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अमेरिकी गुरुद्वारे को आज श्रधालुओं के लिए खोल दिया गया

अमेरिका के ओके क्रीक विस्कांसिन गुरुद्वारे में रविवार को हुई फायरिंग के बाद आज शुक्रवार गुरुद्वारे को श्रधालुओं के लिए खोल दिया गया|
गत रविवार को एक श्वेत हमलावर ने गुरुद्वारे में अंधाधुध फायरिंग करके छह श्रद्धालुओं[पञ्च पुरुष और एक महिला] को मौत के घाट उतार दिया था और खुद को भी गोली मार ली थी। स्थानीय पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद गुरुघर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दिया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जगजीत सिंह संधू ने बताया कि शुक्रवार को करीब सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे के सारे कारपेट बदल कर , पूरे परिसर की साफ़ सफाई करके और दीवारों पर भी पेंट दोबारा किया गया |
गुरुद्वारे में महिलाओं ने श्रद्धालुओं के लिए गुरु का लंगर [पर्शादा] [सामुदायिक भोज] तैयार किया। गुरुद्वारे में गोलियों व खून के ह्रदयविदारक निशान यह बता रहे थे कि मृतकों की आत्माएं अभी भी गुरुद्वारे के भीतर ही हैं।
मृतकों के अंतिम यात्रा में भी विलाप करते हुए हजारों लोग जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल थे शामिल हुए। मिलवोकी स्थित विश्वविद्यालय में लगभग दो सौ लोगों ने इकंट्ठे होकर इस घटना में मारे गए लोगों को याद किया तथा उनकी आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने घोषणा की है कि वह खालसा हाई स्कूल में जागरुकता सम्मेलन करेगा, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी शिरकत करेंगे।
इस घटना में गंभीर रूप से घायल ओक क्रीक पुलिस के अधिकारी ब्रायन मर्फी [51] की हालत अब खतरे से बाहर है।
इसी घटना में घायल पचास वर्षीय संतोख सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। संतोख सिंह को एक गोली जहां छाती पर लगी थी, वहीं पर दूसरी गोली ने लिवर व आंतों को भेद डाला था। उनकी दो बार शल्य चिकित्सा हो चुकी है, परंतु फिर भी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इस घटना के तीसरे घायल पंजाब सिंह [65] की हालत भी नाजुक बनी हुई है। पेज की बंदूक से निकली गोली ने पंजाब सिंह के चेहरे को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ धमनियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है|
भारत की चिंता
विस्कांसिन के गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के संदर्भ में भारत ने अमेरिका में हथियारों के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई है। इस घटना के मद्देनजर राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अमेरिकियों को ‘आत्ममंथन’ करने की सलाह का भारत ने स्वागत किया गया है। अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने कहा है कि अब समय आ गया है, जब बंदूक संस्कृति पर लगाम कसने के लिए जरूरी कदम उठाया जाना चाहिए। ओबामा को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाना चाहिए। यह जरूरी हो गया है। राव ने सवालिया अंदाज में अमेरिकी प्रशासन से पूछा कि हर बार सिखों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है। अमेरिका को इस पर गंभीरता से आत्ममंथन करना चाहिए।
बराक ओबामा की चिंता
गोलीबारी की घटना पर शोक प्रकट करते हुए ओबामा ने कहा था कि लगातार हो रही ऐसी दुखद घटनाओं के बाद हर अमेरिकी को अब आत्ममंथन करने की जरूरत है। गुरुवार को नेशनल पब्लिक रेडियो पर एक साक्षात्कार के दौरान राव ने कहा, ‘भारत के लोग सवाल कर रहे हैं कि क्यों हर बार इस तरह की हिंसक घटनाओं में सिख ही निशाना बनते हैं।? ऐसे में हमारे दिलों में अमेरिका में खुलेआम बंदूकों के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठते हैं। और जब राष्ट्रपति ओबामा आत्ममंथन की बात करते हैं, तो मुझे लगता है कि इन मुद्दों पर आत्ममंथन किए जाने की ज्यादा जरूरत है।’
घटना के फौरन बाद निरुपमा राव ने हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस घटना को नस्ली हमले की बजाय घरेलू आतंकवाद के रूप में लिए जाने पर राव ने कहा, भले ही इस हमले का रूप कुछ भी हो, लेकिन हमें आत्ममंथन करना होगा कि इस तरह की हिंसक घटनाएं सिखों के साथ ही क्यूं हो रही हैं|

