Ad

आई जी आई एयर पोर्ट पर जलभराव ने सर्वश्रेष्ठता के खिताब और एविएशन मंत्री के दावों की पोल खोली

इंदिरा गाँधी अन्तराष्ट्रीय एयर पोर्ट [IGI AIRPORT ] पर रविवार को हुए जलभराव और उससे यात्रियों की परेशानी ने सुव्यवस्था के तमाम दावों को झुठला दिया है| इस एअरपोर्ट को विश्व के दूसरे नंबर के एयर पोर्ट के खिताब से नवाजा गया है इसके अलावा केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह ड्रीमलाइनर ७८७ को भर कर लन्दन में ले जाकर २०% प्रॉफिट का दावा कर रहे हैं मगर रविवार की वर्षा से हुए भराव ने सभी खिताब और दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं|
देश की राजधानी दिल्ली में शेड्यूल से पहले आये झमाझम मानसून ने दिल्ली राज्य में तो रास्ते जाम किये ही मगर अतिआधुनिक इंदिरा गांधी इंटरनॅशनल एयर पोर्ट की दिनों दिन महंगी होती जा रही व्यवस्था की भी पोल खोल दी है| बेशक दिल्ली में ११८ एम् एम् वर्षा का रिकार्ड रहा तो एयर पोर्ट पर दोपहर एक बजे से साड़े पांच बजे तक रिकार्ड की गई वर्षा ५५ एम् एम् से ६३ एम् एम् तक ही रही| इसके फलस्वरूप छेत्र में घुटनों तक जल भराव हो गया| डोमेस्टिक आगमन पर भी लगी बैगेज बेल्ट को बंद कर दिया गया|यात्रियों को[ट३] अपने सामान को निकालने के लिए भी जद्दोजहद करते देखा गया| देर शाम तक यही स्थिति रही|
एयर पोर्ट की व्यवस्था डायल [ DIAL ]नामक कंपनी को दी गई है| २५ से ४० मिलियन यात्रियों की केटेगरी में आई जी आई एयर पोर्ट को साउथ कोरिया के सीओल इञ्चेओन [ SeoulIncheon ] के बाद दूसरा स्थान दिया गया है| इसके साथ ही सभी केटेगरी के १९९ एयर पोर्ट्स में चौथा स्थान दिया गया है|यह ख़िताब एयर पोर्ट कौंसिल इंटरनेशनल [ AirPortCouncilsInternational ]ने दिया है| इसके अलावा पिछले सप्ताह केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह भारी भरकम ड्रीम लाइनर को [फ्री में]भर कर लन्दन में गए और वहां जा कर उन्होंने एनाउंस किया के नेशनल कैरियर २०% लाभ कमाएगी लेकिन ग्राउंड पर हकीकत यह दिखाई दे रही है के यात्रियों को आवश्यक रूप से दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति उदासीनता बरती जा रही है|
ऐसा नही है के यह यकायक हो गया मौसम विभाग ने पूर्व में ही मौसम में बदलाव की सूचना जारी कर दी थी|और इससे पूर्व सितम्बर २०११ में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति का सामना कराना पडा था| ऐसे में छेत्र के लेवल को उठाने या बाहरी निकासी को क्लियर करने के कोई उपाय नहीं ही किये गए|