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Category: Religion

दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम गले लगा लेंगे:संत दर्शन सिंह जी महाराज

गले लगा लो हर इन्सान को किह अपना है |
चलो तो राहगुजारों में बाँटते हुए प्यार ||
सावन कृपाल रूहानी मिशन के संत दर्शन सिंह जी महाराज
भाव : किसी को हम गले तभी लगा सकते हैं जब हम उसे अपना समझें |
अपना तभी लगेगा जब हम उसमें प्रभु का रूप देखें जो हम अपने
आप में देख रहे हैं | इसलिए जब हम भजन ध्यान के लिए बैठते
हैं और अपने अन्दर शब्द को सुनते हैं , प्रभु की ज्योति के दर्शन

दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम गले लगा लेंगे:संत दर्शन सिंह जी महाराज


करते हैं तो हमें यकीन हो जाता है कि प्रभु हमारे अन्दर बसा हुआ
है और जब हम औरों से मिलते हैं तो उनके अंतर में भी हमें प्रभु के
दर्शन होते हैं | जब हमें दूसरों में प्रभु के दर्शन होंगे तो उन्हें भी हम
गले लगा लेंगे |
प्रस्तुति राकेश खुराना

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |

किस का दर है किह जबीं आप झुकी जाती है |
दिले खुद्दार ! तेरी आन मिटी जाती है ||
संत दर्शन सिंह जी महाराज हमें समझाते हुए कहते हैं कि वह कौन सी जगह है
कि जबीं (गर्दन , सिर) अपने आप झुकी चली जाती है और हम इन्सान , जो बहुत
घमंडी होते हैं , अहंकार से भरे होते हैं , हमारी वह आन खुद -ब -खुद मिटती चली
जाती है | जैसे – जैसे हम सच्चाई के साथ जुड़ते हैं , नाम के साथ जुड़ते हैं , शब्द
के साथ जुड़ते हैं , वैसे – वैसे हमारी खुदी का सत्यानाश होता जाता है |
संत दर्शन सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना

सच्चाई के साथ जुड़ने से हमारे घमंड का सत्यानाश होता जाता है |

बँगला देश में बौद्ध मंदिरों को जलाया

बांग्लादेश में फेसबुक के एक पोस्ट से उत्तेजित हजारों प्रदर्शनकारियों ने बौद्ध मंदिरों को जला डाला और आस-पड़ोस के इलाकों में लूटपाट की। दंगाइयों के अनुसार बौद्ध धर्म को मानने वाले किसी व्यक्ति ने फेसबुक पर एक तस्वीर पोस्ट कर इस्लाम का अपमान किया है।चटगांव के करीब दक्षिण पूर्व के शहर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अर्धसैनिक बलों को बुलाना पड़ा। यहां मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने 11 बौद्ध मंदिरों को जला डाला और दो अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों ने बताया कि शनिवार आधी रात के बाद हजारों की संख्या में मुस्लिम सड़कों पर उतर आए और मंदिरों और पड़ोस के बौद्ध इलाकों पर हमला कर दिया। इसके कारण स्थानीय अल्पसंख्यक अपने घरो में छिप गए| कम से कम 30 बौद्ध घरों में लूटपाट की गई।
स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है और रैलियों और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। मौके पर पहुंचे सूचना मंत्री हसनुल हकइनु ने इसे अज्ञात सांप्रदायिक ताकतों की पूर्व नियोजित कार्रवाई बताया है। दूसरी ओर, बौद्धों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शहर में मानव श्रृंखला तैयार की।बौद्ध धर्म शान्ति के लिए स्थापित किया गया था मगर पहले अफगानिस्तान में बोध की विशाल और एतिहासिक मूर्तियों को तौडा गया अब बँगला देश में बौद्ध मंदिरों को जलाया गया |इससे बौद्ध सम्प्रदाय में असंतोष व्याप्त

