जवाब दिया ”साढ़े सात”! मैंने उन्हें कहा कि पहले आपने जो हिन्दी में बताया था वह मेरी समझ में नहीं आया।
बाद में मेरे एक मित्र ने मुझे एक किस्सा दोहराया। उसने बताया कि राजस्थान बीस से ज्यादा रियासतों से बना है। प्रत्येक रियासत के लोग स्वाभाविक रुप से अपनी रियासत पर गर्व करते थे। उसने यह भी कहा कि सामान्य तौर पर महाराणा प्रताप के राज्य मेवाड़ को लोग, वहां के योध्दाओं के शौर्य एवं वीरता के चलते समूचे राजस्थान में गर्व से देखा जाता है।
यह भी समान रुप से दृष्टव्य था कि जयपुर राज्य सदैव दिल्ली के मुगल सुल्तानों के सामने झुकने को तैयार रहता था, जिसके फलस्वरुप उनका सम्मान नहीं था।
उस समय एक दौर ऐसा आया जब दिल्ली के शासकों ने जयसिंह और मान सिंह को बुलाकर कहा कि मुगल सल्तनत जयपुर के महाराजा को सवाई उपाधि से विभूषित करना चाहती है, जिसका अर्थ होता था कि जबकि अन्य राजाओं की हैसियत एक के बराबर होगी परन्तु जयपुर के राजा की सवाई – यानी एक और चौथाईA
मुझे यह किस्सा सुना रहे मेरे मित्र ने बताया कि इस घटना के बाद से सभी अन्य रियासतों के लोगों ने तय किया कि वे स के बजाय ह सम्बोधन बुलाएंगे। वे जयपुर के राजा को सवाई नहीं हवाई बुलाएंगे। अत: उसने निष्कर्ष रुप में कहा कि जब आपने मुझसे समय पूछा तो ”साढ़े सात” कहने के बजाय मैंने ”हाडे हाथ” कहा जिसे आप समझ नहीं पाए।
(स का ह में रुपान्तरण एक सामान्य भाषायी परिवर्तन है। सप्ताह बना हफ्ता ( हिन्दू भी सिन्धु से उत्पन्न हुआ है। लेकिन इस मामले में मुगलों के प्रति नाराजगी इस किस्से में प्रकट होती है।)

पूर्वाग्रह से ग्रसित कांग्रेस की नई पीढ़ी ने अपने पूवजों की परम्परा त्याग कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की श्रधांजली सभा का बहिष्कार किया

