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Category: Social Cause

50 लाख से अधिक परिवारों को 100 दिनों की मजदूरी दी गई

भारत सरकार ने आज राज्य सभा में दावा किया कि 50 लाख से अधिक परिवारों को 100 दिनों की मजदूरी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है|ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री प्रदीप जैन ने बताया कि 26 जुलाई, 2013 तक एक लाख से अधिक परिवारों ने 100 दिन काम करके रोजगार प्राप्त किया
वर्ष 2012-13 के दौरान 50 लाख से अधिक परिवारों ने 100 दिन काम करके रोजगार प्राप्त किया और लगभग, 21 लाख 50 हजार जॉब कार्ड जारी किए गए । । इस दौरान 3 लाख 31 हज़ार नए जॉब कार्ड जारी किए गए । राज्य सभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्री प्रदीप जैन ने यह जानकारी दी । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का उद्देश्य प्रत्येक ऐसे परिवार को कम से कम 100 दिन का रोजगार जुटाना है, जिस परिवार के वयस्क अकुशल कार्य करने के लिए स्वैच्छिक रूप से आगे आएं ।
श्री जैन ने स्वीकार किया कि उनके मंत्रालय में मनरेगा से संबंधित ढेर सारी शिकायतें आती हैं । यह शिकायतें जॉब कार्ड न जारी किए जाने, योजना के लिए निर्धारित धनराशि के खर्च में अनियमितता, ठेकेदारों को लगाना, जालसाजी, कम वेतन बांटने, न बांटने या देर से बांटने, मशीनों के उपयोग इत्यादि से संबंधित होती हैं । साथ ही, उनका कहना था कि इस अधिनियम को कार्यान्वित कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और यही कारण है कि जो भी शिकायतें मंत्रालय को भेजी जाती हैं, मंत्रालय उन्हें राज्य सरकार को भेज देती है । इसके उपरांत कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है । राज्य सरकार मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजती है जिसे मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा करती है ।

कम नवजात मृत्‍यु दर वाले राज्‍यों को कोई प्रोत्साहन नही :ग्रामीण गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 %

भारत सरकार ने देश में नवजात शिशु मृत्‍यु दर घटाने के लिए बनाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकरी राज्य सभा में देते हुए बाते कि सरकार द्वारा अनेको कार्यक्रम चलाये जा रहे है और जिन राज्‍यों ने नवजात शिशुओं की मृत्‍यु दर विभिन्‍न उपायों के जरिए कम रखी है, उन्‍हें प्रोत्‍साहन देने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने राज्‍यसभा में एक लिखित उत्‍तर में बताया कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत बनाये जा रहे कार्यक्रमों से नवजात शिशु परिचर्या सुविधाओं को मजबूत बनाया जाएगा और इसके लिए जि़ला स्‍तर पर नवजात स्थिरता इकाइयां तथा नवजात परिचर्या केन्‍द्र खोले जाएंगे। जहां भी प्रसव की सुविधा है, वहां नवजात परिचर्या केन्‍द्र भी खोले जाएंगे। इस समय देश भर में 448 नवजात शिशु परिचर्या केन्‍द्र, 1574 नवजात स्थिरता इकाइयां और 13219 नवजात परिचर्या केन्‍द्र काम कर रहे हैं। इसके अलावा जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि भी चल रहे हैं।
इसके आलावा

एचआईवी पॉजिटिव म‍रीजों के लिए चिकित्‍सा बीमा पॉलिसी

की जानकारी भी दी गई |स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्याण राज्‍य मंत्री श्री अबु हासिम खां चौधरी ने राज्‍यसभा में एक लिखित उत्‍तर में बताया कि वर्ष 2012 में एचआईवी के बारे में लगाए गए अनुमानों के अनुसार 2010-11 के दौरान भारत में एचआईवी /एड्स (पीएल एचआईवी) ग्रस्‍त जीवित मरीजों की संख्‍या 20.89 लाख थी। ग्रामीण इलाकों में भी गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 % पाई गई|
2012 के एचआईवी अनुमानों के अनुसार पीएल एचआईवी के 86.34 प्रतिशत मरीज वर्ष 2011 में 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग में थे। गर्भवती महिलाओं में एचआईवी फैलने को प्रॉक्‍सी माना जाता है। 2010-11 के एचआईवी सेन्‍टीनल सर्विलांस के अनुसार ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं में एचआर्इवी की मौजूदगी 0.37 प्रतिशत थी, जबकि शहरी इलाकों में ऐसे मरीजों की संख्‍या 0.44 प्रतिशत थी।

