ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और अमरीका में सहमति बनी
भारत और अमरीका ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हो गए हैं। नई दिल्ली में बीते दिन भारत-अमेरिका ऊर्जा संवाद में दोनों देश वैज्ञानिक सहयोग, प्रौद्योगिकी नवीनीकरण के लिए अनुसंधान और विकास तथा पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी तथा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सहमत हो गए। योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. मोनटेक सिंह अहलूवालिया तथा अमरीकी ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अर्नेस्ट मोनीज़ ने संवाद में भाग लेने के बाद नई दिल्ली में एक प्रेस के साथ बातचीत की। उन्होंने यह आशा जताई कि संवाद से दोनों देशों के बीच व्यवसाय-दर-व्यवसाय सहयोग बढ़ेगा। व्यापार तथा उचित विनियामक रूपरेखा से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था तथा वहां के लोगों का सतत विकास होगा।
ऊर्जा संवाद (कोयला, तेल और गैस, नई प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली और ऊर्जा कार्यकुशलता एवं सतत विकास) से सम्बद्ध 6 में से 5 कार्यदलों ने पिछले पाँच दिनों के दौरान बैठकें की जिसमें विशेषज्ञ/अधिकारी शामिल हुए। अमेरिका-भारत संयुक्त स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और विकास केन्द्र ने सौर ऊर्जा, उन्नत जैव ईंधन की प्रगति और पीएसीई-आर के तहत ऊर्जा कार्य कुशलता बनाये रखने से संबंधित मुद्दों को उठाया।
सौर ऊर्जा, ऊर्जा कार्य कुशलता बनाये रखने तथा दूसरी पीढी जैव-ईंधन से संबंधित अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर उन्नत स्वच्छ ऊर्जा की साझेदारी पीएसीइ-अनुसंधान और विकास (पीएसीइ-आर) इस बारे में कार्य कर रहे हैं।
इससे पूर्व 2009 में भारत-अमेरिका ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए थे।
भारत और अमेरिका ने स्वच्छ ऊर्जा पहुंच (पीइएसीइ) तथा एयरकंडिशनिंग क्षेत्र के लिए मांग की साझेदारी के लिए दो अलग-अलग समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए। ऊर्जा पहुंच को बढ़ाने तथा कई प्राथमिकता प्राप्त गतिविधियों को संचालित करने के लिए सितंबर 2013 में स्वच्छ ऊर्जा (पीइएसीइ) के माध्यम से ऊर्जा पहुंच को बढ़ाने पर समझौता ज्ञापन की शुरूआत की गई। डॉ. अहलुवालिया ने कहा कि अमरीकी ऊर्जा सचिव डॉ. अर्नेस्ट मोनीज़, सिविल न्यूक्लियर कार्यदल की बैठक का अवलोकन करने के लिए कल मुम्बई में होंगे। इससे इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के कार्य में सहायता मिलेगी।