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अन्ना अनशन तोड़ो राजनितिक विकल्प दो

टीम अन्ना के अनशन का आज नौवां दिन है इनके साथ ही सरकार भी अभी तक पलके झपकाने को तैयार नहीं दिखती संभवत इसीलिए अब राजनितिक विकल्प देने की संभावनाए तलाशी जाने लगी हैं|इस दिशा में जनता से दो दिनों में राय माँगी गई है|दो दिनों के बाद राजनीतिक विकल्प देने का फैसला किया जाएगा जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय और मनीष सिसोदिया भी अनशन कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की तबीयत बिगड़ती ही जा रही है। गोपाल राय को आठवें और नौवें दिन उल्टी हुई है
टीम अन्ना के समर्थन में मुम्बई से जंतर-मंतर पहुंचे अनुपम खेर ने 23 जाने-माने लोगों द्वारा आंदोलन के समर्थन में लिखा गया एक लेटर पढ़ा जिसमे टीम अन्ना से अनशन तोड़कर देश को नया राजनीतिक विकल्प देने की अपील की गई है ।
लेटर लिखने वालों में पूर्व जनरल वीके सिंह, पूर्व चीफ जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर, पूर्व नौसेना प्रमुख राम तहलियानी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह, प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैयर और अनुपम खेर आदि शामिल हैं।
अनुपम खेर द्वारा मंच पर इस चिट्ठी को पढने के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि अब देश की जनता ही हमें बताए कि हमें राजनीतिक विकल्प देने के बारे में सोचना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि जनता दो दिनों के भीतर सोशल साइट्स या जैसे भी संभव हो, अपनी राय हमें बता दे। इसके बाद राजनीतिक विकल्प देने पर फैसला किया जाएग।
मुम्बई में अनाना के समर्थन में प्रदर्शन कर चुके अनुपम खेर ने जंतर मंतर पर कहा, कि करप्शन के खिलाफ आवाज उठाना सबका अधिकार है। इस आंदोलन को लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है लेकिन पूरी कोशिश की जा रही है कि आंदोलन को अपनी ही मौत मरने दिया जाए। अनुपम खेर ने सरकार को धिक्कारते हुए कहा कि हम भूखे-प्यासे पड़ोसी का भी हाल-चाल पूछ लेते हैं लेकिन यहां तो अनशन के इतने दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘मैं जंतर-मंतर पर अपना चेहरा दिखाने नहीं आया हूं। मैं यहां एक आम आदमी की तरह आया हूं। यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक कि करप्शन हमारे समाज से खत्म नहीं हो जाता।’