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Category: Social Cause

श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी ने २४ छात्रों का चयन किया

[मेरठ]राधागोबिंद इंजनियरिंग कालेज में चेन्नई से आई श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी ने पूल केम्प्पस प्लेसमेंट में आन लाईन इंटरव्यू के माध्यम से २४ मेधावी छात्रों का चयन किया|इस आयोजन में विभिन्न कोलेजों के ५०० छात्रों ने भाग लिया था|

सी बी आई पुरानी हुई तो अब सीधे सीधे खरीद फरोख्त


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी पर सतर्क भाजपाई

ओये झल्लेया ये हमारी डेमोक्रेसी किस दिशा में जा रही है|केंद्र सरकार को अपने कब्जे में रखने के लिए अभी तक तो सी बी आई और इनकम टैक्स जैसे विभागों का इस्तेमाल किया जा रहा था अब तो हद ही हो गई हसाड़े सहयोगी जे डी यू को हमसे तोड़ने के लिए सी बी आई काम नही आई तो सरकारी १२००० करोड़ रुपयों की कीमत देकर खरीदने की कौशिश की जा रही| ओये ऐसे देश चलता है क्या?ओये अब सी बी आई पुरानी हुई तो सीधे सीधे खरीद फरोख्त ?

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

सीधे सीधे खरीद फरोख्त

झल्ला

भोले सेठ जी आप जी को तो तभी समझ जाना चाहिए थे जब जे डी यू के सी एम् नितीश कुमार ने अकारण ही नरेन्द्र मोदी पर बिहारी तीर चलाये थे |खैर इससे आपजी के एन डी ऐ को दो फायदे हुए हैं |आपके नरेन्द्र मोदी को बैठे बिठाए पब्लिसिटी मिली और आपके सहयोग से चल रही बिहार सरकार को मिलगये १२००० करोड़ रुपये|अब आप की बिहारी पार्टी इस कीमत को कम बता रही है यानी खम्बा नौचा जा रहा है| बिहार में इस जे डी यू पार्टी के २० ही तो सांसद हैं और भाई अब जितना विरोध किया गया उतना ही तो कीमत तय होगी|

अमेरिका में भारतीय कन्या दिवस :नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व :

अमेरिका में नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व

अमेरिका में नवरात्र पूजन के लिए कन्यायों का महत्व

अमेरिका में आज भारतीय घरों में कन्या दिवस का आयोजन हुआ जिसे देख कर बेहद प्रसन्नता हुई|बेशक अन्तराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के हित में महिला दिवस मनाया जाता है लेकिन भारतीय संस्कृति में ही कन्यायों तक की पूजा की जाती है| इसी संस्कृति का प्रत्येक वर्ष श्रद्धाभाव से पालन किया जाता है|यह भारतीयों की डी एन ऐ में रचा बसा है|इसीलिए भारत से दूर रह कर भी कन्या पूजन का चलन आज भी जीवित है| अमेरिका में यदपि कन्यायों को एकत्रित करना +उन्हें इस पूजन में शामल करना+यहाँ तक की प्रसाद का भोग लगवाना भी आसान नहीं है इसीलिए श्र्धालू जन सबकी सुविधाओं के अनुसार अपने इस उद्देश्य को प्राप्त कर ही लेते हैं| इस बीच अनेकों परिपाटियो का पालन त्यागना पड़ता है|ऐसे ही एक आयोजन में मुझे आज अमेरिका के न्यू मेक्सिको राज्य के अल्ब्क्रुकी में देखने का सौभाग्य मिला| चैत्र शुक्ल नवरात्र विक्रमी संवत २०७० में भीयहाँ श्रधालुओं ने व्रत धारण करके पूजन किया || और अष्ठमी पूजी |प्रस्तुत हैं कन्या पूजन के कुछ अंश

