भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग[ competition Commission of India ] ने एक निविदा के मामले में 11 जूता कंपनियों पर 6.25 करोड़ रूपए का जुर्माना ठोका जिसके भुगतान के लिए दो माह का समय दिया गया है| वित्तीय वर्ष के सकल कारोबार के औसत पर पाँच %की दर से जुर्मानें की गणना की गई है|
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने पोलिस्टर बलेन्डड डक एंकल बूट्स रबर सोल की आपूर्ति से संबंधित एक निविदा के मामले में 11 कंपनियों पर 625.43 लाख रूपए का जुर्माना किया।
आयोग के समक्ष आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशक ने एक मामला दाखिल किया था।
आयोग ने पाया कि इन 11 कंपनियों ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के प्रावधानो का उल्लंघन किया है। आयोग ने 2008-09, 2009-10 और 2010-11 के वित्तीय वर्ष के सकल कारोबार के औसत पर पाँच %की दर से जुर्मानें की गणना की है।
आयोग ने इन कंपनियों को आदेश प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है।
आयोग का आदेश 2012 के मामला न. एक के संदर्भ में जारी किया गया है
गौरतलब है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग देश की एक विनियामक संस्था है। इसका उद्देश्य स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढावा देना है ताकि बाजार [उपभोक्ता|उपभोक्ताओं]] के हित का साधन बनाया जा सके। बीते साल के जून माह में भी इसी आयोग ने 11 सीमेंट कंपनियों को व्यापार संघ बनाकर कीमत का निर्धारण करने का दोषी ठहराते हुए ६000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 11 जूता कंपनियों पर 6.25 करोड़ रूपए का जुर्माना ठोका
भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये
भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये हैं जिससे राजनीती में उबाल आ गया है| सोमवार की देर रात.जम्मू कश्मीर के पूँछ एल ओ सी के समीप मारे गए पांच जवानो में चार बिहार प्रदेश के थे| वैसे तो शहीद पूरे राष्ट्र का होता है लेकिन उसका अंतिम संस्कार चूंकि उसके परिजनों द्वारा किया जाता है इसीलिए शहीद के पार्थिव शरीर को उसके प्रियजनों को सौंपा जाता है|इसी प्रक्रिया में चार लाडलों के शव बिहार लाये गए|
सरकार ने हालांकि शहीदों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा के साथ ही राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन सत्ता रूड दल जे डी यूं के मंत्री ने मीडिया में ऐसा असंवेदना पूर्ण बयाँ दिया जिसके फलस्वरूप देश में आक्रोश व्याप्त हो गया इसे शांत करने के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को माफ़ी मांगनी पड़ी|
पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए पांच भारतीय जवानों में से चार बिहार राज्य से थे| गुरुवार को इन सैनिकों के शव उनके पैतृक गांव लाये गए| शहीदों के शव जब रात के 10 बजे पटना के हवाई अड्डे पर पहुंचे तो बिहार सरकार का कोई मंत्री श्रद्धांजलि देने के लिए वहां उपस्थित नहीं था। जिसे लेकर मीडिया ने स्वाभाविक सवाल किये
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह ने . जवानों के सम्मान में मंत्रियों की अनुपस्थिति के संबंध में एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि सेना और पुलिस में जवान शहीद होने के लिए ही शामिल होते हैं.|भड़के भीम सिंह मीडिया से ही उल्टे सवाल करने लगे कि क्या आप वहां उपस्थित थे आपके माता पिता उपस्थित थे और अगर आप उपस्थित थे, तो अपने वेतन का काम कर रहे थे.
क्या आपके माता-पिता उपस्थित थे, वे भी तो नागरिक हैं.
