Ad

अरविन्द केजरीवाल ने डी एल ऍफ़+ वढेरा और हरियाणा सरकार की मिलीभगत को लेकर श्वेत पत्र की मांग की

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविन्द केजरीवाल ने हरियाणा सरकार + रिएल इस्टेट कंपनी डीएलएफ और राबर्ट वढेरा के बीच सांठ गांठ के अपने पुराने आरोपों को दोहराते हुए हरियाणा सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है|अरविंद केजरीवाल ने कुछ कागज़ लहराते हुए हरियाणा की हुड्डा सरकार पर पिछले सालों में डी एल ऍफ़ कंपनी को कई फायदे पहुंचाने के आरोप दोहराए हैं| भाजपा ने जहां इस मुद्दे के साथ खुद को जोड़ते हुए निपक्ष जांच की मांग की है वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से ही खारिज कर दिया है|रेणुका चौधरी ने तो अरविन्द की शैली में ही कुछ कागज़ हवा में लहराते हुए उलटे अरविन्द टीम पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए|
दिल्ली में आज मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसी प्रभाव में डी एल ऍफ़ को सस्ती जमीन दी+उसके लिए नियम बदले गए+और एक तरीके से डेवेलोपर के एजेंट के रूप में कार्य किया| इसका आर्थिक फायदा यूं पी ऐ अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के दामाद राबर्ट वढेरा को हुआ| अपने इन आरोपों के समर्थन में कुछ नए दस्तावेज भी प्रेस को मुहैय्या करवाए गए|
कुछ दिन पहले जनलोकपाल के सहारे राजनीति की राह पकड़ने वाले केजरीवाल ने कहा था कि डीएलएफ़ समूह ने गलत तरीकों से रॉबर्ट वाड्रा को 300 करोड़ रुपयों की संपत्ती कौड़ियों के दामों में दे दी.|यहाँ तक कि

अरविन्द केजरीवाल ने डी एल ऍफ़+ वढेरा और हरियाणा सरकार की मिलीभगत को लेकर श्वेत पत्र की मांग की

८५ करोड़ रुपयों का असुरक्षित कर्ज़ और एक कंपनी सेज में ५०% शेयर भी दिए|
केजरीवाल ने आज इन आरोपों को आगे ले जाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार डीएलएफ को पिछले 10 सालों में दिए गए फायदों पर श्वेत पत्र जारी करे.
केजरीवाल ने कहा, कि हरियाणा सरकार ने 350 एकड़ ज़मीन 1700 करोड़ में दी थी.
हरियाणा का कहना था कि डीएलएफ को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया था बल्कि इसके ज़मीन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय ‘बिडिंग’ हुई|इस सफाई की बखियां उधेड़ते हुए . केजरीवाल ने कहा, कि इसके लिए तीन कंपनियां कंटरी हाईटस, यूनिटेक और डीएलएफ ने बिड दिए थे लेकिन केवल डीएलएफ के ही फाइनेशल बिड खोले गए. शेष दोनों को गोल्फ कोर्स बनाने का अनुभव नहीं होने का नया अघोषित टेक्नीकल फाल्ट निकाल कर प्रतिस्पर्द्धा से बाहर कर दिया गया|लेकिन एक वेबसाइट से पता चला कि दोनों के डीएलएफ से अधिक ‘बिड’ थे.इस तरह से सरकार को भी घाटा पहुंचाया गया| सिंगल टेंडर में इतनी बड़ी डील को फायनल किया गया केनंस आफ फायनेंशियल प्रोपर्टी के नियम की अनदेखी की गई|
केजरीवाल ने कहा, हुडा (एक सरकारी संस्थान) का काम आम लोगों के लिए सस्ते मकान और दूकान आदि बनाना होता है लेकिन उसने सभी से धोखा किया. गांव के किसानों से ज़मीन इसलिए ली थी ताकि घर सड़क और बाकी विकास किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राबर्ट वाड्रा के पास कंपनी के ५०% शेयर थे जो उन्होंने अगले साल बेच दिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान कुछ तो हुआ होगा…इसके पीछे कुछ न कुछ कहानी है जिसकी जांच होनी चाहिए.”

