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कपिल सिब्बल ने , साइबर हमलों को रोकने के लिए, राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति जारी की

केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्‍बल ने आज, बहु प्रतीक्षित, राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति जारी की।इसका उद्देश्य देश पर साइबर हमलों को रोकने के लिए , वैश्विक माहौल के अनुरूप ,साइबर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार करना है|
इस अवसर पर श्री सिब्‍बल ने कहा कि यह नीति निजी जानकारी, वित्‍तीय /बैंकिंग जानकारी, महत्‍वपूर्ण डाटा जैसी सूचना के संरक्षण के रूप में देखी जानी चाहिए । उन्‍होंने कहा कि सूचना सशक्‍त बनाती है तथा लोगों को सूचना से सशक्‍त बनाने के क्रम में हमें सूचना और डाटा को सुरक्षित बनाने की जरूरत है।
श्री सिब्‍बल ने ऐसे डाटा के बीच अंतर करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया जो मुक्‍त रूप से उपलब्‍ध कराया जा सकता है तथा जिसे सुरक्षित करने की आवश्‍यकता होती है।
श्री सिब्‍बल ने कहा कि इस नीति को लागू करना ही असली चुनौती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को विभिन्‍न प्रोत्‍साहनों एवं सब्सिडी के जरिए छोटे और मझौले उद्यमियों की प्रणाली को सुरक्षित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी सुलभ कराने के वास्‍ते उन्‍हें सहायता देनी होगी।
उन्‍होंने व्‍यवसायियों से कहा कि साइबर जगत में अपने आप को सुरक्षित बनाने के लिए उन्‍हें अलग से धन की व्‍यवस्‍था करनी चाहिए।
इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री श्री मिलिंद देवड़ा ने सभी हितधारकों और खासतौर से विभाग के उन अधिकारियों को बधाई दी जिन्‍होंने यह नीति तैयार करने में मदद की। उन्‍होंने कहा कि इस नीति से हमें अपने महत्‍वपूर्ण डाटा को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।

इसकी मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं –

[१] इस नीति का लक्ष्‍य इलेक्‍ट्रानिक लेनदेन का सुरक्षित माहौल तैयार करना, विश्‍वास और भरोसा कायम करना तथा साइबर जगत की सुरक्षा के लिए हितधारकों के कार्यों में मार्गदर्शन करना है।
[२] देश में सभी स्‍तरों पर साइबर सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए व्‍यापक, सहयोगात्‍मक और सामूहिक कार्रवाई के लिए रूपरेखा तैयार की गई है।
[३]इस नीति में ऐसे उद्देश्‍यों और रणनीतियों की आवश्‍यकता को मान्‍यता दी गई है जो राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनाए जाने की आवश्‍यकता है।
इस नीति का विजन और मिशन नागरिकों, व्‍यवसायियों और सरकार के लिए साइबर जगत को सुरक्षित और लचीला बनाना है।
[४] इसका उद्देश्‍य साइबर हमलों से राष्‍ट्र को सुरक्षित बनाने और खामियां दूर करने के लक्ष्‍य तय करना है।
[५]इसका लक्ष्‍य देश के अंदर सभी हितधारकों के बीच सहयोग और समन्‍वय बढ़ाना है।
[६]राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा विजन और मिशन के समर्थन में उद्देश्‍य एवं रणनीति तय की गई हैं।
[७] ऐसी रूपरेखा और पहल तैयार की गई हैं जो सरकार के स्‍तर , क्षेत्र स्‍तर पर और सरकारी-निजी भागीदारी के माध्‍यम से आगे बढ़ाई जा सकती हैं।
[८] इससे साइबर सुरक्षा अनुपालन, साइबर हमलों, साइबर अपराध और साइबर बुनियादी ढांचा वृद्धि जैसे रुझानों की राष्‍ट्रीय स्‍तर पर निगरानी की जा सकेगी।

