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Category: Religion

वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल की चिमनी से सफ़ेद धुंए की प्रतीक्षा लम्बी होती जा रही है

वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल की चिमनी से सफ़ेद धुंए की प्रतीक्षा लम्बी होती जा रही है

वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल की चिमनी से सफ़ेद धुंए की प्रतीक्षा लम्बी होती जा रही है

वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल की चिमनी से अभी तक सफ़ेद धुआं नहीं निकलाहै जिसका अभिप्राय है कि कैथोलिक धर्म के 115 रोमन कैथोलिक कार्डिनल अपने सर्वोच्च धार्मिक नेता[पोप] का चुनाव नहीं कर पाए हैं|
पपल कनक्लैव में गोपनीयता की तमाम व्यवस्था के साथ शुरू हुई गुप्त सभा आज बुधवार कि दोपहर तक किसी भी निर्णय तक नही पहुँच सकी है| पहली शुरुआती वोटिंग मंगलवार शाम को हुई थी उसके पश्चात आज बुधवार सुबह दो बार और वोटिंग की गई, लेकिन हर बार चिमनी से सफ़ेद धुयें के आस लगाये श्रधालुओं को निराशा ही मिली है|हर बार काला धुआं ही निकलता दिखाई दिया है|नतीजतन सेंट पीटर्स स्क्वायर के आसपास इकट्ठा हुई भीड़ में निराशा है।
गौरतलब है कि नए पोप के चुनाव के लिए वेटिकन पहुंचे 115 रोमन कैथोलिक कार्डिनल तब तक गुप्त सभा में ही रहेंगे, जब तक दुनिया के सवा सौ करोड़ रोमन कैथोलिक ईसाइयों के 266वें धर्मगुरु का चुनाव नहींहो जाता| एतिहासिक परम्परा के अनुसार चुनाव होने पर सिस्टीन चैपल की चिमनी से काले के स्थान पर सफेद धुआं निकाल कर सूचना दी जाती है|
बीते 28 फरवरी को 85 वर्षीय बेनेडिक्ट-16 ने खराब स्वास्थ्य के चलते अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। वे आठ साल तक अपने पद पर रहे।
नियमों और प्रतीकों के अनुसार सम्मेलन के दौरान कार्डिनलों का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता है।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
वस्तु अमोलिक दी म्हारे सत्गुरु किरपा कर अपनायो ।
संत मीराबाई जी को प्रभु की ऐसी लगन लगी कि उसने जीवन के सारे भौतिक वादी सुख +आराम+ महल+परिवार सभी त्याग दिये और प्रभु को ही अपना सब कुछ मान लिया । संत मीराबाई जी कहती हैं कि हमारे सतगुरु जी ने हम पर महान कृपा की जो हमारे घट मंदिर में राम नाम, प्रभु के नाम को स्थापित कर दिया । और उसने प्रभु के नाम को इतना जपा की कृष्ण जी ने अपने गले से लगा लिया ।
संतजन समझाते हैं कि हमें प्रभु की अपार दया से यह मानव देह मिली है । यह प्रभु से मिलने का स्वर्णिम अवसर मिला है । मानव जीवन का परम लक्ष्य प्रभु प्राप्ति है । अगर हम प्रभु का प्रेम चाहते हैं तो हमें अधिक से अधिक संत महापुरुषों के सत्संग में आना चाहिए एवं संत महापुरुषों द्वारा दिया गया मंगलमय नाम पल-पल, स्वांस-स्वांस रटते रहना चाहिए ।
फिर जैसे मीरा बाई जी को प्रभु के दिव्य दर्शन हुए ऐसे ही आप पर भी प्रभु कृपा अवश्य करेंगे ।
संत मीराबाई जी ,
प्रस्तुति राकेश खुराना

पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने आलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया

 पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जीआलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया

पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जीआलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया

[मेरठ]श्री रामशरणम आश्रम , गुरुकुल डोरली , मेरठ में दिनांक 10 मार्च 2013 को
 पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जीआलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया

पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने आलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया

