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प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने चैट्टानूगा में अमेज़न फुल्फिल्ल्मेंट सेण्टर टेनेसी में सिंगल इंटर व्यू का इतिहास रचा

प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने चैट्टानूगा में अमेज़न फुल्फिल्ल्मेंट सेण्टर टेनेसी , [Amazon Fulfillment Center in Chattanooga,Tennessee]का दौरा किया
उन्होंने अपनी मिडिल क्लास पर आधारित अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देकर +नौकरियों को बढ़ाने पर चर्चा की|अमेज़न के कर्मचारियों को संबोधित करने से पूर्व प्रेजिडेंट ने सिंगल इंटर व्यू [Kindle Singles Interview, ]के लिए बढ़ी संख्या में लोगों को भी उत्तेजित किया इस प्रकार के सिंगल इंटरव्यू को पहला सफल प्रयोग बताया जा रहा है|

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा के सभी १८ बैच रद्द

कैलाश मानसरोवर यात्रा, 2013 के समस्त 18 बैच रद्द कर दिए गए हैं| यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यह निर्णय लिया गया है|
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान के मध्य नजर यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के हित में यात्रा- 2013 के शेष सभी बैचों 15-18 को भी रद्द करने का निर्णय लिया है।इसे पूर्व जत्था संख्या १४ तक रद्द किये जा चुके हैं|
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए कुल 18 जत्थे ही जाने थे।

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा

भारत सरकार के सौजन्य से हर वर्ष मई-जून में सैकड़ों तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं। इसका एक भाग चीन में पड़ता है | इसके लिए उन्हें भारत की सीमा लांघकर चीन में प्रवेश करना पड़ता है| कैलाश पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 20 हज़ार फीट है[भारत कोष]। इसलिए तीर्थयात्रियों को कई पर्वत-ऋंखलाएं पार करनी पड़ती हैं। यह यात्रा अत्यंत कठिन मानी जाती है। भारत कोष में वर्णित हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार जिसको भोले बाबा का बुलावा होता है, वही इस यात्रा को कर सकता है। सामान्यतया यह यात्रा 28 दिन में पूरी होती है। भारतीय भू-भाग में चौथे दिन से पैदल यात्रा आरम्भ होती है। भारतीय सीमा में कुमाउँ मंडल विकास निगम इस यात्रा को संपन्न कराती है | अंतर्राष्ट्रीय नेपाल तिब्बत चीन से लगे उत्तराखण्ड के सीमावर्ती पिथौरागढ़ के धारचूला से कैलास मानसरोवर की तरफ जाने वाले दुर्गम पर्वतीय स्थानों पर सडकें न होने और 75 किलोमीटर पैदल मार्ग के अत्यधिक खतरनाक होने के कारण हिमालय के मध्य तीर्थों में सबसे कठिनतम भगवान शिव के इस पवित्र धाम की यह रोमांचकारी यात्रा भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों द्वारा आयोजित की जाती है। इस पवित्र यात्रा पर केवल भारत ही नहीं अन्य देशों के श्रद्धालु भी जाते हैं। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बंद हुये इस मार्ग को धार्मिक भावनाओं के मद्देनज़र दोनों देशों की सहमति से वर्ष 1981 में पुनः खोल दिया गया था।
भगवान शिव के आवास की मनोहरी झांकी के दर्शन और पवित्र मानसरोवर झील में स्नान के लिए श्रृद्धालूओं की सुविधानुसार 18 जत्‍थे बनाये गए थे
अब चूंकि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आई हुई है और यात्रा के रूट पर सड़कों, पुलों एवं रास्तों पर निरंतर व्यवधान आ रहे हैं| इसीलिए यह पवित्र यात्रा रद्द की गई है |शिव तीर्थ केदार नाथ में आई त्रासदी के पश्चात शिव के ही मनोरम स्थल कैलाश मानसरोवर के दर्शन से भी श्र्धालूजन इस वर्ष वंचित ही रह जायेंगे

19% देशों में ही विश्व स्वास्थ्य संघटन के,स्तन पान सम्बन्धी,पूर्ण निर्देशों का पालन हो रहा है: एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह

पांच में से केवल एक देश में ही विश्व स्वास्थ्य संघटन के ,स्तन पान सम्बन्धी , पूर्ण निर्देशों का पालन हो रहा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी स्तन पान के निर्देशों पर १९९ देशों में से केवल १९% [ ३७ देश ]देशों द्वारा ही पालन किया जा रहा है| यह आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी किये है |संगठन द्वारा एक अगस्त से विश्व स्तन पान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमे १७० देश भाग ले रहे हैं| संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार स्तन पान शिशु के लिए आदर्श आहार है इसे ग्रहण करने वाले अधिकाँश बच्चे आगे चल कर मधुमेह+मोटापे या स्थूल का्य का शिकार नही होते बल्कि तीव्र बुद्धि के होते हैं| इसके बावजूद भी केवल ३८%शिशुओ को छह माह तक यह आहार मिलता है|
वी स्व.संग.के स्तन पान विशेषग्य डॉ कारमेन कासनोवास ,[ Carmen Casanovas, के अनुसार ] लगभग सभी माएं अपने शिशु को स्तन पान कराने में सक्षम होती हैं| केवल उन्हें पर्याप्त जानकारी और सपोर्ट की आवश्यकता है| दुर्भाग्य से माताओं को इसके प्रति हतोत्साहित करके बाजारी दूध खरीदने को बाध्य किया जाता है|
[१] रिपोर्ट के अनुसार १९९ में से केवल ३७ देशों में ही वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के कोड का पालन किया जा रहा है|इसका विवरण निम्न है
[अ] ६९[३५%] देशों में कृत्रिम या वैकल्पिक दूध के प्रचार पर पाबंदी है
[आ]६२ [३१%]देशों में फ्री सेम्पल्स पर पूर्णतया पाबंदी है
[इ] ६४ [३२%] देशों में हेल्थ वर्कर्स के लिए फ्री गिफ्ट्स पाबंधी है
[ई]८३ देशों (४२ %) में यह नियम लागू है कि कृत्रिम या वैकल्पिक दूश उत्पाद पर माँ के दूध को सर्वश्रेष्ठ बताने वाला विज्ञापन जरूरी है | ;
[उ] केवल ४५ (२३ %) देशों में ही मॉनिटरिंग सिस्टम लागू है|r

केलिफोर्निया के गुरुद्वारा में बेअदबी : अज्ञात लोगों ने दीवारों पर टेरोरिस्ट शब्द लिख दिया

ओबामा प्रशासन के तमाम दावों को धत्ता बताते हुए सिखों के प्रति हेट क्राइम[ HateCrime ]पर नियंत्रण नही हो रहा है|अब केलिफोर्निया के गुरुद्वारा साहब [ California Gurdwara ] में बेअदबी करते हुए अज्ञात लोगों ने दीवारों पर टेरोरिस्ट[ terrorist’ ] शब्द लिख दिया |इससे संगत में भरी रोष व्याप्त है|
२९ जुलाई की रात रिवर साईड केलिफोर्निया के सिख गुरुद्वारा साहब [Sikh congregational place of worship ] में अज्ञात लोगों ने नफ़रत हिंसा का प्रदर्शन किया| गुरुद्वारा परिसर में बेअदबी करते हुए अज्ञात लोगों द्वारा टेरोरिस्ट[ terrorist’ ] शब्द स्प्रे [लिख ]कर दिया|बीते वर्ष ओक क्रीक विस्कोंसिन गुरुद्वारा में भी हेट क्राइम में निर्दोष संगत मारी गई थी|
सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशनल फंड [ The Sikh American Legal Defense and Education Fund (SALDEF) द्वारा काउंटी शेरिफ+पोलिस विभाग+ ऍफ़ बी आई + सी आर एस से आग्रह किया गया है के इसे हेट क्राईम के तौर पर इन्वेस्टिगेट किया जाए|

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राष्ट्रीय कार्यशाला में फिल्‍म निर्माण के क्षेत्र की बाधाओं और सुविधाओं के साथ- अनुभवों की भी समीक्षा की गई