श्रीमती सुजाता सिंह को विदेश सचिव के पद के लिए सलेक्ट किया गया :MEA

५९ वर्षीय श्रीमती सुजाता सिंह[१९७६] को विदेश मंत्रालय में [ M E A ]देश की अगली विदेश सचिव सलेक्ट किया गया है| उनकी नियुक्ति को प्रधानमंत्री डॉ .मनमोहन सिंह ने मंजूरी दे दी है। श्रीमती सुजाता वर्तमान में जर्मनी में भारत की राजदूत हैं|
भारतीय विदेश सेवा अधिकारी [ IFS] श्रीमति सुजाता वर्तमान विदेश सचिव रंजन मथाई की जगह लेंगी। मथाई 31 जुलाई को अपने पद से सेवानिवृत [ Superannuate ] होंगे पूर्व आईबी प्रमुख टीवी राजेश्वर की बेटी सुजाता के पति संजय सिंह इसी साल अप्रैल में सचिव (पूर्व) के पद से रिटायर हुए हैं।

जेट एतिहाद पर एक माह में छह शिकायतों पर अभी विचार किया जा रहा है ,पीछे हटने का सवाल नहीं उठता PMO

प्रधान मंत्री कार्यालय[पी एम् ओ]ने जेट -एतिहाद एयर लाइन्स को लेकर हुए भारत -और यूएई में हवाई सेवाएं समझौते पर देश की स्थिति स्पष्ट की है|इसे मीडिया में आ रही खबरों के जवाब के रूप में भी देखा जा रहा है|
पी एम् ओ कार्यालय द्वारा कहागया है कि इस समझौते के विरोध में मात्र एक माह में छह शिकायतें मिलने के फलस्वरूप इस पर केवल विचार किया जा रहा है| इसलिए इससे पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता|
कहा गया है कि पिछले कुछ दिन से भारत – यूएई (आबू धाबी)द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते और जेट एयरवेज-एतिहाद इक्विटी स्‍टेक प्रस्‍ताव पर मीडिया में खबर आ रही है। इनमें से कुछ खबर में कहा गया है कि प्राधानमंत्री कार्यालय जेट एयरवेज-एतिहाद प्रस्‍ताव में भूमिका निभा रहा है।
[2] मीडिया के कुछ समाचारों में लगाए जा रहे आरोप तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत तथा आधारहीन हैं। सरकार में या मंत्रालयों और प्रधानमंत्री के बीच इस बारे में कोई असहमति नहीं है। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते हाथ नहीं खींचा है और न ही प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर पीछे हटने की तैयारी कर रहा है।
[३]मीडिया में दो अलग-अलग मामले उठाए जा रहे हैं। पहला भारत और आबू धाबी के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते के तहत सीट बढ़ाने के हक के बारे में है। यह द्विपक्षीय हवाई यातायात सीटों के हक के बारे में दो सरकारों के बीच समझौता है और दोनों देशों की सरकारों से संबंधित है।
[अ] दूसरा जेट एयरवेज और एतिहाद के बीच इक्विटी की हिस्‍सेदारी के प्रस्‍ताव के बारे में है जो निजी क्षेत्र की दो कंपनियों के बीच समझौता है। ऐसे समझौते में विदेशी निवेश होता है तथा इसलिए ये इस संबंध में किसी सरकार की नीति एवं कानून के अनुसार होने चाहिए। अलग-अलग मुद्दे होने और विभिन्‍न श्रेणी के निकायों के बीच के मुद्दे होने के नाते इन दोनों मामलों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए
[४]जहां तक द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौते की बात है, तथ्‍य सरल हैं। द्विपक्षीय हवाई सेवाएं समझौतों के तहत सीटों के हक में बदलाव आमतौर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय और दूसरे देश के संबंधित मंत्रालय करते हैं। यह परिवर्तन सहमति ज्ञापन के तहत किए जाते हैं तथा इनके लिए उच्‍च स्‍तर पर अनुमोदन की जरूरत नहीं होती।

