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Category: Religion

इन्द्रियों को वश में कर लेने वाले मोह -माया के जाल से मुक्त रहते हैं

Rakesh Khurana [Right] In A Social Gathering

जो रहीम तन हाथ है, मनसा कहुं किन जाहिं
जल में जो छाया परी, काया भीजती नाहीं

अर्थ : कवि रहीम कहते हैं कि यदि शरीर पर अपना वश है तो मन कहाँ जाएगा?
जैसे – यदि पानी में अपना प्रतिबिम्ब दिखाई दे तो शरीर नहीं भीगता.
भाव : कवि रहीम का संकेत यहाँ इन्द्रियों को वश में करने की ओर है . उनका
कहना है कि यदि आदमी पूर्ण संयम से अपनी समस्त कर्मेन्द्रियों को
वश में कर ले तो वह अपनी ज्ञानेन्द्रियों अर्थात मन को भी वश में कर
सकता है . जिस प्रकार पानी में दिखाई देने वाले प्रतिबिम्ब को पानी
गीला नहीं कर सकता , उसी प्रकार अपनी कर्मेन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों
को वश में कर लेने वाले व्यक्ति को सांसारिक मोह -माया अपने जाल
में कभी नहीं फंसा सकती .

नाम की कमाई से कुकर्मों का अंत =कबीरवाणी

नाम की कमाई से कुकर्मों का अंत
जबहिं नाम ह्रदय धरयो, भयो पाप का नास
जैसे चिनगी आग की, परी पुरारी घास

भावार्थ
संत कबीर दास जी कहते हैं जिस समय हमारे ह्रदय में नाम प्रकट हो जाता है, हमारे कुकर्मों का अंत हो जाता है .
जिस प्रकार घास का बड़े से बड़ा ढेर भी चिंगारी से जलकर राख हो जाता है . इसी प्रकार हम संसारी कितने
भी खोटे कर्म कर चुके हों, नाम की कमाई हमारे सब पापों का नाश कर देती है .
कबीर दास जी नाम का प्रताप इस तरह भी बताते हैं –
नाम जपत कोढ़ी भला, चुइ-चुइ पड़े जिस चाम
कंचन देह किस काम की, जिस मुख नाहीं नाम

अर्थात अगर कोई कोढ़ी भी, जिसके घाव से पानी बह रहा है, परन्तु अंतर में वह नाम से जुड़ा हुआ है तो वह
उस व्यक्ति से कहीं अच्छा है, जो सोने जैसी काया लेकर सांसारिक मोहमाया, विषयभोग में लिप्त है.

संत भी सामर्थ्यवान हैं परमात्मा ने उसे समर्थता दी है=नीरज मणि ऋषि

इस जगत में दो ही साधनवान और सामर्थ्यवान हैं – एक तो सर्वशक्तिमान परमेश्वर और दूसरा संत , जिसे परमात्मा ने समर्थता दी है . अपनी स्वार्थी बुद्धि के कारण हम मनुष्य अपने जीवन की डोर जगत के हाथ में दे देते हैं . जगत डूबता है, डुबाता है और संत तरता है, तारता है . जब हम संत की शरण में जाते हैं , संत हमें नाम की नौका में बिठाकर भवसागर से पार कर देता है . वह इस लोक को भी सुधरता है और परलोक को भी सफल बनाता है . आध्यात्मिक मार्ग समर्पण का मार्ग है . समर्पण ह्रदय से होता है , मन से होता है . समर्पण में प्रीति है , त्याग है .
मीराबाई ने अपने आपको कृष्ण भगवान को समर्पित किया , उनसे प्यार किया, महलों के सुख – चैन का त्याग किया, मीरा के जीवन में कितनी भी बाधाएं आयीं, जगत वैरी बन गया परन्तु उसने कृष्ण भगवान से प्रीति तथा उनकी आराधना नहीं छोड़ी. अंततः परमात्मा ने उसे अपनी शरण में ले लिया .
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्री शक्ति धाम मंदिर , लाल कुर्ती , मेरठ में भगत श्री नीरज मणि ऋषि जी द्वारा दिए गए प्रवचन का एक अंश

