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Category: Politics

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट रैंकिंग में फिसले मगर राज्य सभा की सदस्यता के लिए उजले:PIL Against Sachin Dismissed By High court

सचिन तेंदुलकर बेशक क्रिकेट करियर के खराब दौर से गुजरते हुए आई सी सी टेस्ट रैंकिंग में २५ से २२वे स्थान पर फिसल गए हैं मगर राजनीती में एक पायदान ऊपर चढ़ गए हैं| दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर के राज्यसभा में नामांकन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है|

सचिन तेंदुलकर

ने दिल्ली के एक पूर्व विधायक रामगोपाल सिंह सिसौदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमे कहा गया था कि तेंडुलकर के पास ‘विशेष ज्ञान और व्यवहारिक अनुभव’ नहीं है, एडिशनल सोलिसिटर जनरल राजीव मेहरा ने संविधान के 80वें अनुच्छेद के मुताबिक इस तरह के नामांकन के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है|
.सरकार के हलफनामे के मुताबिक, ‘केवल चार श्रेणियों (साहित्य, विज्ञान, कला व सामाजिक सेवा) में ही ‘विशेष ज्ञान व व्यवहारिक अनुभव’ का होना जरूरी नहीं है, इसमें खेल, शिक्षा, कानून, इतिहास, अकादमिक उपलब्धियों, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता, संसदीय प्रक्रियाओं, लोक प्रशासन, कृषि, खेल (कुश्ती) या मानव उद्यम के ऐसे ही अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है.’सरकार ने 26 अप्रैल को तेंडुलकर ,अभिनेत्री रेखा और उद्योगपति अनु आगा को राज्यसभा के लिए नामांकित किया था| संविधान की धारा 80 के तहत विज्ञान, कला, साहित्य और समाजसेवा ही नहीं बल्कि खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी मनोनीत किया जा सकता है.अदालत ने 21 नवंबर को दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिंह सिसोदिया की जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था. सिसोदिया ने एक पी आई एल दायर करके सचिन के नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि संविधान की धारा 80 के लिये वह राज्यसभा नामांकन की अहर्ताओं पर खरे नहीं उतरते|अब कोर्ट के आदेश के बाद यह चुनौती समाप्त हो गई है|

चलती बस में हुए घिनौने बलात्कार पर राज्य सभा में क्या केवल ओपचारिक बहस हुई ?

Indian Parliament

दिल्ली की सड़को पर चलती बस में हुए घिनौने बलात्कार पर राज्य सभा में क्या एक बार फिर केवल ओपचारिक ही बहस हुई यह एक यक्ष प्रश्न के रूप में उभर रहा है ? राज्य सभा में जिस प्रकार सदस्यों को बात शुरू करते ही समय की कमी की दुहाई देते हुए बैठने को कहा जाता रहाइससे विषय के प्रति गंभीरता उजागर होती है|राजधानी दिल्ली में एक बस में हुए गैंगरेप के विरुद्ध आज सड़क से लेकर संसद में आक्रोश की सुनामी आई राज्यसभा और लोकसभा में सभी ने विशेषकर महिला सदस्यों ने पार्टी लाईन से ऊपर उठ कर बलात्कार की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाये जाने की पैरवी की |भाजपा की सुषमा स्वराज ने तो बलात्कारी के लिए मृत्यु दंड की मांग की |गिरिजा व्यास,मोह्सीना किदवई,रेणुका चौधरी,आदि ने व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग कीलेकिन दुर्भाग्य से इस घिनौने अपराध की रोक थाम के लिए आयोजित चर्चा में विशेष कर राज्य सभा में अधिकाँश सीटें खाली ही नजर आई|
रेखा और सचिन सरीखे सजावटी सांसद तो थे नहीं और जो थे उन्हें बुलवाने की ओपचारिकता पूरी कराने के लिए थोड़ा थोड़ा समय दिया गया|इस पर ज्या बच्चन और जावेद अख्तर जैसे चिंतकों ने नाराज़गी भी जाहिर की| ज्या बच्चन और जावेद अख्तर जैसे चिन्तको को बोलने का पर्याप्त अवसर तक नहीं दिया गया|| जावेद अख्तर ने तो कहा की वोह कभे कभी बोलते हैं इसीलिए इस घ्रणित कृत्य से बेहद आहत है और उन्हें बोलने दिया जाए मगर उप सभापति महोदय ने समय की कमी बता कर उन्हें बैठने को कहा इस पर जावेद बैठ तो गए मगर कह गए कि शायद मुद्दे से ज्यादा समय महत्वपुर्ण हो गया है|
उधर ज्या बच्चन जब बोलने उठी तब उन्हें बात शुरू करते ही समय की कमी की दुहाई देते हुए कन्क्लूड करने को कहा गया|इस पर ज्या रूहान्सी हो गई और प्रोटेस्ट में खडी रही |इस बहस में पोलिस और सरकार पर ढेरों आरोप लगे व्यवस्था की कमियां गिनाई गई मगर इस रोग के इलाज़ के लिए भी कोई कारगर निर्णय ले लिया जाए तो अपराध की पुनरावर्ती की किसी हद तक रोकथाम हो सकेगी