छावनी के मार्गों को खुलवाने के लिए भाजपा ने छावनी परिषद् पर चढ़ाई की

 छावनी के मार्गों को खुलवाने के लिए भाजपा ने छावनी परिषद् पर चढ़ाई की

छावनी के मार्गों को खुलवाने के लिए भाजपा ने छावनी परिषद् पर चढ़ाई की

[मेरठ]सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने छावनी छेत्र के मार्गों को सिविलियंस के लिए खुलवाने के लिए छावनी परिषद् के सैन्य अधिकारियों पर चडाई कर दी|सांसद ने मामले को रक्षा मंत्रालय में ले जाने की बात भी कही है| सांसद के साथ छावनी विधायक और महापौर के अलावा बड़ी संख्या में भाजपाई उपस्थित थे|
सब एरिया कमांडर + जी ओ सी + मेजर जनरल वी के यादव ने इस दबाब में आ कर स्थिति की पुनः समीक्षा का आश्वासन दिया है|गौरतलब है कि सेना द्वारा पिछले पांच दिन से कैंट के अधिकांश मार्गों को संवेदनशील बताते हुए सिविलियंस के लिए बंद कर दिए गए है|इसके लिए सुरक्षा कारण बताया जा रहा है|जब सांसद को सुरक्षा का हवाला दिया गया तो सांसद ने कहा कि कोई भी नागरिक सुरक्षा से समझौता नहीं चाहता लेकिन इसकी आड़ में सिविलियंस का उत्पीडन बर्दाश्त नही किया जाएगा|उन्होंने समस्या के समाधान के लिए नागरिक प्रशासन+जन प्रतिनिधि+सेना द्वारा संयुक्त रूप से कदम उठाने चाहिए|इसके लिए कमिश्नर से भी बात की गई है |सांसद ने भरोसा दिलाया है कि आगामी दो -तीन दिन में समस्या का समाधान कर लिया जाएगा|
गौरतलब है कि सिविलियन्स के लिए मार्ग बंद किये जाने से जनता में बेहद आक्रोश है और भाजपा ने इस आक्रोश को आज सैन्य प्रशासन तक पहुंचाया |वैस एमामले की गूँज दिल्ली और लखनऊ तक पहुँच चुकी है|

दारू के बहकावे में आकर भ्रष्ट नेता को नही चुनना है:अन्ना हज़ारे

समाज सेवी अन्ना बाबू राव हजारे ने आज मेरठ में अनेको जन सभाओं को सम्बोधित किया|
और भ्रष्टाचारियों को वोट नहीं देने की अपील की|| सिसौली के पशु अस्पताल मैदान +गढ़ रोड स्थित राधा गोबिंद इंजनियरिंग कालेज+ जेल चुंगी+कमिशनरी चौराहा+कचहरी पुल+बेगम पुल + शहीद स्मारक आदि में हज़ारों की संख्या में लोगों ने अन्ना को धेर्य से सुना |अन्ना के साथ पूर्व सेना अध्यक्ष वी के सिंह भी थे|
सिसौली में अन्ना ने कहा के दारू पीकर बहकावे आ कर वोट नहीं देना|सी ऐ जी और चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं को मजबूत करना है| राधा गोबिंद कालेज के गेट पर अन्ना ने भ्रष्टाचारियों को वोट नही देने के लिए छात्रों को शपथ भी दिलाई |उन्होंने कहा के भ्रष्टाचार के विरुद्ध छेड़ी गई यह लड़ाई लोक पाल के साथ खत्म नहीं होनी चाहिए| युवाओं को कसम खानी चाहिए के भ्रष्ट नेता को चुनाव में वोट नहीं देंगे फिर जो सरकार आयेगी वह गरीबों और जन सामान्य की होगी|
अन्ना ने समाज सेवा के लिए प्रेरित करते हुए कहा के जो लोग समाज सेवा के लिए मरते हैं वोह हमेशा ज़िंदा रहते हैं|गेट पर चेयर मैन योगेश त्यागी ने अन्ना और जनरल सिंह को माल्यापर्ण करके सम्मानित किया|डा. अमित शर्मा आदि भी उपस्थित थे|

संसद,पी एम् के आदेश दबा कर , कोर्ट की अवमानना करके एयर इंडिया के पायलट्स के वेतन रोके