राज्य सरकार की उदासीनता पर तब ज्यादा हंगामा हो गया जब शहीदों के अंतिम संस्कार में भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा|
बिहार सरकार के प्रवक्ता के सी त्यागी ने जहाँ इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया और मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्री भीम सिंह के असंवेदनशील बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी और कहा कि पूरा देश भारतीय सैनिकों का कर्जदार है, शहीदों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने भीम सिंह के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
सी एम् ने इसे शहीदों का अपमान बताया|
मुख्यमंत्री के दबाव के चलते भीम सिंह ने भी अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी|
.इससे पूर्व पार्टी के ही सांसद शिवानन्द तिवारी ने भी कमोबेश ऎसी ही असंवेदनशीलता का परिचय दिया |
उन्होंने संसद में दिए गए रक्षा मंत्री के ब्यान पर टिपण्णी करते हुए कहा कि एल ओ सी पर पाकिस्तान सेना की वर्दी में कुछ लोग थे जिन्होंने भारतीय जवानो की हत्या की उन्होंने रक्षा मंत्री के बयाँ का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की सेना को अभय दान देने में देर नही लगाई| श्री तिवारी भोजपुर से हैं और जे डी यूं के राज्य सभा में सदस्य हैं|इससे पूर्व आपने आपत्ति जनक बयानों के चलते पार्टी प्रवक्ता का पद खो चुके हैं इनके स्थान पर के सी त्यागी को पार्टी प्रवक्ता बनाया गया था|
विश्व पुलिस और अग्नि खेलों की कुश्ती प्रतियोगिताओं में भारत ने रिकार्ड बनाया
विश्व पुलिस और अग्नि खेलों की कुश्ती प्रतियोगिताओं में भारत ने रिकार्ड बनाया|
बेलफास्ट में हुई खेल प्रतियोगिताओं में भारत के सात पहलवानों ने 5 स्वर्ण+4 रजत+3 कांस्य पदक जीते। प्रतियोगिता के दूसरे दिन फ्री-स्टाइल कुश्तियां आयोजित की गई, इनके परिणाम इस प्रकार है :-
फ्री-स्टाइल कुश्ती
[1]. बीएसएफ के लक्ष्मी नारायण ने 60 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
[2]. सीआरपीएफ के मनोज कुमार ने 60 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता।
[3]. हरियाणा पुलिस के नवीन मोर ने +96 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
[4]. हरियाणा पुलिस के ही जितेन्द्र कुमार ने 74 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता।
[5]. पंजाब पुलिस के सूरजबीर सिंह ने 84 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता।
[6]. सीआरपीएफ के विक्रमजीत सिंह ने 96 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता
तीरंदाजी
प्रतियोगिता के तीसरे दिन सीआरपीएफ के दिपुल बोरो ने स्थानीय ऑयरलैंड के तीरंदाजों के साथ कड़े मुकाबलों में लांग बॉ (परम्परागत) प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता,
जबकि आईटीवीपी के प्रियंक ने रिकर्व बॉ प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया। तीन सदस्यीय भारतीय दल ने विश्व पुलिस और अग्नि खेल प्रतियोगिताओं में पहली बार भाग लिया
फ्री स्टाइल कुश्ती :
इससे पहले छह अगस्त को भारतीय पहलवानों ने ग्रीको रोमन श्रेणी में तीन स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। तीरंदाजी : तीरंदाजी स्पर्धा के तीसरे दिन भारतीय टीम की ओर से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दिपुल बोरो ने लॉन्ग बो (परंपरागत स्पर्धा) में स्वर्ण पदक जीता। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के प्रियांक ने रिक्रव बो स्पर्धा में रजत पदक जीता। तीन सदस्यों वाली भारतीय टीम ने पहली बार वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स में हिस्सा लिया और चार स्वर्ण तथा तीन रजत पदक अपनी झोली में समेट लिए।
सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया
सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया यह मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है।
श्री सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का भी विमोचन किया जो मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है। इस पोर्टल का मुक्त डाटा पर के नूतन एप्स के जरिए सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारत की मुक्त सरकारी डाटा पहल न सिर्फ गवर्नेन्स में ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक को अधिक संलग्न करने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह नवाचार के लिए मंच के रूप में भी काम करेगा।
एनआइसी और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पोर्टल (http://data.gov.in) बनाया है तथा इसे देश की ओपन सरकारी पहल के रूप में लागू किया जा रहा है। अब तक 49 विभागों से 3500 से अधिक डाटासेट इस पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं तथा रोजाना यह संख्या बढ़ती जा रही है। प्रायोगिक परियोजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और एनआइसी ओपन डाटा के इस्तेमाल से मोबाइल एवं वैब एप्स के विकास के लिए विद्यार्थियों की क्षमता का पता लगाने का प्रयास करेंगे।
फोटो कैप्शन Union Minister Shri Kapil Sibal releasing the Data Portal India, at the inauguration of the conference on Open Data Apps for Innovation in Governance, in New Delhi on August 08, 2013.