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की राष्ट्रीय कार्यशाला में फिल्‍म निर्माण के क्षेत्र की बाधाओं और सुविधाओं के साथ- अनुभवों की भी समीक्षा की गईसूचना और प्रसारण सचिव श्री बिमल जुल्‍का ने कहा कि भारत और विदेशी फिल्‍म निर्माताओं के लिए भारत में फिल्‍मों की शूटिंग की स्‍वीकृति प्राप्‍त करने हेतु एक संकलित ‘मानक संचालन प्रक्रिया’ (एसओपी) बनाया जाएगा इस प्रक्रिया में प्रत्‍येक महत्‍वपूर्ण हितधारक को शामिल करने के लिए संस्‍थागत और मानक मानदंडों का पालन किया जाएगा। एसओपी में चिह्नित मानदंडों में स्‍पष्‍ट रूप से फिल्‍म शूटिंग के लिए आवश्‍यक स्‍वीकृति, समय सीमा, अनुमति के संदर्भ में महत्‍वपूर्ण हितधारकों के उत्‍तरदायित्‍व की पहचान की जाएगी। श्री जुल्‍का आज ‘भारत में फिल्‍म शूटिंग के लिए एकल खिड़की स्‍वीकृति’ पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को सम्‍बोधित कर रहे थे। इस मीटिंग में फिल्‍म निर्माण के क्षेत्र में आने वाली बाधाओं और इसके लिए दी जाने वाली सुविधाओं के साथ-साथ अनुभवों की भी समीक्षा की गई|
मंत्रालय की पहल के संदर्भ में सचिव ने कहा कि एकल खिड़की स्‍वीकृति प्रणाली को संचालित करने के लिए मंत्रालय एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल बनाने की प्रक्रिया में है। इस वेबसाइट में शूटिंग के लिए विभिन्‍न आवश्‍यकताओं जैसे सीमा शुल्‍क स्‍वीकृति, वीजा, सांस्‍कृतिक संवेदनशीलता आदि विषयों पर आंकड़े भी उपलब्‍ध होंगे। वेबसाइट में आवेदकों के लिए राज्‍यवार सुविधाएं जैसे परिवहन, आतिथ्‍य, चिकित्‍सा और स्‍थानीय जानकारी भी उपलब्‍ध होंगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के संचालित किया जा सकेगा।
संयुक्‍त सचिव (फिल्‍म) श्री राघवेन्‍द्र सिंह ने भारतीय फिल्‍म उद्योग के विकास का उल्‍लेख करते हुए भारत में फिल्‍म निर्माण की सुविधाओं पर एक प्रस्‍तुति भी दी। उन्‍होंने बताया कि घरेलू थियेटर राजस्‍व में 24 % की वृद्धि हुई है और इसने 124 बिलियन रुपये अर्थात 76 %तक का योगदान दिया है।
दिनभर चलने वाली कार्यशाला के दौरान केन्‍द्र, राज्‍य सरकार के प्रतिनिधियों, वरिष्‍ठ अधिकारियों, फिल्‍म निर्माताओं, फिक्‍की जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों और इस क्षेत्र से जुड़े प्रमुख विभागों एवं संगठनों के विभिन्‍न हितधारकों के बीच महत्‍वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
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The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka addressing at the inauguration of the National Workshop on theme “Single Window Clearance Mechanism” for shooting films in India, in New Delhi on July 31, 2013.

पी. चिदम्‍बरम ने वित्त मंत्री के रूप में पहले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया

पी. चिदम्‍बरम ने वित्त मंत्री के रूप में पहले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए जहाँ अपनी उपलब्धियां गिनाई वहीं ऍफ़ डी आई और निर्यात के छेत्रों में वृद्धि का आश्वासन भी दिया
वित्‍त मंत्री पी. चिदम्‍बरम ने आज एक संवाददाता सम्‍मेलन में दावा करते हुए कहा कि बेहतर उपाय अपनाने से आर्थिक क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिली है। वित्‍त मंत्री के तौर पर अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करते हुए उन्‍होंने कहा कि इस दौरान कृषि उद्योग और सेवा क्षेत्र से जुड़े महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में व्‍यापक उपाय अपनाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2012-13 में कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में निम्‍नलिखित वृद्धि दरें दर्ज की गईं :-
[१]कृषि : 1.9 प्रतिशत
[२]उद्योग : 2.1 प्रतिशत
[३] जिसमें विनिर्माण : 1.0 प्रतिशत
[४]सेवा : 7.1 प्रतिशत
[५]कुल : 5.0 प्रतिशत
वित्‍त मंत्री ने कहा कि जहां तक कृषि का संबंध है, अब तक मॉनसून काफी अच्‍छा रहा है। यह सामान्‍य दीर्घकालिक औसत की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। कुल 36 मौसम संबंधी उप क्षेत्रों में से 18 उपमण्‍डलों में अधिक वर्षा और 11 उपमण्‍डलों में सामान्‍य वर्षा दर्ज की गई है। आगामी खरीफ फसल के लिए प्रमुख फसलों का बुवाई क्षेत्र महत्‍वपूर्ण रूप से अधिक है। पिछले वर्ष की इसी अवधि के 635.05 लाख हेक्‍टेयर की तुलना में वर्तमान खरीफ सीजन में 747.78 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। उन्‍होंने कहा कि इसको देखते हुए पिछले वर्ष की विकास दर की तुलना में कृषि क्षेत्र में अधिक विकास दर दर्ज करने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने कहा कि इस वर्ष की शुरूआत में यह अनुमान लगाया गया कि बैंक इस वर्ष 7,00,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण प्रदान करेंगे, लेकिन अच्‍छे मॉनसून और बुवाई क्षेत्र में हुई वृद्धि को देखते हुए बैंकों से कहा गया है कि वे कृषि क्षेत्र में 7,00,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का ऋण प्रदान करें।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि उद्योग क्षेत्र में परिणाम मिश्रित रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि बैंकों ने उन्‍हें जानकारी दी है कि वाणिज्यिक रीयल एस्‍टेट, लघु और मध्‍यम उद्यम और रिटेल क्षेत्रों से ऋण की अच्‍छी मांग रही है। इस वर्ष मई में उपभोक्‍ता वस्‍तुओं में ऋण में 21 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। आवास ऋणों में 17.1 प्रतिशत और वाणिज्यिक रियल एस्‍टेट में 15.4 प्रतिशत तक की वृद्धि इस वर्ष मई में दर्ज की गई।
वित्‍त मंत्री ने बताया कि निवेश पर मंत्रिमंडलीय समिति ने अब तक कुल 1,60,900 करोड़ के निवेश वाली कुल 157 परियोजनाओं को स्‍वीकृति दे दी है। परियोजना निगरानी स‍मूह बड़ी परियोजनाओं का चयन करते हुए उन्‍हें कार्यान्वित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। 31 अगस्‍त 2013 तक 23,190 मेगावाट निर्माण क्षमता और 1,17,814 करोड़ रुपये के निवेश से ईंधन आपूर्ति समझौतों की 20 विद्युत परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्‍होंने कहा कि पिछले वर्ष वित्‍तीय घाटे का अधिक रहना चिंता का विषय था। अर्थव्‍यवस्‍था को पुन: पटरी पर लाने के लिए वित्‍तीय घाटे को कम करना हमारी प्राथमिकता रही है और इसमें सफलता प्राप्‍त करते हुए पूर्व में 5.3 प्रतिशत के लक्ष्‍य की तुलना में वर्ष 2012-13 में वित्‍तीय घाटे को कम करके 4.9 प्रतिशत तक केन्द्रित कर लिया गया।

सोने के आयात पर भी मजबूत उपाय अपनाए गए हैं

। जून 2013 में सोने का आयात घटकर 31 एम.टी. तक आ गया। इससे पूर्व यह 25 जुलाई 2013 को 45 एम.टी. था। वित्‍त मंत्री ने उम्‍मीद जताई कि पिछले वर्ष के 845 एम.टी. आयात की तुलना में इस वर्ष सोने के आयात में काफी कमी लाई जा सकेगी।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनके कारण निर्यात क्षेत्र में अच्‍छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के प्रवाह पर भी महत्‍वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्‍होंने कहा कि अनुमान है कि देश के भीतर प्रवाह 80 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक रहेगा।
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The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram addressing a Press Conference, in New Delhi on July 31, 2013.
The Minister of State for Finance, Shri Namo Narain Meena and the Principal Director General (M&C), Press Information Bureau, Smt. Neelam Kapur are also seen.

