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इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89