१५ वी लोक सभा और सत्ता रुड यूं पी ऐ की सरकार के कार्यकाल के केवल ११ माह शेष रह गए हैं लेकिन अन्य समस्यायों के साथ ही नेशनल कैरियर एयर इंडिया के पायलट्स के वेतन +भत्तों की समस्या भी लटकी हुई है| संसद में चिंता प्रकट की गई +अदालतों ने आदेश पारित किये +मंत्रालय ने आश्वासन दिए लेकिन पायलट्स के वेतन और भत्तों के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है| उत्पीडन भी हो रहा है|यात्री विमान को उड़ाने के लिए पायलट्स को तनाव मुक्त रहना और रखना बेहद जरुरे होता है लेकिन दुर्भाग्य से एयर इंडिया में इसका ठीक उल्टा हो रहा है|
देश को चलाने के लिए स्वीकृत स्थम्भों में [१] मुख्यत संसद ने अपनी चिंता प्रकट की और प्रधान मंत्री डा मन मोहन सिंह ने ड्यूज को जल्द क्लीयर करने का आश्वासन दिया है[२]कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है| मीडिया भी पायलट्स के उत्पीडन की खबरें छापता आ रहा है| इस सबके बावजूद अभी तक सारे असंतुष्ट पायलट्स की न तो नौकरी बहाल की गई है और नाही उनके ड्यूज ही क्लीयर गए हैं| अब कहा जा रहा है कि नवम्बर २०१२ तक भत्तों का मात्र ७५% ही दिया जाएगा और फ्लाईंग अलाउंस पर तलवार लटका दी गई है|खर्चे कम करने के नाम पर ३०% से ४०% तक वेतन में कटौती करने की यौजना को हवा दी जा रही है| इसके लिए पायलट्स को दिए जाने वाले फ्लाईंग अलाउंस को निशाना बनाया जा रहा है| स्ट्राईक की धमकी के पश्चात फ्लाईंग अलाउंस के पेमेंट की घोषणा की गई लेकिन अभी तक एरियर क्लियर नहीं किये गए हैं| पहले तो एयर इंडिया के घाटे की दुहाई दी जाती थी ५००० करोड़ रुपये जुटाने के अपनी प्रॉपर्टी बेचने के लिए १० वर्षीय यौजना बनाई गई|लेकिन गए वित्तीय वर्ष में इसका १०% भी इकट्ठा नहीं किया जा सका|अब ले दे कर पायलट्स के भत्तों पर नज़र रख दी गई है|वर्तमान में एयर इंडिया के बेड़े में लगभग १५०० पायलट्स हैं इनमे से लगभग आधे के पद पर कमांडर हैं| शेष को पायलट्स की श्रेणी में आते हैं|बीते आठ महीने से इनके भत्तों का एरियर रोका गया है| सोर्सेस से प्राप्त इन्फोर्मेशन के अनुसार कमांडर रैंक के एक पायलट के लगभग १५ लाख रुपये तक के एरियर हैं | रैक के हिसाब से को- पायलट्स के इससे कुछ कम हैं| अनेकों कमांडरों के १० से १५ लाख रुपयों का एरियर फंसा हुआ है|
गौरतलब है कि वेतन को कम होने के कारण एयर इंडिया ने अपने पायलट्स को कंपनी के साथ जोड़े रखने के लिए अलाउंस बड़ा रखे हैं|यह लगभग ८०% बनते हैं| इनमे मुख्यतः फ्लाईंग अलाउंस है|अब रेवेन्यु जेनेरेट करने के नाम पर बेक डेट से अलाउंस पर तलवार चलाई जा रही है|इस कर्मचारी विरोधी पालिसी से रुष्ट होकर पायलट्स एयर इंडिया छोडने को मजबूर किये जा रहे हैं| सोर्सेस के अनुसार ५० अनुभवी पायलट्स एयर इंडिया को छोड़ चुके हैं इनमे से केवल २ पायलट्स ही वापिस लाये जा सके हैं|
एक तरफ तो एयर इंडिया पायलट्स की कमी का रोना रोते रहती है किंग फिशर एयर लाइन्स के ग्राउंड पर आ जाने के कारण एयर इंडिया अब घाटे वाले लाल निशान को पीछे छोड़ कर कुछ फायदे में आती दिख रही है| इसके उपरान्त भी अपने अनुभवी पायलट्स को नाराज़ करके कंपनी छोडने को मजबूर किया जा रहा है|अब यहाँ यह कहना भी तर्क संगत ही होगा कि संसद की चिंताऔर पी एम् के आदेशों को फाइलों में दबाने के साथ साथ कोर्ट के आदेशों की अवमानना की जा रही है| यह कहीं न कहीं दाल में कुछ काले की तरफ संकेत जरुर करता है|

