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इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ ट्रम्प और मोदी मिल कर जिहाद छेड़ सकते हैं?

[वाशिंगटन,दिल्ली]इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ ट्रम्प और मोदी मिल कर जिहाद छेड़ सकते हैं?
रिपब्लिकन ट्रम्प के पहले भाषण के पश्चात् इस नए समीकरण की संभावनाएं बनती दिखाई देने लगी है
अमेरिका के ४५ वें राष्ट्रपति डॉनल्ड जे ट्रम्प ने ऐतिहासिक कैपिटलहिल्स से दिए एक स्लोगन से दो व्यवसाईक महा देशों को टारगेट किया ट्रम्प ने कहा अमेरिका अमेरिकन्स के लिए है इसीलिए अब अमेरिकी प्रोडक्ट्स खरीदो और अमेरिकन को नौकरी दो [BuyAmericanHireAmerican]
ट्रम्प अपने चुनावी अभियान में भी इसी भावना को उठाते आ रहे हैं इसीलिए अमेरिका की सत्ता प्राप्त करने के पश्चात् अभियान को संक्षेप में दोहराना आवश्यक था |
चीन के सस्ते उत्पादों के तिलिस्म से ग्रेट अमेरिका भी बच नहीं पाया है सम्भवत इसके फलस्वरूप अमेरिकी डॉलर चीन की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है
इसके साथ ही अमेरिकन कंपनियों के लिए भारत के कंप्यूटर विशेषज्ञ एक विशेष आकर्षण का केंद्र रहे हैं जिसके फलस्वरूप ट्रम्प का मानना है के अमेरिकियों को नौकरियां नहीं मिल रही |
इन दो लक्ष्यों के आलावा ट्रम्प ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ जिहाद छेड़ने की बात दोहराई है |चूँकि चीन पाकिस्तान के जरिये इस्लामिक आतंकवाद को प्रोत्साहित कर रहा है ऐसे में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ट्रम्प को भारत का सहयोग लेना आवश्यक होगा |यह आसान भी होगा क्योंकि एक प्रतिशत भारत मूल के निवासी होने के उपरान्त भी वर्तमान सत्ता में इनकी भागेदारी भी एक प्रतिशत हो गई है|
इसके आलावा ट्रम्प और मोदी में अनेकों समानताएं देखी जा रही है
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ट्रम्प की भांति ही भारत की सत्ता तक राष्ट्रीयता की भावना के आधार पर ही पहुंचे हैं |
और भारत भी आतंकवाद के दंश से अभिशिप्त है |भारत और अमेरिका मिल कर इस्लामिक आतंकवाद के विरुद्ध सफल जिहाद छेड़ सकते हैं |लेकिन इसके लिए पहले अमेरिका को आतंकवादका प्रायः बन चुके पाकिस्तान के प्रति प्रेम का त्याग करना होगा|
सम्भवत इसीलिए जब ट्रम्प कैपिटलहिल्स से हायर अमेरिकन की बात कर रहे थे उसके तत्काल पश्चात् मोदी ने उन्हें बधाई भेजी और सहयोग की अपेक्षा की