आउट सोर्सिंग नहीं अमेरिका में ही रोज़गार के अवसर मुहैया करवाना है=बराक

आउट सोर्सिंग का विरोध करके अपने विपक्षी से आगे आने की होड़ में लगे राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज विपक्षी उम्मीदवार मिट रोमनी पर आउट सोर्सिंग करने वाली कंपनियों के साथ सांठ गाँठ का आरोप लगाया है\
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वह देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के पक्ष में हैं न कि चीन जैसे देशों को नौकरी स्थानांतरित करने के पक्ष में।उनका मुख्य उद्देश्य अमेरिका में ही रोज़गार के अवसर मुहैया करवाना है|
कोलोरैडो प्रांत में लगातार दूसरे दिन प्रचार अभियान के दौरान ओबामा ने रोमनी पर मैसेच्यूट्स में गवर्नर रहते हुए और निजी क्षेत्र में काम करने के दौरान नौकरियों की आउटसोर्सिंग करने का आरोप लगाया। ओबामा ने अपने भाषण में कहा, ‘गवर्नर रोमनी अपने निजी क्षेत्र के अनुभव के बारे में शेखी बघारते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसी कंपनियों में निवेश किया जिनमें से कुछ आउटसोर्सिंग की दिग्गज कंपनियां हैं।
मैं आउटसोर्सिंग में अग्रणी नहीं होना चाहता बल्कि देश में ही रोजगार के अवसर पैदा करना चाहता हूं।’
ओबामा ने कहा, ‘मैं ऐसी कंपनियों को कर रियायतें रोकना चाहता हूं जो नौकरियां देश से बाहर भेज रही हैं। हम ऐसी कंपनियों को कर रियायतें दें जो अमेरिका में निवेश कर रही हैं, अमेरिकी कर्मचारियों के साथ अमेरिकी उत्पाद बना रही हैं और दुनियाभर में उन्हें बेच रही हैं।’इससे पहले भी कई बार बराक ऐसे ही उपाय सुझाते आये हैं लेकिन पूर्व में इस मुद्दे पर हाउस में उन्हें बहुमत नहीं मिला था

चीन की विशाल दीवार का एक हिस्सा भारी बारिश में ढहा

दुनिया के ज्ञात आश्चर्यों में से एक चीन की विशाल दीवार का एक हिस्सा भारी बारिश में ढह गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, दीवार का यह हिस्सा उत्तर में स्थित हेबेई प्रांत में पिछले कई दिनों से जारी लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से गिर गया। दीवार के 36 मीटर हिस्से को नुकसान पहुंचा है और मरम्मत का कार्य जारी है।
विशेषज्ञों ने दीवार के गिरे हुए हिस्से को हटा दिया है। ढहे हुए भाग के पास दीवार के दूसरे हिस्सों में भी दरार पड़ गई है। सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण के विशेषज्ञों ने दीवार के ढहे हुए हिस्से के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। हेबेई प्रांत में प्राचीन दीवार का निर्माण वर्ष 1368-1644 के बीच हुआ था। पिछले महीने चीन में भारी बारिश ने 60 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिसमें 79 लोगों की मौत हो गई थी।
अभी कुछ समय पहले भारत की एक फिल्म चाँदनी चौक टू चायना का बड़ा भाग भी इसी दीवार पर फिल्माया गया था