दिल्ली में चलती बस में किये गए सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध संसद से सड़क तक आक्रोश की सुनामी: Time For Police&judicial reforms

दिल्ली में एक चार्टर्ड बस में फिजियोथेरेपिस्ट से किये गए सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध सड़क से लेकर संसद में आक्रोश की सुनामी दौड़ी|अपराधियों को कड़ी सज़ा की मांग के साथ ही इस प्रकार के अपराधों की पुनरावर्ती की रोक थाम के लिए यथाशीघ्र पोलिस और न्यायिक सुधारों की जरूरत पर बल दिया गया | लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार स्वयम पीड़ित महिला को देखने अस्पताल गई|
लोकसभा में बीजेपी की सुषमा स्वराज ने तो ऐसे बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा की मांग तक कर दी। राज्यसभा में चर्चा के दौरान एसपी सांसद जया बच्चन की आंखें नम हो गईं। खुद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भावुक हो उठीं। वहीं, दिल्ली की सड़कों पर कई जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिला। देश का सियासी माहौल भी गरम हो गया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की राजधानी में हुई इस घटना की किन शब्दों में निंदा की जाए इसके लिए कोई शब्द बचता नहीं है। सुषमा स्वराज ने कहा कि इस घटना से पूरा देश शर्मसार है। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस की गिरिजा व्यास ने देश में बलात्कार की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस विषय को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कानून को सख्त बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना करने के साथ साथ पुलिस ट्रेनिंग और जागरूकता बढाने पर जोर दिया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भी इस मुद्दे पर भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई है वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली है। समाज के लिए शर्म से सिर झुका लेने वाली घटना है। सदन की भावना है कि सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं और इस मामले में कोई और विलंब न हो। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सदन की भावना से अपने को जोड़ते हुए कहा कि सख्त कदम उठाए जाएंगे, इसमें कोई कमी नहीं रहेगी।

राज्यसभा का स्थगन

गैंग रेप के मुद्दे पर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी दल के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से इस मामले में बयान देने की मांग कर रहे थे। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यह मामला उठाया। बीजेपी सदस्य माया सिंह, एम. वेंकैया नायडू तथा अन्य घटना की निंदा करते हुए अपनी सीट से खड़े हो गए। माया सिंह ने कहा कि दिल्ली महिलाओं के लिए पूरी तरह असुरक्षित है। हंगामे को देखते हुए सभापति हामिद अंसारी ने हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो एसपी की जया बच्चन भावुक हो उठीं। उनकी आंखें नम हो गईं। इस मुद्दे पर पूरा सदन एक साथ दिखा। सभी ने कड़ी कार्रवाई की मांग की।पिछले 15 दिनों में दिल्ली में गैंग रेप की यह 5वीं घटना है।
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जेएनयू और डी यू के छात्रों का प्रदर्शन

हर 18 घंटे में दिल्ली को दहला देने वाले रेप केसों के खिलाफ स्टूडेंट्स रोड पर उतर आए हैं। देश की 2 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज डीयू और जेएनयू के छात्र बीते दिनों चलती बस में मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए इस घिनौने अपराध को करने वालों के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली में प्रदर्शन किया। वे कानून बनाने और लागू कराने वाली दिल्ली सरकार और हमारी सिक्योरिटी करने वाली दिल्ली पुलिस से आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा देने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी में आर्ट्स फैकल्टी में यूनिवर्सिटी के सभी स्टूडेंट एबीवीपी के साथ मिलकर दिल्ली में हुए गैंग रेप के खिलाफ प्रदर्शन किया। अब छात्राएं अपनी सिक्योरिटी की मांग को पीछे छोड़ लोगों से अपना दिमाग साफ करने की अपील कर रही हैं। स्टूडेंट्स की मांग है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। जेएनयू के स्टूडेंट्स ने भी दिल्ली को शर्मसार करने वाली इस घिनौनी हरकत के खिलाफ 11 बजे से वसंत विहार थाने के बाहर प्रदर्शन किया

दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज गुप्ता

ने कहा कि वे अदालत से गुज़ारिश करेंगे कि इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रक अदालत में रोज़ाना की जाए.
नीरज गुप्ता ने जानकारी दी कि इस केस के चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि दो फिलहाल फरार हैं. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक बस का ड्राइवर राम सिंह, उसका भाई मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अक्षय ठाकुर और एक अन्य आरोपी फरार है. अक्षय कुमार बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है.
घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए नीरज गुप्ता ने कहा कि रविवार की रात 9.30 से 10 बजे के बीच बलात्कार की घटना घटी और स्कूल की चार्टर बस में बलात्कार को अंजाम दिया गया.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक 370 बसों की पड़ताल के बाद ही उस बस का पता चलाया जा सका जिसमें बलात्कार की घटना घटी. उनका कहना था कि फॉरेंसिक जांच के बाद यह सुनिश्चित कर लिया गया है जो बस पकड़ी गई है उसी बस में बलात्कार की घटना घटी.नीरज गुप्ता ने कहा कि ड्राइवर ने जुर्म कबूल कर लिया है.पुलिस कमिश्नर ने पीड़ित का हाल बताते हुए कहा कि उसकी स्थिति नाज़ुक है, लेकिन पहले से बेहतर है
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दिल्ली की समाज कल्याण मंत्री किरण वालिया

ने कहा है कि दिल्ली की सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे|

Indian Parliament

अब तो इंडियन टेस्ट क्रिकेट कप्तान धौनी को हटा दो Change The Captain Dhoni

इंग्लैण्ड के हाथो शर्मनाक रूप से क्रिकेट टेस्ट सिरीज हारने से आहत खेल जगत अब भारतीय टीम विशेषकर कप्तान के बदलाव की मांग करने लगा है| ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पहले वाइटवॉश और अब घरेलू सीरीज में पिटने के बाद टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में धौनी की काबिलियत पर मोहिंदर अमरनाथ के सवालों को अब जोर शोर से समर्थन मिलना शुरू हो गया है| गौतम गंभीर और विराट कोहली में से किसी एक को टीम इंडिया की कमान के लिए सुपात्र बताया जा रहा है|
कई पूर्व खिलाड़ी विराट कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी देने के पक्ष में नजर आ रहे हैं।

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर,

के पूर्व अध्यक्ष श्रीकांत, अतुल वासन कप्तान धौनी को हटाने की बात कर रहे हैं। पिछले 18 महीनों में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद ये लोग टेस्ट कप्तान बदलना चाहते हैं और उनकी जगह विराट कोहली का नाम सुझाया जा रहा है। नागपुर टेस्ट से पूर्व धोनी का समर्थन करने वाले सुनील गवास्कर ने भी अब नागपुर टेस्ट के ड्रा होने पर धोनी प्रेम को त्याग दिया है| गावस्कर ने कहा कि समय आ गया है कि चयनकर्ता भविष्य पर ध्यान दें, क्योंकि धौनी सीरीज में लय में नहीं दिखे। पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने कहा कि इस टेस्ट के चौथे दिन तक मैं कहता रहा कि धौनी का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन विराट के मुश्किल हालात में शतक जड़ने के बाद मुझे लगता है कि उसने अपने बारे में अच्छी चीज खोज ली है। मुझे लगता है कि वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। गावस्कर ने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी ओर सकारात्मक तरीके से देखा जाना चाहिए, क्योंकि यहीं भविष्य है।

अब तो इंडियन टेस्ट क्रिकेट कप्तान धौनी को हटा दो


मोहिंदर अमरनाथ के धोनी पर लगाये गए आरोपों से बचते फिर रहे

श्रीकांत

का अब मानना है कि धौनी कप्तानी के भार के बिना ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि धौनी की कप्तानी नीरस हो गई है अगर मैं चयनकर्ताओं का अध्यक्ष होता तो मैं धौनी को विकेटकीपर और बल्लेबाज के रूप में टीम में चुनता। श्रीकांत ने कहा कि मैं धौनी को विकेटकीपर और बल्लेबाज इसलिए चुनता क्योंकि उसका क्रिकेट को दिया गया योगदान काफी अहम है। मुझे लगता है कि अगर वह कप्तानी नहीं करेगा तो टीम को ज्यादा बेहतर योगदान दे सकता है।
धौनी ने कोलकाता टेस्ट में मिली हार के बाद कहा था कि मेरे लिए सबसे आसान चीज यह कहना होगी कि मैं कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और इस टीम का हिस्सा बने रहना चाहता हूं। लेकिन यह जिम्मेदारी से भागने की बात होगी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बीसीसीआई और प्रशासनिक लोग ही इस पर फैसला ले सकते हैंलेकिन अब उन्होंने हार को स्वीकार करने के बजाये बल्ले बाज़ और फ़ास्ट बोलर्स पर दोष डालना शुरू कर दिया है| टीम कुछ समय पहले आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर थी। इन जीत में से ज्यादातर पांच जीत घरेलू सरजमीं पर मिली हैं। अब उल्लेखनीय है कि धौनी की अगुवाई में विदेशी सरजमीं पर टीम ने 13 में से आठ गंवाए हैं और पिछले दो साल में केवल दो जीत दर्ज की हैं।
धौनी को 2007 विश्व टवेंटी-20 चैपिंयनशिप जीतने के बाद कैप्टन कूल पुकारा जाने लगा, लेकिन पिछले दो साल में विदेशी सरजमीं पर टेस्ट में खराब प्रदर्शन से उन पर सवाल उठने लगे। इंग्लैंड के हाथों घरेलू सीरीज गंवाने से, मध्यक्रम बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद भारत की बल्लेबाजी खामियां उजागर हो गई।
पिछले दो साल के दौरान खेले गए 22 टेस्ट मैचों में भारत ने महज सात मैच ही जीते हैं, 10 मैचों में टीम को हार मिली है और पांच ड्रा रहे हैं।

पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी

ने भी धौनी को कप्तानी से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि धौनी को खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए कि वह अब भी वहां [कप्तान] है। अगर टाइगर पटौदी या सुनील गावस्कर ने इतने टेस्ट गंवा दिए होते तो वे इतने लंबे समय तक नहीं टिके रहते। बेदी ने कहा कि उसने कप्तान बने रहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है। उसे विश्व कप जीत के बाद ही हटा देना चाहिए था। उन्होंने पूछा कि वह टेस्ट कप्तान नहीं है। आपको ऐसे कप्तान की जरूरत होती है जो अंतिम एकादश में अपने स्थान का दावेदार हो। मुझे बताइए कि उसके 99 रन टीम के किसी काम के थे।
बेदी का मानना है कि कोहली को टीम की कमान सौंपनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप ऐसा नहीं कह सकते कि हम किसी अन्य खिलाड़ी को कप्तान नहीं बना सकते मैं विराट कोहली को कप्तान बनाऊंगा। उसके पास तेज क्रिकेटिया दिमाग है। आपको युवाओं पर भरोसा करना होगा। यह युवा खिलाड़ियों का खेल है। हम लंबे समय से उम्रदराज खिलाड़ियों को ढो रहे हैं।

पूर्व तेज गेंदबाज कपिलदेव

भी मानते हैं कि धौनी से टेस्ट की कप्तानी ले लेनी चाहिए। उनका मानना है कि सहवाग या गंभीर बेहतर विकल्प हो सकते हैं। वहीं कोहली को लेकर उनका कहना है कि अभी उसे कप्तानी सौंप देना थोड़ी जल्दबाजी होगी। अभी उसे दो साल और टेस्ट क्रिकेट खेलने दीजिए उसके बाद जिम्मेदारी देने के बारे में सोचिए। उन्होंने कहा कि अभी वह 21 साल का है और हाल ही में वह टेस्ट टीम का नियमित सदस्य बना है इसलिए अभी तुरंत उस पर बोझ डालना सही नहीं होगा। कुछ इसी तरह के विचार पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह भी रखते हैं।
टीम कि लगातार हार और आलोचनात्मक प्रदर्शन से एक बात तो साफ़ हो गई है कि टीम सलेक्शन में मोहिंदर अमरनाथ के निर्णय की उपेक्षा करके बोर्ड ने यह साबित कर दिया है कि क्रिकेट अब सभ्य पुरुषों का खेल नहीं रह गया है|शीर्ष पर बैठा ही सलेक्टर है और अपने हितों की रक्षा की खातिर ही टीम में बदलाव लाया जाता है|अब समय अ गया है कि देश के लिए देश के नाम पर खेले जाने वाले इस खेल के प्रति भी विस्तृत चर्चा होनी चाहिए और इसके न्रेतत्व में बदलाव के लिए कड़े फैसले लेने का समय आ गया है|

छावनी परिषद् के आठों पार्षदों ने परिषद् पर शक्ति प्रदर्शन किया: 21 Points Memorandum To Defense Minister

Meerut छावनी परिषद् के आठों पार्षदों ने परिषद् पर शक्ति प्रदर्शन किया:

मेरठ छावनी के आठों पार्षदों ने आज परिषद् कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया सभी पार्षद अपने छेत्रों के समर्थकों के साथ कार्यालय पहुंचे और रक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा|आज सुबह आश्चर्यजनक रूप से परिषद अधिकारियों ने परिसर के सारे गेट बंद करवा दिए और पार्षदों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी जिस पर सभी भड़क गए और गेट पर ही सभा शुरू हो गई और बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाने शुरू हो गए |थोड़ी देर के बाद स्थिति को काबू करने के लिए छेत्र के पोलिस अधिकारियों ने अन्दर जाकर अधिकारीयों से संपर्क किया तब जाकर दो पार्षदों के लिए गेट खोला गया |डाक्टर संजीव कुमार गुप्ता द्वारा हस्ताक्षरित २१ सूत्रीय ज्ञापन मुख्य अधिशासी अधिकारी को सौंपा गया| इसके बाद धरना पर्दर्शन समाप्त कर दिया गया|पोलिस अधिकारियों के विवेकपूर्ण कदम से वहां कोई अप्रिय घटना होने से बच गई और प्रदर्शन शान्ति पूर्वक निबट गया|
गौरतलब है कि देश में ६२ छावनियों में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी छावनी मेरठ में विकास के बजाय पार्षदों और परिषद् में टकराव बढ़ता जा रहा है| इसीके फलस्वरूप आज सोमवार को आठों पार्षद ने परिषद् कार्यालय पर धरना दिया और प्रदर्शन किया |पार्षदों ने परिषद् अध्यक्ष मेजर जनरल वी के यादव ,मुख्य अधिशासी अधिकारी और दशकों से परिषद् में जमे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है| अखिल भारतीय केंट बोर्ड उपाध्यक्ष संघ के अध्यक्ष श्री गुप्ता ने आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में मामले को ले जाने का आश्वासन दिया|
पार्षद अजमल कमाल [लालकुर्ती]और जगमोहन शाकाल [सदर] के अनुसार मेरठ के पार्षदों का हौंसला बढाने के लिए छावनी परिषदों के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर संजीव गुप्ता [झांसी]के साथ अनेकों छावनियों के उपाध्यक्ष दिल्ली जायेंगे |
गौरतलब है की छेत्र में विकास के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है|इसके लिए धनाभाव का रोना रोया जाता है जबकि सैनिक अधिकारियों के छेत्रों में ही कार्य कराये जा रहे हैं|ये आरोप लगाते हुए असंतुष्ट पार्षदों ने कहा है कि [१]गृह कर और जल कर में की गई वृद्धि को तत्काल वापिस लिया जाए|[२]विकास कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराये जाये|[३]चेंज आफ परपस को चालू किया जाए[४]नक्शा पास करने के प्रक्रिया तेज की जाए[५]बंगलो एरिया में बिजली पानी और सड़क सुविधा दी जाये|[५]कर्मियों का स्थानातरण किया जाये
इसके अलावा सुझाव भी दिया गया कि छावनी परिषद् में किये जा रहे चालान को कोर्ट में भेजने के बजाये चालानपर बोर्ड द्वारा ही निर्णय कराया जाना चाहिए इससे बोर्ड को अतिरिक्त आमदनी होगी| कम्पाउंड प्रक्रिया को गति दी जानी चाहिए|एन ओ सी देने में की जारी देरी को रोक जाना चाहिए|एतिहासिक स्थलों का सौन्द्रियकरण हो और फ्रीहोल्ड प्रक्रिया यथा शीघ्र शुरू की जाए |

प्रोमोशन में आरक्षण का संशोधन बिल राज्य सभा में पारित:मुलायम सिंह का विरोध तूती साबित हुआ

प्रोमोशन में आरक्षण का विरोध कर रहे मट्ठी भर सपा सांसदों के विरोध स्वरुप शब्द नक्कार खाने में तूती हे साबित हुए और प्रोमोशन में आरक्षण का संशोधन बिल १० के मुकाबिले २०६ मतों से पारित हो गया अब इसे लोक सभा में पेश किया जाएगा| लेकिन इसके साथ प्रोमोशन में आरक्षण का विरोध करके जहां सपा ने बहुसंख्यकों को लुभाया है तो वहीं इसी मुद्दे पर राज्य सभा में पुर्व की तरफ बहस से वाक् आउट करने के बजाये बहस में हिस्सा लिया और संशोधन बिल पर बहस करते हुए मुसलमानों के लिए भी आरक्षण की मांग कर अपने पारंपरिक वोट बैंक को सांत्वना दी |लेकिन फेस सेविंग के लिए मतदान में भाग नहीं लिया मुलायम सिंह यादव की इस मुहीम में वेस्ट बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बेनर्जी , आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन किया है| |

