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Category: Social Cause

महर्षि बाल्मीकि का प्रगटोत्सव हर्षोल्लास से मनाया

बाल्मीकि मित्र मंडल मेरठ के सदस्यों ने आज महर्षि बाल्मीकि का प्रगटोत्सव हर्षोल्लास से मनाया \इस अवसर पर बाल्मीकि मित्र मंडल मेरठ ने विशेष शिविर लगा कर जनता में हलवे का प्रसाद वितरित किया|और शोभा यात्रा का स्वागत किया

महर्षि बाल्मीकि का प्रगटोत्सव हर्षोल्लास से मनाया


बेगम पुल के व्यस्तम चौराहे पर आयोजित इस शिविर में सर्व प्रथम महर्षि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया गया |उसके पश्चात शोभा यात्रा में शामिल श्रधालुओं और राहगीरों में हलवे का प्रसाद वितरित किया गया| कोषाध्यक्ष जगदीश कुमार+सुरेन्द्र लोहारे+पुजेरा लोहारे+विश्वनाथ+ब्रिजेश बैनीवाल+विजय कुमार आदि ने सहयोग दिया|

सबकी गठरी में नाम रूपी लाल है, जड़ -चेतन की गांठ खोल कर देख लो

भीखा भूखा को नहीं , सब की गठरी लाल।
गिरह खोल नहीं जानते , ताते भये कंगाल ।
वाणी :- भीखा साहब जी

Rakesh Khurana


भाव : भीखा साहब जी कहते हैं कि सबके पल्ले में ‘नाम’ रुपी लाल बंधा पड़ा है पर उसमे जड़ -चेतन की ग्रंथि (गाँठ) बंधी पड़ी है । जब तक यह गाँठ न खुले , अर्थात पिंड से ऊपर आकर नाम का अनुभव न मिले , हम भूखे के भूखे रह जाते हैं । दौलत के होते हुए भी हम भूखे हैं परन्तु
‘नाम’ को पाकर हम सुखी हो जाते हैं । ‘नाम’ सब में परिपूर्ण है , फिर भी हम दुखी हैं ? वे कहते हैं कि हमने उसे प्रकट नहीं किया है ।
वाणी :- भीखा साहब जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी

जो रूह बन के समा जाए हर रगों -पै में ।
तो फिर न शहद में लज्ज़त न सागरे – मैं में ।
वही है साज के पर्दे में , लेहन में , लै में ।
उसी की ज़ात की परछाइयाँ हर इक शै में ।
न मौज है न सितारों की आब है कोई ।

प्रभु की रोशनी की किरण बनने से ज़िंदगी का ध्येय पूरा होगा:संत दर्शन सिंह जी


तजल्लियों के उधर आफ़ताब है कोई ।
संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव: संत दर्शन सिंह जी महाराज फरमाते हैं जब हमारी रूह सिमटती है और प्रभु के शब्द के साथ जुडती है
तो उसमे इतनी मिठास आ जाती है जितनी न तो शहद में है , न मैं के पैमानों में है , वह तो सुरीले संगीत
में मस्त हो जाती है । बाहर के संगीत से उसका कोई मुकाबला नहीं हो सकता । जैसे लहरें समुद्र का हिस्सा
होती हैं , वैसे ही अंतर्मुख होने पर हम उस शब्द का हिस्सा बन जाते हैं , प्रभु में लीन हो जाते हैं । वह मस्ती
न इन सितारों में है , न आसमान में है , न सूर्य में है , न चंद्रमा में है । इस मंडल के पार जो दुनिया है उसका
अपना सूर्य है , उनका इशारा प्रभु की ओर है । प्रभु की रोशनी से ही चारों ओर उजाला है । उस सूर्य की हमें
किरणें बनना है । जब हमारी अंदरूनी आँख इस सूर्य को देखेगी तो हमारी ज़िंदगी का ध्येय पूरा हो जायेगा ।
सावन कृपाल रूहानी सत्संग के संत दर्शन सिंह जी महाराज की रूहानी शायरी
प्रस्तुति राकेश खुराना

दामाद राबर्ट वढेरा ईमानदार है और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी चोर नहीं है

