गले लगा लो हर इन्सान को किह अपना है |
चलो तो राहगुजारों में बाँटते हुए प्यार ||
सावन कृपाल रूहानी मिशन के संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव : किसी को हम गले तभी लगा सकते हैं जब हम उसे अपना समझें |
अपना तभी लगेगा जब हम उसमें प्रभु का रूप देखें जो हम अपने
आप में देख रहे हैं | इसलिए जब हम भजन ध्यान के लिए बैठते
हैं और अपने अन्दर शब्द को सुनते हैं , प्रभु की ज्योति के दर्शन
करते हैं तो हमें यकीन हो जाता है कि प्रभु हमारे अन्दर बसा हुआ
है और जब हम औरों से मिलते हैं तो उनके अंतर में भी हमें प्रभु के
दर्शन होते हैं | जब हमें दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम
गले लगा लेंगे |
प्रस्तुति राकेश खुराना
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