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सपा ने सोमवार को केंद्र सरकार से मुसलमानों को नौकरियों में आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने की मांग की. सरकारी नौकरियों के आरक्षण में मुसलमानों को आरक्षण दिये जाने के सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की मांग का समर्थन करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। सपा का कहना था कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है. , सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है और उन्हें नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए.राज्यसभा में पार्टी के प्रमुख रामगोपाल यादव ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, ‘सच्चर समिति के अध्ययन व रिपोर्ट में कहा गया था कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी खराब है. जब आप प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन कर रहे हैं तो धर्म-आधारित आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन क्यों नहीं किया जा सकता.’सपा के इस मुद्दे पर हंगामे के चलते प्रश्नकाल को कुछ समय के लिए स्थगित करने के बाद पार्टी की ओर से यह मांग की गई. उन्होंने कहा, ‘एक संवैधानिक संशोधन विधेयक लाएं और मुसलमानों को नौकरियों में आरक्षण दें.|
मंत्री को बताना चाहिए कि सरकार इस तरह का विधेयक कब लाएगी |सपा के नरेश अग्रवाल ने पार्टी सांसदों से सभापति के आसन के नजदीक इकट्ठे होने के लिए कहा, जिसके बाद सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया.|
आरक्षण के खिलाफ आंदोलनकारियों ने एक और हथियार चलाया है। इस बिल का विरोध करने वाले संगठन सर्वजन हिताय संघर्ष समिति ने राज्यसभा के सभी सांसदों को एक मेल भेज कर अपील की है कि वे देशहित में पार्टी व्हिप को नकार कर पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ वोट करें।
इधर, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी पदोन्नति में आरक्षण लागू करने के लिए संविधान संशोधन को गैरकानूनी करार दिया है और इसके खिलाफ मुहिम को समर्थन दिया है भाजपा के भूपेंद्र यादव ने मुलायम सिंह यादव के विरोध को राजनीती से प्रेरित बताया

मेरठ छावनी के पार्षदों और परिषद् की लड़ाई अब सड़को पर आई

मेरठ छावनी परिषद्

भारत में ६२ छावनियों में दूसरे नंबर की सबसे बड़ी छावनी मेरठ में विकास के बजाय पार्षदों और परिषद् में टकराव बढ़ता जा रहा है| इसीके फलस्वरूप कल सोमवार को आठों पार्षद परिषद् कार्यालय पर धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे|पार्षदों ने परिषद् अध्यक्ष मेजर जनरल वी के यादव ,मुख्य अधिशासी अधिकारी और दशकों से परिषद् में जमे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है| आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में भी जाने के घोषणा की गई है|
पार्षद अजमल कमाल के अनुसार मेरठ के पार्षदों का हौंसला बढाने के लिए छावनी परिषदों के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव गुप्ता [झांसी]के साथ अनेकों छावनियों के उपाध्यक्ष आयेंगे |
गौरतलब है की छेत्र में विकास के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है|इसके लिए धनाभाव का रोना रोया जाता है जबकि सैनिक अधिकारियों के छेत्रों में ही कार्य कराये जा रहे हैं|ये आरोप लगाते हुए असंतुष्ट पार्षदों ने कहा है कि [१]गृह कर और जल कर में की गई वृद्धि को तत्काल वापिस लिया जाए|[२]विकास कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराये जाये|[३]चेंज आफ परपस को चालू किया जाए[४]नक्शा पास करने के प्रक्रिया तेज की जाए[५]बंगलो एरिया में बिजली पानी और सड़क सुविधा दी जाये|
इसके अलावा पार्षद अजमल कमल ने सुझाव भी दिया ही कि छावनी परिषद् में किये जा रहे चालान को कोर्ट में भेजने के बजाये चालानपर बोर्ड द्वारा ही निर्णय कराया जाना चाहिए इससे बोर्ड को अतिरिक्त आमदनी होगी| कम्पाउंड प्रक्रिया को गति दी जानी चाहिए|एन ओ सी देने में की जारी देरी को रोक जाना चाहिए|एतिहासिक स्थलों का सौन्द्रियकरण हो और फ्रीहोल्ड प्रक्रिया यथा शीघ्र शुरू की जाए |

एक व्यक्ति प्रतिदिन मात्र चार रुपये में पेट भर खा सकता है:शीला दीक्षित

शीला दीक्षित के एक बयान पर बवाल हो गया है. शनिवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली की सीएम ने कहा कि 600 रुपये पांच लोगों के परिवार की दाल-रोटी-चावल के लिए काफी हैं. हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान पर सफाई भी दी, शीला दीक्षित ने अन्नश्री योजना की शुरुआत की थी. योजना है गरीब परिवारों को हर महीने अनाज के बदले 600 रुपये महीना देने की. शीला दीक्षित ने इस कार्यक्रम में कहा कि दिल्ली में पांच लोगों का परिवार छह सौ रुपये महीने में अच्छे से पेट भर सकता है. उसे कम से कम दाल, चावल और गेहूं तो मिल ही सकता है.
क्या दिल्ली में रहने वाले किसी आदमी का पेट सिर्फ 4 रुपये में भर सकता है.दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मुताबिक दिल्ली में ऐसा संभव हैं.