रक्षा मंत्री ने भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में अपने पूर्व ब्यान में आज संशोधन करके संसद में आये गतिरोध को समाप्त किया
रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी ने एल ओ सी के समीप भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में अपने पूर्व ब्यान में आज संशोधन करके संसद में आये गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास किया | आज के ब्यान में जहाँ एक तरफ उन्होंने देश की क्षमता का प्रदर्शन किया वहीं पाकिस्तान को भी चेतावनी दी| रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि नियंत्रण रेखा के नजदीक भारतीय गश्ती दल पर 6 अगस्त, 2013 को किए गए नृशंस और अकारण हमले ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। जब मैंने सदन में इस घटना की जानकारी दी, तब यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह उन तथ्यों की जानकारी दे, जो उस समय उसके पास मौजूद थे और मेरा बयान उपलब्ध सूचना पर आधारित था।
सेना अध्यक्ष ने उस इलाके का अब दौरा कर लिया है और मामले की विस्तार से तहकीकात की है । अब यह स्पष्ट है कि हमले में पाकिस्तानी सेना से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त जवान शामिल थे, जिन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर के इलाके से नियंत्रण रेखा को पार करके हमारे बहादुर जवानों को मार दिया। हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना की सहायता, सुविधा और अक्सर उसके प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए बिना नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से कुछ नहीं हो सकता।
पाकिस्तान में जो लोग इस दुखद घटना और इस वर्ष के शुरू में दो जवानों की जघन्य हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें हर कीमत पर सजा़ मिलनी चाहिए। पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क, संगठनों और बुनियादी ढांचे को समाप्त करने के लिए स्पष्ट दृढ़ता दिखानी चाहिए और ऐसे प्रयास करने चाहिए जिनसे नवंबर, 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई हो।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि निश्चित तौर पर पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों और नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार पर असर पड़ेगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे संयम को कमजोरी नहीं समझना चाहिए और हमारी सशस्त्र सेना की क्षमता को तथा हमारे इस दृढ़ निश्चय को कि हम नियंत्रण रेखा का उल्लंघन नहीं होने देंगे, कम करके नहीं आंका जाना चाहिए था।
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Nitaqat’ policy has No significant adverse impact on Indian Workers ,with valid papers,In Saudi Arabia
Nitaqat’ policy[ New Labour Policy of Saudi Arabia ] has No significant adverse impact on Indian Workers who are working with valid documents .This Assurance was given by Union Minister for Overseas Indian Affairs, Shri Vayalar Ravi in his reply to a written question in the Lok Sabha today.
The grace period for implementation of the ‘Nitaqat’ policy of Saudi Arabia has been extended twice,-first to [1]3rd July 2013 and then [2]to 3rd November 2013 and hence, the policy has not had any significant adverse impact on Indian workers except on those who were working there without valid papers.
The grace period allows even workers without valid papers to have their status regularized.
3428 persons had been issued Emergency Certificates (ECs) by the Indian Missions in United Arab Emirates when Amnesty had been proclaimed from December 2012 to February 2013.7923 Indians left United Arab Emirates(UAE) during the Amnesty period.
Subsequent to the stricter enforcement in Saudi Arabia, the Embassy of India and its consulate have so far issued over 68,500 Emergency Certificates (ECs) to enable affected Indian workers to come back to India
. Applications for ECs continue to be received as the Amnesty period has been extended up to 3rd November,2013. Since the end of first Amnesty period, the Embassy of India and its Consulate have further issued over 1500 ECs.
The Ministry of Overseas Indian Affairs had called meetings of Ministers/representatives of major labour sending states twice, the first on 09.4.2013 and the second on 25.6.2013. The State Governments were requested to formulate rehabilitation programs for returnees from the Gulf, using existing State and Central Government programs where possible.
The Ministry had separately launched Mahatma Gandhi Pravasi Suraksha Yojana (MGPSY) on a pilot basis to encourage and enable Overseas Indian workers having Emigration Check Required (ECR) passports going to ECR countries, to save for their return and resettlement, save for their old age and obtain a Life Insurance cover against natural death during the period of coverage.
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी सेना को अभयदान दिया तो विदेश राज्य मंत्री ने चीन के साथ लगी सीमा को विवादित स्वीकारा
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी सेना को अभयदान दिया अब विदेश राज्य मंत्री ने चीन के साथ लगी सीमा को विवादित स्वीकारा