रविवासरीय सत्संग,के अवसर पर पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने अमृतमयी प्रवचनों की वर्षा करते हुए आलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करने के लिए ध्यान रुपी अनुसन्धान मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया|
पूज्यश्री ने कहा कि संत महापुरुष वही नाम देते हैं जो ग्रंथों में लिखा हुआ है । परन्तु संत महापुरुष ध्यान रुपी अनुसन्धान करके, अपने मन को तप की भट्ठी में तपाते हैं और परमेश्वर दरबार से आलोकिक शक्तिओं का खजाना प्राप्त करते है । उन्होंने परमेश्वर कि असीम शक्तियों और उनके प्रभाव का वर्णन करते हुए कहा कि परमेश्वर सर्वशक्तिमान, सामर्थ्यवान है उससे जुड़कर संतों में ऐसी समर्थता, संकल्पशक्ति आ जाती है कि उनके प्राणों में प्रभु का पावन नाम ऐसे बस जाता है जैसे कोई ब्राह्मण देव मंदिर में मूर्ति की स्थापना करता है।
इसीलिए हमें संतों महापुरुषों द्वारा जो नाम मिलता है उसमे संत का संकल्प, आत्मिक बल , संकल्प शक्ति होती है जिससे हमारी आत्मसत्ता जाग्रत होती है।
नाम लेने वाले भी मिल जाते हैं , नाम देने वाले भी मिल जाते हैं परन्तु नाम, शबद वही क्रियात्मक, फलिभूत होता है जो सच्चे सन्त महापुरुषो से मिलता है क्योंकि सजीव बीज में ही जीवन होता है, खोखला बीज फलीभूत नहीं होता ।
पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ,प्रस्तुति राकेश खुराना ,
श्री रामशरणम आश्रम ,
गुरुकुल डोरली

प्रभु नाम के बगैर मानव जीवन धुल समान है

 प्रभु नाम

प्रभु नाम

प्रभु से दूर होने पर अमूल्य जीवन धुल समान
मन तो तुम मैं रम रहा, केवल तन है दूर.
यदि मन होता दूर तो मैं बन जाता धूर.
भावार्थ: एक जिज्ञासु परम पिता परमात्मा को शुक्रिया अदा करते हुए कहता है कि हे प्रभु!! मुझ पर तुम्हारी
कितनी अधिक कृपा है कि मेरा मन आपके सुमिरन में लगा हुआ है. मैं केवल तन से ही आपके पावन चरणों से
दूर हूँ परन्तु मेरा मन आपके चरणों की स्तुति में लगा हुआ है. यदि मेरा मन भी आपसे दूर होता तो में कुछ भी नहीं
होता, मेरी स्थिति धूल के समान होती.
प्रभु ने यह मानव काया हमें उसका नाम लेने के लिए दी है अर्थात इस मानव जन्म का उद्देश्य नाम के जाप द्वारा प्रभु की
प्राप्ति करना है. यदि हमने सारा जीवन सांसारिक विषयों तथा माया में ही व्यर्थ कर दिया और प्रभु का नाम नहीं जपा तो
हमारा जीवन किसी काम का नहीं तथा हमारी काया की स्थिति धूल से ज्यादा नहीं है.
प्रस्तुति राकेश खुराना ,
परम पूज्य स्वामी सत्यानन्द जी महाराज
भक्ति प्रकाश ग्रन्थ

मुफ्त लेपटाप के पंजीकरण प्रक्रिया में धार्मिक नगरी इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी में देसी बम और आंसू गैस के गोले चले

अभी तो केवल फार्म बंटने शुरू ही हुए हैं कि अपराधग्रस्त उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी में बवाल हो गया |१२ वी कक्षा उत्तीर्ण बवालियों ने देशी बम तक चला दिए और पोलिस ने आंसू गैस के गोलों से उनका उत्तर दिया| अब अगर अव्यवस्थाओं में मुफ्त लेपटाप मिलने लगे तो आने वाली व्यवस्था का अनुमान लगाया जा सकता है|
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ९ मार्च को मुफ्त लैपटॉप के लिए फॉर्म बांटे जा रहे थे जिन्हें लेने पहुंचे छात्रों के दो गुटों के बीच जमकर बवाल हो गया। दोनों गुटों के बीच यूनिवर्सिटी कैंपस में पहले पत्थर और बाद में देसी बम भी चले। छात्रों पर काबू पाने के लिए पोलिस को लाठीचार्ज के साथ आंसू गैंस के गोले भी दागने पड़े। दोपहर तक यूनिवर्सिटी में हालात काबू में हो चुके थे लेकिन तनाव बना रहा कैंपस में आरएएफ को तैनात किया गया है पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल भी हुए हैं।

