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आन्दोलनजीविओं से पनप रहे परजीवियों के लिए प्रथक कोपभवन जरूरी

न्यायविद
Judiciaryओएझल्लेया!अब तो खुश हो जा।ओए सर्वोच्च न्यायालय ने दोबारा सुना दिया है कि कभी भी और कहीं भी कैसे भी प्रदर्शन का अधिकार नही मिल सकता।ठीक है असहमति का हक सबको है लेकिन यारा ये तो आन्दोलनजीवी शाहीन बाग के बाद अब सिंधुऔर गाजीपुर बोर्डरों पर परजीवियों को जन्म देने में जुट गए हैं।टॉप कोर्ट के तमाचे से शायद आंदोलन के नाम पर सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करने और अराजकता फैलाने वालों को सद्बुद्धि मिलेगी
झल्ला

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भापा जी! अभी तक आन्दोलनजीवियों से पनप रहे परजीवियों के नाश को कोई वैक्सीन नही बनी है इसीलिए रामायणकालीन कैकई को याद करके आन्दोलनजीविओं के लिए प्रथक कोपभवनों की व्यवस्था करवा दो