निर्यातकों को , नि‍र्यात गति‍वि‍धि‍यों पर ,अनुदान अब 2 % के बजाय 3 % मिलेगा

निर्यातकों को , नि‍र्यात गति‍वि‍धि‍यों पर ,अनुदान अब 2 % के बजाय 3 % मिलेगा | निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए नि‍र्यात गति‍वि‍धि‍यों पर अनुदान की दर 2 %से बढ़ाकर 3 % कर दी गई है|
वर्तमान में नि‍र्यातक द्वारा लि‍ए गए ऋण के लि‍ए ब्याज अनुदान की दर दो प्रति‍शत है। ब्‍याज अनुदान की दर तथा इसका क्षेत्र व्‍यापक करने के लि‍ए नि‍रंतर मांग की जाती रही है।
फि‍लहाल, सभी नि‍र्यातक जि‍नके सूक्ष्‍म तथा लघु उद्यम हैं, इस योजना के तहत लाभार्थी हैं। इसके अति‍रि‍क्‍त, नि‍म्‍नलि‍खि‍त क्षेत्रों से संबंधि‍त नि‍र्यातक ब्‍याज अनुदान प्राप्‍त करने के लि‍ए पात्र हैं: (i) हथकरघा (ii) हस्‍तशि‍ल्‍प (iii)कालीन (iv)खि‍लौने और खेल सामान (v)परि‍ष्‍कृत कृषि‍उत्‍पाद (vi)रेडीमेड वस्‍त्र (vii)इंजीनि‍यरिंग क्षेत्रों में 235 टैरि‍फ लाइन्‍स (viii)आईटीसी (एचएस) के अध्‍याय 63 में 6 टैरि‍फ लाइन्‍स (तैयार वस्‍त्र)।
वाणि‍ज्‍य मंत्री द्वारा इस मुद्दे को वि‍त्‍त मंत्री के समक्ष उठाने के बाद दोनों मंत्रि‍यों ने नि‍र्यातकों के इस अनुरोध पर वि‍चार करने के लि‍ए 26 जुलाई, शुक्रवार को मुलाकात की। सरकार ने अब यह नि‍र्णय लि‍या है कि‍ ब्‍याज अनुदान की वर्तमान दर 2 प्रति‍शत को बढाकर 3 प्रति‍शत कर दि‍या जाए। इसके साथ ही सभी वि‍चाराधीन दावों का नि‍पटारा भी शीघ्र कि‍या जाएगा।
इससे लघु और मध्‍यम उद्यम के नि‍र्यातकों को तथा अधि‍कतर श्रम आधारि‍त क्षेत्रों को भी लाभ मि‍लेगा। ब्‍याज अनुदान की दर में बढ़ोतरी होने से उनकी लागत में कमी आएगी। वाणि‍ज्‍य तथा उद्योग मंत्री ने वर्तमान स्‍थि‍ति‍तथा अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार परि‍दृश्‍य की समीक्षा करने के लि‍ए 27 अगस्‍त, 2013 को व्‍यापार बोर्ड की बैठक (बीओटी) आयोजि‍त की है।

ओबामा केयर फार्मूले के कारण अमेरिका में रेस्टोरेंट व्यवसाय प्रभावित नही हो रहा

ओबामाकेयर के फार्मूले के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका[ USA ] के रेस्टोरेंट्स[ restaurants ] उद्योग में प्रभावित नही हो रहा है वरन व्यवसाय और अधिक वृद्धि पर है| यह दावा आज व्हाईट हाउस द्वारा किया गया है| व्हाईट हाउस के ब्लॉगर डेविड vअन्दिविएर [David Vandivier ] ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि रेस्टोरेंट्स में नौकरियों की कमी को लेकर मीडिया द्वारा छुटपुट समाचार छापे जा रहे हैं इसके लिए ओबामा केयर को दोषी ठहराया जा रहा है जबकि स्थिति इसके ठीक उलट है| वास्तव में रेस्टोरेंट्स में कार्य अवधि[Business Hours ] कम नही हुई वरन अपेक्षा से कहीं अधिक बढ रही है|इस लिए यह कहना उचित नहीं है कि ओबामा के अफोर्डेबल केयर एक्ट [ Affordable Care Act ] के कारण रेस्टोरेंट व्यवसाय प्रभावित हो रहा है|
इस कथन के समर्थन में चार वर्षों के आंकड़े भी प्रस्तुत किये गए हैं |बताया गया है कि जून २००९ से ८७% एम्प्लॉयमेंट बढ़ा है| मार्च २०१० में अफोर्डेबल केयर एक्ट लाया गया था तब से ९०% एम्प्लॉयमेंट[फुल टाईम ] बढ़ा है|
गौरतलब है कि इमीग्रेशन सुधारों और अफोर्डेबल केयर एक्ट के कारण अनस्किल्ड लेबर की कमी होने के आरोप लग रहे हैं जिसके फलस्वरूप रेस्टोरेंट उद्योग प्रभावित हुआ है इन्ही आरोपों का जबाब दते हुए उपरोक्त टिपण्णी की गई है|