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा


झल्ले दी झल्ल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया ये जे डी यू वालों पर कौन सी साडे सत्ती आ गई है |देखो ना बिहार में हमारे सहयोग से अच्छी खासी सरकार चला रहे हैं और अब हसाडी भाजपा को घरेड में डालने के लिए उलटी सीधी शर्ते रख रहे हैं| पहले कहा जा रहा था कि नरेन्द्र मोदी पी एम् के रूप में स्वीकार्य नहीं है और अब पी एम् डिक्लेयर करने के लिए आठ महीने का नोटिस दे दिया गया है|अब पी एम् भी इन्हें टोपी पहनने वाला साफ धर्म निरपेक्ष छवि का होना चाहिए| इन्होने तो हमारे सहयोग से सत्ता सुख भोगते हुए भी हसाडे मुख्य मंत्रियों के पीठ पर छुरा घोंप दिया है|अपने विकास की तो कोई बात कही नहीं उलटे नरेन्द्र मोदी के विकास को लेकर स्यापा डाला जा रहा है| इनके वड्डे नेता शरद यादव को अब सिद्धांतों की राजनीती याद आ रहे है और इनके मुख्य मंत्री बाबू नितीश कुमार ने एक बार भी केंद्र सरकार की नीतियों कि आलोचना तक नहीं की| ओये ऐसे चलता है कोई गठ बंधन भला ?

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा

बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा ही नितीश को चुनावी वैतरणी पार कराएगा |इसके लिए यूं पी ऐ को खुश करना जरुरी है और इसके लिए नरेन्द्र मोदी की टांग खींचने का मन्त्र जांचा परखा है |पीएम प्रत्याशी घोषित करने की तो आपकी पार्टी में परंपरा रही है। आपने बाबू जगजीवन राम के नाम का एलान किया था ये बात अलग है कि आप कि पार्टी का सुपडा साफ़ हो गया था| आपने लाल कृषण आडवाणी को पी एम् इन वेटिंग बनाया तो सत्ता तक पहुंचते पहुंचते रह गए| अब जबकि नमो मंत्र कामयाब होता दिख रहा है तो इसे भी गद्धिगेड में डाला जा रहा है|झल्ले विचारानुसार तो नितीश बाबू अपने भाषण में अपनी सरकार की उपलब्द्धि का बखान नहीं कर पाए शायद इसीलिए अब कांग्रेस को खुश करने के लिए नरेन्द्र मोदी की राह में रोड़े डाल रहे हैं |हो सकता है की उनको यह लग रहा हो कि यदि केंद्र सरकार खुश हो गई तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल सकेगा और अगर यह हो गया तो इसके सहारे २० सांसदों वाली इनकी जे डी यू द्वारा २०१४ की चुनावी वैतरणी को आसानी से पार कर लिया जाएगा|

बाबा भीम राव आंबेडकर की १२२ वी जयंती पर आज कृतघ्न राष्ट्र ने उनका भाव पूर्ण स्मरण किया

भारतीय संविधान निर्माता[ बाबा] भीम राव आंबेडकर की १२२वॆ जयंती पर आज कृतघ्न राष्ट्र ने उनका भाव पूर्ण स्मरण किया |इस अवसर पर शोभा यात्राएं निकाली गई|इनकी मूर्तियों का माल्यापर्ण किया गया और गोष्ठियां आयोजित की गई|मेरठ में भी एन ऐ एस कालेज+ चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी +में अनेकों कार्यक्रम हुए |तेज गढ़ी चौराहे से शोभा यात्रा निकाली गई जिसमे बाबा के जीवन सम्बन्धी अनेकों आकर्षक झांकिया शामिल की गई|प्रस्तुत हैं कुछ झलकियाँ