यह केस प्रधान मंत्री तक क्यूं आया

[५] 22-04-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्री ने सीट के हक के बारे में आबू धाबी के साथ सहमति ज्ञापन सम्‍पन्‍न करने के लिए प्रधानमंत्री की अनुमति मांगी थी जो अंतर-मंत्रालय समूह की सिफारिश से भिन्‍न थी। इसलिए यह मामला प्रधानमंत्री के स्‍तर तक आया। प्रधानमंत्री ने वित्‍त मंत्री को निर्देश दिया कि मामले पर विस्‍तार से विचार करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री, विदेश मंत्री और वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री की बैठक बुलाए। मंत्री मिले और द्विपक्षीय विचार विमर्श के लिए प्रस्‍ताव पर सहमत हुए। इस बैठक का कार्यवृत्‍त वित्‍त मंत्रालय ने जारी कर दिया है।
[६] उसी दिन मंत्री मामले पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिले। इस बैठक में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव भी शामिल हुए। बैठक में पिछली बैठक के कार्यवृत्‍त में उल्‍लेखित फार्मूले के अनुसार वार्ता में आगे बढ़ने पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
[७] इसके बाद 26-04-2013 को प्रधानमंत्री ने यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस संबंध में उन्‍होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को औपचारिक रूप से यह मामला मंत्रिमंडल के समक्ष लाने को कहा। इस सम्बन्ध में नोट जारी कर दिया गया |
[८] इसके बाद हमारे विमानन क्षेत्र पर मध्‍य पूर्व की विमानन कंपनी के असर के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक नोट प्राप्‍त हुआ। इसे विचार के लिए 22-05-2013 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दिया गया।
[९]मंत्रिमंडल ने जब इस नोट की समीक्षा की तो महसूस किया गया कि इसे सिलसिलेवार ढंग से पुन- तैयार करना चाहिए। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13-6-13 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कैबिनेट नोट को फिर से तैयार करने के लिए नोट भेजा। प्रधानमंत्री कार्यालय से भेजा गया यह नोट जारी कर दिया गया है।
[१०]यह निजी कंपनियों के बीच का मामला है जिसके लिए वर्तमान नीतियों और कानून के अनुसार संबंधित एजेंट के अनुमोदन की जरूरत है। यह सरकारों के बीच समझौता नहीं है तथा इस मामले में पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का सवाल ही नहीं उठता।
समझौते के बारे में शिकायत
इस मामले में प्रधानमंत्री को निम्‍नलिखित शिकायतें मिलीं –
1- प्रधानमंत्री ने 1-5-2013 को श्री गुरूदास दासगुप्‍ता का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
2- 2-5-2013 को श्री प्रबोध पांडा का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
3- 3-5-2013 को श्री सुचारू रंजन हलदर, सांसद का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
4- 29-5-2013 को डॉ सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
5- 13-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
6- 21-6-2013 को श्री अजय संचेती का पत्र प्राप्‍त हुआ ।
इस मामले पर अभी विचार किया जा रहा है तथा इसलिए पीछे हटने या प्रस्‍ताव का सम्‍मान न करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

धान के नए समर्थन मूल्यों से देश के किसानो को ९ हज़ार करोड़ का नुक्सान होगा:भाजपा

भाजपा ने केंद्र द्वारा तय किये गए धान के समर्थन मूल्यों मात्र ६० रुपयों की बढोत्तरी को अपर्याप्त बताते हुए इसकी पुनः समीक्षा की मांग की है| भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैप्टेन अभिमन्यु ने कहा के वर्तमान मूल्यों पर किसान प्रति क्विंटल १४०० रुपये औसतन खर्च करता है इस नए समर्थन मूल्य पर उन्हें प्रति क्विंटल ९० रुपये का नुक्सान उठाना पडेगा|देश भर के किसानो को कुल ९००० करोड़ का नुक्सान उठाना पडेगा|मुद्रास्फूर्ति के चलते यह बढोत्तरी मात्र ५% के बजाय १४% होनी चाहिए थी|
यह किसानो के साथ धोखा है और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर भी प्रश्न चिन्ह है|
भजपा ने कपास के समर्थन मूल्यों में मात्र १०० रुपये के स्थान पर ५०० रुपयों की वृद्धि के साथ ही स्वामी नाथन आयोग को लागू किये जाने की मांग की है|