शीला दीक्षित ने कहा, सरकार अन्नश्री के तहत हर महीने गरीब परिवारों को 600 रुपये देगी. मैं समझती हूं दिल्ली में पांच लोगों का परिवार छह सौ रुपये महीने में अच्छे से पेट भर सकता है.अर्थार्त पञ्च लोगों के परिवार के लिए महीने में १५० डाईट और ६०० रुपयों में १५० डाईट का अर्थ हुआ ४ रुपये प्रति डाईट |इस एक डाईट में सुबह दोपहर और शाम का खाना शामिल है|
शीला दीक्षित ने ये बात १५-दिसंबर को दिल्ली में अन्नश्री योजना की शुरुआत करते वक्त कही थी|.
शीला ने जब यह बयान दिया, तब कांग्रेस और यूं पी ऐ अध्यक्षा सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।
जो सीधे परिवार की महिला सदस्य के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ 25 लाख लोगों को मिलेगा।
इस योजना से लाभान्वित होने वाले लोगों ने शीला के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है|लोगों का कहना है कि अगर ४/= प्रति व्यक्ति प्रति दिन पर्याप्त है तो गरीब को तो खुली छत के नीचे रहना और कभी बीमार नहीं होना चाहिए\इसके अलावा सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि बाज़ार कीमतें भी इसी के अनुरूप रहेंगी|
योजना को शुरू करने के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये योजना आधार कार्ड से जुड़ा होगी और पीडीएस स्कीम से अलग होगी। सोनिया गांधी ने अन्न श्री योजना लागू करने के लिए दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि इस स्कीम की सबसे अच्छी बात ये है कि पैसा जरूरतमंद परिवार की महिला सदस्य को मिलेगा।
श्रीमति सोनिया गांधी ने कहा कि यूपीए और कांग्रेस की सरकार गरीबों को भोजन देने की गांरटी को लेकर गंभीर है और जल्द ही संसद में फूड सिक्योरिटी बिल पेश किया जाएगा। एक तरफ सरकार मानती है महंगाई बढ़ रही है लेकिन दूसरी तरफ कभी ये कहा जाता है कि 20 रुपये से ज्यादा कमाने वाले को गरीब नहीं माना जा सकता। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने ही अन्नश्री योजना की शुरुआत करते हुए यहां तक कह डाला कि 600 रुपये में पांच सदस्यों वाले एक परिवार का खर्च आसानी से चल जाएगा। ये बयान गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या है। इसके पहले मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने 27 रुपये रोज कमाने वाले शख्स को गरीबी रेखा के नीचे करार देने से इनकार कर दिया था। मोंटेक की तब खासी किरकिरी हुई थी। बावजूद इसके अब शीला दीक्षित ने 600 रुपये की थ्योरी देकर प्रति व्यक्ति के लिए पूरे दिन के खाने के लिए मात्र चार रुपये पर्याप्त बता कर चौंका दिया है। रांची में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने २०११ में दाल-भात योजन की शुरूआत की। इस योजना के अंतगर्त राज्य में 100 केंद्रों पर प्रतिदिन मात्र 5/- (पांच) रूपय में दोपहर के खाने की व्यवस्था सरकार के द्वारा की गई|अब एक साल के बाद महंगी दर इतनी बड चुकी है मगर सरकारी आंकड़ों के अनुसार मानवीय डाईट की आवश्यकता घटाई गई है यह हास्यस्पद है|

शीला दीक्षित

भाजपा की हाहाकार रैली में आज लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बढ़ते अपराधों के विरुद्ध हुंकार भरते हुए पार्टी के तेवर दिखाए

भाजपा की हाहाकार रैली

भाजपा की हाहाकार रैली में आज प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बढ़ते अपराधों के विरुद्ध हुंकार भरते हुए पार्टी लाईन को उजागर किया|
कमिश्नरी चौक में आज भाजपा द्वारा हाहाकार रैली का आयोजन किया गया जिसमे भारी संख्या में लोग शामिल हुए| प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई,संसद राजेंद्र अग्रवाल,पूर्व विधायक अमित अग्रवाल,मोहन लाल कपूर,मेयर हरिकांत अहलुवालिया,आदि ने रैली को संबोधित किया|इसमें प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इस माह गन्ना ,धान,के प्रति सरकार की जन विरोधी नीतियों का पूरजोर विरोध किया जाएगा|
श्री वाजपई ने कहा कि मुरादाबाद,मेरठ,और देवरिया[१८दिसंबर] चंदौली [१९ दिसंबर ]] में आगामी सप्ताह से आन्दोलन शुरू किये जायेंगे| धान के कट्टे सर पर रख कर अधिकारियों के कार्यालय में कार्यकर्ता और नेतागण जायेंगे और सरकार को धन खरीदने के लिए मजबूर किया जाएगा

जिलाधिकारी जी आप अगर कानून व्यवस्था से संतुष्ट हैं तो में चला जाता हूँ

मेरठ के जिलाधिकारी के एक ज्ञापन भी सौंपा जाना था मगर रैली के स्थान पर एस पी और ऐ डी एम् [ सिटी] के ही आने पर वाजपई भारी समर्थकों के साथ जुलुस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे जहाँ जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया |यहाँ वाजपई ने कानून व्यवस्था पर अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि जिलाधिकारी महोदय आप रोजाना सुबह अखबार में खंगाले गए घरों कि फोटो,लूट डकैती के ख़बरें, देख कर संतुष्ट हैं तो में वापिस चला जाता हूँ |इस पर अधिकारी ने व्यवस्था में सुधार लाने का आश्वासन दिया|