स्कूलों में बच्चे की प्रतिभा के अनुरूप उसे आधुनिक +भारतीय +मानवीय शिक्षा देकर क्षमता वान बनाया जाना चाहिए

[मेरठ]स्कूलों में हर बच्चे को उसकी प्रतिभा के अनुसार आधुनिक +भारतीय +मानवीय शिक्षा दे कर क्षमतावान बनाया जाना चाहिए|यह विचार पदमश्री फादर थामस के कुनुन्कल ने व्यक्त किये|
गढ़ रोड स्थित राधा गोबिंद पब्लिक स्कूल में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए सी बी एस सी के पूर्व चेयर मैन कुनुन्कल ने कहा कि स्कूलों में बच्चे की प्रतिभा को पहचान कर उसे क्षमता वान बनाया जाना चाहिए|उन्होंने कहा कि ईश्वर ने प्रत्येक को अलग बनाया है|और प्रत्येक में अलग खूबी होती है|उस खूबी को पहचान कर ही उसे विजेता बनाया जाना चाहिए|स्कूल की वाईस चेयर पर्सन अनुभा त्यागी इस वर्ष ९ क्लास को सी बी एस सी से मान्यता मिलने पर वार्षिक शुल्क नही लेने की घोषणा भी की|
उदय लोरिया ने किताबी ज्ञान के अलावा जीवन में चुनौतियों का सामना करने की सामर्थ्य दिया जाना चाहिए|इस समारोह को यादगार बनाने के लिए बाल कलाकारों ने अनेकों सांकृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये|कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डा अमित शर्मा+एम् एस मैथ्यू ने योगदान दिया|

श्याम धन पर केंद्र सरकार के श्वेत पत्र पर अपने ब्लॉग में लाल पीले हुए एल के अडवाणी