बराक ओबामा ने तंज़ानिया में जन संपर्क किया

प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने अपनी अफ्रीका के तीन देशों की यात्रा के अंतिम पडाव में तंजानिया के राष्ट्रपति जकाया क्ल्क्वेते [ Jakaya Kikwete ] से मुलाक़ात की और गार्ड आफ आनर का सम्मान प्राप्त किया| सम्मान समारोह का आयोजन डार एस सलाम [ Dar es Salaam ]जूलियस न्येरेरे एयर पोर्ट[ Julius Nyerere International Airport ] पर किया गया|फर्स्ट लेडी मिशेल[ Michelle ] ओबामा और सलमा[ Salma ] क्ल्क्वेते भी इस एतिहासिक समारोह में गवाह बनी | इस अवसर पर ओबामा ने अपने काउंटर पार्ट के साथ प्रेस को भी संबोधित किया| इसके पश्चात राष्ट्रपति ने वहां के व्यापारिक लीडर्स [सी ई ओ ]से भी संपर्क किया|
Courtesy White house

कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए नेहरू ने ही ,सेना का उपयोग करने के बजाय, यूं.एन का रुख किया था

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृष्ण आडवाणी ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में जम्मू &काश्मीर के पन्नो को पलटते हुए एक बार फिर कश्मीर समस्या के लिए कांग्रेस को कटघरे में खडा करने का प्रयास किया है|
अपने नए ब्लॉग के पश्च्यलेख [ TAILPIECE] में ब्लॉगर अडवाणी ने आई ऐ एस अधिकारी [१९४७]एम् के के नायर की पुस्तक विद नो इल फीलिंग टू एनीबडी [ With No Ill Feeling to Anybody”] और पायनियर [ Pioneer ] के हवाले से कहा है कि तत्कालीन केबिनेट मीटिंग के दौरान लोह पुरुष भारतीय बिस्मार्क सरदार वल्लभ भाई पटेल , प्रथम पी एम् की आपत्तिजनक टिपण्णी पर ,मीटिंग छोड़ कर चले गए थे| उन्होंने आगे कहा है कि पुस्तक में लिखा गया है कि कांग्रेस के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीर में पटेल के सैनिक अभियान के सुझाव का हमेशा विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र की और रुख किया|

प्.उ.प्र.में भाजपा के कमल को खिलाने के लिए अमित शाह ने पौराणिक औघड़ नाथ सिद्ध पीठ पर शीश नवाया

प्. उ. प्र. भाजपा के कमल को खिलाने का दाईत्व लेकर आये नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधि अमित शाह को आज मेरठ के एतिहासिक छेत्र का दौरा कराया गया| उनके साथ छेत्र के एक सांसद और तीन विधायक भी थे| वेस्टर्न यूं पी में वर्तमान दो सांसद की संख्या को बढाने के लिए अमित शाह ने वहां आये छोटे +बड़े +वर्तमान+और पूर्व सभी नेताओं से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया| इस अवसर पर अमित शाह ने छावनी में औघड़नाथ [काली पलटन ] के पौराणिक सिद्ध पीठ का जलाभिषेक करके आशीर्वाद लिया |भैन्साली मैदान स्थित शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की|मेरठ छावनी को भाजपा की छपरौली कहा जाता है यहाँ से भाजपा के विधायक और सांसद है|
प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई+सांसद राजेन्द्र अग्रवाल+विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल+ रविन्द्र +संगीत सोम+सुरेश जैन ऋतू राज+ अमित अग्रवाल+अलोक शिशोदिया+अश्विनी कुमार आदि भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे|

“आप” पार्टी ने चौथी शार्टलिस्ट में छह सीटों के लिए १४ संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की

छह सीटों के लिए पार्टी के संभावित प्रत्याशियों की शॉर्टलिस्ट जारी
आम आदमी पार्टी[आप]ने आज दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए चौथी शॉर्टलिस्ट में छह सीटों के लिए १४ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है|. इनमें[१] अंबेडकर नगर, [२]मॉडल टाउन, [३]महरौली, [४]रोहतास नगर,[५] सीलमपुर, [६]शकूरबस्ती शामिल हैं
. इन छह सीटों के लिए कुल 74 आवेदन आए थे. पार्टी के संभावित प्रत्य़ाशियों की इस सूची में सेना से रिटायर्ड लोग, वकील, आर्किटेक्ट, सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं. स्क्रीनिंग कमेटी ने आवेदकों के साथ चर्चा के बाद 14 लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट किया. पार्टी अब तक दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 20 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. 11 अन्य सीटों के लिए कुछ समय पहले शॉर्टलिस्ट जारी हुई थी जिस पर कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी.