भारत में फि‍ल्‍म शूटिं‍ग के लि‍ए ‘एकल खि‍ड़की[SingleWindowSystem ] अनुमति‍प्रणाली’ पर कार्यशाला

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत में फि‍ल्‍मों की शूटिं‍ग के लि‍ए पहली राष्‍ट्रीय कार्यशाला का कल आयोजन कर रहा है। यह आयोजन ‘एकल खि‍ड़की अनुमति‍प्रणाली’ के संबंध में कि‍या जा रहा है, जि‍समें सभी हि‍तधारक हि‍स्‍सा लेंगे। कार्यशाला का उद्घाटन सूचना एवं प्रसारण सचि‍व श्री बि‍मल जुल्‍का करेंगे। श्री जुल्का ने पहली जुलाई से कार्यभार संभाला है| बीते दिन ही केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मनीष तिवारी और रिपब्लिक आफ सेनेगल में इस विषय में आपसी सहयोग के लिए सहमती बनी है | राष्‍ट्रीय कार्यशाला में एकल खि‍ड़की अनुमति‍प्रणाली से संबंधि‍त सभी वि‍षयों पर चर्चा होने की संभावना है। इस संबंध में अनुमति‍ देने में पहले जो अड़चनें आती थीं, उन पर भी वि‍चार कि‍या जाएगा। उल्‍लेखनीय है कि‍इस कार्यशाला का आयोजन भारत में फि‍ल्‍म नि‍र्माण के संवर्द्धन संबंधी अन्‍तर-मंत्रालयी समि‍ति‍के गठन के बाद कि‍या जा रहा है। इस समि‍ति‍ का गठन अप्रैल 2013 में कि‍या गया था, जि‍सका अध्‍यक्ष सूचना एवं प्रणारण सचि‍व को बनाया गया था। समि‍ति‍में गृह मंत्रालय+ पर्यटन, वि‍देश+ संस्‍कृति‍,+रेल+ नागरि‍क उड्डयन+ रक्षा इत्‍यादि‍ मंत्रालयों के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारी सदस्‍य हैं।

भारत और सेनेगल में सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए संयुक्‍त कार्यकारी समूह गठित करने पर सहमति बनी

The Minister of Culture of the Republic of Senegal, Mr. Adboul Aziz Mbaye meeting the Union Minister for Culture, Smt. Chandresh Kumari Katoch, i

The Minister of Culture of the Republic of Senegal, Mr. Adboul Aziz Mbaye meeting the Union Minister for Culture, Smt. Chandresh Kumari Katoch, i