श्याम धन पर केंद्र सरकार ने संसद में बेशक श्वेत पत्र रख कर अपने ऊपर लगे काले दागों को धोने का प्रयास किया हो लेकिन इस संसदीय घटना के एक साल बीत जाने पर भी अवैध ढंग से विदेशों में जमाबिना किसी रंग के धन में से एक पैसा भी वापस देश में नही लाया जा सका है |इस निराशाजनक स्थिति पर लाल पीले होते हुए लाल कृषण आडवाणी ने अपने ब्लाग में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने का प्रयास किया है|
प्रस्तुत है एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग + वरिष्ठ पत्रकार एल के अडवाणी के ब्लॉग से
मई, 2012 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने काले धन पर एक श्वेत पत्र (White Paper) संसद में प्रस्तुत किया। इस श्वेत पत्र में यूपीए सरकार ने वायदा किया कि देश में काले धन के प्रचलन को नियंत्रित किया जाएगा, विदेशों के टैक्स हेवन्स में इसके अवैध हस्तांतरण को रोकने के साथ-साथ हमारी इस अवैध धनराशि को भारत वापस लाने के प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।
मई, 2013 इस महत्वपूर्ण दस्तावेज के प्रस्तुत करने की पहली वर्षगांठ है। अत: सर्वप्रथम यह जानना समीचीन होगा कि इस श्वेत पत्र को सरकार को क्यों लाना पड़ा और आज तक इस पर कार्रवाई के रूप में क्या कदम उठाए गए हैं।
पांच वर्ष पहले से, भाजपा लगातार काले धन के मुद्दे को मुखरित करती आ रही है। जब सन् 2008 में पहली बार इसे उठाया गया तब कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं ने इसकी खिल्ली उड़ाई थी। हालांकि 6 अप्रैल, 2008 को मैंने प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह को सम्बोधित अपने पत्र मे मैंनें लिखा था:
हाल ही में, जर्मन सरकार ने अपने देश में टैक्स चोरी करने वालों के विरुध्द एक व्यापक जांच अभियान शुरु किया है, और इस प्रक्रिया में जर्मन गुप्तचर एजेंसियों को बताते हैं कि लीशेंस्टाइन के एलटीजी बैंक से उसके 1400 से अधिक ग्राहकों की गोपनीय जानकारी मिली है। इनमें से 600 जर्मनी के हैं और शेष अन्य देशों से सम्बंधित हैं।
इन रहस्योद्धाटनों से पहले ही डायचे पोस्ट-पूर्व जर्मनी मेल सर्विस-दुनिया में एक बड़ी लॉजिस्टिक कम्पनी-के प्रमुख का त्यागपत्र हो चुका है।
जर्मन वित मंत्रालय ने बताते हैं कि सार्वजनिक रुप से घोषणा की है कि वह किसी भी सरकार को यदि वे चाहती हैं तो बगैर किसी शुल्क के जानकारी उसे देने को तैयार हैं।
फिनलैण्ड, नार्वे और स्वीडन जैसे कुछ यूरोपीय देशों ने यह जानकारी पाने में पहले ही अपनी रुचि दिखाई है।
इन घटनाक्रमों के साथ-साथ, ऐसी भी रिपोर्ट आ रहीं हैं कि स्विटज़रलैण्ड पर यह दबाव भी बन रहा है कि वह टैक्स से चुरा कर उनके बैंको में जमा कालेधन को एक अपराध माना जाए और वह ऐसे धन का पता लगाने के लिए अन्य देशों से सहयोग करने हेतु अपने आंतरिक नियमों को बदले।
मैं मानता हूं कि भारत सरकार अपनी उपयुक्त एजेंसियों के माध्यम से जर्मन सरकार से अनुरोध करे वह एलटीजी के ग्राहकों का डाटा हमें बताए। हमारी सरकार को यूरोपीय सरकारों द्वारा स्विट्ज़रलैण्ड तथा अन्य टैक्स हेवन्स विशेषकर अन्य देशों से सम्बंधित जमा राशि की बैंकिग पध्दति में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के संभावित आगामी कदमों को समर्थन देना चाहिए।
यदि हम जर्मनी से एलटीजी ग्रुप के ग्राहकों का सम्बंधित डाटा मांगते हैं तो यह हमारी उस स्थिति को पुन: मजबूत करेगा कि हम उन राष्ट्रों के समुदाय के जिम्मेदार सदस्य हैं जो वित्तीय प्रामाणिकता और पारदर्शी नियमों के पक्षधर हैं। यह भविष्य में, इन टैक्स हेवन्स की कार्यप्रणाली से कुछ अवांछनीय पहलुओं को समाप्त कर वैश्विक वित्तिय प्रणाली को स्वच्छ बनाने में हमारी सहभागिता का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सम्भवत: प्रधानमंत्री के निर्देश पर वित्त मंत्री श्री चिदम्बरम ने मई, 2008 में इसके उत्तर में लिखा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर जर्मनी के टैक्स ऑफिस से सम्पर्क कर प्रयास कर रही है।