पंजाब के बड़े बादल अमेरिका में मुकद्दमे में फंसे

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अमेरिका में गए तो थे शादी की दावत खाने मगर एक मुकदमे के घेरे में आ गए |
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ एक सिख संगठन ने मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि बादल ने राज्य में सिखों के उत्पीड़न की अनदेखी की।
अपने अमेरिकी प्रवास के दौरान विस्कांसिन गुरूद्वारे में हत्याकांड हो गया श्री बादल वहाँ पीड़ितों के प्रति सम्वेदना व्यक्त करने जा पहुंचे\ सिख फॉर जस्टिस संगठन के कोआर्टिनेटर न्यूयॉर्क के अवतार सिंह द्वारा दायर 30 पन्नों की शिकायत में कहा गया है कि पंजाब में बादल ने ऐसे पुलिस अधिकारियों को संरक्षण दिया था, जिन्होंने हिरासत के दौरान सिख समुदाय के लोगों पर जुल्म ढहाए थे। साथ ही न्यायिक हिरासत के दौरान मारे गए सिखों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। ये अधिकारी सिख समुदाय के खिलाफ लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। अवतार सिंह ने दावा किया है कि यह मामला टार्चर विक्टम प्रोटेक्शन एंड एलियन टॉर्ट ला के तहत संघीय अदालत के क्षेत्राधिकार में आता है क्योंकि बादल फिलहाल विस्कांसिन में हैं।
बादल 1997 से 2002 और 2007 से वर्तमान में भी पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। अदालत ने उन्हें 21 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। एसएफजे के अधिवक्ता गुरपतवंत पन्नू ने कहा, इस शिकायत से राजनेताओं को कड़ा संदेश जाएगा कि अब जो भी अमेरिका आएगा उसे मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक जवाब देना होगा। साथ ही इस मुकदमे से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पंजाब में सुरक्षा बलों द्वारा सिखों को दी जा रही यातना और उनकी न्यायिक हिरासत में मौतों के बारे में पता चलेगा।
उल्लेखनीय है कि रविवार को ओक क्रीक गुरुद्वारे में हमले के बाद बादल मंगलवार को मिलवोकी में पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार बिजनेसमैन दर्शन धालीवाल की पुत्री की शादी में भाग लेने यहां पहुंचे हैं। श्री बादल के साथ उनकी केबिनेट के कई भारी भरकम लोग भी शामिल हैं| बुधवार को बादल ने हमले के पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

पाकिस्तान में 11 हिंदू कारोबारियों के बाद अब किशोरी का अपहरण

पाकिस्तान में 11 हिंदू कारोबारियों के अपहरण के बाद अब एक किशोरी को अगवा कर लिया गया है| वहा के अल्पसंख्यक समुदायों की चिंता बढ गई है| पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों से हिंदुओं के पलायन करने की खबर है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 14 वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक हिंदू परिवार भारत में बसने की योजना बना रहे हैं। अमर उजाला ने इसे प्रमुखता से छापा है|
पाकिस्तान हिंदू परिषद के अध्यक्ष जेथानंद डूंगर माल कोहिस्तानी के अनुसार मंगलवार को सिंध के जकोबाबाद से मनीषा कुमारी को अगवा कर लिया गया। यह हिंदुओं की घनी आबादी वाला इलाका है| कोहिस्तानी ने पीटीआई को फोन पर बताया है कि सिंध के मुख्यमंत्री कैम अली शाह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रांत के अल्पसंख्यक मंत्री मोहन लाल को जकोबाबाद भेजा है।
पिछले कु़छ महीनों में बलूचिस्तान और सिंध प्रांत से 11 हिंदू कारोबारियों का अपहरण और अब किशोरी को अगवा किए जाने की घटना ने समुदाय के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा, ‘हिंदुओं के लिए यह दुखद है कि पाक में कानून और व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। केवल हिंदू ही नहीं मुसलिम भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
उधर, टीवी चैनलों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जकोबाबाद से कई हिंदू परिवारों ने भारत में बसने का निर्णय लिया है। जबकि पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता अमरनाथ और कोहिस्तानी ने साफ कहा कि इस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। हिंदू पंचायत के प्रमुख बाबू महेश लखानी ने दावा किया है कि कई हिंदू परिवारों ने भारत में बसने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। कुछ हिंदू नेताओं ने दावा किया है कि करीब 60 हिंदू परिवारों ने पाकिस्तान छोड़ दिया है और कुछ परिवार इसी सप्ताह वाघा सीमा के रास्ते भारत पहुंचेंगे। हालांकि इसलामाबाद मेें भारतीय उच्चायोेग के सूत्रों ने वाघा बार्डर के रास्ते हिंदू परिवारों के भारत में दाखिल होने जैसी खबर से इनकार किया है।