हमारा दामाद राबर्ट वढेरा इमानदार है और और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी पाक साफ़ है| यह सन्देश जांच एजेंसियां दे रही है|इन दोनों पर सत्ता का दुरूपयोग करके भूमि के घोटाले के आरोप लग रहे है| कांग्रेस ने हरियाणा में उपायुक्तों से आनन् फानन में जाँच करवा कर अब राबर्ट वढेरा को क्लीन चिट दे दी है| एजेंसियों का कहना है कि भूमि रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ नहीं हुई है रजिस्ट्री की पूरी फीस जमा की गई है| यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा को चारों जिलों की रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी गयी है। इस रिपोर्ट में साफ किया गया है कि हरियाणा के चार शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में वाड्रा को जो जमीन बेची गयी है उसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी हैं और वढेरा ने स्टांप ड्यूटी का पालन करते हुए सारे पैसे सही रूप से चुकाये हैं। इसके साथ ही नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर एजेंसियां जांच करने में लगा दी गई है इन एजेंसियों को एक माह में जाँच पूरी करके रिपोर्ट पेश करनी है| लेकिन आय कर की किस धारा में यह जाँच की जायेगी उसका खुलासा नहीं किया गया है|

अरविन्द केजरीवाल की गाजिआबाद में प्रेस कांफ्रेंस


आई ऐ सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने कमोबेश यही आरोप लगाते हुए कहा है कि यहजांच और रिपोर्ट केवल लीपापोती है| वढेरा और गडकरी दोनों बच जायेंगे | भाजपा और कांग्रेस दोनों मिली हुई है| उन्होंने दिग्विजय सिंह के बयाँ का हवाला देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने स्वयम यह स्वीकार कर लिया है कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के परिवार के सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाते| इससे साफ़ जाहिर है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोनों मिले हुए हैं|
उन्होंने गाज़ियाबाद में आज शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसकी हिम्मत है कि यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा की जांच करे |वास्तव में वढेरा को बचाने के लिए यह लीपापोती की गई है इसके साथ ही भजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर विभाग से जाँच शुरू करवाई जा रही है लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि आयकर कानून की किस धारा में यह जाँच होनी है|
अरविन्द केजरीवाल ने आज यह भी मांग उठाई है कि राबर्ट वढेरा और गडकरी की देश भर में सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजानिक किया जाना चाहिए|

महात्मा गांधी के आदर्शों की धज्जियां उड़ाने के बाद अब उन्हें राष्ट्रपिता मानने से भी इंकार

महात्मा मोहन दास करम चंद गाँधी के आदर्शों की धज्जियां तो आज कल उडाई ही जा रही थी कि अब गांधी को राष्ट्रपिता मानने से ही इंकार किया जा रहा है| संभवत यह देश का बाजारी करण+ व्यापारी करण +विदेशी करण करने के लिए है| संविधान में आये दिन संशोधन करके महात्मा मोहन दास करम चंद गांधी के नाम को राजनीतिक रूप से भुनाने में माहिर सरकारें महात्मा के आदर्शों की धज्जियां भी लगातार उडाती आ रही है |कुटीर उद्योग+स्वदेशी+ स्वाव्लम्भी जैसे गांधियन मार्गों को त्याग कर अब विदेशी विदेशी की रट लगी है|अब नौबत यहाँ तक पहुँच गई है कि मौजूदा मरकजी सरकार महात्मा को दी गई राष्ट्रपिता की उपाधि भी छीन लेना चाहती है| गृह मंत्रालय ने आरटीआई में पूछे एक सवाल के जवाब में बताया है कि सरकार महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि नहीं दे सकती क्योंकि संविधान एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत नहीं देता। यह सवाल लखनऊ की 11वीं की एक स्टूडेंट ऐश्वर्या पाराशर ने पूछा था। इसके अलावा सरकार संविधान में संशोशन को तैयार नहीं दिखती|
ऐश्वर्या ने कई आरटीआई दाखिल कर गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने की वजह भी जाननी चाही थी जब उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है, तो उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने की रिक्वेस्ट की थी।
ऐश्वर्या की अर्जी इस निर्देश के साथ गृह मंत्रालय को भेजी गई थी कि उनकी रिक्वेस्ट पर क्या कार्रवाई की गई, इसका खुलासा किया जाए मंत्रालय ने स्पष्टीकरण दिया कि संविधान की धारा 8(1) एजुकेशनल और मिलिट्री टाइटल के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत सरकार को नहीं देती। महात्मा गांधी को सरकार की तरफ से राष्ट्रपिता की उपाधि नहीं दी जा सकती क्योंकि संविधान सेना व शिक्षा से जुड़ी उपाधि के अलावा कोई भी खिताब देने की इजाजत नहीं देता।