अमेरिका में अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ के समक्ष जा सकती है

अमेरिका में अगर नया अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष जा सकती है|
संयुक्‍त राज्‍य अमरीका [ USA ]में ओबामा केयर[ OBAMACARE ] के अंतर्गत आप्रवास Immigrationसुधार विधेयक की प्रगृति से आई टी उद्योग की चिंता पर भारत सरकार सावधानी से नजर रख रही है इस विषय में [१]मई, 2013 [२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और [३]जुलाई 2013 में आयोजित बैठकों के दौरान अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया जा चूका हैं चूंकि यह अभी कानून नही बना है इसीलिए इसके विरुद्ध कार्यवाही से बचा जा रहा है | सूत्रों के अनुसार अप्रवासन के सुधारों के नाम पर इस नए कानून के अस्तित्व में आने पर भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष अपना विरोध दर्ज़ करा सकती है|
गौर तलब है के संयुक्‍त राज्‍य सीनेट ने 27 जून, 2013 को ‘सीमा सुरक्षा, आर्थिक अवसर और आप्रवास आधुनिकीकरण अधिनियम 2013’ नामक विधेयक सं. एस 744 पारित किया। यद्यपति, उम्‍मीद की जा रही है कि मौजूदा विधेयक से विदेशी विद्यार्थियों पर, जिनमें भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं, कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा तथापि भारतीय आईटी उद्योग इस से चिंतित है |इस विधेयक में किए गए कुछ प्रावधानों पर लगातार चिंता व्‍यक्‍त की जा रही है मुख्यत यह चिंता कुशल गैर-आप्रवासी वीजा से संबंधित शर्तों पर है, | अमरीकी संसद के दोनों सदनों में संसदीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यदि इसे लागू किया गया तो संभव है कि एच1-बी/एल-1 वीजा आश्रित फर्मों की जिम्‍मेवारियां और बढ़ जाएंगी,| भारतीय आई टी उद्योग को जिन समस्यायों से जूझना पड़ उनमे सकता है मुख्य निम्न हैं [१]अधिक वेतन;
[२]अमरीकी एजेंसियों द्वारा अधिकाधिक लेखा परीक्षा;
[३]अविस्‍थापन गारंटी/‍
[४]अतिरिक्‍त भर्ती संबंधी नोटिस की अपे‍क्षाएं;
[5]और बढ़ा हुआ वीजा-शुल्‍क शामिल हैं।
बताते चले के [१] मई, 2013 में होमलैंड सिक्‍यूरिटी वार्ता,
[२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और
[३]जुलाई 2013 में सीईओ मंच की हाल ही में आयोजित बैठकों के दौरान गृह मंत्री+ वित्‍त मंत्री+ वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री तथा +विदेश मंत्री द्वारा मंत्रालय स्‍तर पर अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की इन सभी चिंताओं से अवगत करा दिया गया है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास आईटी उद्योग के साथ मिलकर इस सीनेट विधेयक के संबंध में भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं के बारे में अमरीकी कांग्रेस में और अधिक जागरुकता पैदा करने की बाबत कार्य कर रहा है।
सरकार इस सीनेट विधेयक की विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍युटीओ) अनुकूलता की दृष्टि से जांच कर रही है। हालांकि, इस मामले को समुचित समय पर डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष तभी लाया जा सकता है जब यह ‘सीनेट विधेयक’ कानून बन जाए।
मालूम हो कि अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा अपनी अप्रवासन नीति को अपर्याप्त और टूटी[Broken]मानते हैं और उसमे सुधार लाने के लिए कामन सेन्स इमीग्रेशन बिल लाये हैं और सीनेट में उसे पास भी करा लिया अब कांग्रेस में पास करने के लिए लगातार राजनितिक दबाब बनाया जा रहा है | अब यदि यह कानून बन जाता है तो भारतीय आई टी कंपनियों के माध्यम से अमेरिका के विकास में योगदान दे रहे भारतीय कम्पनियाँ और टेक्नोक्रेट्स दोनों प्रभावित होंगे इनके लिए प्रतिस्पर्द्धा में जीतना कठिन किया जा सकता है|