परमात्मा के अवतरण से सांसारिक बेड़ियों से मुक्ति= भगत श्री नीरज मणि ऋषि

विषय -परमात्मा का अवतरण सांसारिक मोह -माया की बेड़ियों से मुक्ति

जब श्री कृष्ण भगवान् का जन्म हुआ तो उस समय वासुदेव जी की सारी बेड़ियाँ टूट गईं, जेल के सारे दरवाजे खुल गए और वे बंधनमुक्त
हो गए. इसी प्रकार जब हमें परमात्मा और संतों की संरक्षता एवं समीपता प्राप्त होती है तो हमारी भक्ति परवान चढ़ती है और हमारी
आत्मा निर्बंध हो जाती है और संसार के मोह-माया के बन्धनों से मुक्त हो जाती है.
हमारे जीवन का उद्देश्य भगवत प्राप्ति है. संत हमें समझाते हैं कि हाथों से जगत के कार्य करो और मन से प्रभु की भक्ति करो. परमात्मा से दूर जाकर तो दुःख मिल सकता हैं परन्तु परमात्मा की संरक्षता एवं संतों के सानिध्य में रहकर कोई कमी नहीं आती. साधना करने में जो
साधन भक्तों के पास हैं उनकी प्रभु रक्षा करते हैं तथा जो साधन भक्तों के पास नहीं हैं उनका प्रबंध करते हैं. प्रभु की अपने भक्तों के
लिए ऐसी प्रतिज्ञा है .
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्री रामशरणम् आश्रम गुरुकुल डोरली , मेरठ में]

भगत श्री नीरज मणि ऋषि
जी द्वारा दिए गए प्रवचन का एक अंश
प्रेषक: श्री रामशरणम् आश्रम गुरुकुल डोरली , मेरठ
file photos .

गोविंदा आला रे आला ज़रा मटकी संभाल ब्रिजबाला

आज भी जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है| मंदिरों के विशेष टूर पर जगमगाया गया है| शहर में भारी बारिश हो रही है, ठंडी हवा बह रही है और आकाश में बादल भी छाए हुए हैं। । ऐसा माना जाता है कि करीब 5,000 वर्ष पहले बारिश व तूफान से भरी रात में मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
जन्माष्टमी पर मथुरा में उत्सव का रंग बिखरा हुआ है। श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में जा रहे हैं। यमुना में जलस्तर बढ़ गया है। इससे इस पर्व का उत्साह और भी बढ़ गया है।
हजारों श्रद्धालु मथुरा पहुंच रहे हैं। होटल और धर्मशाला पूरी तरह से भर गए हैं।
वृंदावन व मथुरा के कुछ मंदिरों में श्रीकृष्ण की मूर्तियों पर दूध, दही और शहद चढ़ाकर व विशेष प्रार्थनाएं कर पहले ही यह उत्सव मनाया जा चुका है।
शहर में हर कहीं राधे-राधे और जय श्रीकृष्ण की गूंज सुनने को मिल रही है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में हो रहा है।
मुम्बई में दही हांडी तौड़ने के लिए गोविन्दों की टोलियाँ सब तरफ जुगत लगा रहे है फ़िल्मी स्टार और नेता गण भी श्रधालुओं का हौंसला बड़ा रहे हैं|
मेरठ में मंदिरों में विशेष आयोजन किये जा रहे हैं \टी वी चेनलों पर सुबह से ही आयोजनों की झाकियां दिखाई जा रही है|
घरों में श्रधालुओं द्वारा व्रत रखा गया है जिसे कृषण के जन्म [१२ बजे रात]के साथ खोला जता है |
आज से ही माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने की प्रक्रिया बंगाली समाज द्वारा शुरू कर दी जाते है

