Ad

Category: Social Cause

डॉ. मनमोहन सिंह ने चण्डीगढ़ के निकट धानस में JNNURM के 8000 मकानों को झुग्गी झोपड़ीवासियों को सौंपें

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज चण्डीगढ़ के निकट धानस में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन-जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत स्लम पुनर्वास कार्यक्रम के तहत बनाए गए फ्लैटों का कब्जा लाभार्थियों को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने चण्डीगढ़ को भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनाये जाने की कामना भी की |
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “आज हम जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन की झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के अंतर्गत बनाए गए 8000 मकानों को लाभार्थियों को सौंपने के लिए इकट्ठा हुए हैं। जेएनएनयूआरएम को शुरू हुए करीब 8 साल हो चुके हैं। आज सबसे पहले मैं आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय को इस महत्वपूर्ण मिशन को मेहनत और लगन से लागू करने के लिए बधाई देना चाहूंगा। मुझे बताया गया है कि इससे लगभग 40,000 लोगों को फायदा पहुंचेगा। यह निश्चय ही चण्डीगढ़ शहर को झुग्गी झोपड़ी मुक्त बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh inspecting the model of the Housing Complex Dhanas, at Dhanas, Chandigarh on September 14, 2013. The Governor of Punjab, Shri Shivraj Patil and the Union Minister for Housing & Urban Poverty Alleviation, Dr. Girija Vyas are also seen.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh inspecting the model of the Housing Complex Dhanas, at Dhanas, Chandigarh on September 14, 2013.
The Governor of Punjab, Shri Shivraj Patil and the Union Minister for Housing & Urban Poverty Alleviation, Dr. Girija Vyas are also seen.


साल 2006 में एक सर्वेक्षण के ज़रिए पहचाने गए सभी झुग्गी झोपड़ी निवासियों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना आपके शहर में लागू की जा रही है। इसमें करीब 12000 मकान आने वाले समय में बनाए जाएंगे। मैं इस काम के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।
पी एम् ने कहा कि भारत में शहरीकरण की रफ्तार आने वाले वर्षों में बढती जाएगी। 1971 में हमारे देश की शहरी जनसंख्या करीब 11 करोड़ थी। 1971 से 2011 के बीच के 40 सालों में इसमें करीब 27 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई। यह अनुमान लगाया जाता है कि अगले 20 सालों में यह और तेज़ी से बढ़ेगी और इसमें करीब 22 करोड़ का और इज़ाफा होगा।
यह बढ़ोत्तरी शहरी बुनियादी ढांचे पर बहुत भारी दबाव डालेगी। हमारे शहरों में जो झुग्गी झोपड़ियां हैं वह इस बात का नमूना पेश करती हैं कि तेज़ शहरीकरण से किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
आज हमारे देश में स्लम में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ है और 2017 तक यह बढ़कर 10.4 करोड़ तक हो जाने का अनुमान लगाया गया है।
इस बड़ी समस्या को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने शहरी ग़रीबों की आवासीय ज़रूरतों को पूरा करने में राज्यों को सहायता देने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है, हालांकि आवास राज्य सरकारों का विषय है। 2005 से लेकर अब तक जेएनएनयूआरएम के तहत लगभग 15.6 लाख आवास मंज़ूर किए गए हैं, और इससे सामाजिक आवास और बुनियादी सुविधाओं में करीब 41 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा का निवेश होने का अनुमान है।
झुग्गी झोपड़ियों और उनके फैलाव की समस्या को हल करने के लिए हमारी सरकार ने राजीव आवासीय योजना आरंभ की है। इसके अंतर्गत एक ‘ स्लम मुक्त भारत’ की कल्पना की गई है, जिसमें हरेक नागरिक को एक अच्छा साफ-सुथरा आवास और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकें, जिनसे उन्हे अपनी रोज़ी-रोटी में भी सहायता मिले। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए 10 लाख आवास उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी।
शहरी ग़रीब लोगों को 5 लाख रुपए तक के आवासीय कर्ज पर ब्याज में 5% सब्सिडी दी जा रही है। 1 हजार करोड़ रुपए की पूंजी से एक ऋण जोखिम गारंटी कोष भी स्थापित किया गया है। इस फण्ड के ज़रिए शहरी ग़रीबों को बैंकों से कर्ज लेते समय समर्थक प्रतिभूति की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह योजना आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए अतिरिक्त 10 लाख आवासीय इकाईयों के निर्माण में मदद करेगी।
शहरी ग़रीबों के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास में निज़ी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी हमने एक स्कीम और शुरू की है। इसमें निज़ी क्षेत्र की कंपनियों को आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और कम आय श्रेणी के लोगों के लिए आवास बनाने के लिए आर्थिक लाभ दिए जाते हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं चण्डीगढ़ भारत की आज़ादी के बाद बसाया जाने वाला पहला योजनाबद्ध शहर है। यह शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने वास्तुशिल्प और नगर डिजाइन के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तमाम भारतीय राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में इस शहर की प्रतिव्यक्ति आमदनी भी सबसे अधिक है। 2010 में इसे भारत का सबसे “साफ-सुथरा” शहर घोषित किया गया था।
मुझे उम्मीद है कि चण्डीगढ़ बहुत जल्दी भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनने का गौरव भी प्राप्त करेगा।

राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने गृह मंत्रालय के हिंदी दिवस पर की राजभाषा में शोध को बढ़ावा देने की अपील

[नई दिल्ली]राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने की हि‍न्‍दी में शोध को बढ़ावा देने की अपील|
गृह मंत्रालय द्वारा हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमे राष्ट्रपति ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार भी दिए |
राष्‍ट्रपति‍ प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शिक्षा संस्थानों को हिंदी में साहित्य एवं शोध को बढ़ावा देना होगा।
आज नई दि‍ल्‍ली में हि‍न्‍दी दि‍वस के अवसर पर आयोजि‍त एक समारोह को संबोधि‍त करते हुए उन्‍होंने कहा कि‍ हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। उन्‍होंने कहा कि‍ हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए |
श्री मुखर्जी ने कहा कि भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है| उन्‍होंने कहा कि‍ आज के तकनीकी के युग में इंटरनेट के माध्यम से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्‍थापि‍त कि‍ए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए और वि‍ज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए| राष्‍ट्रपति‍ने कहा ”हम सबका यह प्रयास होना चाहिए कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की मान्य भाषा का दर्जा जल्द से जल्द प्राप्त हो |”
इससे पहले केन्‍द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जन संपर्क की इस भाषा को सरकारी तंत्र में स्थापित होने में कुछ समय अवश्य लग रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब हिंदी अपने उस इच्छित मुकाम पर पहुंच कर अपना परचम लहराएगी । उन्‍होंने कहा कि‍ राजभाषा नीति‍के क्रि‍यान्‍वयन से सरकार के वि‍भि‍न्‍न मंत्रालयों एवं वि‍भागों द्वारा संचालि‍त जन कल्‍याण की वि‍भि‍न्‍न योजनाओं की जानकारी आम नागरि‍कों को हिन्‍दी में मि‍लने से गरीब, पि‍छड़े और कमजोर वर्ग के लोग भी लाभान्‍वि‍त होते हुए देश की मुख्‍यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हमें भारी भरकम शब्दों का मोह त्याग कर आम बोल-चाल के सहज, सरल शब्दों को अपनाना होगा, जिससे हिंदीतर भाषा-भाषी भी अपनी झिझक छोड़ आसानी से हिंदी का प्रयोग कर सकें ।
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति‍ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रलयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बोर्डों/स्वायत्त निकायों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कार स्वरुप राजभाषा शील्ड देकर सम्मानित किया ।
इन्दिरा गांधी मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी में श्री वीरेंद्र कुमार तिवारी की पुस्तक ‘प्राचीन भारतीय स्मारकों का संरक्षण तकनीक एवं प्रविधियाँ’ तथा राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन वर्ग में डा निलय खरे एवं श्री श्यामसुंदर शर्मा की पुस्तक ‘आर्कटिक मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र’ को प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए। विभाग द्वारा चलाई गई नई योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट लेखों में डा ओम विकास के लेख ‘सूचना प्रौद्योगिकी में नागरी’ हिंदी भाषियों की श्रेणी में तथा श्री हेम कपिल, लक्ष्मी विनोद, महेश एम राव एवं शोभा एस प्रभु को संयुक्त रूप से हिंदीतर भाषियों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किए गए |
गृह पत्रिकाओं में भाषाई क्षेत्र ‘क’, ‘ख’ तथा ‘ग’ के अंतर्गत ‘स्पंदन’, ‘प्रयास’, ‘वाणी’ को प्रथम तथा ‘इक्षु’, ‘यूनियन धारा’, ‘सुगंध’ को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए |
केन्‍द्रीय गृह राज्‍य मंत्री श्री मुल्‍लापल्‍ली रामचन्‍द्रन और श्री अरुण कुमार जैन, सचिव, राजभाषा विभाग भी इस अवसर पर उपस्‍थि‍त थे।