नवाज शरीफ ने चाहा के हथियारों की हौड समाप्त हो लेकिन उनकी सेना ने पांच भारतीय सैनिको को मार डाला

नवाज शरीफ ने चाहा के भारत और पाकिस्तान में हथियारों की हौड समाप्त हो लेकिन उनकी सेना ने भारतीय सीमा में घुस कर पांच भारतीय सैनिको की निर्मम हत्या कर दी | पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के हथियारबंद दस्ते ने एलओसी के करीब 450 मीटर भीतर घुसकर गश्त पर निकले भारतीय सेना के जवानों पर हमला बोला और पञ्च जवानों की निर्मम हत्या करके दौड़ गए| जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारतीय सैनिकों की टुकड़ी पर हमला करने वाले पाकिस्तानी सेना की वर्दी में थे | बिहार और महाराष्ट्र के शीद हुए बहादुर सैनिकों का विवरण निम्न बताया गया है |[1]-सिपाही विजय कुमार राय (21-बिहार रेजीमेंट) – पटना, बिहार[2]-सिपाही रघुनंदन राय (21-बिहार रेजीमेंट) – छपरा, बिहार[3]-नायक प्रेम नाथ सिंह (21-बिहार रेजीमेंट) – छपरा, बिहार[4]-लांस नायक शंभू शरण राय (21-बिहार रेजीमेंट) -भोजपुर, बिहार[5]-नायक माने कुंडलिक केरबा (14-मराठा लाइन)- कोल्हापुर, महाराष्ट्र|
पाकिस्तान की इस करतूत पर भारत में संसद से सड़क तक जबरदस्त आक्रोश की लहर है। भारत की क्षमता और चुप्पी पर प्रश्न उठाये जा रहे हैं|
संसद में विपक्ष ने भी पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा।रक्षामंत्री के बयान को लचर बता कर विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में जमकर धज्जियां उड़ाई। विपक्षी दलों ने कहा कि रक्षामंत्री के बयान से ही पाकिस्तान को बचने का रास्ता मिल गया है।
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने संसद को बताया कि हथियारों से लैस 20 आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय सैनिकों के गश्ती दल पर हमला कर इसे अंजाम दिया।उन्होंने अपने वक्तव्य में पाकिस्तान की वर्दी में आतंकवादियों के हमले की बात कही जिसे विपक्ष ने गैर जिम्मेदाराना करार दिया
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस बार भी नमक छिड़कते हुए अपनी सेना की इस नापाक करतूत से पल्ला झाड लिया और पूरी घटना से ही इनकार कर दिया है।पाक सेना की इस हरकत ने नव निर्वाचित प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की भारत के साथ अच्छे रिश्ते की कोशिशों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार की देर रात चक्कां दा बाग की पोस्ट पर 21 बिहार रेजिमेंट के एक जूनियर कमांडिंग ऑफिसर (जेसीओ) और पांच जवान गश्त पर निकले थे।
एक तरफ तो पाकिस्तान के प्रधान मंत्रीनावज शरीफ भारत और पाकिस्तान में तनाव कम करने के लिए हथियारों की हौड को समाप्त करने की बात करा रहे है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की सेना की यह शर्मनाक हरकत उनके दोहरे पण को दर्शाती है| रक्षा मंत्री के बयाँ के अनुसार पाकिस्तान द्वारा इस वर्ष ५७ बार सीज फायर का उल्लंघन किया गया है| यह बीते वर्ष के मुकाबिले ८०% अधिक है|

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव के दर्शनाभिलाषी ७ अगस्त को मायूस रहेंगे

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री के दर्शनाभिलाषी ७ अगस्त को मायूस रहेंगे| एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सी एम् अखिलेश यादव के लखनऊ के ५. कालीदास मार्ग पर स्थित सरकारी निवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन बुधवार ७ अगस्त को स्थगित रहेगा|
प्रवक्ता के अनुसार रमजान के मुक़द्दस महीने और ९ अगस्त को संभावित ईद को देखते हुए जनता दर्शन को ७ अगस्त के लिए स्थगित किया गया है|

विश्‍व औसत के मुकाबले भारत में दूध ,फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम

विश्‍व औसत के मुकाबले भारत में दूध , फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम ही है
देश में दूध, फल और सब्जियों की प्रति व्‍यक्ति उपलब्‍धता क्रमश: 290 ग्राम,200 ग्राम और 401 ग्राम है। यह विश्‍व औसत के मुकाबले है। वर्ष 2011-12 के दौरान भारत में फलों और सब्जियों का उत्‍पादन क्रमश- 764.2 लाख टन और 1563.3 लाख टन हुआ। देश में बागवानी को प्रोत्‍साहित करने के लिए कृषि और सहकारिता विभाग ने विभिन्‍न कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रही है। इन कार्यक्रम के तहत फसलों का उत्‍पादन एवं उत्‍पादकता बढ़़ाने, फसल की कटाई के बाद प्रबंधन और बुनियादी विपणन ढांचा सृजन के लिए कदम उठाये जा रहे हैं। इसके अलावा दैनिक फलों और सब्जियों की खपत के लिए आम आदमी की पहुंच को बढ़ाने के वास्‍ते प्रसंस्‍करण इकाईयां स्‍थापित की जा रही हैं।
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री श्री तारिक अनवर ने आज लोकसभा में यह जानकारी एक प्रश्‍न के लिख्रित उत्‍तर में दी।

सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है :मनीष तिवारी

सरकार का मीडिया के साथ नियमन का नहीं बल्कि आग्रह का संबंध है, इसीलिए मीडिया को, अपने लिए ,वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन बनाने होंगें|
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि एक वैधानिक प्रणाली के रूप में स्‍व-नियमन को मुख्‍यधारा में लाने की प्रक्रिया समाचार माध्‍यम की ओर से होनी चाहिए न कि सरकार की ओर से। मंत्री महोदय ने जोर देते हुए कहा कि मीडिया के लिए सरकार की पहल एक नियमन के रूप में न होकर एक आग्रह के रूप में है। उन्‍होंने कहा कि इस उद्योग जगत के हितधारकों को एक समतुल्‍य स्‍तर निर्धारित करना होगा ताकि पारदर्शिता, निष्‍पक्षता, संयम की महत्‍ता को सुनिश्चित किया जा सके और सनसनी से बचा जा सके, यह सनसनी मीडिया के मुख्‍य संचालक के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इसे प्रभावित कर रही है। श्री तिवारी ने आज यहां ‘क्‍या मीडिया नियमन यथास्थिति का विकल्‍प है?’ विषय पर एक विशेष चर्चा के दौरान यह बात कही।
गौरतलब है कि बीते माह श्री तिवारी ने सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर सवाल उठाये थे| सोशल मीडिया में उपयोगकर्ता की पहचान गुप्त रखने के नियम के दुरूपयोग रोकने के लिए नए मीडिया के लिए कुछ नियम बनाने की जरूरतपर बल दिया था|
फोटो कैप्शन
The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari delivering the keynote address on theme “Media Regulation: Is status-quo the answer?”, in New Delhi on August 06, 2013.

President gave Guru Mantra , Of Mother Earth ,to The Probationers of Indian Forest Service

President of India, Shri Pranab Mukherjee ,today, gave Guru Mantra to Probationers of Indian Forest Service and asked them to honor mother earth and pay urgent attention to the problems such as [1]environmental degradation, [2]global warming, [3]ecological imbalances etc
A group of 79 probationers of Indian Forest Service of 2012 batch called on the President of India, Shri Pranab Mukherjee today (August 6, 2013) at Rashtrapati Bhavan.
Speaking on the occasion, the President congratulated the probationers on their success in a very difficult examination. He emphasized that urgent attention needs to be paid to problems such as environmental degradation, global warming, ecological imbalances etc. He stated that while we will have to place our view point in international discussions, we cannot ignore the need to put in our own efforts to save ourselves.
He stated that this is a lesson which we can draw from the Uttarakhand tragedy.
The President reminded the probationers of the words of the Father of the Nation, Mahatma Mohan Das Karam Chand Gandhi, who said that mother earth provides enough to satisfy every man’s need, but not every man’s greed. He said that the scientific temperament, knowledge and expertise which the probationers would gain during their years of service would enrich the nation as a whole and we shall be able to build up the desired world we would like to see.
These probationers are presently undergoing their training in various aspects of sustainable management and administration of forest, wildlife and environment at the Indira Gandhi National Forest Academy, Dehradun.
They are in Delhi from August 5 to 7, 2013 for a course in ‘Parliamentary Processes and Procedures’ organized by the Bureau of Parliamentary Studies and Training at Bureau of Parliamentary Studies and Training, Parliament House Complex. Out of 79 probationers, 2 are foreign trainees from Bhutan and 22 are lady officers. These probationers come from diverse educational backgrounds including Forestry, Engineering, Agriculture, Life Sciences and among them four are PhDs.
Also present on the occasion were Dr. V. Rajagopalan, Secretary, Ministry of Environment and Forest, Shri K. Jude Sekar, Director General of Forests and Special Secretary, Ministry of Environment and Forests and Shri R.K. Goel, Director, Indira Gandhi National Forest Academy, Dehradun.
photo caption
The President, Shri Pranab Mukherjee interacting with the Probationers of Indian Forest Service (IFS) 2012 batch from Indira Gandhi National Forest Academy Dehradun, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on August 06, 2013.