मार्च, 2010 में मैंने इस विषय पर लिखे अपने ब्लॉग में लीशेंस्टाइन के एलटीजी बैंक प्रकरण की याद दिलाते हुए सरकार से आग्रह किया था कि वह औपचारिक रुप से काले धन पर एक विस्तृत श्वेत पत्र प्रकाशित करे।
इस बीच भाजपा ने इस विषय के अध्ययन हेतु एक चार सदस्यीय टास्क फोर्स (कार्यदल) का गठन किया। विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सामग्री का अध्ययन करने के पश्चात् यह टास्क फोर्स इस निष्कर्ष पर पहुंची कि विदेशों में अवैध ढंग से जमा भारतीयों का धन अनुमानतया 25 लाख करोड़ से 70 लाख करोड़ रूपये के बीच होगा।
जब तक पश्चिमी प्रभुत्व वाली विश्व अर्थव्यवस्था अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों के लिए ठीक ठाक चल रही थी जब तक समूचे विश्व को लगता था कि इन टैक्स हेवन्स के बैंकिग गोपनीयता सम्बन्धी प्रावधानों से कोई दिक्कत नहीं है। उस समय ऐसा महसूस किया जाता था कि इन देशों के कानूनों के बारे में कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन विश्व अर्थव्यवस्था के संकट से न केवल राष्ट्रपति ओबामा अपितु ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे अनेक यूरोपीय देशों के रुख में बदलाव आया और उन्होंने एकजुट होकर इन देशों के बैंकिग गोपनीय कानूनों में बदलाव के लिए दृढ़ प्रयास किए।
सन् 2009 में वाशिंगटन ने यूबीएस जैसे स्विट्जरलैंड के बड़े बैंक को उन 4450 अमेरिकी ग्राहकों के नाम उद्धाटित करने पर बाध्य किया, जिन पर स्विट्ज़रलैंड में सम्पत्ति छिपाने का संदेह था।
सन् 2009 के लोकसभाई चुनावों में भाजपा ने काले धन को चुनावी मुद्दा बनाया। स्वामी रामदेव जैसे संन्यासियों ने अपने प्रवचनों में लगातार इसे प्रचारित किया। फाइनेंसियल टाइम्स में ”इंडियंस कर्स ऑफ ब्लैकमनी” शीर्षक से प्रकाशित लेख के लेखक रेमण्ड बेकर (निदेशक, ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी) ने लिखा है कि: ”भारत ने दिखा दिया है कि यह मुद्दा मतदाताओं को छूता है। अन्य विकासशील लोकतंत्र के राजनीतिज्ञों को इसे ध्यान में रखना समझदारी होगी।”
अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में आर्थिक संकट ने इन देशों को इस तथ्य के प्रति सचेत किया कि भ्रष्टाचार, काला धन इत्यादि न केवल राष्ट्र विशेष की समस्या है अपितु यह दुनिया के लोकतंत्र, कानून के शासन और सुशासन के लिए भी चुनौती है। इसलिए सन् 2004 में संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स और क्राइम कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime) द्वारा भ्रष्टाचार के विरुध्द एक विस्तृत कन्वेंशन औपचारिक रुप से अंगीकृत किया गया था। 56 पृष्ठीय दस्तावेज में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्कालीन महासचिव श्री कोफी अन्नान की सशक्त प्रस्तावना थी, जो कहती है:
भ्रष्टाचार एक घातक प्लेग है जिसके समाज पर बहुव्यापी क्षयकारी प्रभाव पड़ते हैं:
इससे लोकतंत्र और कानून का शासन खोखला होता है।
मानवाधिकारों का हनन होता है।
बाजार का विकृतिकरण।
जीवन की गुणवत्ता का क्षय होता है, और
संगठित अपराध, आतंकवाद और मानव सुरक्षा के प्रति खतरे बढ़ते हैं।
भ्रष्टाचार के विरुध्द इस कन्वेंशन के अनुच्छेद 67 के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश दिसम्बर, 2005 तक इसे स्वीकृति देंगे, तत्पश्चात् शीघ्र ही सम्बंधित देश इसे पुष्ट करेंगे और स्वीकृति पत्र संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के पास जमा कराएंगे।