गुरूद्वारे में हत्याकांड के आरोपी ने खुद को मारी थी गोली

विस्कोंसिन गुरुद्वारे में ह्त्या करने वाले डब्लू.माईकल पेज की मौत पोलिस की गोली से नहीं वरन उसने स्वयम ही पकडे जाने से बचने के लिए अपने सर में गोली मार ली थी |ऍफ़ बी आई ने इसका खुलासा करते हुए इस हत्याकांड को घरेलू आतंक वाद ही माना है|
पोलिस के साथ मुठभेड़ में वेड माइकल के शरीर में जब पोलिस की गोली लगी तब अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए वेड ने अपने सर में गोली मार कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली|
गौरतलब है की वेड माईकल ने रविवार को ओके क्रीक विस्कांसिन गुरुद्वारे में पांच पुरुषों और एक महिला की ह्त्या कर दी थी तब मुठभेड़ में वेड भी मारा गया था

पाकिस्तान भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों को बढ़ावा देने का काम कर रहा है

पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे और उनकी गुणवत्ता में लगातार सुधार कर रहा है। यह सभी वह भारत को लक्ष्य बनाकर कर रहा है। अमेरिका से प्राप्त इस रिपोर्ट से भारत के उस बयान को बल मिला है जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान पूरे क्षेत्र में परमाणु हथियारों को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान ने भारत के इस बयान को नकार दिया था।
इन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल के लिए विशेष परिस्थितियों को आमंत्रित किया जा सकता है|। यह रिपोर्ट अमेरिकी कानून निर्माताओं के लिए काग्रेशनल रिसर्च सर्विस ने बनाई है। सीआरएस के अनुसार, पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम मुख्य रूप से भारत से खतरे की धारणा पर आधारित है। वह ऐसा दिखाने का प्रयास करता है कि वह भारत से डरा हुआ है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में संभावित वृद्धि से अपने बचाव के लिए परमाणु सामग्री के उत्पादन को बढ़ा रहा है। साथ ही वह परमाणु हथियारों को ले जाने वाले वाहनों की संख्या भी बढ़ा रहा है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामाबाद परमाणु हथियारों के लिए अपने वर्तमान प्रयासों में तेजी ला सकता है।

अमेरिका में ३० हज़ार अवैध भारतीय प्रवासियों को भी और दो साल की अवधि

अमेरिका में १७.६ लाख अवैध प्रवासियों को निर्वासन में दो साल की छूट दे दी गई है|इससे ३० हज़ार भारतियों को भी फायदा होगा|
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अवैध प्रवासियों के निर्वासन को दो साल के लिए स्थगित करने से संबंधित नई नीति से कम से कम 30,000 भारतीयों को फायदा होगा, जो उन 17.6 लाख अप्रवासियों में शामिल हैं जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। एक नये अध्ययन में ऐसा कहा गया है।
यूएस सेंसस ब्यूरो, माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एमपीआई) के नये जनसंख्या सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसार 31 साल से कम उम्र के लगभग 17.6 लोग भविष्य में निर्वासित किए जा सकते हैं, लेकिन 15 जून को ओबामा प्रशासन द्वारा उनपर कार्रवाई स्थगित करने से संबधित नीति की घोषणा की गई, जिससे उन्हें फायदा होगा।इन 17.6 लाख अवैध प्रवासियों में भारत और कोरिया दोनों देशों के लगभग 30,000-30,000 नागरिक शामिल हैं। लैटिन अमेरिकी देशों से इतर ये देश प्रवासी लोगों की संख्या के मामले में शीर्ष पर हैं।डीएसीए (डिफर्ड एक्शन फोर चाइल्डहुड अराइवल्स) नीति के तहत मामलों की समीक्षा की जाएगी और दो साल तक अवैध प्रवासियों को निर्वासन से छूट मिलेगा। साथ ही 15 जून से पहले 31 साल की उम्र के होने वाले प्रवासियों को कानूनी रूप से काम करने में भी छूट मिलेगी।
अमेरिका के पांच राज्यों (कैलिफार्निया, टेक्सास, फ्लोरिडा, न्यूयार्क और इलिनोइस) में इस तरह के अवैध अप्रवासियों की 57 प्रतिशत आबादी है।
एमपीआई के नेशनल सेंटर ऑन इमिग्रेंट इंटीग्रेशन पॉलिसी की सह निदेशक मार्गी मैकहयूग ने कहा, नई नीति से उन युवाओं को फायदा मिलेगा जो हाई स्कूल में हैं, वे अपने हाईस्कूल डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं।