बँगला देश में बौद्ध मंदिरों का जलाया शहर में मानव श्रृंखला तैयार की।

गणपति बप्पा मोरेया अगले बरस तू जल्दी आ

देश भर में आज विघ्नहर्ता + मोदक प्रिय+लम्बोदर+शिव पुत्र गणपति गणेश को आज समारोह पूर्वक विदाई दी जा रही है| गणपति बप्पा के विग्रहों को जल में विसर्जन करके उन्हें उनके धाम भेजा जा रहा है|आज से ग्यारह दिन पहले गणपति की स्थापना की गई थी जिसके आज ग्यारहवें दिन विदाई समारोह आयोजित हो रहे हैं |
वैसे तो स्वतन्त्रता संग्राम में भारत वासिओं को एक जुट करने के लिए गणपति गणेश पूजन समारोह आयोजित किये जाने की प्रथा डाली गई इस समारोह में विशेषकर महाराष्ट्रा में बड़ी संख्या में भारत वासी इस पूजन से जुड़े यह पूजन आज भी जारी है और इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ते जा रहे हैं|उतर प्रदेश के मोदी नगर +मेरठ में भी अनंत चतुर्दशी के मौके पर गणपति पूजन धूम धाम से मनाया जा रहा है| | गणेश जी की विदाई धूमधाम से की जा रही है। शोभा यात्राओं में जोश से भरे श्र्धालू जन गाते जा रहे हैं ‘गणपति बप्पा मोरया+मंगल मूर्ती तोरिया+ अगले बरस तू जल्दी आ’ |इन जयघोषों के बीच देश भर में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है।

गणपति बप्पा मोरया+मंगल मूर्ती तोरिया+ अगले बरस तू जल्दी आ’

ध्यान से तनाव को ख़त्म करो :संत राजेंद्र सिंह

ध्यान : तनाव को ख़त्म करने की औषधि सावन कृपाल रूहानी मिशन के वर्तमान संत राजेंद्र सिंह जी ने तनाव से भरी आज की जिन्दगी के लिए ध्यान जरुरी बताया है|

ध्यान : तनाव को ख़त्म करने की औषधि :संत राजेंद्र सिंह


संत राजेंद्र सिंह जी का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से भावनाओं के तूफ़ान और तनाव को ख़त्म करने हेतु लोगों का रुझान
ध्यान की विद्या की ओर हुआ है| ध्यान से शारीरिक और दिमागी तौर पर बहुत से फायदे
हैं| यह सुरक्षात्मक, असरदार और निशुल्क है | जब हम एक बार ध्यान की विद्या सीख
लेते हैं, तब हमारे पास अंतर में हर समस्या का समाधान तैयार होता है |
ध्यान की विधि क्या है ?

ध्यान के लिए हम किसी ऐसे आसन का चयन करते हैं जिसमे हम कुछ समय के लिए
शांत और निश्चित मुद्रा में बैठ सकें| ध्यान के द्वारा हम अपनी एकाग्रता को दो आँखों
के पीछे मध्य बिंदु पर टिकाते हैं जिसे हम शिवनेत्र या दसवां द्वार कहते हैं| इस प्रकार
हम अपने ध्यान को बाहरी जिस्म से हटाते हैं|

ध्यान की अवस्था केवल मानसिक और
शारीरिक स्तर पर ही होती है| पर जब हम ध्यान के द्वारा अंतर में प्रभु की ज्योति के
दर्शन करते हैं और उसके शब्द को सुनते हैं, तब इस ज्योति और शब्द की धारा से हम
अंतर का प्रभुरूपी प्यार, चेतना और परम सुख पाते हैं|
संत राजिंदर सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना

राम नाम के हीरे मोती, संत बिखेरें गली गली,

राम नाम के हीरे मोती, संत बिखेरें गली गली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा, ध्वनि लगायें कृष्ण हरी. 
 संत महापुरुषों का इस धरा धाम पर अवतरण का उद्देश्य होता है.   परमात्मा जब देखता है
कि जगत में पापों से तपे हुए जीव दुखी हैं तो वह दीनदयाल , करुणासागर, भक्तवत्सल, 
उन जीवों के कल्याण के लिए संत महापुरुषों को, अपनी अलौकिक शक्तियां देकर , इस धरा धाम पर भेजता है.   तथा संत महापुरुष गली-गली, शहर-शहर जा-जा कर परमेश्वर के नाम कि ध्वनि को गुंजाते हैं.  उनकी यह गूँज या तरंग  किसी बिछड़ी हुई आत्मा को स्पर्श करती है तथा  जिज्ञासुओं में आस्तिक भाव सजग हो जाते हैं.   उनके मन में राम नाम जपने का शौक पैदा हो जाता है तथा परमात्मा के नाम में लगन लग जाती है  और उनके तपे हुए मन शांत हो जाते हैं.   यही संत का उद्देश्य होता है.  
श्री रामशरणम्  आश्रम, गुरुकुल डोरली , मेरठ  के परमाध्यक्ष पूज्यश्री भगत नीरज मणि ऋषि जी  के प्रवचन का एक अंश.
श्री रामशरणम्  आश्रम, गुरुकुल डोरली , मेरठ  