सन् 2010 में यूपीए सरकार ने इस मुद्दे को औपचारिक रुप से ध्यान में लेते हुए उस वर्ष के संसद के बजट सत्र में होने वाले राष्ट्रपति के पारम्परिक अभिभाषण में इसका उल्लेख करते हुए कहा ”भारत कर सम्बंधी सूचना के आदान-प्रदान को सुगम बनाने तथा कर चोरी की सुविधा देने वाले क्षेत्रों के खिलाफ कार्रवाई करने सम्बन्धी वैश्विक प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभा रहा है।”
सन् 2011 के अंतिम महीनों में भाजपा द्वारा आयोजित जन चेतना यात्रा ने तीन मुद्दों पर जोर दिया: महंगाई, भ्रष्टाचार और काला धन। सन् 2008 के कामॅनवेल्थ खेलों, भ्रष्टाचार और मंहगाई मीडिया के साथ-साथ संसद में सभी राजनीतिक चर्चाओं में प्रमुख स्थान पर रहे, परन्तु मैंने पाया कि यात्रा के दौरान जब भी मैं सभाओं को सम्बोधित करता था तो काले धन के मुद्दे पर जनता की प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा अनुकूल रहता था।
सन् 2011 की जनचेतना यात्रा मेरी अब तक की यात्राओं की कड़ी में ताजा यात्रा थी। चालीस दिनों तक यह चली। देश के प्रत्येक प्रदेश और सभी संघ शासित प्रदेशों में मुझे जाने का अवसर मिला। आम धारणा है कि 1990 की मेरी पहली यात्रा-सोमनाथ से अयोध्या तक की, जो समस्तीपुर में रुक गई थी-को सर्वाधिक समर्थन मिला। अक्सर यह भी कहा जाता है कि इतना उत्साह इसलिए उमड़ा कि उसका मुद्दा मुख्य रुप से धार्मिक यानी राम मंदिर था। लेकिन मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगा कि मेरी दो यात्राएं-1997 की स्वर्ण जयंती रथ यात्रा और 2011 की जन चेतना यात्रा को अभी तक सर्वाधिक समर्थन मिला है। ये दोनों सुशासन और लोगों की आर्थिक भलाई से जुड़ी थीं!
16 मई, 2012 को संसद में कालेधन पर प्रस्तुत श्वेत पत्र के आमुख में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने स्वीकार किया कि 2011 में ”भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दों पर जनता की आवाज सामने आई।”
अपनी प्रस्तावना में श्री प्रणव मुखर्जी ने यह भी कहा:
”मुझे अत्यन्त प्रसन्नता होती यदि मैं उन तीनों प्रमुख संस्थानों जिन्हें काले धन की मात्रा और आकार पता लगाने के लिए कहा गया है, की रिपोर्टों के निष्कर्षों को भी इस में शामिल कर पाता। ये रिपोटर् इस वर्ष के अंत तक मिलने की उम्मीद है। फिर भी मैंने इस दस्तावेज को इसलिए रखा है कि संसद में इस हेतु आश्वासन दिया गया था।”
प्रणव दा ने इस श्वेत पत्र को इसलिए प्रस्तुत किया कि भाजपा ने इसकी मांग की थी, उन्होंने स्वीकारा:
”इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे जीवन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में काले धन के प्रस्फुटीकरण का असर शासन के संस्थानों और देश में जननीति के संचालन पर पड़ता है। प्रणाली में शासन का अभाव और भ्रष्टाचार गरीबों को ज्यादा प्रभावित करता है। समावेशी विकास रणनीति की सफलता मुख्य रुप से हमारे समाज से भ्रष्टचार की बुराई के खात्मे और काले धन को जड़ से उखाड़ फेंकने की क्षमता पर निर्भर करती है।”
मुझे दु:ख है कि श्वेत पत्र पर कार्रवाई निराश करने वाली है।
उन तीन प्रमुख संस्थानों ने जिन्हें कालेधन की मात्रा पर रिपोर्ट देनी थी, ने अभी तक अपनी रिपोटर् नहीं सौपी हैं। न केवल अमेरिका, जर्मनी जैसे अधिक शक्तिशाली राष्ट्रों अपितु नाइजीरिया, पेरु और फिलीपीन्स जैसे छोटे देश भी टैक्स हेवन्स से अपनी अवैध लुटी सम्पत्ति को वापस पाने में सफल रहे हैं। दूसरी तरफ, भारत में हमें कुछ रिपोटर् देखने को मिली हैं जिनमें वे नाम हैं जिन पर स्विस बैंकों या ऐसे अन्य टैक्स हेवन्स में खाते रखने का संदेह है। लेकिन यह सुनने को नहीं मिला है कि अवैध ढंग से विदेशों में ले जाए धन में से एक पैसा भी वापस देश में लाया जा सका है।
श्री प्रणव मुखर्जी जो श्वेत पत्र प्रस्तुत करने के समय की तुलना में आज, ज्यादा निर्णायक भूमिका में हैं, से मैं अनुरोध करता हूं कि वे श्वेतपत्र में जनता से किए गए वायदे को सरकार द्वारा अक्षरश: पूरा करवाएं।