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उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज कुम्भ त्रासदी को लेकर बसपा ने चिंघाड़ भरी:भाजपा ने बहिष्कार किया

उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज १४ फरवरी गुरुवार को बसपा ने कुम्भ त्रासदी को लेकर चिंघाड़ भरी| बजट सत्र के पहले दिन बीएसपी विधायकों ने कुंभ हादसे और कानून व्यवस्था के मसले पर हंगामा मचाया और राज्यपाल के भाषण को झूट का पुलंदा करार देकर उनकी तरफ की तरफ पेपर के गोले भी फेंके|बाद में सदन का बहिष्कार भी किया|
विधायकों ने हाथो में सरकार विरोधी पोस्टर लेकर जमकर नारेबाजी की.कुछ विधायकों ने टेबल पर चढ़कर हंगामा मचाया. हालात को देखते हुए विधानसभा को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. | कार्रवाई शुरू होने के बाद भी बीएसपी विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया

.बीजेपी

ने बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत से पहले विधानमंडल के दोनो सदनों के संयुक्त अधिवेशन में होने वाले राज्यपाल बीएल जोशी के अभिभाषण का बहिष्कार किया, जबकि मुख्य विपक्षी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सहित अन्य दलों के सरकार विरोधी नारेबाजी और शोरगुल के बीच राज्यपाल तीन-चार मिनट में ही अपने 92 पृष्ठ के अभिभाषण का प्रतीक पाठ करके सदन से चले गए।राज्यपाल श्री जोशी जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ने खड़े हुए बसपा के सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए और कुछ ने राज्यपाल की ओर कागज के गोले भी फेंके। सरकार विरोधी नारे लगा रहे बसपा और रालोद के सदस्य ‘अखिलेश सरकार फेल है’, ‘कानून-व्यवस्था ध्वस्त है’, ‘कुंभ हादसे की न्यायिक जांच हो’, ‘अखिलेश सरकार बर्खास्त हो’ आदि नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे।
बसपा सदस्यों ने नीले रंग की टोपियां लगा रखी थीं।विपक्षी दलों के शोर-शराबे के बीच जब राज्यपाल जोशी अपने अभिभाषण का पाठ कर रहे थे, उस दौरान संसदीय कार्य मंत्री आजम खां यह कहते सुने गए, “गुंडों की सरकार अब चली गई है|
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद 12:30 बजे विधानमंडल के दोनों सदनों की औपचारिक बैठकें शुरू हुईं, तो विधानसभा में इसके अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने जैसे ही राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ना चाहा, विपक्षी दलों ने पुन: आपत्तियां उठाईं। बीजेपी विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह ने कहा कि राज्यपाल के 92 पृष्ठ के अभिभाषण में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि सदन का सत्र क्यों बुलाया गया है, इसीलिए संवैधानिक व्यवस्था के तहत उनके अभिभाषण को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता।
विधानसभा अध्यक्ष श्री पांडेय ने उनकी आपत्ति यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह बजट सत्र है और इससे इसके बुलाए जाने का उद्देश्य स्वयं ही स्पष्ट है। बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल के अभिभाषण को सरकारी दस्तावेज बताते हुए कहा कि संभवत: राज्यपाल इसी वजह से वह अभिभाषण पढ़े बिना चले गए।

Comments

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