एफ एम रेडि‍यो की नीलामी का पारदर्शिता में तीसरा चरण अगले महीने तक: मनीष ति‍वारी

सूचना एवं प्रसारण युवा मंत्री मनीष ति‍वारी ने कहा कि‍ एफ एम रेडि‍यो की नीलामी का तीसरा चरण अगले महीने शुरू कि‍या जाएगा।
दि‍ल्‍ली में आज भारतीय उद्योग परि‍संघ, बि‍ग पि‍क्‍चर समि‍ट-2013 में उन्‍होंने कहा कि‍ सरकार ई-नीलामी को यथासंभव पारदर्शी बनाने की कोशि‍श में है।
श्री ति‍वारी ने कहा कि‍ सरकार मीडि‍या और मनोरंजन उद्योग को 100 अरब डालर तक पहुंचाने के लि‍ए सभी जरूरी सहायता उपलब्‍ध कराएगी। उन्‍होंने कहा कि‍ सरकार को मीडि‍या और मनोरंजन उद्योग में सभावनाओं का अंदाजा है और इस उद्योग में लोगों की सृजन शक्‍ति‍ को उभारने की क्षमता है। उन्‍होंने यह भी बताया कि‍ मौजूदा सि‍नेमेटोग्राफी कानून में संशोधन के वास्‍ते सभी संबंधि‍त पक्षों से वि‍चार-वि‍मर्श के बाद जस्‍टि‍स मुदगल कमेटी रि‍पोर्ट के मध्‍य अक्‍टूबर तक आने की उम्‍मीद है।
मीडि‍या और मनोरंजन क्षेत्र के लि‍ए एक स्‍थाई नि‍यामक व्‍यवस्‍था की आवश्‍यकता पर उन्‍होंने कहा कि‍ सरकार मीडि‍या के लि‍ए नि‍यामक की जगह आपसी वि‍चार-वि‍मर्श में वि‍श्‍वास रखती है। पि‍छले कुछ सालों से मीडि‍या और मनोरंजन उद्योग की दो अंकों में जोरदार वृद्धि दर हासि‍ल करते रहने पर उन्‍होंने कहा कि‍ आर्थि‍क मंदी के बीच यह एक शानदार उपलब्‍धि‍ है।‍
नये मीडि‍या क्षेत्र के बारे में श्री मनीष ति‍वारी ने कहा कि‍ इसमें काफी दम है और यह अनि‍यंत्रि‍त है। उन्‍होंने उद्योग से सोशल मीडि‍या की संभावनाओं को और उभारने का आह्वान कि‍या।

उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता को नव जीवन प्रदान करने के लि‍ए ८ पत्रकारों को नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍ए

उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए ८ पुरुस्कार प्रदान कि‍ए |इनमे एक पुरूस्कार स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत दिया गया|
उपराष्‍ट्रपति‍ श्री मो. हामि‍द अंसारी ने आज आयोजि‍त एक समारोह में उर्दू पत्रकारि‍ता के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले पत्रकारों को ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍या। उर्दू साप्‍ताहि‍क ‘नई दुनि‍या’ द्वारा स्‍थापि‍त ये पुरस्‍कार अलग-अलग संवर्गों में प्रत्‍येक वर्ष दि‍ए जाते हैं। समारोह को संबोधि‍त करते हुए उप राष्ट्रपति ने स्‍कूलों में नयी पीढी के छात्रों के बीच उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लि‍ए प्रौद्योगि‍की को शामि‍ल करने का आग्रह कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ उर्दू भाषा समाप्‍ति‍ के कगार पर है, लेकि‍न कुछ वि‍द्वानों की प्रयासों के चलते इसे नया जीवन मि‍ला है। उन्‍होंने बताया कि‍ स्‍क्रि‍प्‍टों और गीतों के माध्‍यम से उर्दू भाषा को बढ़ावा देने में हिंदी फि‍ल्‍म उद्योग को भी उचि‍त श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए। उन्‍होंने उर्दू भाषा के क्षेत्र में काम कर रहे सभी पुरस्‍कृत पत्रकारों को बधाई दी।
पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं की सूची:-
1. दैनि‍क सि‍यासत, हैदराबाद को बेहतरीन उर्दू पत्रकारि‍ता के लि‍ए अजमत-ए-सहाफत पुरस्‍कार
2. दैनि‍क इंकलाब को बेहतरीन संपादकीय सामग्री के लि‍ए वकार-ए-सहाफत पुरस्‍कार 3. उर्दू राष्‍ट्रीय सहारा को बेहतरीन रि‍पोर्टिंग के लि‍ए अदाब-ए-सहाफत पुरस्‍कार
4. उर्दू टाइम्‍स, मुंबई को बेहतरीन ले-आउट एवं डि‍जाईन के लि‍ए ताजीन-ए-सहाफत पुरस्‍कार
5. श्री बि‍नोद मेहता, संपादक, आउटलुक को राष्‍ट्रीय एकता में योगदान के लि‍ए कौमी यकजाहती पुरस्‍कार
6. श्री संजीव सर्राफ, रेखता को उर्दू भाषा के वि‍कास के लि‍ए फरोघ-ए-उर्दू पुरस्‍कार
7. स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत उर्दू भाषा में राष्‍ट्रीय एकता पर लेखन के लि‍ए सम्‍मान
8. श्री अहमद सईद मलीहाबादी को उर्दू पत्रकारि‍ता में योगदान के लि‍ए लाईफ टाईम एचीवमेंट पुरस्‍कार
photo caption
[1]The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari presented the ‘Nai Duniya Awards for Excellence in Urdu Journalism” to outstanding media persons in Urdu Journalism, at a function, in New Delhi on September 13, 2013.
The Union Minister for Civil Aviation, Shri Ajit Singh, the Minister of State for Agriculture & Food Processing Industries, Shri Tariq Anwar and other dignitaries are also seen.

रालोद के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित हिन्दू,मुस्लिम परिवारों को धाडस बंधाया

राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने आज प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित परिवारों को धाडस बंधाया| रालोद के महासचिव जयन्त चौधरीमुजफ्फरनगर+ मेरठ, बागपत तथा शामली जनपद में शान्ति बहाली के उद्देश्य से गए थे। उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से बातचीत की तथा शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश प्रशासन को चकमा देकर श्री जयन्त चौधरी तड़के सुबह 6 बजे बिना सुरक्षा तथा बिना किसी को बताए अपने एक वाहन से अकेले मेरठ में प्रवेश किया।RLD General Secretary and MP Jayant Chaudhary in Nilokha, District Meerut, meeting Salim,72, whose grandson, Sahid (32), was killed on September 8 in the village as Sahid's mother looks on
जयन्त पहले मोर खुर्द गांव पहुंचे और वैभव और छोटू से मिले जिनके पिता विरेन्द्र सिंह 7 सितम्बर को मारे गए थे।
उसके बाद वह मोहम्मदपुर शिखस्त गांव गए और हिमांशु (8) तथा चिराग (10) से मिले और शोक व्यक्त किया। इन मासूम बच्चों ने अपने पिता योगिन्दर सिंह को 7 सितम्बर को महापंचायत से लौटते समय खो दिया था।
उसके बाद वह निलोखा गांव की ओर चले तथा 72 वर्षीय सलीम से मिले जिनका 32 वर्षीय पोता साहिद 8 सितम्बर को गांव में मारा गया। जयन्त को देखकर सलीम रो पड़ा और कहा, “मैंने सबकुछ एक झटके में खो दिया। क्यों?” जयन्त ने दुखी पिता को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं, आपने सबकुछ देखा है। अपना दिल मत दुखाईए।”
इसके बाद गांव के सभी बुजुर्ग मस्जिद में एकत्रित हुए जहां जयन्त चैधरी उनसे मुखातिब हुए तथा कहा कि सभी बुजुर्ग एक साथ आगे आएं और समुदाय को शान्ति एवं सुलह का संदेश दें।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं उन लोगों के पास जाना चाहता था जो दुखी हैं। कई जिन्दगियां समाप्त हो गईं। मैंने लोगों में राज्य सरकार की निष्क्रियता के प्रति आक्रोश देखा है। लोग भाईचारे व शान्ति को पुनः बहाल करने की गंभीर पहल के लिए जागरूक हैं। निलोखा गांव में बहुत से ग्रामीणों ने मुझे बताया कि जो लोग गांव छोड़ चुके हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा, हम गांव को बिखरने नहीं देंगे।”SONY DSC
जब जयन्त चौधरी ने निलोखा गांव छोड़ा तथा बहरामपुर गांव में मृतक जहीद के परिवारीजनों से मिलने के लिए चले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मेरठ जनपद के जानी गांव पर रोक लिया तथा वापस जाने के लिए कहा। जानी में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में शान्ति है लेकिन वे सांसद की वापसी पर अड़े हुए थे।
युवा सांसद ने कहा, “यह समय पुलिस के लिए समस्या उत्पन्न करने का नहीं है। मैं शान्ति के लिए आया हूं। मैं बहरामपुर जाना चाहता था लेकिन जानी में पुलिस ने मेरी कार को रोक लिया। पुलिस ने कई जगह बैरीकेडस लगा रखे थे। मैं चाहता हूं कि प्रशासन अपने संसाधानों को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित करे बजाय यह सुनिश्चित करने के कि मैं अपने लोगों से न मिल सकूं।”
जयन्त चौधरी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के नेता आगरा में बैठक करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चाएं कर रहे हैं और दूसरी तरफ सांप्रदायिक हिंसाओं को बुझाने जा रहे जन प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है। इस समय इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है तथा इससे उन लोगों का भला नहीं होगा जो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा न्याय की मांग कर रहे हैं