पाकिस्तानी सेना की घुसपैंठ को अभयदान देकर विपक्ष के विरोध में झुलस रही भारत सरकार ने आज चीन के साथ लगी सीमा को भी विवादित स्वीकार कर लिया|
विदेश राज्य मंत्री श्रीमती प्रनीत कौर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारत तथा चीन के मध्य सीमावर्ती क्षेत्र में साझा तौर पर अंकित कोई नियंत्रण रेखा नहीं है । नियंत्रण रेखा की धारणा के संबंध में मतभेद के कारण समय-समय पर ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं जिन्हें दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा के संबंध में कोई साझी धारणा होने पर टाला जा सकता था ।
सरकार चीन की ओर से नियंत्रण रेखा पर किसी अतिक्रमण के मामले को, सीमा कार्मिक बैठकों, फ्लैग बैठकों, भारत तथा चीन सीमा मामले पर परामर्श समन्वय के लिए कार्यचालन तंत्र तथा राजनयिक माध्यमों की बैठकों सहित स्थापित तंत्र के माध्यम से नियमित आधार पर निपटाती है । सीमा का प्रश्न लंबित रहने तक भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा पर शांति तथा सौहार्द बनाए रखने की वचनबद्धता को दोनों ओर से कई अवसरों पर दोहराया गया है ।
भारत की सुरक्षा से संबंधित सभी गतिविधियों पर सरकार लगातार नजर रख रही है तथा इसे सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है ।
इससे पूर्व बीते दिन रक्षा मंत्री ऐ के अंटोनी ने राज्य सभा में यह बयाँ दिया था कि सोमवार की देर रात भारतीय सेना के पांच जवानो कि न्रिशंश हत्या करने वाले पाकिस्तानी सेना के नहीं वरन पाकिस्तानी सेना कि यूनिफार्म में आतंक वादी थेजिसे लेकर विपक्ष ने आज सदनों की कार्यवाही बाधित रखी |
अमेरिका में अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्ल्युटीओ के समक्ष जा सकती है
अमेरिका में अगर नया अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्ल्युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष जा सकती है|
संयुक्त राज्य अमरीका [ USA ]में ओबामा केयर[ OBAMACARE ] के अंतर्गत आप्रवास Immigrationसुधार विधेयक की प्रगृति से आई टी उद्योग की चिंता पर भारत सरकार सावधानी से नजर रख रही है इस विषय में [१]मई, 2013 [२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और [३]जुलाई 2013 में आयोजित बैठकों के दौरान अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया जा चूका हैं चूंकि यह अभी कानून नही बना है इसीलिए इसके विरुद्ध कार्यवाही से बचा जा रहा है | सूत्रों के अनुसार अप्रवासन के सुधारों के नाम पर इस नए कानून के अस्तित्व में आने पर भारत सरकार डब्ल्युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष अपना विरोध दर्ज़ करा सकती है|
गौर तलब है के संयुक्त राज्य सीनेट ने 27 जून, 2013 को ‘सीमा सुरक्षा, आर्थिक अवसर और आप्रवास आधुनिकीकरण अधिनियम 2013’ नामक विधेयक सं. एस 744 पारित किया। यद्यपति, उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा विधेयक से विदेशी विद्यार्थियों पर, जिनमें भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं, कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा तथापि भारतीय आईटी उद्योग इस से चिंतित है |इस विधेयक में किए गए कुछ प्रावधानों पर लगातार चिंता व्यक्त की जा रही है मुख्यत यह चिंता कुशल गैर-आप्रवासी वीजा से संबंधित शर्तों पर है, | अमरीकी संसद के दोनों सदनों में संसदीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यदि इसे लागू किया गया तो संभव है कि एच1-बी/एल-1 वीजा आश्रित फर्मों की जिम्मेवारियां और बढ़ जाएंगी,| भारतीय आई टी उद्योग को जिन समस्यायों से जूझना पड़ उनमे सकता है मुख्य निम्न हैं [१]अधिक वेतन;
[२]अमरीकी एजेंसियों द्वारा अधिकाधिक लेखा परीक्षा;
[३]अविस्थापन गारंटी/
[४]अतिरिक्त भर्ती संबंधी नोटिस की अपेक्षाएं;
[5]और बढ़ा हुआ वीजा-शुल्क शामिल हैं।
बताते चले के [१] मई, 2013 में होमलैंड सिक्यूरिटी वार्ता,
[२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और
[३]जुलाई 2013 में सीईओ मंच की हाल ही में आयोजित बैठकों के दौरान गृह मंत्री+ वित्त मंत्री+ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा +विदेश मंत्री द्वारा मंत्रालय स्तर पर अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की इन सभी चिंताओं से अवगत करा दिया गया है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास आईटी उद्योग के साथ मिलकर इस सीनेट विधेयक के संबंध में भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं के बारे में अमरीकी कांग्रेस में और अधिक जागरुकता पैदा करने की बाबत कार्य कर रहा है।
सरकार इस सीनेट विधेयक की विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्युटीओ) अनुकूलता की दृष्टि से जांच कर रही है। हालांकि, इस मामले को समुचित समय पर डब्ल्युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष तभी लाया जा सकता है जब यह ‘सीनेट विधेयक’ कानून बन जाए।
मालूम हो कि अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा अपनी अप्रवासन नीति को अपर्याप्त और टूटी[Broken]मानते हैं और उसमे सुधार लाने के लिए कामन सेन्स इमीग्रेशन बिल लाये हैं और सीनेट में उसे पास भी करा लिया अब कांग्रेस में पास करने के लिए लगातार राजनितिक दबाब बनाया जा रहा है | अब यदि यह कानून बन जाता है तो भारतीय आई टी कंपनियों के माध्यम से अमेरिका के विकास में योगदान दे रहे भारतीय कम्पनियाँ और टेक्नोक्रेट्स दोनों प्रभावित होंगे इनके लिए प्रतिस्पर्द्धा में जीतना कठिन किया जा सकता है|
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