अमेरिकी गुरुद्वारे को आज श्रधालुओं के लिए खोल दिया गया

अमेरिका के ओके क्रीक विस्कांसिन गुरुद्वारे में रविवार को हुई फायरिंग के बाद आज शुक्रवार गुरुद्वारे को श्रधालुओं के लिए खोल दिया गया|
गत रविवार को एक श्वेत हमलावर ने गुरुद्वारे में अंधाधुध फायरिंग करके छह श्रद्धालुओं[पञ्च पुरुष और एक महिला] को मौत के घाट उतार दिया था और खुद को भी गोली मार ली थी। स्थानीय पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद गुरुघर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दिया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जगजीत सिंह संधू ने बताया कि शुक्रवार को करीब सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे के सारे कारपेट बदल कर , पूरे परिसर की साफ़ सफाई करके और दीवारों पर भी पेंट दोबारा किया गया |
गुरुद्वारे में महिलाओं ने श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर [पर्शादा] [सामुदायिक भोज] तैयार किया। गुरुद्वारे में गोलियों व खून के ह्रदयविदारक निशान यह बता रहे थे कि मृतकों की आत्माएं अभी भी गुरुद्वारे के भीतर ही हैं।
मृतकों के अंतिम यात्रा में भी विलाप करते हुए हजारों लोग जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे शामिल हुए। मिलवोकी स्थित विश्वविद्यालय में लगभग दो सौ लोगों ने इकंट्ठे होकर इस घटना में मारे गए लोगों को याद किया तथा उनकी आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने घोषणा की है कि वह खालसा हाई स्कूल में जागरुकता सम्मेलन करेगा, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शिरकत करेंगे।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल ओक क्रीक पुलिस के अधिकारी ब्रायन मर्फी [51] की हालत अब खतरे से बाहर है।
इसी घटना में घायल पचास वर्षीय संतोख सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। संतोख सिंह को एक गोली जहां छाती पर लगी थी, वहीं पर दूसरी गोली ने लिवर व आंतों को भेद डाला था। उनकी दो बार शल्य चिकित्सा हो चुकी है, परंतु फिर भी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इस घटना के तीसरे घायल पंजाब सिंह [65] की हालत भी नाजुक बनी हुई है। पेज की बंदूक से निकली गोली ने पंजाब सिंह के चेहरे को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ धमनियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है|
भारत की चिंता
विस्कांसिन के गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के संदर्भ में भारत ने अमेरिका में हथियारों के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई है। इस घटना के मद्देनजर राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अमेरिकियों को ‘आत्ममंथन’ करने की सलाह का भारत ने स्वागत किया गया है। अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने कहा है कि अब समय आ गया है, जब बंदूक संस्कृति पर लगाम कसने के लिए जरूरी कदम उठाया जाना चाहिए। ओबामा को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाना चाहिए। यह जरूरी हो गया है। राव ने सवालिया अंदाज में अमेरिकी प्रशासन से पूछा कि हर बार सिखों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। अमेरिका को इस पर गंभीरता से आत्ममंथन करना चाहिए।
बराक ओबामा की चिंता
गोलीबारी की घटना पर शोक प्रकट करते हुए ओबामा ने कहा था कि लगातार हो रही ऐसी दुखद घटनाओं के बाद हर अमेरिकी को अब आत्ममंथन करने की जरूरत है। गुरुवार को नेशनल पब्लिक रेडियो पर एक साक्षात्कार के दौरान राव ने कहा, ‘भारत के लोग सवाल कर रहे हैं कि क्यों हर बार इस तरह की हिंसक घटनाओं में सिख ही निशाना बनते हैं।? ऐसे में हमारे दिलों में अमेरिका में खुलेआम बंदूकों के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठते हैं। और जब राष्ट्रपति ओबामा आत्ममंथन की बात करते हैं, तो मुझे लगता है कि इन मुद्दों पर आत्ममंथन किए जाने की ज्यादा जरूरत है।’
घटना के फौरन बाद निरुपमा राव ने हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस घटना को नस्ली हमले की बजाय घरेलू आतंकवाद के रूप में लिए जाने पर राव ने कहा, भले ही इस हमले का रूप कुछ भी हो, लेकिन हमें आत्ममंथन करना होगा कि इस तरह की हिंसक घटनाएं सिखों के साथ ही क्यूं हो रही हैं|

माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए आज से पूजन प्रारम्भ हो गया

नवरात्रों में माँ दुर्गा की पूजा के लिए माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए आज से पूजन प्रारम्भ हो गया है|
मेरठ में भी लगभग दो शताब्दी पुराना बंगाली मंदिर में काठामो पूजा प्रारम्भ की गई |इसमें माँ दुर्गा की प्रतिमा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे लकड़ी+घास+फूस+मट्टी+गंगाजल आदि को इकठ्ठा किय जाना और पूजा शुरू कर दी गई है|
आज से प्रारम्भ यह प्रक्रिया पहले नवरात्रा तक पूर्ण कर ली जायेगी
डाक्टर सुब्रोतो सैन+एस मुखर्जी+गौतम मुख़र्जी+सान्याल आदि ने पूजा कराई

राम नाम का जाप से आध्यात्मिक सुखों की कोई सीमा नहीं

तारक मंत्र राम है, जिस का सुफल अपार
इस मंत्र के जाप से, निश्चय बने निस्तार

भावार्थ: राम नाम का जाप इस संसार रुपी भवसागर से पार उतारने वाला है.
इस मंत्र के जाप से मिलने वाले आध्यात्मिक सुखों की कोई सीमा
नहीं है तथा इसके जाप से मनुष्य निश्चय ही जनम मरण के चक्र
से छुटकारा पा जाता है.

स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी का एक अंश
प्रेषक: श्री राम शरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ

पोर्न स्टार लियोन बनेगी जन्माष्ठमी में मुख्य अथिति

मराठा मानुष शरद पवार की राजनितिक सत्ता सीन पार्टी एन सी पी ने पॉर्न स्टार सनी लियोन के पोस्टर फाड़ते फाड़ते अब लियोन को जन्माष्टमी में विशेष अतिथि के रूप में आने का न्यौता दे दिया है। अखिल भवदान दही हांडी मंडल ने पांच लाख रुपए देकर लियोन को दही हांडी के कार्यक्रम में बुलाया गया है।
एक ओर एनसीपी लियोन के पोस्टर फाड़ रहा है तो दूसरी ओर एनसीपी के ही कुछ नेता लियोन की जन्माष्टमी के कार्यक्रम में आने की सूचना होर्रि्डग लगाकर सबको दे रहे हैं। लियोन के फैन उन्हें मोटी रकम देकर दही हांडी के कार्यक्रम में बुलाने के लिए एक पैर पर तैयार खड़े हैं। अखिल भवदान दही हांडी मंडल हर साल दही हांडी का बड़ा कार्यक्रम करते हैं और इस साल लियोन को बुलाना चाहते थे

जन्माष्ठमी की सभी को बधाई

मित्रों और शत्रुओं [यदि कोई हो तो] लख लख वधाईयां +मुबारकां+कान्ग्रेचुलेश्नास
आज कल हर फील्ड में आतंकवाद+भ्रष्टाचार+दंगे फसाद के भोंपू ही कण फोड़ते रहते हैं यहाँ तक की संसद में भी शोरशराबा ही ज्यादा सुनाई देता है लड़ाई ज्यादा दिखाई देती है
इसी लिए हे प्रभु + हे त्रिभंगी लाल+ मुरली मनोहर +हे लाल काले कृषण+ हे मनोहर कान्हा अपनी सुरीली मुरली को झाड पौंछ लो अगर कोई सुर बिगड़ गया हो तो उसे ठीक करा लो क्योंकि आज उस देवीय मुरली की शांति +प्रेम+भाई चारे वाली तान की विश्व में बेहद जरुरत है