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित पारंपरिक श्रधांजली सभा का सत्ता रुड कांग्रेस द्वारा बहिष्कार किये जाने पर भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग में नाराजगी प्रकट की है और इस बहिष्कार को कांग्रेस की स्वाभाविक पूर्वाग्रह ग्रसित सोच बताया |प्रस्तुत है सीधे एक के अडवाणी के ब्लॉग से :
6 जुलाई, हमारी पार्टी जो अब भारतीय जनता पार्टी के रुप में सक्रिय है, के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुकर्जी की जयंती है। यह ब्लॉग कल जारी होना है।
मैंने स्मरण दिलाया था कि कैसे 1953 की 23 जून को कानपुर में सम्पन्न भारतीय जनसंघ के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन में डा. मुकर्जी ने, देश के सभी भागों से आए जनसंघ के प्रतिनिधियों को जम्मू एवं कश्मीर के भारत में पूर्ण एकीकरण के बारे में अपने आव्हान से प्रेरित किया था। आखिर क्यों इस प्रदेश की स्थिति उन अन्य 563 देसी रियासतों से अलग होनी चाहिए जिन्होंने स्वतंत्र भारत में पूरी तरह से एकीकरण करना स्वीकार किया।
जनसंघ के सम्मेलन ने जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा लागू किए गए परमिट सिस्टम के विरुध्द एक आन्दोलन छेड़ने का फैसला किया। डा. मुकर्जी ने घोषणा की कि वे इस सिस्टम की अवज्ञा करने वाले पहले नागरिक होंगे और बगैर परमिट के प्रदेश में प्रवेश करेंगे। उनको बंदी बनाया जाना और तत्पश्चात् उनका बलिदान अब इतिहास का अंग है।
जैसाकि मैंने एक अन्य ब्लॉग में उल्लेखित किया था कि कांग्रेस संसदीय दल ने भी गोपालास्वामी आयंगर को यही बात कही थी, जिन्हें पण्डित नेहरु ने अपनी अनुपस्थिति में अनुच्छेद 370 को संविधान सभा में प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
सन् 1947 से संसद में यह सुदृढ़ परम्परा रही है कि जिन नेताओं के चित्र सेंट्रल हॉल में लगाए गए हैं, उनके जयंती पर उन्हें फूलों से श्रध्दांजलि देने हेतु सभी सांसदों को निमंत्रित किया जाता है।
आज सुबह भी दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष – श्रीमती सुषमा स्वराज और श्री अरुण जेटली सहित बड़ी संख्या में सांसद सेंट्रल हॉल में उपस्थित थे। परन्तु सबसे ज्यादा मुझे यह अखरा कि न तो कोई कांग्रेसी सांसद और नही कोई मंत्री वहां उपस्थित था। मैं जानता हूं कि कुछ वर्ष पूर्व वीर सावरकर, के चित्र अनावरण कार्यक्रम, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम द्वारा किया गया था, का कांग्रेस पार्टी ने बहिष्कार का औपचारिक निर्णय किया और उसके पश्चात् से वह उनके जन्म दिवस के कार्यक्रम से दूर ही रहते हैं। आज कांग्रेसजनों की अनुपस्थिति जानबूझकर लिया गया निर्णय नहीं लगता। चाहे यह अनजाने में हुआ हो, मगर यह स्वाभाविक पूर्वाग्रह ग्रसित सोच को प्रकट करता है।
यहां पर मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि श्री ज्योति बसु के नेतृत्व वाली माक्र्सवादी सरकार ने कोलकाता के मैदान में डा. श्यामा प्रसाद की शानदार प्रतिमा लगाने का निर्णय किया था। मैंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री आर. वेंकटरमणन से इसके अनावरण का अनुरोध किया। वह सहर्ष तैयार हुए और समारोह की गरिमा बढ़ाई।
आज यह सब मैंने वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व को स्मरण कराने के लिए उल्लेख किया है कि देश संभवतया यह निष्कर्ष निकालने को बाध्य होगा कि जहां तक कांग्रेस पार्टी का सम्बन्ध है, उसकी नई पीढ़ी अपने ही पूवजों की परम्परा से दूर हो रही!

श्री गौरी शंकर गुप्ता ,त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त

भारतीय विदेश मंत्रालय ने, श्री गौरी शंकर गुप्ता को ,त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त के पद पर नियुक्त किया है|
श्री गौरी शंकर गुप्ता (भाविसे:IFS 1981), त्रिनिडाड एवं टोबेगो गणराज्य के लिए भारत के अगले उच्चायुक्त नियुक्त किए गए हैं।
इनके शीघ्र पदभार ग्रहण कर लेने की संभावना हैं \इससे पूर्व श्री गुप्ता हंगरी के भी राजदूत रह चुके हैं

निष्काषित राम [जेठमलानी]ने भाजपा में संघर्षरत कृषण [एल के अडवाणी ] जीजा को कोर्ट में घसीटने की धमकी दी

भाजपा के निष्काषित राम [जेठमलानी]ने भाजपा में अस्तित्व के लिए संघर्षरत कृषण [एल के अडवाणी ] सरीखे अपने अपने जीजा को कोर्ट में घसीटने की धमकी दे डाली है। टी वी चैनल के वरिष्ठ एंकर अरनव गोस्वामी के कार्यक्रम में राम जेठमलानी ने बेबाकी से एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी की धर्म पत्नि श्री मति कमलाअडवानी जेठमलानी की रिश्ते में बहन लगती है लेकिन इसके बावजूद भी आडवाणी ने जेठमलानी को भाजपा से निष्कासित करने के लिए षड्यंत्रकारियों का साथ दिया |