चौथा राम सबसे न्यारा है वही सृष्टि का कर्ता-धर्ता है

Sant Kabir Das

एक राम दशरथ का बेटा , एक राम घट-घट में बैठा
एक राम का सकल पसारा , एक राम सबहूँ ते न्यारा
अर्थात: कबीर साहब के कथनानुसार राम चार प्रकार के हैं , उन्होंने फ़रमाया है :-
[ एक राम]
तो राजा दशरथ के पुत्र थे जिन्होंने यहाँ राज किया . वो एक आदर्श पुत्र , आदर्श पति ,
आदर्श भाई तथा आदर्श राजा थे . जब भी हम अपने मुल्क की बेहतरी की दुआ करते हैं तो यही
कहते हैं कि यहाँ राम राज्य हो जाए.
[दूसरा वो राम है,]
जो हमारे घट – घट में बैठा है और वो है हमारा मन . उसका`काम है कि वो हमें
परमार्थ के रास्ते में तरक्की न करने दे , यद्यपि हमारा मन भी ब्रह्म का अंश है , ब्रह्म का स्रोत है
परन्तु वह अपने स्रोत को भूल चूका है और संत हमें समझाते हैं कि ” मन बैरी को मीत कर ”
[ तीसरा वो राम है]
जिसका ये सारा पसारा है इसमें माया भी है , काम – क्रोध – लोभ – मोह – अहंकार
भी है बाकि भी हर तरह की कशिश है , हमें इनसे बचने का प्रयास करना है .
[चौथा राम]
सबसे न्यारा है , सबसे ऊंचा है ,सबसे बड़ी ताकत है , वही इस सृष्टि का कर्ता-धर्ता है ,
हमारे जीवन का लक्ष्य तभी पूरा होता है जब हम , जितनी भी अवस्थाएँ हैं , उन सबसे गुजरकर प्रभु
को पा लें. संत जब भी बात करते हैं , वो उसी राम का जिक्र करते हैं
संत कबीर वाणी
प्रस्तुती राकेश खुराना .

सावन कृपाल रूहानी मिशन में सत्संग और भजन सिमरन हुआ

वेस्ट एंड रोड स्थित सावन कृपाल रूहानी मिशन में आज रविवासरीय सत्संग और भजन सिमरण हुआ | इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्र्धालूओं ने श्रधा भक्ति में लीन भक्तिरस का आनंद लिया|इस अवसर पर होम्यो पैथी का शिविर भी लगाया गया और दवाएं वितरित की गई| सुरेन्द्र कपूर|किशन बजाज +यशपाल+अनुज+मोहन लाल +राम पाल आदि ने सक्रीय भूमिका निभाई |
आगामी माह में दिल्ली स्थित कृपाल बाग़ में नाम दान होगा|

गुरु धीरे -धीरे हमें शरीर और शारीरिक व्यापार से ऊपर ले जाता है .


मेरी नज़र का हुस्न भी शरीके हुस्न हो गया
वो और भी निखर गए वो और भी संवर गए

अर्थात गुरु खूबसूरती का स्रोत तो होता ही है मगर ज्यों – ज्यों हम उसकी रहमत से तरक्की
करते चले जाते हैं उसका हुस्न और निखरता चला जाता है , और रोशन होता चला जाता है
और हमें वो ज्यादा खूबसूरत दिखाई देता है . अगर खुशकिस्मती से हमें ऐसा गुरु मिल जाये
तो फिर हमें अपना सब कुछ उस पर न्यौछावर कर देना चाहिए . अगर हम अपना सब कुछ
न्यौछावर कर देंगे तो फिर गुरु धीरे -धीरे हमें शारीर और शारीरिक व्यापार से ऊपर ले
आयेगा . हमारे अन्दर जो असली सूर्य और चन्द्रमा हैं , उनके मण्डलों से गुजारकर गुरु हमें
अपने दिव्य स्वरूप के दर्शन कराएगा और वो दिव्य स्वरूप ज्यादा से ज्यादा रोशन और
सुंदर होता चला जायेगा .
सावन कृपाल रूहानी मिशन आश्रम के संत दर्शन सिंह[१९२१-१९८९] जी महाराज जी की रूहानी शायरी
प्रस्तुती राकेश खुराना

अनमोल ने कराई गणपति बप्पा की पूजा

राष्ट्र भक्ति की भावना से ओत प्रोत अनमोल आनंद ने आज मेरठ के कंकर खेडा में गणपति बप्पा की पूजा अर्चना श्रधा भाव से कराई | गणपति बप्पा मौर्या मंगल मूर्ती तौर्या के जयकारों और ढोल नगाड़ों के साथ महा आरती भी हुई |इस अवसर पर अश्चरज लाल आनंद+संजय आनंद+मन मोहन आनंद+श्रीमती शान्ति+श्रीमती गीता और श्रीमती प्रोमिला आदि उपस्थित थे