 मुफ्त लेपटाप के पंजीकरण प्रक्रिया में धार्मिक नगरी इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी में देसी बम और आंसू गैस के गोले चले

मुफ्त लेपटाप के पंजीकरण प्रक्रिया में धार्मिक नगरी इलाहाबाद की यूनिवर्सिटी में देसी बम और आंसू गैस के गोले चले


लैपटॉप देने की चुनावी घोषणा पर अमल करने के लिए यूपी में आजकल लैपटॉप के लिए छात्रों के रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है। शनिवार को इसके लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पंजीकरण प्रक्रिया चल रहे थी | मुफ्त लैपटॉप के लिए छात्र यूनिवर्सिटी में फॉर्म लेने पहुंचे थे। छात्रों की तादाद काफी ज्यादा थी जिन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस या सुरक्षा बल तैनात नहीं थे।यहाँ तक कि शिक्षण संस्थान भी इसके लिए तैयार नहीं दिखा|
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय में सुबह दस बजे से ही लैपटॉप लेने के लिए आवेदन करने वाले पात्र जुटने लगे थे| दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब कुछ छात्रों ने बगैर लाइन में लगे हुए आवेदन पत्र जमा करने की कोशिश की जिसका लाइन में खड़े छात्रों ने विरोध किया.
कुछ ही देर में छात्रों के दो गुट आमने-सामने आ गए.[केपीयूसी हॉस्टल V/S डॉ. ताराचंद हॉस्टल ] लैपटॉप के लिए आवेदन पत्र जमा करने को लेकर छात्र गुट इस कदर भिड़े कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय में अफरातफरी मच गई. जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स ने बवाली छात्रों को कैंपस से बाहर खदेड़ा तो यहां पर छात्र गुट और अराजक हो गए.
करीब डेढ़ घंटे तक यूनिवर्सिटी रोड पर पत्थरबाजी और हथगोले फेंके गए जिसमें एक छात्र और एक पुलिस जवान बुरी तरह घायल हुआ है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने अजमेर शरीफ में पाकिस्तान के लिए अमन चैन की दुआ मांगी