रैली में दो जेब कतरों को धुना गया

रैली में दो जेब कतरों को जनता ने पकड़ कर धुन दिया थोड़ी देर के बाद एक पोलिस अधिकारी आये और उन्होंने जेब कतरों को हिरासत में लिया

आत्म दाह का प्रयास किया

प्रशासन के खिलाफ एक व्यक्ति ने आत्मदाह का प्रयास किया जिसे पोलिस कर्मियों ने तत्परता से विफल कर दिया

आरक्षण समर्थकों की नारे बाज़ी

कलेक्ट्रेट में प्रोमोशन में आरक्षण विरोधी भी अपना मंच सजाये थे और बार बार माईक पर भाजपा से आरक्षण का विरोध करने के लिए नारे लगाते रहे |

रहमान मलिक ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी के लिए बाळ भारत के पाले में सरकाई

पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाळ फिर से भारत के पाले में डाल दी है|उन्होंने भारत द्वारा उपलब्ध कराये गए सबूतों को अपर्याप्त बताया | दोनों देशों के बीच नए वीजा समझौते को मंजूरी अवश्य प्रदान कर दी गई है| । अब पाक से साथ सिंगल की जगह मल्टिपल वीजा लागू होगा।
भारत के दबाव के बाद भी पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया है। मलिक ने कहा कि सईद को गिरफ्तार करने के लिए ठोस सबूत नहीं हैं। अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचने पर मलिक ने रिपोर्टर्स से कहा, ‘हाफिज सईद से हमें कोई ‘प्यार’ नहीं है। यहां से जाने से पहले यदि मुझे आज भी कोई सूचना मिलती है तो मैं उसकी गिरफ्तारी का आदेश दूंगा।
उन्होंने कहा कि बहुत दुष्प्रचार चल रहा है और पाकिस्तान पर काफी दबाव है। उन्होंने कहा, ‘मुझे केवल सूचनाओं वाले ढेरों डोजियर मिल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सईद तीन बार गिरफ्तार किया जा चुका है। मगर सबूतों के आभाव में हर बार रिहा हो गया| भारत ने सईद को खुलेआम घूमने देने और भारत विरोधी भड़काऊ भाषण देने पर पर पाकिस्तान को अपनी गंभीर चिंता से भी अवगत कराया है।
मलिक ने कहा कि 2008 के मुम्बई हमले में सईद के शामिल होने के बारे में महज लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अजमल कसाब का बयान उस पर शिकंजा कसने के लिए एकमात्र सबूत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘उसकी पुष्टि करने के लिए कुछ होना चाहिए।’ मलिक ने भारत और पाक के बीच वीजा नियमों को लचीला बनाने की वकालत करते हुए कहा कि वह अमन का पैगाम लेकर भारत आए हैं।
निर्धारित समय से तीन घंटे देर से भारत पहुंचे मलिक ने प्रोग्राम में थोड़ी तब्दीली करते हुए पाकिस्तान की वायुसेना (पीएएफ) का विमान लिया था, जिसके कारण उन्हें भारतीय अधिकारियों से दोबारा इजाजत लेने पड़ी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने भारत को गुरुवार देर रात ही बताया कि मलिक 13 सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल एवं पांच मीडियाकर्मियों के साथ पीएएफ के विमान से आयेंगे| उसके बाद प्रशासन ने पालम तकनीकी क्षेत्र में विमान के उतरने के लिए मंजूरी दी। निर्धारित प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार सैन्य विमान के उपयोग की स्थिति में भारतीय वायुसेना को इस बात की जांच करनी थी कि चालक दल के कितने सदस्य हैं और विमान पर कौन से उपकरण हैं। पाकिस्तानी पक्ष से सारा ब्यौरा मिलने के बाद विमान को उतरने की इजाजत दी गई, लेकिन हवाई अड्डे के नागरिक क्षेत्र में न कि तकनीकी क्षेत्र में। मलिक को दोपहर दो बजे यहां पहुंचना था लेकिन वह शाम छह बजे पहुंचे।
इससे पहले उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सौरभ कलियाँ के परिवार से मिलाने की भी इच्छा व्यक्त की थी मगर बाद में एक और ब्यान दिया कि कैप्टेन कालिया की मौत शायद मौसम कि वजह से भी हो सकती है|इस पर शहीद की माता ने कड़ा

Home Minister Of Pakistan Rahman Malik

एतराज जताया है|
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