कांग्रेस का बचाव

इस बीच कांग्रेस ने रॉबर्ट वढेरा का बचाव करते हुए केजरीवाल के आरोपों को खारिज किया है.|कांग्रेस की प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने केजरीवाल के आरोपों का मज़ाक उड़ाते हुए पूछा , ”किसने इन दस्तावेज़ों को प्रमाणित किया है. सारा देश किसानों की ज़मीन पर है. जंगल की ज़मीन पर भी विकास होता है. उन्होंने कहा,क्या राजनीति में आने वालों के बच्चों का बिज़नेस करने का कोई हक नही है?…अरविंद केजरीवाल का अपना कोई स्तर नहीं है और अब उनका स्तर और भी गिर गया है. प्रवक्ता राशिद अल्वी ने अरविन्द के आरोपों को अमान्य करार देते हुए उन्हें कानून का दरवाज़ा खटखटाने को कहा|

भाजपा

बीजेपी ने केजरीवाल के लगाए गए आरोपों के बाद मामले की जांच की मांग की है.

डीएलएफ सेज में वढेरा के हिस्से दारी

केजरीवाल के मुताबिक डीएलएफ ने 2007 में डीएलएफ सेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। 2008 में इसमें 50 फीसदी हिस्सेदारी रॉबर्ट वढेरा को दी गई। 2009 में शेयर वापस डीएलएफ को बेच दिए गए। आखिर ऐसा क्यों किया गया ? एक साल के भीतर वढेरा ने ऐसा क्या किया कि उन्हें डीएलएफ में 50 % शेयर दे दिए गए। क्या डीएलएफ सेज वढेरा के कंट्रोल में था ? केजरीवाल ने कहा कि उनके पास कई सबूत है। मानेसर , वजीराबाद और गुड़गांव के कई इलाकों के किसानों ने उन्हें सबूत दिए हैं।
अरविंद ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के हवाले से कहा कि हरियाणा सरकार और डीएलएफ के बीच में किसी तरह की साठगांठ है , ‘ यह हम नहीं कह रहे लेकिन , पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि दोनों के बीच में साठगांठ है। गुड़गांव में 30 एकड़ जमीन में हॉस्पिटल बनाना था , जिसकी नोटिफिकेशन जारी किया गया था। लेकिन हॉस्पिटल बनाने के बजाए हरियाणा सरकार ने 9 मार्च , 2007 को इस जमीन कोबनाकर डीएलएफ को सौंप दिया। बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इसे फैसले को रद्द कर दिया और कहा – इस केस के तथ्यों से साफ होता है कि हरियाणा सरकार और डीएलएफ के बीच में साठगांठ है। दी

डीएलएफ को पहुंचाए गए फायदे..

[१]इस प्रॉजेक्ट के लिए बिड में तीन पार्टियों डीएलएफ , कंट्री हाइट्स और यूनिटेक ने आवेदन किया था। यूनिटेक और कंट्री हाइट्स की बिड खोली तक नहीं गई। उन्हें गोल्फ कोर्स का अनुभव न कहते हुए अयोग्य करार दिया गया। यह कंडीशन बाद में जोड़ी गई थी। यह डीएलएफ को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। बाद में अखबारों के रिपोर्ट से भी पता चला कि बाकी दो कंपनियों की बिड डीएलएफ से ज्यादा थी। इससे साबित होता है कि डीएलएफ की बिड से सरकार को घाटा हुआ।
[२] उद्योगों के लिए अधिग्रहित जंगल की यह जमीन डीएलएफ को कैसे दे दी गई ?
[३]350 एकड़ में से 75.98 एकड़ जमीन हूडा की थी। 275 एकड़ जमीन की थी। हूडा ने इंडस्ट्रीज को बढावा देने के लिए अधिकृत जमीन का इस्तेमाल रेजिडेंशल यूज के लिए किया। आखिर डीएलएफ को यह जमीन इस तरह कैसे ट्रांसफर की गई ?

रॉबर्ट वढेरा को क्या बचाया जा रहा है ?

अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वढेरा को क्यों बचाया जा रहा है। अरविंद ने कहा कि जिस तरह से हर मंत्री वढेरा के बचाव में उतर आया है | वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पहले वित्त मंत्री पी चिदम्बरम कहते हैं कि यह दो प्राइवेट पार्टिओं में हुए प्राईवेट ट्रांजेक्शन का है इसीलिए इसकी जाँच नहीं होगी|आज अरविन्द केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस से पहले इंडस्ट्रीज मंत्री वीरप्पा मोइली कहते हैं की राबर्ट वढेरा की कंपनियों की जांच कर ली गई है और सब कुछ ठीक है यानि क्लीन चिट दे दी गई है| प्रवक्ता राशिद अल्वी केजरीवा के कागजात को सबूत नहीं नहीं मानते| केजरीवाल कि प्रेस कांफ्रेंस के साथ ही स्वयम भी अलग पत्रकारों को सम्भोधित संबोधित करते हुए कहते हैं कि केजरीवाल को कोर्ट में जाना चाहिए|यानि ये भी जांच को तैयार नहीं हैं| एक प्रश्न के उत्तर में आश्चर्यजनक रूप से पहले कहते हैं कि वीरप्पा मोइली और पी चिदम्बरम ने क्या कहा उन्हें इसकी जानकारी नहीं है फिर दुसरे प्रश्न के उत्तर में दोनों को डिफेंड करने लगते हैं|

नया खुलासा

अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि अब देश की राजनीति को बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वह आगे भी करप्शन के मामले सामने लाते रहेंगे , ताकि जनता को सचाई का पता चल सके। अरविंद ने कहा कि वह 16 अक्टूबर को एक और खुलासा करेंगे।
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को कांग्रेस के मंत्रियों की क्लीन चिट पर भी केजरीवाल ने उंगली उठाई है. खासकर वित्त मंत्री पी चिदंबरम रहे केजरीवाल के निशाने पर थे. वाड्रा को चिदंबरम के क्लीन चिट देने के मामले पर केजरीवाल ने पूछा है कि क्या पी चिदंबरम वढेरा के इनकम टैक्स अफसर हैं ?

अब राबर्ट वढेरा के साथ हरियाणा सरकार भी घेरे में हैं|श्वेत पत्र की राजनीती किसी काम आयेगी? महाराष्ट्र में घोषणा करने के बावजूद भी श्वेत लाने में मुख्यमंत्री असहज महसूस कर रहे है अब हरियाणा में भी श्वेत पत्र की मांग उठाने से कांग्रेस की स|रकार और पार्टी की नियत और नीति दोनों पर सवाल उठने लगे हैं| डी एल ऍफ़ की कम्पनी में राबर्ट की ५०% की भागेदारी के आज के खुलासों से मामला सीधे सीधे राबर्ट वढेरा और हरियाणा सरकार के बीच का बनता जा रहा है| जिस तरह से कांग्रेस इस मामले को हेंडल कर रही है उससे कांग्रेस के पालिटिकल इमेज पर भी सवालिया निशाँ लग रहे हैं|जिनका तात्कालिक असर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावो में पड़ सकता है| अब जब एक व्यक्ति की निज़ी ट्रांजेक्शन को बचाने के लिए कांग्रेस के बड़े बड़े नेता और केंद्र में मंत्री के साथ हरियाणा के मुख्य मंत्री मीडिया के चक्कर लगा रहे हैं और तत्काल आरोपों का ख़ारिज किया जा रहा है उससे यह सन्देश जा रहा है की सरकार कहीं ना कहीं अरविन्द केजरीवाल के आरोपों से खुद को घिरा हुआ महसूस कर रही है और आरोपों को महत्त्व दिया जा रहा है|ऐसे में उसी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को पाक साफ़ साबित करने के लिए एक जांच कमिटी भी बैठाई जा सकती है|यह कांग्रेस के अहम् को बेशक नागवार गुजरे मगर वर्तमान में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों में उतरने के लिए महत्वपूर्ण औजार साबित हो सकता है