राजनेता आज कल अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय विदेशी[ट्विटर] साइट्स पर राजनीति कर रहे हैं

sushma swaaraj
[1]Those who cannot govern in crisis do not deserve to be in the Government even for a day.==हिंदी में कहा जाये तो सुषमा स्वराज ने उत्तराखंड के मुख्य मंत्री से नाकामी के लिए इस्तीफा माँगा है|
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[2]What has your state Government done ? Nothing. The living are starving. The dead are being robbed. And you are patting your back.आपकी सरकार ने क्या किया है ?कुछ नहीं |लोग भूख से मर रहे हैं|लाशों के कफ़न तक चुराए जा रहे हैं|और आप लोगअपनी पीठ थपथपा रहे हैं|
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[3] Ajay Maken‏@ajaymaken
Instead of helping in relief works in U’khand, don’t try to use this calamity as a Political Opportunity! #NoPoliticsOverCalamity
45 retweet 6 FAVORITES उत्तराखंड में राहत कार्य में सहयोग करने के बजाय आपदा कोलेकर राजनीती कि जा रही है |आपदा पर पॉलिटिक्स नही होनी चाहिए
उत्तराखंड में आई प्राकृतिक विपदा में मारे गए लोगों की[१] चिताएं अभी ठंडी नहीं हुई
+[२]हज़ारों लापता लोगों के लिए तलाश भी शुरू नही हुई
[३]विपदा ग्रस्तों के पुनर्वास के लिए नीवं त़क नही रखी गई
दूसरे शब्दों में ये दर्द अभी कम नही हुआ कि राजनीतिको ने राजनीती करने के लिए सब्र का बाँध तोड़ ही दिया और शाब्दिक बम्ब बारी शुरू कर दी है| यह इनके डी एन ऐ की देन हो सकता है लेकिन इसके लिए नेताओं ने अपनी पार्टी की वेब साईट के बजाय ट्विटर जैसे सोशल साईट को मैदान बना लिया है|कांग्रेस और भाजपा की अपनी अपनी विशाल +आकर्षक +महंगी वेब साइट्स हैं और इन पर यदा कदा कुछ अप लोड किया जाता है लेकिन ज्यादा तर दूसरी प्राइवेट वेब साईट का ही इस्तेमाल किया जाता हैं |इससे एक संभावना पैदा होती है कि क्या इन वरिष्ठ नेताओं को अपनी बात कहने के लिए अपनी पार्टी की ही वेब साईट नही मिलती या फिर घर का जोगी जोगना और बाहर का जोगी सिद्ध वाली कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है|इस सबसे एक बात तो तय है कि पार्टीकी वेब साइट्स के बजाय दूसरों की वेब साइट्स में ही खाद पानी डाला जा रहा है|
इन ट्विट्स पर नजर डाली जाए तो भाजपा की लोक सभा में नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने दो ट्विट्स किये हैं और दोनों ट्विट्स में रीत्विट्स और फेवरेट की संख्या क्रमश २४९+१७९+और ११० +४९ ही हैं|इसके बाद कांग्रेस के नए बने संचार मंत्री अजय माकन के ट्विट पर यह संख्या ४५ और ६ है| सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के लिए मीडिया उपलब्ध रहता है इसीलिए उनके ट्विटर पेज पर ताला ही लगा रहता है|

सी बी आई के प्रति अपमान जनक भाषा में लगे पोस्टरों से भाजपा ने पल्ला झाड़ा

सी बी आई के प्रति अपमान जनक भाषा में लगे पोस्टरों से भाजपा ने अपना पल्ला झाड लिया है| भाजपा नेत्री और राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मति मीनाक्षी लेखी ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि सी बी आई को लेकर जो दिल्ली में अनेको स्थानों पर पोस्टर लगे हैं और इनमे जो बाते लिखी गई है भाजपा उसका नरेन्द्र मोदी की तरफ से भी पूरी तरह खंडन करती है और यह स्पष्ट करती है कि इस पोस्टर से भाजपा का कोई लेना देना नही है| इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए|एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध सी बी आई के दुरूपयोग को स्वीकार भी किया