Lal Krishan Advani With Wife Smt Kamla

Lal Krishan Advani With Wife Smt Kamla

उन्होंने कहा कि कर्नाटका की राजनीती में भाजपा को गर्त में पहुंचाने वाले जन आधार हीन अनन्त कुमार के इशारों पर पहले यदियुरप्पा को पार्टी से निकाला गया उसके पश्चात यदियुरप्पा का मुकद्दमा लड़ने के के दंड स्वरुप जेठमलानी को भी भाजपा से निकलवा दिया| जेठमलानी ने कहा कि जिन्होंने भी उन्हें पार्टी से निकालने का षड्यंत्र रचा अब उन सबको कोर्ट में घसीटेंगे

कुकिंग कोल् इंडिया ने उत्तराखंड सी एम् फंड के लिए २० करोड़ की राहत राशि का चेक पी एम् फंड की मार्फ़त भेजा

पिछले दिनों मेने राष्ट्रीय नेताओं द्वारा अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय प्राईवेट सोशल साईट ट्विटर के माध्यम से शाब्दिक युद्ध छेड़ा हुआ है आज में सरकारी वेबसाईट का उदहारण देना चाहता हूँ और यह आशा करता हूँ की सम्बंधित मंत्रालय इसका अवलोकन करके स्थिति को स्पष्ट करेंगे|
पहली खबर कोयला मंत्रालय से सम्बंधित है| उत्‍तराखंड आपदा राहत के लि‍ए 20 करोड़ रुपए का अंशदान शीर्षक से रिलीज की गई इस राष्ट्रीय सूचना को इस प्रकार तैयार/अपलोड किया गया है|
भारत सरकार के उपक्रम भारत कोकिंग कोल लि‍मि‍टेड (बीसीसीएल)[ BCCL ] ने उत्‍तराखंड के आपदा पीड़ि‍तों की राहत के लि‍ए मुख्‍यमंत्री के आपदा राहत कोष में 20 करोड़ रुपए का अंशदान कि‍या है।बीसीसीएल के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध नि‍देशक श्री टी.के.लाहड़ी [ T K Lahiry, ]और सीआईएल के अध्‍यक्ष श्री एस. नरसिं‍ह राव[ S. Narsing Rao,] ने आज अपने वि‍भाग के मंत्री श्रीयुत श्रीप्रकाश जायसवाल को इस राशि‍के चैक प्रस्‍तुत कि‍ए और उनसे अनुरोध कि‍या कि‍इन्‍हें प्रधानमंत्री के राहत कोष में दे दि‍या जाए, ताकि‍उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री की सहायता कोष में इसे भेजा जा सके।
बीसीसीएल के सभी श्रमि‍क संघों और बीसीसीएल प्रबंधन ने 02 जुलाई, 2013 को सर्वसहमति‍से प्रधानमंत्री राहत कोष में उत्‍तराखंड पीडि‍तों की सहायता के लि‍ए अपना एक दि‍न का वेतन देने का फैसला कि‍या था। यह राशि‍लगभग सात करोड़ रुपए बैठती है।
ऊपरी तौर पर इसे देखने में कोई खराबी या गलती नही दिखती मगर दोबारा गौर से देखने में दिखाई देता है कि उतराखंड के मुख्य मंत्री के राहत कोष के लिए २० करोड़ रुपये का चेक दिया गया हैं| राष्ट्रीय उपक्रम के अधिकारियों ने अपने मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल को यह चेक देते हुए कहा कि इसे प्रधान मंत्री के राहत कोष में दे दिया जाए ताकि इसे मुख्य मंत्री राहत कोष में भेजा जा सके|बात यहाँ ही खत्म नही होती अंग्रेजी की रिलीज के अनुसार अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि इस चेक को प्रधान मंत्री तथा मुख्य मंत्री के राहत कोष में दे दिया जाए|
उत्तराखंड और केंद्र में एक पार्टी की सरकार है| ऐसे में पी एम् की मार्फ़त सी एम् राहत कोष में राशि भेजने की आवश्यकता समझ से परे हैं|अब राशि चेक में है ऐसे में पहले यह पी एम् के राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करवाई जायेगी उसके पश्चात ही इसे उत्तराखंड के सी एम् के फण्ड में ट्रांसफर कराया जाएगा| इसीपूर्व इस मंत्रालय के एक अन्य विभाग सी आई एल ने ५० करोड़ रुपयों की राहत राशि सीधे मुख्य मंत्री राहत कोष में भेजी है| अब चेक को पहले पी एम् के फंड में जमा करवाया जाएगा उसके बाद ही इसे मुख्य मंत्री के राहत कोष में ट्रांसफर किया जाएगा| सरकारी कार्यों की रफ़्तार जग जाहिर हैं| एक राजनीतिक प्रश्न भी उठता है कि क्या कोयला मंत्रालय को सी एम् फंड पर भरोसा नही हैं इस निष्कर्ष पर पहुँचना अभी जल्द बाजी होगी क्योंकि उतर अभी प्रतीक्षित है| पी एम् राहत कोष से पहले हीएक हजार करोड़ रुपयों की राहत की घोषणा की जा चुकी है |

