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अरविन्द केजरीवाल ने अनिश्चित कालीन धरना समाप्त किया

विकलांगों के हितों को लेकर कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के इस्तीफे पर अड़े अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों ने संसद मार्ग पर चल रहा अपना अनिश्चित कालीन धरना समाप्त कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब एक नवंबर से उनका आंदोलन फर्रुखाबाद में होगा।अरविंद ने कहा कि दिल्ली में आंदोलन करते हुए चार दिन बीत गए हैं। देश के लोगों ने सोचा था कि चूंकि कानून मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार उनसे इस्तीफे की मांग करेगी। इसके उल्टा सरकार कह रही है कि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।अम्बिका सोनी+दिग्विजय सिंह+हरीश रावत आदि के बाद अब बेनी प्रसाद वर्मा भी सलमान की सपोर्ट पर खुल कर सामने आ गए हैंजबकि मुख्य विपक्षी बी जे पी केवल जांच की मांग करके विरोध की ओपचारिकता निभा रही है| बेनी ने तो यहाँ तक कह दिया के अगर घोटाले की रकम बड़ी होती तब सीरियस होते

अरविन्द केजरीवाल ने अनिश्चित कालीन धरना समाप्त किया

भाजपा के खिलाफ मोर्चा

केजरीवाल ने बीजेपी को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बीजेपी डरी हुई है कि उसके अध्यक्ष नितिन गडकरी के बारे में कोई खुलासा न कर दूं
अपने दावे को मजबूत करने और सलमान के स्पष्टीकरण को खारिज करने के लिए आज सुबह कुछ लोगों को केजरीवाल ने प्रस्तुत किया| सलमान खुर्शीद के दावे में जो नाम पेश किए गए उसमें से एक नाम मैनपुरी के पंकज कुमार का भी था। खुर्शीद के दावे के मुताबिक पंकज को कान की मशीन दी गई थी, जबकि पंकज बहरे नहीं हैं। पंकज जन्म से लंगड़े हैं। हालांकि, पंकज को किसी भी तरह का सामान खुर्शीद के एनजीओ से नहीं मिला है। पंकज केजरीवाल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।

सपा की यूं पी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोला

केजरीवाल ने कहा, अब ऐसा लग रहा है कि अखिलेश सरकार और सलमान खुर्शीद के बीच सेटिंग हो गई है। अखिलेश यादव की सरकार सलमान खुर्शीद को बचाने का काम करेगी। इसके बदले सलमान खुर्शीद अखिलेश के पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को बचाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि मुलायम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला सु्प्रीम कोर्ट में चल रहा है। मुलायम के खिलाफ वकील की नियुक्ति कानून मंत्रालय को करना है और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद हैं। अब आप ही लोग बताएंगे कि इसका क्या मतलब है।
केजरीवाल ने कहा कि साल 2014 के इलेक्शन में वह सलमान खुर्शीद के खिलाफ किसी विकलांग से ही चुनाव लड़वाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार जांच का सिर्फ दिखावा कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस और प्रधानमंत्री को भी इस मामले पर अपन रुख साफ करना चाहिए। केजरीवाल ने कहा, ‘आम और पीड़ित आदमी ही इस सरकार को सबक सिखाएगा।’

लीपा पोती शुरू

एक समाचार पत्र के मुताबिक बुलंदशहर में हाल ही में खुर्शीद के एनजीओ द्वारा लाभान्वित विकलागों की परेड कराई गई थी।कांग्रेस नेता के नेतृत्व में हुई इस परेड में विकलांगों को यह बताकर परेड में शमिल किया गया कि वो एनजीओ की सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं लेकिन उन्हीं में से कई विकलागों ने माना कि उन्हें सामग्री दो घंटे पहले ही दी गई है।बता दें कि अरविंद रविवार रात ही खुर्शीद द्वारा दिखाई गई तस्वीर पर रुख साफ कर चुके हैं। खुर्शीद ने बतौर सबूत जिस कैंप की तस्वीर दिखाई थी वह साल 2010-11 की निकली जबकि केजरीवाल जिस घपलेबाजी की बात कर रहे हैं वह 2009-10 की अवधि के बीच हुई बताई जा रही है।

पी एम् को पी एम् नहीं मानता

आज विकलांगों के एक प्रतिनिधि मंडल को पी एम् ओ से मिलाने का समय नहीं दिया गया इस पर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की। केजरीवाल ने कहा कि वह मनमोहन सिंह को अपना प्रधानमंत्री मानने से इनकार करते हैं। मगर आंदोलन फिलहाल समाप्त करते हुए उन्होंने कहा कि अब वह फर्रुखाबाद जाएंगे और वहां के लोगों से अपील करेंगे कि 2014 के चुनाव में खुर्शीद के खिलाफ किसी विकलांग शख्स को खड़ा करें और उसे जिताएं।
1986 में स्थापित डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने सूबे के करीब 17 जिलों में कार्य किया था। ईओडब्लू उन सभी जिलों में विकलांगों के कल्याणार्थ किए गए कार्यो की जांच कर रही है। ईओडब्लू को यह जांच कई माह पहले मिली थी, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बनाई गई चार टीमें 17 जिलों में लगाए गए 34 शिविरों की असलियत पता करने में जुटी हैं। पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘वह कानून मंत्री हैं और उनसे देश का कानून कायम रखने की उम्मीद की जाती है। अगर फर्जीवाड़े का आरोप लगता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले की जांच करने की जरूरत है।’इस ट्रस्ट के चेयर मेन स्वयम सलमान खुर्शीद और प्रोजेक्ट मेनेजर उनकी पत्नी श्रीमति लुईस हैं|
खुर्शीद और उनकी पत्नी लुइस पर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर इस्तेमाल करने के आरोप हैं|