भारत और सेनेगल में सूचना एवं प्रसारण और सांस्कृतिक सहयोग के लिए सहमति बनी | सूचना एवं प्रसारण के क्षेत्र मे संयुक्‍त कार्यकारी समूह गठित करने के लिए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने और संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने सास्कृतिक आदान प्रदान के लिए सेनेगल के संस्‍कृति मंत्री अब्‍दुल अजीज एमबे से भेट की| फिल्मो की शूटिंग के लिए दोनों देशों के बीच एकल खिड़की स्थापनाके लिए भी सहमति बन गई है| दोनों देशों में प्राचीन और मैत्रीपूर्ण संबंध है।
भारत और सेनेगल दोनों देशों के बीच कार्यकारी कार्यक्रम के तहत सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए चिह्नित क्षेत्रों में एक संयुक्‍त कार्यकारी समूह गठित करने पर सहमत हो गये है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से संबंधित समझौते के अनुछेद चार और ग्‍यारह के आधार पर क्षेत्रों की पहचान की गई है। संयुक्‍त कार्यकारी समूह गठित करने के बारे में श्री मनीष तिवारी और श्री अब्‍दुल अजीज एमबे के बीच आज हुई बैठक के दौरान समझौता हुआ। सूचना एवं प्रसारण क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्‍साहित करने के लिए दोनों मंत्री एक समयबद्ध रोडमैप बनाने के लिए भी तैयार हो गये है। बातचीत के दौरान श्री तिवारी ने सेनगल के संस्‍कृति मंत्री को गोवा के भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव 2013 में भाग लेने का निमंत्रण दिया, जिसे भारत के दौरे पर आये संस्‍कृति मंत्री ने तुरंत स्‍वीकार कर लिया। दोनों मंत्री फिल्‍म क्षेत्र में सह-निर्माण, राष्‍ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय की स्‍थापना में भारत के अनुभव में साझेदारी और देश में फिल्‍म शूटिंग के वास्‍ते एकल खिड़की स्‍वीकृति स्‍थापित करने का भारत द्वारा प्रयास जैसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए तैयार हो गये। श्री तिवारी सेनेगल के मंत्री को फिल्‍म क्षेत्र में सहयोग और समारोह में भाग लेने की संभावनाओं से अवगत कराया। उन्‍होंने बताया कि उनके मंत्रालय की फिल्‍म शाखा बाल फिल्‍म समारोह और वृत चित्र समारोह का आयोजन करती है। श्री तिवारी ने प्रसारण क्षेत्र में अपने मंत्रालय द्वारा की गई पहल को भी रेखांकित किया। उन्‍होंने खासतौर से केबल टीवी/डीटीएच/एचआईटीएस से संबंधित बनाये गये कानून/नियम/विनियमन के बारे में जिक्र करते हुए देश में डिजिटलीकरण प्रक्रिया का विशेष उल्‍लेख किया। इस प्रक्रिया के जरिये उद्योग के लिए एक व्‍यावहारिक कारोबारी मॉडल बनाने का प्रयास है। सेनेगल के संस्‍कृति मंत्री ने निकट भविष्‍य में पब्लिक ब्राडकास्‍टर और सेनेगलई गवर्मेंट ब्राडकास्‍टर के बीच सहयोग का जिक्र किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मास कम्‍युनि‍केशन के माध्‍यम से प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहयोग की पेशकश की। भारत और सेनेगल ने सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर किए
[2] सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए दोनों देशों ने 29 जुलाई, 2013 को नई दिल्‍ली में 2013-2015 अवधि हेतु ‘सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम’ पर हस्‍ताक्षर किए। भारत सरकार की ओर से संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच और सेनेगल सरकार की ओर से संस्‍कृति मंत्री एच.ई. श्री अदबोल अज़ीज एमबे ने सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर किए। यह कार्यक्रम 3 वर्ष के लिए वैध है। तत्‍पश्‍चात यह तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि एक नए आदान-प्रदान संबंधी कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर नहीं हो जाते।
सांस्‍कृतिक सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम के अंतर्गत:
[१] रंगमंच के क्षेत्र में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान।
[२]रचनात्‍मक गतिविधियों, ऑडियो विज्‍युअल, संगीत, नृत्‍य, रंगमंच और कठपुतली के क्षेत्रों में प्रशिक्षण को प्रोत्‍साहित करना।
[३]सांस्‍कृतिक विरासत पर प्रकाशन का आदान-प्रदान।
[४]पूर्व ऐतिहासिक पुरातत्‍व के क्षेत्र में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, सांस्‍कृतिक संपत्तियों और स्‍मारकों के पुनरूद्धार के क्षेत्र में प्रयोगशाला संबंधी प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराना।
[५] संबंधित रेडियो और टीवी संगठनों के ज़रिए दोनों पक्षों के जीवन और संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं को बताते कार्यक्रमों का आदान-प्रदान।
[६]खेल के क्षेत्र में अनुभवों का आदान-प्रदान और विभिन्‍न क्षेत्रों में खेल टीमों/कोचों के आदान-प्रदान की संभावनाओं को ढूंढना।
[७]संस्‍कृति के विभन्‍न आयामों को दर्शाते सांस्‍कृतिक सप्‍ताह आयोजित करना।
फोटो कैप्शन
[1]The Minister of Culture of the Republic of Senegal, Mr. Adboul Aziz Mbaye meeting the Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari, in New Delhi on July 29, 2013.
[2]The Minister of Culture of the Republic of Senegal, Mr. Adboul Aziz Mbaye meeting the Union Minister for Culture, Smt. Chandresh Kumari Katoch, in New Delhi on July 29, 2013.