भाजपा ने रेल काण्ड और इशरत जहाँ एन्काउन्टर में दो ब्यान जारी करके सी बी आई को कांग्रेस का खिलौना बताया

गुजरात में इशरत जहाँ के एन्काउन्टर को लेकर सी बी आई द्वारा दायर की गई चार्ज शीट से बौखलाई भाजपा ने बुधवार को रेल कांड में पूर्व रेल मंत्री को क्लीन चिट दिए जाने पर भी एतराज किया |भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अलग अलग ब्यान जारी करके एक तरफ तो सी बी आई की गुजरात एन्काउन्टर पर दाखिल चार्ज शीट को राजनीती से प्रेरित बताया और इसके साथ ही सी बी आई द्वारा पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को क्लीन चिट दिए जाने पर पी एम् की भूमिका पर भी सवाल उठाया|

सांसद एम् वेंकैय्या नायडू [ M. Venkaiah Naidu, ]

ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इशरत जहाँ को लेकर गन्दी राजनीती कर रही है और देश कि सुराक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है| उन्होंने कोल गेट + सपा के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बसपा की नेत्री माया वती को लेकर सी बी आई के बार बार बदलते स्टैंड को लेकर सी बी आई की विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान लगाया|
सांसद नायडू ने कहा कि एलेक्शन माहौल गरमा रहा है ऐसे में भाजपा को बदनाम करने और मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण के लिए ही सी बी आई का प्रयोग किया जा रहा है|
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.बिजय सोनकर शास्त्री[DrVijaySonkarShastri ]ने एक अलग प्रेस कांफ्रेंस करके रेल कांड में सी बी आई को निशाना बनाया|डॉ शास्त्री ने कहा कि सी बी आई पी एम् के हाथों खिलौना बन कर रह गई है| पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल को सी बी आई ने जिस प्रकार हड़बड़ी में क्लीन चिट दी है उससे लगता है कि कोल् गेट की तरह ही पी एम् को बचाने के लिए पवन बंसल को कील चिट दी गई है| उन्होंने आरोप लगाया कि रेल कांड में भी पी एम् की भूमिका पर पर्दा डालने के लिए पवन बंसल को क्लीन चिट दी गई है|

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“आप” पार्टी ने एडवर्ड स्नोडेन को राजनीतिक शरण देने से इंकार करने पर कांग्रेस की कड़ी निंदा की

दिल्ली चुनावों में कांग्रेस को पटखनी देने को उतरी आम आदमी पार्टी [आप] ने आज व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन [ Edward Snowden ] को राजनितिक शरण देने से इंकार किये जाने पर कांग्रेस की कड़ी निंदा की है|
आप पार्टी ने आज एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने जिस तरह से अमेरिका के विश्व में जासूसी के कार्यक्रम की हिमायत करके आम जन की निजता के अधिकार का हनन किया है, वोह दुर्भाग्य पूर्ण है|
एडवर्ड स्नोडेन ने विश्व के नागरिकों कि निजता हनन के षड्यंत्र को उजागर किया और हमारे अधिकारों कि रक्षा का प्रयास किया ऐसे व्हिसल ब्लोअर को आज दर दर भटकना पड़ रहा है| यहाँ तक की शरणागत को शरण देने और मेहमान नवाजी के लिए सुप्रसिद्ध भारत में भी उसे राजनितिक शरण नहीं दी गई|
आप पार्टी ने कहा है कि भारत को अमेरिका कि एक कालोनी बना कर रखने के बजाय उसे पर्याप्त जवाब दिया जाना चाहिए| इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा एडवर्ड स्नोडेन को राजनितिक शरण दी जानी चाहिए