महात्मा गांधी के आदर्शों की धज्जियां उड़ाने के बाद अब उन्हें राष्ट्रपिता मानने से भी इंकार


इतिहास के पन्नो में दर्ज़ है कि महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने छह जुलाई, 1944 को सिंगापुर रेडियो पर अपने संबोधन में दी थी। इसके बाद सरोजिनी नायडू ने एक सम्मेलन में उन्हें यही उपाधि दी। जवाहर लाल नेहरू आदि तो उन्हें बापू कहते नहीं थकते थे| आज पूरा राष्ट्र उन्हें बापू और राष्ट्रपिता कहता है लेकिन सरकार ने जिस तरह से विदेशी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं उससे पता चलता है कि सरकार ने महात्मा गांधी के मार्ग को छोड़ दिया है अब अपने बात सही साबित करने के लिए गांधी से राष्ट्रपिता की उपाधि भी छीनी जा रही है|संविधान में संशोधन करने में एक्सपर्ट संसद को चाहिए कि एक और संशोधन करके राष्ट्रपिता को पहले से ही मिले हुए उनके सम्मान को बनाए रखा जाए वरना गांधीवादी मुखौटा उतार कर सबसे पहले [१] २ अक्टूबर के सार्वजानिक अवकाश को तो निरस्त कर दिया जाए [२]बापू की समाधि के लिए बने प्रोटोकोल में भी संशोधन कर दिए जाने जरुरी हैं|

उलेमा+ इकराम के जलसे में अमनो अमान की दुआ कराई गई

जामा मस्जिद मेरठ में बुधवार को जलसा हुआ जिसमे शहर के उलेमा+ इकराम ने शिरकत की। इसमें हाल ही में हुए आपसी संघर्ष पर चिंता जताई गयी। सदारत करते हुए शहर काजी जैनुस्साजिदीन ने अमनो- अमान की दुआ कराई। इस अवसर पर उन्होंने अमनो अमान के लिए कहा कि गलती करने वाले को सजा जरूर मिलनी चाहिए। नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन व हाजी हनीफ कुरैशी ने कहा कि जिन लोगों ने ज्यादती की उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई हो, बेकुसूरों के साथ किसी भी तरह की ज्यादती अमल में नहीं लाई जाए।

जलसे में उलेमा+ इकराम

बकरीद को लेकर भी पुलिस व प्रशासन से व्यवस्था बनाए रखनी की गुजारिश की गयी। जलसे का संचालन मौलाना सलमान ने किया। मौलाना जिब्रील, मौलाना शाहीन जमाली, कारी अनवार, कारी शफीक अहमद, मौलाना खुर्शीद, मुफ्ती हसन, मौलाना साबिर आदि ने शिरकत की।

शूद्र फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध हुआ , अब फिल्म को नहीं दिखाने पर बवाल हुआ

शुरू शरू में शूद्र फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध हुआ था तो अब फिल्म को नहीं दिखाए जाने को लेकर बवाल हो गया | शूद्र दी राइजिंग फिल्म को मेरठ के पी वी एस माल की स्क्रीन २ से यकायक उतार कर बुधवार को चक्रव्यूह प्रदर्शित करने पर माल में हंगामा हो गया| फिल्म के टिकट बेचने के बावजूद फिल्म को बिना किसी घोषणा के उतार लिया गया|

शूद्र फिल्म नहीं दिखाने पर बवाल हुआ


इससे दर्शकों का एक वर्ग ख़ासा नाराज हुआ और वहां हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई|यह शो सुबह साडे ग्यारह बजे दिखाया जाना था|सिनेमा हाल वालों का कहना था कि बेशक शूद्र फिल्म को केवल मॉल में ही दिखाया जा रहा है मगर बुधवार को अचानक चक्रव्यूह फिल्म रिलीज कर दी गई जिसके कारण यह बदलाव करना पड गया| बिके टिकटों को वापिस लेकर पैसे लौटा दिए गए|