 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने अजमेर शरीफ में पाकिस्तान के लिए अमन चैन की दुआ मांगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने अजमेर शरीफ में पाकिस्तान के लिए अमन चैन की दुआ मांगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने आज अजमेर शरीफ पहुंचकर विश्व प्रसिद्द ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर अपने मुल्क पाकिस्तान के लिए अमन चैन की दुआ मांगी।यदपि श्री अशरफ निजी यात्रा पर परिवार के साथ आए लेकिन उनकी की अगवानी केन्द्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने जयपुर में की और उन्हें ५ सितारा होटल में भोज दिया|।कहा जा रहा है कि इस दौरान कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई।
पाकिस्तान के पीएम की इस शासकीय आवभगत के विरोध में जयपुर और अजमेर समेत कई शहरों में प्रदर्शन हुए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ का विमान जैसे ही भारत की धरती पर उतरा, जयपुर से लेकर अजमेर और भोपाल तक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। एक तरफ जयपुर एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद पाक पीएम का स्वागत कर रहे थे। तो दूसरी तरफ जयपुर में ही कर्णी सेना के समर्थक सड़कों पर नारेबाजी कर रहे थे।
पाक पीएम जयपुर से अजमेर हेलीकॉप्टर से पहुंचे, लेकिन उससे पहले ही अजमेर में विरोध शुरू हो गया। वकीलों ने दुकानें बंद करवा दीं। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। वकीलों के अलावा अजमेर में शिवसैनिकों और भाजपा ने भी प्रदर्शन किया।
एक दिन पहले ही दरगाह के सज्जादानशीन मुस्लिम धर्मगुरु और दरगाह प्रमुख के दीवान सैयाद जैनुल आबेदीन अली खान ऐलान राजा परवेज अशरफ की जियारत के बहिष्कार का ऐलान कर चुके थे। लेकिन दरगाह चिश्ती के अनुसार कोई भी दरगाह में जियारत के लिए आ सकता है|
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के विरोध में भोपाल में भी प्रदर्शन हुए। बीजेपी ने इन विरोध प्रदर्शनों को जायज ठहराया। बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश के विदेश मंत्री जो कर रहे हैं मेरे हिसाब से देश की भावना के खिलाफ है। मेरा मानना है कि विदेश मंत्री का वहां जाना बिल्कुल ठीक नहीं है। मेहमान नवाजी कि ओपचारिकता राजस्थान सरकारद्वारा पूरी की जा सकती थी|सपा के नरेश अग्रवाल ने भी इस आवभगत का विरोध किया|
गौरतलब है कि जनवरी में जम्मू कश्मीर की सरहद पर पाकिस्तानी फौज ने भारतीय सैनिकों का सिर काटने की बर्बर घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद दोनों मुल्कों के बीच तनाव का माहौल बन गया था। लेकिन भारत के कड़े विरोध के बाद भी पाकिस्तान ने इस वारदात के लिए जिम्मेदार पाक फौजियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। योग गुरु बाबा रामदेव ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हें अजमेर शरीफ ही नहीं बल्कि देश के किसी भी तीर्थ स्थान जाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो पाक सैनिक भारतीयों जवानों के सिर काटते हैं दूसरी पाकिस्तान के पीएम जियारत करने आते हैं।वापिसी पर भी भारी विरोध के चलते बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के पी एम् का रूट बदला गया|कांग्रेस ने पी एम् को दिए गए इस भोज के बचाव में कर्टसी शब्द का इस्तेमाल किया |जबकि भारतीय पी एम् संसद में इसके उलट बयाँ दे चुके हैं|

हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

[मेरठ] कंकरखेडा, में स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी सत्संग के सुअवसर पर पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रवचन में प्रभु के सच्चे गाढे रंग में रंगे जाने की कामना की है| :
रंगन वाले देर क्या है, मेरा चोला रंग दे
राम रंग दे प्रेम रंग रंग दे ॥

 हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो


उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की कि हे दीनदयाल मेरा चित्त जो जगत के भोगों की दलदल में रंग हुआ है उसे अपने रंग में रंग दो। अभी तक मैंने जितनी बार भी रंगा सारे के सारे रंग झूठे एवं फीके थे हे प्रभु तू इसे अपने प्रेम के गूढे रंग में रंग दे। इसे राम रंग से रंग दे जिससे मेरा अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित हो जाये।
पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी,
प्रस्तुति रकेः खुराना

सद्गुरु की मूर्ति को घट मंदिर में प्रतिष्ठित करके उसकी आराधना करो

हमारे संत सूफियों ने परमात्मा को अपने अन्दर ही तलाश कर उसकी पूजा को ही असली धर्म बताया है|इसीलिए दर दर भटकने के स्थान पर अपने मन में प्रभु को ढूँढना चाहिए | सूफी संत बुल्ले शाह +संत रवि दास और संत कबीर दास जी ने अपनी वाणी में जीवन के यही सत्य उजागर किये हैं|
[१]अपने ही घर में खुदाई है,तो काबे में सजदा कौन करे,
जब दिल में ख्याले सनम हो बसा , तो गैर की पूजा कौन करे.
भावार्थ: सूफी संत बुल्लेशाह कहते हैं कि
मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे में भगवान कहाँ मिलता है, परमात्मा तो तेरे अन्दर समाया हुआ है पहले उसे तो जान ले पहचान ले, जब सच्चे संत की शरण में जाओगे तभी वास्तविक तथ्य का पता चल पाएगा और सद्गुरु की मूर्ति को घट मंदिर में विराजमान करके उसकी आराधना करो फिर कहीं और जाने की जरूरत नहीं है.