आस्ट्रलिया में भारतीय पर ५७ लाख का इनाम

ऑस्ट्रेलियाई में एक १९ वर्षीय एक भारतीय पर एक लाख डॉलर (करीब 57 लाख रुपए) का इनाम घोषित किया है। उस पर लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए एक व्यक्ति की जान लेने का आरोप है।
आस्ट्रेलिया में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पहली बार ऐसा इनाम घोषित किया गया है।
२००८ में पुनीत नामक यह 19 साल का लड़का गाड़ी चलाना सीख रहा था और लर्नर्स लाइसेंस पर गाड़ी चला रहा था। स्टेयरिंग पर नियंत्रण खो देने से इसने फुटपाथ पर चल रहे दो छात्रों डीन हॉफ्सटी और क्लेसी क्लोकर पर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें हॉफ्सटी की मौत हो गई। क्लेंसी को गंभीर चोटें आईं। तभी से पुनीत का कोई म्सुराग नहीं मिला है|
अब चार साल बाद पुनीत की गिरफ्तारी के लिए अहम सुराग देने वाले को इनाम घोषित किया गया है|। पुनीत को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।उम्मीद

विस्कोंसिन गुरुद्वारे के पीड़ितों के सम्मान में शोक प्रस्ताव

भारतीय राजदूत निरूपमा राव ने ओक क्रीक में पीड़ितों के परिवारवालों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। संवेदना व्यक्त करते हुए राव ने भारत सरकार की ओर से हर प्रकार के मदद का भरोसा जताया। इस दौरान एफबीआई और स्थानीय पुलिस ने राव को घटना की जांच के बारे में जानकारी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भारत के प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह को फोन करके गुरुद्वारे काण्ड पर अफ़सोस जताया और न्याय का आश्वासन दिया
भारतीय राजदूत ने ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफीदी से भी मुलाकात की। बाद में राव ने पीड़ितों के सम्मान में आयोजित शोक सभा में संक्षिप्त संबोधन भी दिया।
इसके आलावा हत्यारे के परिवार वालों ने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है|गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद ‘तबाह’ हुए हमलावर के परिवारवालों ने उसके इस कृत्य पर अफसोस जताया है। घरवालों ने कहा कि वे मामले की जांच में पूरा सहयोग करेंगे लेकिन आग्रह भी किया कि उनकी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए।
हमलावर वेड माइकल पेज की फैमिली की ओर से कहा गया है, ‘पेज के परिवार के तौर पर रविवार की इस भयानक घटना के बाद हम पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। हमारी संवेदना और प्रार्थना सभी पीड़ितों और उनके परिवारवालों के साथ है।’
गुरुद्वारे में गोलीबारी दुखद: एएपीआई
भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों के पेशेवर संगठन ने विस्कोंसिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना को दुखद और निंदनीय करार दिया है। संगठन ने कहा है कि सभ्य समाज में इस तरह की घटना के लिए कोई स्थान नहीं है।
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडियन ओरीजिन (एएपीआई) के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने एक बयान में कहा, ‘एकजुटता के साथ हम सिख समुदाय के साथ खड़े हैं और अमेरिका में सिखों पर हुए इस घातक हमले की कड़ी निंदा करते हैं।’ नरेंद्र की अगुवाई वाले इस संगठन में 65000 से भी ज्यादा भारतीय अमेरिकी डॉक्टर जुड़े हैं। नरेंद्र ने विस्कोंसिन प्रांत की सरकार और एफबीआई से मामले से जुड़े लोगों को न्याय दिलाने का भी आग्रह किया है।