एन सी सी शिविर में १० फिट का रावण फूँका

एन सी सी शिविर में १० फिट का रावण फूँका

हस्तिनापुर में चल रहे एन सी सी कैम्प का छठा दिन आज बुधवार को अनोखे रूप में मना | केडेट्स ने उत्साह पूर्वक दशहरा उत्सव मनाया | कैडेट्स ने 10 फुट का रावन का बनाया उसमे पटाखे लगाये गये और फिर बुराई के प्रतीक बने रावन को तेज धमाको के साथ जला दिया गया |पूरा कैम्पस एक शानदार जश्न मनाया गया | इससे पूर्व आज सुबह कैडेट्स की दौड़ प्रतियोगिता भी हुई
कैप्टेन प्रेम कुमार ने पर्यावरण पर व्याख्यान दिया !
प्रस्तुती दीपक शर्मा

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते नेताओं और मीडिया में टकराव आम हुआ

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते आज कल राजनीतिज्ञों का टकराव अपने विरोधी पार्टी के नेताओं से कम और पत्रकारों से ज्यादा हो रहा है| बेशक इसमें कुछ हद तक पत्रकारिकता भी दोषी हो सकती है मगर जिस प्रकार से रोजाना भ्रष्टाचार +घोटालों का पर्दाफाश किया जा रहा है लेकिन उनपर कोई विशेष कार्यवाही होती नहीं दिख रही ऐसे में पत्रकारों द्वारा सवाल करना जायज़ ठहराया जा सकता है| पत्रकारों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीधे मुह पर ही जवाब मांगने से नेताओ का तिलमिलाना स्वभाविक है मगर सवाल करने वाले पर आक्रमण करना या धमकी देना किसी भी द्रष्टि से न्यायोचित नहीं कहा जा सकता|यहाँ किसी एक पार्टी का जिक्र करना उचित नहीं होगा आये दिन एक नई पार्टी का नेता ऐसे ही अपनी दबंगई से चर्चा में आ रहा है| ऐसा नहीं है कि सारा मीडिया ही दूध का धुला है|प्रश्न पूछना भी एक कला है उसमे तथ्य होने जरूरी है मगर देखा जा रहा है कि आज कल प्रेस कांफ्रेंस में सवाल कम और आरोप ज्यादा लगाए जाते है या दूसरों के आरोप पर जवाब माँगने का चलन जोर पकड़ रहा है|इसी कारण प्रेस कांफ्रेंस में भीआरोपों पर डिबेट करने के लिए उतावलापन दिखाई देने लगा है| शायद इसीलिए नेताओं का उत्तेजित होना स्वाभाविक है मगर हाथापाई या धमकी किसी भी सूरत में जायज नहीं कही जा सकती |यह लोक तंत्र के लिए स्वस्थ परम्परा नहीं कही जा सकती|
दुर्भाग्य से अधिकाँश केसों में पालिटिकल पार्टी कोई कार्यवाही करने के बजाये अपने नेताओं को बचाने में लगी रहती है| अपनी बात को शुरू करने के लिए में ९ वे दशक का जिक्र करना चाहूंगा|माननीय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में [१]मुख्यमंत्री थे दैनिक जागरण और अमर उजाला अखबारों के मालिकों से उनके पारिवारिक रिश्ते थे|इस पर भी पत्रकारिकता का धर्म निभाते हुए अखबारों में उनकी स्वाभाविक आलोचना भी होती थी|इस आलोचना से तिलमिला कर मुलायम सिंह यादव ने इन दोनों बड़े अखबारों के विरुद्ध कार्यवाही करानी शुरू करदी अमर उजाला की प्रेस में तो छापे भी डलवाए गए मगर सब कुछ ठीक ठाक मिला|अखबारों ने आन्दोलन भी किया कुछ समय बाद इनमे समझौता हो गया | अब में सीधे सीधे वर्तमान दौर में आता हूँ