मुद्रा संप्रभुता का प्रतीक है, माला बनाकर या लुटा कर राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करें :आर बी आई का आग्रह

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की मुद्रा को संप्रभुता का प्रतीक बताया और माला बनाकर या लुटा कर इनका दुरूपयोग करके राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करने का आग्रह किया| आर बी आई ने बुधवार को आम लोगों से कहा कि
राष्ट्रीय मुद्रा का सम्मान करें और
माला बनाने में इनका इस्तेमाल न करें +
सामाजिक कार्यक्रम में किसी के ऊपर इसे न्योछावर न करें|
गौरतलब है कि शादी और राजनीतिक रैलियों में नोट लुटाना एक आम रिवाज बन गया है।
।मालूम हो कि बेशक १९६७ से नोट के साइज में कोई तबदीली नहीं कि गई है लेकिन उसके बावजूद प्रिंटिंग कास्ट बढ रही है| बीते साल मीडिया में छपे एक अर्टिकल में बताया गया था कि १०० रुअप्ये के नोट से ज्यादा ५० रुपये के नोट की छपाई में खर्च आता है|दस रुपये के एक नोट की छपाई में १०% का खर्च आता है जबकि १०० रुपये के नोट पर लगभग पौने दो प्रतिशत का खर्चा आता है| ऐसे में नोटों कि बर्बादी से छपाई का खर्चा बढता है और आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाई जाती है|

Dr.George Cooper,Dr. Ivory Toldson Are Named to Head the White House Initiative on HBCUs

President Barack Obama named two new leaders to head the White House Initiative on Historically Black Colleges and Universities (HBCUs).
[1] Dr. George Cooper will begin this week as the Initiative’s Executive Director, and
[2] Dr. Ivory Toldson will serve as Deputy Director.This Is Under President’s plan to keep college affordable and within reach for all Americans .
The President Obama has called on Dr. Cooper and Dr. Toldson to fortify his Administration’s commitment to HBCUs, and to lead the national effort to champion both the rich traditions of these esteemed institutions, and their promise for the future.
The task at hand for Dr. Cooper and Dr. Toldson is to lead a team, stretched across 32 federal agencies, corporate entities, and philanthropic organizations, to work together in strengthening the capacity of over 100 HBCUs, as they strive to shape the country’s next generation of leaders.
Before the Civil War, and the formation of the nation’s first HBCUs, attaining an education of any kind was nearly impossible for most African Americans. Reading and writing was taught in secret to avoid often dire consequences. As the Civil War came to a close, and the 13th, 14th and 15th amendments became law, African Americans were still a long way from attaining equal treatment and access to opportunity in this country, but they did begin to embrace rousing new freedoms – including freedom of the mind.
It was this spirit in which the tradition of HBCUs was born. And since those early years, the impact of these institutions, and their graduates, on our country has been phenomenal.
When a freed slave made his way 500 miles on foot, from a West Virginian mine, to the steps of Hampton University, little did he know that we would all learn the name, Booker T. Washington. When W.E.B. Dubois headed north from Fisk University in Nashville, to become the first black man to earn a doctorate from Harvard – a powerful new voice entered the historic ledgers of social and political American thought.
And when Martin Luther King Jr. stepped onto Morehouse’s campus in Atlanta, he was only 15 years old – but already, the seeds of change in this country were being cultivated.
Courtesy White House
.

Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But detained under the British Black Preventive Detention Act

N D A’s P M In Waiting and senior Journalist L K Advani said that Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But Savarkar was detained under the British Black Preventive Detention Act. In The TAILPIECE of His new blog L K Advani has disclosed this fact. Blogger Advani Said “Before reading this book [The Men Who Killed Gandhi] I did not know that when Savarkar was arrested by the police shortly after Gandhiji’s assassination on January 30, 1948, it was an arrest made under the Preventive Detention Act, “one of the most malignant pieces of legislation with which the British had armed themselves when they ruled India.”
The Bombay police first raided Savarkar’s “residence near Shivaji Park, seized all his private papers, consisting of 143 files and as many as 10,000 letters.
Author Of The Book Malgonkar comments : “There was no evidence at all. What was known (from those papers) was the affiliation of the conspirators to the Hindu Mahasabha and their personal veneration for Savarkar.
The author concludes:
He was sixty-four years old, and had been ailing for a year or more. He was detained on 6 February 1948, and remained in prison for the whole of the year which the investigation and the trial took. He was adjudged ‘not guilty’ on 10 February 1949. The man who had undergone twenty-six years of imprisonment or detention under the British for his part in India’s struggle for freedom was thus slung back into jail for another year the moment that freedom came.”

Loved ones Has everlasting place in America’s Heart :Barack Obama : First Lady Also joined at the USO Warrior and Family Center

The President laid a wreath at the Zero Age Line and observed a moment of silence at 9:37 to honor the victims of the attack at the Pentagon.
President Obama then delivered remarks to families of the victims, also honoring the four Americans who lost their lives a year ago today in Benghazi.
Obama said “They left this Earth. They slipped from our grasp. But it was written, “What the heart has once owned and had, it shall never lose.” What your families lost in the temporal, in the here and now, is now eternal. The pride that you carry in your hearts, the love that will never die, your loved ones’ everlasting place in America’s heart.

First Lady Michelle Obama joined children in an art project at the USO

First Lady Michelle Obama joined children in an art project at the USO


Later the afternoon, President Obama also participated in a service opportunity with Food & Friends, a Washington-area organization that provides freshly-prepared meals to people living with life-challenging illnesses.
Apart From the above First Lady Michelle Obama joined children in an art project at the USO Warrior and Family Center in Ft. Belvoir, Va., Sept. 11, 2013. This center supports wounded, ill and injured troops, their families and caregivers as well as local active duty troops. September 11, 2013.
courtesy White House

Pakistan Is also Ready to Run for development with the crutches Of Privatization Of 26% P I A

Pakistan Is,Now, also Ready to Run for development with the crutches Of Privatization Of P I A . Nebouring Country Pakistan is also on the track of privatisation . To begin with ailing national carrier Pakistan International Airlines [ PIA ] has been selected .As per Federal Minister for Planning, Development and Reforms Prof Ahsan Iqbal This privatization may save 36 billion Rs annually to the ailing national carrier.Pakistan’s Prime Minister Nawaz Sharif today [Thursday] gave the go ahead for 26 % of ailing national carrier PIA it is expected that this move may boost the quality of the airline. The decision came a day after Sharif chaired a special cabinet meeting which also focused on the loss-making Pakistan International Airlines
Earlier this week, PIA had announced that flights to and from India by over 60 % will be reduced.The Nation has quoted the minister[1] “He made it clear that government would not provide any further financial assistance to PIA in future from the taxpayers’ money”[2]that every aircraft has about 700 staffers as compared to 120 member staff in other international airlines. Terming the previous government responsible, The national airline has faced huge losses during last PPP-led coalition government tenure when it restored its 6,000 employees with their previous dues, besides inducting new employees in its five years tenure.