देश में हो रहे असुरक्षित गर्भ पात के आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में नही है

देश में हो रहे असुरक्षित गर्भ पात के आंकड़ों की जानकारी केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में नही है |भारत के केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में भारत में असुरक्षित गर्भपात से सम्बंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं इसके लिए मंत्रालय आज भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट्स पर ही निर्भर है| केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री, गुलाम नबी आजाद ने आज संसद में इस सच्चाई को स्वीकार किया | २००८-०९ के दौरान देश में ११ लाख गर्भ पात हुए लेकिन इनमे से कितने असुरक्षित गर्भ पात थे इसकी जानकारी देने में मंत्री आज़ाद ने असमर्थता जताई|
श्री आज़ाद ने आज राज्‍य सभा में जानकारी देते हुए बताया कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के सूचना एवं केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन व्‍यवस्‍था के अंतर्गत देश में वर्ष 2008-09 के दौरान कुल 11.06 लाख गर्भपात दर्ज किये गये।
केन्द्रीय मंत्री, श्री आजाद ने कहा कि इनमें से कितने असुरक्षित गर्भपात थे, यह जानकारी उपलब्‍ध नहीं है।
उन्‍होंने कहा कि भारत के रजिस्‍ट्रार जनरल द्वारा रखे गये सैम्‍पल रजिस्‍ट्रेशन सिस्‍टम के अनुसार आठ प्रतिशत मौते असुरिक्षत गर्भपात के चलते बताई जाती हैं। लेकिन डब्‍ल्‍यू एच ओ के क्षेत्रीय अनुमानों के अनुसार 2008 में 13 प्रतिशत मातृत्‍व संबंधी मौतें दक्षिण मध्‍य एशिया क्षेत्र में असुरक्षित गर्भपात के चलते हुईं। भारत के लिए अलग से कोई आंकड़े उपलब्‍ध नहीं हैं।

शिवरात्रि पर शिवालयों में लाखों शिव भक्तों ने श्रद्धा व उल्लास से भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया

शिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्त

शिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्त

[मेरठ] शिवरात्रि पर शिवालयों में लाखों शिव भक्तों ने श्रद्धा व उल्लास से भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया । शिवालयों में भगवा वस्त्र पहने और त्रिशूल धारण किये शिव भक्तों ने हर हर महादेव+जय भोले +भोले नाथ की जय +बम-बम भोले आदि जय घोषों के साथ गंगा जल+बेल पत्र+ पुष्प +फल आदि अर्पित करके मंगल कामना के लिए अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने का प्रयास किया| शहर भक्ति के सागर में डूबा रहा।
शिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्त

शिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्त


हर गली, सड़क और चौराहों पर शिवभक्त अध्यात्म का संचार करते दिखाई दिए |पीठ ओघड नाथ शिव मंदिर[काली पलटन]+सदर स्थित एतिहासिक बिल्वेश्वरनाथ मंदिर+ धानेश्वरनाथ मंदिर+ सदर शिव चौक, झारखंडी महादेव मंदिर, नई सड़क स्थित भोलेश्वर मंदिर, न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर मंदिर आदि शहरभर के शिवालयों में भक्तिभाव से जलाभिषेक किया गया।