सत्ता दम्भ और असहनशीलता के चलते नेताओं और मीडिया में टकराव आम हुआ


[२]लखनऊ के लालबाग में प्रदेश मंत्री नटवर गोयल का व्यावसायिक प्रतिष्ठान और अपार्टमेंट है। मंगलवार को छायाकार आशुतोष गुप्ता नजदीक की जमीन पर हो रही खुदाई के फोटोग्राफ लेने गए थे। तभी नटवर के करीबियों ने आशुतोष को पकड़ लिया। अपार्टमेंट की महिलाएं भी हॉकी व डंडे लेकर आ गई। नटवर भी वहां पहुंच गए। उन्होंने, आशुतोष को कार्यालय में बंधक बनाया और मारपीट की। मोबाइल फोन से जानकारी पाकर साथी पत्रकार उन्हें बचाने पहुंचे। नटवर व उनके साथियों ने उनसे भी मारपीट की। कुछ देर में सैकड़ों मीडियाकर्मी एकत्र हो गए और आशुतोष को मुक्त कराया। कैसरबाग पुलिस ने मीडियाकर्मियों की तहरीर पर नटवर गोयल, उनके मैनेजर रवि सिंह, अली, एक अन्य युवक व महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बाद में नटवर गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया। यहाँ पुराणी गलतिओं से सबक लेते हुए मुख्य मंत्री अखिलेश सिंह यादव ने मंत्री से मंत्रित्व छीन लिया|
[३] भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों से घिरे केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद पर अरविन्द केजरीवाल ने विकलांग फंड के दुरूपयोग का आरोप लगाया|इससे रुष्ट होकर मंत्री ने केजरीवाल को जान से मारने की धमकी दे डाली | [फर्रखाबाद आयें मगर वापिस नहीं जा पाएंगे] टी वी चैनल आज तक के पत्रकार को भी ऐसी ही धमकी दी गई[यह प्रेस कांफ्रेंस आपकी आख़री प्रेस कांफ्रेंस होगी]इस संधर्भ में कोई कानूनी कार्यवाही किये जाने के बजाये सलमान खुर्शीद का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने आज बुधवार को कहा कि साधारण व बेबुनियाद आरोपों के आधार पर केंद्रीय कानून मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जा सकती है।गौरतलब है कि खुर्शीद पर उनकी एनजीओ में की गई वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इनका एनजीओ विकलांगों के कल्याण हेतु कार्य करता है। [४]श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा और डीएलएफ के बीच साठ-गांठ पर कुछ भी कहने को कोई तैयार नहीं है| नारायणसामी ने इसे उनका व्यक्तिगत मामला करार दिया
[५]हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह पर इस्पात से रिश्वत लेने और एक साल में ३० गुना आय बढाने के आरोप लग रहे हैं| इस पर प्रश्न पूछने पर सिंह ने पत्रकार का कैमरा तोड़ने की धमकी दे डाली |इनके बचाव में कांगेस के नेता संदीप दीक्षीत ने माफी मांग ली है|
[६]नितिन गडकरी पर लग रहे आरोपों के लिए मीडिया के एक वर्ग द्वारा काराए जा रहे सर्वे को मीडिया ट्रायल का नाम देकर वास्तविकता से पल्ला झाड़ा जा रहा है|
[७]सांसद नवीन जिंदल ने कोयला घोटालों में संलिप्तता के सवाल पर जी न्यूज के पत्रकारों पर न केवल हाथ उठा दिया वरन उन्हें देख लेने की धमकी भी दे दी चैनल का यह भी आरोप है की जिंदल ने चैनल को खरीदने की कोशिश भी की है|
यह भी वास्तविकता है कि सभी पत्रकार दूध के धुले नहीं है मुम्बई के पत्रकार डे की हत्या + हरियाणा के मंत्री गोपाल गोयल कांडा का प्रेस की गाडी में पोलिस थाणे में आकर सरेंडर करना और समाचारपत्र ‘देशोन्नति’ के मालिक और प्रधान संपादक प्रकाश पाहोरे के लगभग 10 दिन पहले नागपुर के समीप गोंडखैरी में हुए काण्ड का उधारन दिया जा सकता है|

रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है

आज दशहरा है आज भी रावण परिवार अपने किये की सजा पाने को तैयार है सार्वजनिक रूप से जलने के लिए तैयार है |कहा जाता है की रावण बुराई और नफ़रत का प्रतीक है|क्योंकि हमारा मानना है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होनी चाहिए \रामायण काल में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सभी प्रचलित मर्यादाओं का पालन करते हुए रावण का वध किया था यह प्रथा आज भी जारी है|लेकिन आज कल एक कलयुगी कमी है जिसके कारण रावण जल कर भी मरता नहीं वोह रावण प्रतिवर्ष हमारे भीतर विशाल होता जा रहा है| यह समाज में फ़ैली विसंगतियों से साफ़ दिखाई देता है|

रावण परिवार अपने की किये सजा पाने को तैयार है

इसीलिए बेशक रावण को जलाओ मगर इसे वास्तविक रूप से जलाने के लिए कृपया पहला अग्नि बाण वोह चलाये जो स्वयम मर्यादित हो|