सद्गुरु की मूर्ति को घट मंदिर में प्रतिष्ठित करके उसकी आराधना करो

सद्गुरु की मूर्ति को घट मंदिर में प्रतिष्ठित करके उसकी आराधना करो


[२]इसी सन्दर्भ में संत कबीर दास जी भी दर दर भटकने को गैर जरुरी बता रहे हैं
मन मक्का दिल दवारिका, काया काशी जान,
दश द्वारे का देहरा, तामें ज्योति पिछान.
प्रस्तुती राकेश खुराना
[१] सूफी संत बुल्ले शाह
[२]संत कबीर दास [
[३]संत रवि दास जी ने भी यह कह कर कठौती में गंगा के दर्शन कराये हैं कि मन चंगा तो कठौती में गंगा

महा शिवरात्रि पर भोले नाथ को स्नान कराने के लिए भक्तों के कंधों पर कांवड़ सजने लगी है

महा शिवरात्रि पर भोले नाथ को स्नान कराने के लिए भक्तों के कंधों पर कांवड़ सजने लगी है

महा शिवरात्रि पर भोले नाथ को स्नान कराने के लिए भक्तों के कंधों पर कांवड़ सजने लगी है

औघड धानी + शिव योगी +भोले नाथ को महा शिव शिवरात्रि पर स्नान कराने की तैय्यारी होने लग गई है|भोले के भक्तों के कन्धों पर कांवड़ सजने लगी है और इनके जत्थों का आवागमन शुरू हो गया है|हरिद्वार+ऋषिकेश+गौमुख+तक से गंगा जल लाने के लिए भक्त निकल रहे हैं | दिल में केवल एक ही आस है कि शिव रात्रि पर अपने ईष्ट देव की सेवा में उनके अपने गंगा जल को समर्पित किया जा सके | सेवा शिविरों के तादाद बढने लगी है और भोले की बोल बम के जय घोष गूंजने लगे हैं|दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक ऐसे ही द्रश्य अपनी पौराणिक धार्मिक आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं|

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिल गया | भड़काऊ भाषण के दूसरे मामले में भी आज ५ मार्च , मंगलवार को उन्हें बरी कर दिया गया है|
पीलीभीत की अदालत के न्यायाधीश अब्दुल कयूम ने यह फैसला सुनाया है| वरुण गांधी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है|
अदालत ने जब वरूण गांधी को बरी करने का फ़ैसला सुनाया तब वरूण अदालत में मौजूद थे. फ़ैसले के बाद वरूण शांत भाव से अदालत से बाहर निकले.
शुरू से ही वरुण कहते आ रहे हैं कि जिस सी डी के आधार पर मुकद्दमा दर्ज़ हुआ है उसे छेड़ चाड करके उनके विरुद्ध बनाया गया है|
इस सी डी के अलावा वरूण ख़िलाफ़ पेश किये गए गवाह भी मुकर गए , पुलिस कर्मियों का बयान भी बदलता रहा है|
स्वर्गीय संजय गाँधी और संसद मेनका गाँधी के पुत्र वरुण गांधी पर 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान एक ख़ास समुदाय के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था|वरुण के विरुद्ध वर्ष २००९ के १७ और १८ मार्च को दो प्राथमिकी [ऍफ़ आई आर]दर्ज़ की गई थी वरुण गांधी के कोर्ट के सामने समर्पण करने के पश्चात उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था|वरुण पर एन एस ऐ लगा कर जेल में भेजा गया | वर्ष २००९ की मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएसए हटा लिया गया था और जेल में 19 दिन रहने के बाद उन्हें ज़मानत दे दी गई|
इन सभी विवादों के बावजूद वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट का चुनाव जीता मगर उन्हें पार्टी प्रचार से अलग रखा गया . अब वे दोनों आरोपों में दोषमुक्त ठहराए जा चुके हैं.ऐसे में २०१४ के चुनावों में विशेष कर उत्तर प्रदेश में इनका उपयोग किया जा सकेगा |[FILE PHOTO]